Gujarat Board GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 23 भूख Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 23 भूख
GSEB Class 10 Hindi Solutions भूख Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि ने प्राणियों में सौन्दर्य कब देखा है ?
उत्तर :
कवि ने प्राणियों में सौंदर्य उस समय देखा है, जब अपनी भूख मिटाने के लिए वे संघर्ष करते हैं।
प्रश्न 2.
कवि के अनुसार बकरी में सुन्दरता कब प्रकट होती है ।
उत्तर :
कवि के अनुसार बकरी में सौंदर्य उस समय प्रकट होता है, जब वह अपने दो पैरों पर खड़ी होकर काँटों के बीच से नहींनन्हीं पत्तियाँ खाती है।
प्रश्न 3.
कवि ने भूख की दशा को क्यों सुन्दर कहा है ?
उत्तर :
प्रत्येक प्राणी भूख की दशा में लड़ने (संघर्ष करने) के लिए तैयार हो जाता है एवं भूख से संघर्ष करते समय प्राणी बहुत सुंदर लगता है, इसलिए कवि ने भूख की दशा को सुंदर कहा है।
2. निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ लिखिए :
प्रश्न 1.
जब भी
भूख से लड़ने
कोई खड़ा हो जाता है
सुन्दर दीखने लगता है
उत्तर :
कवि कहते हैं कि भूख से मुक्ति पाने का मार्ग संघर्ष है। जब कोई प्राणी भूख से मुक्ति पाने के लिए संघर्ष करता है, तो वह बहुत सुंदर दिखाई देने लगता है। भूख मिटाने के लिए प्राणी कुछ भी करने के लिए तत्पर. हो जाता है। ये तत्परता संघर्ष में बदल जाती है और संघर्ष से सौंदर्य जन्म लेता है।
Hindi Digest Std 10 GSEB भूख Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
भूख लगने पर चीता झाड़ियों में दबे पाँव क्यों चलता है?
उत्तर :
भूख लगने पर चीता झाड़ियों में दबे पांव चलता है, ताकि शिकार को उसकी जरा भी आहट न लगने पाए।
सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 1.
भूख से लड़ता हुआ प्राणी कवि को …
(अ) सुंदर दिखता है।
(ब) अजीब दिखता है।
(क) भयंकर दिखता है।
उत्तर :
भूख से लड़ता हुआ प्राणी कवि को सुंदर दिखता है।
प्रश्न 2.
भूख लगने पर चीता झाड़ियों में …
(अ) दबे पाँव चलता है।
(ब) दौड़ने लगता है।
(क) कूदने लगता है।
उत्तर :
भूख लगने पर चीता झाड़ियों में दबे पाँव चलता है।
उचित शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
प्रश्न 1.
- भूख से लड़ता हुआ प्राणी …………. दिखाई देता है। (तड़पता, सुंदर)
- भूख लगने पर ……….. जोर से शिकार झपटता है। (कौआ, वाज)
- तोता …………. फल खाता है। (चखकर, कुतरकर)
- बकरी नहीं ……….. खाती है। (डालियाँ, पत्तियां)
- साँप ………… उठाता है। (सर, फन)
- तोता ……… पर उलटा लटककर फल खाता है। (डाल, घर)
- ……….. लगने पर तोता पेड़ की डाल पर उलटा लटककर फल कुतरता है। (प्यास, भूख)
- भूख लगने पर …………… झाड़ियों में दबे पाँव चलता है। (चीता, खरगोश)
- प्रत्येक प्राणी ………….. की दशा में संघर्ष करता है। (भूख, प्यास)
उत्तर :
- सुंदर
- बाज
- कुतरकर
- पत्तियों
- फन
- डाल
- भूख
- चीता
- भूख
व्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- पाँव – ………..
- नन्हीं – ………..
- डाल – ………..
- जगह – ………..
- झाड़ी – ………..
- सुंदर – ………..
उत्तर :
- पाँव – पैर
- नन्हीं – छोटी
- डाल – शाखा
- जगह – जगाती
- झाडी – झुरमुट
- सुंदर – आकर्षक
निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- सुंदर × ………….
- काँटा × ………….
- नहीं × ………….
- उलटा × ………….
- खड़ा × ………….
- प्यास × ………….
उत्तर :
- सुंदर × कुरूप
- काटा × पुष्प
- नन्हीं × बड़ी
- उलटा × सीधा
- खड़ा × बैठा
- प्यास × तृप्ति
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- दिखने में अच्छा
- पेड़-पौधों का समूह
- टें-टें की आवाज करनेवाला पक्षी
- पेड़ पर चढ़ जानेवाला शिकारी पशु
- भोजन की इच्छा
- छोटे-छोटे टुकड़े करना
उत्तर :
- सुंदर
- झुरमुट
- तोता
- चीता
- भूख
- कुतरना
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
- दबे पांव चलना – जरा भी आहट किए बिना चलना वाक्य : शिकार को दबोचने चीता दबे पाँव चलने लगा।
- भूख से लड़ना – जीने के लिए संघर्ष करना वाक्य : प्रत्येक जीव को भूख से लड़ना पड़ता है।
निम्नलिखित शब्दों की भाववाचक संज्ञा लिखिए :
प्रश्न 1.
- सुंदर – …………
- लड़ना – …………
- झपटना – …………
- कुतरना – …………
- आदमी – …………
- मालिक – …………
- कृत्रिम – …………
- प्राप्त – …………
उत्तर :
- सुंदर – सुंदरता
- लड़ना – लड़ाई
- झपटना – झपट
- कुतरना – कुतरन
- आदमी – आदमीयत
- मालिक – मालिकी
- कृत्रिम – कृत्रिमता
- प्राप्त – प्राप्ति
निम्नलिखित शब्दों की कर्तृवाचक संज्ञा लिखिए :
प्रश्न 1.
- लड़ना – …………
- खाना – …………
- शिकार – …………
- दृष्टि – …………
- साँप – …………
- भूख – …………
उत्तर :
- लड़ना – लडाकू
- खाना – खाऊ
- शिकार – शिकारी
- दृष्टि – दृष्टा
- साँप – सपेरा
- भूख – भूखा
भूख Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
भूख प्रत्येक प्राणी के शरीर की स्वाभाविक किया है। प्रत्येक प्राणी अपनी भूख मिटाने के लिए अपने ढंग से अथक प्रयास करता है। कवि ने इस कविता में भूख से संघर्ष करने की प्रेरणा दी है और इस प्रकार का संपर्ष करनेवाले प्राणी में उसे अदभुत सौंदर्य का दर्शन होता है।
भूख कविता का सरल अर्थ :
जब भी भूख …. दीखने लगता है।
कवि कहते हैं कि भूख से मुक्ति पाने का मार्ग संघर्ष है। जब कोई प्राणी भूख से मुक्ति पाने के लिए संघर्ष करता है, तो वह बहुत सुंदर दिखाई देने लगता है। कहने का अर्थ यह है कि बिना संघर्ष के किसी समस्या का हल नहीं निकलता। इसलिए जो प्राणी संघर्ष करता है, वह सुंदर दिखाई देता है।
झपटता बाज ….. खाती बकरी।
बाज पक्षी अपने शिकार को कब्जे में करने के लिए जितनी तेजी से उस पर झपट्टा मारता है और जिस तेजी से उसे अपने चंगुल में दबोच कर उड़ जाता है, वह देखनेलायक होता है। इसी तरह अपने शिकार पर वार करने के लिए फण उठाए सांप का आक्रामक रूप भी सुंदर लगता है। जब बकरी अपने दोनों पैरों पर खड़ी हो जाती है और अपनी भूख मिटाने के लिए वह कांटों के बीच से नन्हीं-नन्हीं पत्तियां खाने के लिए संघर्ष करती है, तो उसका सौंदर्य अनूठा लगता है।
दबे पाँव झाड़ियों ….. दीखने लगता है।
कवि कहते हैं कि अपनी भूख मिटाने के लिए अपने शिकार पर जब खूखार चीता दबे पाँव झाड़ियों में एक-एक कदम सावधानीपूर्वक : इस तरह रखता हुआ चलता है कि किसी को जरा-सी-भी आहट न हो, तो इस रूप में वह बहुत सुंदर दिखाई देता है।
तोता वैसे तो डाल को अपने पंजों से पकड़ कर डाल पर बैठता है, पर जब वह अपनी भूख मिटाने के लिए किसी फल को कुतरने लगता है, तो वह डाल को अपने पंजों से पकड़ कर उलटा लटकने का खतरा मोल लेता है। तब उसका भूख मिटाने के लिए किया गया संघर्ष बहुत अच्छा दिखाई देने लगता है।
या फिर इन सब की जगह अपनी भूख से लड़ने के लिए जब कोई आदमी संघर्ष करता है, तो उसके भिन्न-भिन्न रूप दिखाई देते हैं। जब भी कोई आदमी भूख से संघर्ष करने में जी-जान से लग जाता है, तो वह बहुत सुंदर दिखाई देने लगता है।
ગુજરાતી ભાવાર્થ :
કવિ કહે છે કે ભૂખથી મુક્તિ મેળવવાનો ઉપાય સંઘર્ષ છે. જ્યારે કોઈ પ્રાણી ભૂખથી મુક્તિ મેળવવા માટે સંઘર્ષ કરે છે ત્યારે તે ખૂબ સુંદર દેખાવા લાગે છે. કહેવાનું તાત્પર્ય એ છે કે સંધર્ષ વિના કોઈ સમસ્યાનો ઉકેલ આવી શકતો નથી. એટલે જે પ્રાણી સંઘર્ષ કરે છે તે સુંદર દેખાવા લાગે છે !
બાજ પક્ષી પોતાના શિકાર પર કબજો કરવા માટે જેટલી ઝડપથી તેના પર તરાપ મારે છે અને જેટલી તેજીથી પોતાના પંજામાં દબાવીને ઊડી જાય છે તે જોવાલાયક હોય છે.
એવી જ રીતે પોતાના શિકાર પર વાર કરવા માટે ફ્રેશ ઉઠાવનારા સાપનું આક્રમક રૂપ પણ સુંદર લાગે છે.
જ્યારે બકરી પોતાના બંને પગ પર ઊભી થઈ જાય છે અને પોતાની ભૂખ મિટાવવા માટે તે કાંટાની વચ્ચેથી નાની નાની પાંદડીઓ ખાવા માટે સંઘર્ષ કરે છે ત્યારે એનું સૌંદર્ય અનોખું લાગે છે.
કવિ કહે છે કે પોતાની ભૂખ મિટાવવા પોતાના શિકાર ઉપર જ્યારે ખૂંખાર ચિત્તો જરાય અવાજ ન થાય એ રીતે છાને પગલે ઝાડીઓમાં એક-એક ડગલું સાવધાનીપૂર્વક માંડતો ચાલે છે ત્યારે તે એ રૂપમાં બહુ સુંદર દેખાય છે.
પોપટ આમ તો વળીને પોતાના પંજાથી પકડીને વળી પર બેસે છે, પન્ન જ્યારે તે પોતાની ભૂખ મિટાવવા માટે કોઈ ફળને ખોતરવા લાગે છે તો તે પોતાના પંજાથી ડાળીને પકડી, ઊલટો લટકીને જોખમ ખેડે છે ત્યારે ભૂખ મિટાવવા માટેનો એનો આ સંઘર્ષ ખૂબ સુંદર દેખાય છે.
અથવા પછી આ બધાની જગ્યાએ ભુખથી લડવા માટે કોઈ મનુષ્ય સંઘર્ષ કરે છે તો તેનાં જુદાં જુદાં રૂપ દેખાય છે, જ્યારે પણ કોઈ મનુષ્ય ભૂખથી સંધર્ષ કરવા માટે જીવનું જોખમ વહોરીને લાગી જાય છે ત્યારે તે બહુ જ સુંદર દેખાવા માંડે છે.
भूख शब्दार्थ :
- खड़ा होना – सामने आना।
- दीखना – दिखाई देना।
- झपटना – आक्रमण करने के लिए तेजी से आगे बढ़ना।
- बाज – बाज पक्षी।
- फन – फण।
- दबे पाँव – चुपके-चुपके, छिपकर।
- झाड़ी – छोटे पौधों का समूह।
- चीता – हिंसक जंगली पशु।
- कुतरना – किसी चीज में से दांतों से छोटा टुकड़ा काट लेना।