Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 12 Solutions Vyakaran वाक्य अशुद्धि शोधन Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 12 Hindi Vyakaran वाक्य अशुद्धि शोधन
स्वाध्याय
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दीजिए :
प्रश्न 1.
पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ बताइए।
उत्तर :
वाक्य में पहले कर्ता, फिर कर्म और बाद में क्रिया लिखी जाती है। इसे पदक्रम कहते हैं। पदक्रम संबंधी कुछ अशुद्धियां निम्नलिखित हैं:
1. चल रहा है धीरे-धीरे वह। (अशुद्ध)
वह धीरे-धीरे चल रहा है। (शुद्ध)
2. खा रहा है वह खाना। (अशुद्ध)
वह खाना खा रहा है। (शुद्ध)
3. हमें शुद्ध गाय का दूध चाहिए। (अशुद्ध)
हमें गाय का शुद्ध दूध चाहिए। (शुद्ध)
4. उनकी हिन्दी मातृभाषा नहीं थी। (अशुद्ध)
हिन्दी उनकी मातृभाषा नहीं थी। (शुद्ध)
प्रश्न 2.
अन्विति संबंधी अशुद्धियाँ बताइए।
उत्तर :
वाक्य में प्रयुक्त पदों की परस्पर संगति स्थापित करना ही अन्विति है। इसके कई रूप होते हैं।
अन्विति संबंधी कुछ अशुद्धियाँ निम्नलिखित हैं :
1. घोड़ा दौड़ते है। (अशुद्ध)
घोड़ा दौड़ता है। (शुद्ध)
2. तुम, श्याम और मैं घूमने जाऊंगा। (अशुद्ध)
तुम, श्याम और मैं घूमने जाएंगे। (शुद्ध)
3. बालिकाओं ने कहा, वह घूमने जा रही हैं। (अशुद्ध)
बालिकाओं ने कहा, वे घूमने जा रही हैं। (शुद्ध)
प्रश्न 3.
वचन संबंधी अशुद्धियाँ लिखिए।
उत्तर :
वचन संबंधी कुछ अशुद्धियां निम्नलिखित हैं।
1. तीन घटना घटित हुई। (अशुद्ध)
तीन घटनाएं घटित हुई। (शुद्ध)
2. लड़कियों ने कहा कि वह कमरे में बैठेंगी। (अशुद्ध)
लड़कियों ने कहा कि वे कमरे में बैठेंगी। (शुद्ध)
3. उसका प्राण निकल गया। (अशुद्ध)
उसके प्राण निकल गए। (शुद्ध)
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में दीजिए :
प्रश्न 1.
लिंग संबंधी अशुद्धियाँ बताइए।
उत्तर :
क्रिया का लिंग कर्ता के अनुसार होता है। यहाँ लिंग संबंधी कुछ अशुद्धियाँ दी जा रही हैं।
1. उसने मीठी दही खाई। (अशुद्ध)
उसने मीठा दही खाया। (शुद्ध)
2. लड़कों ने मैच देखी। (अशुद्ध)
लड़कों ने मैच देखा। (शुद्ध)
3. उसका छाती फूल गया। (अशुद्ध)
उसकी छाती फूल गई। (शुद्ध)
4. वह विद्वान महिला है। (अशुद्ध)
वह विदुषी महिला है। (शुद्ध)
5. उसने करवट बदला। (अशुद्ध)
उसने करवट बदली। (शुद्ध)
प्रश्न 2.
कारक संबंधी अशुद्धियाँ बताइए।
उत्तर :
वाक्य में कारक संबंधी अशुद्धियाँ देखी जाती हैं। यहाँ कारक संबंधी कुछ अशुद्धियाँ दी जा रही हैं :
1. मैंने नहीं जाना है। (अशुद्ध)
मुझे नहीं जाना है। (शुद्ध)
2. बच्चों ने नहीं सोया। (अशुद्ध)
बच्चे नहीं सोए। (शुद्ध)
3. प्रशासन ने व्यवस्था सुधारने को कदम उठाया। (अशुद्ध)
प्रशासन ने व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाया। (शुद्ध)
4. हाथी की एक सूंड होती है। (अशुद्ध)
हाथी के एक सूड होती है। (शुद्ध)
प्रश्न 3.
द्विरुक्ति संबंधी अशुद्धियाँ बताइए।
उत्तर :
एक ही अर्थवाले दो शब्दों का प्रयोग ‘द्विरुक्त’ कहा जाता है। इसका प्रयोग अशुद्ध माना जाता है।
1. कामपाल सबसे श्रेष्ठतम छात्र है। (अशुद्ध)
कामपाल श्रेष्ठतम छात्र है। (शुद्ध)
2. वह विलाप करते हुए रोने लगा। (अशुद्ध)
वह विलाप करने लगा। (शुद्ध)
3. वह समय का अच्छा सदुपयोग करता है। (अशुद्ध)
वह समय का सदुपयोग करता है। (शुद्ध)
वाक्य अशुद्धि शोधन Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
हिन्दी व्याकरण में शुद्ध वाक्य लिखने के नियम निर्धारित हैं। उन नियमों पर ध्यान न देने से वाक्यरचना अशुद्ध हो जाती है। इस पाठ में विस्तार से बताया गया है कि किन-किन कारणों पर ध्यान न देने से वाक्यों में अशुद्धियाँ होती हैं। यहाँ इनके बारे में संक्षेप में विवरण दिया गया है। विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक से इसका विस्तार से अध्ययन करें।
पाठ का सार :
वाक्यरचना : व्याकरण में वाक्यरचना के लिए कुछ नियम होते हैं। उन नियमों पर ध्यान न देने से वाक्यरचना अशुद्ध हो जाती है। वाक्यरचना संबंधी अशुद्धियाँ इस प्रकार हैं:
- पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ
- अन्विति या संगति संबंधी अशुद्धियाँ
- वचन संबंधी अशुद्धियाँ
- लिंग संबंधी अशुद्धियाँ
- कारक संबंधी अशुद्धियाँ
- द्विरुक्ति संबंधी अशुद्धियाँ
- वाक्य संबंधी अशुद्धियाँ
- अनुपयुक्त शब्दप्रयोग संबंधी अशुद्धियाँ
पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ : वाक्य में शब्दों का एक निश्चित क्रम होता है। पदों का क्रम 1. कर्ता 2. कर्म 3. क्रिया के अनुसार होता है। जैसे- वह खाना खा रहा है। इस वाक्य में ‘वह’ कर्ता, ‘खाना’ कर्म तथा ‘खा रहा है’ क्रिया है।
अन्विति या संगति संबंधी अशुद्धियाँ : वाक्य में प्रयुक्त पदों की परस्पर संगति स्थापित करना ही अन्विति है। इसके अनेक रूप होते हैं:
(क) कर्ता एवं क्रिया की अन्विति : कर्ता के लिंग व वचन के अनुसार क्रिया का लिंग व वचन निश्चित होते हैं। जैसे-‘राधा पढ़ती है।’ वाक्य में राधा स्त्रीलिंग है अतः क्रिया ‘पढ़ती है’ भी स्त्रीलिंग की प्रयुक्त हुई है।
(ख) पुरुष के अनुसार कर्ताओं की अन्विति : वाक्य में विभिन्न पुरुषों के एक से अधिक कर्ताओं का प्रयोग हो, तो उन्हें निश्चित कम में रखा जाता है। पहले मध्यम पुरुष, फिर अन्य पुरुष और अंत में उत्तम पुरुष का प्रयोग होना चाहिए। जैसे- तुम, श्याम और मैं घूमने जाएंगे।
(ग) विशेष्य तथा विशेषण की अन्विति : विशेषण का लिंग और वचन अपने विशेष्य के अनुसार होता है। जैसे – अच्छा लड़का (दोनों पुल्लिंग, एकवचन); दोनों लड़के (दोनों पुल्लिंग, बहुवचन); अच्छी बालिका (दोनों स्त्रीलिंग, एकवचन); अच्छी बालिकाएं (दोनों स्त्रीलिंग, बहुवचन)।
(घ) संज्ञा और सर्वनाम की अन्विति : वाक्य में किसी सर्वनाम का प्रयोग जिस संज्ञा के स्थान पर है, उसी के लिंग विषयक अशुद्धियों के उदाहरण अनुसार उसके लिए लिंग और वचन निश्चित होते हैं। जैसे- ‘बालिकाओं ने कहा कि वे घूमने जा रही हैं।’
वचन संबंधी अशुद्धियाँ : हिन्दी में दो वचन होते हैं। एकवचन तथा बहुवचन। जैसे तीन घटना घटित हुई। (अशुद्ध) तीन घटनाएं घटित हुईं। (शुद्ध)
लिंग संबंधी अशुद्धियाँ : क्रिया का लिंग कर्ता के अनुसार होता है। जैसे- लड़का जाता है। लड़की जाती है।
कारक संबंधी अशुद्धियाँ : हिन्दी में कारक चिहनों के प्रयोग में अशुद्धियाँ देखी जाती हैं। जैसे
- मैंने नहीं जाना हैं। (अशुद्ध) मुझे नहीं जाना है। (शुद्ध)
- मैं ये पुस्तकें राम को लाया हूँ। (अशुद्ध) मैं ये पुस्तकें राम के लिए लाया हूँ। (शुद्ध)
द्विरुक्ति संबंधी अशुद्धियाँ : एक ही अर्थवाले दो शब्दों का प्रयोग द्विरुक्ति कहलाता है। द्विरुक्ति का प्रयोग अशुद्ध माना जाता है। जैसे
वह यहीं से वापस लौटकर आएगा। (अशुद्ध) वह यहीं से लौटकर आएगा। (शुद्ध)
वाच्य संबंधी अशुद्धियाँ : वाक्य दो प्रकार के होते हैं-कर्ताप्रधान तथा कर्मप्रधान। इसी आधार पर उन्हें कर्तृवाच्य तथा कर्मवाच्य कहते हैं। जैसे
प्रस्तुत पद्यांश ‘जयद्रथ वध’ से लिया है। (अशुद्ध)
प्रस्तुत पद्यांश ‘जयद्रथ वध’ से लिया गया है। (शुद्ध)
यह कार्य बच्चों से किया गया है। (अशुद्ध)
यह कार्य बच्चों द्वारा किया गया है। (शुद्ध)
अनुपयुक्त शब्दप्रयोग संबंधी अशुद्धियाँ : वर्तनी संबंधी अशुद्धियाँ वाक्यों में अकसर होती हैं। ‘नगर’ शब्द को ‘नग्र’, कच्चा शब्द को ‘कच्चा’, ‘कुत्ता’ शब्द को ‘कुत्ता’ लिखना वर्तनी संबंधी अशुद्धियाँ मानी जाती हैं।
इसी तरह अनुपयुक्त और अशुद्ध शब्द के प्रयोग से भी अशुद्धियाँ होती हैं। जैसे
पूज्यनीय पिताजी आ गए। (अशुद्ध)
पूज्य पिताजी आ गए। (शुद्ध)
इसी तरह ‘वह आपसे श्रद्धा करता है।’ (अशुद्ध)
वह आपके प्रति श्रद्धा करता है। (शुद्ध)
अशुद्धि शोधन शब्दार्थ :
- विषयक – संबंधी।
- द्विरुक्ति – एक ही अर्थवाले दो शब्दों का प्रयोग।
- अनुपयुक्त – जो उपयुक्त न हो।
- अशुद्धि – गलती।
- भ्रम – संदेह, शक।
- ईकारांत – दीर्घ ‘ई’ से समाप्त होनेवाला शब्द।
- सदुपयोग – अच्छा उपयोग।