Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions परिशिष्ट Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 11 Hindi परिशिष्ट
निम्नलिखित कहावतों का अर्थ लिखिए :
प्रश्न 1.
- दूध का दूध, पानी का पानी
- खराब सिक्का अच्छे सिक्के को बाहर कर देता है
- भौंकते हुए कुत्ते काटा नहीं करते
- सन्मुख मरन वीर के सोभा
- सावन सूखे, न भादों भरे
उत्तर :
- दूध का दूध, पानी का पानी – सच्चा न्याय करना ।
- खराब सिक्का अच्छे सिक्के को बाहर कर देता है – जब समाज पर बुरे लोग हावी हो जाते हैं तब अच्छे व्यक्तियों का प्रभाव नष्ट हो जाता है।
- भौंकते हुए कुत्ते काटा नहीं करते – कोरी धमकी देनेवाले किसी का कुछ बिगाड़ नहीं सकते।
- सन्मुख मरन वीर के सोभा – शत्रु के सामने लड़ते हुए मरने में ही वीर शोभा (गौरव) पाता है, पीठ दिखाने में नहीं ।
- सावन सूखे, न भादों भरे – अच्छे-बुरे समय में एक-सा अपरिवर्तित रहना। परिस्थितियों के प्रभाव से मुक्त रहनेवाले के लिए इस कहावत का प्रयोग होता है।
प्रश्न 2.
- संयम सबका मुल
- आप सुखी तो जग सुखी
- मन सच्चा तो कठौते में गंगा
- जाके पाँव न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई
- ऊँची दुकान, फीका पकवान
उत्तर :
- संयम सबका मूल – बिना संयम के कोई भी तप या साधना सिद्ध नहीं हो सकती।
- आप सुखी तो जग सुखी – व्यक्तिगत सुख को ही महत्त्व देना ।
- मन सच्चा तो कठौते में गंगा – यदि मन शुद्ध है तो घर में ही तीर्थाटन का फल मिल सकता है।
- जाके पाँव न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई -जिस व्यक्ति पर कभी दु:ख नहीं पड़ा, वह दूसरों का दुःख नहीं समझ सकता।
- ऊंची दुकान, फीका पकवान – प्रसिद्धि के अनुसार योग्यता या गुण न होना।
प्रश्न 3.
- आप मुए पीछे डूब गई दुनिया
- बिना बिचारे जो करै, सो पाछे पछताय
- अपनी डफली अपना राग
- काले बादल में रहती चाँदी की रेखा
- करत-करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान
उत्तर :
- आप मुए पीछे डूब गई दुनिया – अपने जीने तक ही दुनिया से हमारा संबंध है।
- बिना बिचारे जो करै, सो पाछे पछताय – बिना समझे-बूझे काम करने पर बाद में पछताने की नौबत आ सकती है।
- अपनी डफली अपना राग – सबका मिलकर काम न करना ।
- काले बादल में रहती चांदी की रेखा – घोर निराशा में भी आशा की किरण छिपी रहती है।
- करत-करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान – किसी विषय का स्वाध्याय करते-करते मूर्ख व्यक्ति भी उसमें पारंगत हो जाता है।
प्रश्न 4.
- ते ते पाँव पसारिये जेती लांबी सौर
- मोर के पंख होते हैं, मोरनी के नहीं; शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं
- उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे
- बाप सेर है तो बेटा सवा सेर
- जो बीत गई सो बात गई
उत्तर :
- ते ते पाँव पसारिये जेती लांबी सौर – अपनी शक्ति का खयाल करके उसके अनुसार ही काम करना चाहिए।
- मोर के पंख होते हैं, मोरनी के नहीं; शेर के बाल होते हैं, शेरनी के नहीं – स्त्री की अपेक्षा पुरुष श्रेष्ठ होता है।
- उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे – अपना दोष या अपराध स्वीकार न करना और दोष या अपराध रोकनेवाले को धमकाना।
- बाप सेर है तो बेटा सवा सेर – बेटा बाप से बहुत आगे बढ़ गया है। जो कुछ पिता में है उससे अधिक पुत्र में आ गया है।
- जो बीत गई सो बात गई – बीती हुई बातों को याद करके दुःखी होने से कोई लाभ नहीं ।
प्रश्न 5.
- आँख के अंधे नाम नयनसुख
- नया नौ दिन, पुराना सौ दिन
- बीती ताहि बिसार दे
- दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय
- जैसी करनी, वैसी भरनी
उत्तर :
- आँख के अंधे नाम नयनसुख – गुण के विरुद्ध नाम होना।
- नया नौ दिन, पुराना सौ दिन – नयी की अपेक्षा पुरानी चीजें अधिक विश्वासपात्र होती है।
- बीती ताहि बिसार दे – बीती हुई दुःखद बातों को भूलकर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।
- दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय – प्रायः दु:ख आने पर ही लोग भगवान को याद करते हैं।
- जैसी करनी, वैसी भरनी – अच्छे कर्मों का फल अच्छा और बुरे कर्मों का फल बुरा ही मिलता हैं।
प्रश्न 6.
- दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम
- करेला और नीम चढ़ा
- जिसकी लाठी उसकी भस
- हीरे की परख जौहरी जाने
- घर की मुर्गी दाल बराबर
उत्तर :
- दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम – अस्थिर मन के मनुष्य को किसी भी प्रकार से फायदा नहीं मिलता।
- करेला और नीम चढ़ा – एक बुराई में संगत के कारण दुसरी बुराई मिलना।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस – संसार में शक्तिशाली व्यक्ति का ही पक्ष बलवत्तर होता है।
- हीरे की परख जौहरी जाने – गुण की परीक्षा गुणीजन ही कर सकता है।
- घर की मुर्गी दाल बराबर – सरलता से प्राप्त वस्तु का कोई आदर नहीं करता।