Gujarat Board GSEB Solutions Class 10 Hindi Rachana पत्र-लेखन Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 10 Hindi Rachana पत्र-लेखन
प्रश्नपत्र में किसी सामाजिक अथवा कार्यालयीन विषय पर पत्र लिखने के लिए कहा जाता है।
पत्र-लेखन के लिए ध्यान में रखने योग्य बातें:
1. स्थान और तिथि (तारीख) : पत्र भेजनेवाले को, कागज के सबसे ऊपर दाहिने किनारे पर अपना पता और उसके नीचे तिथि (तारीख) लिखनी चाहिए। जैसे –
5, मृणाल सोसायटी,
महात्मा गांधी मार्ग,
राजकोट – 360 0011
25 जून, 2019
2. संबोधन (प्रशस्ति) और अभिवादन (शिष्टाचार):
(अ) घरेलू पत्र : जिसके नाम पत्र लिखा जाता है, उसके साथ पत्र-लेखक के संबंध के अनुसार बायीं ओर संबोधन लिखा जाता है। जैसे – पूज्य पिताजी…, प्रिय मित्र आदि।
इसके नीचे दूसरी पंक्ति में उचित अभिवादन लिखना चाहिए। जैसे – सादर प्रणाम …, सप्रेम नमस्कार आदि।
(ब) कार्यालयीन पत्र : कार्यालयीन पत्रों में सबसे पहले बायीं ओर ‘सेवा में’ लिखा जाता है। फिर जिसे पत्र लिखना हो, उसका नाम और पता लिखा जाता है। उसके बाद ‘विषय’ या ‘संदर्भ’ शीर्षक लिखकर उसमें कम-से-कम शब्दों में पत्र का उद्देश्य स्पष्ट किया जाता है। फिर उचित संबोधन लिखा जाता है।
(क) व्यावसायिक पत्र : व्यावसायिक पत्रों में ‘सेवा में’ के स्थान पर ‘प्रति’ लिखा जाता है। शेष भाग ‘कार्यालयीन पत्रों’ के समान ही होता है।
पत्र-लेखक और जिसको पत्र लिखा जाता है, उसके आपसी संबंध के अनुसार संबोधन, अभिवादन और समाप्ति में भिन्नता होती है, यह इस तालिका से स्पष्ट होगा।
3. पत्र का कलेवर (विषय) : संबोधन और अभिवादन के नीचे से पत्र के कलेवर का आरंभ होता है। पत्र को उचित अनुच्छेदों में बाँटकर लिखना चाहिए।
4. समाप्ति : अंत में पत्र लिखनेवाले का रिश्ता और हस्ताक्षर दायीं ओर सबसे नीचे लिखा जाता है। जैसे –
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
अनिल
टिप्पणी : विद्यार्थी को विषय से संबंधित बातें भलीभांति लिखनी चाहिए, क्योंकि स्थान-तिथि, संबोधन, अभिवादन, समाप्ति आदि रहने पर भी पत्र के कलेवर (विषय) के बारे में कुछ भी न लिखने पर अंक नहीं दिए जाते।
पत्रों के नमूने
प्रश्न – निम्नानुसार पत्र लिखिए :
प्रश्न 1.
सिटी पॉइन्ट, सूरत से सागर कालाणी आणंद-निवासी अपने मित्र समीर को उसके छोटे भाई भोलु के अवसान पर आश्वासन देते हुए पत्र लिखता है।
उत्तर:
सिटी पॉइन्ट,
सूरत -395003
15 दिसम्बर, 2019
प्रिय मित्र समीर,
नमस्ते।
मुझे कल रात को ही पता चला कि तुम्हारे छोटे भाई भोलु का अचानक अवसान हो गया है। सुनकर दिल को गहरी चोट लगी। मेरे माता-पिता भी बहुत दुःखी हुए।
भोलु का प्यारा शरारती चेहरा भुलाए नहीं भूलता। पिछली बार मैं तुम्हारे घर आया था, तब उसने मुझसे बड़ी देर तक खूब बातें की थीं। उसकी स्मरण-शक्ति देखकर में दंग रह गया था। परंतु मित्र, काल तो अपने हिसाब से काम करता है, उस पर हमारा कोई वश नहीं है। जो जितने दिन के लिए आया है, वह उतने दिन ही यहाँ रहेगा। प्यारे भोलु की असमय मृत्यु को भी हमें इसी रूप में लेना होगा और इस वज्रपात को बरदाश्त करना पड़ेगा।
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह तुम सबको यह शोक सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
तुम्हारा मित्र,
सागर कालाणी
प्रश्न 2.
5, आनंदनगर, शाहपुर, अहमदाबाद -380001 से रवि शास्त्री दूर गांव में रहनेवाले अपने मित्र चैतन्य जोशी को हमारे जीवन में वृक्षों का महत्व बताता हुआ पत्र लिखता है।
उत्तर:
5, आनंदनगर,
शाहपुर,
अहमदाबाद – 380001
25 अगस्त, 2019
प्रिय मित्र चैतन्य,
सप्रेम नमस्कार।
आज पहली ही डाक से तुम्हारा पत्र मिला। आंतर्विद्यालय संगीतस्पर्धा में प्रथम पुरस्कार पाने पर मेरी हेर सारी बधाइयाँ। परंतु मेरी समझ में यह बात नहीं आई कि तुमने अपनी पाठशाला के वृक्षारोपण समारोह के प्रति भारी उदासीनता क्यों दिखाई। क्या इसलिए कि मूक वृक्ष तुम्हारे संगीत पर दाद नहीं दे सकते?
तुम तो पढ़े-लिखे हो। विज्ञान और भूगोल दोनों विषयों में वनों और वृक्षों के महत्त्व के बारे में तुमने पढ़ा है। तुम जानते हो कि वृक्षों के कारण ही हमारा वातावरण शुद्ध रहता है और हवा में ताजगी रहती है। जीवनदायिनी वर्षा के लिए भी तो वृक्ष उपकारक ही हैं। भूमि के उपजाऊपन को बनाए रखने में वृक्षों का बहुत योगदान होता है। वृक्षों की हरियाली, उनकी शीतल छाया, उनके फलों तथा उनके औषधीय गुणों का तो महत्त्व ही निराला है। वृक्ष अपने हर अंग से हमारी सेवा करते हैं। वे मूक होकर भी हमारे सच्चे मित्र हैं! सचमुच, ये वृक्ष तो गाँव की शोभा हैं। इसलिए वृक्षों के प्रति तुम्हारी उदासीनता देखकर मुझे सखेद आश्चर्य हुआ। आशा है, अगले वृक्षारोपण के कार्यक्रम में तुम उत्साहपूर्वक भाग लोगे।
माताजी को मेरा प्रणाम तथा गुडी को बहुत सारा स्नेह।
तुम्हारा मित्र,
रवि शास्त्री
प्रश्न 3.
3, सुरोही पार्क, सुभाष रोड, सूरत – 395 001 से चिंतन वर्मा, अहमदाबाद-निवासी अपने मित्र वरुण देसाई को रक्तदान का महत्त्व बताते हुए पत्र लिखता है।
उत्तर:
3, सुरोही पार्क,
सुभाष रोड,
सूरत – 395001
13 दिसम्बर, 2019
प्रिय वरुण,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़कर खुशी हुई कि तुमने अपने स्कूल में आयोजित रक्तदान कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक अपनी सेवाएं दीं।
यो देखा जाए तो आज रक्तदान सबसे बड़ा दान बन गया है। रक्तदान से एकत्र किया गया रक्त रक्तबैंकों में सुरक्षित रखा जाता है। रक्तबैंकों में जमा रक्त घायलों और रक्त की कमीवाले मरीजों को दिया जाता है। युद्ध में घायल हुए सैनिकों के लिए रक्तदान शिबिर लगाए जाते हैं। कुछ बीमारियों के इलाज में बाहर से रक्त देना जरूरी हो जाता है। उचित रका की व्यवस्था के बिना डॉक्टर ऑपरेशन के लिए भी तैयार नहीं होते।
रक्तदान में महत्व की बात यह है कि रक्त स्वस्थ व्यक्तियों का ही लेना चाहिए। रक्तदान से रक्तदाता को न कमजोरी आती है, न अन्य कोई हानि होती है। रक्तदान के बाद उसे एक प्रमाणपत्र दिया जाता है। इस प्रमाणपत्र के आधार पर जरूरत पड़ने पर रक्तदाता या उसके किसी सगे-संबंधी को आसानी से रक्त उपलब्ध हो सकता है। इस तरह देखें तो रक्तदान आज समय की एक खास जरूरत बन गया है।
तुम्हारी माताजी की तबीयत अब कैसी है? उन्हें तथा पिताजी को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र,
चिंतन वर्मा
प्रश्न 4.
18, सुवास नगर सोसायटी, शास्त्री मार्ग, अहमदाबाद से राधिका जोशी राजकोट-निवासी अपनी सहेली प्रांजल उपाध्याय को ‘प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक की जानकारी देते हुए पत्र लिखती है।
उत्तर:
18, सुवास नगर सोसायटी,
शास्त्री मार्ग,
अहमदाबाद
25 अगस्त, 2020
प्रिय सखी,
सप्रेम नमस्कार।
तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़कर खुशी हुई कि तुमने अपने स्कूल : में आयोजित ‘पर्यावरण बचाओ’ कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। यो देखा जाए तो ‘पर्यावरण जतन’ अनिवार्य बन चुका है यदि – हमें इस सृष्टि को बचाना है तो पर्यावरण को तंदुरस्त रखना होगा। – पर्यावरण का जतन करना हो तो हमारी धरती को ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ से मुक्त करना होगा। ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ को हम ‘डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कह सकते है। इसका अर्थ यह है कि जब हम किसी ऐसे तरह के प्लास्टिक से बने उत्पादों का उपयोग करते हैं जिसे हम एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा किसी उपयोग में नहीं ले सकते हैं वे सभी उत्पाद सिंगल यूज प्लास्टिकवाले उत्पाद होते हैं।
इस तरह के उत्पादन का मूलाधार पेट्रोलियम होता है। इसके उत्पादन में पैसे बहुत कम लगते हैं, इसे खरीदने एवं यूज करने में भी मामूली खर्च होता है। इसीलिए आज कल इसका उपयोग बहुत बढ़ गया है किंतु इसका उपयोग करना हितावह नहीं है। इससे हमारी प्रकृति को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। हम एक बार इसका उपयोग करके इसको फेंक देते हैं तो इसका कचरा बढ़ता ही जा रहा है, यह कचरा नष्ट नहीं होता है। हम जो सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करते हैं वे हैं कैरी बेग, प्लास्टिक की बोतल, कप, खाने के खाली पैकेट, प्लास्टिक की किराना बैग, – प्लास्टिक के पानी के पाउच, स्ट्रो, प्लास्टिक के रैपर आदि।
हमारी ‘यूज एंड प्रो’ नीति के कारण हमने सुंदर दुनिया को खतरे में डाल दिया है। दुनिया के 9 बिलियन टन प्लास्टिक में से केवल 9 प्रतिशत रिसाइकिल होता है। बाकी का अधिकांश प्लास्टिक जल मार्गों द्वारा नदी-सागरों में जमा होता है। वहाँ के जीव-जन्तुओं के लिए ये जानलेवा है क्योंकि इसमें कई हानिकारक रसायण होते हैं। गटरों में अटक जाने की वजह से कई बार बाढ़ आने का खतरा बन जाता है। कचरा पेटियों में गाय, भैंस, बकरियाँ इसे खाती हैं तो उनके आंतरिक अंगों को बहुत नुकसान पहुंचाता है; उनके दूध में भी इसका प्रभाव आ जाता है। यह जल्द नष्ट नहीं होता, इसके मिट्टी में मिलने से कई रसायन भी मिट्टी में मिल जाते हैं और फसलों में भी इसका प्रभाव आ जाता है।
हम सब को मिलकर ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ का बहिष्कार कर इस से जल्द प्रतिबंधित कर के सुंदर सृष्टि को इसके नुकसान से बचाएँ।
आशा करती हूँ कि तुम्हें यह सुझाव अच्छे लगे होंगे और तुम इस पर अमल करोगी। माता-पिता को वंदन।
तुम्हारी सखी,
राधिका
प्रश्न 5.
श्याम सदन, इन्फोसिटी रोड, सरगासन रोड, गांधीनगर -382 421 से नरेश पंड्या ने रजत वांच कंपनी, पायधुनी, सूरत-395003 से एक घड़ी खरीदी है, किन्तु वह ठीक समय नहीं देती। नरेश कंपनी के मैनेजर को शिकायती पत्र लिखता है।
उत्तर:
श्याम सदन,
इन्फोसिटी रोड,
सरगासन रोड,
गांधीनगर – 382 421
20 दिसम्बर, 2019
प्रति,
मैनजर,
रजत वॉच कंपनी,
पायधुनी,
सूरत – 395 003
विषय : नई खरीदी घड़ी के बारे में शिकायत महोदय,
कुछ दिनों बाद मेरी सत्र परीक्षा शुरू होनेवाली है। परीक्षा में समय का बड़ा महत्त्व है। इसी दृष्टि से मैंने आपकी लोकप्रिय दूकान से नई घड़ी खरीदी थी। इसका बिल नं. 356 है। आपके सेल्समेन ने घड़ी बहुत अच्छी होने का विश्वास दिलाया था। परंतु बड़े अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है कि वह घड़ी तीसरे दिन से नाकों चने चबवाने लगी।
वह चलते-चलते अचानक बंद हो जाती है। ऐसी घड़ी पहनकर मैं परीक्षा में समय का ख्याल कैसे रख पाऊँगा? मेरे यहाँ आकर न कभी गिरी है, न किसीने उसके साथ किसी तरह की छेड़खानी की है। इसलिए विवश होकर उसके बारे में आपसे यह शिकायत कर रहा हूँ। मैं चाहता हूँ कि आप इस घड़ी को बदल दें और मुझे नई घड़ी देने की कृपा करें। मेरा मित्र कल आपके यहाँ आ रहा है। उसके हाथ मैं यह घड़ी बिल के साथ भेज रहा हूँ। आप नई घड़ी उसीके हाथ भिजवा दें।
आपका विश्वासी,
नरेश पंड्या
प्रश्न 6.
10, आरोग्यभवन, गांधी मार्ग, नवसारी-396445 से अशोक पारेख, व्यवस्थापक, हिन्दी ग्रन्धरत्नाकर, सी. पी. टॅन्क, __ मुंबई-400 004 को पत्र लिखकर कुछ पुस्तकें मंगवाता है।
उत्तर:
10, आरोग्यभवन,
गांधी मार्ग,
नवसारी – 396445
15 जुलाई, 2019
प्रति
श्री व्यवस्थापक,
हिन्दी ग्रन्थरत्नाकर,
सी. पी. टॅन्क,
मुंबई – 400 004
विषय : पुस्तकें मंगाना।
महाशय,
आपका सूचीपत्र कल ही प्राप्त हुआ। कृपया निम्नलिखित पुस्तकें : (प्रत्येक की एक प्रति) जल्दी ही ऊपर लिखे पते पर वी. पी. पी. द्वारा – भेजने का कष्ट करें।
300 रुपये अग्रिम मूल्य के रूप में मनीऑर्डर से भेज रहा हूँ।
यह विश्वास रखें कि मैं वी. पी. पी. मिलते ही छुड़ा लूंगा। आशा : है, आप अपनी सूची में प्रकाशित सूचना के अनुसार इन पुस्तकों पर : दस प्रतिशत छूट अवश्य देंगे।
कष्ट के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।
भवदीय,
अशोक पारेख
प्रश्न 7.
32, बहुचरनगर, मकरपुरा, वडोदरा-390010 से । नंदा घोष, हेल्थ ऑफिसर, वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को, अपने मुहल्ले की अनारोग्य हालत के बारे में शिकायत करती हुई एक पत्र लिखती है।
उत्तर:
32, बहुचरनगर,
मकरपुरा,
वडोदरा -390010
5 नवम्बर, 2019
सेवा में
श्री आरोग्य अधिकारी (हेल्थ ऑफिसर),
वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन,
वडोदरा।
विषय : मुहल्ले की अनारोग्य हालत के बारे में शिकायत ।
महोदय,
मैं वडोदरा शहर की निवासी हूँ और मकरपुरा में रहती हूँ। मुहल्ले के निवासियों की प्रतिनिधि के रूप में मैं इस पत्र द्वारा एक गंभीर बात की ओर आपका ध्यान खींचना चाहती हूँ।
बहुत खेद के साथ लिखना पड़ता है कि हमारे मुहल्ले मकरपुरा ‘ में आजकल गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। उनसे निकलनेवाली दुर्गंध के कारण नागरिकों का साँस लेना मुश्किल हो गया है। मच्छरों के कारण लोगों की नींद हराम हो गई है।
गटरों से भी गंदा पानी बह रहा है। इन सबके कारण मुहल्ले की हालत बहुत खराब होती जा रही है। यहाँ के निवासियों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ गया है। आज तक ज्वर के कई केस हो चुके हैं।
म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का आरोग्य-विभाग यह सब देखकर भी अनदेखा कर रहा है। पता नहीं अधिकारी लोग किस नींद में सो रहे हैं। नागरिकों की शिकायतों पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जाता।
आशा करती हूँ कि आप इस आवेदन-पत्र पर शीघ्र ध्यान देंगे और मुहल्ले की दुर्दशा सुधारने के लिए तुरंत उचित कार्यवाही करेंगे।
आपकी विश्वासी,
नंदा घोष