Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 12 Solutions Chapter 18 मेरे राम का मुकुट भीग रहा है Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 18 मेरे राम का मुकुट भीग रहा है
GSEB Std 12 Hindi Digest मेरे राम का मुकुट भीग रहा है Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उनके नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर दीजिए :
प्रश्न 1.
महीनों से मन उदास है क्योंकि…
(क) घर में शौक का माहौल था।
(ख) कुछ तबीयत ढीली, कुछ तनाव और टूटने का डर
(ग) घर में हररोज झगड़े होते थे।
उत्तर :
(ख) कुछ तबीयत ढीली, कुछ तनाव और टूटने का डर
प्रश्न 2.
लेखक अपने चिरंजीव और मेहमान को कार्यक्रम में नहीं जाने देना चाहते थे, क्योंकि…
(क) शहरों की आजकल की असुरक्षित स्थिति ध्यान में थी।
(ख) उन्हें उन पर भरोसा नहीं था।
(ग) चिरंजीव और मेहमान बहुत मस्तीखोर थे।
उत्तर :
(क) शहरों की आजकल की असुरक्षित स्थिति ध्यान में थी।
प्रश्न 3.
गृहिणी बहुत उद्विग्न थी, क्योंकि…
(क) वह बीमार थी।
(ख) शहर में कयूं लगा था।
(ग) बारह बजे भी लोग लौटे नहीं थे।
उत्तर :
(ग) बारह बजे भी लोग लौटे नहीं थे।
प्रश्न 4.
राम के साथ…
(क) लक्ष्मण और सीता हैं।
(ख) कोई नहीं है।
(ग) कोई जाने को तैयार नहीं होता
उत्तर :
(क) लक्ष्मण और सीता हैं।
प्रश्न 5.
राम की झोंपड़ी…
(क) जंगलों के आसपास किसी टेकरी पर है।
(ख) टूटी – फूटी, बिखरी हुई पड़ी है।
(ग) कोई नहीं रहता है।
उत्तर :
(क) जंगलों के आसपास किसी टेकरी पर है।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक के दिन कैसे बीतते हैं?
उत्तर :
लेखक के दिन ऐसे बीतते हैं जैसे भूतों के सपनों की एक रील पर दूसरी रील चढ़ा दी गई हो और भूतों की आकृतियाँ और डरावनी हो गई हों।
प्रश्न 2.
संगीत का कार्यक्रम देखने कौन-कौन गया?
उत्तर :
संगीत का कार्यक्रम देखने लेखक के एक साथी, लेखक के एक चिरंजीव तथा उनकी एक मेहमान कन्या गए थे।
प्रश्न 3.
नर के रूप में कौन लीला कर रहा है?
उत्तर :
नर के रूप में नारायण लीला कर रहे हैं।
प्रश्न 4.
सीता, वन्य पशुओं से घिरी क्या सोचती है ?
उत्तर :
सीता वन्य पशुओं से घिरी हुई सोचती हैं कि प्रसव की पीड़ा हो रही है, कौन इस बेला में सहारा देगा, कौन प्रसव के समय प्रकाश दिखलाएगा, कौन मुझे संभालेगा और कौन जन्म के गीत गाएगा।
प्रश्न 5.
कुर्सी पर पड़े-पड़े सोचते-सोचते कितने बज गये?
उत्तर :
लेखक को कुर्सी पर पड़े-पड़े सोचते-सोचते चार बजने को आए थे।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
लेखक को रात-दिन नींद क्यों नहीं आती?
उत्तर :
लेखक की तबीयत कुछ ढीली है। उनके आसपास के कुछ तनाव हैं और कुछ उनसे टूटने का डर है। इसके अलावा लिए गए काम में बाधाओं आदि के कारण लेखक का मन उदास है। इसलिए उन्हें रात-दिन नींद नहीं आती।
प्रश्न 2.
संगीत के कार्यक्रम में क्या सोचकर जाने दिया?
उत्तर :
लेखक अपने चिरंजीव तथा अपनी एक मेहमान कन्या को शहरों की आजकल की असुरक्षित स्थिति का ध्यान करके संगीत कार्यक्रम में जाने नहीं देना चाहते थे, पर लड़कों का मन रखने की बात सोचकर उन्हें जाने दिया।
प्रश्न 3.
लेखक के मन में एकाएक कौन-सी पंक्तियों गूंज गयी?
उत्तर :
रात के बारह बज गए। संगीत कार्यक्रम देखने गए लेखक के चिरंजीव और मेहमान लड़की अभी तक नहीं लौटे थे। बरसात हो रही थी। एकाएक लेखक के मन में उमड़ती-घुमड़ती ये पंक्तियाँ गूंज उठी – “मोरे राम के भीजै मुकुटवा, लछिमन के पटुकवा, मोरी सीता के भीजै सेनुखा त राम घर लौटहि।”
प्रश्न 4.
संतान को लेकर लेखक को क्या प्रतीति नहीं होती?
उत्तर :
लेखक पिछली पीढ़ी के व्यक्ति हैं। लेखक के अनुसार पिछली पीढ़ी अपनी संतान के संभावित संकट की कल्पना मात्र से उद्विग्न हो जाती है। संतान को लेकर लेखक को प्रतीति ही नहीं होती कि अब उनकी संतान समर्थ है। वह बड़ा से बड़ा संकट झेल लेगी।
प्रश्न 5.
नदियों और सरोवरों को देखना क्यों दुस्सह हो गया?
उत्तर :
निर्वासन के बाद की स्थिति भयावह होती है। सबकुछ सूना-सूना लगता है। जिस व्यक्ति का ऐश्वर्य से अभिषेक हो रहा था, वह निर्वासित हो गया था। इसलिए नदियों और सरोवरों को देखना दुस्सह हो गया।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्य में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
“मेरे राम का मुकुट भीग रहा है” ऐसा लेखक – क्यों कहते हैं ?
उत्तर :
लेखक के एक चिरंजीव और उनकी एक मेहमान लड़की एक संगीत कार्यक्रम में रात के नौ बजे घर से गए थे, वे रात के बारह बजे तक भी नहीं लौटे। इस बीच जोर की बारिश भी आ गई। आजकल की असुरक्षित स्थिति का ध्यान करके लेखक के मन में यह पंक्ति कौंधती है और उन्हें दुश्चिंता होती है कि उन दोनों पर जाने क्या बीत रही होगी, वे जाने किस स्थिति में होंगे।
प्रश्न 2.
राम के मुकुट को लेकर उनके मन में कैसे – खयाल आते हैं ?
उत्तर :
राम के मुकुट को लेकर लेखक के मन में तरह-तरह के ख्याल आए। लेखक ने सोचा कि राम ने राजकीय वेश उतारा, रथ से उतरे, राजकीय भोग का परिहार किया, पर मुकुट लोगों के मन और कौशल्या के मातृस्नेह में था, इसलिए वह नहीं उतरा उनके मन में यह ख्याल भी आया कि क्या बात है कि काशी की रामलीला आरंभ होने के पूर्व (राम के) मुकुट की ही पूजा की जाती है। उनके मन में यह ख्याल भी आया कि लाखों-करोड़ों कौशल्याओं के राम वन में निर्वासित हैं, पर क्या बात है कि मुकुट अभी भी उनके माथे पर बंधा है और उसी के भीगने की इतनी चिता है।
आशय स्पष्ट कीजिए :
प्रश्न 1.
इस देश की ही नहीं, पूरे विश्व की एक कौशल्या है।
उत्तर :
उत्तर :
कौशल्या को राम के निर्वासन से होनेवाला कष्ट सहना पड़ा था और उनके बारे में सोच-सोचकर विह्वल होना पड़ा था। कौशल्या एक प्रतीक है। समूचे विश्व में ऐसी कौशल्याएं हैं, जो हर वर्षा काल में अपने-अपने राम के लिए दुखित हो रही हैं कि ‘मेरे राम का मुकुट भीग रहा होगा।’ मेरी ऐश्वर्य की अधिकारिणी संतान वन में घूम रही है और उसका मुकुट, उसका ऐश्वर्य भीग रहा है। उसका जागरण भीग रहा है। मैं कैसे धीरज धरू?
प्रश्न 2.
कैसे मंगलमय प्रभात की कल्पना की थी? और कैसी अँधेरी कालरात्रि आ गयी है?
उत्तर :
जीवन में कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि होना कुछ और होता है और अंत समय में हो कुछ और जाता है। अयोध्या में राम राज्याभिषेक के मंगलमय प्रभात की कल्पना की गई थी। अयोध्या में खुशियां मनाई जानेवाली थीं, पर ऐन वक्त पर स्थिति एकदम बदल गई और राम को निर्वासित होना पड़ा। उनके वियोग में अयोध्या को शोक में डूब जाना पड़ा। अयोध्या को कालरात्रि ने अपने आगोश में ले लिया और पूरे नगर में शोक की लहर व्याप्त हो गई।
निम्नलिखित विधानों की पूर्ति के लिए दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 1.
दूर कोई भी आहट होती तो….
(अ) उग्र होकर फाटक की और देखने लगता।
(ब) एक डर मन में पैदा हो जाता।
(क) चिंता दूर होती नजर आती।
उत्तर :
दूर कोई भी आहट होती, तो उग्र होकर फाटक की ओर देखने लगता।
प्रश्न 2.
सोचते-सोचते लगा कि…
(अ) इस देश का क्या होगा?
(ब) इस देश की ही नहीं, पूरे विश्व की एक कौशल्या है।
(क) घर में कोई आकर दस्तक दे रहा है।
उत्तर :
सोचते-सोचते लगा कि इस देश की ही नहीं, पूरे विश्व की एक कौशल्या है।
प्रश्न 3.
नदियाँ और सरोवरों को देखना दुस्सार हो गया है- क्योंकि…
(अ) उसमें बाढ़ आई है।
(ब) वह सूखे पड़े हैं।
(क) जिसका ऐश्वर्य से अभिषेक हो रहा था, वह निर्वासित हो गया।
उत्तर :
नदियों और सरोवरों को देखना दुशवार हो गया है, क्योंकि जिसका ऐश्वर्य से अभिषेक हो रहा था, वह निर्वासित हो गया था।
GSEB Solutions Class 12 Hindi मेरे राम का मुकुट भीग रहा है Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
मेरे राम का मुकुट भीग रहा है’- गद्य में मिश्नजी ने किस भाव की प्रस्तुति की है?
उत्तर :
‘मेरे राम का मुकुट भौग रहा है’ – गद्य में मिश्रजी ने चिंता के भाव की प्रस्तुति की है।
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :
- उद्विग्न = विचलित
- आतंकित = भयभीत
- पटुका = दुपट्टा
- सहचारिणी = पत्नी
- ऐश्वर्य = वैभव
- सहज = सरल
- आहट = खटका
- विह्वल = व्याकुल
- आकुलता = घबराहट
- कुटिल = कपटी
- मसान = स्मशान
- उत्कर्ष = उन्नति
- चीत्कार = चीख
- वर्चस्व = प्राबल्य
- कातरता = भीरुता
- उजास = उजाला
- बियाबान = जंगली
निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :
- उदास × प्रसन्न
- उलटे × सीधे
- मुक्ति × बंधन
- पौराणिक × आधुनिक
- मेहमान × यजमान
- व्याकुलता × शांति
- उलझन × सुलझन
- सुरक्षित × असुरक्षित
- छल × निच्छल
- मीठा × कटु
निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए :
- खीर – श्रीर
- सूई – सूचि
- हल्दी – हरिद्रा
- गोबर – गोमय, गोमल
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :
- प्रतिष्ठित = प्रतिष्ठा + इत (प्रत्यय)
- पीठिका = पीठ + इका (प्रत्यय)
- भारतीय = भारत + ईय (प्रत्यय)
- उदासी = उदास + ई (प्रत्यय)
- मुक्ति = मुक्त + इ (प्रत्यय)
- अधीरता = अधीर + ता (प्रत्यय)
- परेशानी = परेशान + ई (प्रत्यय)
- महानगरीय = महानगर + ईव (प्रत्यय)
- असुरक्षित = असुरक्षा + इत (प्रत्यय)
- संभवित = संभव + इत (प्रत्यय)
- जागरुकता = जागरुक + ता (प्रत्यय)
- राजकीय = राज + ईय (प्रत्यय)
- आतंकित = आतंक + इत (प्रत्यय)
- बिरादरी = बिरादर + ई (प्रत्यय)
- भारतीयता = भारतीय + ता (प्रत्यय)
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :
- दुश्चिंता = दुः (उपसर्ग) + चिंता
- वितर्क = वि (उपसर्ग) + तर्क
- उपलक्षण = उप (उपसर्ग) + लक्षण
- निर्वासित = निः (उपसर्ग) + वासित
निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण पहचानिए :
प्रश्न 1.
- महानगरीय वातावरण में पली कन्या ने अनुमति मांगी।
- राम ने राजकीय वेश उतारा।
- मंगलमय प्रभात की कल्पना की थी।
- अंधेरी कालरात्री आ गयी है।
- पूरब से हल्की उजास आती है।
उत्तर :
- महानगरीय
- राजकीय
- मंगलमय
- अंधेरी
- हल्की
निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :
- जिसे देशनिकाले का दंड मिला हो – निर्वासित
- जीवनभर साथ-साथ चलनेवाली स्त्री – सहचारिणी
- एक ही में निष्ठा रखनेवाला – एकनिष्ठ
- दरवाजा खटखटाने की क्रिया – दस्तक
- जल में डूबा हुआ – जलप्लावित
- राज्य का सबसे बड़ा अधिकारी – राज्यपाल
- धनुष को धारण करनेवाला – धनुर्धर
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
- इस समय आपकी आयु चालीस वर्ष की है।
- एक फूल की माला बनाओ।
- वह आने में बड़ा देर करता है।
उत्तर :
- इस समय आपकी आयु चालीस है।
- फूलों की एक माला बनाओ।
- वह आने में बड़ी देर करता है।
निम्नलिखित कहावतों का अर्थ लिखिए :
आसमान से गिरा खजूर में अटका
अर्थ : बड़ी विपत्ति से छूटे तो छोटी में फंस गए।
कंगाली में आटा गीला
अर्थ : विपत्ति में विपत्ति पड़ना।
मेरे राम का मुकुट भीग रहा है Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
मनुष्य के जीवन में तरह-तरह की चिंताएं आती रहती है। कभी-कभी बड़ी परेशानी आ जाती है, तो भी वह परेशानी नहीं लगती, कभी-कभी मामूली-सी बात भी भयंकर चिंता का विषय बन जाती है। लेखक के एक चिरंजीव और उनकी एक मेहमान कन्या का एक संगीत कार्यक्रम में रात के नौ बजे जाना और प्रातः चार बजे लौटकर आना उनके लिए उलझन और चिंता का विषय बन जाता है। उसी परिप्रेक्ष्य में लेखक ने इस पाठ में पौराणिक मिथक के माध्यम से मानव चिंताओं का मार्मिक वर्णन किया है।
पाठ का सार :
लेखक की उदासी : लेखक का मन महीनों से उदास-सा है। कारण है कुछ तबीयत ढीली होना, कुछ तनाव और काम का कुछ बोझ। पर उन्हें रात-दिन नोंद नहीं आती। तरह-तरह के सपने सताते हैं।
संगीत कार्यक्रम : लेखक के एक साथी रात नौ बजे एक संगीत कार्यक्रम में गए और लेखक की अनुमति से अपने साथ उनके एक चिरंजीव और उनकी एक मेहमान कन्या को भी अपने साथ ले गए।
रात बारह बजे तक न लौटना : लेखक के चिरंजीव और वह लड़की संगीत कार्यक्रम से रात बारह बजे तक वापस नहीं आए, तो लेखक को चिंता हुई और वे बेचैन होकर बरामदे में कुर्सी लगाकर उनके आने की राह देखने लगे। बरसात हो रही थी और बिजली चमक रही थी। उनके मन में कई दिनों से उमड़ती पंक्तियाँ गूजने लगती है’मोरे राम के भीजै मुकुटवा ……’
दादी-नानी का गीत : लेखक बचपन में दादी-नानी के मुंह से यही गीत जाँते पर गाते हुए सुनते थे और जब बड़े होकर विदेश से वापस आते, तो वे यही गीत गातीं। तब उन्हें उनकी आकुलता पर हंसी आती थी और उनका दर्द नहीं छूता था।
ढलती रात में उभरा दर्द : लेखक को गीत की पंक्तियों के दर्द का अहसास कलती रात को उस समय हो रहा था, जब उस समय तक उनके चिरंजीव और उनकी मेहमान कन्या घर लौटकर नहीं आए थे। उनके मन में तरह-तरह की दुश्चिंताएं उत्पन्न होती हैं। मन में अनेक विचार आते हैं।
कौशल्या, राम और मकट : लेखक राम के निर्वासन, कौशल्या के अंतःकरण के दर्द, लाखों-करोड़ों कौशल्याओं और उनके रामों के वन में निर्वासन के बारे में अनेक तर्क-वितर्क करते हैं। इस तरह सोचते-सोचते भोर के चार बजने को आ जाते हैं। वे अब भी उसी कुसौं पर पड़े हैं।
दरवाजे पर दस्तक : तभी दरवाजे पर हल्की-सी दस्तक होती है। लेखक के चिरंजीव और मेहमान लड़की थे। उन्होंने अपने चिरंजीव और मेहमान लड़की से सिर्फ इतना ही कहा कि तुम लोगों को इसका क्या अंदाजा होगा कि हम कितने परेशान रहे। बच्चों ने भोजन-दूध कुछ नहीं छुआ और मुंह ढककर सोने का बहाना शुरू हुआ।
लेखक फिर विचारों में लीन : लेखक राहत की सांस लेते हैं और बिस्तर पर पड़ जाते हैं। वे अर्धचेतन अवस्था में विचारों में फिर वहीं पहुंच जाते हैं, जहाँ पहले खोए हुए थे।
मेरे राम का मुकुट भीग रहा है शब्दार्थ :
- सहज – सामान्य, सरल।
- चिरंजीव – (यहाँ अर्थ) बेटा।
- उद्विग्न – आकुल, घबराया हुआ।
- राह जोहना – राह देखना, प्रतीक्षा करना।
- आहट – टोह, खटका।
- विह्वल – व्याकुल, विकल।
- आकुलता – व्याकुलता, घबराहट।
- संभावित – जिसके होने की संभावना हो।
- दुश्चिंता – बुरी या विकट चिंता।
- निर्वासित – जिसे देश निकाले का दंड मिला हो।
- कुटिल – कपटी, छली।
- धनुर्धर – धनुष चलाने में निपुण पुरुष।
- चुभन – कष्ट, पीड़ा।
- संगति – मेल, संग।
- सहचारिणी – जीवन संगिनी।
- ऐश्वर्य – वैभव।
- शंकाकुल – शंका से व्याकुल।
- कुंडली मारना – सांप के गोलाकार बैठने की मुद्रा, अधिकार जमाना।
- गगरी – मिट्टी का बड़ा घड़ा।
- मसान – श्मशान।
- उत्कर्ष – उन्नति।
- दमकना – चमकना।
- एकनिष्ठ – एक से ही अनुराग रखनेवाला।
- भवभूति – ऐश्वर्य।
- चीत्कार – चीख, चिल्लाहट।
- वर्चस्व – प्राबल्य, प्राधान्य।
- दस्तक – दरवाजा खटखटाने की क्रिया।
- कातरता – भीरुता, अधीरता।
- आप्लावित – जल में डूबा हुआ।
- पतियाना – किसी की बात पर विश्वास करना।
- पर्णकुटी – झोंपड़ी।
- उजास – प्रकाश, उजाला।
- बियाबान – उजाड़ जगह, जंगल।