Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions Chapter 10 अजंता Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Chapter 10 अजंता
GSEB Std 11 Hindi Digest अजंता Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. दिए गये विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
हमारे देश में पहाड़ काटकर मन्दिर बनाने की परिपादी कितनी पुरानी हैं ?
(क) दो हजार वर्ष
(ख) सवा दो हजार वर्ष
(ग) सवा तीन हजार वर्ष
(घ) तीन हजार वर्ष
उत्तर :
हमारे देश में पहाड़ काटकर मंदिर बनाने की परिपाटी सवा दो हजार वर्ष पुरानी हैं।
प्रश्न 2.
अजन्ता की गुफाएं किस पर्वतमाला में स्थित हैं.?
(क) सह्याद्रि
(ख) अरावल्ली
(ग) सतपुड़ा
(घ) पूर्वीघाट पहाड़
उत्तर :
अजन्ता की गुफाएँ सह्याद्रि पर्वतमाला में स्थित हैं।
प्रश्न 3.
अजन्ता की गुफा के समीप कौन-सी नदी है?
(क) नर्मदा
(ख) बाधूर
(ग) सरयू
(घ) विश्वामैत्री
उत्तर :
अजन्ता की गुफा के समीप बाधुर नदी है।
प्रश्न 4.
अजन्ता की गुफा में किसके जीवन की घटनाओं के चित्र हैं. ?
(क) शीव
(ख) महावीर
(ग) कृष्ण
(घ) बुद्ध
उत्तर :
अजन्ता की गुफा में बुद्ध के जीवन की घटनाओं के चित्र हैं।
प्रश्न 5.
अजन्ता की गुफाओं के चित्र किस काल के हैं?
(क) गुप्तकाल
(ख) मौर्यकाल
(ग) मुगलकाल
(घ) सल्तनतकाल
उत्तर :
अजन्ता की गुफाओं के चित्र गुप्तकाल के हैं।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
आदमी ने जिन्दगी को अमर बनाने के लिए क्या किया ?
उत्तर :
आदमी ने जिन्दगी को अमर बनाने के लिए पहाड़ काटे, चट्टानों पर अपने संदेश खोदे, ऊँचे पत्थरों के खम्भे खड़े किए और तांबे-पीतल के पतरों पर लेख अंकित किए।
प्रश्न 2.
अजन्ता के चित्रों की नकल कहाँ मिलती है ?
उत्तर :
अजन्ता के चित्रों की नकल चीन के तुन-हुआंग और श्रीलंका के सिमरिया की पहाड़ी दीवारों पर मिलती है।
प्रश्न 3.
यशोधरा ने बुद्ध को भिक्षा में क्या दिया ?
उत्तर :
यशोधरा ने बुद्ध को भिक्षा में पुत्र राहुल को दिया।
प्रश्न 4.
‘जातक कथा किसे कहते हैं ?
उत्तर :
बुद्ध के पिछले जन्मों की कथाओं को जातक कथाएँ कहते हैं।
प्रश्न 5.
अजन्ता की गुफाओं का निर्माण कब शुरू हुआ था ?
उत्तर :
अजन्ता की गुफाओं का निर्माण ईसा से करीब दो सौ साल पहले शुरू हुआ था।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तरदो-दो वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
अजन्ता की गुफाओं का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर :
अजन्ता की गुफाएं पहाड़ काटकर बनाई गई हैं। पहले पहाड़ को काटकर खोखला कर दिया गया। फिर उसमें सुंदर भवन बनाए गए, खम्भों पर मूर्तियाँ बनाई गईं। दीवारें और छतें रगड़कर चिकनी की गईं। फिर उन पर चित्र बनाए गए।
प्रश्न 2.
अजन्ता के चित्रों में कौन-सी कहानियाँ हैं ?
उत्तर :
अजन्ता के चित्रों में बुद्ध के जन्म से लेकर निर्वाण तक की कहानियाँ हैं। इसके अतिरिक्त उनमें बुद्ध के पिछले जन्मों की कहानियों का भी चित्रण हुआ है। इन कहानियों को जातक कहानियाँ कहा जाता है। पिछले जन्मों की कहानियों में बंदरों, हाथियों और हिरनों की कहानियाँ हैं। इन योनियों में बुद्ध ने जन्म लिया था और उन्होंने दया और त्याग का आदर्श स्थापित किया था।
प्रश्न 3.
महाभिनिष्क्रमण चित्र में कौन-सा दृश्य अंकित है ?
उत्तर :
महाभिनिष्क्रमण चित्र में बद्ध के गृहत्याग का दृश्य अंकित है। बुद्ध की पत्नी यशोधरा और बेटा राहुल नींद में खोए हैं। गौतम अपने गृहत्याग के दृढ़ निश्चय पर अडिग धड़कते हृदय को संभालते हैं।
प्रश्न 4.
अजन्ता की जातक चित्रकथा की क्या विशेषता है ?
उत्तर :
अजन्ता की जातक चित्रकथा में बुद्ध के पिछले जन्मों की कथाएँ चित्रित हैं। पिछले जन्मों में बुद्ध ने गज, कपि, मृग आदि के रूप में विविध योनियों में जन्म लिया था और संसार के कल्याण के लिए उनमें बुद्ध के दया और त्याग का वर्णन है। उन स्थितियों में पशुओं ने मानवोचित व्यवहार किया था।
4. निम्नांकित पश्नों के उत्तर पाँच-छ: पंक्तियों में लिखिए।
प्रश्न 1.
अजन्ता की गुफाओं के शिल्पों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
अजन्ता गाँव के पास सह्याद्रि पर्वतमाला का सिलसिला अर्धचन्द्राकार हो गया है। लगभग दो सौ पचास फिट ऊँचा यह भाग हमारे पुरखों को भा गया। उन्होंने पहले उसे खोखला किया और फिर शिल्पियों ने उसमें सुंदर भवन बनाए। उन भवनों में एक-से-बढ़कर एक हॉल, बरामदे और मंदिरों की रचना की। खम्भों पर सुन्दर मूर्तियाँ उभारी गई। बाद में कलावन्तों ने रंग और रेखाओं से उन्हें सजाया। इस प्रकार शिल्पकारों ने अपने अनोखे शिल्प से अजन्ता की गुफाओं में प्राण फूंक दिए हैं।
प्रश्न 2.
अजन्ता के चित्रो की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर :
अजन्ता के चित्र अपने आप में इतने जीवन्त हैं कि उन्हें देखते हुए आँखें अटक जाती हैं। वे उन पर से हटने का नाम नहीं लेती। सभी चित्र बोलते से लगते हैं। चित्रों में पशुओं की मानवोचित व्यवहार करते देखकर दंग रह जाना पड़ता है। इन्हें दर्शाते समय चित्रकारों ने अपनी जानकारी का पूरी तरह उपयोग किया है। नगरों, गाँवों, महलों और झोंपड़ियों, समुद्रों और पनघटों का संसार अजन्ता के पहाड़ी जंगल पर उतर पड़ा है। यह चित्रकारी इतनी खूबी से चित्रित हुई है कि देखते ही बनती है।
GSEB Solutions Class 11 Hindi अजंता Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
अजन्ता की गुफाएं कहाँ हैं?
उत्तर :
अजन्ता की गुफाएँ बाधुर नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला में हैं।
प्रश्न 2.
अपने पिछले जन्मों में बुद्ध ने किन-किन रूपों में जन्म लिया था?
उत्तर :
अपने पिछले जन्मों में बुद्ध ने गज, कपि, मृग आदि के रूपों में जन्म लिया था।
व्याकरण
समानार्थी शब्द लिखिए :
- इन्सान = मनुष्य
- अमानत = धरोहर, विरासत’
- विख्यात = प्रसिद्ध
- अभिराम = सुंदर
- परिपाटी = परंपरा
- रौनक = शोभा
- नूर = सौन्दर्य
- काया = देह, शरीर
- अजायब = अचरज
- समीप = निकट
- बेरहमी = क्रूरता
- सरोवर = तालाब
- चितेरा = चित्रकार
- अद्वितीय = बेजोड़
- सजीव = जीवंत
- खूबी = कुशलता
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :
- अमर × मर्त्य
- इन्सान × हैवान
- प्राचीन × अर्वाचीन
- समीप × दूर
- त्याग × लोभ
- क्रूरता × ममता
- भय × निर्भयता
- दया × निर्दयता
- सजीव × निर्जीव
- भिखारी × दाता
- स्वामी × सेवक
शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :
- अभिराम – अभि
- विख्यात – वि
- सनाथ – स
- कमजोर – कम
- बेरहमी – बे
- निश्चय – निस्
- असाधारण – अ
- अद्वितीय – अ
- अमर – अ
- प्रभाव – प्र.
शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :
- पहाड़ी – ई
- पुलकित – इत
- प्रभावित – इत
- क्रूरता – ता
- इन्सानियत – इयत
- भिखारी – आरी
- औचित्य – य
- कलावंत – वंत
- प्रसिद्धि – इ
- अद्वितीय – ईय
अजंता Summary in Gujarati
ભાવાત્મક અનુવાદ :
પહાડને કાપીને મંદિર બનાવવાની પરંપરા આપણા પ્રાચીન સભ્ય દેશોમાં પહાડ કાપીને મંદિર બનાવવાની અને તેની દીવાલો પર સુંદર ચિત્રો ચીતરવાની પરંપરા પ્રચલિત રહી છે. આપણા દેશમાં આજથી સવા બે હજાર વર્ષ પહેલાંથી જ પહાડને કાપીને મંદિર બનાવવાની પરંપરા પ્રચલિત હતી. અજંતાની ગુફાઓ પહાડ કાપીને બનાવેલી દેશની સૌથી પ્રાચીન ગુફાઓ ગણાય છે. તેની દીવાલો અને છતો પર બનાવેલાં ચિત્રો દુનિયાને માટે નમૂનારૂપ બની ગયાં છે.
ક્યાં આવેલી છે?: મુંબઈ પ્રાંત વિસ્તારમાં (હાલ મહારાષ્ટ્રમાં) મુંબઈ અને હૈદરાબાદની વચ્ચે સહ્યાદ્રિ પર્વતશૃંખલામાં અજંતા ગામની પાસે અજંતાની ગુફાઓ આવેલી છે, તેમની પાસે બાધુર નદી વહે છે.
ગુફાઓની નિમણ-પ્રક્રિયાઃ સૌથી પહેલાં પહાડને કાપીને ખોખલા બનાવવામાં આવ્યા અને ત્યારબાદ તેમાં સુંદર ભવનોનું નિર્માણ કરવામાં આવ્યું. થાંભલાઓ ઉપર મૂર્તિઓ ઉપસાવવામાં આવી અને ત્યારબાદ છતો અને દીવાલો પર ચિત્રોની દુનિયા વસાવવામાં આવી. આ રીતે ગુફાઓને ચિત્રિત કરવામાં આવી.
ચિત્રોના વિષય : અજંતાની ગુફાઓમાં ચીતરેલાં બધાં ચિત્રો બુદ્ધના જીવનથી સંબંધિત છે. એમાં તેમના જન્મથી માંડીને નિર્વાણ સુધી બધી મુખ્ય ઘટનાઓનું ચિત્રણ કરવામાં આવ્યું છે. આ ઉપરાંત, બુદ્ધના પાછલા જન્મોની જાતક કથાઓનું પણ સુંદર ચિત્રણ કરવામાં આવ્યું છે. એમાં દર્શાવવામાં આવ્યું છે કે પાક્લા જન્મોમાં બુદ્ધ હાથી, વાનર તથા મૃગના રૂપમાં વિવિધ યોનીઓમાં જન્મ લીધો હતો અને તેઓ સંસારના કલ્યાણ માટે દયા અને ત્યાગના આદર્શ સ્થાપિત કરતાં શહીદ થઈ ગયા હતા. આ ચિત્રોમાં અને પાછલા જન્મોમાં બુદ્ધનું જીવન દયા ધારાઓમાં વહી રહ્યું છે.
ગુફાઓનો નિર્માણકાળ: આ ગુફાઓનું નિર્માણ ઈસુનાં લગભગ બસો વર્ષ પહેલાં શરૂ થયું હતું. આ ગુફાઓના નિર્માણમાં ખૂબ લાંબો સમય લાગ્યો હતો. એ સાતમી શતાબ્દી સુધી બનીને તૈયાર થઈ હતી. તેમનાં અધિકતર ચિત્રો ગુપ્તકાળ (પાંચમી શતાબ્દી) તથા ચાલુક્યકાળ (સાતમી શતાબ્દી) વચ્ચે બન્યાં હતાં.
વિશ્વમાં અજંતાની ગુફાઓનું સ્થાન અજંતાની ગુફાઓનાં ચિત્રોનું સંસારની ચિત્રકળાઓમાં અજોડ સ્થાન છે. આટલા પ્રાચીનકાળમાં આટલા સજીવ, ગતિશીલ અને આટલી બધી સંખ્યામાં કથાસભર ચિત્રો ક્યાંય બન્યાં નથી. આ ચિત્રોએ દેશવિદેશની ચિત્રકળાને પ્રભાવિત કરી છે.
अजंता Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
अजन्ता की गुफाएं पहाड़ काटकर बनाई गई हैं। ये गुफाएं पहाड़ काटकर बनाई गई गुफाओं में सबसे प्राचीन हैं। इन गुफाओं में बुद्ध के इस जन्म तथा पूर्व जन्म की विभिन्न घटनाओं को नयनाभिराम चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। संसार की चित्रकलाओं में अजन्ता की चित्रकलाएं अपना अद्वितीय स्थान रखती हैं। ये गुफाएं विश्व की धरोहरों में से एक हैं।
पाठ का सार :
पहाड काटकर मंदिर बनाने की परंपरा : सभी प्राचीन सभ्य देशों में पहाड़ काटकर मंदिर बनाने और उनकी दीवारों पर अभिराम चित्र बनाने की परंपरा रही है। हमारे देश में आज से सवा दो हजार साल पहले से ही पहाड़ काटकर मंदिर बनाने की परिपाटी चल पड़ी थी। अजन्ता की गुफाएं पहाड़ काटकर बनाई जानेवाली देश की सबसे प्राचीन गुफाओं में से हैं। इनकी दीवारों और छतों पर बने चित्र दुनिया के लिए नमूने बन गए हैं।
कहाँ स्थित है? : बंबई (मुंबई) के सूबे (अब महाराष्ट्र) में मुंबई और हैदराबाद के बीच सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में अजन्ता गाँव के पास स्थित हैं अजन्ता की गुफाएं। पास ही बहती है बाधुर नदी।
गुफाओं की निर्माण-प्रक्रिया : सबसे पहले पहाड़ को काटकर खोखला किया गया। फिर उसमें सुंदर भवन बनाए गए। खम्भों पर फिर मूरतें उभारी गईं। फिर छतों-दीवारों पर बनाई गई चित्रों की दुनिया। इस तरह इन गुफाओं को बनाया और चित्रित किया गया।
चित्रों के विषय : अजन्ता की गुफाओं में चित्रित सभी चित्र बुद्ध के जीवन से संबंधित हैं। इनमें उनके जन्म से लेकर निर्वाण तक की सभी प्रमुख घटनाओं का चित्रण किया गया है। इसके अतिरिक्त बुद्ध के पिछले जन्मों की जातक कहानियों का भी सुंदर चित्रण हुआ है इनमें। इनमें दिखाया गया है कि पिछले जन्मों में बुद्ध ने गज (हाथी), कपि (बंदर) तथा मृग (हिरन) के रूप में विविध योनियों में जन्म लिया था और वे संसार के कल्याण के लिए दया और त्याग का आदर्श स्थापित करते-करते शहीद हो गए थे। इन चित्रों में इस और पिछले जन्मों का बुद्ध का जीवन बहुत विस्तार से चित्रित किया गया है।
गुफाओं का निर्माणकाल : इन गुफाओं का निर्माण ईसा से लगभग दो सौ साल पहले शुरू हुआ था। इनके निर्माण में बहुत लंबा समय लगा था। ये सातवीं सदी तक बनकर तैयार हुई थीं। इनके अधिकतर चित्र गुप्तकाल (पाँचवीं सदी) तथा चालुक्य काल (सातवीं सदी) के बीच बने थे।
विश्व में अजन्ता की गुफाओं का स्थान : अजन्ता की गुफाओं के चित्रों का संसार की चित्रकलाओं में अद्वितीय स्थान है। इतने प्राचीनकाल में इतने सजीव, गतिमान और इतनी बड़ी संख्या में कथा प्राणचित्र कहीं नहीं बने। इन चित्रों ने देश-विदेश सबकी चित्रकला को प्रभावित किया है।
अजंता शब्दार्थ :
- पत्तर – पीटकर पतला बनाया हुआ धातु का टुकड़ा।
- अमानत – धरोहर।
- विरासत – उत्तराधिकार में मिलनेवाली संपत्ति।
- अभिराम – सुंदर।
- परिपाटी – रीति, ढंग।
- विख्यात – मशहूर, प्रसिद्ध।
- निहाल करना – हर प्रकार से प्रसन्न, तृप्त करना।
- सिरजना – संचय करना।
- कलावंत – कला-कुशल, कलाकार।
- नूर – रोशनी।
- थिरकना – चंचलता के साथ नाचना।
- सनाथ – कृतकृत्य, उपकृत।
- पहाड़ों के पैर – पहाड़ों का निचला हिस्सा।
- हिया – हृदय।
- दरकना – खिंचाव या दबाव से फटना।
- उमंग – उल्लास।
- पुलकित – हर्ष-विह्वल।
- हैवान – पशु, जानवर।
- जोत – ज्योति।
- त्रिभंग – जो तीन जगह से टेढ़ा हो।
- राहुल – बुद्ध के पुत्र राहुल।
- देहली – दरवाजे की चौखट की नीचेवाली लकड़ी।
- जगत्राता – संसार का रक्षक।
- जातक – (यहाँ) बुद्ध के जन्मों की कथाओं का ग्रंथ।
- बलिदान – मर मिटना।
- अद्वितीय – जिस प्रकार का कोई दूसरा न हो।
- सजीव – जानदार।