Gujarat Board GSEB Class 9 Social Science Important Questions Chapter 8 भारतीय संविधान की रचना और लक्षण Important Questions and Answers.
GSEB Class 9 Social Science Important Questions Chapter 8 भारतीय संविधान की रचना और लक्षण
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:
प्रश्न 1.
भारत के संविधान में कुल अनुच्छेद तथा परिशिष्ट ……………………… है |
(A) 285-11
(B) 395-12
(C) 495-13
(D) 345-8
उत्तर:
(B) 395-12
प्रश्न 2.
अंग्रेज सरकार ने भारत की स्वतंत्रता के निराकरण करने का कार्य ………………… को 3 सदस्यीय कैबिनेट को सौंपा ।।
(A) 25 मार्च, 1946
(B) 9 दिसम्बर, 1946
(C) 21 नवम्बर, 1949
(D) 26 जनवरी, 1950
उत्तर:
(A) 25 मार्च, 1946
प्रश्न 3.
संविधान सभा में कुल ……………… सदस्य थे ।
(A) 390
(B) 389
(C) 311
(D) 295
उत्तर:
(B) 389
प्रश्न 4.
संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष ……………………………. थे ।
(A) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(B) भीमराव आंबेडकर
(C) सरदार पटेल
(D) जवाहरलाल नेहरु
उत्तर:
(B) भीमराव आंबेडकर
प्रश्न 5.
संविधान सभा ने अपनी कार्यवाही कब शुरू की थी ?
(A) 25 मार्च, 1946
(B) 9 दिसम्बर, 1946
(C) 26 नवम्बर, 1949
(D) 26 जनवरी, 1950
उत्तर:
(B) 9 दिसम्बर, 1946
प्रश्न 6.
भारतीय संविधान किस दिन लागू हुआ ?
(A) 25 मार्च, 1946
(B) 9 दिसम्बर, 1946
(C) 26 नवम्बर, 1949
(D) 26 जनवरी, 1950
उत्तर:
(D) 26 जनवरी, 1950
प्रश्न 7.
भारतीय संविधान निर्माण में संविधान सभा की ………………….. बैठके हुई ।
(A) 200
(B) 166
(C) 266
(D) 395
उत्तर:
(B) 166
प्रश्न 8.
इनमें से कौन-सा विधान गलत है ?
(A) 26 जनवरी गणतंत्र दिवस ।
(B) चार सिंहों की मुखाकृति भारत का राष्ट्रीय चिह्न ।
(C) ‘सत्यमेव जयते’ राष्ट्रीय सूत्र है ।
(D) ये तीनों ही सही है ।
उत्तर:
(D) ये तीनों ही सही है ।
प्रश्न 9.
भारत में नागरिकों को …………………………….. वर्ष में मतदान का अधिकार प्राप्त होता है ।
(A) 17
(B) 18
(C) 20
(D) 21
उत्तर:
(B) 18
प्रश्न 10.
आम चुनावों में निर्वाचित व्यक्ति ………………………….. वर्ष तक अपने पद पर रहता है ।
(A) 3
(B) 5
(C) 6
(D) 10
उत्तर:
(B) 5
प्रश्न 11.
भारत चुनाव …………………………….. के आधार पर होता है ।
(A) व्यस्क मताधिकार
(B) शिक्षा
(C) संपत्ति
(D) कोई भी नहीं ।
उत्तर:
(A) व्यस्क मताधिकार
प्रश्न 12.
संसद ……………………….. के प्रति जवाबदार होती है ।
(A) सरकार
(B) सर्वोच्च न्यायालय
(C) जनता
(D) निर्वाचन आयोग
उत्तर:
(C) जनता
प्रश्न 13.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में पहली बार संशोधन कब हुआ ?
(A) 1951
(B) 1976
(C) 1992
(D) 2001
उत्तर:
(B) 1976
प्रश्न 14.
विश्व का सबसे विस्तृत और व्योरेवार संविधान कौन-सा है ?
(A) भारत
(B) अमेरिका
(C) रशिया
(D) चीन
उत्तर:
(A) भारत
प्रश्न 15.
किस लोकतंत्र का संविधान लिखित स्वरूप में नहीं है ?
(A) इंग्लैण्ड
(B) इजराइल
(C) भारत
(D) A और B
उत्तर:
(D) A और B
प्रश्न 16.
भारत का संविधान ……………….. भागों में विभाजित है । ___
(A) 10
(B) 12
(C) 18
(D) 22.
उत्तर:
(B) 12
प्रश्न 17.
भारत के किस राज्य के नागरिक के पास दोहरी नागरिकता है ?
(A) असम
(B) बिहार
(C) जम्मू-कश्मीर
(D) दिल्ली
उत्तर:
(C) जम्मू-कश्मीर
प्रश्न 18.
संघसूची में कितने विषय है ?
(A) 47
(B) 66
(C) 97
(D) 100
उत्तर:
(C) 97
प्रश्न 19.
राज्यसूची में कुल कितने विषय है ?
(A) 47
(B) 66
(C) 97
(D) 55
उत्तर:
(B) 66
प्रश्न 20.
समवर्ती सूची में कितने विषयों का समावेश किया गया है ?
(A) 50
(B) 47
(C) 66
(D) 97
उत्तर:
(B) 47
प्रश्न 21.
शेष सत्ताओं का उपयोग कौन करता है ?
(A) केन्द्र सरकार
(B) सर्वोच्च न्यायालय
(C) राज्य सरकार
(D) केन्द्र और राज्य दोनों सरकारें
उत्तर:
(A) केन्द्र सरकार
प्रश्न 22.
संविधान में कितने प्रकार के आपातकाल का प्रावधान किया गया है ?
(A) 2
(B) 3
(C) 4
(D) 5
उत्तर:
(B) 3
प्रश्न 23.
संघ सरकार किसके प्रति उत्तरदायी होती है ?
(A) संसद
(B) न्यायपालिका
(C) जनता
(D) राष्ट्रपति
उत्तर:
(A) संसद
प्रश्न 24.
केन्द्र सरकार किसके नाम से शासन चलाती है ?
(A) प्रधानमंत्री
(B) मुख्य न्यायाधीश
(C) राष्ट्रपति
(D) लोकसभा अध्यक्ष
उत्तर:
(C) राष्ट्रपति
प्रश्न 25.
राज्य सरकार किसके नाम से शासन चलाती है ?
(A) राज्यपाल
(B) मुख्यमंत्री
(C) राष्ट्रपति
(D) मुख्य न्यायाधीश
उत्तर:
(A) राज्यपाल
प्रश्न 26.
राज्य का मंत्रीमण्डल किसके प्रति जवाबदार होता है ?
(A) राष्ट्रपति
(B) राज्यपाल
(C) संसद
(D) विधानसभा
उत्तर:
(D) विधानसभा
प्रश्न 27.
केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की रचना कितने वर्षों के लिए होती है ?
(A) 2 वर्ष
(B) 3 वर्ष
(C) 5 वर्ष
(D) 7 वर्ष
उत्तर:
(C) 5 वर्ष
प्रश्न 28.
राष्ट्रपति राज्यसभा के कितने सदस्यों को मनोनीत करता है ?
(A) 5
(B) 10
(C) 12
(D) 2
उत्तर:
(C) 12
प्रश्न 29.
राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल ……………….. वर्ष होता है ।
(A)2
(B) 5
(C) 6
(D) 10
उत्तर:
(C) 6
प्रश्न 30.
राज्यसभा के प्रति दो वर्षों में ……………… सदस्य निवृत्त होते है ।
(A) 1/2
(B) 1/3
(C) 3/4
(D) 2/3
उत्तर:
(B) 1/3
प्रश्न 31.
नागरिक के मूलभूत अधिकारों की रक्षा कौन करता है ?
(A) जिला न्यायालय
(B) सर्वोच्च न्यायालय
(C) राज्यपाल
(D) राष्ट्रपति
उत्तर:
(B) सर्वोच्च न्यायालय
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
1. संविधान जीवन्त और ………………………….. दस्तावेज है ।
उत्तर:
(मूलभूत)
2. संविधान सभा में ………………………. सदस्य थे ।
उत्तर:
(389)
3. प्रस्तावना संविधान को समझने की …………………………. है ।
उत्तर:
(कुंजी)
4. सर्वत्र व्यस्क मताधिकार के कारण नागरिक को …………………………. समानता देता है ।
उत्तर:
(राजनैतिक)
5. भारत का संविधान …………………………….. के दिन लागू हुआ ।
उत्तर:
(26 जनवरी, 1950)
6. भारत का संविधान …………………………… के दिन स्वीकार हुआ ।
उत्तर:
(27 नवम्बर, 1949)
7. संविधान के निर्माण में ………………………….. का समय लगा ।
उत्तर:
(2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन)
8. संविधान सभा के अध्यक्ष ………………………….. थे ।
उत्तर:
(डॉ. राजेन्द्र प्रसाद)
9. संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष …………………………. थे ।
उत्तर:
(डॉ. बी. आर. आंबेडकर)
10. भारत में …………………………….. सर्वोपरी है ।
उत्तर:
(संसद)
11. संघसूची में ……………………… विषय है ।
उत्तर:
(97)
12. राज्य सूची में ……………………….. विषय है ।
उत्तर:
(66)
13. संविधान सभा ने ……………………………….. को अपनी कार्यवाही पूरी की ।
उत्तर:
(9 दिसम्बर, 1946)
14. संविधान सभा की कुल ……………………………… बैठकें हुई ।
उत्तर:
(166)
सही जोड़े मिलाइए:
1.
‘अ’ | ‘ब’ |
1. संविधान सभा के अध्यक्ष | (A) डॉ. आंबेडकर |
2. संविधान सभा की प्रारुप समिति के अध्यक्ष | (B) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
3. संविधान लागू हुआ | (C) 27 नवम्बर, 1949 |
4. संविधान के दिन पारित किया गया | (D) 26 जनवरी, 1950 |
5. संविधान सभा की बैठकें | (E) 395 |
6. संविधान सभा के सदस्य | (F) 166 |
7. संविधान में अनुच्छेद | (G) 389 |
उत्तर:
‘अ’ | ‘ब’ |
1. संविधान सभा के अध्यक्ष | (B) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
2. संविधान सभा की प्रारुप समिति के अध्यक्ष | (A) डॉ. आंबेडकर |
3. संविधान लागू हुआ | (D) 26 जनवरी, 1950 |
4. संविधान के दिन पारित किया गया | (C) 27 नवम्बर, 1949 |
5. संविधान सभा की बैठकें | (F) 166 |
6. संविधान सभा के सदस्य | (G) 389 |
7. संविधान में अनुच्छेद | (E) 395 |
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दीजिए:
प्रश्न 1.
राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त क्या मार्गदर्शन देते है ?
उत्तर:
राज्यों का प्रशासन तथा नीतियों के निर्माण में राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त राज्यों को आवश्यक मार्गदर्शन देते है ।
प्रश्न 2.
राजनीति में कुछ सीटें आरक्षित क्यों रखी गयी हैं ?
उत्तर:
विधानसभा, स्थानीय स्वराज की संस्थाओं के निर्वाचन में उन्हें (पिछड़ी जातियों) पर्याप्त राजकीय प्रतिनिधित्व प्राप्त हों, इसलिए कुछ सीटें उनके लिए आरक्षित रखी गयी हैं ।
प्रश्न 3.
पिछड़े वर्गों के बालकों के लिए क्या शैक्षणिक सुविधाएँ दी गयी है ?
उत्तर:
पिछड़े वर्गों के बालकों के लिए छात्रवृत्ति, शुल्कमुक्ति तथा अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है ।
प्रश्न 4.
संविधान किसे कहते हैं ?
उत्तर:
संविधान देश का मूलभूत दस्तावेज है, जिसके अनुसार सरकार देश का शासन चलाती है ।
प्रश्न 5.
संविधान के मुख्य सदस्यों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
संविधान सभा में जवाहरलाल नेहरु, सरदार पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, एच. पी. मोदी, एच. बी. कामथ, फ्रेन्क एन्थनी, कन्हैयालाल मुन्शी, कृष्णस्वामी आयंगर, बलदेवसिंह सरोजिनी नायडू, विजयालक्ष्मी पंडित आदि थे ।
प्रश्न 6.
भारत के संविधान को तैयार होने में कितना समय लगा ?
उत्तर:
भारत का संविधान 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिनों में तैयार हुआ ।
प्रश्न 7.
प्रस्तावना क्या है ?
उत्तर:
प्रस्तावना संविधान का प्रारम्भिक केन्द्रस्थ तथा महत्त्वपूर्ण तत्त्व है । संविधान की शुरुआत प्रस्तावना से होती है । प्रस्तावना को संविधान की आत्मा कहा जाता है ।
प्रश्न 8.
42 वें संवैधानिक संशोधन द्वारा प्रस्तावना में क्या शब्द जोड़े गये ?
उत्तर:
42 वें संविधान संशोधन द्वारा प्रस्तावना में समाजवादी, धर्म निर्पेक्ष, राष्ट्रीय एकता और अखंडता का समावेश किया गया है ।
प्रश्न 9.
लोकतंत्र (Democracy) शब्द किससे बना है ?
उत्तर:
लोकतंत्र (Democracy) शब्द मूल ग्रीक भाषा के ‘Demos’ (लोक) तथा Kratos (सत्ता) से हुआ है ।
प्रश्न 10.
लोकतंत्र की परिपक्वता तथा सफलता की निशानी क्या है ?
उत्तर:
जिनेवा में दिनों-दिन युवा मतदाताओं की बढ़ती संख्या, जागृतता, उत्साह, मतदान जागृति के कारण मतदान प्रमाण में वृद्धि इसी प्रकार राजनैतिक क्षेत्र में युवाओं की सक्रियता यह लोकतंत्र की परिपक्वता की निशानी है ।
प्रश्न 11.
संसद के कौन-से उपबन्ध भारत को लोकतंत्र घोषित करते हैं ?
उत्तर:
भारतीय संविधान में मूलभूत अधिकार, राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त, संसद, विधानसभा, स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका आदि ।
प्रश्न 12.
धार्मिक रूप से भारत ने कौन-से सिद्धान्त स्वीकार किये है ?
उत्तर:
धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र के रूप में ‘सर्वधर्म समदृष्टि’ और ‘सर्वधर्म समभाव’ के सिद्धान्त भारत ने स्वीकार किये है ।
प्रश्न 13.
भारत के संविधान को लिखित स्वरूप में क्यों स्वीकारा है ?
उत्तर:
भारत की सामाजिक, भौगोलिक तथा वैविध्यपूर्ण परिस्थिति तथा पूर्व इतिहास को ध्यान में रखकर लिखित स्वरूप में स्वीकारा है !
प्रश्न 14.
केन्द्र किसी राज्य में CRPF कब भेज सकता है ?
उत्तर:
अगर केन्द्र को ऐसा लगे कि किसी राज्य में कानून व्यवस्था भंग हो रही है तो वह राज्य की सहमति या असहमति से CRPF भेजता है !
प्रश्न 15.
समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार किसका है ?
उत्तर:
समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने की सत्ता केन्द्र और राज्य सरकारों दोनों की है । विवाद की स्थिति में केन्द्र सरकार सर्वोपरी होती है ।
प्रश्न 16.
समवर्ती सूची के मुख्य विषय कौन-कौन से है ?
उत्तर:
इस सूची में दीवानी और फौजदारी मामले, विवाह, तलाक तथा भरण-पोषण, शिक्षा, आर्थिक आयोजन, व्यापारी संघ आदि का समावेश किया गया है ।
प्रश्न 17.
शेष सत्ताएँ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिन सत्ताओं का केन्द्र और राज्यों के बीच स्पष्ट विभाजन नहीं किया गया है उन्हें शेष सत्ताएँ कहते हैं ।
प्रश्न 18.
सरकार अपने पद पर कब तक रह सकती है ?
उत्तर:
मंत्रीमण्डल को जब तक लोकसभा में विश्वास प्राप्त होता है तब तक अपने पद पर रह सकती है ।
प्रश्न 19.
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कौन करता है ?
उत्तर:
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव राज्यों की विधानसभाओं के चुने हुए सदस्यों द्वारा होता है ।
प्रश्न 20.
किन विवादों को हल करने की अन्तिम सत्ता सर्वोच्च न्यायालय की है ?
उत्तर:
संघ सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच संवैधानिक मामलों या किसी कानून के अर्थघटन से संबंधित उत्पन्न हुए विवादों को हल करने की अन्तिम सत्ता सर्वोच्च न्यायालय को प्राप्त है ।
प्रश्न 21.
न्यायपालिका कैसे कानूनों को रद्द कर सकता है ?
उत्तर:
अगर न्यायपालिका को विश्वास हो कि सरकार द्वारा बनाए गये कानून संशोधन तथा जारी किए गए अध्यादेश संविधान के मूलभूत सिद्धान्तों के साथ सुसंगत नहीं है, तो उसे गैरसंवैधानिक घोषित कर रद्द करता है ।
प्रश्न 22.
भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता किस प्रकार दी गई है ?
उत्तर:
संविधान में सभी धर्म के अनुयायिओं को अपने पसंद के अनुसार धार्मिक मान्यता, श्रद्धा तथा आस्था के अनुसार धर्म पालन करने, प्रचार-प्रसार करने की स्वतंत्रता का उल्लेख किया गया है ।
प्रश्न 23.
संविधान में विशिष्ट विषयों पर संशोधन के लिए क्या प्रावधान है ?
उत्तर:
संविधान में विशिष्ट विषयों में संशोधन के लिए संसद के 2/3 सदस्यों तथा आधे से अधिक राज्यों की विधानसभाओं की स्वीकृति आवश्यक है ।
निम्नलिखित परिभाषिक शब्दों को समझाइए:
प्रश्न 1.
सकारात्मक भेदभाव
उत्तर:
भारतीय संविधान में पिछड़े वर्गों के लिए विशेष सुविधाओं और आरक्षण का प्रावधान किया गया है जिसका उद्देश्य उन्हें उच्च वर्गों के समान लाना है । इसे सकारात्मक भेदभाव कहते हैं ।
प्रश्न 2.
संविधान
उत्तर:
किसी भी देश को चलाने के लिए बनाए गए नियमों का व्यवस्थित संग्रह देश का संविधान कहलाता है ।
प्रश्न 3.
प्रस्तावना आदर्शों और उद्देश्यों की रीड समान
उत्तर:
क्योंकि प्रस्तावना राष्ट्र की एकता, अखंडिता तथा नागरिकों के बीच भाईचारे की महान भावनाओं और आदर्शों का प्रतिबिंब हैं ।
प्रश्न 4.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के आधारस्तंभ
उत्तर:
हम भारत के लोग, सार्वभौम, समाजवाद, धर्मनिर्पेक्षता, लोकतंत्र, गणतंत्र, बन्धुत्व, न्याय, समानता, स्वतंत्रता, राष्ट्रीय एकता तथा अखण्डता इत्यादि है ।
प्रश्न 5.
लोकतंत्र
उत्तर:
लोकतंत्र एक ऐसी राज्य व्यवस्था है जिसमें देश की जनता को सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक न्याय प्राप्त हो तथा लोगों को शासन व्यवस्था में शामिल होने का अधिकार प्राप्त हो ।
प्रश्न 6.
संविधान संशोधन
उत्तर:
समय और संयोगों के अनुसार संविधान में परिवर्तन की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए इसकी संविधानिक व्यवस्था को संविधान संशोधन कहते हैं ।
प्रश्न 7.
राष्ट्रपति शासन
उत्तर:
राज्य में कानून व्यवस्था भंग हो रही हो अथवा संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुसार राज्य सरकार प्रशासन न कर रही हो तो केन्द्र संवैधानिक आपातकाल की घोषणा कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है ।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:
प्रश्न 1.
राजनीति के ‘मार्गदर्शक सिद्धान्त’ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
लोगों की रक्षा तथा उनके कल्याण के लिए प्रयत्न करने का कार्य राज्य को सौंपा गया है ।
- राज्यों का प्रशासन तथा नीतियों के निर्माण में राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्त राज्यों को आवश्यक मार्गदर्शन देते हैं, जिसके कारण इन्हें ‘मार्गदर्शक सिद्धान्त’ कहा जाता है ।
प्रश्न 2.
संविधान का महत्त्व लिखिए ।
उत्तर:
संविधान देश का मूलभूत और जीवंत दस्तावेज है ।
- संविधान में किए गये प्रावधानों के अनुसार देश में कानूनों का निर्माण किया जाता है ।
- देश में लागू कानून संविधान के साथ सुसंगत तथा संवैधानिक व्यवस्थाओं के अधीन होना चाहिए ।
- संविधान कानूनों से भी ऊँचा होता है ।
- संविधान में समय के साथ बदलती हुई लोगों की आवश्यकताओं, अपेक्षाओं, आकांक्षाओं, इच्छाओं तथा उच्च भावनाओं का आवरण होता है ।
प्रश्न 3.
केन्द्र और राज्य सरकारें कौन-कौन से कर लगाती है ?
उत्तर
केन्द्र सरकार उत्पादन शुल्क, आयात-निर्यात कर, आदि करों से आय प्राप्त करती है ।
- राज्य सरकार विक्रय कर, मनोरंजन कर, राजस्व, शिक्षण कर तथा केन्द्र के अनुदान से आय प्राप्त करती है ।
प्रश्न 4.
राज्यसभा एक स्थायी सदस्य क्यों माना जाता है ?
उत्तर:
राज्यसभा कभी भंग नहीं होती । उसके सदस्यों का कार्यकाल छ: वर्ष होता है, लेकिन राज्यसभा का कोई कार्यकाल नहीं होता ।
- इसके 1/3 सदस्य हर दूसरे वर्ष निवृत्त होते है और उतने ही सदस्य नये चुने जाते है । इसलिए राज्यसभा एक स्थायी सदन है ।
प्रश्न 5.
भारत का संविधान कठोर और लचीला क्यों माना जाता है ?
उत्तर:
संविधान में आवश्यकता और समयानुसार परिवर्तन की व्यवस्था की गयी है । कुछ मामलों में संसद के सामान्य बहुमति से किये जानेवाले परिवर्तनों के कारण भारतीय संविधान परिवर्तनशील तथा लचीला माना जाता है लेकिन कुछ विशेष मामलों में संविधान में सुधार नहीं किया जा सकता है । राज्यों की स्वीकृति के बिना संशोधन संभव नहीं होने के कारण हमारा संविधान कठोर हैं ।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आवश्यकतानुसार दीजिए:
प्रश्न 1.
भारतीय संविधान में पिछड़े वर्गों तथा आदिवासी जातियों के लिए क्या विशेष व्यवस्थाएँ की गई है ?
उत्तर:
भारतीय संविधान में इन समूहों के उत्कर्ष के लिए तथा उन्हें सामान्य प्रवाह में जुड़ने के लिए सक्षम बनाने हेतु संविधान में विशेष व्यवस्थाएँ की गई है।
- विधानसभाओं, स्थानीय स्वराज की संस्थाओं के निर्वाचन में उन्हें पर्याप्त राजकीय प्रतिनिधित्व प्राप्त हो, इसलिए उनके लिए कुछ सीटें आरक्षित रखी गयी है ।
- इन वर्गों को सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए समान अवसर प्राप्त हों, इसलिए कुछ सीटें आरक्षित रखी गयी हैं ।
- पिछड़े वर्ग के बालकों के शैक्षणिक विकास के लिए उन्हें छात्रवृत्ति, शुल्कमुक्ति का लाभ तथा अन्य सुविधाएँ प्राप्त की जाती है ।
- इनके लिए संविधान में ‘सकारात्मक भेदभाव’ कहा जाता है ।
प्रश्न 2.
प्रस्तावना का अर्थ समझाकर उसका महत्त्व समझाइये ।
उत्तर:
प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों और आदर्शों को स्पष्ट करती है । संविधान निर्माताओं के चिंतन का या उद्देश्यों का परिचय देती है अर्थात् प्रस्तावना संविधान को समझने की कुंजी है ।
- इस में प्रजा के मुख्य आदर्श, उद्देश्य और महान भावनाओं की भव्य घोषणा की जाती है ।
- संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और आदर्शों का दर्शन होता है ।
- संविधान के अर्थघटन की कठिनाइयों के निवारण के लिए प्रस्तावना मार्गदर्शिका सिद्ध होती है ।
- कोई भी संविधान सम्पूर्ण नहीं हो सकता । इसलिए संविधान के किसी मुद्दे का अर्थ अस्पष्ट या संदिग्ध प्रतीत हो, तब उचित अर्थघटन करने के लिए प्रस्तावना बहुत उपयोगी सिद्ध होती है ।
प्रश्न 3.
संविधान के निर्माण की प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने तीन सदस्यों का केबीनेट मिशन भारत भेजा ।
- केबिनेट मिशन द्वारा सूचित पद्धति के अनुसार संविधान के निर्माण का ढाँचा निश्चित किया गया और संविधान सभा की रचना हुई ।
- 389 सदस्यों की संविधान सभा ने 9 दिसम्बर, 1946 को अपनी कार्यवाही शुरू की ।
- डॉ. राजेन्द्रप्रसाद संविधान सभा के निर्वाचित अध्यक्ष थे ।
- संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति (प्रारूप समिति) की रचना की गई ।
- संविधान निर्माण की कार्यवाही 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन तक चली । इस दौरान संविधान सभा की 166 बैठकें हुई थी ।
- इन बैठकों में संविधान के सूक्ष्म से सूक्ष्म और प्रत्येक प्रावधान की ब्यौरेवार चर्चा की गई थी ।
- हमारे देश के संविधान में इंग्लैण्ड, आयरलैंड, फ्रांस, अमेरिका आदि देशों के संविधानों की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं का समावेश किया गया ।
- 27 नवम्बर, 1949 को हमारा संविधान तैयार हो गया और 26 जनवरी, 1950 को संविधान को लागू कर दिया गया ।
निम्नलिखित विषयों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:
प्रश्न 1.
संविधान की प्रस्तावना:
उत्तर:
भारत का संविधान प्रस्तावना से शुरू होता है ।
- यद्यपि कानून द्वारा प्रस्तावना का अमल नहीं कराया जा सकता, तथापि प्रस्तावना का बहुत महत्त्व है ।
- प्रस्तावना में प्रजा के आदर्श, उद्देश्य और महान भावनाओं की भव्य घोषणा की गई है ।
- उसमें संविधान के मूलभूत सिद्धान्तों और आदर्शों का दर्शन होता है ।
- संविधान के अर्थघटन के लिए प्रस्तावना मार्गदर्शक सिद्ध होती है ।
- कोई भी संविधान सम्पूर्ण नहीं हो सकता, इसलिए संविधान के किसी भी मुद्दे का अर्थ अस्पष्ट प्रतीत हो, तब उचित अर्थघटन करने के लिए प्रस्तावना बहुत उपयोगी सिद्ध होती है । प्रस्तावना में संविधान के उद्देश्यों और आदर्शों को स्पष्ट किया गया है । प्रस्तावना संविधान के निर्माताओं के चिंतन का या उद्देश्यों का परिचय देती है । अर्थात् प्रस्तावना संविधान को समझने की कुंजी है ।
- हमारे संविधान की प्रस्तावना में प्रथम परिवर्तन 1976 में कर ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिर्पेक्ष’, ‘एकता और राष्ट्र की अखण्डता’ जैसे शब्द जोड़े गए ।
प्रश्न 2.
भारत की न्यायपालिका:
उत्तर:
भारतीय संविधान में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका का प्रावधान किया गया है ।
- न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग रखा गया है ।
- यदि भारत सरकार और राज्य सरकारों के बीच या अलग-अलग राज्य सरकारों के बीच किसी विषय पर मतभेद (संघर्ष) हो तो न्यायपालिका एम्पायर की भूमिका अदा करती है ।
- संघ सरकार और राज्य सरकार के बीच संवैधानिक मसलों पर विवाद उत्पन्न होता है तो उसका निराकरण करती है ।
- सर्वोच्च न्यायालय राज्य के न्यायालयों पर नियन्त्रण रखते है ।
- न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र है, उसकी रक्षक और संरक्षक है ।
- न्यायपालिका नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करती है ।
प्रश्न 3.
भारत एक विशिष्ट प्रकार का ‘स्वायत्त घटकों का संघ’ :
उत्तर:
भारत एक संघीय प्रदेश है ।
- संविधान में किसी भी स्थल पर ‘स्वायत्त घटकों का परिसंघ’, शब्दों का उल्लेख नहीं किया गया है ।
- भारत के लिए मात्र संघ का प्रयोग किया गया है ।
- संघ शब्द द्वारा भारत ने संघ और घटक राज्यों के बीच, कभी भी न बदले जा सके ऐसे कायमी संबंधों की स्पष्टता की गई है।
- भारत एक संघीय देश है और राज्य इकाईयों को उससे अलग होने का अधिकार नहीं है ।
- भारत यद्यपि संघीय देश है, तथापि उसमें स्वायत्त घटकों के परिसंघ के कुछ लक्षण है ।
निम्नलिखित विधान समझाइए:
प्रश्न 1.
भारतीय संविधान जीवन्त और मूलभूत दस्तावेज है ।।
उत्तर:
संविधान देश का मूलभूत और महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है ।
- संविधान में किये गये प्रावधानों के अनुसार देश में कानूनों का निर्माण किया जाता है ।
- देश में लागू कानून संविधान के साथ सुसंगतता तथा संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुसार ही होता है ।
- संविधान में बदलती परिस्थितियों और लोगों की आवश्यकताओं, अपेक्षाओं, आकांक्षाओं, इच्छाओं तथा उच्च भावनाओं का आवरण होता है ।
- इससे संविधान को जीवन्त और मूलभूत दस्तावेज कहा जाता है ।
प्रश्न 2.
भारतीय संविधान एक सामाजिक दस्तावेज है ।
उत्तर:
समाजवादी समाजरचना में राष्ट्रीय संपत्ति का न्यायपूर्ण विभाजन, उत्पादन तथा वितरण व्यवस्था पर राज्य का स्वामित्व हो, आय की असमानता को कम करना, किसी भी व्यक्ति अथवा समूह के हाथ में संपत्ति का केन्द्रीयकरण न करना, समाज के सभी लोगों को स्वस्थ और गौरवपूर्ण विकास के लिए अवसर तथा सुविधाएँ प्राप्त हो, जिससे सामाजिक कल्याण को सिद्ध किया जा सके तथा अमीर-गरीब के भेद को समाप्त कर लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा लाकर उनमें सामाजिक और आर्थिक कल्याण को प्राप्त करने संबंधी मार्गदर्शक सिद्धान्तों का समावेश भारतीय संविधान में किया गया है । इसलिए भारतीय संविधान एक सामाजिक दस्तावेज है ।
निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तार से उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1.
संविधान की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर:
भारत के संविधान की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:
(1) भारत घटक राज्यों से बना संघ है: भारत एक संघीय देश है और राज्य इकाईयों को उससे अलग होने का अधिकार नहीं है । भारत यद्यपि संघीय देश है, तथापि उसमें स्वायत घटकों के परिसंघ के कुछ लक्षण है । भारत का परिसंघ दो प्रकार की सरकारों का बना है । संघ सरकार और राज्य सरकारें । संविधान में दोनों प्रकार की सरकारों के कार्यक्षेत्र और सत्ताओं का स्पष्ट और निश्चित विभाजन किया गया है । संविधान में संघ और राज्यों की सत्ताओं और कार्यों की अलग-अलग सूची दी गई है । इन सूचियों को संघसूची, राज्यसूची और संयुक्त सूची कहते हैं । भारत में नागरिकों को मात्र एक ही नागरिकता दी गई है । हरेक व्यक्ति भारतीय नागरिक माना जाता है न कि बंगाली, मराठी, राजस्थानी या गुजराती के रूप में ।
(2) आपातकाल के उपबंध: हमारे संविधान तीन स्थितियों में आपातकाल के उपबंध किये गये है । एक युद्ध या बाह्य आक्रमण के समय राष्ट्रीय आपातकाल, दूसरे किसी राज्य में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा जाये तो तीसरा वित्तीय आपातकाल । आपातकाल के समय भारत में एकतंत्रीय व्यवस्था लागू हो जाती है ।
(3) संसदीय पद्धति: भारत में संसदीय पद्धति की सरकार है जिसमें संसद सर्वोपरी होती है और वह लोगों का प्रतिनिधित्व करती है । संघ की विधायिका को संसद कहते हैं । इसके दो सदन है । ऊपरी सदन को राज्यसभा और नीचले सदन को लोकसभा कहा जाता है ।
- संघ में राष्ट्रपति के नाम से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में और राज्यों में राज्यपाल के नाम से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रीमण्डल द्वारा प्रशासन चलता है । मंत्रीमंडल विधानसभा के प्रति जवाबदार होता है । विधानसभा लोगों के द्वारा चुने प्रतिनिधियों से गठित है । इस प्रकार विधानमंडल या संसद सर्वोपरि है ।
(4) स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका का प्रावधान किया गया है: भारत में संघ सरकार या राज्य सरकारों के बीच मतभेद की परिस्थिति में न्यायपालिका निष्पक्ष होकर निर्णायक की भूमिका अदा करती है । भारत में समग्र देश के लिए एक ही न्यायपालिका है – देश का सर्वोच्च न्यायालय राज्य के उच्च न्यायालयों तथा अन्य न्यायालयों पर नियन्त्रण रखता है । भारत की न्यायपालिका, कार्यपालिका से स्वतंत्र है । न्यायपालिका नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करती है ।
(5) व्यस्क मताधिकार: भारत में सभी स्तरों पर व्यस्क मताधिकार है । इसके अनुसार भारत का प्रत्येक नागरिक स्त्री-पुरुष (शिक्षा, सम्पत्ति, आय स्तर) बिना भेदभाव के जो 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है उसे चुनावों में मत देने का अधिकार है ।
(6) धर्म निरपेक्षता: संविधान में भारत को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र के रूप में घोषित किया गया है । भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते है । किसी को विशेष अधिकार नहीं दे सकती, किसी को अमुक अधिकारों से वंचित नहीं रख सकती । धर्म के आधार पर राज्य किसी के साथ भेदभाव नहीं करता । राज्य (देश) का अपना कोई धर्म नहीं है । प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छानुसार कोई भी धर्म पालने, पूजा प्रार्थना करने की पूर्ण छूट दे रखी है ।
(7) कठोर और लचीला : भारतीय समाज में तेजी से आनेवाले आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों को ध्यान में रखकर संविधान में संशोधन की व्यवस्था की गई है । भारत के संविधान में कुछ विषयों का संशोधन संसद में उपस्थित सदस्यों के 2/3 बहुमत से और कुछ बावदों में संसद के दोनों सदनों के 2/3 बहुमत के अलावा राज्यों के विधान मण्डलों के सदस्यों को 50% स्वीकृति आवश्यक है । इस प्रकार भारतीय संविधान कठोर और लचीला है ।
(8) प्रजा की सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न सत्ता: भारतीय संविधान में राज्य की सम्पूर्ण सत्ता भारत की प्रजा की ही है । राज्य को जो सत्ता प्रदान की गई है, वे उसकी प्रजा द्वारा ही दी गई है, लोगों द्वारा परोक्ष रीति से, निर्वाचित संविधान सभा द्वारा संविधान बनाया गया है । भारत सार्वभौमिक राज्य है । वह आंतरिक दृष्टि से सर्वोपरि और अन्य देशों के साथ सम्बन्धों में स्वतंत्र है ।
(9) भारत एक लोकतंत्रात्मक देश है: प्रस्तावना में भारत को लोकतंत्रात्मक देश घोषित करके उसकी सरकार के स्वरूप को स्पष्ट किया गया है । लोकतंत्रात्मक देश अर्थात लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए चलनेवाला देश । भारत की सरकार पूर्णतः लोगों के प्रति जवाबदार रहेगी । सर्वत्र व्यस्क मताधिकार स्वीकार किया गया है । मूलभूत अधिकार, राज्यनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्तों का उल्लेख विधानमण्डल और न्यायतंत्र की विशिष्ट सत्ताएँ, न्यायपालिका को स्वतंत्र और स्वायत्त निर्वाचन आयोग आदि उपबंध भारत को लोकतंत्रात्मक देश घोषित करते है ।
(10) भारत समाजवादी धर्मनिरपेक्ष देश: सामाजिक और आर्थिक समानता के बिना राजनैतिक समानता अपूर्ण होती है, इसलिए प्रस्तावना में नागरिकों के बीच सामाजिक और आर्थिक समानता हो, ऐसी समाजवादी समाज रचना का उद्देश्य रखा गया है । भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं । सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है । सरकार ऐसी नीतियों का अमल नहीं कर सकती जो भारत में रहनेवाले विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच भेदभाद रखती हो । सरकार का अपना कोई धर्म नहीं होता है ।
(11) भारत एक गणतंत्र देश है: भारत एक गणतंत्र देश है अर्थात् भारत में प्रजा द्वारा निर्वाचित नागरिक ही सरकार के अध्यक्ष होंगे । राष्ट्रपति का पद वंशपरम्परागत नहीं है ।
(12) अन्य: (1) लिखित दस्तावेज है । (2) एकल नागरिकता (3) न्यायिक समीक्षा (4) मूलभूत कर्तव्य और अधिकार ।
प्रश्न 2.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के मुख्य आधार स्तंभ समझाओं ।
उत्तर:
भारत के संविधान की प्रस्तावना में व्यक्त किए गये आधारभूत शब्द जैसे हम भारत के लोग, सार्वभौम, समाजवाद, धर्म निर्पेक्षता, लोकतंत्र, गणतंत्र, बन्धुत्व, न्याय, समानता, स्वतंत्रता, राष्ट्रीय एकता और अखण्डता इत्यादि है ।
(1) भारत एक लोकतंत्रात्मक देश है:
लोकतंत्रात्मक देश अर्थात् लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए चलनेवाला शासन ।
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना में स्पष्ट किया गया है तथा सरकार के स्वरूप को भी स्पष्ट किया गया है ।
- इसकी घोषणा में लिखा गया है कि भारत की सरकार पूर्णत: लोगों के प्रति जवाबदार रहेगी ।
- भारत सरकार ने लोकतंत्र के मूल सिद्धान्तों – स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को स्वीकार कर अमल में लाये है ।
- स्वतंत्र व्यस्क मताधिकार को स्वीकार कर, मूलभूत अधिकारों की घोषणा, राज्य के नीतिनिर्देशक सिद्धान्तों का उल्लेख संविधान में है ।
(2) भारत धर्म निर्पेक्ष अथवा बिनसांप्रदायिक देश:
हमारे देश के संविधान ने भारत को एक धर्म निर्पेक्ष राज्य घोषित किया है ।
- भारत की प्रजा अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म का पालन कर सकती है ।
- कोई भी धर्म भारत का राज्य धर्म नहीं है ।
- व्यक्ति अपने धर्म का प्रचार-प्रसार कर सकता है, लेकिन किसी को भी जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने का अधिकार नहीं है ।
- सभी धर्मों को माननेवाली प्रजा को समान अधिकार दिए गए है । सभी को समान रूप से आदर दिया गया है । इसलिए भारत धर्म निरपेक्ष देश कहलाता है ।
(3) भारत समाजवादी देश:
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को समाजवादी राष्ट्र घोषित किया गया है ।
- लोकतंत्र में सर्वत्र व्यस्क मताधिकार होने के कारण नागरिकों को राजनैतिक समानता प्राप्त है ।
- सामाजिक और आर्थिक समानता के बिना राजनैतिक समानता अपूर्ण होती है ।
- प्रस्तावना में नागरिकों के बीच सामाजिक और आर्थिक समानता हो, ऐसी समाजवादी समाजरचना का उद्देश्य रखा गया है ।
- देश के राष्ट्रीय महत्त्व के और लोकोपयोगी उद्योगों को सार्वजनिक नियन्त्रण में रखा गया है ।