Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 11 Commercial Correspondence and Secretarial Practice Chapter 1 सूचना संचार का अर्थ व उसकी पद्धतियाँ Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 11 Commercial Correspondence Chapter 1 सूचना संचार का अर्थ व उसकी पद्धतियाँ
GSEB Class 11 Commercial Correspondence सूचना संचार का अर्थ व उसकी पद्धतियाँ Text Book Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिये गये विकल्पों में से सही विकल्प पसन्द करके लिखिए ।
प्रश्न 1.
पत्रों द्वारा धन्धा-व्यापार विकसित करने की प्रवृत्ति को क्या कहा जाता है ?
(A) सूचना संचार
(B) विचार-विनिमय
(C) वाणिज्यिक सूचना संचार
(D) विचार-विस्तार
उत्तर :
(C) वाणिज्यिक सूचना संचार
प्रश्न 2.
सूचना संचार प्रक्रिया की सफलता कौन से मुद्दे द्वारा तय की जा सकती है ?
(A) बोलनेवाला (प्रेषक)
(B) प्रतिभाव
(C) श्रोता (सुननेवाला)
(D) माध्यम
उत्तर :
(B) प्रतिभाव
प्रश्न 3.
Communication शब्द का उद्भव लेटिन भाषा के शब्द ‘Communicare’ शब्द से हुआ है, जिसका अर्थ होता है …………………………..।
(A) To Divide
(B) To Convey
(C) To Communicate
(D) To Participate
उत्तर :
(D) To Participate
प्रश्न 4.
विशिष्ट प्रकार की शैली, कौशल्य और योग्य माध्यमों का उपयोग करके सूचना के आदान-प्रदान के लिए की गई प्रवृत्ति क्या कहलाती है ?
(A) सूचना संचार
(B) वाणिज्य संचार
(C) वाणिज्य पत्रव्यवहार
(D) सूचना-प्रेषण
उत्तर :
(A) सूचना संचार
प्रश्न 5.
सूचना के आदान-प्रदान की प्रक्रिया क्या कहलाती है ?
(A) वाणिज्य संचार
(B) वाणिज्य पत्रव्यवहार
(C) सूचना संचार
(D) सूचना-प्रेषण
उत्तर :
(C) सूचना संचार
प्रश्न 6.
सूचना संचार की प्रक्रिया का प्रथम सोपान अर्थात् ……………………
(A) प्रस्तुतीकरण (Encoding)
(B) प्रेषक (Sender)
(C) HTETTH (Channel/Medium)
(D) श्रोता (Receiver)
उत्तर :
(B) प्रेषक (Sender)
प्रश्न 7.
दृश्य-श्राव्य सूचना संचार की पद्धति अर्थात् ………………………..
(A) बातचीत
(B) विज्ञापन
(C) टेलिविजन
(D) रेडियो
उत्तर :
(C) टेलिविजन
प्रश्न 8.
मौखिक सूचना संचार की पद्धति अर्थात् ……………………….
(A) गोष्ठी
(B) प्रपत्र
(C) चित्र
(D) मूक सहमति
उत्तर :
(A) गोष्ठी
प्रश्न 9.
लिखित सूचना संचार की पद्धति इनमें से कौन-सी है ?
(A) भाषण
(B) वर्तमान-पत्र
(C) टेलिफोन
(D) सी.डी.
उत्तर :
(B) वर्तमान-पत्र
प्रश्न 10.
दृश्य (Visual) सूचना संचार की पद्धति अर्थात् ……………………………
(A) संवाद
(B) टेपरिकार्डर
(C) रंग
(D) विडियो केसेट्स
उत्तर :
(C) रंग
प्रश्न 11.
श्राव्य (Audio) सूचना संचार की पद्धति इनमें से कौन-सी है ?
(A) इ-मेइल
(B) मानचित्र
(C) हावभाव
(D) टेलि कोन्फरन्स
उत्तर :
(D) टेलि कोन्फरन्स
प्रश्न 12.
मौन (Silence) सूचना संचार की पद्धति अर्थात् ……………………………
(A) रेखाचित्र
(B) पत्रलेखन
(C) मूक सहमति
(D) वार्तालाप
उत्तर :
(C) मूक सहमति
प्रश्न 13.
सूचना संचार की विभिन्न पद्धतियों में से सबसे सरल व प्राथमिक स्तर की पद्धति है ………………………..
(A) मौखिक सूचना संचार
(B) लिखित सूचना संचार
(C) श्राव्य सूचना संचार
(D) दृश्य सूचना संचार
उत्तर :
(A) मौखिक सूचना संचार
प्रश्न 14.
मानचित्र, चित्र, आकृतियाँ, रेखाचित्र, रंग, प्रतीक और चिन्ह इत्यादि द्वारा होनेवाला सूचना संचार अर्थात्
(A) मौखिक
(B) लिखित
(C) दृश्य
(D) श्राव्य
उत्तर :
(C) दृश्य
प्रश्न 15.
सूचना संचार की प्रक्रिया के कितने सोपान है ?
(A) 2
(B) 5
(C) 6
(D) 7
उत्तर :
(D) 7
2. निम्लनिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए ।
प्रश्न 1.
संचार की प्रक्रिया हेतु अंग्रेजी में उपयोग में लाया जानेवाला शब्द लेटिन भाषा के कौन से शब्द से आया है ?
उत्तर :
‘कोम्युनिकेर’ (Communicare) शब्द जो लेटिन भाषा का शब्द है और इसमें से अंग्रेजी में Communication शब्द बना ।
प्रश्न 2.
सूचना संचार की लिखित पद्धति किसे कहते हैं ?
उत्तर :
सूचना को भाषा अथवा शब्दों का उपयोग करके योग्य लिपि में, लिखकर भेजा जाये तो ऐसी पद्धति को, लिखित सूचना संचार की पद्धति के रूप में जाना जाता है ।
प्रश्न 3.
मौखिक सूचना संचार आधारभूत किसलिए नहीं मानी जाती ?
उत्तर :
मौखिक सूचना संचार लिखित प्रमाण की अनुपस्थिति में आधारभूत नहीं मानी जाती ।
प्रश्न 4.
लिखित सूचना संचार पद्धति में प्रतिभाव में देरी क्यों रहती है ?
उत्तर :
लिखित सूचना संचार पद्धति में प्रत्यक्ष नहीं परंतु परोक्ष रूप से होने से सामनेवाले पक्ष का प्रतिभाव देरी से मिलने की सम्भावना रहती है ।
प्रश्न 5.
वाणिज्यिक सूचना संचार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पत्रों द्वारा धन्धा-व्यापार का क्रय, विक्रय, प्रचार और प्रसार जैसी प्रवृत्तियाँ की जाये तो उन्हें वाणिज्यिक सूचना संचार कहते हैं ।
प्रश्न 6.
सूचना संचार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
सूचना संचार अर्थात् सूचना के आदान-प्रदान की प्रक्रिया ।
प्रश्न 7.
सूचना संचार की प्रक्रिया किसे कहते हैं ?
उत्तर :
विशिष्ट प्रकार की शैली, कौशल्य और योग्य माध्यमों का उपयोग करके सूचना संचार के आदान-प्रदान के लिए की जानेवाली प्रक्रिया को सूचना संचार की प्रक्रिया के रूप में जाना जा सकता है ।
प्रश्न 8.
वाणिज्य-संचार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जिस सूचना संचार का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जाय तो उसे वाणिज्य-संचार (Commercial Communication) कहते हैं ।
प्रश्न 9.
सूचना संचार प्रक्रिया के आधार स्तम्भ कौन हैं ?
उत्तर :
वक्ता और श्रोता ये सूचना संचार की प्रक्रिया के आधार स्तम्भ हैं ।
प्रश्न 10.
विचार ‘सूचना’ या ‘संदेश’ कब बन जाता है ?
उत्तर :
सूचना संचार की प्रक्रिया विचार से प्रारम्भ होता है, और यह विचार जब वक्ता द्वारा प्रस्तुत किया जाय तब ‘सूचना’ का संदेश बन जाता है ।
प्रश्न 11.
सूचना संचार की दो प्रचलित पद्धतियों को बताइए ।
उत्तर :
सूचना संचार की पद्धतियों में मौखिक सूचना संचार और लिखित सूचना संचार यह दोनों प्रचलित पद्धतियाँ है ।
प्रश्न 12.
Communication’ शब्द का उद्भव किस तरह हुआ ?
उत्तर :
‘कॉम्युनिकेशन’ शब्द का उद्भव लेटिन भाषा के Communicare में से हुआ है, जिसका अर्थ To Share (आदान-प्रदान करना) अथवा
To Participate (साझेदार बनना) होता है ।
प्रश्न 13.
मौखिक सूचना संचार के स्वरूप बताइए ।
उत्तर :
मौखिक सूचना संचार में बातचीत, वार्तालाप, संवाद, गोष्ठी, भाषण और सामूहिक चर्चा आदि स्वरूप होते है ।
प्रश्न 14.
लिखित सूचना संचार पद्धति में किन-किन का समावेश होता है ?
उत्तर :
लिखित सूचना संचार पद्धति में वर्तमानपत्र, सामयिक प्रपत्र, विज्ञापन, पत्रलेखन, हस्तलिखित पत्र व इ-मेइल आदि का समावेश होता ..
प्रश्न 15.
मौन सूचना संचार के उदाहरण दीजिए ।
उत्तर :
मौन सूचना संचार के उदाहरण में मूक सहमति, मूक असहमति व हावभाव आदि का समावेश होता है ।
प्रश्न 16.
मानवीय श्रम अथवा मानव-घण्टों (Men hours) और आर्थिक दृष्टि से कौन-सी पद्धति अधिक महँगी सिद्ध हुई है ?
उत्तर :
मानवीय श्रम अथवा मानव-घण्टों और आर्थिक दृष्टि से लिखित सूचना संचार की पद्धति अधिक महँगी सिद्ध हुई है ।
प्रश्न 17.
सूचना संचार की कौन-सी पद्धति में आदान-प्रदान का खर्च न्यूनतम आता है ?
उत्तर :
मौखिक सूचना संचार में आदान-प्रदान का खर्च न्यूनतम आता है ।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अतिसंक्षिप्त में दीजिए ।
प्रश्न 1.
सूचना संचार की प्रक्रिया में अपने क्या करते हैं ?
उत्तर :
सूचना संचार की प्रक्रिया में हम कुछ आदान-प्रदान करते हैं अथवा साझेदार बनते है । किसका आदान-प्रदान करते हैं ? सूचना का आदान-प्रदान करते हैं । किसमें साझेदार/हिस्सेदार बनते हैं ? सूचना के आदान-प्रदान में हिस्सेदार बनते हैं ।
प्रश्न 2.
सूचना संचार की विविध पद्धतियाँ बताइए ।
उत्तर :
सूचना संचार की विविध पद्धतियाँ :
- मौखिक
- लिखित
- दृश्य
- श्राव्य
- दृश्य श्राव्य और
- मौन सूचना संचार आदि होती है ।
प्रश्न 3.
सूचना संचार की प्रक्रिया के सोपान बताइए ।
उत्तर :
सूचना संचार की प्रक्रिया के सोपान है :
- प्रेषक
- प्रस्तुतीकरण
- सूचना या संदेश
- माध्यम
- सूचना का प्राप्तिकरण व अर्थघटन
- श्रोता (सूचना-ग्राहक) व
- प्रतिभाव
प्रश्न 4.
दृश्य-श्राव्य सूचना संचार के स्वरूप दर्शाइए ।
उत्तर :
दृश्य-श्राव्य सूचना संचार के स्वरूप निम्न हैं :
- चल-चित्र
- टेलिविजन
- इन्टरनेट
- कम्प्यूटर्स
- विडियो केसेट्स
- सी.डी. आदि ।
प्रश्न 5.
श्राव्य (Audio) सूचना संचार के स्वरूप बताइए । अथवा श्राव्य पद्धति के उदाहरण बताइए ।
उत्तर :
श्राव्य सूचना संचार के स्वरुप निम्न होते है :
- टेपरिकार्डर
- रेडियो
- टेलिफोन
- टेलिकोन्फरन्स आदि ।
प्रश्न 6.
दृश्य (Visual) सूचना संचार में किसका समावेश होता है ?
उत्तर :
दृश्य सूचना संचार में
- मानचित्र
- चित्र
- आकृतियाँ
- रेखाचित्र
- रंग
- प्रतीक
- चिन्ह आदि का समावेश होता है ।
प्रश्न 7.
मौखिक सूचना संचार पद्धति के लक्षण बताइए ।
उत्तर :
- सबसे सरल
- सबसे अधिक प्रचलित
- शीघ्र प्रतिभाव
- कागज-पेन की आवश्यकता नहीं
- समय की बचत
प्रश्न 8.
लिखित सूचना संचार पद्धति के विविध स्वरूप बताइए ।
उत्तर :
हस्तलिखित प्रति, साहित्य, पत्रलेखन, ई-मेईल, वर्तमान पत्र, सामयिक प्रपत्र, विज्ञापन, चौपानिया-कागज इत्यादि विविध लिखित सूचना संचार पद्धति के स्वरूप है ।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए ।
प्रश्न 1.
सूचना संचार की विविध पद्धतियों की सूचि बताइए ।
उत्तर :
सूचना संचार की विविध पद्धतियाँ निम्न है :
- मौखिक
- लिखित
- दृश्य
- श्राव्य
- दृश्य श्राव्य
- मौन
प्रश्न 2.
सूचना संचार की प्रक्रिया के सोपान बताइए ।
उत्तर :
- प्रेषक
- प्रस्तुतीकरण
- सूचना या संदेश
- माध्यम
- संदेशों की प्राप्ति व अर्थघटन
- श्रोता
- प्रतिभाव
प्रश्न 3.
मौखिक सूचना संचार के लाभ बताइए ।
उत्तर :
- यह पद्धति सबसे सरल तथा सबसे अधिक उपयोग में लाई जाती है ।
- ऐसी पद्धति में कागज व पेन की आवश्यकता नहीं पड़ती ।
- सामान्यत: यह प्रत्यक्ष पद्धति होने से श्रोता का प्रतिभाव तुरन्त मिलने से प्रश्नों व समस्याओं का निराकरण शीघ्र लाया जा सकता है ।
- इस पद्धति में समय की बचत होती है ।
- यदि श्रोता निरक्षर भी हो तो इस पद्धति का उपयोग किया जा सकता है ।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए ।
प्रश्न 1.
सूचना संचार की प्रक्रिया आकृति सहित समझाइए ।
उत्तर :
सूचना संचार द्विमार्गीय प्रक्रिया है । अर्थात् की इसमें कम से कम दो पक्षकार होने चाहिए । एक सूचना देनेवाला वक्ता यानि सूचनाप्रेषक
तथा दूसरा सूचना प्राप्तकर्ता यानि श्रोता । इन दोनों पक्षकारों के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है । सूचना-प्रेषक को अंग्रेजी में Sender तथा सूचना प्राप्तकर्ता को Receiver कहा जाता है । सूचना भेजने के बाद सूचना प्राप्तकर्ता का क्या प्रतिभाव है, यह सूचना भेजनेवाला प्राप्त करता है तब सूचना संचार की प्रक्रिया पूर्ण हुई ऐसा कहा जाता है । सूचना संचार की प्रक्रिया को निम्न आकृति द्वारा समझा जा सकता है ।
(1) प्रेषक (Sender) : वक्ता और श्रोता ये सूचना संचार की प्रक्रिया के आधार स्तम्भ है । सूचना प्रेषक अर्थात् की वक्ता को सर्वप्रथम स्पष्टता करनी चाहिए की वह कौन-सी सूचना, किसे और किसलिए भेजना चाहते है ।
(2) प्रस्तुतीकरण (Encoding) : सूचना भेजनेवाला कितनी सूचना भेजना चाहता है इसके बारे में तथ्य स्पष्ट होना चाहिए तथा उसकी प्रस्तुती स्पष्ट रूप से होनी चाहिए ।
(3) सूचना/संदेश (Message) : सूचना भेजने के लिए जो विषयवस्तु तय की गई हो उसके आधार पर आवश्यक संदेश तैयार करने चाहिए । संदेश या सूचना की भाषा सरल व मुद्दासर तथा स्पष्ट होनी चाहिए । जहाँ तक हो सके वहाँ तक संदेश संक्षिप्त व हेतुलक्षी होना चाहिए । अगर वह द्विअर्थी होगी तो गैरसमझ उत्पन्न होगी । उसमें टेक्नीकल शब्द का उपयोग इस तरह किया जाना चाहिए कि सामनेवाला व्यक्ति आसानी से समझ सके ।
(4) माध्यम (Channel Medium) : सूचना का विषय और प्रमाण की स्पष्टता होने के बाद तैयार किया गया संदेश भेजने के लिए
सूचना संचार की पद्धति अथवा माध्यम के बारे में विचार किया जाता है । सूचना संचार के लिए विविध माध्यमों में से योग्य माध्यम का चयन किया जाना चाहिए । सूचना लिखित या मौखिक रूप से दी जा सकती है | माध्यम का चयन करते समय संचालकों की नीति, मिलनेवाली सुविधाएँ, आवश्यकताओं का स्वरूप, वित्तीय स्थिरता आदि बातों को ध्यान में लिया जाना चाहिए ।
(5) सूचना का प्राप्तिकरण व अर्थघटन (Decoding) : जिस व्यक्ति को सूचना भेजी गई हो उन्हें ही सूचना मिले यह देखना या ध्यान
रखा जाना चाहिए । सूचना प्राप्तकर्ता व्यक्ति उसका निश्चित अर्थघटन करे यह देखना चाहिए । अगर उनका अर्थघटन गलत होगा तो उसका अमल भी गलत रूप से होगा ।
(6) श्रोता (सूचना-ग्राहक) (Receiver) : सूचना प्रेषक योग्य माध्यम का उपयोग करके श्रोता तक सूचना पहुँचाते है । श्रोता सूचना प्राप्तकर्ता
है व उनको समझता है ।
(7) प्रतिभाव (Feedback) (Response) : जब श्रोता व्यक्ति को सूचना प्राप्त हो वह समझे उसके बाद वह अपना प्रतिभाव सूचनाप्रेषक
को दें तब ही सूचना संचार की प्रक्रिया पूर्ण हुई है ऐसा माना जाता है ।
प्रश्न 2.
सूचना संचार की पद्धतियों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
सूचना संचार की पद्धतियाँ निम्नलिखित है :
(1) मौखिक (Oral) : सूचना के अनुरूप हो सके ऐसी भाषा अथवा शब्दों का उपयोग करके, बोलकर की जानेवाली सूचना संचार की पद्धति को मौखिक सूचना संचार की पद्धति कहते हैं । इसमें बातचीत, वार्तालाप, संवाद, गोष्टी, भाषण एवं सामुहिक चर्चा द्वारा सूचना संचार किया जाता है ।
(2) लिखित (Written) : सूचना को भाषा अथवा शब्दों का उपयोग करके योग्य लिपि में लिखकर दिया जाए तो ऐसी पद्धति को लिखित सूचना संचार की पद्धति कहते हैं । वर्तमानपत्र, साहित्य, पुस्तक, पत्रलेखन, हस्तलिखित पत्र, ई-मेईल, सामयिक, प्रपत्र, विज्ञापन – होर्डिंग, चोपानिया – कागज इत्यादि लिखित सूचना संचार के उदाहरण है ।
(3) दृश्य (Visual) : शब्दों के बिना चिन्ह, प्रतिक, चित्र, आलेख, नक्शा, रंग आदि बोले-सुने बिना देखकर-समझकर होनेवाले सूचना संचार की पद्धति को दृश्य पद्धति कहा जाता है । जिसमें मानचित्र, चित्र, आकृतियाँ, रेखाचित्र, रंग, प्रतीक, चिन्ह आदि इसके उदाहरण है ।
(4) श्राव्य (Audio) : ऐसी पद्धति जिसमें भाषा अथवा शब्दों का उपयोग तथा अलग-अलग आवाज द्वारा, वक्ता व श्रोता आमने-सामने भी हो तो भी होनेवाली सूचना संचार की पद्धति को श्राव्य सूचना संचार की पद्धति कहते हैं । इसके उदाहरण है – रेडियो, टेलीफोन, सी.डी., टेपरिकोर्डर आदि ।
(5) दृश्य-श्राव्य (Audio-Visual) : सूचना संचार की ऐसी पद्धति कि जिसमें देखना और सुनना दोनों एकसाथ होता हो । चलचित्र, टेलिविजन, इन्टरनेट, कम्प्यूटर जैसे माध्यम व उपकरणों में देखना व सुनना दोनों साथ-साथ होते है, जिसे दृश्य-श्राव्य पद्धति के उदाहरण कहे जाते है ।
(6) मौन (Silence) : सूचना संचार की ऐसी पद्धति कि जिसमें शब्दों की अनुपस्थिति हो उन्हें मौन सूचना संचार कहते हैं । ऐसा सूचना
संचार सहमति-सूचक होता है । तो कभी असहमति सूचक भी हो सकता है । मौन रखकर संवेदना प्रगट की जा सकती है । सूचना संचार की पद्धतियों में मौखिक सूचना संचार (Oral Communication) और लिखित सूचना संचार (Written Communication) सबसे अधिक उपयोग में ली जानेवाली और प्रचलित पद्धतियाँ है ।
प्रश्न 3.
लिखित सूचना संचार की पद्धति के लाभ व सीमाएँ समझाइए ।
उत्तर :
लिखित सूचना संचार पद्धति अर्थात् की जिस सूचना का लेनदेन लिखित स्वरूप में अपनाया जाय । लिखित सूचना संचार से सूचना
का आदान-प्रदान अधिकृत बनता है । लिखित सूचना संचार में दैनिकपत्रों, सामयिकों, पुस्तकों, विज्ञापन की पत्रिकाएँ, डाक व तार टेलिफोन संशोधन या अन्य सूचना सम्बन्धी लेख, पत्रलेखन आदि माध्यमों से सूचना संचार किया जाता है ।
लाभ (Advantage) : लिखित सूचना संचार पद्धति के निम्न लाभ होते है :
- इस पद्धति के माध्यम से किये गए सूचनाओं का आदान-प्रदान कानूनी दृष्टि से अधिकृत माना जाता है । जिसको सदत/प्रमाण या पुरावे के रूप में उपयोग किया जा सकता है ।
- इस पद्धति के माध्यम से किया गया सूचनाओं का आदान-प्रदान भौगोलिक सीमाओं से मुक्त होने से सूचना किसी भी स्थान से अन्य किसी स्थान पर आसानी से आदान-प्रदान की जा सकती है ।
- इस पद्धति के अपनाने से सम्बन्धित इकाई के सूचना संचार की प्रक्रिया को एकसूत्रता (Uniformity) प्रदान करती है ।
- इस पद्धति से सम्बन्धित इकाई की प्रतिष्ठा/गरिमा (Image) के उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है ।
- इस पद्धति से सूचना के आदान-प्रदान में क्षति/त्रुटि के सम्बन्ध में जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान हो सकती है ।
- इस पद्धति से सूचनाओं का आदान-प्रदान कम खर्च से किया जा सकता है ।
- इसमें सूचना के आदान-प्रदान के समय सावधानी और स्पष्टता बनी रहती है ।
सीमाएँ (Limitations) : लिखित सूचना संचार की निम्न सीमाएँ होती है :
- यह पद्धति अपनाने से इकाईयों को स्टेशनरी, कागज, लेखों की सुरक्षा के सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार का दायित्व बढ़ता है ।
- यह पद्धति अपनाने से समय का व्यय अधिक होता है ।
- यह पद्धति मानवीय श्रम और आर्थिक दृष्टि से अधिक महँगी सिद्ध हुई है ।
- इस पद्धति से सूचना का आदान-प्रदान परोक्ष रूप से होता है । जिससे सूचना प्राप्तकर्ता का तुरन्त प्रतिभाव ज्ञात नहीं किया जा सकता है ।
- लिखित अभिव्यक्ति कमजोर हो ऐसे व्यक्तियों के लिए यह पद्धति सीमा बन जाती है ।
- इस पद्धति का उपयोग निरक्षर व्यक्ति सफलतापूर्वक नहीं कर सकते हैं ।
प्रश्न 4.
मौखिक सूचना संचार की सीमाएँ समझाइए ।
उत्तर :
सीमाएँ निम्नलिखित है :
- संवाद एवं चर्चा के दौरान कभी वाद-विवाद जैसी स्थिति खड़ी होती है तब मौखिक सूचना संचार असफल हो सकता है ।
- यदि वाद-विवाद हो तो इस पद्धति द्वारा समय व शक्ति का व्यय होता है ।
- कहा हुआ, बोला हुआ व सुना हुआ ऐसी सूचना की विश्वसनीयता हमेशा कम रहती है ।
- ऐसा सूचना संचार लिखित प्रमाण के अभाव में आधारभूत अथवा विश्वसनीय नहीं माना जाता है ।
- यदि सूचना विस्तृत व बड़ी हो तो वक्ता पक्ष को इस पद्धति द्वारा सफलता नहीं मिलती ।
- वक्ता को मौखिक सूचना के समय विचार करके बोलना पड़ता है, क्योंकि मुँह से बोले हुए शब्द वापस नहीं ले सकते ।
- इसमें वक्ता की प्रस्तुती योग्य न हो तो अर्थ का अनर्थ हो सकता है ।
- इस पद्धति में कोई निश्चित मापदण्ड नहीं होता ।
- इसमें वक्ता व श्रोता लम्बे समय तक याद नहीं रख सकते ।
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए ।
प्रश्न 1.
सूचना संचार यह सतत और स्थायी प्रक्रिया हैं ? किस तरह ?
उत्तर :
सूचना संचार अर्थात् व्यावसायिक इकाईयों में कार्यरत व्यक्तियों के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान करना । व्यावसायिक इकाईयों में सतत आदेश, सूचना व जानकारी का आदान-प्रदान होता रहता है । किसी भी इकाई की स्थापना से लगाकर सूचना संचार प्रारम्भ होता है तथा विसर्जन के समय ही इसका अन्त आता है । इस तरह सूचना संचार यह सतत और स्थायी प्रक्रिया है ।
प्रश्न 2.
सूचना संचार यह द्धिमार्गीय प्रक्रिया कहलाती है ।
उत्तर :
सूचना संचार अर्थात् व्यावसायिक इकाईयों में काम करनेवाले व्यक्तियों के मध्य सूचना का आदान-प्रदान करना । वक्ता द्वारा सूचना देना एवं भेजना यह दोनों का समावेश सूचना संचार में होता है । इकाई में उच्च अधिकारी केवल अपने अधीनस्थ को आदेश देने पर ही कार्य पूर्ण नहीं होता, लेकिन वह अधीनस्थ के पास से सूचना अथवा जानकारी प्राप्त करते है, उनकी बात सुनते है व समझते है वह भी जरूरी है । इस तरह, सूचना संचार यह द्विमार्गीय प्रक्रिया है ।
प्रश्न 3.
सूचना संचार का कार्य लिखित अथवा मौखिक रूप से ही हो सकता है, ऐसा सदैव नहीं कहा जा सकता ।
उत्तर :
सूचना संचार अर्थात् सूचना के आदान-प्रदान करने का कार्य । सूचना देने का कार्य लिखित अथवा मौखिक रूप से हो सकता है । इसके उपरान्त ऐसी कोई भी प्रवृत्ति की जिसके कारण सामनेवाले व्यक्ति को सूचना भेजी जा सकती है इसका भी समावेश सूचना संचार में हो जाता है । जैसे कर्मचारी को इशारा से, हाव-भाव से अथवा घण्टी बजाकर जो सूचनाएँ प्रदान की जाती हैं उन्हें भी सूचना संचार ही माना जाता है ।
प्रश्न 4.
सूचना संचार के प्रवर्तमान साधन बहुउद्देश्यक होने लगे हैं ।
उत्तर :
सूचना संचार के प्रवर्तमान साधन केवल संदेश पहुँचाने का ही कार्य नहीं करते बल्कि वह बहुउद्देश्यक होने लगे हैं । जैसे फोन/सेल्युलर फोन में आवश्यक फोन नम्बर और अन्य सूचनाओं का संचय कर सकते हैं । क्रेडिट कार्ड की मदद से इन्टरनेट से घर बैठे खरीदी कर सकते हैं तथा रेस्टोरेन्ट अथवा होटल की सेवा, रेल टिकिट, हवाई टिकिट प्राप्त कर सकते हैं तथा विभिन्न बोर्ड, महाविद्यालय, विश्व विद्यालय के परीक्षा परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं । इस तरह सूचना संचार के प्रवर्तमान साधन बहुउद्देश्यक होने लगे है ।
प्रश्न 5.
वाणिज्य संचार का अर्थघटन कीजिए ।
उत्तर :
यदि सूचना का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जाये तो उन्हें वाणिज्य-संचार (Commercial Communication) कहते
हैं । ‘कॉम्युनिकेशन’ शब्द का उद्भव लेटिन भाषा के शब्द Communicare में से हुआ है जिसका अर्थ To share (आदान-प्रदान करना) या To participate (साझेदार बनना) होता है । ‘सूचना संचार अर्थात् ऐसी प्रक्रिया कि जिसमें हम कुछ आदान-प्रदान करते है या साझेदारी या हिस्सेदारी लेते हैं । किसका ‘आदान-प्रदान’ करते हैं ? सूचना का आदान-प्रदान करते हैं । किसमें ‘हिस्सेदार’ बनते हैं ? सूचना के आदान-प्रदान में हिस्सेदार बनते हैं ।
सूचना संचार यह एक ऐसी प्रक्रिया है कि जिसमें सूचना का आदान-प्रदान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक या व्यक्तियों के समूह से दूसरे अन्य समूह के साथ किया जाता है और समझ के साथ प्रतिभाव मिलता है । सूचना संचार यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के द्वारा प्रस्तुत होनेवाली वास्तविक विचारों, अभिप्रायों और मनोभाव का आदान-प्रदान करता है । संक्षेप में सूचना संचार अर्थात् सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रक्रिया । यदि सूचना संचार का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जाय तो वाणिज्य संचार कहा जाता हैं ।