Gujarat Board GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 3 सच्चा हीरा Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 7 Hindi Chapter 3 सच्चा हीरा
GSEB Solutions Class 7 Hindi सच्चा हीरा Textbook Questions and Answers
सच्चा हीरा अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
चौथी स्त्री का बेटा, सचमुच हीरा था। क्यों?
उत्तर :
चौथी स्त्री का बेटा बहुत ही सीधा-सादा और सरल स्वभाव का था। सिर पर पानी से भरा घड़ा उठाए ला रही माँ को उसने अनदेखा नहीं किया। वह माँ के पास गया और घड़े को उसके सिर से उतारकर अपने सिर पर रख लिया।
घड़ा लेकर वह घर की तरफ चल पड़ा। इस तरह अपनी माँ के प्रति सच्चा सेवा-भाव दिखाकर उसने खुद को सच्चा हीरा साबित कर दिया।
प्रश्न 2.
अपने घर में आप माता-पिता को कौन-कौन से काम में मदद करते हैं?
उत्तर :
मैं माँ के कहने पर बाजार से चीजें खरीद लाता हूँ। इन चीजों में शाक-सब्जी, दवाएँ, फल तथा अन्य वस्तुएँ होती हैं। घर की साफ-सफाई में भी माँ की मदद करता हूँ। पिताजी के लिखे पत्र डाकखाने की पत्र-पेटी में डाल आता हूँ।
धोबी के यहाँ से उनके कपड़े ले आता हूँ। उनके कहने के अनुसार खाने पीने की चीजें लाता हूँ। इस प्रकार घर में मैं अनेक कामों में अपने माता-पिता की मदद करता हूँ।
प्रश्न 3.
आदमी ‘सच्चा हीरा’ कैसे बन सकता है?
उत्तर :
आदमी में ज्ञान-गुण होना अच्छी बात है। उसका वीर होना भी प्रशंसनीय है। लेकिन यदि उसका ज्ञान आचरण में नहीं उतरता तो वह व्यर्थ है। कोरा ज्ञान किसीके उपयोग में नहीं आता। अपने ज्ञान और गुण को कर्म में उतारकर ही उन्हें सफल बनाया जा सकता है।
इस प्रकार कर्म करके, बड़ों की सेवा और जरूरतमंदों की मदद करके ही आदमी ‘सच्चा हीरा’ बन सकता है।
2. निम्नलिखित शब्दों के बाद में तुरंत आनेवाले शब्द का अर्थ शब्दकोश में से ढूँढ़कर लिखिए :
(1) बपौती
(2) व्यथा
(3) नियति
(4) प्रतिभा
(5) शौर्य
(6) रुचि
(7) बाँटना
(8) क्षमा
(9) उद्यान
(10) अमन
उत्तर :
(1) बप्पा – पिता
(2) व्यथातुर – पीड़ित
(3) नियतेंद्रिय – जितेंद्रिय
(4) प्रतिभाग- उत्पादनकर
(5) शौल्क – शुल्क संबंधी
(6) रुचित – मनचाहा
(7) बाँटा – हिस्सा
(8) क्षमालु – क्षमा करनेवाला
(9) उद्यानिकी – बाग-बगीचे लगाने का काम
(10) अमनस्क – अनमना
3. कहानी की चर्चा करके छात्रों से लेखन करवाएँ :
राजा का बीमार पड़ना – वैद्य की असफलता – किसी अनुभवी बूढ़े की सलाह – किसी सुखी मनुष्य का कुर्ता पहनो – राजा का कुर्ता खोजने जाना – मेहनती किसान को देखना – सुख का राज़ समझना।
उत्तर :
सुख का रहस्य अथवा बीमारी का इलाज
चंद्रपुर इलाके के राजा कुंवरसिंहजी बड़े भाग्यवान थे। उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी, फिर भी एक बार वे बीमार पड़ गए। कई वैद्यों ने उनका इलाज किया, लेकिन कुंवरसिंहजी को कुछ फायदा नहीं हुआ।
राजा की बीमारी बढ़ती गई। सारे नगर में बात फैल गई। तब एक अनुभवी बूढ़े ने राजा के पास आकर कहा, “महाराज, आप किसी सुखी मनुष्य का कुर्ता पहनिए, अवश्य स्वस्थ हो जाएँगे।”
बूढ़े की बात सुनकर राजा ने सोचा, “इतने इलाज किए हैं तो एक और सही।”
राजा कुंवरसिंहजी सुखी मनुष्य की खोज में निकले। बहुत तलाश के बाद वे एक खेत में जा पहुँचे। जेठ की धूप में एक किसान अपने काम में लगा हुआ था। राजा ने उससे पूछा, “क्योंजी, तुम सुखी हो?” किसान ने विनय से कहा, “ईश्वर की कृपा से मुझे कोई दुःख नहीं है।”
यह सुनकर राजा का अंग-अंग पुलकित हो उठा। उस किसान का कुर्ता माँगने के लिए ज्यों ही उन्होंने उसके शरीर की ओर देखा, उन्हें मालूम हुआ कि किसान सिर्फ धोती पहने हुए है और उसकी सारी देह पसीने से तर है।
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तुरंत राजा समझ गया कि कठिन श्रम करने के कारण ही यह किसान सुखी है। राजा ने आराम-चैन छोड़कर परिश्रम करने का संकल्प किया। थोड़े ही दिनों में राजा की बीमारी दूर हो गई।
सीख : श्रम से ही स्वास्थ्य प्राप्त होता है और सच्चा सुख मिलता है।
4. निम्नलिखित अपूर्ण कहानी को अपने शब्दों में [मौखिक एवं लिखित] पूर्ण कीजिए :
पुराने जमाने की बात है। कनकपुर देश के दरबारियों की ख्याति देश-विदेश में फैली हुई थी। उनकी बुद्धि की प्रशंसा सुनकर दूसरे देश के दरबारी उनकी परीक्षा लेने के लिए आए। उसके एक हाथ में असली फूलों की माला थी और दूसरे हाथ में नकली फूलों की माला थी। उसने दरबारियों से कहा, “श्रीमान क्या आप हाथ लगाये बिना बता सकेंगे कि इनमें से कौन-सी माला असली फूलों की है?” सभी दरबारी आश्चर्य में पड़ गये। दोनों मालाएँ बिलकुल समान लग रही थीं। दरबारी के प्रश्न का उत्तर देना मुश्किल था। पर आखिर एक बुद्धिमान दरबारी खड़ा हुआ…
उत्तर :
उसने कहा, “इसमें कौन-सी बड़ी बात है? इन दोनों मालाओं को सामने के उद्यान के एक पेड़ की डाल पर लटका दिया जाए।”
उस दरबारी की बात मानकर वे मालाएँ पेड़ की डाल पर लटका दी गईं। कुछ ही समय में भन-भन-भन करती हुई मधुमक्खियाँ आईं और एक माला पर बैठ गईं। दूसरी माला के पास एक भी मक्खी नहीं गई।
यह देखकर दरबारी ने कहा, “जिस माला पर मधुमक्खियाँ बैठी, वह असली फूलों की माला है। दूसरी नकली फूलों की माला है।”
उस दरबारी की बुद्धि की सबने प्रशंसा की। दूसरे देश के दरबारी ने भी कनकपुर के दरबारी का लोहा मान लिया। इससे कनकपुर के दरबार की ख्याति और भी बढ़ गईं।
5. निम्नलिखित कहानी का सारांश लिखिए :
नंदवन में एक छोटा सा तालाब था। तालाब के शीतल जल में राजहंस रहता था। वह बड़ा सुंदर था। उसी तालाब के पासवाले पेड़ पर दुष्ट कौआ रहता था। वह राजहंस की सुंदरता पर ईर्ष्या करता था।
एक दिन शिकारी थका हुआ तालाब के पास आया। उसने तालाब से पानी पिया और पेड़ के नीचे विश्राम करने लगा। उसे नींद आ गई। कुछ देर बाद शिकारी के मुँह पर धूप आने लगी। राजहंस को दया आ गई। राजहंस ने वृक्ष पर बैठकर अपने पंख फैला दिये। जिससे शिकारी के मुंह पर छाया आ गई। कौए से हंस की भलाई और शिकारी की सुखद नींद देखी नहीं गई।
उसने शिकारी को परेशान करने का सोचा, ताकि शिकारी हंस को मार डाले। कौआ उड़ता हुआ शिकारी के पास गया और उसके सिर पर चोंच मारी और उड़कर दूर जा बैठा। शिकारी तुरंत जाग गया और क्रुद्ध हो गया। उसने पेड़ पर देखा तो राजहंस पंख फैलाए बैठा था। शिकारी ने सोचा, यह कार्य इसी हंस का है। उसने राजहंस को मारने के लिए बाण चलाया, लेकिन राजहंस उसकी आवाज़ सुनकर उड़ गया।
उत्तर:
सारांश एक दिन एक शिकारी एक पेड़ के नीचे सो रहा था। ज्यों ही उसके मुँह पर धूप आने लगी, एक राजहंस ने अपने पंख फैला दिए, ताकि शिकारी के मुँह पर धूप न आए। यह देखकर राजहंस से ईर्ष्या करनेवाला कौआ शिकारी के सिर में चोंच मारकर उड़ गया।
शिकारी उठा और गुस्से में आकर बाण चला रहा था कि इसके पहले ही राजहंस उड़ गया। राजहंस को मरवाने की कौए की युक्ति धरी की धरी रह गई।
सच्चा हीरा स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
पहली स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा कैसे की?
उत्तर :
पहली स्त्री ने कहा कि मेरा बेटा लाखों में एक है। उसका कंठ बहुत मधुर है। वह बहुत अच्छा गाता है। उसके गीत को सुनकर कोयल और मैना भी चुप हो जाती है। लोग बड़े चाव से उसका गीत सुनते हैं। भगवान सबको मेरे जैसा बेटा दे।
इस प्रकार पहली स्त्री ने अपने गायक बेटे की प्रशंसा की।
प्रश्न 2.
दूसरी स्त्री ने अपने बेटे की तारीफ़ में क्या कहा?
उत्तर :
दूसरी स्त्री ने अपने बेटे की तारीफ़ में कहा कि उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता। वह बहुत ही शक्तिशाली है। वह बड़े-बड़े बहादुरों को भी पछाड़ देता है। वह आधुनिक युग का भीम है।
इस प्रकार दूसरी स्त्री ने अपने बेटे के बल का बखान किया।
प्रश्न 3.
तीसरी स्त्री ने अपने बेटे की विशेषता में क्या कहा?
उत्तर :
तीसरी स्त्री ने कहा कि मेरा बेटा साक्षात् बृहस्पति का अवतार है। वह जो कुछ पढ़ता है, उसे एकदम याद कर लेता है। ऐसा लगता है मानो उसके कंठ में सरस्वती का निवास हो। इस प्रकार तीसरी स्त्री ने अपने बेटे की बुद्धि की तारीफ की।
प्रश्न 4.
चौथी स्त्री ने अपने बेटे का परिचय कैसे दिया?
उत्तर :
चौथी स्त्री ने कहा कि मेरा बेटा तो एक साधारण लड़का है। वह न तो गंधर्व-सा गायक है, न भीम-सा बलवान और न बृहस्पति-सा बुद्धिमान। मैं उसकी प्रशंसा कैसे करूँ? इस प्रकार चौथी स्त्री ने एक सीधे-सादे लड़के के रूप में अपने बेटे का परिचय दिया।
2. निम्नलिखित उक्ति कौन, किसे कहता है, लिखिए :
(1) “यही सच्चा हीरा है।”
(2) “माँ, लाओ, मैं तुम्हारा घड़ा पहुँचा दूं।”
(3) “सुनो, मेरा हीरा गा रहा है।”
(4) “देखो, यही है मेरी गोद का हीरा।”
(5) “देखो, वह मेरा लाड़ला बेटा आ रहा है।”
उत्तर :
(1) एक वृद्ध महिला चारों स्त्रियों से कहती है।
(2) चौथी स्त्री का बेटा माँ से कहता है।
(3) पहली स्त्री अन्य स्त्रियों से कहती है।
(4) तीसरी स्त्री अन्य स्त्रियों से कहती है।
(5) दूसरी स्त्री अन्य स्त्रियों से कहती है।
सच्चा हीरा भाषा-सज्जता
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए :
(1) हम भी तुम्हारे साथ चलते हैं।
(2) आज स्कूल में छुट्टी है।
(3) रमेश बाग में खेलता है।
उत्तर :
(1) चलते हैं
(2) छुट्टी है
(3) खेलता है
उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित किए गए ‘चलते हैं’, ‘छुट्टी है’, ‘खेलता है’ – ये शब्द क्रिया हो रही है, ऐसा बोध कराते हैं।
क्रिया के जिस रूप से क्रिया होती है या हो रही हो, ऐसा बोध होता हो, उसे ‘वर्तमानकाल’ कहते हैं।
निम्नलिखित वाक्यों में से ‘वर्तमानकाल’ की जानकारी देनेवाले शब्द को रेखांकित कीजिए:
(1) मैंने उसे फूल दिया।
(2) मैं बाज़ार जाता हूँ।
(3) बच्चे मेदान में खेल रहे हैं।
(4) चूहे उछल-कूद कर रहे थे।
(5) वह विद्यालय जा रहा है।
(6) हम प्रयाग जायेंगे।
उत्तर :
(1) मैंने उसे फूल दिया।
(2) मैं बाज़ार जाता हूँ।
(3) बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।
(4) चूहे उछल-कूद कर रहे थे।
(5) वह विद्यालय जा रहा है।
(6) हम प्रयाग जाएँगे।
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए :
(1) मीना कल मुंबई गई।
(2) हेमंत ने पत्र लिखा।
(3) माँ ने दीया जलाया।
(4) गीता ने पानी पिया।
उत्तर :
(1) मीना कल मुंबई गई।
(2) हेमंत ने पत्र लिखा।
(3) माँ ने दीया जलाया।
(4) गीता ने पानी पिया।
उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित किए गए शब्द ‘गई’, ‘लिखा’, ‘जलाया’, ‘पिया’ – क्रिया पूरी हो गई है, ऐसा बोध कराते हैं।
क्रिया के जिस रूप से क्रिया हो गई है, ऐसा बोध होता हो, उसे ‘भूतकाल’ कहते हैं।
निम्नलिखित वाक्यों में ‘भूतकाल’ की जानकारी देनेवाले शब्द को रेखांकित कीजिए :
(1) मैंने उसे फल दिए।
(2) पिताजी अखबार पढ़ रहे थे।
(3) गांधीनगर गुजरात में है।
(4) ये चित्र आपको कल दूंगा।
(5) यहाँ अक्सर सूखा पड़ता है।
(6) हम पहले सुरत में रहते थे।
(7) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है।
उत्तर :
(1) मैंने उसे फल दिए।
(2) पिताजी अख़बार पढ़ रहे थे।
(3) गांधीनगर गुजरात में है।
(4) ये चित्र आपको कल दूंगा।
(5) यहाँ अक्सर सूखा पड़ता है।
(6) हम पहले सुरत में रहते थे।
(7) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है।
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए :
(1) अब्दुल कल आएगा।
(2) लड़के शाम को खेलेंगे।
(3) मीना गुड़िया खरीदेगी।
(4) डाकिया डाक लाएगा।
उत्तर :
(1) अब्दुल कल आएगा।
(2) लड़के शाम को खेलेंगे।
(3) मीना गुड़िया खरीदेगी।
(4) डाकिया डाक लाएगा।
उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित किए गए शब्द ‘आएगा’, ‘खेलेंगे’, ‘खरीदेगी’, ‘लाएगा’ – क्रिया होनेवाली है, ऐसा बोध कराते हैं।
क्रिया के जिस रूप से क्रिया होनेवाली हो, ऐसा बोध होता हो, उसे ‘भविष्यकाल’ कहते हैं।
प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में से ‘भविष्यकाल’ की जानकारी देनेवाले शब्द को रेखांकित कीजिए :
(1) माली बाग में से फूल चुनेगा।
(2) हम हिन्दी सीखते हैं।
(3) पिंकल कल कहानी की किताब लाएगी।
(4) मैं शिक्षक बनूँगा।
(5) कोमल छठी कक्षा की छात्रा थी।
(6) अनिल कल पतंग उड़ाएगा।
(7) मैं बस में जा रहा था।
उत्तर :
(1) माली बाग में से फूल चुनेगा।
(2) हम हिन्दी सिखते हैं।
(3) पिंकल कल कहानी की किताब लाएगी।
(4) मैं शिक्षक बनूँगा।
(5) कोमल छठी कक्षा की छात्रा थी।
(6) अनिल कल पतंग उड़ाएगा।
(7) मैं बस में जा रहा था।
क्रिया के जिस रूप से क्रिया के समय, उसकी पूर्णता या अपूर्णता का बोध हो, उसे काल कहते हैं।
काल के प्रमुख तीन भेद हैं :
- वर्तमानकाल
- भूतकाल
- भविष्यकाल
2. निम्नलिखित वाक्यों से जिस काल का पता चलता हो, उनके सामने उस काल का नाम लिखिए :
(1) रोशनी ने कहानी सुनाई।
(2) हम परसों घूमने जाएंगे।
(3) पिताजी के जूते खो गए।
(4) मैं दादाजी के साथ मंदिर जाता हूँ।
(5) अनिता सातवीं कक्षा में पढ़ती है।
(6) मैं किताबें खरीदूंगी।
(7) बेटी पढ़-लिखकर दुनिया घूमेगी।
(8) हरि, रहीम से बात कर रहा था।
(9) मेरे पैरों में दर्द हो रहा था।
उत्तर:
(1) रोशनी ने कहानी सुनाई। – भूतकाल
(2) हम परसों घूमने जाएंगे। – भविष्यकाल
(3) पिताजी के जूते खो गए। – भूतकाल
(4) मैं दादाजी के साथ मंदिर जाता हूँ। – वर्तमानकाल
(5) अनिता सातवीं कक्षा में पढ़ती है। – वर्तमानकाल
(6) मैं किताबें खरीदूंगी। – भविष्यकाल
(7) बेटी पढ़-लिखकर दुनिया घूमेगी। – भविष्यकाल
(8) हरि, रहीम से बात कर रहा था। – भूतकाल
(9) मेरे पैरों में दर्द हो रहा था। – भूतकाल
3. निम्नलिखित शब्दों से उदाहरण अनुसार वर्तमानकाल, भूतकाल और भविष्यकाल का एक-एक वाक्य बनाइए:
उदाहरण : खेलना
- वर्तमानकाल – मैं खेलता हूँ।
- भूतकाल – मैं खेलता था।
- भविष्यकाल – मैं खेलूँगा।
शब्द : (1) पढ़ना
(2) ऊड़ेलना
(3) बटोरना
(4) लिखना
(5) सहलाना
(6) सराहना
उत्तर :
वर्तमानकाल-
(1) मैं पढ़ता हूँ।
(2) मैं उडेलता हूँ।
(3) मैं बटोरता हूँ।
(4) मैं लिखता हूँ।
(5) मैं सहलाता हूँ।
(6) मैं सराहता हूँ।
भूतकाल –
(1) मैं पढ़ता था।
(2) मैं उडेलता था।
(3) मैं बटोरता था।
(4) मैं लिखता था।
(5) मैं सहलाता था।
(6) मैं सराहता था।
भविष्यकाल –
(1) मैं पढूँगा।
(2) मैं उडेलूँगा।
(3) मैं बटोरूँगा।
(4) मैं लिखूगा।
(5) मैं सहलाऊँगा।
(6) मैं सराहूँगा।
योग्यता विस्तार
- पुस्तकालय में से ध्रुव, प्रह्लाद, श्रवण, नचिकेता आदि की कहानियों की पुस्तकें पढ़िए।
- हमारे देश के महान सपूतों जैसे : गाँधी जी, स्वामी विवेकानंद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, इंदिरा गाँधी, रानी लक्ष्मीबाई, डॉ. विक्रम साराभाई आदि के बचपन के बारे में पुस्तकालय में जाकर जानकारी प्राप्त कीजिए।
- बालभारती, बालसृष्टि, बालतरंग और चांदामामा जैसी पत्रिकाएँ पढ़िए।
- पुनीत महाराज रचित ‘मा-बाप ने भूलशो नहीं’ गुजराती गीत का गान कीजिए या टेपरिकार्डर के द्वारा सुनाइए।
Hindi Digest Std 7 GSEB सच्चा हीरा Important Questions and Answers
सच्चा हीरा विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
कुएँ के चारों ओर बनी ऊँची भूमि को क्या कहते हैं?
A. जगत
B. टेकरी
C. बावड़ी
D. बैठक
उत्तर :
A. जगत
प्रश्न 2.
देवताओं के गुरु कौन हैं?
A. नारद
B. वाचस्पति
C. वनस्पति
D. बृहस्पति
उत्तर :
D. बृहस्पति
प्रश्न 3.
विद्या की देवी कोन है?
A. महाकाली
B. महालक्ष्मी
C. सरस्वती
D. दुर्गादेवी
उत्तर :
C. सरस्वती
प्रश्न 4.
‘प्रकृति’ शब्द का अर्थ है –
A. अभाव
B. स्वभाव
C. प्रभाव
D. लगाव
उत्तर :
B. स्वभाव
प्रश्न 5.
चारों औरतों के पीछे आनेवाली महिला कैसी थी?
A. काली
B. गोरी
C. युवती
D. वृद्धा
उत्तर :
D. वृद्धा
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (बृहस्पति, श्लोकों, आश्चर्य, बेटों, नीड़, चाव, भीम)
(1) पक्षी चहचहाते हुए अपने ………………………………………………….. की ओर जा रहे थे।
(2) बातचीत करते-करते बात ………………………………………………….. पर जा पहुंची।
(3) लोग बड़े ………………………………………………….. से उसका गीत सुनते हैं।
(4) वह आधुनिक युग का ………………………………………………….. है।
(5) मेरा बेटा साक्षात् ………………………………………………….. का अवतार है।
(6) तीसरी स्त्री का बेटा उधर से संस्कृत के ………………………………………………….. का पाठ करता हुआ निकला।
(7) तीनों औरतें बड़े ही ………………………………………………….. से चौथी स्त्री के बेटे को देखती रहीं।
उत्तर :
(1) पक्षी चहचहाते हुए अपने नीड़ की ओर जा रहे थे।
(2) बातचीत करते-करते बात बेटों पर जा पहुँची।
(3) लोग बड़े चाव से उसका गीत सुनते हैं।
(4) वह आधुनिक युग का भीम है।।
(5) मेरा बेटा साक्षात् बृहस्पति का अवतार है।
(6) तीसरी स्त्री का बेटा उधर से संस्कृत के श्लोकों का पाठ करता हुआ निकला।
(7) तीनों औरतें बड़े ही आश्चर्य से चौथी स्त्री के बेटे को देखती रहीं।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
पहली स्त्री ने अपने बेटे को लाखों में एक कहा, क्योंकि…
(अ) वह बड़े-बड़े बहादुरों को पछाड़ देता था।
(ब) उसके कंठ में सरस्वती का निवास था।
(क) लोग उसके गीत बड़े चाव से सुनते थे।
उत्तर :
पहली स्त्री ने अपने बेटे को लाखों में एक कहा, क्योंकि लोग उसके गीत बड़े चाव से सुनते थे।
प्रश्न 2.
दूसरी स्त्री ने अपने बेटे को आधुनिक युग का भीम बताया, क्योंकि…
(अ) बहुत-से लोग उसकी कुश्ती देखने आते थे।
(ब) वह बड़े-बड़े बहादुरों को पछाड़ देता था।
(क) वह हमेशा गदा लेकर चलता था।
उत्तर :
दूसरी स्त्री ने अपने बेटे को आधुनिक युग का भीम बताया, क्योंकि वह बड़े-बड़े बहादुरों को पछाड़ देता था।
प्रश्न 3.
तीसरी स्त्री ने अपने बेटे को बृहस्पति का अवतार बताया, क्योंकि…
(अ) वह जो कुछ पढ़ता था, एकदम याद कर लेता था।
(ब) उसे हाथी पर बैठने का शौक था।
(क) उसका जन्म गुरुवार को हुआ था।
उत्तर :
तीसरी स्त्री ने अपने बेटे को बृहस्पति का अवतार बताया, क्योंकि वह जो कुछ पढ़ता था, एकदम याद कर लेता था।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
सूर्यास्त के समय गाँव की कुछ स्त्रियाँ क्या करने चल पड़ीं?
उत्तर :
सूर्यास्त के समय गाँव की कुछ स्त्रियाँ पानी लेने के लिए घड़े लेकर कुएँ की ओर चल पड़ी।
प्रश्न 2.
कुएँ की जगत पर बैठी स्त्रियाँ किनके बारे में बातें करने लगीं?
उत्तर :
कुएँ की जगत पर बैठी स्त्रियाँ अपने-अपने बेटों के बारे में बातें करने लगीं।
प्रश्न 3.
दूसरी स्त्री ने अपने बेटे को क्या बताया?
उत्तर :
दूसरी स्त्री ने अपने बेटे को आधुनिक युग का भीम बताया।
प्रश्न 4.
तीसरी स्त्री का बेटा किसका अवतार था?
उत्तर :
तीसरी स्त्री का बेटा साक्षात् बृहस्पति का अवतार था।
प्रश्न 5.
चौथी स्त्री का बेटा कैसा लग रहा था?
उत्तर :
चौथी स्त्री का बेटा बहुत ही सीधा-सादा और सरल प्रकृति का लग रहा था।
प्रश्न 6.
क्या देखकर तीनों स्त्रियों को आश्चर्य हुआ?
उत्तर :
चौथी स्त्री के बेटे का अपनी माँ के प्रति प्रेम और सेवाभाव देखकर तीनों स्त्रियों को आश्चर्य हुआ।
प्रश्न 7.
वृद्ध महिला ने सच्चा हीरा किसे बताया?
उत्तर :
वृद्ध महिला ने चौथी स्त्री के बेटे को सच्चा हीरा बताया।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
वृद्ध महिला की दृष्टि में पहली तीन स्त्रियों के बेटे सच्चे हीरे क्यों नहीं थे?
उत्तर :
पहली स्त्री का बेटा अच्छा गायक था। दूसरी स्त्री का बेटा शारीरिक बल में आधुनिक युग का भीम था। तीसरी स्त्री का बेटा विद्या-बुद्धि में बृहस्पति का अवतार था। उन तीनों स्त्रियों के पुत्रों में अपनी कोई-न-कोई विशेषता थी। परंतु उनमें वह गुण नहीं था जो चौथी स्त्री के पुत्र में था।
उनकी माताएं सिर पर पानी से भरे घड़े रखकर घर लौट रही थीं। तीनों पुत्रों ने अपनी-अपनी माताओं को देखा, पर चौथी स्त्री के बेटे की तरह उनकी मदद करने कोई नहीं आया। उनमें शिष्टता और सेवाभाव जैसे मूल्यवान गुणों का अभाव था। इसलिए वृद्ध महिला की दृष्टि में वे सच्चे हीरे नहीं थे।
प्रश्न 2.
चौथी स्त्री का बेटा वास्तव में एक ‘सच्चा हीरा’ था। कैसे?
उत्तर :
चौथी स्त्री का बेटा न गंधर्व-सा गायक था, न भीम-सा बलशाली और न बृहस्पति-सा बुद्धिमान। वह बहुत ही सीधा-सादा और सरल स्वभाव का लड़का था। उसमें किसी तरह का अहंकार नहीं था। उसमें नम्रता और सेवाभाव था।
तीनों बेटों ने सिर पर पानी के घड़े ले जा रही अपनी माताओं की उपेक्षा की। परंतु चौथे बेटे ने अपनी माँ के सिर से पानी का घड़ा उतारकर अपने सिर पर रखा और घर की ओर चल पड़ा। इस प्रकार नम्रता, सेवाभाव और कर्तव्यनिष्ठा के कारण चौथा बेटा वास्तव में ‘सच्चा हीरा’ था।
सच्चा हीरा प्रवृत्तियाँ
1. देश के किन्हीं तीन सच्चे हीरों के बारे में अपने मित्रों को जानकारी दीजिए और उनके फोटो प्राप्त कीजिए।
2. देश के सच्चे हीरों के मुख्य लक्षण बताइए।
उत्तर :
देश के सच्चे हीरों में आलस्य नहीं होता। वे आज का काम आज ही पूरा कर डालते हैं। काम में टालमटोल करना उन्हें नहीं आता। वे जो भी काम करते हैं, उसे पूरी लगन से करते हैं। वे किसी काम को अधूरा नहीं छोड़ते। वे सुनते सबकी हैं, पर करते अपने मन के अनुसार ही हैं।
अपना काम करने के लिए वे कभी दूसरों का मुँह नहीं ताकते। वे देश के लिए अपने प्राण तक न्योछावर करते हैं। इस प्रकार देश के सच्चे हीरे बड़े परिश्रमी, उत्साही, कर्तव्यनिष्ठ, परोपकारी और स्वावलंबी होते हैं।
सच्चा हीरा Summary in Gujarati
सच्चा हीरा સાચો હીરો
સૂર્ય આથમી રહ્યો હતો. પક્ષીઓ કલરવ કરતાં-કરતાં (પોતાના) માળા તરફ જઈ રહ્યાં હતાં. ગામની કેટલીક સ્ત્રીઓ પાણી ભરવા માટે ઘડા લઈને કૂવા તરફ ચાલી નીકળી. પાણી ભરીને કેટલીક સ્ત્રીઓ તો પોતાને ઘેર જતી રહી, પરંતુ તેમાંની ચાર, કૂવાના ચબૂતરા પર બેસીને આડીઅવળી વાતો કરવા લાગી. વાતચીત કરતાં-કરતાં વાત પુત્રો વિશે થવા લાગી. તેઓમાંથી એક સ્ત્રીની ઉંમર સૌથી મોટી લાગતી હતી. તે કહેવા લાગી,
“ભગવાન સૌને મારા દીકરા જેવો દીકરો આપે. મારો દીકરો લાખોમાં એક છે. એનો કંઠ ખૂબ મધુર છે. તે ખૂબ સારું ગાય છે. તેનાં ગીતો સાંભળીને કોયલ અને મેના પણ ચૂપ થઈ જાય છે! લોકો ખૂબ પ્રેમથી તેનાં ગીત સાંભળે છે.”
તેની વાત સાંભળીને બીજી સ્ત્રીને મને થયું કે તે પણ પોતાના દીકરાની પ્રશંસા કરે. તેણે પહેલી સ્ત્રીને કહ્યું, “મારા દીકરાની બરાબરી કોઈ કરી શકે નહિ. તે ખૂબ જ શક્તિશાળી અને બહાદુર છે. તે મોટામોટા બહાદુરોને પણ પછાડી દે છે. તે આધુનિક યુગનો ભીમ છે.”
આ બધું સાંભળીને ત્રીજી સ્ત્રી કેમ ચૂપ રહે? તે બોલવા લાગી, “મારો પુત્ર સાક્ષાત્ બૃહસ્પતિનો અવતાર છે. તે જે કાંઈ વાંચે છે તે એકદમ યાદ કરી લે છે. એવું લાગે છે જાણે તેના કંઠમાં સરસ્વતીનો નિવાસ હોય.”
ત્રણે સ્ત્રીઓની વાતો સાંભળીને ચોથી સ્ત્રી ચૂપચાપ બેસી રહી. તેણે પોતાના પુત્ર વિશે કાંઈ જ ન કહ્યું, પહેલી સ્ત્રીએ તેને ટોકતાં કહ્યું, “કેમ બહેન, તું ચૂપ કેમ છે? તું પણ તારા દીકરા વિશે કંઈક કહે.” ચોથી સ્ત્રીએ ખૂબ સહજભાવે કહ્યું, “હું મારા દીકરાની શી પ્રશંસા કરું? તે ગંધર્વ જેવો ગાયક નથી, ભીમ જેવો બળવાન નથી અને બૃહસ્પતિ જેવો બુદ્ધિમાન પણ નથી.”
થોડા સમય પછી જ્યારે તેઓ સો ઘડા માથે મૂકીને પાછી ફરવા લાગી ત્યારે કોઈ ગીતનો મધુર સ્વર સંભળાયો. તે સાંભળીને પહેલી સ્ત્રી બોલી, “સાંભળો, મારો હીરો ગાઈ રહ્યો છે. તમે લોકોએ સાંભળ્યું, તેનો કંઠ કેવો મધુર છે?”
તે છોકરો ગીત ગાતોગાતો તે રસ્તેથી પસાર થઈ ગયો.
તેણે પોતાની મા તરફ કશું ધ્યાન આપ્યું નહિ. એટલામાં બીજી સ્ત્રીનો દીકરો ત્યાંથી આવતો દેખાયો. બીજી સ્ત્રી તેને જોઈને ગર્વથી બોલી, “જુઓ, પેલો મારો લાડકો દીકરો આવી રહ્યો છે. શક્તિ અને સામર્થ્યમાં તેની બરાબરી કોણ કરી શકે એમ છે?” તે આમ કહી રહી હતી, તેટલામાં તેનો દીકરો તેના તરફ ધ્યાન આપ્યા વિના જ પસાર થઈ ગયો.
તે સ્ત્રીઓ થોડીક આગળ વધી ત્યાં તો એકાએક ત્રીજી સ્ત્રીનો દીકરો સંસ્કૃતના શ્લોકો બોલતો-બોલતો નીકળ્યો. તેના ઉચ્ચારણ પરથી એવું લાગી રહ્યું હતું જાણે કે તેના કંઠમાં સાક્ષાત્ સરસ્વતી બિરાજમાન હોય. ત્રીજી સ્ત્રીએ ગદ્ગદ્ સ્વરમાં કહ્યું, “જુઓ, આ જ છે મારા ખોળાનો હીરો. આને કોણ બૃહસ્પતિનો અવતાર નહિ કહે?” પરંતુ તેનો દીકરો પણ માની તરફ જોયા વગર જ આગળ નીકળી ગયો.
તે હજી થોડે જ દૂર ગયો હતો કે ચોથી સ્ત્રીનો દીકરો પણ અચાનક ત્યાંથી નીકળ્યો. તે દેખાવમાં ખૂબ જ સધો-સાદો અને સરળ સ્વભાવનો લાગતો હતો. તેને જોઈને ચોથી સ્ત્રીએ કહ્યું, “બહેન, આ જ મારો લાલ છે.”
ચોથી સ્ત્રી તેના વિશે કહી જ રહી હતી એટલામાં તેનો દીકરો પાસે આવી પહોંચ્યો. પોતાની માને જોઈને તે અટકી ગયો અને બોલ્યો, “મા, લાવો, હું તમારો ઘડો ઘેર પહોંચાડી દઉં.” ના પાડવા છતાં પણ તેણે માને માથેથી પાણીથી ભરેલો ઘડો ઉતારીને પોતાના માથે મૂક્યો અને ઘર તરફ ચાલવા લાગ્યો.
ત્રણે સ્ત્રીઓ ખૂબ નવાઈથી ચોથી સ્ત્રીના દીકરાને જોઈ રહી. એક વૃદ્ધ સ્ત્રી, જે ઘણી વારથી આ સ્ત્રીઓની પાછળ ચાલતી-ચાલતી એમની વાતો સાંભળી રહી હતી, પાસે આવીને બોલી, “શું જુઓ છો? આ જ “સાચો હીરો છે.”
सच्चा हीरा विषय – प्रवेश
कुछ लोगों के पास ज्ञान की कमी नहीं होती। परंतु किसी का दुःख या पीड़ा दूर करने में वे रुचि नहीं लेते। इसके विपरीत कुछ लोगों में विशेष ज्ञान या गुण नहीं होता, पर वे कर्मवीर होते हैं। उनमें ऊँचे दर्जे का सेवा – भाव होता है।
वास्तव में ऐसे सेवा – भाववाले कर्मवीर ही सच्चे हीरे हैं। सच्चा हीरा उसी व्यक्ति को कहा जा सकता है जो अपने ज्ञान और गुण को आचरण में लाता है।
सच्चा हीरा शब्दार्थ
- हीरा – नररत्न, बहुत ही अच्छा आदमी
- चहचहाना – पक्षियों का बोलना, चहकना
- नीड़ – घोंसला
- जगत – कुएँ का चबूतरा
- कंठ – गला, आवाज
- चाव – प्रबल इच्छा, लगन
- प्रशंसा – तारीफ
- बराबरी – तुलना, समता, समानता
- शक्तिशाली – बलवान
- पछाड़ना – हराना
- आधुनिक – अर्वाचीन, नवीन
- साक्षात् – प्रत्यक्ष
- बृहस्पति – देवों के गुरु
- सरस्वती – विद्या की देवी
- निवास – घर, रहने का स्थान
- टोकना – रोकना या पूछताछ करना
- सहज – सरल, नम्र
- गंधर्व – देवलोक के गायक
- हीरा – (यहाँ) अच्छा बेटा, नररत्न
- लाड़ला – प्यारा, दुलारा
- सामर्थ्य – बल, योग्यता
- श्लोक – संस्कृत
- काव्य – पंक्तियाँ
- उच्चारण – बोलना विराजमान
- होना – बैठना
- गद्गद् – भावपूर्ण
- प्रकृति – स्वभाव
- लाल – एक कीमती पत्थर, प्यारा बेटा
- वृद्ध – बूढ़ी
मुहावरे – अर्थ और वाक्य – प्रयोग
- इधर – उधर की बातें करना – गप्पें लगाना, व्यर्थ की बातचीत करना
वाक्य : इधर – उधर की बातें करते हुए तीनों मित्र घर लौट आए। - लाखों में एक होना – विशिष्ट होना
वाक्य : गाँधीजी जैसा नेता लाखों में एक होता है। - मन होना – इच्छा होना
वाक्य : दादीजी का मन रसगुल्ले खाने का हो गया। - बराबरी करना – मुकाबला करना।
वाक्य : हमारे गाँव के पहलवान की बराबरी कोई नहीं कर सकता। - पछाड़ देना – हरा देना, गिरा देना
वाक्य : दुबले – पतले युवक ने कुश्ती में पहलवान को पछाड़ दिया। - कंठ में सरस्वती का निवास होना – पढ़ाई – लिखाई में बहुत तेज़ होना
वाक्य : लड़की इतनी होशियार है जैसे उसके कंठ में सरस्वती का निवास हो। - गोद का हीरा – प्यारा बेटा
वाक्य : वह होनहार लड़का सचमुच अपनी माँ की गोद का हीरा था। - गद्गद् स्वर में कहना – अत्यंत आनंदित होकर कहना
वाक्य : माँ ने गद्गद् स्वर में कहा कि उसका बेटा लाखों में एक है। - सच्चा हीरा होना – अच्छा आदमी होना, प्रशंसा करनेलायक व्यक्ति होना
वाक्य : भारतमाता का हर सपूत सच्चा हीरा हैं।