Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions प्रयोजनमूलक हिन्दी व्यावहारिक पत्राचार-1 Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 11 Hindi प्रयोजनमूलक हिन्दी व्यावहारिक पत्राचार-1
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पांच वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
सरकारी पत्र के मसौदे की विशेषता क्या है?
उत्तर :
सरकारी पत्र का मसौदा बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। किसी प्राप्त पत्र पर कार्रवाई करने के पूर्व उस पर टिप्पणी लिखी जाती है। टिप्पणी लिखने के लिए नियमों की व्यवस्था आदि के बारे में अधिकारी को सुझाव दिया जाता है। कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिन पर बार-बार कार्रवाई की जानी अपेक्षित होती है और इनके मानक मसौदे उपलब्ध होते हैं। उन पर मसौदा तैयार नहीं किया जाता। ऐसे पत्रों को अधिकारी के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया जाता है।
प्रश्न 2.
सरकारी पत्र के प्रारूप के मुख्य बिंदुओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सरकारी पत्र की कई विशेषताएं होती हैं। पृष्ठ के मध्य में हाशिया छोड़कर भारत सरकार, मंत्रालय, कार्यालय लिखा जाता है। दाई तरफ पता व दिनांक लिखा जाता है। कार्यालयों के पत्र अधिकारी के पद के नाम भेजे जाते हैं। विषय में मूल आशय का उल्लेख हो तथा उचित संबोधन, अभिवादन लिखना चाहिए। पत्र के कलेवर में विमरों को क्रमिक रूप से लिखना चाहिए। निजी व्यक्तियों को भेजे जानेवाले पत्र के अंत में धन्यवाद लिखा जाता है।
प्रश्न 3.
अर्धसरकारी पत्र का प्रयोग कैसे मामलों में किया जाता है?
उत्तर :
अर्धसरकारी पत्र का प्रयोग किसी भी मामले पर विशेष रूप से व्यक्तिगत ध्यान देकर सरकारी कार्य को जल्द निपटाने के लिए राजपत्रित अधिकारियों के बीच किया जाता है। इसका प्रयोग इन अधिकारियों के बीच विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है। आम तौर पर इस पत्र का प्रयोग विचारों या सूचनाओं के आदान-प्रदान या प्रेषण, किसी मामले की ओर अधिकारी का व्यक्तिगत ध्यान दिलाने या उसकी निजी सम्मति प्राप्त करने, अधिकारी के कार्यालय से कार्रवाई में अनावश्यक विलंब होने तथा स्मरण-पत्र भेजने पर भी उत्तर न प्राप्त होने आदि मामलों में किया जाता है।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में निरिखए :
प्रश्न 1.
कार्यालयी पत्राचार का प्रयोग कब किया जाता है?
उत्तर :
कार्यालयी पत्राचार का प्रयोग मंत्रालयों / विभागों / कार्यालयों में सरकारी निर्णयों की सूचना देने अथवा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग सरकार के आंतरिक प्रशासन, सूचनाओं के आदानप्रदान, प्रशासनिक मंत्रालय से की जानेवाली कार्रवाई की सहमति प्राप्त करने, सरकार की नीतियों / निर्णयों की जानकारी देने तथा सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 2.
व्यावहारिक पत्राचार के विविध रूपों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
व्यावहारिक पत्राचार के विविध रूप इस प्रकार हैं:
- सरकारी पत्र, अर्धसरकारी पत्र, स्मरण-पत्र या अनुस्मारक
- कार्यालय ज्ञापन, कार्यालय आदेश, आदेश एवं परिपत्र।
प्रश्न 3.
सरकारी पत्र किसे कहते हैं?
उत्तर :
जिन पत्रों का प्रयोग कार्यालय से इतर व्यक्तियों, कंपनियों, संस्थाओं, स्वैच्छिक संगठनों एवं राज्य सरकारों आदि से सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु किया जाता है, उन्हें सरकारी पत्र कहते हैं।
प्रश्न 4.
अर्धसरकारी पत्र की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
जिस पत्र का प्रयोग किसी भी मामले पर विशेष रूप से व्यक्तिगत ध्यान देकर सरकारी कार्य के शीघ्र निपटाने हेतु राजपत्रित अधिकारियों के बीच किया जाता है, उसे अर्धसरकारी पत्र कहते हैं।
प्रश्न 5.
स्मरण-पत्र या अनुस्मारक पत्र का भेजा जाता है?
उत्तर :
जब किसी मामले में कार्रवाई हेतु मंत्रालय / विभाग / कार्यालय किसी अन्य मंत्रालय / विभाग / कार्यालय को पत्र भेजता है और उस पत्र पर कार्रवाई की अपेक्षा होती है किन्तु निर्धारित अवधि के भीतर अपेक्षित उत्तर प्राप्त नहीं होता, तब संबंधित मंत्रालय / विभाग / कार्यालय को याद दिलाने के लिए स्मरण-पत्र या अनुस्मारक भेजा जाता है।
व्यावहारिक पत्राचार-1 Summary in Hindi
इस गद्यांश में सरकारी पत्राचार के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस प्रकार के पत्रों का प्रयोग मंत्रालयों / विभागों तथा कार्यालयों में सरकारी निर्णयों की सूचना देने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस पाठ में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इसका प्रयोग किन-किन कार्यों के लिए किस प्रकार से किन-किन रूपों में होता है।
गद्यांश का सार :
कार्यालयी पत्राचार का प्रयोग : कार्यालयी पत्र का व्यवहार सरकार के विभिन्न कार्यालयों में होता है। इस प्रकार के पत्राचार का प्रयोग सरकार के आंतरिक प्रशासन, सूचनाओं, सहमति प्राप्त करने, सरकारी नीतियों तथा उपलब्धियों से लोगों को परिचित कराने के लिए किया जाता है।
पत्राचार के रूप : पत्राचार के विविध रूप हैं। इनमें पत्र, कार्यालय ज्ञापन, कार्यालय आदेश, आदेश तथा परिपत्र शामिल हैं।
पत्रों का वर्गीकरण : पत्र तीन प्रकार होते हैं :
- सरकारी पत्र
- अर्धसरकारी पत्र तथा
- स्मरण-पत्र।
इन पत्रों में कार्यालय ज्ञापन, कार्यालय आदेश, आदेश तथा परिपत्र आदि होते हैं।
सरकारी पत्र : सरकारी पत्र का प्रयोग कार्यालय के बाहर के लोगों, कंपनियों, संस्थाओं, स्वैच्छिक संगठनों तथा राज्य सरकारों से सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है। इसकी भाषा सरल और स्पष्ट होती है। इसके लिखने का निर्धारित तरीका होता है।
अर्धसरकारी पत्र : इस पत्र का उपयोग किसी मामले में व्यक्तिगत ध्यान देकर सरकारी कार्य को जल्द निपटाने के लिए राजपत्रित
अधिकारियों के बीच किया जाता है। इस पत्र की विशेषता यह होती है कि इसे लेटरपैड पर लिखा जाता है।
स्मरण-पत्र या अनुस्मारक (Reminder) : मंत्रालय, विभाग, कार्यालय द्वारा दूसरे मंत्रालय, विभाग, कार्यालय को भेजे गए पत्र के बारे में अवधि के भीतर उत्तर प्राप्त न होने पर इन विभागों को याद दिलाने के लिए स्मरण-पत्र भेजा जाता है। इसका प्रारूप सरकारी पत्र के समान होता है।
मसौदा-लेखन व पत्र : सरकारी पत्राचार में मसौदा-लेखन महत्त्वपूर्ण होता है।
प्राप्त पत्र पर कार्रवाई करने के पहले उस पर टिप्पणी लिखी जाती है। उसमें नियमों की व्यवस्था तथा प्रस्तावित निर्णय के बारे में सुझाव दिया जाता है। इसके बाद समर्थ अधिकारी के पास यह मसौदा अनुमोदन के लिए भेजा जाता है। कभी-कभी कुछ मानक मसौदे उपलब्ध होते हैं।
उन पर मसौदा तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती। सीधे अधिकारी के पास मसौदा अनुमोदन के लिए प्रस्तुत कर दिया जाता है। अनुमोदन के बाद पत्र की स्वच्छ प्रति पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर करा कर उसे प्रेषिती को जारी कर दिया जाता है।
व्यावहारिक पत्राचार-1 शब्दार्थ :
- पत्राचार – पत्र-व्यवहार।
- आंतरिक – अंदरूनी।
- आदान-प्रदान – प्राप्त करना और देना।
- उपलब्धि – प्राप्ति।
- प्रयोगगत – प्रयोग संबंधी।
- स्मरण-पत्र – याद दिलाने संबंधी पत्र।
- अनुसारक – अनुसरण करनेवाला व्यक्ति।
- मसौदा – मसविदा, असंशोधित हस्तलेख।
- टिप्पणी – संक्षिप्त टीका।
- विश्लेषण – अच्छी तरह समझना।
- अनुमोदन – समर्थन।
- सक्षम – समर्थ।
- अनुच्छेद – पैराग्राफ।
- निर्वैयक्तिक – जो व्यक्तिगत न हो।
- अनुदेश – कार्यविधि की जानकारी संबंधी सूचना।
- प्रेषिती – भेजनेवाला।
- पदनाम – पदवी।
- आशय – तात्पर्य।
- कार्यान्वयन – कार्य रूप में परिणत करना।
- अनुस्मारक – स्मरण करानेवाले पत्र की फिर याद दिलाना।
- पूर्वप्रेषित – पहले भेजा गया।
- अवलोकन – देखना, जांच-पड़ताल करना।