GSEB Solutions Class 12 Organization of Commerce and Management Chapter 1 संचालन का स्वरूप और महत्त्व

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 12 Organization of Commerce and Management Chapter 1 संचालन का स्वरूप और महत्त्व Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

Gujarat Board Textbook Solutions Class 12 Organization of Commerce and Management Chapter 1 संचालन का स्वरूप और महत्त्व

GSEB Class 12 Organization of Commerce and Management संचालन का स्वरूप और महत्त्व Text Book Questions and Answers

स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प पसन्द करके लिखिए :

प्रश्न 1.
अन्य व्यक्तियों के पास से काम लेने की कला को क्या कहते हैं ?
(A) आयोजन
(B) संचालन
(C) मार्गदर्शन
(D) संकलन
उत्तर :
(B) संचालन

प्रश्न 2.
प्रवृत्ति की दृष्टि से संचालन कैसी प्रवृत्ति है ?
(A) सर्वव्यापी
(B) अकार्यक्षम
(C) लक्ष्य निर्धारण
(D) पारदर्शक
उत्तर :
(A) सर्वव्यापी

प्रश्न 3.
ज्ञान को अमल में लाने की सरल पद्धति अर्थात् क्या ?
(A) व्यवसाय
(B) विज्ञान
(C) कला
(D) मार्गदर्शन
उत्तर :
(C) कला

प्रश्न 4.
व्यावसायिक संगठन अपने व्यवसाय के लिए किन बातों का निर्माण करते है ?
(A) विसंगतता
(B) असंगतता
(C) आचारसंहिता
(D) विचारसंहिता
उत्तर :
(C) आचारसंहिता

प्रश्न 5.
संचालन के स्तर कितने है ?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
उत्तर :
(C) तीन

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प्रश्न 6.
उच्च स्तर संचालन में किसका समावेश होता है ?
(A) निष्णांत
(B) कर्मचारी / श्रमिक
(C) विभागीय अधिकारी
(D) बोर्ड ऑफ डिरेक्टर्स
उत्तर :
(D) बोर्ड ऑफ डिरेक्टर्स

प्रश्न 7.
निम्न स्तर को दूसरे किस नाम से पहचाना जाता है ?
(A) कार्यकारी स्तर
(B) कर्मचारी स्तर
(C) नीति विषयक स्तर
(D) अधिकारियों का स्तर
उत्तर :
(A) कार्यकारी स्तर

प्रश्न 8.
इनमें से किसका समावेश संचालन के किसी भी स्तर में नहीं होता ?
(A) निरीक्षक
(B) जॉबर
(C) कर्मचारी
(D) हिसाबी अधिकारी
उत्तर :
(C) कर्मचारी

प्रश्न 9.
आयोजन यह धन्धाकीय साहस का मस्तिष्क है, तो व्यवस्थातंत्र यह क्या है ?
(A) हृदय
(B) हाथ-पैर
(C) शारीरिक ढाँचा
(D) रक्त
उत्तर :
(C) शारीरिक ढाँचा

प्रश्न 10.
इनमें से बाजार-संचालन का कार्य कौनसा है ?
(A) आय का वितरण
(B) उत्पादन
(C) उत्पादन मिश्र
(D) वित्त का उपयोग
उत्तर :
(C) उत्पादन मिश्र,

प्रश्न 11.
इनमें से किसी एक का समावेश मानव संसाधन संचालन में समावेश नहीं होता ।
(A) मरम्मत और सुरक्षा
(B) प्रशिक्षण और विकास
(C) पदोन्नति और स्थानान्तरण
(D) भर्ती और चयन
उत्तर :
(A) मरम्मत और सुरक्षा

प्रश्न 12.
धन्धाकीय इकाइयों में विविध प्रकार के निर्णयकर्ता और उसका असरकारक अमल करनेवाले प्रशिक्षण प्राप्त, अनुभवी और निष्णांत वर्ग की आवश्यकता पड़ती है । इस वर्ग द्वारा की जानेवाली कामगीरी को क्या कहते हैं ?
(A) आयोजन कर्ता
(B) संचालन
(C) उत्तम नेता
(D) निरीक्षक
उत्तर :
(B) संचालन

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प्रश्न 13.
ध्येय प्राप्ति के लिए धन्धाकीय इकाइयो में क्या अनिवार्य है ?
(A) संचालन
(B) आयोजन
(C) अन्दाज-पत्र
(D) नियंत्रण
उत्तर :
(A) संचालन

प्रश्न 14.
धन्धे की कार्यक्षमता और सफलता का मापदण्ड क्या है ?
(A) वेतन
(B) फीस
(C) हानि
(D) लाभ
उत्तर :
(D) लाभ

प्रश्न 15.
‘संचालन अर्थात् अन्य व्यक्तियों के पास से काम लेने की कला’ यह परिभाषा किसने दी है ?
(A) हेनरी फेयोल
(B) लिविंगस्टन
(C) कुन्टज और ओडोनेल
(D) डॉ. जॉर्ज आर. टेरी
उत्तर :
(C) कुन्टज और ओडोनेल

प्रश्न 16.
संचालन एक व्यवसाय कहलाता है, क्योंकि इसमें ………………………….
(A) विशिष्ट ज्ञान की आवश्यकता पड़ती है ।
(B) इनसे इनको लाभ मिलता है ।
(C) वह मध्य स्तर पर कार्य करते है ।
(D) वह मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते है ।
उत्तर :
(A) विशिष्ट ज्ञान की आवश्यकता पड़ती है ।

प्रश्न 17.
किसी भी क्षेत्र का विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करके उस ज्ञान का लाभ समग्र समाज को दिया जाए और बदले में फीस ली जाए तो वह कौन सी प्रवृत्ति कहलाती है ?
(A) विज्ञान
(B) कला
(C) व्यवसाय
(D) धन्धा
उत्तर :
(C) व्यवसाय

प्रश्न 18.
IIM संस्था कौन से स्तर पर कार्य करती है ?
(A) जिलास्तर
(B) राज्यस्तर
(C) राष्ट्रीयस्तर
(D) राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर
उत्तर :
(D) राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर

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प्रश्न 19.
संचालक मण्डल, मैनेजिंग डायरेक्टर तथा जनरल मैनेजर का समावेश कौन से स्तर पर होता है ?
(A) उच्च स्तर
(B) मध्य स्तर
(C) निम्न स्तर
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(A) उच्च स्तर

प्रश्न 20.
विभिन्न विभागीय अधिकारियों का समावेश कौन से स्तर पर होता है ?
(A) निम्न स्तर
(B) मध्य स्तर
(C) उच्च स्तर
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(B) मध्य स्तर

प्रश्न 21.
निरीक्षको का स्तर इनमें से कौन-सा कहलाता है ?
(A) उच्च स्तर संचालन
(B) मध्यस्तर संचालन
(C) निम्नस्तर संचालन
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(C) निम्नस्तर संचालन

प्रश्न 22.
लाभ का वितरण करना, लाभांश, अनामत, लाभ का पुनः विनियोग से सम्बन्धित कार्यों को करना इत्यादि कार्य कौन से स्तर का होता है ?
(A) उच्च स्तर
(B) मध्य स्तर
(C) निम्न स्तर
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(C) निम्न स्तर

प्रश्न 23.
कुन्तज और ओडोनेल के अनुसार संचालन के कार्यों के वर्गीकरण को कितने भागो में बाँटा है ?
(A) 3
(B) 5
(C) 7
(D) 4
उत्तर :
(A) 3

प्रश्न 24.
हेनरी फेयोल के मतानुसार संचालन के कार्यों के वर्गीकरण को कितने भागो में बाँटा है ?
(A) दो
(B) तीन
(C) पाँच
(D) सात
उत्तर :
(D) सात

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प्रश्न 25.
पीटर ड्रकर के अनुसार संचालन के कार्यों के वर्गीकरण को कितने भागों में विभाजित किया है ?
(A) तीन
(B) पाँच
(C) सात
(D) दस
उत्तर :
(B) पाँच

प्रश्न 26.
ल्युथर म्युलिक के मतानुसार संचालन के कार्यों के वर्गीकरण को कितने भागो में बाँटा गया है ?
(A) तीन
(B) पाँच
(C) आठ
(D) सात
उत्तर :
(B) पाँच

प्रश्न 27.
डॉ. जार्ज टेरी के अनुसार संचालन के कार्यों के वर्गीकरण को कितने भागो में बाँटा गया है ?
(A) तीन
(B) चार
(C) पाँच
(D) सात
उत्तर :
(C) पाँच

प्रश्न 28.
Even God cannot change the past, But Men can change the future’. उपरोक्त कथन संचालन के कार्यों में से किसके बारे में दर्शाया गया है ?
(A) अन्दाज-पत्र
(B) आयोजन
(C) संकलन
(D) सूचना प्रेषण
उत्तर :
(B) आयोजन

प्रश्न 29.
समान उद्देश्यों की प्राप्ति के रूप में कार्यरत व्यक्तियों के मध्य अधिकार और दायित्व का विभाजन करनेवाला ढाँचा अर्थात् ……………………
(A) सूचना प्रेषण
(B) नियंत्रण
(C) व्यवस्थातंत्र
(D) मार्गदर्शन
उत्तर :
(A) सूचना प्रेषण

प्रश्न 30.
वर्तमान समय में मानवशक्ति आयोजन, मानव साधन विकास, कामगीरी का मूल्यांकन आदि का समावेश किस में किया जाता है ?
(A) मार्गदर्शन
(B) कर्मचारी व्यवस्था
(C) नियंत्रण
(D) संकलन
उत्तर :
(D) संकलन

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प्रश्न 31.
प्रयत्नो, परिणाम तथा साधनों तथा उद्देश्यों के मध्य संतुलन स्थापित करने का कार्य अर्थात् ……………………………
(A) नियंत्रण
(B) अन्दाज-पत्र
(C) व्यवस्थातंत्र
(D) सूचना संचार
उत्तर :
(C) व्यवस्थातंत्र

प्रश्न 32.
धन्धाकीय इकाई के अलग अलग विभागो में कर्मचारियो द्वारा जो विभिन्न कार्य होते है, उनके मध्य एकसूत्रता अथवा सुमेल स्थापित करने का कार्य अर्थात् ……………………………..
(A) कर्मचारी व्यवस्था
(B) व्यवस्थातंत्र
(C) नियंत्रण
(D) संकलन
उत्तर :
(D) संकलन

प्रश्न 33.
संचालन के कार्य विस्तार कितने है ?
(A) पांच
(B) दो
(C) चार
(D) असंख्य
उत्तर :
(B) दो

प्रश्न 34.
कर्मचारियों की भर्ती, प्रशिक्षण, पदोन्नति, मार्गदर्शन आदि का समावेश इनमें से किसमें किया जाता है ?
(A) वित्तीय संचालन
(B) बाजार संचालन
(C) उत्पादन संचालन
(D) मानव संसाधन संचालन
उत्तर :
(B) बाजार संचालन

प्रश्न 35.
उत्पादन का आयोजन करना कौन से संचालन का कार्य है ?
(A) मानव संसाधन संचालन
(B) उत्पादन संचालन
(C) बाजार संचालन
(D) वित्तीय संचालन
उत्तर :
(A) मानव संसाधन संचालन

प्रश्न 36.
सन्तुष्ट कर्मचारी इकाई की मूल्यवान क्या है ?
(A) दायित्व
(B) सम्पत्ति
(C) पाठशाला
(D) हाथ-पैर
उत्तर :
(A) दायित्व

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प्रश्न 37.
CEO का समावेश संचालन के कौन से स्तर पर होता है ?
(A) उच्च स्तर
(B) मध्य स्तर
(C) निम्न स्तर
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(A) उच्च स्तर

प्रश्न 38.
संचालन किस रूप में विकसित हो रहा है ?
(A) व्यवसाय
(B) धन्धे
(C) व्यापार
(D) नौकरी
उत्तर :
(C) व्यापार

प्रश्न 39.
संचालन के बारे में 6M (Men, Machines, Materials, Methods, Market, Money) का सूत्र किसने दिया है ?
(A) डॉ. जॉर्ज टेरी
(B) हेनरी फेयोल
(C) पीटर ड्रकर
(D) ल्युथर ग्युलिक
उत्तर :
(C) पीटर ड्रकर

प्रश्न 40.
इनमें से कौन व्यवसाय के रूप विकसित हो रहा है, जिसका लाभ व्यक्ति, समाज और समग्र राष्ट्र को मिलता है ।
(A) आयोजन
(B) ग्राहक
(C) संचालन
(D) देनदार
उत्तर :
(A) आयोजन

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए :

प्रश्न 1.
संचालन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
धन्धाकीय इकाइयों में विविध प्रकार के निर्णय लेनेवाला और इनका असरकारक अमल करनेवाले प्रशिक्षण प्राप्त, अनुभवी और निष्णांत वर्ग की आवश्यकता पड़ती है । इस वर्ग द्वारा की जानेवाले कार्य को संचालन कहते हैं । संचालन अर्थात् अन्य व्यक्तियों के पास से काम लेने की कला ।

प्रश्न 2.
संचालन द्वारा कौन-कौन से क्षेत्रों का विकास होता है ?
उत्तर :
संचालन द्वारा धार्मिक, संरक्षण, सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक तथा खेलकूद इत्यादि क्षेत्रों का विकास होता है ।

प्रश्न 3.
संचालन में कौन-कौन सी बातों का समावेश होता है ?
उत्तर :
संचालन में आयोजन, व्यवस्थातंत्र, कर्मचारी व्यवस्था, मार्गदर्शन और नियंत्रण इत्यादि कार्यों का समावेश होता है ।

प्रश्न 4.
इकाई के संचालन के बारे में सर्वोच्च सत्ता प्राप्त स्तर कौन-सा स्तर कहलाता है ?
उत्तर :
इकाई के संचालन के बारे में सर्वोच्च सत्ता प्राप्त स्तर उच्च स्तर कहलाता है ।

प्रश्न 5.
मध्य स्तर संचालन दूसरे किस नाम से पहचाना जाता है ?
उत्तर :
मध्य स्तर संचालन को अधिकारियों के स्तर के नाम से जाना जाता है ।

प्रश्न 6.
मुख्य प्रबन्धकीय अधिकारी की ओर से प्राप्त आदेशों और सूचनाओं का अमल कौन से स्तर पर करते है ?
उत्तर :
मुख्य प्रबन्धकीय अधिकारी की ओर से प्राप्त आदेशों और सूचनाओं का अमल मध्य स्तर संचालन पर करते है ।

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प्रश्न 7.
यंत्रों की व्यवस्था और मरम्मत से सम्बन्धित कार्य संचालन के कौन से स्तर पर होता है ?
उत्तर :
यंत्रों की व्यवस्था और मरम्मत से सम्बन्धित कार्य संचालन के निम्न स्तर पर होता है ।

प्रश्न 8.
उत्पादन मिश्रण में कौन-कौन से गुणधर्मों का समावेश होता है ?
उत्तर :
उत्पादन मिश्रण में नये उत्पाद का उत्पादन अथवा चालू उत्पाद के विकास के निर्णय में उत्पाद का रूप, रंग, कद, आकार, वजन, छाप, पैकिंग, कार्य सम्बन्धी विश्वास, विक्रय पश्चात की सेवाएँ तथा उत्पाद वैविध्यकरण इत्यादि बातों का समावेश होता है ।

प्रश्न 9.
I.I.M. का विस्तृत रूप लिखिए ।
उत्तर :
I.I.M. = Indian Institute of Management

प्रश्न 10.
M.B.A. का विस्तृत रूप लिखिए ।
उत्तर :
M.B.A. – Master of Business Administration

प्रश्न 11.
C.E.0. का विस्तृत रूप लिखिए ।
उत्तर :
C.E.O. – Chief Executive Officer

प्रश्न 12.
मनुष्य एक कैसा प्राणी है ?
उत्तर :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है ।

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प्रश्न 13.
संचालन का आरम्भ कौन से समय में हुआ था ?
उत्तर :
संचालन का आरम्भ अति प्राचीन समय में हुआ था ।

प्रश्न 14.
धन्धाकीय इकाइयों के कौन से स्वरूपों में मालिक स्वयं ही धन्धे के कामकाज करते थे ?
उत्तर :
धन्धाकीय इकाइयों के स्वरूपो में व्यक्तिगत मालिकी तथा साझेदारी संस्था में मालिक स्वयं ही धन्धे के कामकाज करते थे ।

प्रश्न 15.
कुन्टज और ओडोनल के अनुसार संचालन की व्याख्या दीजिए ।
उत्तर :
कुन्ट्ज और ओडोनल के अनुसार, ‘संचालन अर्थात् अन्य व्यक्तियों के पास से काम लेने की कला ।’

प्रश्न 16.
लिविंगस्टन के मतानुसार संचालन की परिभाषा दीजिए ।
उत्तर :
लिविंगस्टन के मतानुसार, ‘कम से कम समय में और खर्च पर, उपलब्ध साधन-सुविधाओं का श्रेष्ठ उपयोग करके इकाइयो के निर्धारित ध्येय को सिद्ध करने के कार्य को संचालन कहते हैं ।’

प्रश्न 17.
डॉ. ज्यॉर्ज टेरी के अनुसार संचालन की व्याख्या दीजिए ।
उत्तर :
डॉ. जॉर्ज टेरी के अनुसार, ‘संचालन यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो मानव (Men), यंत्र (Machine), साधन (Materials), पद्धति (Methods), मुद्रा (Money) और बाजार (Market) का आयोजन करके उनके उपर नियंत्रण रखने का कार्य करते है । वह मानव प्रयत्नों को नेतागीरी, संकलन और मार्गदर्शन देते है । जिससे इकाई के निश्चित ध्येयो को सिद्ध किया जा सकता है ।’

प्रश्न 18.
विज्ञान से आप क्या समझते है ?
उत्तर :
विज्ञान अर्थात् व्यवस्थित और विशिष्ट प्रकार का ज्ञान, जिसमें से नियमों तथा सिद्धान्त स्थापित किए जा सकते हैं तथा कार्यकारण का सम्बन्ध स्थापित कर सकते है वह विज्ञान ।

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प्रश्न 19.
कला से आप क्या समझते है ?
उत्तर :
कला अर्थात् कार्य करने के लिए मानव का निपुणता या कुशलता । लेकिन यह कौशल्य का उपयोग करने के लिए सम्बन्धित कार्य का सैद्धान्तिक ज्ञान जरूरी है ।

प्रश्न 20.
व्यवसाय अर्थात् क्या ?
उत्तर :
व्यवसाय अर्थात् किसी भी क्षेत्र का विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करके उनका लाभ समस्त समाज को देना तथा इसके बदले में समाज के पास से फीस प्राप्त की जाए । जैसे डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट, अभियन्ता आदि ।

प्रश्न 21.
धन्धे की सफलता या असफलता का आधार किस पर रहता है ?
उत्तर :
धन्धे की सफलता या असफलता का आधार संचालन पर होता है ।

प्रश्न 22.
डॉ. ज्योर्ज टेरी के अनुसार विज्ञान व्यक्ति को क्या सिखाता है ?
उत्तर :
डॉ. ज्योर्ज टेरी के अनुसार ‘विज्ञान व्यक्ति को जानकारी प्रदान करता है । (Science Teaches one to know)

प्रश्न 23.
डॉ. ज्योर्ज टेरी के अनुसार कला व्यक्ति को क्या सिखाते है ?
उत्तर :
डॉ. ज्योर्ज टेरी के अनुसार कला व्यक्ति को काम करना सिखाती है । (Art teaches one to do)

प्रश्न 24.
संचालन यह न तो भौतिक शास्त्र जैसा शुद्ध विज्ञान और ना ही वह किसके जैसी शुद्ध कला ?
उत्तर :
संचालन यह न तो भौतिक शास्त्र जैसा शुद्ध विज्ञान और ना ही वह शिल्प जैसी शद्ध कला ।

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प्रश्न 25.
M.B.B.S., M.D., M.S. एवं BDS, M.D.S. यह कौन से व्यवसाय की पदवी है ?
उत्तर :
M.B.B.S., M.D., M.S. एवं BDS, M.D.S. उपरोक्त सभी चिकित्सक (Doctor) की पदवी है ।

प्रश्न 26.
संचालन का विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करने के लिए कौन सी पदवी प्राप्त करनी पड़ती है ?
उत्तर :
संचालन का विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करने के लिए BBA एवं MBA की पदवी प्राप्त करनी पड़ती है ।

प्रश्न 27.
BBA का विस्तृत रूप लिखिए ।
उत्तर :
BBA – Bachlor of Business Administration

प्रश्न 28.
MBBS, M.D., M.S., B.D.S. एवं M.D.S. तथा LLB का विस्तृत रूप लिखिए ।
उत्तर :
M.B.B.S. – Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery
M.D. – Doctor of Medicine
M.S. – Master of Surgery
BDS – Bachelor of Dental Surgery
MDS – Master of Dental Surgery
LLB – Bachelor of Laws

प्रश्न 29.
C.A., C.S. एवं ICWA का विस्तृत रूप दीजिए ।
उत्तर :
C.A. – Chartered Accountant
C.S. – Company Secretary ICWA – Institutde of Cost and Work Accountants of India

प्रश्न 30.
चिकित्सा, वकील, चार्टर्ड एकाउन्टन्ट, अभियन्ता इत्यादि कैसे व्यक्ति है ?
उत्तर :
चिकित्सक, वकील, चार्टर्ड एकाउन्टन्ट, अभियन्ता इत्यादि व्यवसायी व्यक्ति है ।

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प्रश्न 31.
संचालन विज्ञान के लक्षण कौन-कौन से मिलते है ?
उत्तर :
संचालन विज्ञान के लक्षण निम्न देखने को मिलते है ।

  1. व्यवस्थित ज्ञान
  2. सर्वव्यापकता
  3. कारण और असरों का सम्बन्ध
  4. वास्तविकताएँ
  5. विश्लेषण और प्रयोगो का आधार
  6. नियमों की जाँच

प्रश्न 32.
संचालन के विज्ञान की तरह ही अपने महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त है । इन सिद्धान्तों द्वारा किसका योग्य उपयोग किया जाता है ?
उत्तर :
संचालन के विज्ञान की तरह ही अपने महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त है । इन सिद्धान्तों द्वारा मानवो, यंत्रो, पूँजी, पद्धतियों इत्यादि का योग्य उपयोग किया जाता है ।

प्रश्न 33.
राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर कौन-सी संस्था संचालन विज्ञान का ज्ञान उपलब्ध कराती है ?
उत्तर :
राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर IIM – Indian Institute of Management जैसी संस्था संचालन विज्ञान का ज्ञान उपलब्ध कराती है ।

प्रश्न 34.
संचालन का लाभ किन-किन को मिलता है ?
उत्तर :
संचालन का लाभ व्यक्ति, समाज और समग्र राष्ट्र को मिलता है ।

प्रश्न 35.
यंत्र विन्यास (Lay out) से आप क्या समझते है ?
उत्तर :
यंत्र विन्यास अर्थात् यंत्रो अथवा मशीनरी को व्यवस्थित रूप से लगाने की प्रक्रिया ।

प्रश्न 36.
वर्तमान समय में किसका समावेश भी कर्मचारी व्यवस्था में किया जाता है ?
उत्तर :
वर्तमान समय में मानव शक्ति आयोजन, मानव साधन विकास, कार्य का मूल्यांकन, आजिविका आयोजन आदि का समावेश भी कर्मचारी व्यवस्था में किया जाता है ।

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प्रश्न 37.
मार्गदर्शन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कर्मचारियों को ध्येय सिद्धि के लिए मार्गदर्शन (निर्देशन) देना और उन पर देखरेख रखना अर्थात् मार्गदर्शन ।

प्रश्न 38.
मार्गदर्शन के कार्य में किन कार्यों का समावेश होता है ?
उत्तर :
मार्गदर्शन के कार्य में अधिनस्थों को मार्गदर्शन प्रदान करना, देखरेख रखना, आदेश व सूचना प्रदान करना, कार्य का निर्धारण करना, कर्मचारियों को प्रेरणा देना, नेतृत्व प्रदान करना इत्यादि कार्यों का समावेश होता है ।

प्रश्न 39.
मार्गदर्शन यह संचालन के कौन से स्तर पर की जानेवाली प्रक्रिया है ?
उत्तर :
मार्गदर्शन यह संचालन के प्रत्येक स्तर पर अर्थात् तीनों स्तर पर की जानेवाली प्रक्रिया है ।

प्रश्न 40.
आयोजन का कार्य यह मूलभूत रूप से कौन-सा कार्य है ?
उत्तर :
आयोजन का कार्य यह मूलभूत रूप से चयन का कार्य है ।

प्रश्न 41.
संचालन के अन्य कार्यों का आधार किस पर रहता है ?
उत्तर :
संचालन के अन्य कार्यों का आधार आयोजन पर रहता है ।

प्रश्न 42.
आयोजन संचालन का कौन से क्रम का कार्य है ?
उत्तर :
आयोजन संचालन के प्रथम क्रम का कार्य है ।

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प्रश्न 43.
नियंत्रण संचालन का कौन से क्रम का कार्य है ?
उत्तर :
नियंत्रण संचालन के अन्तिम क्रम का कार्य है ।

प्रश्न 44.
आधुनिक समय में नियंत्रण का ख्याल कैसा है ?
उत्तर :
आधुनिक समय में नियंत्रण का ख्याल सकारात्मक है ।

प्रश्न 45.
व्यवस्थातंत्र/प्रबन्ध किसे कहते हैं ?
उत्तर :
समान उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कार्यरत व्यक्तियों के मध्य अधिकार और दायित्व का विभाजन करनेवाला ढाँचा अर्थात् व्यवस्थातंत्र ।

प्रश्न 46.
नियंत्रण संज्ञा समझाइए ।
उत्तर :
नियंत्रण अर्थात् प्रयत्नों, परिणाम और साधनों तथा उद्देश्यों के मध्य संतुलन स्थापित करने का कार्य ।

प्रश्न 47.
संचालन के महत्त्वपूर्ण कार्यों के प्रमाण में संचालन के कार्य विस्तार कितने है ? व कौन- कौन से ?
उत्तर :
संचालन के कार्य विस्तार चार हैं :

  1. बाजार संचालन (Marketing Management)
  2. मानव संसाधन संचालन (Human Resource Management)
  3. वित्तीय संचालन (Financial Management)
  4. उत्पादन संचालन (Production Management)

प्रश्न 48.
वस्तु की माँग की जानकारी किस तरह प्राप्त करना, यह कौन-से संचालन का कार्य है ?
उत्तर :
वस्तु की माँग की जानकारी किस तरह प्राप्त करना यह बाजार संचालन का कार्य है ।

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प्रश्न 49.
किसी भी वस्तु का कितना उत्पादन करना, यह जानकारी किस पर आधारित है ?
उत्तर :
किसी भी वस्तु का कितना उत्पादन करना, यह जानकारी माँग पर आधारित है ।

प्रश्न 50.
माँग के प्रमाण के अनुसार उत्पादन हेतु कितने वित्त की व्यवस्था करना और इनसे सम्बन्धित बातें कौन से संचालन का
कार्य है ?
उत्तर :
यह कार्य वित्तीय संचालन है ।

प्रश्न 51.
संचालन के समस्त कार्य करने हेतु मानवशक्ति की व्यवस्था करना यह कौन-से संचालन का कार्य है ?
उत्तर :
मानव शक्ति की व्यवस्था करना यह मानव संसाधन संचालन का कार्य है ।

प्रश्न 52.
बाजार संचालन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
माल या सेवा को उत्पादक के पास से ग्राहकों तक पहुँचाने की प्रक्रिया को विशाल अर्थ में बाजार संचालन कहते हैं ।

प्रश्न 53.
मानव संसाधन संचालन से आप क्या समझते है ?
उत्तर :
मानव संसाधन संचालन अर्थात् धन्धाकीय इकाई में कार्यरत कर्मचारियों की कुशलता, ज्ञान, बुद्धि, रुचि-अरूचि, व्यक्तिगत विकास, आवश्यकता आदि जैसी समस्त बातों को ध्यान में लेकर उनको कम्पनी के उद्देश्यों के साथ जोड़कर धन्धे को सफलता के तथा स्थाका सलता, शान, बालासाचा व्याक्तिगत विकास लाभदायकता के मार्ग तक ले जाने की समग्र प्रक्रिया ।

प्रश्न 54.
धन्धाकीय इकाइयों में वित्त यह किसके समान है ?
उत्तर :
धन्धाकीय इकाइयों में वित्त यह जीवनदाता रक्त समान है ।

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प्रश्न 55.
वित्तीय संचालन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
वित्तीय संचालन अर्थात् वित्तीय कार्य का संचालन, वित्तीय कार्य अर्थात् वित्त प्राप्त करना और वित्त का उपयोग करने का कार्य, आय के वितरण का कार्य यह कार्य ध्येयपूर्ण और कार्यक्षम रूप से होना चाहिए ।

प्रश्न 56.
उत्पादन संचालन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
उत्पादन संचालन यह उत्पादन का आयोजन करने की, कार्यक्रम निश्चित करने की, संकलन सिद्ध करने की, मार्गदर्शन देने की और नियंत्रण करने की एक प्रक्रिया है ।

प्रश्न 57.
सन्तुष्ट कर्मचारी इकाई की क्या है ?
उत्तर :
सन्तुष्ट कर्मचारी इकाई की मूल्यवान सम्पत्ति है ।

प्रश्न 58.
वितरण के बारे में कौन-सी बातों का समावेश होता है ?
उत्तर :
वितरण के बारे में निर्णय में अपनी दुकानों द्वारा विक्रय, थोकबंद व्यापारियों द्वारा, फुटकर व्यापारियों द्वारा, एजेन्ट द्वारा, वाहन व्यवहार के प्रश्नों आदि बातों को ध्यान में लिया जाता है ।

प्रश्न 59.
अभिवृद्धि अर्थात् क्या ?
उत्तर :
अभिवृद्धि अर्थात् बिक्री में महत्त्वपूर्ण वृद्धि करने के प्रयत्न ।

प्रश्न 60.
अभिवृद्धि में किन-किन बातों का समावेश होता है ?
उत्तर :
अभिवृद्धि अर्थात् बिक्री में महत्त्वपूर्ण वृद्धि करने के प्रयत्न । जिसमें माल का विज्ञापन करना, प्रसिद्धि करना, सेल्समेन द्वारा व्यक्तिगत विक्रय करना तथा विक्रय वृद्धि हेतु ग्राहको और व्यापारियों को आकर्षित करना इत्यादि बातों का समावेश होता है ।

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प्रश्न 61.
मानव संसाधन संचालन में किन बातों का समावेश होता है ?
उत्तर :
मानव संसाधन संचालन में कर्मचारियों की भर्ती, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन आदि का समावेश होता है ।

प्रश्न 62.
बड़े पैमाने में पूँजी का लाभ कौन-सी इकाई में प्राप्त किया जा सकता है ?
उत्तर :
बड़े पैमाने में पूँजी का लाभ कम्पनी स्वरूप में प्राप्त किया जा सकता है ।

प्रश्न 63.
वृहद इकाइयों में कौन से प्रश्न उत्पन्न होते है ?
उत्तर :
वृहद इकाइयों में पूँजी सम्बन्धी, उत्पादन सम्बन्धी, बाजार सम्बन्धी एवं कर्मचारी सम्बन्धी प्रश्न उत्पन्न होते है ।

प्रश्न 64.
मध्य स्तर संचालन को दूसरे किस नाम से पहचाना जाता है ?
उत्तर :
मध्य स्तर संचालन को अधिकारियों के स्तर के नाम से पहचाना जाता है ।

प्रश्न 65.
निरीक्षको का स्तर अर्थात कौन-सा स्तर ?
उत्तर :
निरीक्षकों का स्तर अर्थात् निम्न स्तर संचालन ।

प्रश्न 66.
उच्च स्तर संचालन किस नाम से पहचाना जाता है ?
उत्तर :
इकाई के संचालन के बारे में सर्वोच्च सत्ता प्राप्त स्तर को उच्च स्तर संचालन के रूप में पहचाना जाता है ।

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प्रश्न 67.
कर्मचारी व्यवस्था (stuffing) से आप क्या समझते है ?
उत्तर :
Employees are arms and Leg of unit’. डॉ. जॉर्ज टेरी के अनुसार ‘कर्मचारी व्यवस्था का उद्देश्य संतोषदायक तथा संतुष्ट कर्मचारी दल का निर्माण करने का, बनाये रखने का और विकसित करने का है ।’

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए :

प्रश्न 1.
संचालन के उच्च स्तर पर होनेवाले कोई भी दो कार्य बताइए ।
उत्तर :
उच्च स्तर संचालन के दो कार्य निम्न होते है :

  1. धन्धाकीय इकाई के मुख्य एवं गौण उद्देश्यों को निश्चित करना ।
  2. संचालक धन्धाकीय इकाई के ट्रस्टी के रूप में कार्य करते है ।

प्रश्न 2.
संचालन से समाज को कौन-से लाभ मिलते है ?
उत्तर :
संचालन से समाज के साधनों का उपयोग करके समाज में स्थित लोगों के हित में अपनी कामगीरी करते है । धन्धे की सफलता समाज की समृद्धि एवं सुख में वृद्धि करती है । धन्धाकीय इकाइयाँ विविध प्रकार की वस्तुएँ और सेवाओं का कम लागत पर उत्पादन करते है । योग्य संचालन द्वारा समाज को उचित मूल्य पर प्रदान करती है, जिसके फलस्वरूप समग्र समाज का कल्याण होता है ।

प्रश्न 3.
आयोजन से आप क्या समझते है ?
उत्तर :
आयोजन अर्थात् अपेक्षित परिणामों की प्राप्ति के लिए वास्तविकताओ (यथार्थों) का चयन करना, उनके मध्य आन्तर सम्बन्ध स्थापित करना और आवश्यक प्रवृत्तियों के अवलोकन और निर्माण के लिए पूर्वानुमान करना ।

प्रश्न 4.
प्रबन्ध अथवा व्यवस्थातंत्र का अर्थ दीजिए ।
उत्तर :
व्यवस्थातंत्र अर्थात् समान उद्देश्य की प्राप्ति हेतु कार्यरत व्यक्तियों के मध्य अधिकार तथा दायित्व का विभाजन करनेवाला ढाँचा । व्यवस्थातंत्र या प्रबन्ध अर्थात् निर्धारित उद्देश्य को सिद्ध करने के लिए इकाई की प्रवृत्ति को अलग-अलग विभागो में अलग-अलग मानव समूहों के मध्य बाँटा जाता है तथा उनको अधिकार और दायित्व का विभाजन किया जाता है ।

प्रश्न 5.
संकलन का अर्थ बताइए ।
उत्तर :
धन्धाकीय इकाई के अलग अलग विभागों में कर्मचारियो द्वारा अलग-अलग जो कार्य होते है उनके मध्य एकसूत्रता या सुमेल स्थापित करने के कार्य को संकलन कहते हैं ।

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प्रश्न 6.
संचालन के उच्च स्तर में किसका समावेश होता है ?
उत्तर :
संचालन के उच्च स्तर में संचालक मण्डल, मैनेजिंग डायरेक्टर, जनरल मैनेजर, मुख्य प्रबन्धकीय अधिकारी, ट्रस्टी इत्यादि का समावेश होता है ।

प्रश्न 7.
बाजार संचालन का मुख्य उद्देश्य कौन-सा है ?
उत्तर :
बाजार संचालन का मुख्य उद्देश्य ग्राहक वर्ग को योग्य संतोष प्रदान करके दीर्घकालीन समय के लिए लाभ प्राप्त करने का है ।

प्रश्न 8.
मूल्य सम्बन्धी निर्णयो में कौन-कौन सी बातो का समावेश होता है ?
उत्तर :
मूल्य सम्बन्धी निर्णयों में विक्रय नीति, साख नीति, बट्टा के बारे में नीति, थोकबंद या फुटकर विक्रय, मध्यस्थियों का कमीशन इत्यादि बातों को ध्यान में लिया जाता है ।

प्रश्न 9.
कर्मचारी व्यवस्था के बारे में समझाइए ।
उत्तर :
कर्मचारी व्यवस्था का उद्देश्य संतोषकारक और संतुष्ट कर्मचारी दल खड़ा करने का, बनाये रखने का और विकसित करना है । जहाँ इकाई होती है वहाँ कर्मचारी होते है । कर्मचारियों के बिना की इकाई यह आत्मा बिना अस्थि कंकाल जैसा है । किसी भी इकाई की प्रवृत्ति का अन्तिम आधार तो कर्मचारियों पर होता है ।

प्रश्न 10.
IIM संज्ञा समझाइए ।
उत्तर :
IIM अर्थात् Indian Institute of Management का संक्षिप्त नाम है, जिसका अर्थ होता है, भारतीय प्रबन्धन संस्थान । यह संस्था भारत में संचालन विज्ञान का शिक्षण प्रदान करने वाली राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है । ये संस्था संचालन के व्यवसाय का विकास करने की कामगीरी करती है ।

प्रश्न 11.
भारत में संचालन विज्ञान का ज्ञान प्रदान करने वाली संस्थाओं के नाम दीजिए ।
उत्तर :
भारत में संचालन विज्ञान का ज्ञान (प्रशिक्षण) प्रदान करने वाली संस्थाएँ निम्नलिखित हैं :

  1. Indian Institute of Management
  2. B.K. School of Management
  3. Bajaj Institute of Management
  4. Nirma Institute of Management
  5. S. K. Jain Institute of Management
  6. R. A. Podhar Institute of Management

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प्रश्न 12.
‘धन्धाकीय इकाई में द्रव्य यह जीवनदाता रक्त के समान है ।’ उपरोक्त कथन समझाइए ।
उत्तर :
उपरोक्त कथन सत्य है, क्योंकि द्रव्य के बिना कोई भी प्रवृत्ति सम्भव नहीं । किसी भी धन्धे की स्थापना, विकास, विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिए द्रव्य की आवश्यकता पड़ती है । जिस तरह मानव शरीर में रक्त शरीर में सभी अंगों को सक्रिय रखता है । ठीक इसी प्रकार पूँजी/वित्त भी पूरी इकाई को गतिशील रखता है । इस तरह कहा जा सकता है कि धन्धाकीय इकाई में द्रव्य जीवनरक्त के समान है ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर महासर दीजिए :

प्रश्न 1.
संचालन का महत्त्व (Importance of Management) समझाइए ।
उत्तर :
आधुनिक समय में संचालन बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है । किसी भी क्षेत्र की प्रवृत्तियों की सफलता या असफलता का आधार उनके संचालन पर रहता है ।

संचालन का महत्त्व निम्न बातो से स्पष्ट होता है :
(1) प्रत्येक क्षेत्र में आवश्यक : संचालन यह मात्र उद्योग-धन्धो में नहीं बल्कि धार्मिक, संरक्षण, सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक तथा खेलकूद जैसी विविध प्रवृत्तियों में आवश्यक होता है । इस तरह इन समस्त प्रवृत्तियों में आयोजन, व्यवस्थातंत्र, मार्गदर्शन व नियंत्रण जैसे संचालन के विविध कार्य करने पड़ते है ।

(2) साधनों का महत्तम उपयोग : संचालन द्वारा इकाई में उपलब्ध सभी साधन जैसे भूमि, पूँजी, कच्चा माल, कर्मचारी तथा यंत्र आदि का महत्तम उपभोग हो सकता है तथा दुरूपयोग रोका जा सकता है ।

(3) ध्येय प्राप्ति : धन्धाकीय इकाई में ध्येय की प्राप्ति हेतु संचालन अनिवार्य होता है । संचालन के द्वारा ही साधनों का महत्तम उपयोग सम्भव हो सकता है । इस प्रकार इकाई के ध्येयों को प्राप्त किया जा सकता है ।

(4) धन्धे की सफलता हेतु उपयोगी : धन्धाकीय इकाई की सफलता में अन्य परिबलो की तुलना में संचालन का विशेष योगदान होता है । धन्धे की सफलता या असफलता का आधार संचालन पर निर्भर करता है । लघु औद्योगिक इकाइयाँ जो वृहद औद्योगिक इकाईयों का स्वरूप धारण कर सकती हो तो इनमें समस्त योगदान संचालन का होता है । कार्यदक्ष संचालन के कारण ही घाटे में चलनेवाली इकाई लाभ कमानेवाली इकाई बन सकती है ।

(5) रोजगार के अवसर में वद्धि : यदि संचालन कार्यदक्ष हो तो कम्पनी स्वरूप का विकास होता है, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है । जबकि अकार्यक्षम संचालन के कारण बहुत-सी कम्पनियाँ बंद हो जाती है, जिससे बेकारी के प्रमाण में वृद्धि होती है ।

(6) लाभ में वृद्धि : धन्धाकीय इकाई सामान्यत: लाभ के उद्देश्य से ही कार्य करती है । कार्यक्षम और कुशल संचालक अपनी सूडा व योग्यता द्वारा उपलब्ध समस्त साधनों का मितव्ययिता पूर्वक महत्तम उपयोग करके अधिकतम लाभ कमा सकती है । इस प्रकार कहा जा सकता है कि लाभ ही धन्धे की कार्यक्षमता और सफलता का मापदण्ड कहलाता है ।

(7) सामाजिक लाभ : प्रत्येक इकाई समाज में रहकर ही समाज के लिए कार्य करती है । समाज के साधनों का उपयोग करके समाज में स्थित लोगों के लाभ हेतु अपनी कामगीरी करती है । धन्धे की सफलता समाज की समृद्धि तथा सुख में वृद्धि करती है। धन्धाकीय इकाइयाँ विविध वस्तुओं और सेवाओं का कम लागत पर उत्पादन करती है । समाज को उचित मूल्य पर वस्तुएँ प्रदान करती है जिससे समस्त समाज का कल्याण होता है ।

(8) राष्ट्र के विकास हेतु : देश के अर्थतंत्र में आर्थिक, सामाजिक और राष्ट्र के विकास के लिए अनुपयोगी मानव सम्पत्ति तथा उपयोग
में न लिये गये उत्पादन के साधनों का महत्तम उपयोग हेतु कार्यक्षम संचालन आवश्यक होता है ।

इस तरह संचालन के महत्त्व के रूप में निम्न परिभाषाएँ दी गई है :

  1. अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति रूजवेल्ट : ‘एक सरकार बिना अच्छे संचालन के रेत पर बने मकान के समान है ।’
    Roosevelt : ‘A Government without good management is a house built on send.’
  2. लारेन्स एप्पले : ‘संचालन व्यक्तियों का विकास है ।’
    Lowrence Appley : ‘Management is Development of Men.
  3. डॉ. जॉन. एफ. मी. : ‘संचालन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक विकास की मुख्य कुंजी (उत्तर- पुस्तिका) है ।’

प्रश्न 2.
संचालन एक व्यवसाय है । समझाइए ।
उत्तर :
व्यवसाय अर्थात् किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करके उस ज्ञान का लाभ समग्र समाज को प्रदान किया जाए तथा इसके बदले में समाज के पास से फीस प्राप्त की जाए । जैसे डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड एकाउन्टन्ट, इन्जीनियर इत्यादि सभी व्यवसायी . व्यक्ति कहलाते है । उपरोक्त सभी व्यक्तियों की प्रवृत्ति व्यवसाय की प्रवृत्ति कहलाती है ।

जिस प्राकर व्यवसायी व्यक्तियों को विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करना पड़ता है, उसी के पश्चात् सेवा दे सकते है, ठीक इसी तरह संचालन हेतु भी BBA एवं MBA की पदवी प्राप्त करनी पड़ती है । इस तरह कहा जा सकता है कि संचालन एक व्यवसाय है ।

प्रश्न 3.
उच्च स्तर संचालन के कार्य (Function of Top Level Management) बताइए ।
उत्तर :
उच्च स्तर संचालन के कार्य निम्न होते है :

  1. धन्धाकीय इकाई का मुख्य और गौण उद्देश्यों को निश्चित किया जाता है ।
  2. संचालक जो होते है वो इकाई के ट्रस्टी के रूप में कार्य करते है ।
  3. धन्धाकीय इकाई के मुख्य प्रबन्धकीय अधिकारी एवं उच्च अधिकारियों की नियुक्ति करना तथा उनको अधिकार व दायित्व का विभाजन करना ।
  4. विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा इकाई के लिए बनाए गए अन्दाज-पत्र को स्वीकृत करना।
  5. कानूनी व्यवस्थाओं का पालन करना और इकाई के साथ जुड़े हुए विविध वर्गों के हितों की सुरक्षा करना ।
  6. इकाई के लिए दीर्घकालीनं आयोजन करे व्यूहात्मक निर्णय लिये जाते है ।
  7. संचालन सम्बन्धी जटिल प्रश्नों की छानबीन करना, जटिल समस्याओं का अध्ययन करना और कानूनी व्यवस्थाओं को ध्यान में लेकर उनका समाधान करना ।
  8. इकाई के लिए विभिन्न योजना का निर्माण, अमल एवं निरीक्षण का कार्य करना ।
  9. लाभ का वितरण करना, लाभांश, अनामत, लाभ का पुनः विनियोग से सम्बन्धित कार्यों को करना ।
  10. इकाई की विभिन्न प्रवृत्तियो से सम्बन्धित वृत्तांतो (Report) का अध्ययन करके आवश्यक सूचन करना ।
  11. श्रमिक अधिनियम की व्यवस्थाओं का पालन करवाना ।

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प्रश्न 4.
संचालन के विभिन्न स्तरों के मध्य अन्तर के पाँच महे लिखिए ।
उत्तर :
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प्रश्न 5.
संकलन का महत्त्व समझाइए ।
उत्तर :
संकलन का महत्त्व निम्नलिखित होता है :

  1. संकलन से संचालन के विविध कार्य जैसे कि आयोजन, व्यवस्थातंत्र, मार्गदर्शन, नियंत्रण आदि प्रभावशाली बनते हैं ।
  2. संकलन के कारण इकाई के निर्धारित उद्देश्यों को सिद्ध किया जा सकता है ।
  3. इकाई के विभिन्न विभागों के कार्यों को उनके क्रम और समय के मध्य सन्तुलन बनाये रखने का कार्य संकलन के कारण सम्भव बनता है ।
  4. संकलन से इकाई के विविध विभागो में संवादिता बनी रहती है ।
  5. संकलन के कारण ही इकाई के समस्त कार्य सरलता से किये जा सकते है ।
  6. संकलन से इकाई का कोई भी कार्य बाकी नहीं रहता तथा किसी भी कार्य का पुनरावर्तन नहीं होता ।

प्रश्न 6.
मानव संसाधन संचालन का महत्त्व समझाइए ।
उत्तर :
मानव संसाधन संचालन का महत्त्व निम्न होता है :

  1. इकाई की प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है ।
  2. इकाई के लाभ में वृद्धि होती है ।
  3. कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है ।
  4. इकाई द्वारा उत्पादित वस्तु अथवा सेवा की गुणवत्ता के स्तर को ऊँचा बनाकर रखती है ।
  5. कर्मचारियों की सन्तुष्टी में वृद्धि होती है ।
  6. कर्मचारियों के परिवर्तन दर में कमी आती है ।
  7. उत्पादन में काम में लाए जानेवाले विविध साधनों का महत्तम उपयोग हो सकता है ।
  8. मानव संसाधन संचालन से कर्मचारियों में समूह भावना का विकास होता है ।
  9. मानव संसाधन संचालन के कारण से कर्मचारियों को पर्याप्त कार्यसन्तुष्टी प्राप्त होती है जिससे इकाई में औद्योगिक शान्ति का वातावरण बनता है ।

प्रश्न 7.
वित्तीय संचालन के कार्य (Function of Financial Management) समझाइए ।
उत्तर :
वित्तीय संचालन के कार्य निम्नानुसार है :

  1. वित्त (पूँजी) की आवश्यकताओं का अन्दाज लगाना ।
  2. समय के अनुरूप वित्त का आयोजन करना ।
  3. अन्दाज-पत्र बनाना ।
  4. आय के वितरण करना ।
  5. पूँजी ढाँचे का विचार करना तथा पूँजी प्राप्ति स्थानों का चयन करना ।
  6. वित्त की प्राप्ति हेतु कार्यवाही करना ।
  7. प्राप्त किए गए वित्त का उपयोग योग्य रूप से हो यह देखना तथा नियंत्रण की व्यवस्था करना ।
  8. वित्तीय नीति बनाना ।
  9. कर ढाँचे का आयोजन करना ।
  10. सम्पत्तियों की व्यवस्था करना ।

8. संचालन एक विज्ञान है । (Management as a Science) समजाइए ।
उत्तर :
विज्ञान अर्थात् व्यवस्थित और विशिष्ट प्रकार का ज्ञान । जिसमें से नियमों तथा सिद्धान्तों को स्थापित किया जा सकता है और कार्यकारण का सम्बन्ध स्थापित किया जाये वह विज्ञान है ।

संचालन विज्ञान के विभिन्न लक्षण देखने को मिलते है । जैसे कि, व्यवस्थित ज्ञान, सर्वव्यापकता, कारण और असरों के सम्बन्ध, वास्तविकताएँ, विश्लेषण और प्रयोगों का आधार, नियमों की जाँच आदि । संचालन के विज्ञान की तरह अपने विशिष्ट सिद्धान्त है । जिनके द्वारा मानव, यंत्र, पूँजी, पद्धति आदि का व्यवस्थित उपयोग होता है । इस तरह, संचालन एक विज्ञान है । डॉ.
ज्योर्ज टेरी बताते है कि, ‘विज्ञान व्यक्ति को जानकारी प्रदान करता है । (Science Teaches one to know.)’

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प्रश्न 9.
संचालन एक कला है (Management as an Art) उपरोक्त कथन समझाइए ।
उत्तर :
संचालन एक कला है, उपरोक्त कथन सही है । कला अर्थात् कार्य करने में व्यक्ति को निपुणता या कौशल । लेकिन इस कौशल्य का उपयोग करने के लिए सम्बन्धित कार्य का सैद्धान्तिक ज्ञान भी व्यक्ति के पास से होना चाहिए ।

संचालन के नियमों और सिद्धान्तों का व्यवहार में उपयोग करते समय व्यक्तिगत कुशलता, सूझ और चातुर्य महत्त्व की भूमिका निभाते है । सिद्धान्तों का मात्र पुस्तकीय ज्ञान पर्याप्त नहीं होता है । इस ज्ञान का उपयोग करने के लिए तकनिकी कला की भी उतनी ही आवश्यकता होने से संचालक को अपने व्यक्तिगत कुशलता और योग्यता के अनुरूप आवश्यक परिवर्तन करने पड़ते है । डॉ. ज्योर्ज टेरी बताते है कि ‘कला व्यक्ति को काम करना सीखाती है । (Art Teaches one to do.)

संचालन मात्र विज्ञान भी नहीं या मात्र कला भी नहीं । संचालन विज्ञान और कला दोनों का सुन्दर समन्वंय है । जिससे ही कहा जा सकता है कि, ‘संचालन न तो भौतिकशास्त्र जैसा शुद्ध विज्ञान ना ही शिल्प जैसी शुद्ध कला ।’

प्रश्न 10.
संचालन एक व्यवसाय के रूप में है, जिनमें कौन-कौन से लक्षण देखने को मिलते है ? समझाइए ।
उत्तर :
संचालन एक व्यवसाय है, इनमें निम्न लक्षण देखने को मिलते है ।

(1) विशिष्ट प्रकार का ज्ञान : व्यवसाय के प्रकार के अनुरूप इनमें विशिष्ट ज्ञान की आवश्यकता पड़ती है । जैसे वकील के व्यवसाय हेतु L.L.B. की पदवी अनिवार्य होती है । ठीक इसी तरह डॉक्टर के व्यवसाय हेतु MBBS, M.D., M.S., BDS, MDS की पदवी (डिग्री) प्राप्त करनीपड़ती है, ठीक इसी तरह संचालन का भी विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करने के लिए B.B.A. एवं M.B.A. की डिग्री प्राप्त करनी पड़ती है ।

(2) ज्ञान में वृद्धि तथा संशोधन का कार्य : प्रत्येक व्यवसाय की तरह संचालन में भी अनुभव तथा प्रशिक्षण प्राप्त करने के कारण ज्ञान में वृद्धि तथा संशोधन होता है ।

(3) व्यवसायी मण्डल : विविध व्यवसाय के क्षेत्र में जिस तरह के मण्डल/संगठन हैं, ठीक इसी तरह संचालन के क्षेत्र में भी मण्डल होते है, जो कि संचालन का शिक्षण व प्रशिक्षण देने का कार्य करती है । भारत में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर संचालन का ज्ञान प्रदान करने वाली संस्था IIM अर्थात् Indian Institute of Management कार्यरत हैं ।

(4) आचारसंहिता का पालन : प्रत्येक व्यवसायिक मण्डल अपने व्यवसाय के सदस्यों के लिए आचारसंहिता का निर्माण करते है । प्रत्येक सदस्यों को इनका पालन करना अनिवार्य होता है ।

(5) नैतिक दायित्व : व्यवसाय में नैतिक दायित्व निभाना पड़ता है जिसमें व्यवसायी व्यक्ति अपने व्यवसाय के प्रति निष्ठावान रहकर नैतिक दायित्व निभाते है । जैसे CA द्वारा अपने व्यवसाय में अपने ग्राहक अथवा व्यापारी व कम्पनी के प्रति अर्थात् असील की माहिती प्रकाशित न करना तथा उनके प्रति वफादार रहना ।

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए ।

प्रश्न 1.
संचालन का अर्थ बताते हुए लक्षण समझाइए ।
अथवा
संचालन का स्वरूप (Nature of Management) पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर : संचालन का स्वरूप समझने के लिए इनके लक्षण को समझना होगा जो कि निम्नलिखित है :
संचालन का अर्थ पहले समझना होगा, संचालन अर्थात दूसरो के पास से कार्य लेने की कृपा ।

लक्षण :
(1) सर्वव्यापी प्रवृत्ति : संचालन यह एक सर्वव्यापी प्रवृत्ति है । जहाँ पर मानवीय समूह में उद्देश्य प्राप्ति हेतु काम करते हैं । वहाँ सभी में संचालन की आवश्यकता पड़ती है । संचालन यह, औद्योगिक क्षेत्रों के साथ साथ सामाजिक, धार्मिक, कृषि, सेनाएँ, शैक्षणिक, आदि क्षेत्रो में भी संचालन की प्रवृत्ति देखने को मिलती है । संचालन प्रत्येक क्षेत्र के सभी संस्थाओं में तथा संस्था के सभी विभागों में दिखाई देता है ।

(2) उद्देश्यलक्षी प्रवृत्ति : संचालन यह एक साधन है, उपाय नहीं । प्रत्येक इकाई की स्थापना अमुक निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु की जाती है । इन उद्देश्यों को कार्यक्षम रूप से तथा मितव्ययी रूप से सिद्ध करने के लिए संचालन आवश्यक होता है ।

(3) सामुहिक प्रवृत्ति : संचालन दो या दो से अधिक व्यक्तियों के सामुहिक प्रवृत्ति है । जहाँ पर दो या दो से अधिक व्यक्ति पूर्व
निर्धारित उद्देश्यों को सिद्ध करने के लिए प्रवृत्ति करते रहते है इसलिए वहाँ संचालन आवश्यक होता है ।

(4) निरन्तर चलनेवाली प्रवृत्ति : संचालन यह एक निरन्तर चलनेवाली प्रवृत्ति कहलाती है । यह एक बार आरम्भ करने के पश्चात् उन्हें रोका नहीं जा सकता । संचालन उद्देश्यलक्षी होता है, परन्तु उद्देश्य प्राप्ति के पश्चात् इनकी प्रक्रिया रुकती नहीं । नया उद्देश्य तथा नये लक्ष्यांको को संचालन द्वारा ही प्रस्थापित होते हैं । इस प्रकार संचालन में लक्ष्य निर्धारण, लक्ष्य प्राप्ति और पुन: लक्ष्य निर्धारण का चक्र निरन्तर चलता रहता है ।

(5) मानवीय प्रवृत्ति : संचालन यह सर्वव्यापी होने के बावजूद भी मानव विशेष से सम्बन्धी प्रवृत्तियों तक सीमित है । संचालन में
मानव का स्थान महत्त्व का होता है । मानव के बाद उत्पादन के अन्य साधन निरर्थक बनते है । संचालन मानव के लिए होता है, मानव द्वारा होता है । संचालन में मानव केन्द्र स्थान पर होता है । जिससे यह मानव के लिए, मानव द्वारा होने वाली मानवीय प्रवृत्ति है ।

(6) निर्णय प्रक्रिया : संचालन का एक कार्य होता है निर्णय प्रक्रिया । संचालक द्वारा संचालन कार्य के दौरान सतत निर्णय लेने पड़ते है । निर्णय लिये बिना कोई भी कार्य नहीं हो सकता । निर्णय लेने के पश्चात् संचालकों द्वारा इसका अमल हो सके इसके बारे में कार्यवाही करनी पड़ती है । इस तरह, निर्णय प्रक्रिया यह संचालन का कार्य है । इस सम्बन्ध में रोस मूरे लिखते हैं कि ‘संचालन का आशय होता है निर्णय लेना । (Management means Decision Making)

(7) विज्ञान, कला और व्यवसाय (Science, Arts & Profession) : विज्ञान की तरह संचालन में भी निश्चित नियम व सिद्धान्त होते है । जिससे कई लेखक संचालन को एक विज्ञान के रूप में पहचानते है । संचालन में मानवतत्व पूर्ण होने से उनके पास से काम लेने के लिए व्यक्तिगत योग्यता, बुद्धि, चतुराइ, सूझबूझ आदि की आवश्यकता पड़ती है जिन्हें काम लेने की ‘कला’ के रूप में जान सकते है । वर्तमान समय में इकाई के संचालन का कार्य प्रशिक्षण प्राप्त निष्णांत संचालक वर्ग को सौंपा जा रहा है । आधुनिक समय में वकील, डॉक्टर, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट की तरह संचालकों ने भी व्यवसायी का स्वरूप धारण किया है । इस तरह स्पष्ट होता है कि संचालन यह. व्यवसाय है ।

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प्रश्न 2.
संचालन के विभिन्न स्तर की आकृति बनाते हुए निम्न स्तर संचालन के कार्य समजाइए ।
उत्तर :
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संचालन के स्तर (Levels of Management) :
निम्न स्तर संचालन के कार्य (Function of Bottom Level Management) :

  1. कर्मचारियों के कार्यों का निरीक्षण करना ।
  2. कर्मचारियों में अनुशासन एवं उत्साह में वृद्धि हो ऐसे प्रयत्न करना ।
  3. अपने विभाग के दैनिक कार्यों का आयोजन करना ।
  4. विभिन्न कर्मचारियों से सम्बन्धित कार्य करना । जैसे स्थानान्तरण, पदोन्नति, प्रशिक्षण आदि ।
  5. अपने विभाग के कार्य हेतु विभागीय अधिकारियों के पास से सूचनाएँ, आदेश तथा कार्यक्रम प्राप्त करना ।
  6. यंत्रों की व्यवस्था (यंत्र विन्यास Lay-out), यंत्रों की मरम्मत तथा सुरक्षा-देखभाल से सम्बन्धी कार्य करना ।
  7. कर्मचारियों के उचित प्रश्नों का योग्य निराकरण करना ।
  8. कर्मचारियो को कार्य करने के लिए साधन-सामग्री, कच्चा माल आदि की व्यवस्था करना ।
  9. उच्च स्तर पर लिये गये निर्णय और नीतियों का अमल करना ।
  10. निम्न स्तर पर की जानेवाली विविध प्रवृत्तियों के अहेवाल (Report), कर्मचारियों के सूचन एवं शिकायते मध्य स्तर पर भेजना ।

प्रश्न 3.
संकलन का अर्थ बताकर लक्षण समझाइए ।
उत्तर :
संकलन (Co-ordination) का अर्थ : धन्धाकीय इकाई के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों द्वारा पृथक-पृथक जो कार्य होते
है उनके मध्य एकसूत्रता या समेल स्थापित करने का कार्य को संकलन कहते हैं ।

लक्षण/विशेषताएँ (Characterstic) : निम्न लक्षण होते है :

  1. संचालन के विभिन्न कार्य आयोजन से नियंत्रण तक के प्रत्येक कार्य करते समय संकलन की आवश्यकता पड़ती है ।
  2. संकलन का कार्य संचालन के तीनों स्तर अर्थात् प्रत्येक स्तर पर होता है ।
  3. संकलन की सफलता के लिए सूचना संचार की व्यवस्था कार्यक्षम रूप से होना चाहिए ।
  4. किसी भी इकाई में संकलन तभी सम्भव होता है, जब सहकार की भावना हो । इकाई की विभिन्न प्रवृत्तियों के मध्य संकलन बना रहे इसके लिए विभिन्न प्रवृत्तियों के साथ जुड़े हुए विभिन्न कर्मचारियों का सहकार अनिवार्य होता है ।
  5. धन्धाकीय इकाई के साधनों का महत्तम उपयोग संकलन बिना नहीं हो सकता है ।
  6. संकलन को संचालन की आत्मा कहते हैं । क्योंकि संचालन के प्रत्येक कार्यों में संकलन समाविष्ट है ।

प्रश्न 4.
बाजार संचालन (Marketing Management) का अर्थ, तथा इनके कार्य समझाइए ।
उत्तर :
बाजार संचालन का अर्थ (Meaning of Marketing Management) : माल या सेवा को उत्पादक के पास से ग्राहकों तक
पहुँचाने की प्रक्रिया को विस्तृत अर्थ में बाजार संचालन कहते हैं ।

(1) कार्य (Function) : उत्पाद अथवा उत्पाद मिश्रण : नवीन उत्पाद का उत्पादन करना अथवा चालू उत्पादों के विकास के निर्णय में उत्पाद का रुप, रंग, कद, आकार, वजन, छाप, पैकिंग, कार्य सम्बन्धी विश्वास (गारन्टी), विक्रय पश्चात की सेवाएँ तथा उत्पाद । वैविध्यकरण का समावेश होता है ।

(2) कीमत : इकाई के वर्तमान ग्राहक योग्य गुणवत्तावाली वस्तुयें उचित मूल्य पर प्राप्त हो ऐसी अपेक्षा रखते है । जिससे उत्पादन का मूल्य तय करते समय काफी सावधानी रखनी चाहिए । मूल्य सम्बन्धी निर्णयों में विक्रय नीति, शान नीति, बट्टा के बारे में नीति, थोकबंद अथवा फुटकर विक्रय, मध्यस्थियों का कमीशन आदि बातों को ध्यान में लिया जाता है ।

(3) वितरण : वितरण के निर्णयों में स्वयं की दुकानों द्वारा विक्रय, थोकबंद व्यापारियों द्वारा, फुटकर व्यापारियों द्वारा, एजेण्ट, वाहन व्यवहार के प्रश्नों आदि बातों को ध्यान में लिया जाता है । वितरण की बात धन्धे के कद तथा विस्तार के साथ जुड़ा हुआ है ।

(4) अभिवृद्धि : अभिवृद्धि अर्थात् विक्रय में महत्त्वपूर्ण वृद्धि करने के प्रयत्न । जिसमें माल का विज्ञापन करना, प्रसिद्धि करना, विक्रेता आ द्वारा व्यक्तिगत विक्रय करना तथा विक्रय वृद्धि के लिए ग्राहक और व्यापारियों को आकर्षित करना आदि बातों का समावेश होता है । अभिवृद्धि सम्बन्धी निर्णयों के कारण कई तरह के खर्च होते है परन्तु उनके सामने विक्रय बढ़ने से इकाई के लाभ में वृद्धि होती है ।

5. मानव संसाधन संचालन का अर्थ एवं इनके लक्षण समझाइए ।
उत्तर :
मानव संसाधन संचालन का अर्थ (Meaning of Human Resource Management) : मानव संसाधन संचालन अर्थात्
धंधाकीय इकाई में कार्यरत कर्मचारियों का कौशल्य ज्ञान, बुद्धि, पसन्द, नापसन्द, व्यक्तिगत विकास, आवश्यकता इत्यादि जैसी समस्त बातों को ध्यान में लेकर के उनको कम्पनी के उद्देश्यों के साथ संलग्न करके धन्धे को सफलता के तथा लाभदायकता के मार्ग तक पहुँचाने की समग्र प्रक्रिया ।

लक्षण :

  1. मानव संसाधन संचालन में कर्मचारियों की भर्ती, प्रशिक्षण, पदोन्नति, मार्गदर्शन आदि का समावेश होता है ।
  2. मानव संसाधन संचालन में कर्मचारियों के व्यक्तिगत उद्देश्य को जोड़कर कम्पनी के उद्देश्य सिद्ध किये जाते है ।
  3. मानव संसाधन संचालन का मूलभूत कार्य कर्मचारियों को अमूल्य सम्पत्ति समझकर उनका संचालन किया जाता है ।
  4. कर्मचारियों को योग्य प्रशिक्षण देकर के उनके विकास के लिए योग्य कार्यवाही की जाती है ।
  5. कर्मचारियों की कामगीरी का मूल्यांकन करके उनका योग्य स्थान निश्चित करने का कार्य मानव संसाधन करते है ।
  6. कर्मचारियों के परिवर्तन दर में कमी योग्य संचालन द्वारा सम्भव है और कुशल कर्मचारियों को कम्पनी में बनाये रखा जा सकता है।
  7. मानव संसाधन संचालन में कर्मचारियों को उचित वातावरण प्रदान किया जाता है जिससे उनके उत्साह में तथा कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । कम्पनी का मूल्य बना रहता है तथा कम्पनी के उद्देश्यों को सिद्ध किया जा सकता है ।

GSEB Solutions Class 12 Organization of Commerce and Management Chapter 1 संचालन का स्वरूप और महत्त्व

6. उत्पादन संचालन का अर्थ व कार्य बताइए ।
उत्तर :
उत्पादन संचालन का अर्थ (Meaning of Production Management) : उत्पादन संचालन अर्थात् उत्पादन का आयोजन करने की, कार्यक्रम निश्चित करने की, संकलन सिद्ध करने की, मार्गदर्शन देने की और नियंत्रण रखने की एक प्रक्रिया है ।

कार्य :
उत्पादन संचालन के कार्य निम्न होते हैं :

  1. उत्पादन के बारे में आयोजन करना ।
  2. उत्पादन हेतु संशोधन करना ।
  3. वस्तु विकास तथा उत्पादन मिश्रण का चयन करना ।
  4. तकनिकी तथा यंत्रों का चयन करना ।
  5. धन्धे के स्थान का चयन एवं यंत्र-विन्यास का निर्णय लेना ।
  6. मालसामग्री तथा उत्पादन के लिए अन्य आवश्यकताओं का अन्दाज प्राप्त करना ।
  7. उत्पादन नियंत्रण रखना ।
  8. गुणवत्ता रक्षण करना ।
  9. खर्च अथवा लागत नियंत्रण तथा उत्पादकता की देखरेख्न सुरक्षा एवं वृद्धि हो इस प्रकार के कार्यों करना ।
  10. उत्पादन में वैविध्यकरण तथा सरलता लाना ।

6. निम्न विधान समझाइए ।

(1) मार्केटिंग का ख्याल ग्राहकलक्षी है ।
उत्तर :
बाजार संचालन में Marketing से सम्बन्धित विभिन्न कार्यों की विचारण के समय ग्राहकों को अधिक से अधिक सन्तुष्टि मिले
इस बात को ध्यान में लिया जाता है । यदि Marketing की प्रवृत्तियों का अनुकरण किया जाये तो ग्राहकों को सन्तुष्टि प्रदान । करने से ग्राहकों की माँग बढ़ती है, जिससे बिक्री बढ़ती है । तथा लाभ में वृद्धि होती है । मार्केटिंग में मुख्य रूप से उत्पादन, मूल्य, वितरणं तथा अभिवृद्धि सम्बन्धी कार्यों का अनुकरण किया जाता है ।

यह प्रत्येक कार्य के समय ग्राहकों को किस तरह अधिक सन्तुष्टि मिले, इस बात को ही ध्यान में लिया जाता है । इस तरह Marketing (बाजार) के ख्याल को ग्राहकलक्षी ख्याल के रूप में पहचाना जाता है ।

(2) निम्न स्तर कार्यकारी स्तर के समान है ।
उत्तर :
संचालन का यह तीसरा स्तर है । इस स्तर में समाविष्ट व्यक्तियों की संख्या अधिक होती है । तथा इस विभाग में समाविष्ट फोरमेन, जोबर, सुपरवाइजर इत्यादि अपने-अपने उपविभाग के विशेष जानकार व्यक्ति होते हैं । उच्च एवं मध्यस्तर के द्वारा आदेश निम्न स्तर को दिए जाते हैं । निम्न स्तर के लोगों के द्वारा मात्र प्राप्त आदेशों का परिपालन कर्मचारी गणों से करवाना होता है । ये अपने कर्मचारीगणों से प्राप्त आदेश के अनुसार समयानुसार कार्य करवाने में तथा कार्य में उत्साह बढ़ाने में अधिक महत्त्वपूर्ण होते है । निम्नस्तर में समाविष्ट व्यक्ति कार्य को कैसे, कितने समय में, किस प्रकार, तथा कम समय में अधिक से अधिक कार्य करवाने में यह स्तर अधिक कुशल होता है । इस स्तर के लोगों द्वारा उच्च एवं मध्य स्तर के अधिकारीगणों को आदेश नहीं दिए जाते मात्र आदेश, सूचन, कार्य का आयोजन प्राप्त किया जाता है । कार्य करवाने में आनेवाली रुकावटों के लिए मात्र सुझाव, विचार, व्यक्त किये जाते हैं । जिस पर मध्य एवं उच्च स्तर विचार करके सुधार करने में या योग्य साधन जुटाने में सहभागी बनता है । अतः हम कह सकते है कि निम्नस्तर यह कार्यकारी स्तर के समान है ।

(3) संचालन की मुख्य शाखा बाजार संचालन कहलाती है ।
उत्तर :
बाजार संचालन संचालन की मुख्य शाखा कहलाती है । संचालकों का सम्पूर्ण ध्यान इकाई के संचालन पर नहीं परन्तु अधिकांशतः ध्यान बाजार पर भी रहता है । ग्राहकों पर इकाई का विकास निर्भर है । इकाई के द्वारा योग्य वस्तु योग्य कीमत, अधिक उत्पादन, योग्य पेकिंग हो लेकिन इस वस्तु की जानकारी ग्राहक वर्ग को ही न हो तो विक्रय हो ही नहीं सकता अत: बाजार संचालन में विज्ञापन का योग्य माध्यम, योग्य पेकिंग, वितरण की व्यवस्था बिक्री पश्चात की सेवा, स्थायी ग्राहकों की संख्या में वृद्धि इत्यादि कार्य किए जाते हैं । अत: संचालन की मुख्य शाखा बाजार संचालन कहलाती है ।

(4) उत्पादन आयोजन की सफलता का आधार उत्पादन पर अंकुश पर है ।
उत्तर :
विधान सत्य है । उत्पादन आयोजन अर्थात् कौन-सी वस्तु, कितने प्रमाण में, कैसे एवं कब उत्पादित करनी है । इत्यादि प्रश्नों पर विचार-विमर्श किया जाए । आयोजन के अनुसार उत्पादन हो रहा है या नहीं इसका निरीक्षण करना, उत्पादन करते समय आनेवाली मुसीबतों को दूर करना ऐसी मुसीबतों का पुनरावर्तन न हो उसका ध्यान रखना निश्चित की गई पद्धति के अनुसार उत्पादन की प्रवृत्ति हो रही है या नहीं इसका निरीक्षण करना ही उत्पादन अंकुश कहलाता है । उत्पादन अंकुश होने से उत्पादन
आयोजन के अनुसार किया जा सकता है । अत: उत्पादन आयोजन की सफलता उत्पादन अंकुश पर निर्भर है ।

(5) मानव संसाधन संचालन यह कर्मचारी संचालन का विस्तृत रूप है ।
उत्तर :
कर्मचारी संचालन में मात्र कर्मचारियों की नियुक्ति प्रशिक्षण, प्रमोशन, मार्गदर्शन, कल्याणकारी प्रवृत्ति, आर्थिक सुविधाओं का समावेश होता है । परन्तु कर्मचारी संचालन में कर्मचारियों की संस्कृति का विकास, अनुशासन, जीवनशैली में सुधार, मानवीय व्यवहार, मानवीय स्तर में सुधार इत्यादि पर ध्यान नहीं दिया जाता लेकिन मानवसंसाधन संचालन में कर्मचारियों की नियुक्ति, प्रमोशन, वेतन, प्रोत्साहन, संस्कृति का विकास, मानवीय व्यवहार में सुधार जीवनशैली में सुधार इत्यादि कार्य किए जाते हैं । अत: मानव संसाधन संचालन यह कर्मचारी संचालन का विस्तृत रूप है ।

(6) संचालन एक समूह प्रवृत्ति है ।
उत्तर :
संचालन यह किसी एक व्यक्ति के द्वारा की जानेवाली प्रवृत्ति नहीं है । संचालन यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के सहकार से की जानेवाली समूह प्रवृत्ति है । यदि एक व्यक्ति स्वयं कोई प्रवृत्ति करता हो तो उसे आयोजन, दिशा निर्देश, मार्गदर्शन, अंकुश की आवश्यकता नहीं होती है । जैसे-चित्र बनानेवाला चित्रकार के द्वारा की जानेवाली प्रवृत्ति में संचालन की आवश्यकता नहीं है । जहाँ सामूहिक प्रवृत्ति होती है वहाँ संचालन आवश्यक बनता है । संचालन में व्यक्तियों के समूह को मार्गदर्शन देना संकलन बनाये रखना तथा नियंत्रण रखने की प्रवृत्ति का समावेश होता है । संचालन की प्रवृत्ति में आदेश करनेवाले अधिकारी (उच्चत्तर) तथा उसका परिपालन करनेवाले सहकार्यकर (मध्य एवं निम्नस्तर) का समावेश होता है । इस प्रकार संचालन यह सामूहिक प्रवृत्ति है ।

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(7) अन्य व्यक्तियों के पास से कार्य लेने की कला अर्थात् संचालन ।
उत्तर :
लोरेन्स एप्ले के मतानुसार ‘संचालन अर्थात् अन्य व्यक्तियों के पास से कार्य लेने की कला’ ऊपरी अधिकारी खुद के हाथ के नीचे कार्य करनेवाले कर्मचारियों के पास से कार्य लेते है । संचालन शास्त्र कर्मचारियों के पास से किस प्रकार कार्य लेना इसके बारे में कोई निश्चित सिद्धांत या पद्धति नहीं है । जो कोई पद्धति है उसके अमल के लिए भी अंत में तो निजी कुशलता और । कौशल्य की आवश्यकता पड़ती है । जिसे कला के रूप में जाना जाता है ।

समग्र संचालन प्रक्रिया में मनुष्य केन्द्रस्थान पर होने से अधिकारी प्रत्येक कार्य के समय मानव तत्त्व की विचारणा कर निजी, कौशल्य से ही कार्य करना होता है । इस अर्थ में संचालन अर्थात् अन्य व्यक्तियों के पास कार्य लेने की कला ।

(8) संचालन विकसित हो रहा विज्ञान है ।
उत्तर :
विज्ञान अर्थात् व्यवस्थित ज्ञान । संचालन में भी विज्ञान की तरह अनुभव के आधार पर सूचना एकत्रित कर उससे संबंधित सिद्धांत या नियमों की स्थापना की जाती है । कॉम्प्यूटर का उपयोग करके संचालन को अधिक वैज्ञानिक किया जा रहा है । संचालन ज्ञान का विकास होता जा रहा है । धीमे-धीमें नये-नये नियम और सिद्धांत शामिल होते जा रहे है और पुराने सिद्धांतो में परिवर्तन होता जा रहा है । इस पर से कहा जा सकता है कि संचालन विकसित हो रहा विज्ञान है ।

(9) संचालन यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है ।
उत्तर :
किसी भी इकाई में संचालन का प्रारंभ करने के बाद अंत आता नहीं है या उसे रोका नहीं जा सकता । संचालन यह उद्देश्यलक्षी प्रक्रिया है परंतु इकाई के निश्चित किये गये उद्देश्य सिद्ध होने पर प्रक्रिया रूकती नहीं है । नये उद्देश्य और नये लक्ष्यांक संचालक द्वारा निश्चित किये जाते है । और उसे सिद्ध करने के लिए विविध प्रवृत्ति और प्रक्रियाएँ की जाती हैं । इस प्रकार, संचालन में उद्देश्य निश्चित करना, उद्देश्य सिद्ध करना और फिर से उद्देश्य निश्चित करने का चक्र सतत चलता रहता है । इस प्रकार संचालन सतत चलने वाली प्रक्रिया है ।

(10) संचालन यह कला और विज्ञान दोनों है ।
उत्तर :
संचालन को कला और विज्ञान की कसौटी पर रखा जाये तो संचालन कला और विज्ञान दोनों है यह स्पष्ट होता है । संचालन में विज्ञान तथा कला दोनों के तत्व देखने को मिलते हैं । इससे संचालन कला और विज्ञान दोनों है । ऐसा कहा जा सकता है । श्री ज्योर्ज आर. टेरी कहते हैं कि ‘विज्ञान व्यक्ति को बताना सिखाता है, तो कला व्यक्ति को काम करना सिखाती है ।’ उन्होंने कहा कि कहाँ संचालन विज्ञान पूरा होता है वहाँ संचालन कला की शुरुआत होती है । इस प्रकार संचालन मात्र कला भी नहीं और विज्ञान भी नहीं है परंतु दोनों का सुभग समन्वय है ।

(11) आयोजन और अंकुश जुड़वा बालक के समान है ।
उत्तर :
आयोजन में प्रवृत्ति के बारे में समय के संदर्भ में लक्ष्यांक निश्चित किये जाते हैं और अंकुश अर्थात् निश्चित लक्ष्यांक या आधार के अनुसार कार्य हो रहा है या नहीं उसकी जाँच करके की गई भूलों का पुनरावर्तन रोकना है । इस प्रकार अंकुश कार्य करते समय आयोजन को ध्यान में लिया जाता है ।

आयोजन में अगर खामी रह गई हो तो अंकुश कार्य भी निष्फल होगा उसी प्रकार आयोजन योग्य हो परंतु अंकुश कार्य में लापरवाही रही होगी तो भूलों का पुनरावर्तन चालू रहेगा और आयोजन में निश्चित किये गये लक्ष्यांक समयसर सिद्ध करना मुश्किल होगा । … इस चर्चा पर से कहा जा सकता है कि एक कार्य की तकलीफ दूसरे कार्य को बिनअसरकारक बनाती है । जुड़वे बालक में भी एक की तकलीफ हो तो दूसरे पर असर होती है । इसी बात को ध्यान में रखकर आयोजन व अंकुश को जुड़वे बालक के समान माना है ।

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(12) मध्य स्तर यह उच्च एवं निम्नस्तर के बीच सांकड या जंजीर के समान है ।
उत्तर :
यह विधान सत्य है । मध्यस्तर में विभागीय अधिकारियों का समावेश होता है । जैसे क्रय, उत्पादन एवं बिक्री, विभाग में अधिकारी, मध्यस्तर में विभागीय अधिकारी अपने विभाग के सम्पूर्ण जानकार व्यक्ति होते हैं ।

अपने विभाग से सम्बन्धित आयोजन तैयार करते हैं । इनकी संख्या उच्च स्तर से अधिक तथा निम्न स्तर से कम होती है । उच्च स्तर के संचालक मंडलो से प्राप्त आदेश को स्वीकार करते हैं । आदेश से अनुसार कार्य का आयोजन तैयार करते हैं । तथा समयानुसार निम्न स्तर को कार्य के आयोजन को लिखित या मौखिक जानकारी स्वयं या माहिती संचार के माध्य से प्रदान करते है । इसके पश्चात निम्न स्तर ने समयानुसार एवं कार्य के आयोजन अनुसार कार्य हुआ उसकी जानकारी प्राप्त करते है । उच्च स्तर से प्राप्त आदेश अनुसार उसका परिपालन किया कितना किया उसकी जानकारी विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभाग की जानकारी उच्च स्तर के अधिकारीगणों को प्रदान करते हैं । इसलिए मध्य स्तर यह उच्च एवं निम्न स्तर की कड़ी के समान है ।

(13) संचालन एवं व्यवस्था संचालन के प्रत्येक स्तर में अस्तित्व होता ही है ।
उत्तर :
यह विधान सत्य है । संचालन का उच्च स्तर, मध्य स्तर या निम्न स्तर हो प्रत्येक स्तर में संचालन एवं व्यवस्था अनिवार्य ही है । संचालन अर्थात निर्धारित हेतु को पूर्ण करने के लिए आयोजन तैयार करना आयोजन के अनुसार कार्य सरल बने इसके लिए कर्मचारी की व्यवस्था करनी वह व्यवस्था कहलाती है । उच्च स्तर, मध्य स्तर या निम्न स्तर तीनों स्तरों में निर्धारित हेतु को लक्ष्य में रखकर अपने-अपने स्तर के लिए आयोजन तैयार किए जाते हैं । कार्य पद्धति निर्धारित होती है । संगठन की व्यवस्था की जाती है । अंकुश के कार्य किए जाते है । परन्तु मात्र आयोजन तैयार करने से निर्धारित आयोजन के अनुसार कार्य हो यह . अनिवार्य नहीं है । अतः आयोजन के अनुसार कार्य सरल एवं कठिनाई रहित हो इसके लिए सत्ता जिम्मेदारी का वितरण किया जाता है । कर्मचारी कितने चाहिए, कहाँ से प्राप्त होंगे कब प्राप्त करना है । किस कार्य से जानकार चाहिए वे कौन-सा कार्य करेंगे इत्याद प्रश्नों की चर्चा की जाती है । अर्थात् व्यवस्था के बारे में विचार किया जाता है । अतः संचालन एवं व्यवस्था दोनों की प्रत्येक स्तर के लिए अनिवार्य है ।

(14) माहिती संचार यह द्विमार्गी प्रक्रिया है ।
उत्तर :
यह विधान सत्य है । माहिती संचार प्रत्येक संचालन के स्तर में अस्तित्व रखता है । माहिती संचार से अंकुश एवं संकलन सरल बनता है । निर्धारित आयोजन के अनुसार कार्य करने में आनेवाली दुविधाओ को दूर करने का कार्य माहिती संचार का है । माहिती संचार से अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच अच्छे सम्बन्ध एवं सम्बन्धों में सुधार देखने को मिलता है । माहिती संचार से कार्य में उत्साह नजर आता है । माहिती संचार के मुख्य तीन प्रकार है । (1) लिखित एवं मौखिक (2) वैधिक एवं अवैधिक (3) उर्ध्वगामी एवं निम्नगामी । इन तीनों माहिती संचार के प्रकारों में माहिती संचार की प्रक्रिया एक तरफ नहीं होती माहिती प्रदान करनी है । करनेवाले व्यक्ति को यह अवश्य ख्याल होना चाहिए की माहिती किसे प्रदान करनी है । जब तक माहिती प्रदान करने का पक्ष न हो तब तक माहिती का आदान प्रदान संभव ही नहीं चाहे फिर वह माहिती का कौन- सा भी प्रकार क्यों न हो । माहिती में माहिती देनेवाला पक्ष माहिती प्रदान करता है । तथा माहिती प्राप्त करनेवाला पक्ष प्राप्त माहिती को पढने का सुनने के पश्चात विचार करता है । उसका परिपालन करता है । माहिती में कोई सुधार करना हो तो उसका विचार करके माहिती में योग्य सुधार उसके अनुरुप परिपालन करता है । अत: माहिती संचार यह द्वि-मार्गी प्रक्रिया है ।

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