GSEB Class 11 Hindi Rachana पत्र लेखन (1st Language)

Gujarat Board GSEB Solutions Class 11 Hindi Rachana पत्र लेखन (1st Language) Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 11 Hindi Rachana पत्र लेखन (1st Language)

कार्यालयी पत्र
सरकार के विभागों का काम फाइलों के माध्यम से होता है। इन विभागों के बीच परस्पर अनेक तरह के पत्रों का आदान प्रदान होता है। इनमें इस तरह के पत्र का एक विशिष्ट स्वरूप होता है। यहाँ निम्नलिखित प्रकार के प्रमुख कार्यालयी पत्रों के नमूने दिये जा रहे हैं –

  • सरकारी पत्र (Ordinary Official Letter)
  • अर्द्ध सरकारी पत्र (Demi Official Letter – D.O.)
  • कार्यालय आदेश (Office Order)
  • परिपत्र (Circular Letter)
  • ज्ञापन (Memorandum)
  • कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum)
  • अनुस्मारक (Reminder)
  • (Unofficial Note or Reference)

GSEB Class 11 Hindi Vyakaran पत्र लेखन (1st Language)

कार्यालयी पत्र (सरकारी पत्र) लिखने की विधि निम्नलिखित है :

  • पत्र की संख्या
  • सरकारी विभाग/कार्यालय का नाम
  • प्रेषक का नाम तथा पदनाम
  • प्राप्तकर्ता का नाम तथा पदनाम तिथि
  • विषय का उल्लेख
  • संबोधन
  • पत्र का कलेवर
  • स्वनिर्देश
  • प्रेषक के हस्ताक्षर, पदनाम
  • संलग्न प्रपत्रों का उल्लेख
  • प्रतिलिपि भेजे जानेवालों के नाम

1. कार्यालयी पत्र का उदाहरण

संख्या – शिक्षा/51/3/2018
भारत सरकार
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
नई दिल्ली

प्रेषक,
डॉ. जगमोहनसिंह रावत
मुख्य सचिव (शिक्षा)
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
नई दिल्ली
सेवा में,
शिक्षा निदेशक,
शिक्षा मंत्रालय, उत्तर प्रदेश, लखनऊ

विषय : सभी राज्यों की हाईस्कूलों में नई दिल्ली दिनांक 10 जनवरी, 2018 एन.सी.ई.आर.टी. का एकसमान पाठ्यक्रम लागू करने के संबंध में

महोदय,

  1. उक्त विषय पर पिछले माह दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में आपको विस्तृत जानकारी दी गई थी। अब इस विषय में मुझे यह निवेदन करने का निर्देश हुआ है कि सत्र 2019-2020 से उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. का एकसमान पाठ्यक्रम लागू करना चाहिए।
  2. नई कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें एन.सी.ई.आर.टी. मुजब होनी चाहिए।
  3. इस नई योजना के क्रियान्वयन के कारण किसी भी कार्यरत कर्मचारी को कोई हानि न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
  4. इस विषय में दिनांक 20 मई, 2018 को एक और बैठक दिल्ली में आयोजित की जा रही है, इसमें आपकी उपस्थिति अनिवार्य है। इसकी विस्तृत सूचना संलग्न पत्र में देखें।

भवदीय,
(हस्ताक्षर. …………………)
डॉ. जगमोहनसिंह रावत
मुख्य सचिव (शिक्षा)
मानव संसाधन विकास मंत्रालय,
भारत सरकार, नई दिल्ली

संलग्न –
बैठक का सूचना पत्र एवं कार्यसूची
प्रतिलिपि प्रेषित –

  • सचिव, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
  • शिक्षामंत्री, भारत सरकार
  • मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ

यह वस्तुत: शासन द्वारा निर्गत आदेश होता है, अतः इसे ‘शासनादेश’ भी कहा जाता है। यह पत्र केन्द्र तथा राज्य सरकारों के स्तर पर समय-समय पर भेजा जाता है। इसका प्रयोग सरकारी कामों में निष्पादन के लिए किया जाता है। भाषा निश्चयात्मक तथा प्रथम पुरुष में प्रयुक्त होती है।

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2. अर्द्ध सरकारी पत्र का उदाहरण

सचिव, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली की ओर से वित्त मंत्रालय के सचिव को सरकारी बैंक कर्मचारियों को हिन्दी सिखाने के संदर्भ में एक अर्द्ध सरकारी पत्र लिखिए।

भारत सरकार,
मानव संसाधन विकास मंत्रालय,
नई दिल्ली।
पत्र संख्या – 04/5/2018
डॉ. विनोद नागपाल

दिनांक 14 जून, 2018

सचिव

प्रियश्री रंजन,
आपके पत्र संख्या 112/3/2018 दिनांक 5 मार्च, 2018 के संदर्भ में आपको कुछ विनम्र सुझाव. देना चाहता है।

  1. हिन्दी सीखनेवाले अहिंदीभाषी कर्मचारियों को समसामयिक परिवेश के अनुसार वर्तमान पाठ्यक्रम को संशोधित करना।
  2. कार्यालय में हिन्दी का पूरी तरह उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद, कर्मचारियों को हिन्दी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु पुरस्कार आदि की व्यवस्था करना।

इस विषय पर विचार करने हेतु मेरे कार्यालय में कुछ विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। आप उसमें शामिल होकर अपने उपयोगी सुझावों से हमें लाभान्वित करें।

आपका
(हस्ताक्षर)…
(डॉ. नरेश वेद)

प्रति,
डॉ. विनोद नागपाल
सचिव
वित्त मंत्रालय,
नई दिल्ली

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3. कार्यालय आदेश

यह आदेशनुमा पत्र है, जिसमें एक सक्षम अधिकारी कार्यालय-अध्यक्ष की ओर किसी मामले में आदेश जारी करता है। यह अन्य पुरुष में लिखा जाता है। यह पत्र लेटर हेड कार्यालय के ‘पैड’ पर लिखा जाता है, जहाँ ‘पैड’ छपा नहीं होता वह उसे टाइप कर लिया जाता है। इसकी भाषा निश्चयात्मक होती है। इसमें ‘सादर’ जैसे शब्द, संबोधन का प्रयोग नहीं होता। इसका संक्षिप्त प्रारूप इस प्रकार है –

कार्यालय आदेश का नमूना

पत्र संख्या 30/5/20xx

शिक्षा विभाग
गुजरात राज्य
गांधीनगर
कार्यालय आदेश

दिनांक 15 मार्च, 20xx

डॉ. सुल्तान रिज़वी, प्राध्यापक, हिंदी विभाग, ए. बी. कालेज, अहमदाबाद की सेवाएँ 1 अप्रैल, 20xx से सी. वी. कॉलेज, गांधीनगर – के लिए हस्तांतरित की जाती है। डॉ. अहमद का स्थान नवनियुक्ति द्वारा पूर्ण होगा।

आज्ञा से (हस्ताक्षर ………………….)
नाम ………………………….
मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग
गुजरात राज्य
गांधीनगर

प्रतिलिपि प्रेषित –

  • डॉ. सुल्तान रिजवी, ए. बी. कॉलेज, अहमदाबाद
  • डॉ. सुरजीतसिंह अहलूवालिया, प्राचार्य
    ए. बी. कॉलेज, अहमदाबाद
  • डॉ. निरुपमा नेगी, प्राचार्य
    सी. वी. कॉलेज, गांधीनगर

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4. परिपत्र (Circular)

परिपत्र केवल मुख्य कार्यालयों द्वारा जारी होते हैं। परिपत्र में संबंधित सभी अधिकारियों, विभागों तथा कार्यालयों को किया जाता है। परिपत्र जारी करनेवाले कार्यालय के अध्यक्ष या प्रभारी अधिकारी द्वारा हस्तांतरित होता है, जिसके नीचे उनका पदनाम लिखा होता है। परिपत्र में भवदीय या आपका विश्वासपात्र आदि शब्दों का प्रयोग नहीं होता है।

परिपत्र का उदाहरण
संख्या – 55/1/2018
गुजरात राज्य

[गांधीनगर : ता. 05 मार्च, 20xx

गृह विभाग

विषय : अनुशासन व्यवस्था अस्त-व्यस्त होने के संबंध में

महोदय,

मुझे आपको निवेदन करने का निर्देश हुआ है कि भावनगर मंडल के जिलों में अपहरण, बलात्कार, लूट-पाट और अन्य तरह की अराजक घटनाएँ तेजी से बढ़ रही है। अतः आप अपने अधीनस्थ पुलिस-बल को तुरंत वहाँ भेजकर इनके रोकथाम के उपाय करें।

हस्ताक्षर …………..
( सोमाभाई एन. वाकाणी )
गृह सचिव
गृह मंत्रालय,
गुजरात राज्य, गांधीनगर

5. ज्ञापन (ज्ञाप)

इस पत्र का प्रयोग पत्र प्राप्ति को सूचित करने, अपने अधीनस्थ सहकर्मियों को सूचना प्रेषित करे, अधीनस्थ कर्मचारियों को नियुक्ति संबंधी आदेश देने तथा अधीनस्थ कर्मचारियों को आदेशों के अलावा अन्यान्य तथ्यों को सूचित करने के लिए होता है। इस पत्र में विधिवत् संबोधन तथा स्वनिर्देश नहीं होता। वाक्य रचना अन्य पुरुष में होती है। यहाँ ‘महोदय’ तथा ‘भवदीय’ शब्दों का उपयोग नहीं होता।

ज्ञापन का उदाहरण

फाइल सं. 1/12/20xx
गृह मंत्रालय,
गुजरात राज्य,
गांधीनगर
दिनांक 05/2/20xx ई.

विषय : चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति निम्नांकित हस्ताक्षरकर्ता को उनकी पत्र संख्या 145, दिनांक 15.12.20xx के आवेदन पत्र की प्राप्ति की सूचना के उत्तर में यह कहने का निर्देश हुआ है कि मंत्रालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का पद निम्नांकित शर्तों पर प्रस्तुत किया जाता है –

  1. वेतनमान – 4000-100-7500 + समयानुसार जारी महँगाई तथा अन्य भत्ते,
  2. यह पद पूर्णतया अस्थायी है और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी समय समाप्त किया जा सकता है,
  3. पद स्वीकार करने की स्थिति में पंद्रह दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करना पड़ेगा, अन्यथा आदेश निरस्त समझा जाएगा।

यदि श्री महेशभाई रमणभाई कुरकुटिया उपर्युक्त शर्तों पर कार्य करने को उत्सुक हों, तो वह निम्न हस्ताक्षरकर्ता के समक्ष प्रमाणपत्रों की जाँच के लिए दिनांक 20.02.20xx के पूर्व कार्यालय में उपस्थित हों।

…………………………………
उपसचिव, गृह मंत्रालय
गुजरात राज्य
गांधीनगर

सेवा में,
श्री महेशभाई रमणभाई कुरकुटिया
ग्राम – पोस्ट – वाँच
जिला – डांग (गुजरात)

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6. कार्यालय ज्ञापन

इस प्रकार के पत्रों का आदान-प्रदान एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के बीच होता है। ये अन्य परुष में ही लिखे जाते हैं। किसी तरह का संबोधन नहीं होता। पत्र के अंत में भेजनेवाले का हस्ताक्षर तथा पदनाम लिखा जाता है।

उदाहरण

भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय की ओर से कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना में शामिल होने के लिए कार्यालय ज्ञापन तैयार कीजिए।

भूतल परिवहन मुख्यालय
रेल भवन
नई दिल्ली
पत्र क्रमांक : (कं.प्र.यो.) 02/325

दिनांक : 10 जनवरी, 20xx

विषय : कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना के बारे में

अधोहस्ताक्षरी को यह सूचित करने का निर्देश हुआ है कि कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत इस विभाग द्वारा 25 फरवरी, 20xx से एक कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यालय आरंभ की जा रही है। यह कार्यशाला एक पखवारे (15 दिन) तक चलेगी। प्रशिक्षण में भाग लेने को इच्छुक कर्मचारी अपना नाम अपने अनुभाग द्वारा अनुशंसित कराकर प्रशिक्षण अनुभाग को 10 फरवरी, 20xx तक अवश्य भेज दें।

हस्ताक्षर …………………………
(सुधा पुगलिया)
मुख्य सचिव,
भूतल परिवहन मुख्यालय
रेल भवन, नई दिल्ली

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7. अनुस्मारक

यह छोटा सरकारी पत्र ही है। इसमें पूर्वपत्र का हवाला दिया जाता है। एक से अधिक अनुस्मारक भेजने पर उन्हें अनुक्रमांक दिया जाता है। जैसे – अनुस्मारक-1, अनुस्मारक-2।

अनुस्मारक का उदाहरण

गृह मंत्रालय, पश्चिम बंगाल की ओर से उपायुक्त, पुरुलिया को एक अनुस्मारक लिखिए, जिसमें वहाँ वांछित व्यक्तियों के विषय में जरूरी सूचना शीघ्र भेजने का वर्णन हो।
पश्चिम बंगाल सरकार
गृह मंत्रालय,
पत्र क्रमांक : गृह मंत्रालय – च/20xx/2375

दिनांक – 16 अगस्त, 20xx

प्रति,
उपायुक्त,
पुरुलिया

विषय : बाहरी व्यक्तियों की जानकारी के बारे में

महोदय,
उपर्युक्त विषय पर आपका ध्यान मंत्रालय के पत्र क्रमांक ग.म./4/20xx/1372 दिनांक 20 अप्रैल, 20xx की ओर दिलाया जाता है। आपने अभी तक वांछित सूचना नहीं भेजी है। कृपया शीघ्र जानकारी भेजने का कष्ट करें।

भवदीय,
(हस्ताक्षर ……………………..)
रेखा मीणा बोस
सचिव,
गृह मंत्रालय,
पश्चिम बंगाल सरकार

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8. टिप्पण
टिप्पण या टिप्पणी का निर्देश प्रायः पंजिका (Register) में ही टिप्पणी लिखकर उसे संबंधित विभाग को भेज दिया जाता है तथा यदि टिप्पणीकर्ता चाहे तो वह स्वतः लिखकर स्वतंत्र रूप से कार्यालय को भेज सकता है। वाक्यरचना अन्य पुरुष में होती है।

अनौपचारिक टिप्पणी का उदाहरण
रेल मंत्रालय

विषय : उत्तर रेलवे तथा पूर्व रेलवे में देरी से चल रही गाड़ियों के संबंध में

रेल मंत्रालय को पता ही होगा कि पिछले तीन-चार महीने से दिल्ली से चलनेवाली पूर्व तथा उत्तर रेलवे की अधिकांश पैसेंजर ट्रेने अपने गंतव्य पर दस-दस, बारह-बारह घंटे या उससे भी अधिक देर तक पहुंच रही हैं। कुछ ट्रेने तो 24 घंटे से ज्यादा देरी से चल रही हैं। इस संदर्भ में संचालन विभाग से मुस्तैदी की अपेक्षा है, जिससे ट्रेनों का चलना नियमित हो सके तथा यात्रियों को असुविधा न हो।

सी. पी. पटेल (अवर सचिव)
रेल मंत्रालय,
भारत सरकार
16 अगस्त, 20xx
फोन नं.

रेल मंत्रालय
क्रम सं. … दिनांक …

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