Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions प्रयोजनमूलक हिन्दी निमंत्रण-पत्र (गद्य) Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 11 Hindi प्रयोजनमूलक हिन्दी निमंत्रण-पत्र (गद्य)
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ: वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
निमंत्रण-पत्र का स्वरूप स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
वर्तमान समय में निमंत्रण-पत्र का प्रचलन सामान्य हो गया है। कोई बड़ा अनुष्ठान हो या छोटा-मोटा समारोह-कार्यक्रम, उसके लिए निमंत्रण-पत्र अनिवार्य होता है।
(क) निमंत्रण-पत्र में भेजनेवाले का नाम अंत में संक्षिप्त रूप में लिखते हैं।
(ख) निमंत्रित करनेवाले व्यक्ति एक से अधिक हो सकते हैं।
(ग) तिथि और स्थान पत्र के अंत में दिए रहते हैं।
(घ) निमंत्रण-पत्र रंगीन कागज पर आकर्षक रूप में होता हैं।
प्रश्न 2.
सार्वजनिक निमंत्रण-पत्र का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
॥ श्री गणेशाय नमः॥
परमकृपालु परमात्मा की कृपा से हमारे पुत्र
चि. विनय
(पुत्र श्री/श्रीमती सुंदरलाल और उर्मिला शुक्ल)
का शुभ विवाह
चि. जिज्ञा
(पुत्री श्री/श्रीमती पुनीतकुमार और मंजुला त्रिवेदी)
के साथ निश्चित हुआ है।
इस शुभ अवसर पर आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थित है।
दिनांक : रविवार, 25 नवंबर 2018
स्थल : सुंदरबाई हॉल, चर्चगेट
समय : सायं 5 से 10
निमंत्रक सुंदरलाल शुक्ल, उर्मिला शुक्ल।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
निमंत्रण-पत्र किसे कहते हैं?
उत्तर :
व्यक्तिगत, पारिवारिक, सार्वजनिक या सामाजिक तथा सरकारी आयोजनों में भाग लेने के लिए लोगों को आमंत्रित करने के लिए जिस पत्र का उपयोग किया जाता है, उसे निमंत्रण पत्र कहते हैं।
प्रश्न 2.
निमंत्रण-पत्र के प्रकार लिखिए।
उत्तर :
निमंत्रण पत्र कई प्रकार के होते हैं। निमंत्रण-पत्रों के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं :
- व्यक्तिगत निमंत्रण-पत्र
- पारिवारिक निमंत्रण-पत्र तथा
- सार्वजनिक या सामाजिक निमंत्रण-पत्र।
प्रश्न 3.
निमंत्रण-पत्र में तिथि और स्थान कहाँ लिखा जाता है?
उत्तर :
निमंत्रण-पत्र में तिथि और स्थान अंत में लिखे जाते हैं।
निमंत्रण-पत्र (गद्य) Summary in Hindi
वर्तमान समय में निमंत्रण-पत्र का प्रचलन सामान्य हो गया है। कोई बड़ा अनुष्ठान हो या छोटा-मोटा समारोह कार्यक्रम, उसके लिए निमंत्रण-पत्र अनिवार्य होता है। इस पाठ में निमंत्रण-पत्र के प्रकार तथा अन्य पत्रों एवं निमंत्रण-पत्रों में अंतर के बारे में बताया गया है। व्यक्तिगत और सरकारी निमंत्रण-पत्र का एक-एक नमूना भी दिया गया है।
गद्यांश का सार :
निमंत्रण-पत्रों का उपयोग : आजकल हर छोटे-बड़े कार्यक्रम के आयोजन के लिए निमंत्रण-पत्र भेजकर लोगों को आमंत्रित किया जाता है। जन्मदिन, मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, चाय, जलपान, कवि-सम्मेलन, नाटक, सफलता प्राप्ति की खुशी आदि अवसरों पर लोगों को बुलाने के लिए निमंत्रण-पत्रों का उपयोग किया जाता है।
निमंत्रण-पत्र के प्रकार : निमंत्रण-पत्र तीन प्रकार के होते. है : (1) व्यक्तिगत निमंत्रण-पत्र, (2) पारिवारिक निमंत्रण-पत्र तथा (3) सार्वजनिक या सामाजिक निमंत्रण-पत्र। सफलता प्राप्त करने की खुशी, चाय पार्टी, जलपान पार्टी से संबंधित निमंत्रण-पत्र व्यक्तिगत निमंत्रण-पत्र कहे जाते हैं। जन्मदिन, मुंडन, विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार से संबंधित निमंत्रण-पत्रों को पारिवारिक निमंत्रण-पत्र तथा नाटक, कवि-सम्मेलन तथा हिन्दी दिवस समारोह से संबंधित निमंत्रण पत्रों को सार्वजनिक या सामाजिक निमंत्रण-पत्र कहा जाता है।
निमंत्रण-पत्र तथा अन्य पत्रों में अंतर : पत्र साधारण कागज पर लिखे जाते हैं, निमंत्रण-पत्र रंगीन, मोटे और आकर्षक कागज पर छपे होते हैं। निमंत्रण-पत्र में भेजनेवाले के हस्ताक्षर नहीं होते, उस पर केवल पानेवाले का नाम लिखा जाता है। निमंत्रण-पत्र में तिथि और स्थान नीचे लिखे जाते हैं, जबकि पत्र में ये ऊपर लिखे जाते हैं। निमंत्रण पत्र में संबोधन, अभिवादन होना.जरूरी नहीं। निमंत्रित करनेवाले व्यक्ति भी कई हो सकते हैं। एक व्यक्ति को विशेष पत्र लिखा जाता है, जबकि एक ही निमंत्रण-पत्र हजारों लोगों को भेजा जा सकता है।
निमंत्रण-पत्र (गद्य) शब्दार्थ :
- अनुष्ठान – शास्त्र के अनुसार कोई काम।
- जलपान – हलका भोजन, नाश्ता।
- यज्ञोपवीत – जनेऊ।
- व्यक्तिगत – किसी एक व्यक्ति से संबंध रखनेवाला।
- सार्वजनिक – जिसका संबंध सभी लोगों से हो।
- पदनाम – पद का नाम।
- संक्षिप्त – थोड़े में।
- संबोधन – संबोधन, करने में प्रयुक्त उपाधि।
- अभिवादन – पद या आयु के अनुसार स्तुति।
- अनिवार्य – जरूरी।
- हस्ताक्षर – दस्तखत।
- निकटस्थ – निकटवाले।
- उपस्थिति – मौजूदगी।
- पावन – पवित्र।