GSEB Solutions Class 11 Commercial Correspondence Chapter 2 प्रभावशाली पत्रव्यवहार और उनकी विभिन्न शैली

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 11 Commercial Correspondence and Secretarial Practice Chapter 2 प्रभावशाली पत्रव्यवहार और उनकी विभिन्न शैली Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

Gujarat Board Textbook Solutions Class 11 Commercial Correspondence Chapter 2 प्रभावशाली पत्रव्यवहार और उनकी विभिन्न शैली

GSEB Class 11 Commercial Correspondence प्रभावशाली पत्रव्यवहार और उनकी विभिन्न शैली Text Book Questions and Answers

स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दिये गये विकल्पों में से सही विकल्प पसन्द करके लिखिए ।

प्रश्न 1.
वाणिज्यिक पत्रव्यवहार में इनमें से कौन-सी शैली अधिक प्रचलित है ?
(A) सेमी इन्डेन्टेड शैली
(B) फुल्ली ब्लॉक्ड शैली
(C) फुल्ली इन्डेन्टेड शैली
(D) हेन्गिंग इन्डेन्टेड शैली
उत्तर :
(B) फुल्ली ब्लॉक्ड शैली

प्रश्न 2.
इनमें से कौन-सा पत्र अनौपचारिक पत्र है ?
(A) आश्वासन पत्र
(B) आवेदन पत्र
(C) राशनकार्ड के लिए पत्र
(D) पूछताछ के पत्र
उत्तर :
(A) आश्वासन पत्र

प्रश्न 3.
इनमें से कौन-सा पत्र अनौपचारिक पत्र नहीं है ?
(A) आमंत्रण पत्र
(B) ऑर्डर के पत्र
(C) आश्वासन पत्र
(D) शुभेच्छा पत्र
उत्तर :
(B) ऑर्डर के पत्र

प्रश्न 4.
पत्रव्यवहार में से अधिक तेजी लाने के लिए डाक विभाग द्वारा कौन-सी सेवा आरम्भ की गई है ?
(A) V.P.P.
(B) R.L.A.D.
(C) Speed Post
(D) PCO
उत्तर :
(C) Speed Post

प्रश्न 5.
पत्रव्यवहार के कितने प्रकार है ?
(A) 2
(B) 3
(C) 5
(D) 7
उत्तर :
(A) 2

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प्रश्न 6.
वाणिज्यिक पत्रव्यवहार के कितने लक्षण है ?
(A) 4
(B) 5
(C) 10
(D) 7
उत्तर :
(D) 7

प्रश्न 7.
‘कृपा करके’, ‘माफ कीजिएगा’ जैसे शब्दप्रयोगों से पत्र को कैसा बनाया जा सकता है ?
(A) विवेकपूर्ण
(B) वाचकलक्षी
(C) सरल
(D) संक्षिप्त
उत्तर :
(A) विवेकपूर्ण

प्रश्न 8.
पत्र की कौन-सी बात विषयवस्तु से पहचानी जाती हैं ?
(A) विवेकपूर्ण भाषा
(B) आन्तरिक लेखन
(C) सरललेखन शैली
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(B) आन्तरिक लेखन

प्रश्न 9.
लिखा गया पत्र पढ़ने के लिए वाचक में जिज्ञासा उत्पन्न करता है वह अर्थात् …………………….
(A) स्पष्ट पत्र
(B) विस्तृत पत्र
(C) संक्षिप्त पत्र
(D) अस्पष्ट लेखन
उत्तर :
(C) संक्षिप्त पत्र

प्रश्न 10.
पत्रव्यवहार को प्रभावशाली बनाने के लिए किस बात से प्रोत्साहित करना चाहिए ?
(A) स्वलक्षी रुख
(B) आप रूख
(C) नकारात्मक
(D) सकारात्मक
उत्तर :
(D) सकारात्मक

प्रश्न 11.
शब्दों की पसन्दगी किसकी समझशक्ति को ध्यान में रखकर की जानी चाहिए ?
(A) क्रेता की
(B) विक्रेता की
(C) वाचक की
(D) लेखनकर्ता की
उत्तर :
(C) वाचक की

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प्रश्न 12.
पत्रलेखन की सबसे आधुनिक शैली कौन-सी हैं ?
(A) The Full Block Form
(B) The Modified Block Form
(C) The Semi-Indented Form
(D) The NOMA Form
उत्तर :
(A) The Full Block Form

प्रश्न 13.
प्रभावशाली पत्रव्यवहार के लक्षणों में इनमें से किसका समावेश नहीं होता है ?
(A) संक्षिप्त व स्पष्ट लेखन
(B) सुयोग्य शब्दप्रयोग
(C) नकारात्मक अभिगम
(D) विवेकपूर्ण भाषा
उत्तर :
(C) नकारात्मक अभिगम

प्रश्न 14.
स्पष्टतापूर्वक लिखा गया लेखन वाचक के ……………………… को स्पर्श करता है ।
(A) शरीर
(B) मन
(C) हृदय
(D) आँखों
उत्तर :
(C) हृदय

प्रश्न 15.
यदि पत्र प्राप्तकर्ता के पद, प्रतिष्ठा, कक्षा, आवश्यकता, स्तर और वातावरण को लक्ष में रखकर पत्र लिखा जाय तो उसे कौन-सा
अभिगम माना जायेगा ?
(A) स्वलक्षी
(B) आपरुख
(C) वाचकलक्षी
(D) याचकलक्षी
उत्तर :
(C) वाचकलक्षी

प्रश्न 16.
पत्रलेखन की सबसे प्रचलित शैली कौन-सी हैं ?
(A) The Modified Block Form
(B) The Semi-Indented Form
(C) The Fully Indented Form
(D) The NOMA Form
उत्तर :
(A) The Modified Block Form

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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए ।

प्रश्न 1.
पत्रव्यवहार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
पत्र द्वारा, लिखित स्वरूप में, एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को, एक संस्था द्वारा दूसरी संस्था को अथवा व्यक्ति तथा संस्था के मध्य सूचनाओं का परस्पर आदान-प्रदान अर्थात् पत्रव्यवहार (Correspondence) कहा जाता है ।

प्रश्न 2.
अनौपचारिक पत्रों के उदाहरण दीजिए ।
उत्तर :
अनौपचारिक पत्र (Informal Letter) के उदाहरण निम्नलिखित है । ऐसे पत्रों में सामाजिक और व्यक्तिगत सम्बन्धों में लिखे जानेवाले पत्र होते है ।
→ जिसमें

  • शुभेच्छापत्र
  • आश्वासन पत्र
  • अभिनन्दन पत्र
  • आमंत्रण पत्र इत्यादि ।

प्रश्न 3.
वाणिज्यिक पत्रव्यवहार में सबसे अधिक प्रचलित शैलियाँ बताइए ।
उत्तर :
वाणिज्यिक पत्रव्यवहार में फुल्ली ब्लॉक्ड शैली और मोडीफाईड ब्लॉक्ड शैली सबसे अधिक प्रचलित है ।

प्रश्न 4.
प्रभावशाली वाणिज्यिक पत्रव्यवहार के मुख्यत: कुल कितने लक्षण है ? व कौन-कौन से ?
उत्तर :
प्रभावशाली वाणिज्यिक पत्रव्यवहार के सात लक्षण है । जो कि निम्न है :

  1. स्पष्टता
  2. संक्षिप्तता
  3. सम्पूर्णता
  4. वास्तविकता
  5. वाचकलक्षी अभिगम
  6. सचोटता
  7. विवेकपूर्णता

प्रश्न 5.
पत्रव्यवहार में विवेकपूर्ण भाषा का उपयोग किसलिए किया जाता है ?
उत्तर :
पत्रव्यवहार में विवेकपूर्ण भाषा का उपयोग किया जाता है । अपमानजनक और अव्यावहारिक लेखन, व्यापारिक सम्बन्धों में अन्तर बढ़ाता है तथा व्यापार को हानि की ओर ले जाता है । विवेकपूर्ण भाषा जटिलतायुक्त प्रसंगों को हल करने में उपयोगी होती है ।

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प्रश्न 6.
पत्रलेखन की शैली कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर :
पत्रलेखन में उपयोग में लायी जानेवाली शैली स्वाभाविक व सरल तथा सचोट होनी चाहिए । पत्रलेखन की भाषा में अशुद्धि पत्र की वैधकता खत्म कर देती है । पत्र लिखते समय व्याकरण, वर्तनी व शैली दोषपूर्ण न हो उसका सतत ध्यान रखना चाहिए ।

प्रश्न 7.
पत्र का अभिगम सकारात्मक किसलिए होना चाहिए ?
उत्तर :
जब व्यापारी अपनी सफलता का उल्लेख कर रहा हो तब उसे ग्राहकों का आभार अधिक मानना चाहिए और ग्राहकों की प्रशंसा करनी चाहिए । पत्रव्यवहार को प्रभावशाली बनाने के लिए नकारात्मक पहलूओं का उल्लेख नहीं बल्कि सकारात्मक पहलूओं से प्रोत्साहित करना चाहिए ।

प्रश्न 8.
‘संक्षिप्तता यह पत्र की आत्मा है ।’ विधान समझाइए ।
उत्तर :
उपरोक्त विधान सत्य है । सुयोग्य शब्द रचना का उपयोग करके संक्षिप्त में पत्र लिखना चाहिए । अधिक लम्बा पत्र अपने प्रभाव को खो देता है जबकि अति संक्षिप्त पत्र प्रभावशाली प्रभाव नहीं डाल सकता । आज किसी को भी विस्तृत लेख लिखने व पढ़ने का समय नहीं होता । इसके अलावा विस्तारपूर्वक लिखने से पत्र-लेखक का अधिक समय का व्यय व शक्ति का खर्च, साधन-सामग्री का दुरुपयोग होता है । इस तरह संक्षिप्ततारूपी पत्र वाचक में पत्र पढ़ने की जिज्ञासा उत्पन्न करता है । अतः संक्षिप्तता यह पत्र की आत्मा कहलाती है ।

प्रश्न 9.
वाणिज्यिक पत्र यह वाणिज्यिक प्रवृत्ति का अभिन्न अंग है । किस तरह ?
उत्तर :
वाणिज्यिक पत्र, किसी भी धन्धाकीय संस्था के लिए विज्ञापन का सबसे सरल, सस्ता और प्रभावशाली माध्यम है, ऐसा कहना जरा भी गलत नहीं है । अत: संक्षिप्त में वाणिज्यिक पत्र यह वाणिज्यिक प्रवृत्ति का अभिन्न अंग है ।

प्रश्न 10.
वाणिज्यिक पत्र का महत्त्व संक्षिप्त में समझाइए ।
उत्तर :
किसी भी देश के विकास हेतु व्यापार एक आधारभूत स्तंभ कहलाता है । व्यापार लोगों के लिए रोजगार एवं आय का एक साधन है । धन्धा एवं रोजगार के स्त्रोत हमेशा बदलते रहते है । वर्तमान समय में बदलते प्रवाह में बने रहने के लिए व विकास करने के लिए धन्धे के साथ जुड़े हुए ग्राहक, उत्पादक, वितरक, पेढ़ी, संस्था, सरकार और कर्मचारी इत्यादि के साथ लगातार पत्रों द्वारा सम्पर्क में रहना पड़ता है । धन्धे के प्रचार और प्रसार के लिए, कई बातों की स्पष्टता के लिए वाणिज्यिक पत्रों का योगदान अधिक होता है । ऐसे पत्र एक अच्छे विक्रेता की भूमिका निभाते है । ऐसे पत्रों के द्वारा ग्राहकों को जानकारी देकर धन्धाकीय प्रतिष्ठा बनाई जाती है ।

इस तरह कहा जा सकता है कि, वर्तमान युग में वाणिज्यिक पत्रों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए ।

प्रश्न 1.
पत्रव्यवहार के प्रकार कोष्टक द्वारा समझाइए ।
उत्तर :
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I. औपचारिक पत्र (Formal Letters):
ऐसे पत्र जो प्रशासकीय, धन्धाकीय अथवा सरकारी मामलों से सम्बन्धित लिखे जाए तो उन्हें औपचारिक पत्र कहा जाता है । औपचारिक पत्र दो प्रकार से लिखे जाते है ।
(1) वाणिज्यिक पत्र
(2) कार्यालय सम्बन्धी पत्र ।

वाणिज्यिक पत्र (Business Letters) : ऐसे पत्रव्यवहार जो कि विभिन्न वाणिज्यिक अथवा व्यापारिक मामलों से सम्बन्धित होते हो उन्हें वाणिज्यिक पत्रव्यवहार (Commercial Correspondence) कहते हैं । ऐसे पत्रव्यवहार व्यापारी लेन-देन, सौदे की समझ, मौद्रिक व्यवहार, मालसामान का उत्पादन, विक्रय, विज्ञापन, धन्धाकीय बातचीत, वाद-विवाद, समझौता और समाधान जैसी व्यापार विषयक बातों के लिए किये जाते है । ये धन्धा के प्रचार व प्रसार के लिए लिखे जाते है।

इनमें निम्न पत्रों का समावेश होता है ।
(1) पूछताछ के पत्र
(2) ऑर्डर के पत्र
(3) एजेन्सी के पत्र आदि ।

(2) कार्यालय सम्बन्धी पत्र (Official Letters) : ऐसे पत्र जो कि विभिन्न कार्यालय सम्बन्धी जो सरकारी संस्थाओं और प्रशासकीय/
वहीवटी बातों से सम्बन्धित बातों के लिए लिखे जाते है । ऐसे पत्रों में निम्नलिखित पत्रों का समावेश होता है ।
(1) आवेदन पत्र
(2) राशन कार्ड हेतु पत्र
(3) पानी के प्रश्नों के लिए लिखे जानेवाले पत्र ।

II. अनौपचारिक पत्र (Informal Letters) : ऐसे पत्र जो कि सामाजिक बातों और सम्बन्धों को बनाये रखने हेतु लिख्खे जाते हो उन्हें अनौपचारिक पत्रव्यवहार कहते हैं । अनौपचारिक पत्रों का कोई निर्धारित ढाँचा नहीं होता । यह पत्र सामाजिक व व्यक्तिगत सम्बन्धों के लिए लिखे जाते है । यह पत्र निम्न होते है :
(1) शुभेच्छा पत्र
(2) आश्वासन पत्र
(3) अभिनंदन पत्र
(4) आमंत्रण पत्र आदि

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प्रश्न 2.
औपचारिक पत्र किसे कहते हैं ? इसके प्रकार बताइए ।
उत्तर :
I. औपचारिक पत्र (Formal Letters):
ऐसे पत्र जो प्रशासकीय, धन्धाकीय अथवा सरकारी मामलों से सम्बन्धित लिखे जाए तो उन्हें औपचारिक पत्र कहा जाता है । औपचारिक पत्र दो प्रकार से लिखे जाते है ।
(1) वाणिज्यिक पत्र
(2) कार्यालय सम्बन्धी पत्र ।

वाणिज्यिक पत्र (Business Letters) : ऐसे पत्रव्यवहार जो कि विभिन्न वाणिज्यिक अथवा व्यापारिक मामलों से सम्बन्धित होते हो उन्हें वाणिज्यिक पत्रव्यवहार (Commercial Correspondence) कहते हैं । ऐसे पत्रव्यवहार व्यापारी लेन-देन, सौदे की समझ, मौद्रिक व्यवहार, मालसामान का उत्पादन, विक्रय, विज्ञापन, धन्धाकीय बातचीत, वाद-विवाद, समझौता और समाधान जैसी व्यापार विषयक बातों के लिए किये जाते है । ये धन्धा के प्रचार व प्रसार के लिए लिखे जाते है।

इनमें निम्न पत्रों का समावेश होता है ।
(1) पूछताछ के पत्र
(2) ऑर्डर के पत्र
(3) एजेन्सी के पत्र आदि ।

(2) कार्यालय सम्बन्धी पत्र (Official Letters) : ऐसे पत्र जो कि विभिन्न कार्यालय सम्बन्धी जो सरकारी संस्थाओं और प्रशासकीय/
वहीवटी बातों से सम्बन्धित बातों के लिए लिखे जाते है । ऐसे पत्रों में निम्नलिखित पत्रों का समावेश होता है ।
(1) आवेदन पत्र
(2) राशन कार्ड हेतु पत्र
(3) पानी के प्रश्नों के लिए लिखे जानेवाले पत्र ।

प्रश्न 3.
वाणिज्यिक पत्रव्यवहार का अर्थ समझाइए ।
उत्तर :
वाणिज्यिक हेतु से, विशेष ढाँचे में और विशेष प्रकार के शब्दों का उपयोग करके किये जानेवाले पत्रव्यवहार को वाणिज्यिक पत्रव्यवहार कहते हैं ।

प्रश्न 4.
प्रभावशाली वाणिज्यिक पत्रव्यवहार किसे कहते हैं ?
उत्तर :
यदि कोई पत्रव्यवहार, जो धन्धाकीय उद्देश्यों के लिए लिखा जाता हो और वह सिद्ध हो जाये तो ऐसे पत्रव्यवहार को प्रभावशाली
पत्रव्यवहार कहा जाता है ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तारपूर्वक दीजिए ।

प्रश्न 1.
पत्रव्यवहार के लक्षण का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :
पत्रव्यवहार के लक्षण निम्न होते है :

  1. संदेशा व्यवहार की बहुत ही सरल व महत्त्वपूर्ण पद्धति है ।
  2. पत्र लिखनेवाला और पत्र प्राप्तकर्ता दोनों के लिए उपयोगी है ।
  3. सूचनाओं को गोपनीय बनाये रखा जा सकता है ।
  4. पत्रव्यवहार की माहिती को दस्तावेजी प्रमाण के रूप में पेश कर सकते हैं ।
  5. इसमें स्थान, दूरी और समय की सीमाएँ अडचन नहीं बनती ।
  6. पत्रों को आसानी से प्राप्त करके भेज भी सकते है ।
  7. प्रेषक व प्राप्तकर्ता को जोड़नेवाली कडी है ।
  8. यदि भविष्य में आवश्यकता पड़े तो सम्बन्धित माहिती का पुन: उपयोग किया जा सकता है ।
  9. संस्था की प्रतिष्ठा पत्र के लेखन से उत्पन्न होती है ।
  10. पत्रव्यवहार सम्बन्धित पेढ़ी या संस्था का मौन स्वरूप में प्रतिनिधित्व करता है ।

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प्रश्न 2.
वाणिज्यिक पत्र शैली की सूचि बताकर सबसे अधिक प्रचलित शैलीओं का ढाँचा समझाइए ।
उत्तर :
वाणिज्यिक पत्रव्यवहार में निम्नलिखित शैलीओं का उपयोग होता है ।

  1. फुल्ली ब्लाक्ड शैली (Fully Blocked Style)
  2. मोडिफाईड ब्लाक्ड शैली (Modified Blocked Style)
  3. सेमी इन्डेन्टेड शैली (Semi Indented Style)
  4. फुल्ली इन्डेन्टेड शैली (Fully Indented Style)
  5. हेन्गिंग इन्डेन्टेड शैली (Hanging Indented Style)
  6. नोमा शैली (Noma Style)

इन विभिन्न शैलीओं में दो शैली सबसे अधिक प्रचलित है ।
(1) फुल्ली ब्लाक्ड शैली
(2) मोडिफाईड ब्लाक्ड शैली इन दोनों शैली का वर्णन निम्नानुसार है ।

(1) Fully Blocked Style फुल्ली ब्लॉक्ड शैली :
विशेषताएँ :

  • पत्रलेखन की सबसे आधुनिक शैली है ।
  • पत्र की तारीख, आन्तरिक पता, सम्बोधन, मुख्य अंश, शुभेच्छादर्शक समापन और हस्ताक्षर पत्र के मध्य में लिखा जाता है ।
  • इस शैली में विराम चिह्नों का उपयोग नहीं किया जाता ।
  • पत्र की समग्र जानकारियाँ बाँयी ओर से प्रारम्भ होने के कारण पत्र का दायाँ भाग बिलकुल रिक्त लगता है ।
  • टाइपिस्ट को यह शैली अधिक अनुकूल लगती है ।

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(2) Modified Blocked Style मोडिफाईड ब्लॉक्ड शैली :
विशेषताएँ :

  • इस शैली में टाईप करने में थोड़ा ध्यान रखना पड़ता है ।
  • पत्र-लेखन की सबसे प्रचलित शैली है ।
  • पत्र का आन्तरिक पता, शुभेच्छादर्शक सम्बोधन व संदेश विभाग बायीं ओर से प्रारम्भ किया जाता है ।
  • पत्र की तारीख, शुभेच्छादर्शक समापन व हस्ताक्षर दायीं ओर किया जाता है ।
  • पत्र का बाह्य-आवरण समतुलित दिखाई देता है जिससे पत्र काफी आकर्षक दिखता है ।
  • इस शैली में विरामचिन्ह का उपयोग किया जाता है ।

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प्रश्न 3.
प्रभावशाली वाणिज्यिक पत्रव्यवहार के लक्षण/विशेषताएँ समझाइए ।
उत्तर :
प्रभावशाली वाणिज्यिक पत्रव्यवहार के लक्षण निम्नानुसार है :
(1) स्पष्ट (Clarity)
(2) संक्षिप्त (Conciseness)
(3) सम्पूर्ण (Completeness)
(4) वास्तविक (Concreteness)
(5) वाचकलक्षी अभिगम (Consideration)
(6) सचोट (Correctness)
(7) विवेकपूर्ण (Courtesy)

(1) स्पष्ट : पत्र का लेखन स्पष्ट होना चाहिए जिससे पत्र पढ़नेवाले के मन में किसी भी तरह की गेरसमज उत्पन्न न हो ।
अस्पष्ट लेखन : क्रेता जो हमारे यहाँ से वस्तु क्रय करेगा उनको 15% छूट दी जायेगी ।
स्पष्ट लेखन : क्रेता जो हमारे यहाँ से एकसाथ 5000 रुपये के मालसामान खरीदेगा, उनको 15% छुट दी जायेगी ।

(2) संक्षिप्त : संक्षिप्तता ही पत्र की आत्मा है । सुयोग्य शब्द रचना का उपयोग करके संक्षिप्त में पत्र लिखना चाहिए । ऐसा करने से पत्र का खर्च घटता है, पत्र प्रभावशाली बनता है और वाचक का समय भी बचता है ।
अस्पष्ट लेखन : हम पुस्तक, चित्रकला, कागज, नोटबुक्स, पेन्सिल, रबर आदि वस्तुएँ खरीदना चाहते है ।
संक्षिप्त लेखन : हम स्टेशनरी की विभिन्न वस्तुएँ क्रय करना चाहते है ।

(3) सम्पूर्ण : पत्र का विवरण सम्पूर्ण होना चाहिए । अपूर्ण जानकारीवाला पत्र, पत्र वाचक के मन में कई बार दुविधा उत्पन्न करता है । ऐसी स्थिति में पुनः पत्रव्यवहार करना पड़ता है, जिससे दोनों पक्षों के मध्य की व्यापारिक प्रवृत्ति कम हो जाती है । जो कि व्यापार के लिए हानिकारक कहलाती है ।
अपूर्ण लेखन : आपके ऑर्डर के अनुसार मालसामान भेज दिया है ।
सम्पूर्ण लेखन : आपके मार्च 5 के ऑर्डर के अनुसार 100 पुस्तके (कक्षा 9 की समाजविद्या), 10 डजन पेन (Cello की), 10 डजन पेन्सिल (नटराज की), मारूति ट्रान्सपोर्ट से आज भेज दी गई है ।

(4) वास्तविक : पत्र का लेखन वास्तविक होना चाहिए । पत्र के लेखन में भाषा की पसन्दगी के एक ही अर्थ निकलना चाहिए जिससे उनके मन में कोई प्रश्न उत्पन्न न हो ।
अवास्तविक लेखन : हम कई कुर्सी खरीदना चाहते है ।
वास्तविक लेखन : हम 50 नंग, 7 नम्बरवाली कुर्सिया क्रय करना चाहते है ।

(5) वाचकलक्षी अभिगम : पत्र लिखनेवाले का उद्देश्य वाचकलक्षी होना चाहिए । पत्र का लेखन और शब्दों की पसन्दगी, पत्र प्राप्त कर्ता ।
ग्राहक का पद, प्रतिष्ठा और स्तर व आवश्यकतानुसार होना चाहिए । ग्राहक के व्यवहार-आचरण और अभिगम को ध्यान में लिया जाना चाहिए । स्वलक्षी अभिगम : हम, धन्धे के विस्तार और लाभ के लिए जामनगर में नई शाखा खोलने जा रहे है ।
वाचकलक्षी अभिगम : हम, आपके जैसे नियमित व व्यवस्थित ग्राहकों की सुविधा के लिए आपके शहर में नई शाखा खोलने जा रहे है ।

(6) सचोट : वाणिज्यिक पत्र के लेखन की भाषा व वास्तविकता की दृष्टि से सत्य होना चाहिए । लेखन में साहित्यिक त्रुटि व असत्य
विवरण, पत्र लिखनेवाली संस्था की प्रतिष्ठा में कमी लाती है ।
असत्य लेखन : आपकी पत्र मिली थी ।
सचोट लेखन : आपका पत्र मिला ।

(7) विवेकपूर्ण : वाणिज्यिक पत्र का लेखन और भाषा, विवेकपूर्ण व सम्मानपूर्ण होनी चाहिए । विवेकपूर्ण भाषा ग्राहक और व्यापारी के सम्बन्धों को अधिक सुदृढ़ व सम्मानजनक बनाती है । ‘आपका आभार’, ‘कृपा करके’, ‘क्षमा कीजिए’, इत्यादि शब्दों का उपयोग करके पत्र को विवेकपूर्ण बनाया जाता है ।
अविवेकपूर्ण लेखन : आपके द्वारा क्रय किये गए मालसामान की रकम भुगतान करने में आप लापरवाह हो ।
विवेकपूर्ण लेखन : कृपा करके, आपके द्वारा क्रय किये गये मालसामान की रकम का भुगतान समय पर करने का निवेदन ।

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प्रश्न 4.
पत्रव्यवहार के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर :
पत्रव्यवहार का इतिहास बहुत ही प्राचीन है । संदेशों का आदान-प्रदान कबूतरों का उपयोग करके होता था । राजा अपनी अत्यन्त गोपनीय जानकारी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक अपने दूत का उपयोग करते थे । सूचना झाड/वृक्ष के पत्तों पर, कपड़े और उनके बाद कागज के टुकड़ों पर लिखकर भेजते थे । भारत में अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान संदेशाव्यवहार व पत्रव्यवहार को बहुत ही आयोजनपूर्वक व व्यवस्थित स्वरूप दिया गया था । डाक व तार विभाग की रचना की गई और पत्रव्यवहार का विस्तार व उपयोग बढ़ता गया । उसके पश्चात् भारत सरकार ने संदेशा व्यवहार के तार और टेलीफोन की सेवाएँ आरम्भ की गई और पत्रव्यवहार को अधिक महत्त्व दिया गया, जिसमें पोस्टकार्ड, अन्तर्देशीय पत्र, लिफाफा आदि का उपयोग जनता को काफी लोकप्रिय लगा ।

पत्रव्यवहार में तीव्रता लाने के लिए भारतीय डाक व तार विभाग की ओर से सन् 1986 में ‘स्पीड पोस्ट’ जैसी आधुनिक सेवा आरम्भ की गई । इसके साथ साथ धन्धाकीय, शैक्षणिक व सामाजिक पत्रव्यवहार के कारण पत्रों की संख्या बढ़ने लगी जिससे आंगडिया व कुरियर रूप में पत्रव्यवहार का आरम्भ निजी पद्धति से आरम्भ हुआ । इसके उपरान्त इन्टरनेट के आने से ई-मेईल जैसी अत्याधुनिक सेवा पत्रव्यवहार के रूप में आरम्भ हुई ।

प्रश्न 5.
औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र के मध्य तुलना कीजिए ।

मुद्दा औपचारिक पत्र (Formal Letter) अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
1. अर्थ 1. ऐसे पत्र जो प्रशासकीय, धन्धाकीय अथवा सरकारी मामलों से सम्बन्धित लिख्खे जाये तो उन्हें औपचारिक पत्र कहते हैं । 1. ऐसे पत्र जो सामाजिक मामलों व सम्बन्धों को बनाये रखने के लिए लिख्खे जाये तो उन्हें अनौपचारिक पत्र कहते हैं ।
2. ढाँचा 2. औपचारिक पत्र लिखने का एक विधिवत् ढाँचा होता है । 2. अनौपचारिक पत्र लिखने के लिए विधिवत् ढाँचा नहीं होता है ।
3. प्रकार 3. इसके दो प्रकार है :

(1) वाणिज्यिक पत्र

(2) ओफिशियल पत्र

3. इसके प्रकार नहीं है ।
4. उदाहरण 1. वाणिज्यिक पत्र – पूछताछ के पत्र, ऑर्डर के पत्र, एजेन्सी के पत्र आदि ।

2. ओफिशियल पत्र – आवेदन पत्र, राशन कार्ड के लिए पत्र, पानी के प्रश्न के बारे में प्रश्न आदि ।

4. शुभेच्छा पत्र, आश्वासन पत्र, अभिनन्दन पत्र, आमंत्रण पत्र आदि ।

प्रश्न 6.
पत्रव्यवहार व वाणिज्यिक पत्रव्यवहार के मध्य भेद रेखा बताइए ।
उत्तर :
पत्रव्यवहार अर्थात् ऐसे पत्र, जो लिखित स्वरूप में, एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को, एक संस्था द्वारा दूसरी संस्था को अथवा व्यक्ति
तथा संस्था के मध्य होनेवाला सूचनाओं का आदान-प्रदान ।

जबकि वाणिज्यिक पत्रव्यवहार अर्थात् ऐसा पत्रव्यवहार जो वाणिज्यिक मामलों से सम्बन्धित होते है । जो कि व्यापारिक लेन-देन, सौदे की समझ, मौद्रिक व्यवहार मालसामान का उत्पादन, विक्रय, विज्ञापन, धन्धाकीय बातचीत, वाद-विवाद, समझौता व समाधान जैसे व्यापारिक मामलों से सम्बन्धित वाणिज्यिक पत्रव्यवहार किये जाते है ।

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए ।

प्रश्न 1.
पत्र लिखने के लिए उपयोग में ली जानेवाली शैली कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर :
पत्रलेखन में उपयोग में ली जानेवाली शैली स्वाभाविक व सचोट होनी चाहिए कि जिससे पत्रवाचक तक सहजतापूर्वक अपना संदेश पहुँचाया जा सके ।

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प्रश्न 2.
पत्र में प्रस्तुति किस तरह होनी चाहिए ?
उत्तर :
पत्र में प्रस्तुतीकरण स्पष्टतापूर्वक होनी चाहिए । अस्पष्ट भाषा में लिखा गया पत्र असमंजस में डालता है और उसका हल करने के लिए पुन: पत्र लिखने की स्थिति उत्पन्न होती है ।

प्रश्न 3.
पत्रलेखन की कला किस तरह विकसित की जा सकती है ?
उत्तर :
पत्रलेखन की कला प्रयत्नों द्वारा विकसित की जा सकती है ।

प्रश्न 4.
आदर्श पत्र की विशिष्टता किसके द्वारा जान सकते हैं ?
उत्तर :
योग्य रूप से पत्र लिखने के लिए प्रतिष्ठित कम्पनियों के अच्छे पत्रों को पढ़ना चाहिए एवं उसका अध्ययन करना चाहिए जिससे आदर्श पत्र की विशिष्टता जानी जा सके ।

प्रश्न 5.
प्रभावशाली पत्राचार को किसलिए ध्यानपूर्वक लिखना चाहिए ?
उत्तर :
प्रभावशाली पत्राचार केवल कम्पनी के व्यवसाय को ही बढ़ाते हैं ऐसा नहीं है, लेकिन कम्पनी की प्रतिष्ठा एवं प्रतिभा में भी वृद्धि करता है इसलिए उसे ध्यानपूर्वक लिखना चाहिए ।

प्रश्न 6.
प्रभावशाली पत्राचार के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण बात क्या हैं ?
उत्तर :
पत्रलेखन की सरल शैली प्रभावशाली पत्राचार के लिए पूर्वशर्त हैं ।

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प्रश्न 7.
‘अधिक लम्बा पत्र’ और ‘अति संक्षिप्त पत्र’ किसलिए नहीं होना चाहिए ?
उत्तर :
‘अधिक लम्बा पत्र’ अपने प्रभाव को खो देता है तथा अति संक्षिप्त पत्र प्रभावशाली प्रभाव नहीं डाल सकता ।

प्रश्न 8.
पत्र को कौन-सी शैली जीवन्त बनाती है ?
उत्तर :
पत्र को बातचीत पूर्ण शैली जीवन्त बनाती है ।

प्रश्न 9.
कौन-सी बात व्यापारिक सम्बन्धों में नुकसान पहुंचाती है तथा व्यापार को नुकसान की ओर मोड़ती हैं ?
उत्तर :
अपमानजनक और अव्यावहारिक लेखन, व्यापारिक सम्बन्धों में अन्तर लाकर व्यापार को नुकसान की ओर अग्रसर करती है ।

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