Gujarat Board GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 9 बाढ़ की संभावनाएँ Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 9 बाढ़ की संभावनाएँ
GSEB Std 12 Hindi Digest बाढ़ की संभावनाएँ Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनकर लिखिए :
प्रश्न 1.
कौन-सी संभावनाएँ सामने हैं?
(क) आँधी की
(ख) बाढ़ की
(ग) कीचड़ की
(घ) पानी की
उत्तर :
(ख) बाढ़ की
प्रश्न 2.
कवि ने किस वन का जिक्र किया है ?
(क) सुन्दरवन का
(ख) मधुवन का
(ग) तपोवन का
(घ) चीड़ वन का
उत्तर :
(घ) चीड़ वन का
प्रश्न 3.
हमसफर क्या कर रहे हैं?
(क) ऊँघे हुए हैं
(ख) गज़ल सुना रहे हैं।
(ग) तड़प रहे हैं
(घ) बाजा बजा रहे हैं।
उत्तर :
(क) ऊँघे हुए हैं
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
घर कहाँ बने हुए हैं?
उत्तर :
घर नदियों के किनारे बने हुए हैं।
प्रश्न 2.
दरख्तों के तने कैसे हैं?
उत्तर :
दरख्तों के तने बहुत नाजुक हैं।
प्रश्न 3.
कवि ने झुनझुना किसे कहा है?
उत्तर :
कवि ने सभा में आए उन लोगों को झुनझुने कहा है जिनको अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया जाता और उन पर अपना निर्णय थोपकर उनका मनचाहा उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 4.
कवि कालीन क्यों नहीं देखना चाहता?
उत्तर :
कवि के पाँव इस समय कीचड़ में सने हैं। इसलिए वे कालीन नहीं देखना चाहते।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच पंक्तियों में लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि को इसकी क्यों चिंता है कि घर नदियों के किनारे बने हैं?
उत्तर :
नदियों में अकसर बाढ़ आया करती है। बाढ़ के समय नदी का रूप विकराल हो जाता है। वे अपने साथ घर, पेड़, फसलें, पशु आदि सब बहा ले जाती हैं। नदियों के किनारे बने घरों के बारे में लेखक को इसलिए चिता है कि वे बाढ़ की चपेट में आकर नष्ट हो जाएंगे।
प्रश्न 2.
चीड़ वन में आँधियों की बात करने से क्या होगा?
उत्तर :
चीड़ के पेड़ों के तने बहुत ही नाजुक होते हैं। वे तेज हवा के झोंकों से भी टूटकर गिर सकते हैं। यदि चीड़ वन में ऑधियाँ आएंगी, तो वन में चीड़ के सारे वृक्ष धराशायी हो जाएंगे।
प्रश्न 3.
आदमी को झुनझुना कहने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
किसी व्यक्ति की राय को महत्त्व या उसे अपनी बात को कहने का मौका न देना, उस पर अपना निर्णय थोपना और उसका अपने ढंग से उपयोग करना आदमी को झुनझुना बना देना होता है। आदमी को झुनझुना कहने का यही तात्पर्य है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच पंक्तियों में लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि सोये हुए साथियों को तड़पती हुई गज़ल क्यों सुनाना चाहता है?
उत्तर :
कवि के साथ चलनेवाले लोग अर्धनिद्रा की स्थिति में हैं। उनमें उदासी छाई हुई है। उनमें जीने का उत्साह नहीं रह गया है। वे अपने खिलाफ हो रही किसी चीज का विरोध नहीं कर सकते। कवि उनमें नवीन चेतना और जागृति लाना चाहता है। वह उन्हें जीवंत बनाना चाहता है। इसलिए वह उन्हें तड़पती हुई गजल सुनाना चाहता है। उनमें चेतना उत्पन्न करना चाहता है।
प्रश्न 2.
इस गज़ल का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
इस गज़ल के माध्यम से कवि ने बताया है कि देश की जनता में उदासी का माहौल है। जरूरतमंदों को सरकारी सहायता नहीं मिल पाती। लोगों में जन-विरोधी नीतियों और योजनाओं का विरोध करने का साहस नहीं है। जिनमें कुछ कर गुजरने की इच्छा है, उन्हें उसका मौका नहीं दिया जाता। लोगों को वैभव के सपने दिखाकर बहलाया जाता है। गरीबों को खिलौना समझकर उनका मनमाना उपयोग किया जाता है। इस प्रकार गजल में सामाजिक और राजनीतिक यथार्थ का सच मुखरित हुआ है।
GSEB Solutions Class 12 Hindi बाढ़ की संभावनाएँ Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सविस्तार (चार-पांच वाक्यों में) लिखिए :
प्रश्न 1.
चेहरों को आईनों के समान टूटा हुआ क्यों नहीं बताया गया है?
उत्तर :
आईने टूट जाते हैं, तो फिर उनका कोई मूल्य नहीं रहता। वे बेकार हो जाते हैं। कवि कहता है कि लोगों के चेहरे भी आईने की तरह टूटे हुए हैं। वे उदास और मायूस हैं। उन्हें अपना जीवन भी व्यर्थ लगता है। परंतु के आईने नहीं, मनुष्य हैं। परिस्थितियों ने उन्हें भले मिले तो उनके मन की टूटन दूर हो सकती है और उनके अरमानों की फसल लहलहा सकती है।
ध्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :
- संभावना = मुमकिन (होना)
- नदी = सरिता
- दरख्त = पेड़
- नाजुक = कोमल
- आईना = शीशा, दर्पण
- कालीन – गलीचा
- कीचड़ = दलदल
- हमसफर = सहयात्री
- अनमना = उदास, खिन्न
निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :
- सामने × पीछे
- बहुत × कम
- नाजुक × सख्त
- टूटना × जुड़ना
- दिन × रात
- आदमी × हैवान
निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण पहचानिए :
प्रश्न 1.
- दरख्तों के बहुत नाजुक तने हैं।
- हमसफर अनमने हैं।
उत्तर :
- नाजुक – गुणवाचक विशेषण
- अनमने – गुणवाचक विशेषण
निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :
- नदी में पानी का बढ़ जाना – बाढ़
- वह वृक्ष जिससे टर्पिन्टनटाइन तेल निकलता है – चीड़
- धूलभरी तूफानी हवा – आधी
- जो सख्त न हो – नाजुक
- पेड़ का मोटा भाग जहाँ से शाखाएं निकलती हैं – तना
- पैरों में चिपकनेवाली गीली मिट्टी – कीचड़
- झुन-झुन आवाज करनेवाला खिलौना – झुनझुना
- साथ में सफर करनेवाला – हमसफर
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
- घर नदी का किनारा नहीं बनने चाहिए।
- आंधी में कितना पेड़ गिर गया।
- लोग अपने चहेरा आईने में देखती है।
- यह दुष्यंतकुमार का गज़ल है।
- हम भारत में स्वतंत्र रहते हैं।
- उसने नाम अपना रोशन किया।
उत्तर :
- घर नदी के किनारे नहीं बनने चाहिए।
- आंधी में कितने पेड़ गिर गए।
- लोग अपने चेहरे आईने में देखते हैं।
- यह दुष्यंतकुमार की गज़ल है।
- हम स्वतंत्र भारत में रहते हैं।
- उसने अपना नाम रोशन किया।
बाढ़ की संभावनाएँ Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
दुष्यंतकुमार ने गजलकार के रूप में नए-नए प्रयोग किए हैं। उन्होंने गजल को परंपरागत प्रतिमानों से अलग कर उसे सामाजिक-राजनैतिक यथार्थ को प्रस्तुत करने का सफल माध्यम बनाया। प्रस्तुत गजल में समसामयिक जीवन में मानव की स्थिति का सुंदर चित्रण किया गया है।
गज़ल का सरल अर्थ :
बाढ़ की …….. घर बने हैं।
कवि कहते हैं कि नदियों में बाढ़ आने की संभावना हमेशा बनी रहती है। उससे भारी विनाश हो सकता है। पर नदियों के किनारे ही लोगों के घर बने हैं। (फिर भी लोग वहाँ अपने घरों में निश्चिंत होकर रहते हैं। वे कहना चाहते हैं कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है। प्राकृतिक आपदा से डरकर कोई अपना घर-बार छोड़कर क्यों चला जाए!)
चीड़ वन में …….. नाजुक तने हैं।
कवि कहते हैं कि चीड़ के वृक्षों के तने बहुत नाजुक होते हैं। इतने कि तेज हवा चलने पर भी उनके टूटकर गिर जाने का अंदेशा होता है। इसलिए चीड़ के वनों में आँधियों की तो बात ही नहीं की जा सकती। (आँधियाँ चलने पर तो चीड़ के सारे वृक्ष धराशायी हो जाएँगे।)
इस तरह …….. ये आईन हैं।
कवि कहते हैं कि लोगों में हताशा है, पर वे इतने पस्त नहीं हैं, जिस तरह टूटे हुए आईने होते हैं। (टूटे हुए आईने टूटने पर टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं। (यहाँ लोगों में अभी भी कुछ कर गुजरने की शक्ति शेष है।)
आपके कालीन …….. कीचड़ में सने हैं।
कवि कहते हैं कि अभी तो कष्ट से गुजरने के दिन है। उनके पैर अभी कीचड़ में सने हुए हैं। इस कष्ट से मुक्ति मिलने पर ही वे किसी के सुखद आश्वासन अथवा उसके वैभव के दर्शन कर सकेंगे। (वरना उस वैभव पर भी दाग लग जाएगा।)
जिस तरह ….. हम झुनझुने हैं।
कवि कहते हैं कि इस सभा में हमारी स्थिति किसी असहाय व्यक्ति जैसी है। तुम जैसा भी चाहो हमारा उपयोग करो। हमारी हैसियत आदमी के रूप में नहीं रह गई है। हम आदमी न रहकर किसी झुनझुने की तरह हो गए हैं।
अब तड़पती ….. अनमने हैं।
कवि कहते हैं कि हमारे साथ चलनेवाले लोग अर्धनिद्रा की हालत में हैं और उन पर उदासी छाई हुई हैं। अब उन्हें कोई फड़कती हुई गजल सुनाए (उन्हें जाग्रत करे) तो ही उनमें जोश का संचार होगा।
बाढ़ की संभावनाएँ शब्दार्थ :
- चीड़ – पर्वतीय प्रदेश में उगनेवाला लंबे तनेवाला बहुत ऊँचा पेड़।
- दरख्त – पेड़।
- नाजुक – सुकुमार।
- तना – पेड़ का धड़।
- आईना – दर्पण।
- कालीन – गलीचा।
- झुनझुने – धुनधुने।
- हमसफर – साथ चलनेवाला।
- ऊँघना – हल्की नींद आना।
- अनमना – उदास, खिन्न।