Gujarat Board GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 1 बेटी Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 7 Hindi Chapter 1 बेटी
GSEB Solutions Class 7 Hindi बेटी Textbook Questions and Answers
बेटी अभ्यास
1. इस काव्य का आरोह-अवरोहयुक्त समूहगान कीजिए।
उत्तर :
कक्षा के सभी छात्र इस काव्य को दो-तीन बार ध्यान से पढ़ लें। फिर वे लय के अनुसार काव्य का गान करें।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
आत्मनिर्भर बनने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर :
आत्मनिर्भर बनने के लिए हम पढ़ाई करेंगे। हम अपनी योग्यता के अनुसार कोई काम करेंगे। हमारा काम भले छोटा हो, परंतु हम उसमें सफल होने की पूरी कोशिश करेंगे।
प्रश्न 2.
बेटी पढ़ लिखकर क्या करेगी?
उत्तर :
बेटी पढ़-लिखकर और मेहनत कर अपने पैरों पर खड़ी होगी। वह सारी दुनिया को देखेगी और समझेगी। इस तरह बेटी आगे बढ़ेगी और दुनिया को दिखा देगी कि वह किसी भी बात में किसी से कम नहीं है।
प्रश्न 3.
बेटी की तरह आप किसी का सहारा बनने के लिए क्या-क्या करेंगे?
उत्तर :
बेटी की तरह मैं किसी का सहारा बनने के लिए पहले स्वयं को सहारा देने लायक बनाऊँगा। मैं खूब पढूँगा और फिर धन कमाऊँगा। धन से मैं दूसरों की मदद करूंगा। मैं गरीब विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई में पूरी मदद करूँगा। लाचार मरीजों के इलाज का प्रबंध करूँगा।
बेरोजगारों को कोई-न-कोई काम दिलाऊँगा। इस तरह दूसरों को सहारा देने की मैं पूरी कोशिश करूँगा।
प्रश्न 4.
बड़े होकर आप क्या बनना चाहते हैं? क्यों?
उत्तर :
बड़ा होकर मैं अपंगों का डॉक्टर बनना चाहता हूँ।
मैं देखता हूँ कि तरह-तरह की दुर्घटनाओं के कारण देश में अपंगों की संख्या बढ़ती जा रही है। लाचार अपंग अपना ठीक से इलाज भी नहीं करा सकते। बहुत-से अपंगों को भीख माँगकर पेट भरना पड़ता है। समाज में अपंगों को कोई सम्मान नहीं देता। वे बेचारे आँसुओं के पूंट पीकर जीते हैं।
मेरा प्रयत्न होगा कि अपंगों की अपंगता मिट जाए और वे भी अपने बल पर जी सकें।
प्रश्न 5.
आप जीवन में क्या करना चाहते हैं?
उत्तर :
मैं जीवन में समाज और देश की सेवा करना चाहता हूँ। मैं लोगों को बुरे व्यसनों से छुटकारा दिलाऊँगा। जाति-पाँति का भेद मिटाकर सबको समता का पाठ पढ़ाऊँगा। देश में बढ़ रही बेईमानी और भ्रष्टाचार मिटाऊँगा। मैं एक आदर्श समाज का निर्माण करना चाहता हूँ। मैं अपने देश की जनता को सुखी बनाना चाहता हूँ।
3. बॉक्स में दिए गए शब्दों के अर्थ शब्दकोश में से ढूँढकर, उन्हें शब्दकोश के क्रम में पत्तियों में लिखिए :
- मिसाल
- गर्व
- अम्बर
- शान
- कष्ट
उत्तर :
अर्थ : उदाहरण, अहंकार, आकाश, प्रतिष्ठा, मुसीबत
4. निम्नलिखित शब्दों को उदाहरण के अनुसार उचित क्रम म रखकर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए :
उदाहरण :
शब्द – चाहिए, का, प्रसार, घर-घर, होना, में, शिक्षा।
वाक्य – घर-घर में शिक्षा का प्रसार होना चाहिए।
- पेड़, भारत, का, की, है, मूलतः, नीम, धरती।
- नीम, है, दातुन, श्रेष्ठ, की, होती, दाँतों, लिए, के।
- दीया, जलाकर, दिया, रख, में, आँगन।
- अधीरता, दिखानी, हमें, में, नहीं, खाने, चाहिए।
- विनम्रता, चाहिए, व्यवहार, हमारे, में, होनी, भी।
उत्तर:
- नीम मूलतः भारत की धरती का पेड़ है।
- दाँतों के लिए नीम की दातुन श्रेष्ठ होती है।
- दीया जलाकर आँगन में रख दिया।
- हमें खाने में अधीरता नहीं दिखानी चाहिए।
- हमारे व्यवहार में विनम्रता भी होनी चाहिए।
बेटी स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
बेटी सहारा बनने के लिए क्या-क्या करेगी?
उत्तर :
बेटी सहारा बनने के लिए पढ़-लिखकर आगे बढ़ेगी। वह अपने पैरों पर खड़ी होगी। इस तरह सहारा बनने के पहले बेटी अपने को सहारा देने लायक बनाएगी।
प्रश्न 2.
बेटी दुनिया को कैसे समझना चाहती है?
उत्तर :
बेटी मेहनत कर पढ़ाई करेगी और अपनी बुद्धि का विकास करेगी। वह लोगों के कार्यों और व्यवहारों को देखेगी। इस तरह बेटी दुनिया को समझना चाहती है।
प्रश्न 3.
बेटी तितली बनकर क्या करना चाहती है?
उत्तर :
बेटी तितली बनकर बागों में घूमेगी और हवा को चूमेगी। वह मस्त होकर नाचेगी और गाएगी। इस तरह तितली बनकर बेटी जीवन की स्वतंत्रता का आनंद लेना चाहती है।
प्रश्न 4.
बेटी की क्या-क्या तमन्नाएँ हैं?
उत्तर :
बेटी तारा बनना चाहती है। वह धरती पर चाँद की तरह चमकना चाहती है। उसकी इच्छा दुनियारूपी बाग में खिलनेवाला फूल बनने की है। वह तितली बनकर हवा को चूमना चाहती है। इस तरह बेटी के दिल में कई तरह की तमन्नाएँ हैं।
2. निम्नलिखित काव्यपंक्तियों का भावार्थ लिखिए :
प्रश्न 1.
गगन पे चमके चंदा, मैं धरती पे चमकूँगी,
धरती पर चमकूँगी, मैं उजियारा करूँगी….
उत्तर :
भावार्थ : जिस तरह आकाश में चाँद चमकता है, उसी तरह मैं धरती पर चमकूँगी और चारों ओर अपना प्रकाश फैलाऊँगी – चारों और मेरा यश फैलेगा।
प्रश्न 2.
पढूँगी-लिखूगी मैं मेहनत करूँगी,
अपने पाँव चलकर मैं दुनिया को देखुंगी
दुनिया को देखुंगी मैं दुनिया को समझूगी।
उत्तर :
भावार्थ : मैं पढूँगी, लिखूगी और मेहनत कर आगे बढूँगी। मैं आत्मनिर्भर बनूँगी। पढ़-लिखकर मैं दुनिया के व्यवहारों को देखूगी और समशृंगी।
3. उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द का प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : सफल – असफल
वाक्य प्रयोग
(1) तेनसिंग एवरेस्ट पर पहुँचने में सफल हुए।
(2) कई बार मेहनत करने पर भी आदमी असफल होता है।
शब्द
(1) आकाश
(2) उजियारा
(3) इधर
(4) भलाई
(5) पाना
उत्तर :
(1) आकाश x धरती
वाक्य-प्रयोग :
- देखते-ही-देखते विमान आकाश में पहुँच गया।
- यात्री सुरक्षित रूप से धरती पर उतर आए।
(2) उजियारा x अँधियारा
वाक्य-प्रयोग :
- सुबह उजियारा होते ही हम काम में लग गए।
- शाम को अँधियारा होते ही हम घर लौट आए।
(3) इधर x उधर
वाक्य-प्रयोग :
- आप इधर बैठिए।
- वे उधर बैठेंगे।
(4) भलाई x बुराई
वाक्य-प्रयोग:
- संत सबके साथ भलाई करते हैं।
- दुष्टों को दूसरों की बुराई करने में मजा आता है।
(5) पाना x खोना
वाक्य-प्रयोग :
- सफलता पाना सबको अच्छा लगता है।
- कभी-कभी जो अच्छा लगता है, उसीको खोना पड़ता है।
4. उदाहरण के अनुसार वचन परिवर्तन करके वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उदाहरण : घोड़ा – घोड़े
• वाक्य प्रयोग
(1) घोड़ा दौड़ रहा है।
(2) घोड़े दौड़ रहे हैं।
शब्द :
(1) मैं
(2) बच्चे
(3) खिलौना
(4) खेत
उत्तर :
(1) मैं – हम
वाक्य-प्रयोग :
- मैं पढ़ रहा हूँ।
- हम पढ़ रहे हैं।
(2) बच्चे-बच्चा
वाक्य-प्रयोग :
- बच्चे खेल रहे हैं।
- बच्चा खेल रहा है।
(3) खिलौना -खिलौने
वाक्य-प्रयोग :
- खिलौना सुंदर है।
- खिलौने सुंदर हैं।
(4) खेत-खेत
वाक्य-प्रयोग :
- खेत हरा-भरा है।
- खेत हरे-भरे हैं।
बेटी भाषा-सज्जता
निम्नलिखित शब्दों को पढ़िए :
- केशा साहसी बालिका थी।
- बगीचे में सुन्दर फूल खिले थे।
- भारत ने श्रीलंका को तीन विकेट से हराया।
- बाल्टी में थोड़ा-सा पानी है।
- वह आदमी जा रहा था।
उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द ‘साहसी’, ‘सुन्दर’, ‘तीन’, ‘थोड़ा-सा’ और ‘वह’ संज्ञा की विशेषता बताते हैं। जो शब्द संज्ञा की विशेषता बताता है, उसे ‘विशेषण’ कहते हैं।
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए :
- हमारे देश में ईमानदार लोग ज्यादा हैं।
- मुंबई जाने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।
- कौए का रंग काला होता है।
- खरगोश का शरीर मुलायम होता है।
- शरीर के साथ मन स्वस्थ रखना जरूरी है।
- भारतीय संस्कृति विश्व में प्रसिद्ध है।
- पानी गंधहीन होता है।
- पूर्व दिशा में सूर्योदय होता है।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘ईमानदार’, ‘लंबा’, ‘काला’, ‘मुलायम’, ‘स्वस्थ’, ‘भारतीय’, ‘गंधहीन’, ‘पूर्व’ शब्दों को रेखांकित किया गया है। वे शब्द संज्ञा के गुण-दोष, आकार, रंग-रूप, स्पर्श, दशा-अवस्था, स्थान, देश-काल, स्वाद-गंध और दिशा को प्रदर्शित करते हैं।
जिस शब्द से संज्ञा के गुण-दोष, आकार, रंग-रूप, स्पर्श, दशा-अवस्था, स्थान, देश-काल, स्वाद-गंध और दिशा का बोध होता हो, उसे ‘गुणवाचक विशेषण’ कहते हैं।
1. निम्नलिखित वाक्यों में से गुणवाचक विशेषण छाँटकर [ ] में लिखिए :
- वरदराज चतुर बालक था।
- फूल बाज़ार में पीले गुलाब मिलते हैं।
- मिर्च का स्वाद तीखा होता है।
- शहरों में पंजाबी खाना मिलता है।
- सफ़ेद कपड़ों में दाग तुरन्त दिखाई देता है।
उत्तर:
- वरदराज चतुर बालक था। – चतुर
- फूल-बाज़ार में पीले गुलाब मिलते हैं। – पीले
- मिर्च का स्वाद तीखा होता है। – तीखा
- शहरों में पंजाबी खाना मिलता है। – पंजाबी
- सफेद कपड़ों में दाग तुरन्त दिखाई देता है। – सफेद
इतना जानिए गुणवाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की निम्नलिखित विशेषताओं का बोध कराता है:
- गुण-दोष : ईमानदार, बुद्धिमान, चतुर, योग्य, अच्छा, बुरा, बेईमान, दुष्ट, क्रूर, आलसी, अयोग्य, पापी आदि।
- आकार : गोल, चौड़ा, लंबा, पतला, छोटा, मोटा, वर्गाकार, तिकोना आदि।
- रंग-रूप : सफेद, काला, पीला, साँवला, गोरा, मैला, चमकीला आदि।
- स्पर्श : कोमल, कठोर, खुरदरा, चिकना, मुलायम आदि।
- दशा-अवस्था : स्वस्थ, कमजोर, बीमार, दुर्बल, रोगी, बूढ़ा, युवा आदि।
- स्थान, देश-काल : ग्रामीण, प्राचीन, भारतीय, शहरी, जापानी, पंजाबी आदि।
- स्वाद-गंध : मीठा, खट्टा, चटपटा, कडुआ, फीका, तीखा आदि।
- दिशा : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण आदि।
[अ] निम्नलिखित वाक्यो को पढ़िए :
- प्रयाग तीन नदियों का संगम स्थान है।
- आज केवल आधा लीटर दूध चाहिए।
- गौरव तीसरी कक्षा में पढ़ता है।
- सचिन वन-डे में दुहरा शतक लगा चुके हैं।
- हमारे देश की चारों दिशा रक्षित हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘तीन’, ‘आधा’, ‘तीसरी’, ‘दुहरा’, ‘चारों’ आदि शब्दों को रेखांकित किया गया है, ये शब्द पूर्णांक बोध, अपूर्णांक बोध, क्रम, आवृत्ति और समूह वाचक संख्या का बोध कराते हैं।
जिस शब्द से वस्तु की निश्चित संख्या का बोध होता हो, उसे ‘निश्चित संख्यावाचक विशेषण’ कहते हैं।
[ब] निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए :
- कई लोग नर्मदा की परिक्रमा करते हैं।
- कुछ लड़कों ने पर्यावरण बचाने का बीड़ा उठाया है।
- ज्यादा लोग बैठने से नाव उलट गई।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘कई’, ‘कुछ’, ‘ज्यादा’ आदि शब्दों को रेखांकित किया गया है। ये शब्द अनिश्चित संख्या का बोध कराते हैं।
जिस शब्द से वस्तु की निश्चित संख्या का बोध न होता हो, उसे ‘अनिश्चितवाचक विशेषण’ कहते हैं।
बेटी इतना जानिए
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के कुछ अन्य भेद हैं :
- पूर्णांक बोधक : एक, तीन, नौ, हजार आदि।।
- अपूर्णांक बोधक : आधा, पाव, पौना, डेढ़, ढ़ाई आदि।
- क्रम वाचक : पहला, दूसरा, तीसरा, चोथा आदि।
- आवृत्ति वाचक : दुगुना, चौगुना, इकहरा, दुहरा आदि।
- समूह वाचक : दोनों, तीनों, चारों आदि।
2. निम्नलिखित शब्दों में से निश्चितवाचक और अनिश्चितवाचक विशेषण को छाँटकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(1) कई
(2) थोड़ा
(3) पचास
(4) ढाई
(5) बहुत
(6) कुछ
(7) चौगुना
(8) चौथा
(9) ज्यादा
(10) चारों
उत्तर :
निश्चित संख्यावाचक विशेषण : पचास, ढाई, चौगुना, चौथा, चारों
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण : कई, थोड़ा, बहुत, कुछ, ज्यादा
बेटी योग्यता विस्तार
प्रकल्प कार्य (Project Work)
1. भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान देनेवाली नारियों की जानकारी प्राप्त करना।
मुद्दे : जन्म – बाल्यकाल – शिक्षा – जिस क्षेत्र में योगदान दिया है उसका विवरण (सचित्र जानकारी)
उत्तर:
(1) श्रीमती इंदिरा गाँधी- राजनीति
इनका जन्म 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इनकी शिक्षा इलाहाबाद और शांतिनिकेतन में हुई थी। . पिता भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सानिध्य में रहकर उन्होंने राजनीति का अनुभव प्राप्त किया। सन् 1967 में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। सन् 1974 में पोखरण में पहला परमाणु बम-विस्फोट हुआ। दुनिया चकित रह गई। सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान की बुरी तरह पराजय हुई और बंगलादेश नामक नए राष्ट्र का जन्म हुआ। सन् 1980 में दुबारा देश की प्रधानमंत्री बनीं।
(2) श्रीमती सावित्रीबाई फुले – स्त्री-शिक्षा
इनका जन्म सन् 1831 में हुआ था। पति जोतीराव फुले से मराठी में शिक्षा प्राप्त की। सन् 1848 में कन्याशाला खोली, जो भारत की पहली कन्याशाला थी। पूरा जीवन शिक्षा के प्रचार-प्रसार में बिताया। वे महाराष्ट्र की प्रथम प्रशिक्षित महिला अध्यापिका थीं।।
(3) कल्पना चावला – अंतरिक्ष विज्ञान
कल्पना चावला का जन्म हरियाना प्रांत के करनाल जिले में हुआ था। उन्होंने आरंभिक शिक्षा-मॉडलटाउन करनाल के टैगोर विद्यालय से प्राप्त की। इंजीनियरिंग की शिक्षा पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से प्राप्त की।
इसके बाद वे अमेरिका गईं और टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.एस.सी. की डिग्री हासिल की।
कल्पना चावला अंतरिक्षयात्री के रूप में प्रसिद्ध हैं। वे अंतरिक्ष में पहुँचनेवाली विश्व की प्रथम महिला थीं। 1 फरवरी, 2003 को उनका अंतरिक्षयान धरती पर लौट रहा था, तभी उसके दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कल्पना चावला की मृत्यु हो गई।
(4) मैडम क्यूरी : भौतिक विज्ञान
मैडम क्यूरी का जन्म 7 नवंबर, 1867 को पोलैंड के वारसा शहर में हुआ था। हाईस्कूल तक की शिक्षा वारसा में ही प्राप्त की। विज्ञान का उच्च अध्ययन पेरिस में किया। उन्हें युरेनियम की खोज के लिए सन् 1935 में नोबेल पुरस्कार मिला।
(5) सरोजिनी नायडू – साहित्य
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को दक्षिण भारत के हैदराबाद नगर में हुआ। पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय निजाम राज्य के शिक्षा विभाग में उच्च अधिकारी थे। उन्होंने पुत्री की शिक्षा के लिए अंग्रेज और फ्रेंच अध्यापक नियुक्त किए। सरोजिनी को शुरू से ही काव्य रचना के प्रति लगाव था। उनके ‘गोल्डन थैशोल्ड’ और ‘ब्रोकन विंग्स’ काव्य-संग्रह बहुत प्रसिद्ध हुए। अपने मधुर कंठ के कारण उन्हें ‘भारतकोकिला’ कहा जाता है। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका अदा की।
2. टेपरिकार्डर या डी.वी.डी. के माध्यम से ऐसी अन्य कविता सुनाइए।
3. झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का गान कीजिए : [यह काव्य सुभद्राकुमारी चौहान रचित है।]
“कानपुर के नाना की मुँहबोली बहिन छबीली थी,
लक्ष्मीबाई नाम पिता की वह संतान अकेली थी,
नाना के संग पढ़ती थी वह नाना के संग खेली थी,
बी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी,
वीर शिवाजी की गाथाएँ, उसको याद जबानी थी,
बुंदेलों, हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसीवाली रानी थी।”
4. अपने गाँव / शहर की ऐसी बेटियों से मिलें, जिसने किसी क्षेत्र-विशेष में सफलता प्राप्त की हो और जानें कि उन्होंने यह सफलता कैसे प्राप्त की।
Hindi Digest Std 7 GSEB बेटी Important Questions and Answers
बेटी विशेष प्रश्नोत्तर
1. निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
जीवन में उन्नति करने के लिए ……………………………………………… आवश्यक है।
A. परिवार
B. सहारा
C. शिक्षा
D. परीक्षा
उत्तर :
C. शिक्षा
प्रश्न 2.
बेटी ……………………………………………… का चाँद बनेगी।
A. परिवार
B. समाज
C. पाठशाला
D. धरती
उत्तर :
D. धरती
2. कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए : (मेहनत, उजियारा, सहारा, हवा, दुनिया)
प्रश्न:
(1) तारा बनूँगी, …………………………………….. बनूँगी।
(2) धरती पर चमकूँगी, मैं …………………………………….. करूँगी।
(3) पढूंगी, लिलूँगी मैं …………………………………….. करूँगी।
(4) दुनिया को देलूँगी, मैं …………………………………….. को समझूगी।
(5) …………………………………….. को चूसूंगी, नाचूँगी, गाऊँगी,
उत्तर :
(1) तारा बनूँगी, सहारा बनूँगी।
(2) धरती पर चमकूँगी, मैं उजियारा करूंगी।
(3) पढूँगी, लिलूँगी मैं मेहनत करूँगी।
(4) दुनिया को देखूगी, मैं दुनिया को समझूगी।
(5) हवा को चूसूंगी, नाचूँगी, गाऊँगी।
3. सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
गगन पे चमके चंदा, ……………………………………..
(अ) मैं उजियारा करूँगी।
(ब) मैं धरती पर चमकूँगी।
(क) मैं तारा बनूँगी।
उत्तर :
गगन पे चमके चंदा, मैं धरती पर चमकूँगी।
प्रश्न 2.
अपने पाँव चलकर मैं ……………………………………..
(अ) मेहनत करूँगी।
(ब) दुनिया को समझूगी।
(क) दुनिया को देखुंगी।
उत्तर :
अपने पाँव चलकर मैं दुनिया को देखूगी।
प्रश्न 3.
तितली बनूँगी मैं ……………………………………..
(अ) हवा को चूमूंगी।
(ब) बागों में खिलूँगी।
(क) नाचूँगी-गाऊँगी।
उत्तर :
तितली बनूँगी मैं हवा को चूसूंगी।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए :
प्रश्न 1.
बेटी तारा बनकर क्या करेगी?
उत्तर :
बेटी तारा बनकर दूसरों को सहारा देगी।
प्रश्न 2.
बेटी धरती पर किसकी तरह चमकना चाहती है?
उत्तर :
बेटी धरती पर चाँद की तरह चमकना चाहती है।
प्रश्न 3.
बेटी किसलिए मेहनत करेगी?
उत्तर :
बेटी अपने पैरों पर खड़े होने के लिए मेहनत करेगी।
प्रश्न 4.
दुनिया को समझने के लिए बेटी क्या करेगी?
उत्तर :
दुनिया को समझने के लिए बेटी पढ़-लिखकर अपनी बुद्धि का विकास करेगी।
प्रश्न 5.
बेटी अपने पाँवों पर कैसे खड़ी होगी?
उत्तर :
बेटी पढ़-लिखकर अपनी मेहनत से अपने पाँवों पर खड़ी होगी।
प्रश्न 6.
बेटी कब नाचेगी और गाएगी?
उत्तर :
बेटी अपनी मंजिल पर पहुँचकर नाचेगी और गाएगी।
5. ‘बेटी’ कविता का भावार्थ संक्षेप में लिखिए :
उत्तर :
हमारे देश में लड़कियों के विकास पर कम ध्यान दिया जाता था। अब समय बदल गया है। लड़कियाँ चाहती हैं कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए अवसर दिए जाएँ। वे पढ़-लिखकर योग्य और आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। वे समाज और देश के विकास में हाथ बँटाना चाहती हैं।
ज्ञान-विज्ञान में वे पुरुषों से पीछे नहीं रहना चाहतीं। ‘बेटी’ कविता में आधुनिक लड़की की यही तमन्ना प्रकट हुई है।
बेटी प्रवृत्तियाँ
प्रश्न 1.
‘बेटा-बेटी एक समान’ – इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
बेटा और बेटी दोनों एक ही माता-पिता की संतानें होती हैं। इसलिए माता-पिता का स्वाभाविक प्रेम दोनों के प्रति समान होना चाहिए। परंतु ‘लड़की पराया धन होती है’ इस मान्यता के अनुसार पहले लड़कियों की शिक्षा की उपेक्षा की जाती थी।
बेटों को पढ़ाया-लिखाया जाता था, ताकि वे भविष्य में नौकरी या व्यवसाय कर सकें। बेटियाँ शादी की उम्र तक घर के कामों में माँ का हाथ बँटाती थी और सिलाई, बुनाई, कढ़ाई आदि सीखती थीं। आज समय बदल गया है। बेटों के समान बेटियों को भी शिक्षा दिलाई जाती है।
वे उच्च शिक्षा भी प्राप्त करती हैं। वर्तमान में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जिसमें महिलाएँ काम न कर रही हों। वे पुरुषों की बराबरी कर रही हैं।
इस प्रकार आज बेटा-बेटी में अंतर नहीं रह गया है। दोनों को समान मानना ही आज की आवश्यकता है।
बेटी Summary in Hindi
बेटी कविता का सरल अर्थ
(1) बेटी हूँ …………………………… बेटी हूँ मैं …
मैं बेटी हूँ। मैं अपना विकास करूँगी। (अपना विकास कर) मैं दूसरों का सहारा बनूँगी, उन्हें आश्रय दूंगी। मैं बेटी हूँ। (मैं किसी से कम नहीं हूँ।)
(2) गगन पे …………………………… बेटी हूँ मैं …
जिस तरह आकाश में चाँद चमकता है, उसी तरह मैं धरती पर चमकूँगी और चारों ओर अपना प्रकाश फैलाऊँगी – चारों ओर मेरा यश फैलेगा। मैं बेटी हूँ। (मैं किसी से कम नहीं हूँ।)
(3) पढूंगी-लिलूँगी …………………………… बेटी हूँ मैं …
मैं पढूंगी, लिलूँगी और मेहनत कर आगे बढ़ंगी। मैं आत्मनिर्भर बनूँगी। पढ़ लिखकर मैं दुनिया के व्यवहारों को देखुंगी और समझूगी। मैं बेटी हूँ। (मैं किसी સે काम नहीं हूँ)
(4) પૂતન નૈતી …………………………… વેરી હૂં મૈ …
जिस तरह बाग में सुंदर फूल खिलते हैं, उसी तरह मैं दुनियारूपी बगीचे में खिलूँगी और अपने कार्यों से जीवन में सुगंध फैलाऊँगी। जिस तरह तितली हवा में उड़ती है, उसी तरह मैं भी प्रगति करती हुई अपनी मंजिल पर पहुँच जाऊँगी। मंजिल पर पहुँचकर मेरा दिल नाच उठेगा और मैं खुश होकर गाने लग जाऊँगी।
में बेटी हूँ। (मैं किसी से कम नहीं हूँ।)
बेटी Summary in Gujarati
बेटी દીકરી (ભાવાનુવાદ)
(1) હું દીકરી છું. હું પોતાનો વિકાસ કરીશ. (પોતાનો વિકાસ કરીને) હું બીજાનો સહારો બનીશ, તેમને આશરો આપીશ. હું દીકરી છું. કોઈથી પાછળ નથી.)
(2) જેવી રીતે આકાશમાં ચંદ્રમા ચમકે છે તેવી રીતે હું ધરતી પર ચમકીશ અને ચારે બાજુ પોતાનો પ્રકાશ ફેલાવીશ – ચારે બાજુ મારો યશ ફેલાવીશ. હું દીકરી છું. (હું કોઈથી પાછળ નથી.)
(3) હું ભણીશ, ગણીશ અને મહેનત કરીને આગળ વધીશ. હું સ્વાવલંબી બનીશ. ભણી-ગણીને હું દુનિયાના વ્યવહારોને જોઈશ અને સમજીશ. હું દીકરી છું. (હું કોઈથી પાછળ નથી.)
(4) જેવી રીતે બગીચામાં સુંદર ફૂલો ખીલે છે, એવી રીતે હું દુનિયારૂપી બગીચામાં ખીલીશ અને પોતાનાં કાર્યોથી જીવનમાં સુગંધ ફેલાવીશ. જેવી રીતે પતંગિયું હવામાં ઊડે છે, એવી રીતે હું પણ ઝડપથી પ્રગતિ કરીને પોતાની મંજિલ પર પહોંચી જઈશ. મંજિલ પર પહોંચીને મારું દિલ નાચી ઊઠશે અને હું ખુશ થઈને ગાવા લાગીશ.
હું દીકરી છું. (હું કોઈથી પાછળ નથી.)
बेटी विषय-प्रवेश
प्रगति करने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा न मिलने के कारण ही हमारे देश की स्त्रियाँ पिछड़ गई थीं। आज उन्हें शिक्षा मिल रही है, इसलिए वे सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। ‘बेटी’ कविता में एक लड़की की आशाएँ और कल्पनाएँ व्यक्त हुई हैं। इनमें उसका आत्मविश्वास झलकता है।
बेटी शब्दार्थ Meanings
- सहारा – आश्रय, आधार
- गगन – आकाश, नभ
- चंदा- चाँद, चन्द्रमा
- चमकना – जगमगाना, (यहाँ) उन्नति करना
- उजियारा – उजाला
- तितली – रंग-बिरंगी उड़ता पतिंगा, ५तंगियु
बेटी मुहावरे-अर्थ और वाक्य-प्रयोग
(1) तारा बनना – श्रेष्ठ बनना, स्वविकास करना
वाक्य : मुझे विश्वास है कि दीपाली तारा बनकर सबको चकित कर देगी।
(2) धरती पर चमकना – नाम कमाना, यश फैलाना
वाक्य : महापुरुषों के नाम आज भी धरती पर चमक रहे हैं।
(3) अपने पाँव पर चलना – आत्मनिर्भर बनना
वाक्य : प्रत्येक युवक को अपने पाँव पर चलना चाहिए।