Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 9 Social Science Chapter 16 जलवायु Textbook Exercise Important Questions and Answers.
जलवायु Class 9 GSEB Solutions Social Science Chapter 16
GSEB Class 9 Social Science जलवायु Textbook Questions and Answers
1. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
हिमालय भारत की रक्षा करनेवाली प्राकृतिक दीवाल हैं ।
उत्तर:
हिमालय पर्वतमाला काफी ऊँची होने से वहाँ अतिशय ठण्डी रहती हैं जिस कारण शत्रु राष्ट्र उसको पार करके भारत पर आक्रमण नहीं कर सकता ।
शीतऋतु में साईबेरीय से आनेवाली ठण्डी हवाओं को रोकता है, जिससे उत्तरी भारत को जमने से रोकता है ।
इस प्रकार हिमालय भारत की रक्षा करनेवाली प्राकृतिक दीवाल है ।
प्रश्न 2.
व्यापारिक पवनों (हवाएँ) को समझाइए ।
उत्तर:
भारत का उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र व्यापारिक पवनों के भाग में आया हुआ है ।
- ये पवनी उत्तरी गोलार्द्ध के उष्ण कटिबंधीय गुरुदाब पटे का भारी दबाव से उत्पन्न होती है ।
- ये पवनें पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण थोड़ा मुड़कर विषुवृत्तीय रेखा की ओर बहते हैं ।
- भूतकाल में समुद्री मार्ग द्वारा होनेवाले व्यापार में इन पवनों का लाभ लिया जाता था । इसलिए इन्हें व्यापारी पवनें कहते हैं ।
- सामान्य भू-भाग से उत्पन्न होकर बहनेवाले व्यापार में इन पवनों में नमी का अनुपात कम होता है; परंतु भारत के तीनों ओर
- विशाल समुद्री भाग को पार करने के कारण नमी धारण करती है और भारत में वर्षा लाती है ।
प्रश्न 3.
भारत के मौसम विभाग के कितने कार्यालय है ? नाम लिखो ।
उत्तर:
भारत के मौसम विभाग के 6 क्षेत्रीय कार्यालय है – चैन्नई, गुहाटी, कोलकाता, मुंबई, पुणे, नागपुर में है ।
प्रश्न 4.
नैऋत्य मानसूनी हवाएँ कितने भागों में बँटती है ?
उत्तर:
दक्षिण भारत के प्रायद्विपीय आकार के कारण नैऋत्य मानसूनी हवाएँ दो भागों में बँटती है ।
- अरब सागर पर से आनेवाली मानसूनी हवाएँ ।
- बंगाल की खाड़ी पर से आनेवाली मानसूनी हवाएँ ।
2. सूचनानुसार उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
समुद्रतल की ऊँचाई बढ़ने पर मौसम में क्या परिवर्तन होते है ?
उत्तर:
समुद्र की सतह से वातावरण में जैसे-जैसे ऊँचाई की तरफ जायें हवा का दबाव और हवा का तापमान घटता जाता है । जबकि भूपृष्ठ की ऊँचाई वर्षा में वृद्धि करती है ।। हिमालय पर्वत की ऊँचाई का कारण उसके अत्यंत ऊँचे शिखर बारहों महिने बर्फ से घिरे रहते हैं । नमीवाली हवा ऊँचाई पर जाने से ठंड़ी हो जाती है और वर्षा करती है । असम, मेघालय के पहाड़ी प्रदेशों में तो ऊँचाई बढ़ने के कारण साथ-साथ वर्षा की मात्रा बढ़ जाती है । सामान्य परिस्थिति में पृथ्वी की सतह से ऊँचाई की तरफ 165 मीटर पर 1° से अथवा 1000 मीटर पर 6.5° से तापमान घटता है।
प्रश्न 2.
‘अक्टूबर हीट’ अर्थात् क्या ?
उत्तर:
अक्टूबर-नवम्बर में उच्च तापमान तथा नमी की परिस्थिति के कारण दिन का मौसम व्याकुल कर देनेवाला हो जाता है । इसे अक्टूबर हीट कहते हैं ।
प्रश्न 3.
बंगाल की खाड़ी से आनेवाली मानसूनी हवाएँ भारत में किन-किन प्रदेशों में वर्षा करती है ?
उत्तर:
बंगाल की खाड़ी से आनेवाली मानसूनी हवाएँ पश्चिम बंगाल से प्रवेश करती है ।
- ये पवनें आगे बढ़कर मेघालय में खूब बारीस करती है । मेघालय की गारो, खासी, जंयतियाँ पहाड़ी ढलानों पर खूब वर्षा होती हैं ।
- पश्चिम की ओर मुडकर बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा तक के क्षेत्रों में बारीस करती है ।
प्रश्न 4.
जलवायु को प्रभावित करनेवाले कारण समझाइए ।
उत्तर:
भारत की जलवायु को प्रभावित करनेवाले तत्त्व निम्नानुसार है :
1. अक्षांश : पृथ्वी की सतह पर जलवायु के प्रकार अलग-अलग प्रदेशों के अक्षांश के अनुसार बदलते हैं । जलवायु में तत्त्वों का वितरण अधिकतर अक्षांशों पर आधारित होता है । दो अक्षांशों के बीच 111 किमी का अंतर होता है । विषुववृत रेखा के आसपास के प्रदेशों पर सूर्य की किरणें लगभग लंबवत् पड़ती है, इसीलिए वहाँ बारहों मास गरमी पड़ती है । भारत उष्ण कटिबंधीय और समशीतोष्ण कटिबंधीय दो जलवायुगत परिस्थिति में विभाजित है ।
2. समुद्र से दूरी : जलवायु को प्रभावित करनेवाला दूसरा कारक समुद्रीक्षेत्र से स्थलीय क्षेत्र की दूरी है । सूर्य की गरमी संग्रहित करने की तथा उसका आप-ले करने की शक्ति जमीन और पानी में अलग-अलग होती है । परिणामस्वरूप, समुद्र और उसके तटीय भूमि भागों पर समजलवायु होती है, जबकि किनारे से दूर अंदर के भागों की तरफ जाने पर भूमिखंडों की जलवायु विषम बनती है । भारत में मुंबई समुद्रतट पर होने से वहाँ समजलवायु रहती है, जबकि नागपुर या दिल्ली समुद्र से दूर होने से वहाँ की जलवायु विषम होती है ।
3. समुद्र-सतह से ऊँचाई : समुद्र की सतह से वातावरण में जैसे-जैसे ऊँचाई की तरफ जाएँ हवा का दबाव और हवा का तापमान घटता जाता है । जबकि भूपृष्ठ की ऊँचाई वर्षा में वृद्धि करती है । हिमालय पर्वत की ऊँचाई का कारण उसके अत्यंत ऊँचे शिखर बारहों महीने बर्फ से घिरे रहते हैं । नमीवाली हवा ऊँचाई पर जाने से ठंडी हो जाती है और वर्षा करती है । असम, मेघालय के पहाड़ी प्रदेशों में तो ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ वर्षा की मात्रा भी बढ़ती है । सामान्य परिस्थिति में पृथ्वी की सतह से ऊँचाई की तरफ 165 मीटर पर 1° से. अथवा 1000 मीटर पर 6.5° से. तापमान घटता है ।
4. आकार – किसी भी देश की जलवायु पर उसके आकार का बहुत प्रभाव पड़ता है । प्रायद्विपीय भारत के त्रिभुज आकार के कारण इसके तीनों ओर स्थित महासागर तथा समुद्रों का विशेष प्रभाव रहता है । उत्तर का मैदान तीव्र खंडीय परिस्थितिवाला है, वह समुद्र से दूर होने के कारण समुद्र के प्रभाव से वंचित रहता है ।
5. विशाल जल राशि – भारत के तीनों ओर सागर है । इस विशाल जल राशि के कारण उसके ऊपर से चलनेवाली हवायें भरपूर वाष्प का संग्रह करती है और उसका लाभ भारत को मिलता है । ये हवाएँ लगभग पूरे भारत में वर्षा करती है ।
6. ऊँचाई – ज्यों-ज्यों हम ऊँचाई पर जाते है त्यों-त्यों तापमान में कमी आती है अत: सामान्य मैदानों की तुलना में ऊँचे पहाड़ी स्थान ठंडे रहते है।
3. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर मुद्देवार लिखिए :
प्रश्न 1.
ऋतु परिवर्तन किन कारणों से होता है ? उचित आकृति द्वारा समझाइए ।
उत्तर:
ऋतु परिवर्तन के मुख्य कारणों में पृथ्वी का सूर्य के चारों और परिक्रमण और अपनी धुरी पर झुका होना है । पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5° झुकी है और कक्षा के साथ 66.5° का कोण बनाती है । पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण ऋतुएँ होती हैं । अधिक समय तक सूर्य प्रकाश में रहनेवाले विस्तारों में गर्मी और कम समय तक सूर्यप्रकाश में रहनेवाले विस्तारों में ठंडी का अनुभव होता है । 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लंबवत् पड़ती है, जिससे दक्षिणी गोलार्ध में गर्मी और उत्तरी गोलार्ध में ठंडी पड़ती है । इसीलिए भारत में रात बड़ी होती है और ठंडी का अनुभव होता है । उसी तरह 21 जून को कर्करेखा की तरफ सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध में लंबवत् पड़ती है, जिससे दिन बड़े होते हैं ।
परिभ्रमण और परिक्रमण गति का सीधा प्रभाव मानव जीवन के भोजन, पोशाक और निवास पर पड़ता है । मौसमी जलवायुवाले देशों में ऋतु अनुसार दिशा बदलनेवाले ठंडी और गर्मी के मौसमी पवन ऋतुगत मौसम पर गहरा प्रभाव डालते है । प्रत्येक ऋतु के मौसम को विशिष्टता प्रदान करते हैं । इसीलिए इस जलवायु को मौसमी या मानसूनी जलवायु कहते हैं ।
प्रश्न 2.
जलवायु का मानवजीवन पर प्रभावों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
भारत की जलवायु का यहाँ के निवासियों के खानपान, आवास, स्वभाव और कृषि प्रवृत्ति पर पड़ता हैं ।
- भारत में वर्ष के अधिकांश समय के दरम्यान तापमान ऊँचा रहने से खेती की विभिन्न फसलें उगाई जा सकती है । परन्तु वर्षा की अनिश्चितता ने उत्पादन को अनिश्चित कर दिया है ।
- कृषि को कई बार उचित पानी न मिलने से कृषि उत्पादन प्रभावित होता है । कभी अतिवृष्टि के कारण भी फसलों का विनाश होता
- नदियों में बाढ़ आती है, जिससे भूमि का कटाव होता है और आगे चलकर खेत उत्पादन में कमी आती हैं ।
- कपास, गन्ना, तम्बाकू आदि में वर्षा की अनियमितता से उद्योगों को कच्चा माल नहीं मिलने से कठिनाईयाँ उत्पन्न होती है ।
अनियमित वर्षा के कारण पीने के पानी की समस्या भी विकट बनती है । - रेगिस्तानी और पर्वतीय प्रदेशों का भी जीवन परेशानियों से भरा हुआ है ।
- इस तरह जलवायु का गहरा प्रभाव मानवजीवन पर पड़ता है । जिसका सीधा प्रभाव मानवजीवन में भोजन, पोशाक, व्यवसाय तथा आवास पर पड़ता है ।
प्रश्न 3.
भारत की शीत ऋतु – सर्दियों के विषय में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
भारत में दिसंबर से फरवरी तीन महीने के समय को शीतऋतु या ठंडी माना जाता है । 22 सितंबर से 21 मार्च तक सूर्य की किरणें दक्षिणी
- गोलार्ध में सीधे पड़ती है । भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थिर होने से दिसंबर से फरवरी तक सूर्य की तिरछी किरणों के प्रभाव में होने से तापमान कम होता है ।
- मध्य एशिया से भारत की ओर द.पू. दिशा की हवाएँ चलती हैं । ये हवाएँ शुष्क और ठंडी होती हैं, जिससे मौसम शुष्क और ठंडा रहता है। इस ऋतु दौरान सामान्यतः आकाश बिना बादल का स्वच्छ रहता है । उ.पू. भारत अनुपात में अधिक ठंडा रहता है कारण कि यह समुद्र से अधिक दूर स्थित है और उसका कुछ भाग मरूस्थल है ।
- ठंडी में इस प्रदेश पर हवा का भारी दबाव बनता है, जिससे पवन की दिशा बदलती है । यहाँ के भारी दबाव के कारण ठंडे तथा शुष्क पवनों का जन्म होता है । ये पवन जहाँ-जहाँ पहुँचते हैं वहाँ तापमान में गिरावट आती है । इस समय हिमालय में तापमान अत्यंत कम रहता है ।
- शिमला और दार्जिलिंग में जनवरी मास का तापमान 5° से. के आसपास रहता है । हिमालय में जब हिमवर्षा होती है तब वहाँ से ठंडी और खूब हवा उत्तरी भारत के मैदान की तरफ आती है । परिणामस्वरूप इन मैदानों सहित राजस्थान और गुजरात में शीत लहर आ जाती है । कुछ ‘हिम’ पड़ने से कपास जैसी फसल को नुकसान पहुँचता है ।
- शीतऋतु में ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा भारत में तापमान गलनबिन्दु से नीचे नहीं जाता है, कारण कि हिमालय की गिरिमालाएँ मध्यएशिया की ओर आनेवाले अतिशय ठंडे पवनों को रोकती हैं और भारत को सख्त ठंडी से बचाती हैं । ठंडी के दौरान उत्तरी
- भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत की परिस्थिति भिन्न होती है । दक्षिणी भारत उष्ण कटिबंधीय प्रदेश में है ।
- विषुववृत्त रेखा के नजदीक है तथा प्रायद्विपीय आकारवाला है । इसके आंतरिक भागों में स्थित प्रदेश समुद्र से अधिक दूर नहीं है, इसलिए वहाँ ठंडी में उत्तर भारत जैसी ठंडी का अनुभव नहीं होता है । तापमान भी अधिक नीचे नहीं जाता है । जैसे कि जनवरी महीने में कोचीन का तापमान 26° से., मदुराई का 25° से. और चेन्नई का तापमान 24° से. होता है ।
प्रश्न 4.
जलवायु का मानव की किन-किन प्रवृत्तियों पर प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
जलवायु का प्रभाव खान-पान, रहन-सहन, स्वभाव, आवास, कृषि, आर्थिक प्रवृत्ति आदि पर पड़ता है ।
4. नीचे दिए गए विकल्पों से योग्य उत्तर पसंद करके प्रश्न के सामने बने में उसका क्रम लिखिए :
प्रश्न 1.
जिस समय कर्कवृत्त पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है, उस समय भारत में कौन-सी ऋतु होती है ?
(A) शीतऋतु
(B) ग्रीष्मऋतु
(C) वर्षाऋतु
(D) निवर्तनऋतु
उत्तर:
(B) ग्रीष्मऋतु
प्रश्न 2.
चेरापूंजी के पास में आया हुआ कौन-सा स्थान अधिक वर्षा के लिए विख्यात है ?
(A) शिलांग
(B) गुवाहाटी
(C) इम्फाल
(D) मौसिनरम
उत्तर:
(D) मौसिनरम
प्रश्न 3.
शीतऋतु में गुजरात तथा राजस्थान में शीतलहरी के लिए हिमालय की किस घटना का अधिक प्रभाव होता है ?
(A) हिमवर्षा
(B) धूल-आँधी
(C) जलवर्षा |
(D) करार गिरना
उत्तर:
(A) हिमवर्षा
प्रश्न 4.
मई महीने में मालाबार तट पर होनेवाली वर्षा किस नाम से जानी जाती है ?
(A) अनारवर्षा
(B) बनानावर्षा
(C) आम्रवर्षा
(D) हिमवर्षा
उत्तर:
(C) आम्रवर्षा
प्रश्न 5.
लौटती हुई मानसूनी हवाओं की ऋतु कब होती है ?
(A) मार्च-मई
(B) अक्टूबर-नवम्बर
(C) जनवरी-फरवरी
(D) जुलाई-अगस्त
उत्तर:
(B) अक्टूबर-नवम्बर
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए विधानों में कौन-सा विधान सत्य है ?
(A) शीतऋतु में दिन लम्बे और रात छोटी होती है ।
(B) ग्रीष्मऋतु में दिन छोटे तथा रात छोटी होती है ।
(C) शीतऋतु में दिन छोटे और रात लंबी होती है ।
(D) ग्रीष्मऋतु में दिन छोटे और रात लंबी होती है ।
उत्तर:
(C) शीतऋतु में दिन छोटे और रात लंबी होती है ।