GSEB Solutions Class 10 Social Science Chapter 7 अपनी विरासत का संरक्षण

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 10 Social Science Chapter 7 अपनी विरासत का संरक्षण Textbook Exercise Important Questions and Answers.

अपनी विरासत का संरक्षण Class 10 GSEB Solutions Social Science Chapter 7

GSEB Class 10 Social Science अपनी विरासत का संरक्षण Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए:

प्रश्न 1.
हमें हमारी विरासत का जतन और संरक्षण हेतु हमारी भूमिका बताइए ।
उत्तर:
भारत की भव्य भूतकालीन विरासत की सुरक्षा के लिए राज्य सरकारें, युनेस्को और गैर सरकारी संस्थाएँ अपना कर्तव्य योग्य रूप से निभा रही है, परंतु सबसे महत्त्वपूर्ण जवाबदारी हम सबकी है ।

  • विद्यालयों-महाविद्यालयों में शिक्षक कक्षा में हमारी भव्य विरासत का परिचय दें ।
  • विद्यार्थी भी अंजाने में स्मारकों, स्थलों, पुरावशेषों को पहचानकर उनकी सुरक्षा और संरक्षण में सहायता करें ।
  • विरासत की सूची बनाने में सतर्कता रख्ने, स्मारकों को नष्ट न होने दे, उनकी तोड़-फोड़ न हो, उनकी चोरी न हो यह ध्यान में रखकर सतत अध्ययनशील रहे यह जरूरी है ।
  • स्थानीय स्तर पर विद्यालयों-महाविद्यालयों और गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा ऐतिहासिक स्थलों का प्रवास, वक्तव्यों, प्रदर्शनियों, चर्चासभाओं का आयोजन करना, हमारी विरासत की समझ देना, लोकजागृति विकसित करना ।
  • ऐतिहासिक स्मारकों, शिल्प-स्थापत्यों, कलाकारीगरी के नमूने एक बार नष्ट हो तो फिर मूल स्थिति में नहीं आ सकते, इसके लिए उनका नाश न होने दे, वे मूल स्थान से दूसरे स्थान पर न जाये इसका ध्यान रखना सबका पवित्र कर्तव्य है ।
  • हमारा देश विशाल और वैविध्यपूर्ण विरासतवाला है, इसमें प्राचीन समय के वाव, झरने, तालाब, सरोवर आदि है, इनकी वर्षाऋतु के दरम्यान विशेष देख-भाल करनी चाहिए ।

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प्रश्न 2.
प्राकृतिक विरासत के जतन के लिए किये गये सरकारी प्रयास बताइए ।
उत्तर:
प्राकृतिक विरासत की देखभाल के लिए और संरक्षण के लिए निम्न प्रयास किये गये है :

  • ई.स. 1952 में भारत सरकार ने भारतीय वन्यजीवों के लिए बोर्ड की रचना की । इसके अनुसार वन्य जीवों के संरक्षण के लिए साधन उपलब्ध करवाना, राष्ट्रीय उद्यान, पक्षी विहार और पक्षीघरों का निर्माण हेतु सलाह-सूचन देना तथा वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागृति लाने का कार्य किया ।
  • ई.स. 1972 में वन्य जीवों से जुड़े कानून अमल में लाना । इसमें राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य और आरक्षित क्षेत्रों का समावेश किया गया है ।
  • देश में नये राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों की रचना की गयी ।
  • विरासत की देखभाल और संरक्षण के लिए देश के कानूनों को विशाल परिप्रेक्ष्य में रखा गया ।
  • लुप्त होते प्राणियों, विशिष्ट वृक्षों और पशुओं को बचाने, उनका विनाश रोक सके इसके लिए कड़क कानून बनाये है ।
  • ई.स. 1883 में रचित ‘मुम्बई प्राकृतिक इतिहास समिति’ सबसे पुरानी संस्था है ।
  • वर्तमान में गिर फाउन्डेशन, नेचर क्लब जैसी संस्थाएँ पर्यावरण के संरक्षण के कार्य में उपयोगी है ।
  • हमारी अमूल्य विरासत के संरक्षण के लिए संविधान में प्रावधान किया गया है ।
  • संविधान में विरासत की सुरक्षा करना नागरिक का मूलभूत कर्तव्य बताया गया है ।

प्रश्न 3.
हमें हमारी विरासत की सुरक्षा और संरक्षण क्यों करना चाहिए ?
उत्तर:
विरासत देश की पहचान है । इसकी अवगणना करनेवाले राष्ट्र का कोई भी भविष्य नहीं होता, क्योंकि विरासत हमारे लिए मार्गदर्शक होती है ।

  • भूतकाल में हमने जो भूले की है उनको वर्तमान में समझकर भविष्य के लिए योजना और विकास की दिशा निश्चित करने में योजनाएँ हमें पथप्रदर्शक बनती है ।
  • देश में नयी चेतना का संचार करने में विरासत खूब उपयोगी है ।
  • देश के साँस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के स्थलों को होनेवाला नुकसान या विनाश के प्रति देश के लोगों में जागृति आये यह अनिवार्य है ।
  • विरासत के जतन के लिए मात्र सरकार ही नहीं, सामान्य प्रजा को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए ।
  • विरासत देश की प्रजा के लिए आदर्श होती है । इसलिए उसे नष्ट होने से रोकना जरूरी है ।
  • विदेशी प्रजाओं के आक्रमण और हमारी सतर्कता के अभाव के कारण हमारी विरासत को भयंकर नुकसान हुआ है । जिसके कारण उसकी देखभाल करना सरकार तथा समस्त प्रजा का नैतिक कर्तव्य है ।

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प्रश्न 4.
प्राचीन स्मारकों, पुरातत्त्वीय स्थलों और अवशेषों के स्थलों की सुरक्षा के कानूनों की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
भारतीय विरासत के सामने समय-समय पर जो जोखिमी और नुकसानदायक कारक उत्पन्न होते गये है वैसे ही विरासत की सुरक्षा के प्रत्यन बढ़ते गये है ।

  • पुरातत्त्वीय विरासत को सुरक्षित रखने के लिए संसद ने 1958 में प्राचीन स्मारकों, पुरातत्त्वीय स्थलों, ऐतिहासिक स्मारकों, पुरातत्त्व के अवशेषों’ संबंधित कानून बनाया । इसके अनुसार प्राचीन कलाकृतियों, धार्मिक स्थानों, ऐतिहासिक स्मारकों, पुरातत्त्व के स्थलों और अवशेषों की देखभाल की सूचना दी गयी है ।
  • पुरातत्त्व विभाग के कानून के अनुसार कोई भी निजी व्यक्ति, संस्था या एजेन्सी भारत सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना किसी भी स्थान की खुदाई (उत्खनन) नहीं कर सकती । इससे चौरी-छुपे होनेवाली खुदाई को रोकने का कार्य हुआ, जिससे वे आजतक सुरक्षित रहे है ।
  • केन्द्र सरकार ने महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों ‘राष्ट्रीय स्मारकों’ के रुप में घोषित किया है । उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पुरातत्त्व विभाग को सौंपी गयी है ।
  • मात्र सरकार द्वारा कानून बनाने से नहीं; परंतु लोगों की नैतिक जवाबदारी से विरासत की सुरक्षा करनी चाहिए ।
  • पुरातत्त्व विभाग नष्ट हुए या नष्ट होने की तैयारी में हो ऐसे स्मारकों, स्थलों का निश्चित पद्धति से देखरेख करवाता है ।
  • स्मारकों की मरम्मत करते समय अनेक बातें ध्यान में रखनी चाहिए जैसे कि उनका मूल स्वरूप, आकार, कद तथा असलियत बनी रहें यह जरूरी है ।
  • भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण नामक सरकारी विभाग अपनी देखरेख के अधीन लगभग 500 इमारतों और स्थानों के संरक्षण का कार्य करता है ।
  • आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर बहुउद्देशीय योजना के कारण संगमेश्वर मंदिर, पापनाशम् मंदिर समुद्री पानी में डूब गये थे । पुरातत्त्व विभाग ने इन मंदिरों को आंध्रप्रदेश के महबूब नगर जिले के आलमपुर विभाग में सफलतापूर्वक ख्रिसकाकर स्थानांतरित किया ।
  • विश्व के सात आश्चर्यों में से एक आगरा का ताजमहल मथुरा की रिफाईनरी और उद्योगों के कारण वायु प्रदूषण के परिणाम स्वरूप उसका सफेद संगमरमर फीका और पीला पड़ रहा था । पुरातत्त्व विभाग द्वारा वायु प्रदूषण फैलानेवाले उद्योगों को बंद करवाकर ताजमहल की नियमित सफाई करवाने के उचित कदम उठाए हैं और ताजमहल की चमक बचाई है ।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:

प्रश्न 1.
हमारी विरासत के जतन और संरक्षण की आवश्यकता बताइए ।
उत्तर:
भारत की विरासत वैविध्यपूर्ण है । सांस्कृतिक विरासत में साहित्य, शिल्प-स्थापत्य, विविध कलाओं और प्राकृतिक विरासत का समावेश होता है ।

  • प्रकृति या मानवसर्जित कारकों द्वारा वे प्रतिकूल प्रभाव पा रहा है, उनका संरक्षण करना बहुत ही अनिवार्य है ।
  • विरासत देश के लोगों को गौरान्वित करने से प्रजा अपनी पहचान विरासत के साथ जोड़कर उसे आदर देती है । इसलिए इसके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण व्यवस्थापन के लिए अपनाना जरूरी है ।
  • लुप्त हो रही कलाओं, स्थापत्य आदि का संरक्षण करना चाहिए जिससे आनेवाली पीढ़ियों को अपने पूर्वजों द्वारा किये गये गौरवपूर्ण कार्यों की प्रेरणा मिले । हमारी विरासत के प्रति हम जाग्रत नहीं, इसी प्रकार हमारी गैरजिम्मेदारी के कारण विरासत को आज भी नुकसान हो रहा है, जिससे आज विरासत का संरक्षण आवश्यक बन गया है ।

प्रश्न 2.
संग्रहालयों की देखभाल की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
भारतीय निधि व्यापार कानून (1876) के अनुसार किसी भी नागरिक को अचानक कोई भी पौराणिक, प्राचीन, कलात्मक चीजवस्तु घर, खेत, कुआ, तालाब आदि बनाते समय खुदाई दरमियान प्राप्त हो तो पुरातत्त्व विभाग को उसकी जानकारी दे जिससे उसका संरक्षण उस स्थान पर अथवा संग्रहालयों में हो सके ।

  • अति मूल्यवान कलाकृति के संबंध में कानून 1972 में सरकार ने पास करके व्यक्तिगत अथवा निजी संग्रहालयों की जानकारी भी प्राप्त की है ।
  • यहाँ संस्कृत, अर्धमागधी, प्राकृत, पाली आदि हस्तप्रतों की देखभाल और उनका संग्रह होता है ।
  • प्रत्येक राज्य का कार्यालय भंडार (आर्काइब्ज) में दस्तावेजों को वैज्ञानिक ढंग से देखभाल करने से इतिहासकारों और संशोधकों को उचित मार्गदर्शन मिल रहा है ।
  • प्राचीन कलाकृति तथा अति मूल्यवान वस्तुओं की देखभाल के संग्रहालयों (म्युजियम) का कार्य महत्त्वपूर्ण है ।

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प्रश्न 3.
ऐतिहासिक स्मारकों की मरम्मत करते समय ध्यान रखने योग्य बातों की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
पुरातत्त्व विभाग नष्ट हुए या नष्ट होने की तैयारी में हो ऐसे स्मारकों, स्थलों की निश्चित पद्धति से मरम्मत करवाती है ।

  • स्मारकों की मरम्मत करते समय कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए जैसे कि उनके मूल स्वरूप, आकार, कद तथा असलियत आदि बनी रहे यह जरूरी है ।

प्रश्न 4.
प्रवास स्थलों की स्वच्छता और जतन के विषय में आपका मंतव्य लिखिए ।
उत्तर:
हमारे देश के पर्यटन स्थलों की स्वच्छता और जतन के केन्द्र और राज्य सरकारें महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है । इसके परिणाम स्वरूप प्रवास के स्थलों पर स्वच्छता और सतर्कता से जतन के लिए आयोजन किया गया है । इसके लिए निम्न उपाय कर सकते है:

  • प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए ।
  • पर्यटन स्थलों और सार्वजनिक स्थलों पर जहाँ तहाँ कचरा न फेंककर कचरा पेटी में डालना चाहिए ।
  • ऐतिहासिक स्मारकों पर अनावश्यक लिखावट या चित्रों द्वारा उसको नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए ।
  • गंदकी का उचित निकाल करना चाहिए ।
  • पान, गुटका खाकर चाहे जहाँ थूकना नहीं चाहिए ।
  • प्राचीन स्थलों पर/आसपास प्रदूषण नहीं करना चाहिए ।
  • ऐतिहासिक स्थापत्यवाली वाव, जलाशयों, तालाबों, झरनों आदि की चौमासे के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
  • पुरातत्त्वीय रासायनिक क्रियाओं द्वारा स्मारकों की सफाई करते समय खूब जतनपूर्वक कार्य करना चाहिए ।
  • देश-विदेश के प्रवासियों द्वारा हमारे ऐतिहासिक विरासतों को हानि न पहुँचाए इसके लिए उन्हें जाग्रत करना चाहिए ।
  • प्राकृतिक आपदाओं से पर्यटन स्थलों को नुकसान हो तो उन्हें फिर से मूल स्वरूप में लाने के लिए प्रयत्न करने चाहिए ।
  • भूतकाल के विरासत के स्थलों के मूल स्वरूप को आँच न आये इस तरह आधुनिक विज्ञान और टेक्नोलॉजी के सहारे उनका जतन करना चाहिए ।

प्रश्न 5.
‘भारत की विविधता में एकता’ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
विश्व की अति प्राचीन संस्कृति में से एक भारतीय संस्कृति समृद्ध और विविधतापूर्ण विरासतवाली है ।

  • भारत की विविधता ही विश्व में उसकी विशिष्ट पहचान है ।
  • विविध जातियों, समूहों, धर्मों, रीतिरिवाज, संस्कृतियों, भाषाओं आदि का समन्वय भारत में हुआ है ।
  • भारत में विविधता होने के कारण वह मिश्र संस्कृति का सर्जन कर सका है ।
  • भारत ने ‘वसुधैवकुटुंबकम्’ की भावना को विश्व में साकार किया है । आज विश्व एक विशाल परिवार है । यह भावना भारत में वेदकाल से प्रचलित है ।
  • ‘हमें चारों दिशाओं में से अच्छे और शुभ विचार प्राप्त हो’ ऋग्वेद का संदेश भारतीय संस्कृति की विशालता और व्यापकता का दर्शन करवाती है ।
  • भारत ने धार्मिक सहिष्णुता का प्रचार विश्व में किया है ।
  • भारत एक बिनसांप्रदायिक देश है, धर्म की दृष्टि से भारत संसार के प्रमुख धर्मों के संमिश्रण की भूमि रही है । हिन्दू, बौद्ध, जैन, पारसी, इस्लाम, इसाई धर्मों का भारतीय संस्कृति में प्रभाव पाया जाता है ।

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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:

प्रश्न 1.
पर्यटन उद्योग से होनेवाले लाभ बताइए ।
उत्तर:
पर्यटन उद्योग से राज्य को आर्थिक लाभ प्राप्त होते है तथा लोगों की साँस्कृतिक कलाएँ, परंपराओं का विश्व के समक्ष पेश करने के अवसर प्रदान करती है ।

  • इससे स्थानिय लोगों को रोजगार मिलता है और लुप्त होनेवाली कलाओं को नवजीवन मिलता है ।
  • शैक्षणिक क्षेत्र के अभ्यासक्रमों का विकास होने से पर्यटन मार्गदर्शक (टुरिजम गाईड) का स्वतंत्र व्यवसाय विकसित हुआ है ।
  • विदेशी पर्यटकों के आने से विदेशी हुंडियामण भारत को प्राप्त होता है और मिश्रित संस्कृति की पहचान विश्वपटल पर करवाकर प्रतिभा को उजागर करती है ।
  • सांस्कृतिक विरासत के स्थलों की आसपास पक्के रास्ते, रेलवे, पानी, संचार आदि की सुविधाएँ विकसित होती है ।

प्रश्न 2.
हमारी विरासत को लोग किस-किस तरह से नुकसान पहुंचाते हैं ?
उत्तर:
विरासत के स्थलों को लोग देखने जाते है, वे अपने साथ खाने-पीने की वस्तुएँ ले जाती है, वे वहाँ इधर-उधर कचरा डाल देते

  • लोग स्मारकों पर चित्र बनाने, राम लिखने, पान-गुटका खाकर थूकने जैसे कार्य करते है जिससे उन्हें नुकसान होता है ।।
  • विरासत की वस्तुएँ कीमती होती है । उनकी चोरी, लूटपाट करके तस्करी की जाती है ।

प्रश्न 3.
मुंबई प्राकृतिक समिति की रचना कब की गयी थी ? यह क्या कार्य करती है ?
उत्तर:
मुंबई प्राकृतिक इतिहास समिति की रचना सन् 1883 में की गयी थी ।

  • यह पर्यावरण, वन और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए कार्य करती है ।

प्रश्न 4.
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग क्या कार्य करती है ?
उत्तर:
भारत सरकार ने (संसद ने) 1958 में प्राचीन स्मारकों, पुरातत्त्वीय स्थलों और अवशेषों का कानून पास किया था । जिसके अनुसार प्राचीन कलाकृतियों, धार्मिक स्थानकों, ऐतिहासिक स्मारकों, पुरातत्त्व के स्थलों और अवशेषों की जिम्मेदारी पुरातत्त्व विभाग को दी थी ।

  • केन्द्र सरकार ने महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों को ‘राष्ट्रीय स्मारकों’ के रूप में घोषित किया है । उनकी जवाबदारी पुरातत्त्व विभाग को दी है ।
  • भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण अपनी देखरेख में 5000 से अधिक स्मारक है ।

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प्रश्न 5.
स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म परिषद में धर्म के विषय में क्या कहा है ?
उत्तर:
शिकागो विश्व धर्म परिषद में स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि ‘मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि, जिस धर्म का में प्रतिनिधित्व करता हूँ उस धर्म ने जगत को सहिष्णुता और विश्वबंधुत्व का पाठ सिखाया है ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:

प्रश्न 1.
सही क्रम चुनकर जोड़े जोडिये:

1. श्री हेमचंद्राचार्य ग्रंथालय (A) मुंबई
2. भारतीय संग्रहालय (B) भोपाल
3. छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय (C) पाटण
4. राष्ट्रीय मानव संग्रहालय (D) कोलकाता

(A) 1 – C, 2 – D, 3 – A, 4 – B
(B) 1 – A, 2 – B, 3 – C, 4 – D
(C) 2 – A, 4 – C, 1 – B, 3 – D
(D) 4 – B, 1 – D, 3 – C, 2 – A
उत्तर:
(A) 1 – C, 2 – D, 3 – A, 4 – B

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सा विधान सत्य नहीं है ?
(A) भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को विश्व में साकार की है ।
(B) ‘मुझे कहते हुए गर्व होता है कि जिस धर्म का मैं प्रतिनिधि हूँ वह धर्म ने जगत को सहिष्णुता का पाठ सिखाया है ।’ – स्वामी विवेकानंद
(C) डच और अंग्रेजों को भी सहिष्णुता और विश्व बंधुत्व में विश्वास करनेवाली भारतीय प्रजा ने स्वीकार किया ।
(D) प्राचीन भारतीय ज्योतिर्धरों ने भारतीय आर्थिक एकता पर बल दिया था ।
उत्तर:
(D) प्राचीन भारतीय ज्योतिर्धरों ने भारतीय आर्थिक एकता पर बल दिया था ।

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प्रश्न 3.
ताजमहल का श्वेत संगमरमर फीका और पीला पड़ रहा था उसका क्या कारण था ?
(A) भूमि प्रदूषण
(B) जल प्रदूषण
(C) वायु प्रदूषण
(D) ध्वनि प्रदूषण
उत्तर:
(C) वायु प्रदूषण

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