Gujarat Board GSEB Solutions Class 7 Hindi पुनरावर्तन 2 Sem 2 Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 7 Hindi पुनरावर्तन 2 Sem 2
GSEB Solutions Class 7 Hindi पुनरावर्तन 2 Sem 2 Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्नलिखित कविताओं का लयबद्ध गान कीजिए :
(1) बेटी
(2) धरती की शान
उत्तर:
[टिप्पणी : शिक्षक सीडी या टेपरिकार्डर पर ये कविताएँ छात्रों को सुनाएँ। फिर छात्रों से लयबद्ध गान करवाएँ।]
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में योग्य विरामचिह्न का प्रयोग कर वाक्य फिर से लिखिए :
(1) पेड़ परोपकारी होते हैं
(2) वाह कितना अच्छा गाना है
(3) छुट्टियों में आप कहाँ-कहाँ घूमने जाते हैं
(4) गाँधी जी को हम महात्मा कहते हैं
(5) वह पढ़ने में अच्छा है, खेलकूद में भी अव्वल है
(6) जय जवान जय किसान लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था
(7) दशरथ राजा के चार पुत्र थे राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न
(8) आशिष दिन रात मेहनत करता है
उत्तर:
(1) पेड़ परोपकारी होते हैं।
(2) वाह! कितना अच्छा गाना है!
(3) छुट्टियों में आप कहाँ – कहाँ घूमने जाते हैं?
(4) गाँधीजी को हम ‘महात्मा’ कहते हैं।
(5) वह पढ़ने में अच्छा है, खेलकूद में भी अव्वल है।
(6) ‘जय जवान जय किसान’ लालबहादुर शास्त्री ने कहा था।
(7) दशरथ राजा के चार पुत्र थे – राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न।
(8) आशिष दिन – रात मेहनत करता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को उचित क्रम में रखकर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए :
(1) है का गुजरात पावागढ़ गौरव।
(2) उपयोगी पेड़ में मानव-जीवन हैं।
(3) चाहिए समय हमें खेलते रहना सावधान।
(4) संगति की लोगों हमें चाहिए सज्जन करनी।
(5) अच्छी अपनी हमेशा बात योग्य चीज-वस्तुएँ है जगह रखना।
उत्तर:
(1) पावागढ़ गुजरात का गौरव है।
(2) मानव – जीवन में पेड़ उपयोगी हैं।
(3) खेलते समय हमें सावधान रहना चाहिए।
(4) हमें सज्जन लोगों की संगति करनी चाहिए।
(5) हमेशा अपनी चीज – वस्तुएँ योग्य जगह रखना अच्छी बात है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
सारी स्थिति स्पष्ट थी। प्रजापति ने कहा, “देवता ही श्रेष्ठ हैं। जानते हो क्यों? इसलिए कि इन्होंने सहकार की भावना से काम किया है। खुद भी खाओ और दूसरों को भी खिलाओ। जिओ और जीने दो। वह थी इनकी विशेषता। इन्होंने बुद्धि से काम लिया। सूझ-बूझ दिखाई। वे आमने-सामने बैठ गए। एक-दूसरे के मुँह में लड्डू देते रहे, थोड़ी देर में थाल साफ़ कर दिया।”
ઉત્તરઃ
સમગ્ર પરિસ્થિતિ સ્પષ્ટ હતી. પ્રજાપતિએ કહ્યું, “દેવતાઓ જ શ્રેષ્ઠ છે. જાણો છો કેમ? એટલા માટે કે એમણે સહકારની ભાવનાથી કામ કર્યું છે. પોતે પણ ખાઓ અને બીજાને પણ ખવડાવો. જીવો અને જીવવા દો. તે હતી એમની વિશેષતા. એમણે બુદ્ધિથી કામ લીધું. સમજદારી બતાવી. તેઓ સામસામે બેસી ગયા. એકબીજાના મુખમાં લાડુ મૂકતા રહ્યા, થોડી જ વારમાં થાળ ખાલી કરી દીધો.
प्रश्न 5.
निम्नलिखित अपूर्ण कहानी को अपने शब्दों में मौखिक एवं लिखित रूप में पूर्ण कीजिए :
रामपुर नामक गाँव था। उस गाँव में भोलु नाम का एक लड़का रहता था। वह पढ़ाई करता था, एक दिन वह पाठशाला जा रहा था। रास्ते में उन्हें रेल की पटरियों को पार करना पड़ता था। उसने देखा कि रेल की पटरी एक जगह से उखड़ी हुई है।
भोलु ने सोचा कि इससे तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
उसी समय रेलगाड़ी दूर से आ रही थी। भोलु ने उसे देखा। संजोग से भोलु ने उस दिन लाल कमीज पहनी हुई थी। तुरंत उसने सोचा…. बच्चो, अब आप रेलगाड़ी को दुर्घटना से बचाइए।
उत्तर :
उसी समय रेलगाड़ी दूर से आ रही थी। भोलु ने उसे देखा। उसने सोचा – लाल झंडी दिखाने पर गाड़ी रुकती है। लेकिन यहाँ लाल झंडी लाए कहाँ से? संयोग से भोलु ने उस दिन लाल कमीज पहनी हुई थी। उसे यकायक खयाल आया कि उसकी कमीज भी लाल है।
भोलु ने तुरंत अपनी कमीज निकालकर झंडी की तरह गाड़ी की ओर लहराई। लाल झंडी देखते ही ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी।
भोलु ने सारी बात ड्राइवर को बता दी। एक बड़ी दुर्घटना होते – होते रह गई। यात्रियों की जान बचाने के कारण ड्राइवर ने उस लड़के को शाबाशी दी। सरकार ने उसे पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
प्रश्न 6.
चर्चा कीजिए :
जल ही जीवन है। क्यों?
उत्तर :
सूरज – दादाजी, जल को जीवन क्यों कहते हैं?
दादाजी – जब तुम्हें प्यास लगती है तब क्या अनुभव करते हो?
सूरज – बस यही कि पानी मिले तो जान में जान आए।
दादाजी – यही तो पानी का महत्त्व है। पानी न मिले तो प्राणी प्यास से मर जाए।
सूरज – दादाजी, खाना बनाने में भी पानी का उपयोग होता है। नहाना, धोना,
साफ – सफाई सबमें पानी की जरूरत पड़ती है। पानी के बिना हमारे जीवन में कोई भी काम नहीं हो सकता।
दादाजी – प्राणियों की तरह वनस्पतियों को भी पानी चाहिए। पानी के बिना न घास होगी, न पेड़ – पौधे होंगे और न कहीं हरियाली होगी।
सूरज – हाँ, दादाजी, पौधों को पानी देने पर ही तो वे बढ़ते हैं। पानी न मिले तो पौधे सूख जाते हैं।
दादाजी – खेतों को सींचने के लिए भी पानी जरूरी है। धान के पौधे तो पानी में ही पनपते हैं।
सूरज – हाँ, इसी प्रकार कमल भी तालाब के पानी में ही खिलते हैं।
दादाजी – अब तुम समझ गए … कि जल को जीवन क्यों कहते हैं।
सूरज – दादाजी, सचमुच, जल ही जीवन है।
प्रश्न 7.
आपने (टी.वी.) दूरदर्शन पर प्रसारित होनेवाले ‘गम्मत गुलाल’ जैसे हास्य के कार्यक्रम देखे होंगे। उसमें सुने हुए चुटकुलों में से किसी एक को अपनी भाषा में लिखिए।
उत्तर :
सुरेन्द्र – नवीन, इन्सान की नजर ज्यादा तेज है या जानवर की?
नवीन – जानवर की।
सुरेन्द्र – यह तुम कैसे कह सकते हो?
नवीन : क्योंकि जानवर कभी चश्मा नहीं पहनते।
प्रश्न 8.
सवाल हमारे, जवाब आपके और हँसी सबकी। दिए गए प्रश्नों के ऐसे जवाब दीजिए कि मुस्कान के मोती बन जाएँ :
1. सूर्य न निकले तो क्या होगा?
उत्तर :
- सूर्य न निकले तो बिजली का बिल ज्यादा आएगा।
- सोने के लिए अधिक समय मिलेगा।
2. बारिश के बाद बिजली क्यों होती है?
उत्तर :
बारिश को डराकर भगाने के लिए बारिश के बाद बिजली होती है।
3. अंग्रेजों ने भारत में पहला कदम रखा, फिर क्या किया?
उत्तर :
अंग्रेजों ने भारत में पहला कदम रखा, फिर उन्होंने अपना दूसरा कदम रखा।
4. दादाजी के सिर के बाल सफेद और मूछों के बाल काले क्यों है?
उत्तर :
दादाजी के सिर के बाल सफेद और मूंछों के बाल काले हैं, क्योंकि सिर के बाल मूंछों के बालों से लगभग बीस साल बड़े हैं।
प्रश्न 9.
(अ) निम्नलिखित विधानों का काल पहचानकर में लिखिए :
(1) बाग में कोयल बोलती है।
(2) धारा ने अपना गृहकार्य पूर्ण किया।
(3) मैं पूरी लगन से पढूँगा।
(4) मिट्टी से खुशबू आ रही है।
(5) बाढ़ के कारण कई मकान गिर पड़े।
(6) मैं डॉक्टर बनूँगा।
उत्तर:
(1) बाग में कोयल बोलती है। – वर्तमानकाल
(2) धारा ने अपना गृहकार्य पूर्ण किया। – भूतकाल
(3) मैं पूरी लगन से पढूँगा। – भविष्यकाल
(4) मिट्टी से खुशबू आ रही है। – वर्तमानकाल
(5) बाढ़ के कारण कई मकान गिर पड़े। – भूतकाल
(6) मैं डॉक्टर बनूँगा। – भविष्यकाल
(ब) निम्नलिखित शब्दों से उदाहरण के अनुसार वर्तमानकाल, भूतकाल और भविष्यकाल का एक-एक वाक्य बनाइए:
उदाहरण : पढ़ना :
(1) वर्तमानकाल : मैं पढ़ता हूँ।
(2) भूतकाल : मैं पढ़ता था।
(3) भविष्यकाल : मैं पढूँगा।
(1) खेलना
(2) लिखना
(3) दौड़ना
उत्तर:
(1) खेलना
- वर्तमानकाल : मैं खेलता हूँ।
- भूतकाल : मैं खेलता था।
- भविष्यकाल : मैं खेलूँगा।
(2) लिखना
- वर्तमानकाल : मैं लिखता हूँ।
- भूतकाल : मैं लिखता था।
- भविष्यकाल : मैं लिलूँगा।
(3) दौड़ना
- वर्तमानकाल : मैं दौड़ता हूँ।
- भूतकाल : मैं दौड़ता था।
- भविष्यकाल : मैं दौडूंगा।
पुनरावर्तन 2 स्व-अध्ययन
प्रश्न 1.
इस पहेली को ध्यान से देखिए। इसमें देश की ऐसी नौ प्रांतीय भाषाओं के नाम हैं, जो अपने-अपने प्रांतों में सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाती हैं। खोजिए और बताइए, वे भाषाएँ कौन-कौन सी हैं और किस प्रदेश की हैं?
उत्तर :
- तेलुगु – आंध्र प्रदेश
- राजस्थानी – राजस्थान
- मराठी – महाराष्ट्र
- कन्नड – कर्नाटक
- उड़िया – उड़ीसा
- गुजराती – गुजरात
- मलयालम – तमिलनाडु
- कशमीरी – कशमीर
- असमिया – असम
प्रश्न 2.
सुनी हुई एक मजेदार कहानी अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कौए की चतुराई
एक पेड़ पर एक कौआ बैठा हुआ था। उसकी चोंच में एक रोटी थी। कौआ उसे खाने जा ही रहा था कि पेड़ के नीचे एक लोमड़ी आ गई। उसने कौए की चोंच में रोटी देखी तो उसके मुँह में पानी आ गया। उसने सोचा, क्यों न कौए को मूर्ख बनाकर इसकी रोटी हथिया लूँ?
लोमड़ी कौए से बोली, “कौए भैया, कृष्ण भगवान जैसा तुम्हारा साँवला रूप तो है ही, तुम्हारी आवाज उनकी बाँसुरी जैसी है। बहुत दिन से तुम्हारी यह तान सुनने को मन तरस रहा था। आज यह मौका मिला है। भैया, जरा सुना दो अपना मीठा – सा गीत।”
कौए ने कहा, “अरे मौसी, तुम कहो तो एक क्या दस गीत सुना दूं।” ऐसा कहकर कौए ने रोटी अपने एक पैर नीचे दबा ली और लगा काँव – काँव करने।
लोमड़ी तो रोटी के चक्कर में थी। उसे कौए की काँव – काँव तो सुननी नहीं थी। रोटी नीचे न गिरती देखकर वह निराश हो गई और चलती बनी।
वहाँ बैठी एक चिड़िया बोली – कौए भाई, बड़े चालाक हो गए हो तुम ! शाबाश! तुमने लोमड़ी को अच्छा सबक सिखाया।
प्रश्न 3.
मित्र को अपने जन्मदिन पर निमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।
17, निर्मल छाया,
आंबावाडी,
अहमदाबाद।
5 अक्तूबर, 2013
प्रिय मित्र परेश,
सप्रेम नमस्कार।
गायन प्रतियोगिता में मंत्री महोदय के हाथों से पुरस्कार लेते हुए तुम्हारा चित्र अखबार में छपा था। वह चित्र मैंने संजोकर रखा है। परंतु मैं ही नहीं, पिताजी, माताजी, दीदी सब तुमसे मिलना चाहते थे। सौभाग्य से ऐसा मौका भी आ गया है जब तुम हम सबकी यह इच्छा पूरी कर सकते हो।
7 अक्तूबर को मैं अपना सोलहवाँ जन्मदिन मना रहा हूँ। मैंने कई मित्रों को बुलाया है। मिमिक्री चैम्पियन साहिल और जोक्स बहादुर राहिल भी आएँगे। लेकिन सबसे ज्यादा रौनक तो तुम्हारे आने से ही होगी। जिस गीत पर तुम्हें पुरस्कार मिला था, वह गीत सुनने की बड़ी इच्छा है। शाम को दावत भी होगी। इसलिए तुमसे आग्रह है कि तुम दोपहर को ही आ जाओ। उस दिन रविवार है। आने में कोई असुविधा नहीं होगी। जितना जल्दी आओगे, उतना ज्यादा मजा आएगा।
आने का वादा पक्का न?
तुम्हारा मित्र,
सौरभ।
प्रश्न 4.
डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन और कवन (कार्य) के बारे में लिखिए।
उत्तर :
‘मिसाइल मेन’ कहलानेवाले भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को दक्षिण भारत के रामेश्वरम् तीर्थ के एक गरीब पर सुसंस्कृत परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम अब्दुल पाकिर जेनुलाब्दीन कलाम है, पर वे ए. पी. जे. कलाम अथवा अब्दुल कलाम के नाम से जाने जाते हैं। प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल तथा जिला मुख्यालय के सेकंडरी हाईस्कूल से मैट्रिक पास करके वे तिरुचरापल्ली के सेंट जोसेफ कालेज के छात्र बने। विज्ञान का उच्च अध्ययन उन्होंने चेन्नई में किया।
डॉ. कलाम की इच्छा भारतीय विमानसेवा में पायलट बनने की थी, पर भाग्य उन्हें देश का प्रक्षेपणशास्त्री बनाना चाहता था। भारतीय रक्षा – अनुसंधान विभाग में कार्य करते हुए उन्होंने रोहिणी परियोजना का कार्यभार संभाला। 18 जुलाई, 1980 को भारत का पहला ‘उपग्रह विमोचन यान’ सफलतापूर्वक छोड़ा गया। उसके बाद डॉ. कलाम की देखरेख में त्रिशूल, पृथ्वी तथा अग्नि मिसाइल छोड़े गए। इनसे देश की रक्षा – शक्ति में गौरवपूर्ण वृद्धि हुई।
1990 के गणतंत्र दिवस पर डॉ. कलाम को पद्मविभूषण अलंकरण प्रदान किया गया। डॉ. कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे। 1997 में उन्हें ‘भारतरत्न’ के सर्वोच्च पुरस्कार से भी नवाजा गया। 15 जुलाई, 2002 को देश का यह महान वैज्ञानिक भारत का ग्यारहवाँ राष्ट्रपति बना।
सरल प्रकृति के डॉ. कलाम ने अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की।