Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 11 Psychology Chapter 4 व्यवहार के जैविक आधार Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 11 Psychology Chapter 4 व्यवहार के जैविक आधार
GSEB Class 11 Psychology व्यवहार के जैविक आधार Text Book Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों को विस्तृत रूप से समझाईये ।
प्रश्न 1.
उत्क्रांति के अभिगम को समझाईये ।
उत्तर :
उत्क्रांतिवादी अभिगम : इस पृथ्वी पर असंख्य कद, आकार एवं व्यवहार में विभिन्नता दर्शानेवाले प्राणी रहते हैं । इन सजीव प्राणियों में मनुष्य का चेतातंत्र सबसे अधिक विकसित है । चार्ल्स डार्विन के द्वारा 1859 में प्रकाशित ‘The Origin of the Species’ नाम के पुस्तक में बताया है कि काफी समय के बाद सजीव प्राणियों में थोड़ा सा परिवर्तन आता है तथा वृद्धि के साथ-साथ वर्तन में भी परिवर्तन आता है । वर्तन और शारीरिक परिवर्तन एक साथ संभव है । मस्तिष्क के कोषों के द्वारा संवेदन प्रत्यक्षीकरण, स्मृति, तर्क जैसी महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया उद्भवित होती हैं तथा मस्तिष्क के कोषों में कमी के कारण रोग या बुद्धि सीखने की शक्ति, स्मृति तथा शारीरिक मानसिक लक्षण एकदूसरे से अलग होते है । व्यक्ति के ऐसे विशिष्ट लक्षण मस्तिष्क, व्यवहार और सामाजिक, सांस्कृतिक पर्यावरण की आंतरक्रिया का परिणाम है ।
विकास की क्रिया के दौरान मानवी शारीरिक एवं व्यवहारिक पहलुओं में परिवर्तन पर्यावरण की आवश्यकता का परिणाम है । पुरुष एवं स्त्रियों की भूमिका में अन्तर प्राचीन समय से दिखाई देता है । स्त्रियाँ बारिकी एवं कौशल्यपूर्ण कार्य करती एवं पुरुष कठिन एवं स्नायुप्रधान कार्य करते थे । लेकिन समय के साथ-साथ अब दोनों की भूमिकाओं में भी अन्तर दिखाई देता है । काफी कार्य स्त्रियाँ पुरुषों की तरह करने में आगे आयी है । सेना, पुलिस तथा डॉक्टरी विभाग में कार्यरत हैं तो पुरुष भी बड़े-. बड़े होटलों में रसोई का कार्य कर रहे हैं । उत्क्रांति के तीन स्तम्भ है
(1) दो पैर होना
(2) मस्तिष्क का विकास
(3) भाषा का विकास ।
प्रश्न 2.
जनीनतत्त्व एवं व्यवहार को समझाईये ।
उत्तर :
जन्म के समय बालक को मिलनेवाले विशिष्ट जनीन तत्त्वों का संयोजन अनुवंश लेकर आता है । हमारे पूर्वजों के द्वारा प्राप्त शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक लक्षणों के अभ्यास को प्रजोत्पत्ति शास्त्र (Genetice) कहते हैं ।
गर्भाधान के समय एक फलित कोष से बालक के जीवन का प्रारंभ होता है । जिसमें माता-पिता के 23 + 23 रंगसूत्र होते हैं । यही जनीनतत्त्व बालक के शारीरिक एवं मानसिक लक्षणों का अनुवंश वाहक कहा जाता है ।
(i) रंगसूत्र (Chromosomes) : हमारे शरीर के कोषों में रंगसूत्रों की 23 जोड़ी होती है । ये 46 रंगसूत्र मुख्य रूप से DNA (Deoxyribouncleic-Acid) के बने होते है । DNA प्रजनन कोष के केन्द्र में होते हैं । ये DNA रसायनिक परमाणु के बने होते हैं । इनका कार्य प्रोटीन का रसायनिक उत्पादन करना होता है । यही प्रोटीन शरीर की शारीरिक प्रक्रिया और शारीरिक की रचना शारीरिक क्षमता, बुद्धि तथा अन्य वार्तानिक लक्षणों का नियमन करता है ।
स्त्री के प्रजनन कोष को स्त्री बीज का अण्डकोष (Ovum) और पुरुष के प्रजनन कोष को शुक्राणु (Sperm Cell) कहते हैं । गर्भादान के समय माता एवं पिता की तरफ से 23-23 रंगसूत्र अनुवंश के रूप में प्राप्त होते है । जिनमें हजारों की संख्या में जनीन तत्त्व होते है ।
पुरुष के प्रजनन कोष में x एवं y प्रकार के रंगसूत्र होते है जबकि स्त्रीप्रजनन कोष में x प्रकार का रंगसूत्र होता है । पुरुष की तरफ x एवं स्त्री की तरफ से x रंगसूत्र की अंतिम जोड़ी 23 मिलने पर बच्चे की जाती लडकी और यदि पुरुष की तरफ से y एवं स्त्री की तरफ से x रंग सूत्र की अंतिम जोड़ी हो तो बच्चे की जाति लड़का होता है । अर्थात् बच्चे की जाति निश्चित करने के लिए पुरुष का अंतिम रंगसूत्र ही निर्णायक होता है ।
(ii) जनीनतत्त्व : ये जनीन तत्त्व ही बालक के अनुवंश के वाहक होते है । बालक में शारीरिक एवं मानसिक लक्षण के अलावा चेतातंत्र के विकास में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान है । जनीनतत्त्वों के समूह को ‘जीनोटाईप’ कहा जाता है । जिसके द्वारा व्यक्ति की शारीरिक रचना, आँखों का रंग, बालों का रंग, चमड़ी का रंग जैसे दिखनेवाले लक्षणों को ‘फीनोटाईप’ कहा जाता है । मानसिक विकृति जैसे व्यवहारिक लक्षणों के जैविक आधार की स्पष्टता देनेवाले अध्ययन क्षेत्र को व्यवहारिक (वार्तनिक) जनीन शास्त्र (Behaviour Genetics) कहा जाता है।
समान अनुवंश प्राप्त होने के बाद भी बालकों के व्यवहार में अन्तर दिखाई देता है । बालक को जनीन तत्त्व के अनुवंश के अलावा पहले की पीढ़ी द्वारा प्राप्त अनुवंश के कारण भी हो सकता है । एकतरह से (वर्तन) व्यवहार को प्रभावित करनेवाले कारक अनुवंश या पर्यावरण दोनों महत्त्वपूर्ण हैं ।
प्रश्न 3.
केन्द्रीय चेतातंत्र की कार्यप्रणाली को समझाईये ।
उत्तर :
केन्द्रीय चेतातंत्र (Central Nervous System) : यह हरेक प्रकार की चेताकीय प्रवृत्तिओं का केन्द्र है । इसमें मस्तिष्क की ओर से आनेवाले संदेश, विचार प्रक्रियाएँ, निर्णय प्रक्रिया तथा शरीर के अलग-अलग अवयवों की ओर जानेवाले संदेशों का संकलित करने का कार्य करता है । केन्द्रीय चेतातंत्र
(1) मस्तिष्क (Brain) एवं
(2) करोड़रज्जु (Spinal Cord) बना हुआ है ।
(1) मस्तिष्क (Brain) : मस्तिष्क का विकास हजारों वर्ष से अबतक लगातार चल रहा है । वयस्क व्यक्ति का वजन 1.36 Kg और लगभग 10 अरब चेताकोषों से परिपूर्ण है तथा शरीर के कुल खून का पाँचवा भाग का खून प्राप्त करना है । उत्क्रांति के प्रारंभ से आज तक मस्तिष्क के विकास में तीन भागों को देखा जा सकता है ।
(i) मस्तिष्क स्कन्ध और छोटा मस्तिष्क
(ii) सीमावर्ती तंत्र
(iii) बड़ा मस्तिष्क एवं मस्तिष्क छाल ।
(2) करोड़रज्जु (Spinal Cord) : चेतातंतुओं की बनी हुई करोड़रज्जु मस्तिष्क के किनारे शुरू होकर शरीर के पीठ के भाग में करोड़ के मनकों के भीतर से सीधी लाईन से पसार होता है । करोड़रज्जु शरीर एवं मस्तिष्क से जुड़ा है तथा इनके बीच के अवयवों और स्नायुओं के वहन मार्ग के रूप में कार्य करता है ।
करोड़रज्जु के चेताओं को चोट लगने से हाथ या पैर में लकवा का प्रभाव पड़ सकता है ।
प्रश्न 4.
स्वयं संचालित चेतातंत्र को समझाईये ।
उत्तर :
स्वयं संचालित चेतातंत्र (Autnomic Nervous System) :
यह परिधिवर्ती चेतातंत्र का दूसरा महत्त्वपूर्ण भाग है । यह निन्द्रावस्था एवं मूर्छावस्था में भी कार्य करता है । यह अनिच्छावर्ती तंत्र के रूप में भी पहचाना जाता है । यह फेफड़ा, हृदय, पाचनक्रिया के अवयव, मूत्रपिंड तथा अन्ताव ग्रन्थियों जैसे आंतरिक अवयवों से जुड़ा है । स्वयं संचालित चेतातंत्र के दो भाग है :
(i) अनुकंपी तंत्र
(ii) परानुकंपी तंत्र
(i) अनुकंपी तंत्र : मनोभार की स्थिति में तत्कालिन प्रक्रियाओं का सामना करने के लिए अनुकम्पी तंत्र का उपयोग महत्त्वपूर्ण है । अनुकंपी तंत्र हृदय, लारग्रन्थि, पाचनतंत्र, रक्तवाहिनियाँ आदि से जुड़े हैं । हृदय की धड़कन का बढ़ना, अंतरस्राव ग्रन्थियों का उद्दीपन शरीर के अवयवों को अधिक प्रमाण में खून मिले ऐसे भयपूर्ण परिस्थिति में अनुकंपी तंत्र का कार्य सराहनीय होता है ।
(ii) परानुकंपी तंत्र : परानुकंपी तंत्र का कार्य अनुकंपी तंत्र के विरुद्ध है । परानुकंपी तंत्र हृदय की धड़कन, श्वसन क्रिया, रक्त प्रवाह आदि क्रियाओं को सामान्य बनाता है । इस प्रकार दोनों तंत्र एकदूसरे के विरोधी एवं एक-दूसरे के पूरक भी है । शरीर का संतुलन बनाये रखना दैनिक जीवन में आपातकाल एवं उत्तेजना की परिस्थिति में इन दोनों का कार्य उपयोगी है ।
प्रश्न 5.
अन्तस्राव ग्रन्थियों को स्पष्ट करते हुए किन्हीं दो को समझाईये ।
उत्तर :
अन्तस्राव ग्रन्थियाँ निम्नलिखित जो मुख्य है :
(i) मस्तिष्क ग्रन्थि
(ii) कंठ ग्रन्थि
(iii) एड्रीनल ग्रंथि
(iv) स्वादुपिण्ड ग्रन्थि
(v) जातीय ग्रन्थि
(i) स्वादुपिण्ड ग्रन्थि (Pencreas) : यह छोटी आंत एवं जठर के बीच में स्थित है । यह हमारे शरीर में इन्स्युलीन उत्पन्न करती है । इन्स्युलीन और ग्लुकागोन नामक स्राव द्वारा स्वादुपिण्ड खून में शर्करा का प्रमाण नियंत्रण करते हैं । स्वादुपिण्ड पाचन क्रिया का नियमन भी करता है । व्यक्ति के खून में शर्करा का प्रमाण बढ़ने से मधुप्रमेय (डायाबिटीस) का रोग उत्पन्न होता है । तब उसे इन्स्युलीन का इन्जेक्शन लेकर डॉक्टर चलने की सलाह भी देते है ।
(ii) जातीय ग्रन्थि (Gonads) : पुरुष में शुक्रपिंड और स्त्रियों में बीजाशय नाम की ग्रन्थि आयी हुई है । मस्तिष्क ग्रन्थि से ये ग्रन्थियाँ
सक्रिय बनकर जातीय स्राव उत्पन्न करती है, जिससे प्रजनन संभव होता है । पुरुष एवं स्त्रियों में दिखाई देनेवाले गौण जातीय लक्षणों के लिए इन ग्रन्थियों का स्राव महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । पुरुषों में ‘टेस्टोस्टेरोन’ नामके स्राव के कारण जातीय प्रेरणा उत्पन्न होती है जबकि स्त्रियों में ‘ईस्ट्रोजन’ और ‘प्रोजेस्टेरोन’ स्राव उत्पन्न होते है । दोनों स्रावों का संतुलन स्त्री या पुरुष के जातीय वर्तन को निश्चित करता है ।
प्रश्न 6.
मस्तिष्क के खण्डों (Cortical Lobes) को समझाईये ।
उत्तर :
चेता मनोवैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की छाल को अच्छी तरह समझने के लिए उसे चार खण्डों में बाँटा गया है । इन चार खण्डों को
(Lobes) के रूप में जाना जाता है । इनके कार्य की विविधता के अनुसार इनके चार भाग निम्नलिखित है :
(a) अग्रललाट खण्ड (Frontal Lobe)
(b) मध्य खण्ड (Periental Lobe)
(c) पश्व खण्ड (Occipital Lobe)
(d) निम्न खण्ड (Ternporal Lobe)
(a) अग्रललाट खण्ड (Frontal Lobe) : मस्तिष्क का सबसे आगे का भाग ललाट खण्डकारक नियमन एवं बोधात्मक क्रियाओं के साथ जुड़ा है । इस खण्ड से विचार आयोजन, निर्णय प्रक्रिया, चेतन प्रक्रिया से सम्बन्धित होने से महत्त्वपूर्ण माना जाता है । इस खण्ड पर चोट लगने से व्यक्तित्व एवं वर्तन पर निषेधक प्रभाव पड़ सकता है ।
(b) मध्य खण्ड (Periental Lobe) : यह भाग मस्तिष्क के मध्य के भाग में आया होने से मस्तिष्क में आनेवाले सांवेदनिक संदेशों का नियमन करता है तथा पूर्व कारक क्षेत्रों का स्नायविक हलन-चलन का भी नियमन करता है ।
(c) पश्व खण्ड (Oceipital Lobe) : मस्तिष्क के पीछे के भाग में आया हुआ है । दृष्टि केन्द्रों का नियंत्रण करता है । उसका सम्बन्ध नेत्रपट से जुड़ा है ।
(d) निम्न खण्ड (Temporal Lobe) : यह मस्तिष्क के दोनों गोलार्थों के नीचे के भाग में होता है । जिसमें वाणी एवं श्रवण केन्द्र आये हुए है।
इसमें वाणी एवं श्रवण क्रिया का नियंत्रण होता है । इसमें से कोई भी केन्द्र स्वतंत्र कार्य न करके एकदूसरे से जुड़े होने से मिलकर संयुक्त रूप से कार्यरत होते हैं ।
2. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये ।
1. मानव उत्क्रांति के सीमा स्तंभ :
उत्तर :
मानव उत्क्रांति के सीमा स्तम्भ निम्नलिखित है :
(i) दो पैर होना (Bipedatism)
(ii) a fresh out forente (Encephalization)
(iii) भाषा का विकास (Language Development)
(i) दो पैर होना : मनुष्य सीधे चलने के कारण एक शक्ति का निर्देश करता है । हाथ से पकड़ कर हरेक वस्तु का उपयोग कर सकता है । जिससे नये संशोधन एवं साहस से समर्थ बन पाया है । .
(ii) मस्तिष्क का विकास : मस्तिष्क का विकास मस्तिष्क का कद एवं विशिष्ट स्नायुओं का सप्रमाण में विकास का निर्देश करता है । शरीर के वजन के सन्दर्भ में वजन के अनुसार उच्च कोटि वानर (ape) के मस्तिष्क से तीन से चार गुना वजन रखता है । जिससे विचार तर्क, स्मृति, समस्या समाधान की शक्ति अधिक मात्रा में दिखाई देती है, जिससे उच्च बोधात्मक शक्ति प्राप्त होती है ।
(iii) भाषा का विकास : मानव विकास का तीसरा स्तम्भ भाषा का उपयोग है । जिससे मानव मानव के बीच आंतरक्रिया को प्रभावशाली बनाया जा सकता है । भाषा सांस्कृतिक विकास का आधार है तथा अन्य व्यक्ति के साथ प्रभावशाली प्रत्यायन करने का महत्त्वपूर्ण माध्यम भी है ।
2. छोटा मस्तिष्क :
उत्तर :
छोटा मस्तिष्क बड़े मस्तिष्क के पीछे की तरफ आया हुआ है । इसके द्वारा शरीर का हलनचलन, संकलन एवं सरल बनाने में . इसका योगदान है । यह हलन-चलन के तरीकों की स्मृति का संग्रह भी करता है । जिसके कारण चलना, दौड़ना, नृत्य करना अथवा सायकल चलाना जैसी आदतें डालने के बाद उन पर फिर से ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है ।
3. करोड़रज्जु :
उत्तर :
हमारी सबसे छोटी अंगूली की व्यास जितनी नलाकार चेतातंतुओं की बनी करोड़रज्जु मस्तिष्क के किनारे से शुरू होकर शरीर के पीठ के भाग में सीधी हार में पसार होती है । यह शरीर को मस्तिष्क के साथ जोड़ता है । यह मस्तिष्क एवं परिधिवर्ती चेतातंत्र के बीच संदेशों का संकलन करता है । यह ज्ञानेन्द्रियों के द्वारा प्राप्त जानकारी मस्तिष्क तक पहुँचाता है और मस्तिष्क की ओर से आनेवाले संदेशों को स्नायुओं, ग्रन्थियों तथा शरीर के अन्य भागों तक पहुँचाता है । इस तरह करोड़रज्जु मस्तिष्क एवं शरीर के विविध अवयवों के बीच संदेशों का वहन मार्ग है । करोड़रज्जु की चेताओं को चोट पहुँचते पैर या हाथ पर लकवे की शिकायत हो सकती है । यह करोड़रज्जु की चोट पर आधार रखता है कि चोट कितनी गंभीर है ।
4. सीमावर्ती तंत्र (Limlelc Systero) :
उत्तर :
इसे पुराना मस्तिष्क के रूप में भी जाना जाता है । मस्तिष्क स्कंध, छोटा मस्तिष्क एवं करोड़रज्जु रखनेवाले प्रत्येक सस्तन प्राणियों में तथा पेट से चलनेवाले प्राणियों में सीमावर्ती तंत्र देखने को मिलता है । सीमावर्ती तंत्र शरीर में खून का दबाव, शारीरिक तापमान, खून में शर्करा की मात्रा और शारीरिक मात्रा का नियमन का कार्य करता है । यह मस्तिष्क की छाल की ओर से आने-जानेवाले संदेशों का भी संकलन करता है । यह हाईपोथेलेम्स के साथ प्रगाढ़ रूप से जुड़ा रहने के कारण हाईपोथेलेम्स के द्वारा होनेवाली कितनी साहजिक और आवेगिक प्रतिक्रियाओं को रोककर अतिरिक्त नियंत्रण भी करता है । यह हिपोकेम्पस, एमिगडाला एवं हाईपोथेलेम्स का बना होता है । ये भाग खासकर स्मृति तथा लम्बे समय तक जानकारी संग्रहित करने में योगदान देते है । ये स्मृति, आवेग तथा कितनी ही मूलभूत प्रेरणाओं से जुड़े है । हाईपोथेलेम्स भूख, प्यास, जातीयता जैसी प्रेरणा एवं आवेगों से वर्तन से शारीरिक प्रक्रियाओं का नियमन भी करता है तथा अन्तस्राव ग्रन्थियों का नियमन तथा शारीरिक संतुलन भी बनाये रखता है ।
5. मस्तिष्क ग्रन्थि (Pituitary Gland) :
उत्तर :
यह मस्तिष्क के भीतर के भाग में आयी हुई है । इसका कद सेम के दाने के बराबर होता है । इसका नियमन हाईपोथेलेम्स के द्वारा होता है । इससे झरनेवाला स्राव शरीर की अन्य ग्रन्थियों को भी सक्रिय करता है । जिससे इसे सर्वोपरि ग्रन्थि (Master Gland) कहते हैं । इसके बीच में एक दरार होने से अग्रमस्तिष्क एवं पश्वमस्तिष्क स्वतंत्र रूप से कार्य करते है ।
अग्रमस्तिष्क ग्रन्थि से उत्पन्न रसस्राव से पाचनक्रिया, वृद्धि, उँचाई, जातीय विकास, प्रजनन क्रिया तथा चेतातंत्र प्रभावित होते हैं । इससे थायरोट्रीफिक, एड्रिनोकोर्टिकोर्टोफिक, लेक्टोजेनिक, ल्युटिनाइजिंग तथा अन्य वृद्धि स्राव झरते हैं ।
उपरोक्त स्रावों में कायरोट्रोफिक कंठग्रन्थि का उद्दीपन, एड्रिनोकोर्टिकोट्रोफिक एड्रीनोकोर्टेक्स ग्रन्थि का उद्दीपन, लेक्टोजेनिस स्राव स्तन एवं दुग्ध ग्रन्थियों के स्राव में मददरूप बनना । ल्युटिनाइजिंग स्राव पुरुष, स्त्रियों के गौण जातीय लक्षणों के विकास में तथा पुख्तता तक टिकाये रखने में वृद्धिस्राव बाल्यवस्था से पुख्तता तक विकास नियमन रखना।
पश्व मस्तिष्क से ओक्सिटोसीन गर्भाशय के स्नायु एवं सस्तन ग्रन्थि का उद्दीपन, वेसोप्रेसिन स्राव खून का दबाव बढ़ाना, पिच्युट्रीन स्राव से खून का दबाव पेशाब की मात्रा बढ़ाना । एन्टिड्युरेटिक स्राव से पेशाब नियमन करना है ।
6. बड़ा मस्तिष्क एवं मस्तिष्क छाल : (Cerebellem and Cerebral Cortex) :
उत्तर :
ये उच्चस्तर की बोधात्मक एवं आवेगिक क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं । मस्तिष्क की छाल के बिना जटिल कारक हलनचलन प्रत्यक्षीकरण एवं वाणी क्रिया संभव नहीं है । बड़ा मस्तिष्क मानव मस्तिष्क का 2/3 भाग का बना हुआ है । मात्र 4 मि.मि. की मोटाई रखनेवाली मस्तिष्क छाल पूरे मस्तिष्क का आवरण बनी है । इसमें चेताकोष, चेताकीय संरचना तथा चेताक्षों के झूमकों का समावेश होता है । इसके द्वारा सुग्रथित व्यवहार, कल्पना, प्रतीक, सहचर्य इच्छाएँ तथा तरंगें जैसी मानसिक क्रियाएँ संभव है । बड़े मस्तिष्क के दो गोलार्थों में अलग-अलग बोधात्मक तथा आवेगिक क्रियाएँ होती है । दोनों में समानता होने के बाद भी बाया गोलार्ध ज्यादा प्रभावशाली होता है, जो दाहिने भाग के अवयवों का नियंत्रण करता है । वाणी नियंत्रण भी इसी के द्वारा होता है ।
3. निम्न प्रश्नों का दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिये ।
प्रश्न 1.
मस्तिष्क स्कन्ध का कार्य लिजिये ।
उत्तर :
यह श्वसन क्रिया, हृदय की गति, चलना एवं निंद की क्रिया का नियंत्रण करता है ।
प्रश्न 2.
भाषा के महत्त्व को समझाईये ।
उत्तर :
भाषा मानव-मानव के बीच की आंतरक्रिया को प्रभावित करती है । भाषा सांस्कृतिक विकास का आधार स्तंभ है तथा दूसरों के साथ प्रत्यायन करने का माध्यम है ।
प्रश्न 3.
मस्तिष्क की छाल के कार्य लिखिये ।
उत्तर :
यह बोधात्मक एवं आवेगिक क्रियाओं का नियंत्रण करती है । कोई भी जटिलकारक हलनचलन प्रत्यक्षीकरण एवं वाणी क्रिया इसके बिना संभव नहीं है ।
प्रश्न 4.
थेलेमस का कार्य लिखिये ।
उत्तर :
यह मस्तिष्क के दो गोलार्थों के बीच होने से दृष्टि, श्रवण, दबाव, पीड़ा जैसे संवेदनों के संकेतों को ग्रहण करके मस्तिष्क की छाल के निश्चित क्षेत्र को भेजता है इसलिए इसे रीलेस्टेशन भी कहते हैं ।
प्रश्न 5.
मस्तिष्क के अग्रखण्ड के कार्य लिखिये ।
उत्तर :
यह मस्तिष्क में सबसे आगे कारक नियंत्रण एवं बोधात्मक क्रियाओं से जुड़ा है । यह विचार, निर्णय एवं चेतन प्रक्रियाओं से भी जुड़ा हुआ है ।
प्रश्न 6.
जनीन तत्त्वों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर :
बालक के जन्म के समय माता-पिता द्वारा प्राप्त विशिष्ट जनीनतत्त्व का संयोजन अनुवंश प्रदान करता है । माता-पिता के द्वारा प्राप्त 23-23 रंगसूत्रों में हजारों की संख्या में जनीनतत्त्व प्राप्त होते है जो DNA के रूप में रसायनिक परमाणु के बने होते हैं । इन्हीं के द्वारा शारीरिक रचना, क्षमता, बुद्धि एवं व्यवहारिक लक्षण प्राप्त होते हैं ।
प्रश्न 7.
मस्तिष्क के गोलार्थों का कार्य लिखिये ।
उत्तर :
बड़े मस्तिष्क के दो गोलार्ध अलग-अलग बोधात्मक तथा आवेगिक क्रियाओं में योगदान देते हैं । ये दोनों समान होने के बावजूद भी बाँया गोलार्ध अधिक प्रभावशाली होता है, जो शरीर के दाहिने भागों के अवयवों का नियमन करता है । इसके अलावा इनके विशिष्ट कार्य भी हैं । वाणी का नियंत्रण बाँया गोलार्ध के द्वारा होता है । दोनों गोलार्ध चेताक्षों के मेदमय आवरण युक्त सफेद झूमकों से जुड़े हैं ।
प्रश्न 8.
मस्तिष्क के मध्यखण्ड के कार्य को लिखिये ।
उत्तर :
मस्तिष्क के मध्यखण्ड में मस्तिष्क से आनेवाले सांवेदनिक संदेशा का नियंत्रण करता है तथा उसमें आये हुए कारक एवं पूर्वकारकों को क्षेत्रों एवं स्नायिक हलन-चलन का नियमन करता है ।
प्रश्न 9.
परानुकम्पी तंत्र की स्पष्टता कीजिये ।
उत्तर :
परानुकम्पी तंत्र का कार्य अनुकंपी तंत्र का विरोधी होने पर भी ये दोनों एकदूसरे के पूरक भी है । अनुकंपी तंत्र द्वारा उत्तेजित हृदय की गति श्वसन क्रिया रक्तप्रवाह को सामान्य करना है । शरीर का संतुलन बनाये रखने एवं दैनिक जीवन की सामान्य स्थिति बनाने में परानुकम्पी तंत्र का महत्त्वपूर्ण योगदान है ।
प्रश्न 10.
स्वादुपिण्ड के कार्य लिखिये ।
उत्तर :
यह छोटी आंत एवं जठर के बीच में आया हुआ है । इसका कार्य शरीर में इन्स्युलीन उत्पन्न करना एवं इन्स्युलीन एवं गुल्कागोन नामके स्रावों द्वारा खून में शर्करा की मात्रा को नियंत्रण करना है ।
प्रश्न 11.
एड्रिनल ग्रन्थि के कार्य लिखिये ।
उत्तर :
दोनों मूत्रपिण्डों के सहज उपर स्थित इसमें एपिनेफ्राईन एवं नोरऐपिनेफ्राईन रसस्राव संकट के समय में शरीर के अवयवों को रक्त पूर्ति करके शक्ति प्रदान कर शक्कर की मात्रा बढ़ाकर हृदयगति बढ़ाने का कार्य करता है ।
प्रश्न 12.
कंठग्रन्थि के कार्य को स्पष्ट कीजिये ।
उत्तर :
यह गले के नीचे आगे के भाग में स्थित है । तितली की आकारवाली इसमें थायेराक्सीन स्राव उत्पन्न कर शरीर की पाचन क्रिया को नियमन करती है ।
4. निम्न प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिये ।
प्रश्न 1.
मानव उत्क्रांति के सीमास्तंभों के नाम लिखिये ।
उत्तर :
मानव उत्क्रांति के सीमा स्तम्भ निम्न हैं :
- दो पैर होना
- मस्तिष्क का विकास
- भाषा का विकास ।
प्रश्न 2.
मानव शरीर में रंगसूत्रों की कितनी जोड़ियाँ होती है ?
उत्तर :
मानव शरीर में रंगसूत्रों की 23-23 जोड़ी कुल 46 होती है ।
प्रश्न 3.
DNA का मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर :
DNA का मुख्य कार्य प्रोटीन का रसायनिक उत्पादन करने का है ।
प्रश्न 4.
स्वयं संचालित चेतातंत्र के मुख्य भाग कौन-से है ?
उत्तर :
- अनुकंपीतंत्र एवं
- परानुकंपी तंत्र ।
प्रश्न 5.
पुख्त व्यक्ति के मस्तिष्क का वजन कितना होता है ?
उत्तर :
पुख्त व्यक्ति के मस्तिष्क का वजन 1.36 Kg होता है ।
प्रश्न 6.
शरीर के हलनचलन का नियमन एवं संकलन कौन करता है ?
उत्तर :
छोटा मस्तिष्क शरीर के हलन-चलन एवं संकलन का कार्य करता है ।
प्रश्न 7.
ऐमिगडाला की क्या भूमिका है ?
उत्तर :
एमिगडाला आक्रमकता के समय महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है ।
प्रश्न 8.
भयजनक आपत्तिकाल की परिस्थिति में कौन-सा तंत्र मदद करता है ?
उत्तर :
उपरोक्त परिस्थिति में अनुकंपी तंत्र मददरूप बनता है ।
प्रश्न 9.
कंठग्रन्थि में कौन-सा स्राव उत्पन्न होता है ?
उत्तर :
कंठ ग्रन्थि में थाईरोक्सीन स्राव उत्पन्न होता है ।
प्रश्न 10.
रक्त में शर्करा के प्रमाण के नियंत्रण के लिए कौन-सा इन्जक्शन लेना पड़ता है ?
उत्तर :
रक्त में शक्कर के प्रमाण को नियंत्रण करने के लिए ईन्स्युलीन का इन्जेक्शन लेना पड़ता है ।
प्रश्न 11.
स्त्री के प्रजनन कोष को क्या कहते हैं ?
उत्तर :
स्त्री के प्रजनन कोष को स्त्री बीज या अण्डकोष कहते हैं ।
प्रश्न 12.
पुरुष के प्रजनन कोष का नाम क्या है ?
उत्तर :
पुरुष के प्रजनन कोष को शुक्राणु कहते हैं ।
प्रश्न 13.
xx रंगसूत्र से बालक की जाति क्या होगी ?
उत्तर :
xx रंगसूत्र के मिलन से बालक की जाति लड़की होगी ।
प्रश्न 14.
xy के रंगसूत्र के संयोग से बालक की क्या जाति होगी ?
उत्तर :
xy के रंगसूत्र की जोड़ी या संयोग से बालक की जाति लड़का होगा ।
प्रश्न 15.
बालक लड़का जाति का हो उसमें पुरुष या स्त्री किसकी भूमिका है ?
उत्तर :
बालक की जाति लड़का होने का श्रेय पुरुष का है क्योंकि उसमें x एवं y दोनों रंगसूत्र होते हैं ।
प्रश्न 16.
अंतरस्राव ग्रन्थि तंत्र किस ग्रन्थि का बना है ?
उत्तर :
अंतस्रावी ग्रन्थि तंत्र नलिका रहित ग्रन्थियों का बना हुआ है, जो सीधा रक्त में मिलता है ।
5. निम्न प्रश्नों के उत्तर योग्य विकल्प पसंद करके लिखिये ।
प्रश्न 1.
हमारे पूर्वजों के द्वारा प्राप्त शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक लक्षणों के अध्ययन को क्या कहा जायेगा ?
(अ) नृवंशशास्त्र
(ब) प्रजोत्पत्तिशास्त्र
(क) मनोविज्ञान
(ड) जीवशास्त्र
उत्तर :
(ब) प्रजोत्पत्तिशास्त्र
प्रश्न 2.
गर्भाधान के समय रंगसूत्रों की कितनी जोड़ी होती है ?
(अ) 46
(ब) 22
(क) 23
(ड) 47
उत्तर :
(क) 23
प्रश्न 3.
मानव शरीर के प्रजनन कोषों में कितने रंगसूत्र होते है ?
(अ) 22
(ब) 23
(क) 46
(ड) 47
उत्तर :
(ब) 23
प्रश्न 4.
वयस्क व्यक्ति के मस्तिष्क का वजन कितना होता है ?
(अ) 3.61 Kg
(ब) 1.36 Kg
(क) 2.63 Kg
(ड) 2.00 Kg
उत्तर :
(ब) 1.36 Kg
प्रश्न 5.
ज्ञानेन्द्रियों से प्राप्त सांवेदनिक संकेतों को मस्तिष्क तक कौन पहुँचाता है ?
(अ) छोटा मस्तिष्क
(ब) बड़ा मस्तिष्क
(क) थेलेमस
(ड) सीमावर्ती तंत्र
उत्तर :
(क) थेलेमस
प्रश्न 6.
अन्ताव ग्रन्थियों का नियमन किसके द्वारा होता है ?
(अ) थेलेमस
(ब) हाईपोथेलेम्स
(क) करोड़रज्जु
(ड) मस्तिष्क स्कन्ध
उत्तर :
(ब) हाईपोथेलेम्स
प्रश्न 7.
वाणी एवं श्रवण प्रतिक्रिया का नियंत्रण मस्तिष्क के कौन से खण्ड में होता है ?
(अ) अग्रखण्ड
(ब) पश्वखण्ड
(क) निम्नखण्ड
(ड) मध्यखण्ड
उत्तर :
(क) निम्नखण्ड
प्रश्न 8.
मस्तिष्क का कौन-सा भाग स्मृति में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है ?
(अ) हिपोकेम्पस
(ब) एमिगडाला
(क) थेलेमस
(ड) हाईपोथेलेम्स
उत्तर :
(अ) हिपोकेम्पस
प्रश्न 9.
भयजनक या आपातकाल में कौन-सा तंत्र मददरूप होता है ?
(अ) स्वयं संचालित चेतातंत्र
(ब) केन्द्रिय चेतातंत्र
(क) परानुकम्पी तंत्र
(ड) अनुकंपी तंत्र
उत्तर :
(ड) अनुकंपी तंत्र
प्रश्न 10.
कंठग्रन्थि से कौन-सा स्राव निकलता है ?
(अ) आक्सिटोसीन
(ब) वेसोप्रेसीन
(क) थाइरेक्सीन
(ड) लेक्टोजेनिक
उत्तर :
(क) थाइरेक्सीन
प्रश्न 11.
कौन-सी ग्रन्थि को सर्वोपरि ग्रन्थि कहते हैं ?
(अ) कंठग्रन्थि
(ब) स्वादुपिण्ड
(क) मस्तिष्क ग्रन्थि
(ड) जातीय ग्रन्थि
उत्तर :
(क) मस्तिष्क ग्रन्थि
प्रश्न 12.
पुरुषों में किस रसस्राव से जातीय प्रेरणा उत्पन्न होती है ? ।
(अ) टेस्टोस्टेरोन
(ब) बीजाषय
(क) ईस्ट्रोजोन
(ड) थाईरेक्सीन
उत्तर :
(अ) टेस्टोस्टेरोन
प्रश्न 13.
स्वयं संचालित चेतातंत्र का दूसरा नाम क्या है ?
(अ) शारीरिक तंत्र
(ब) अनिच्छावर्ती तंत्र
(क) अनुकंपी तंत्र
(ड) परानुकंपी तंत्र
उत्तर :
(ब) अनिच्छावर्ती तंत्र
प्रश्न 14.
किस भाग को चोट लगने से लकवा का प्रभाव हो सकता है ?
(अ) परिधिवर्ती चेतातंत्र
(ब) करोड़रज्जु
(क) निम्नखण्ड
(ड) छोटा मस्तिष्क
उत्तर :
(ब) करोड़रज्जु
प्रश्न 15.
उत्क्रांति से अबतक मस्तिष्क विकास में कितने भाग देख्ने जा सकते हैं ?
(अ) दो
(ब) तीन
(क) चार
(ड) पाँच
उत्तर :
(ब) तीन
प्रश्न 16.
स्त्री के प्रजनन कोष को क्या कहते हैं ?
(अ) मूत्रपिण्ड
(ब) अण्डकोष
(क) जातीय ग्रन्थि
(ड) शुक्रपिण्ड
उत्तर :
(ब) अण्डकोष