Gujarat Board GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 17 कश्मीर Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 17 कश्मीर
GSEB Class 10 Hindi Solutions कश्मीर Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि ने नावों की नगरी किसे कहा है ?
उत्तर :
कवि ने नावों की नगरी कश्मीर को कहा है।
प्रश्न 2.
कश्मीरी हवा क्या गाती है ?
उत्तर :
कश्मीरी हवा गीत गाती है।
प्रश्न 3.
जंगल में किन-किन के बीच होड़ लगी है ?
उत्तर :
जंगल में तितली और टिटिहरियों के बीच होड़ लगी है।
प्रश्न 4.
कवि को चश्मे और फूल कैसे लगते हैं ?
उत्तर :
कवि को चश्मे रूमानी और फूल हिमानी लगते हैं।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कश्मीर में सुबह किस तरह होती है ?
उत्तर :
कश्मीर में सुबह बहुत सुहानी होती है। सन-सन करती हुई शीतल हवा चलती है। शालीमार बाग सैलानियों से भरा रहता है। भौरे
गुंजार करते रहते हैं। ऐसे सुहाने वातावरण में सूर्य की किरणें उभरती हुई दिखाई देती हैं। इस समय ऐसा लगता है, मानो झील के किनारे किरण मालिन का रूप धरकर अवतरित हुई हो और वह डलिया में धूप को भरकर ले आई हो। वह उस धूप को बजरौ पर बिखेर रही हो।
प्रश्न 2.
कश्मीर की रक्षा के लिए कवि क्या कहते हैं ?
उत्तर :
कवि कश्मीर की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि यह भारतवर्ष की बर्फीली पगड़ी की तरह है। यहाँ की सुंदर घाटियों, अमरनाथ की राहों, शेषनाग के क्षेत्र देवदारु के हरे-भरे वृक्षों से आच्छादित हैं। इस क्षेत्र में सर्वत्र तिरंगा झंडा फहरा रहा है। आज कश्मीर में अशांति व्याप्त है। हमें उसकी जी-जान से रक्षा करनी है। दुश्मन का डटकर मुकाबला करना है। हमें इस बात का ध्यान रखना है कि कश्मीर पर किसी तरह कि आँच न आने पाए।
प्रश्न 3.
कश्मीर में हवा चलने पर वातावरण कैसा होता है ?
उत्तर :
कश्मीर में हवा चलने पर वातावरण बहुत सुंदर हो जाता है। यहाँ की हवा में गीत-संगीत की स्वरलहरी का आभास होता है। लगता है हवा में किसी नई-नई गज़ल का स्वर गूंज रहा हो।
प्रश्न 4.
पश्मीना ध्वज से कवि का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर :
पश्मीना ध्वज का अर्थ है हमारा राष्ट्रीय तिरंगा झंडा। यह झंडा हमारे देश की शान, मान और हमारा प्राण है। इसके तले देश के सभी निवासी सुरक्षित हैं। यह सौम्य ढंग से नागरिकों की रक्षा का प्रतीक है।
प्रश्न 5.
कवि ने कश्मीर को नावों की नगरी क्यों कहा है ?
उत्तर :
कश्मीर की प्राकृतिक छटा मन को मोह लेनेवाली है। यहाँ अनेक झीलें और सरोवर हैं, जिनमें सैलानी सुंदर नावों में नौकाविहार का आनंद लेते हैं। नावें कश्मीर की पहचान हैं। इसीलिए कवि ने कश्मीर को नावों की नगरी कहा है।
3. निम्नलिखित प्रश्न का पाँच-छः वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि कश्मीर दर्शन के लिए आह्वान देते हुए कश्मीर का कैसा चित्र प्रस्तुत करते हैं ?
उत्तर :
कश्मीर अत्यंत सुंदर और रमणीय प्रदेश है। इसकी प्राकृतिक रचना मन को मोह लेती है। कवि कश्मीर का फूलों की घाटी, नावों की नगरी के रूप में वर्णन करते हैं। यहाँ अनेक सुंदर सरोवर हैं, जिनमें सैलानी नौका-विहार का आनंद ले सकते हैं। शालीमार बाग को सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बताया गया है। झीलों के किनारे सूर्योदय का अनूठा दृश्य देखने को मिलता है।
घाटी में मखमली दूब गलीचों का अहसास दिलाती है। कहीं बस्ती है, तो कहीं वौरान मनभावन स्थान है। शीतल पानीवाले झरने और कोमल फूलों की भरमार है। घाटी में देवदारु के पेड़ों की शोभा निराली है। यहीं अमरनाथ की पवित्र गुफा और शेषनाग सरोवर हैं। कवि फूलों की घाटी और नावों की सुंदर नगरी में चलने के लिए लोगों का आहवान करते हैं।
4. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- पवन – ………..
- पंछी – ………..
- चमन – ………..
- आलम – ………..
- मल्लाह – ………..
- मौसम – ………..
- मसहरी – ………..
- शबनम – ………..
उत्तर :
- पवन – समीर
- पंछी – अंडज
- चमन – उद्यान
- आलम – सृष्टि
- मल्लाह – माझी
- मौसम – ऋतु
- मसहरी – मच्छरदानी
- शबनम – ओस
5. निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- घाटी × ………..
- स्वर्ग × ………..
- श्याम × ………..
- मीठी × ………..
- दूर × ………..
उत्तर :
- घाटी × शिखर
- स्वर्ग × नरक
- श्याम × श्वेत
- मीठी × कडवी
- दूर × निकट
6. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण बनाइए :
प्रश्न 1.
- बर्फ – ………..
- हिम – ………..
- मखमल – ………..
- स्वर्ग – ………..
उत्तर :
- बर्फ – बर्फीला
- हिम – हिमानी
- मखमल – मखमली
- स्वर्ग – स्वर्गीय
Hindi Digest Std 10 GSEB कश्मीर Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
कश्मीर के प्रसिद्ध बाग का नाम क्या है?
उत्तर :
कश्मीर के प्रसिद्ध बाग का नाम शालीमार है।
प्रश्न 2.
शहनाई कौन बजा रहा है?
उत्तर :
शहनाई भौरे बजा रहे हैं।
प्रश्न 3.
कवि ने कश्मीर को किसकी उपमा दी है?
उत्तर :
कवि ने कश्मीर को बर्फीली पगड़ी कहा है।
प्रश्न 4.
शिकारों के चलने पर कैसा दृश्य दिखाई देता है?
उत्तर :
पानी पर शिकारें चलते हैं तो पानी में आसपास के बगीचों की परछाइयाँ दिखाई देती हैं, शिकारों के चलने से ऐसा लगता है जैसे बागों की परछाइयाँ शिकारों के साथ-साथ चल रही है।
सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए :
प्रश्न 1.
सन्-सन्, सन्-सन् हवा के चलने से ऐसा लगता है, …
(अ) मानो गौत का स्वर उभरकर आ रहा है।
(ब) मानो शायर गजल गा रहा है।
(क) मानो कवि कविता गा रहा है।
उत्तर :
सन्-सन्, सन्-सन् हवा के चलने से ऐसा लगता है, मानो गीत का स्वर उभरकर आ रहा है।
प्रश्न 2.
सैर-सपाटे पर आए हुए लोगों से उड़ते हुए पंछियों की तरह …
(अ) गीत गूंज उठता है।
(ब) शालीमार बाग खिल जाता है।
(क) नदियाँ भी गा उठती है।
उत्तर :
सैर-सपाटे पर आए हुए लोगों से उड़ते हुए पछियों की तरह शालीमार बाग खिल जाता है।
प्रश्न 3.
कश्मीर की भूमि पर जगह-जगह ….
(अ) लैला-मजनू की प्रेम-कथाओं के दर्शन होते हैं।
(ब) हीर-रांझा की प्रेम-कथाओं के दर्शन होते हैं।
(क) बिल्हण की प्रेम-कथाओं के दर्शन होते हैं।
उत्तर :
कश्मीर की भूमि पर जगह-जगह बिल्हण की प्रेम-कथाओं के दर्शन होते हैं।
प्रश्न 4.
कश्मीर में अमरनाथ जैसी पवित्र गुफा और …
(अ) शेषनाग जैसा विशाल सरोवर है।
(ब) गुलमर्ग जैसा
विशाल सरोवर है।
(क) शालीमार जैसा विशाल सरोवर है।
उत्तर :
कश्मीर में अमरनाथ जैसी पवित्र गुफा और शेषनाग जैसा विशाल सरोवर है।
प्रश्न 5.
जमीन पर दूर-दूर तक फैली हुई दूब ऐसी लगती है, …
(अ) मानो जमीन ने हरी साड़ी पहनी हो।
(ब) मानो जमीन पर हरे रंग के कालीन बौछे हुए हों।
(क) मानो जमीन पर हरे पंछी बैठे हों।
उत्तर :
जमीन पर दूर-दूर तक फैली हुई दूब ऐसी लगती है मानो जमीन पर हरे रंग की कालीन बीछी हुई हो।
सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
प्रश्न 1.
- धरती का स्वर्ग …………. है। (भारत, कश्मीर)
- कश्मीर में ……….. की प्रेम-कथाएँ गाई जाती है। (लैला-मजनू, बिल्हण)
- पश्मीना ध्वज फहर रहा है देवदारु की …………. में। (बाँहों, छाहों)
- ………………. कश्मीर का प्रसिद्ध है। (बद्रीनाथ, अमरनाथ)
- कवि ने कश्मीर को भारत की बर्फीली …… कहा है। (चोटी, पगडी)
- कवि ने नावों की नगरी ………… को कहा है। (गुलमर्ग, कश्मीर)
- कश्मीरी हवा ……………….. गाती है। (गीत, कविता)
- शहनाई ………….. बजाता है। (कोकिल, भौरे)
- किरनों की मालिन डलियाभर ………….. लाई। (धूप, छाँव)
- बस्ती ………… से बात करती हैं। (लोगों, वीरानों)
उत्तर :
- कश्मीर
- बिल्हण
- छाँहों
- अमरनाथ
- पगड़ी
- कश्मीर
- गीत
- भोरे
- धूप
- वीरानों
निम्नलिखित प्रश्नों के नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि ने किसे नावों की नगरी कहा है?
A. गोवा
B. मुंबई
C. केरल
D. कश्मीर
उत्तर :
D. कश्मीर
प्रश्न 2.
भौरों की गुनगुनाहट में किसके मधुर स्वर सुनाई देते हैं?
A. बाँसुरी
B. शहनाई
C. तबला
D. सारंगी
उत्तर :
B. शहनाई
प्रश्न 3.
भोर में सूर्य की किरण किस की तरह लगती है?
A. मालिन
B. सारथी
C. शिकारी
D. रोशनी
उत्तर :
A. मालिन
प्रश्न 4.
क्या चलने पर लगता है कि पानी में उसके साथ बागों की परछाइयां भी चल रही हैं?
A. तीर
B. किरण
C. शिकारे
D. शिकारी
उत्तर :
C. शिकारे
प्रश्न 5.
अमरनाथ की गुफा कहाँ है?
A. हिमाचल प्रदेश में
B. गिरनार में
C. कश्मीर में
D. हरियाणा में
उत्तर :
C. कश्मीर में
व्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- राह – ………….
- भ्रमर – ………….
- लहर – ………….
- किनारा – ………….
- बंशी – ………….
- चश्मा – ………….
- गाथा – ………….
- तारा – ………….
- दाग – ………….
- सैलानी – ………….
- झील – ………….
- होड़ – ………….
उत्तर :
- राह – मार्ग
- भ्रमर – मधुकर
- लहर – तरंग
- किनारा – तट
- बंशी – बाँसुरी
- चश्मा – स्रोत
- गाथा – कहानी
- तारा – नक्षत्र
- दाग – धब्बा
- सैलानी – यात्री
- झील – सरोवर
- होड़ – स्पर्धा
निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- फूल × ……….
- धूप × ……….
- गगन × ……….
- प्रेम × ……….
- दाग × ……….
- गहन × ……….
- शेष × ……….
उत्तर :
- फूल × काटा
- धूप × छांव
- गगन × धरा
- प्रेम × घृणा
- दाग × बेदाग
- गहन × उथला
- शेष × अशेष
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- पृथ्वी का उपग्रह
- कश्मीरी ढंग की लंबी नाव
- एक पक्षी विशेष
- नावों की नगरी
- सैर करने का शौकीन
- दो पहाड़ों के बीच की जमीन
- सूर्य का प्रकाश
- फारसी का मुक्तक-काव्य
- उर्दू काव्य का एक प्रकार
- बर्फीली कश्मीरी भेड़ विशेष के ऊन का नाम
उत्तर :
- चाँद
- शिकारा
- टिटिहरी
- श्रीनगर
- सैलानी
- घाटी
- धूप
- रुबाई
- गजल
- पश्मीना
निम्नलिखित शब्दों की भाववाचक संज्ञा लिखिए :
प्रश्न 1.
- खोजना – ………….
- चलना – ………….
- सनसनाना – ………….
- उड़ना – ………….
- फिरना – ………….
- बिखेरना – ………….
- बदलना – ………….
- गुजरना – ………….
- कश्मीर – ………….
- रूमानी – ………….
- अंगडाना – ………….
- भारत – ………….
- अपना – ………….
- गंभीर – ………….
उत्तर :
- खोजना – खोज
- चलना – चलन
- सनसनाना – सनसनाहट
- उड़ना – उड़ान
- फिरना – फेरी
- बिखेरना – बिखराब
- बदलना – बदलाव
- गुजरना – गुजर
- कश्मीर – कश्मीरी
- रूमानी – रूमानियत
- अंगडाना – अंगडाई
- भारत – भारतीयता
- अपना – अपनापन
- गंभीर – गंभीरता
निम्नलिखित शब्दों की कर्तृवाचक संज्ञा लिखिए :
प्रश्न 1.
- गाना – ………….
- गीत – ………….
- गजल – ………….
- प्रेम – ………….
- संग – ………….
- मस्ती – ………….
- चराना – ………….
- कथा – ………….
- बात – ………….
- सैर – ………….
- प्रचार – ………….
- रक्षा – ………….
उत्तर :
- गाना – गायक
- गीत – गीतकार
- गजल – गजलकार
- प्रेम – प्रेमी
- संग – संगी
- मस्ती – मस्तीखोर
- चराना – चरवाहा
- कथा – कथाकार
- बात – बातूनी
- सैर – सैलानी
- प्रचार – प्रचारक
- रक्षा – रक्षक
निम्नलिखित शब्दों की विशेषण संज्ञा लिखिए :
प्रश्न 1.
- डरना
- सुंदरता
- गांव
- दिन
उत्तर :
- डरना – डरपोक
- सुंदरता – सुंदर
- गांव – गवार
- दिन – दैनिक
निम्नलिखित समास को पहचानिए :
प्रश्न 1.
- राजकुमारी
- गज़ल-रुबाई
- श्रीनगर
- चाँद-सूरत
उत्तर :
- तत्पुरुष
- द्वन्द्व
- तत्पुरुष
- द्वन्द्र
कश्मीर Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। कश्मीर के प्राकृतिक दृश्य और वहाँ की जलवायु पर्यटकों को बार-बार अपनी ओर आकर्षित करती है। इस कविता में कवि ने कश्मीर के सौंदर्य का मनोहारी वर्णन किया है।
कविता का सरल अर्थ :
जहाँ बर्फ की……. नावों की नगरी में।
कवि कहते हैं कि आओ, हम वहाँ चलें, जहाँ फूलों से भरी हुई घाटियाँ हैं और जिसे नावों की नगरी कहा जाता है। यह ऐसा प्रदेश है, जो अर्फ से ढका रहता है।
सन सन सन सन …………. बिखेरे बजरी में।
वहाँ सन-सन, सन-सन करती हुई हवा चलती है। इससे ऐसा लगता है, मानो गाने के स्वर उभर कर आ रहे हों। सैर-सपाटे पर आए हुए लोगों से उड़ते हुए पंछियों की तरह शालीमार बाग खिल जाता है। चारों ओर भौरों की गुनगुनाहट शहनाई से निकले हुए मधुर स्वर की तरह लगती है। यहाँ सुबह का दृश्य बहुत सुहाना लगता है। भोर में सूर्य की किरणें किसी मालिन की तरह लगती हैं। लगता है ये किरणे मालिन बनकर आई हैं और वे झील के किनारे अपनी डलिया से ‘धूप’ निकाल-निकालकर बजरी पर बिखेर रही हों।
जंगल-जंगल ….. गगन की छतरी में।
यहाँ जंगलों में तितलियों और टिटिहरियों में होड़ लगी हुई है। जब हवा बहती है, तो जंगलों से गजल के स्वर सुनाई देते-से लगते हैं। जमीन पर दूर-दूर तक फैली हुई दूब ऐसी लगती है, मानो जमीन पर हरे रंग के कालीन बिछे हुए हों। यहाँ कभी मौसम बदल जाता है और कभी कल्पना में आए दृश्यों में बदलाव आ जाता है। कहीं चरवाहे की बंशी के मधुर स्वर वातावरण में भिन जाते हैं।
पलछिन किसी ………. छुपा है बदली में।
यहाँ कहीं बस्ती है, तो कहीं निर्जन स्थान हैं। वे एक-दूसरे से संपर्क साधते हुए-से लगते हैं। यहाँ ठंडे पानी के अनेक स्रोत हैं। समूची घाटी सुंदर-सुंदर कोमल फूलों से भरी हुई है। फूलों को देखकर लगता है जैसे वे अपने पौधों के पत्तों से बातें कर रहे हों कि, देखो चाँद बदलियों में लुप्त हो गया है।
जल में खिली ………… नील मसहरी में।
झीलों और सरोवरों के जल अठखेलियाँ करते से लगते हैं। उनके स्वर से रुबाइयों के सुनने का आनंद मिलता है। सरोवरों के जल में तैरते बजरे (बड़ी नावें) हिलते-डुलते हैं तो वे अंगड़ाइयाँ सी लेती नजर आती हैं। पानी पर शिकारें (लंबी नावे) चलती हैं, तो पानी में आसपास बगीचों की परछाइयाँ दिखाई देती हैं। शिकारों के चलने पर ऐसा लगता है जैसे बागों की परछाइयाँ शिकारों के साथ-साथ चल रही हो। इस भूमि पर जगह-जगह विल्हण की प्रेम-कथाओं के दर्शन होते हैं। ऐसे माहौल में अन्य कहानियों के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिलता। यहाँ झेलम नदी सितारों से सज्जित मसहरी में सोई सी लगती है।
‘अमरनाथ’ की …………. नगरी में।
इस प्रदेश में अमरनाथ जैसी पवित्र गुफा और शेषनाग जैसा विशाल सरोवर है। पूरा प्रदेश देवदारु के बड़े-बड़े वृक्षों से भरा पड़ा है। हमारा तिरंगा झंडा शान से फहरा रहा है। यह हमारा कश्मीर है। आज हमारे कश्मीर पर दुश्मन की कुटिल निगाहें हैं। समस्या जटिल है। पर हे वीर जवानो, तुम सतर्क रहो और इस बात का ध्यान रखो कि हमारे कश्मीर पर आंच न आने पाए। आओ फूलों की घाटी और नावों की नगरी में चलें।
ગુજરાતી ભાવાર્થ :
કવિ કહે છે કે આવો, આપણે ત્યાં જઈએ જ્યાં ફૂલોથી ભરપૂર ખીલો છે અને જેને નૌકામોની નગરી કહે છે. આ એવો પ્રદેશ છે, જે બરફથી ઢંકાયેલો રહે છે.
ત્યાં સન-સન, સન-સન કરતી હવા વહે છે. એનાથી એમ લાગે છે કે જાણે ગીતના સ્વર સંભળાઈ રહ્યા છે. હરવા-ફરવા આવેલા લોકોને જોઈને એમ લાગે છે કે ઉડતાં પક્ષીઓની જેમ શાલીમાર બાગ ખીલી ઊંડ્યો છે. ચોમેર ભમરાઓનો ગુંજારવ શરણાઈમાંથી નીકળેલા મધુર સ્વર જેવો લાગે છે. અહીં સવારનું દર ખૂબ સુંદર લાગે છે. સવારમાં સૂર્યનાં કિરણો કઈ માલક્ષના જેવા લાગે છે. આ કિરણો માલણ બનીને આવ્યાં હોય એવાં લાગે છે અને સરોવરને કિનારે પોતાની છાબડીમાંથી તડકો – સૂર્યપ્રકાશ કાઢી કાઢીને કાંકરીઓ ઉપર વેરી રહી છે.
અહીં જંગલોમાં પતંગિયાં અને ટૌડીઓ વચ્ચે સ્પર્ધા જામી છે, જ્યારે હવા વહે છે ત્યારે જંગલોમાંથી ક્લિનો સ્વર સંભળાતા હોય એવું લાગે છે, જમીન પર દૂર દૂર સુધી ફેલાયેલું દુર્વા (દર્ભ) ધાસ એવું લાગે છે જાણો જમીન પર લીલા રંગના ગાલીચા પાથરેલા હોય. અહીં કોઈક વાર ઋતુ બદલાઈ જાય છે અને કોઈક વાર કહપનામાં આવેલાં દયો બદલાઈ જાય છે, ક્યાંક ગોવાળોની વાંસળીના મધુર સ્વર વાતાવરબ્રમાં પ્રસરી જાય છે.
અહીં ક્યાંક વસ્તી છે, તો ક્યાંક નિર્જન જગ્યાઓ છે. તેઓ એકબીજા સાથે સંપર્ક સાધતાં હોય એમ લાગે છે. અહીં ઠંડા પાણીનાં અનેક ઝરણાં છે. આખીયે ખીણ સુંદર સુંદર કોમળ ફૂલોથી ભરેલી જણાય છે. ફૂલોને જોઈને એમ લાગે છે કે તેઓ પોતાના છોડનાં પર્ણ સાથે વાતો કરી રહ્યાં છે – જુઓ, ચંદ્ર વાદળાંમાં છુપાઈ ગયો છે.
જળાશયો અને સરોવરોનાં પાણી કિલ્લોલ કરી રહ્યાં હોય એવું લાગે છે, તેમના સ્વરથી ચોપાઈ સાંભળવાનો આનંદ મળે છે. સરોવરોના જળમાં તરતી મોટી નૌકાઓ હાલકડોલક થતી હોય ત્યારે આળસ મરતી હોય એવી લાગે છે, પાણી પર લાંબી નૌકામો ચાલે છે ત્યારે પાણીની આસપાસ બગીચાઓના પડછાયા દેખાય છે. લાંબી નૌકાઓના ચાલવાથી એવું લાગે છે કે જાણે બગીચાના પડછાયા નૌકાઓની સાથે ચાલી રહ્યા છે, આ ભૂમિ પર ઠેર ઠેર બિલ્પણની પ્રેમ-કથાઓનાં દર્શન થાય છે. આવા વાતાવરણમાં બીજી વાતો વિશે વિચારવાની તક જ મળતી નથી. અહીં ઝેલમ નદી તારલાઓથી સજ્જિત મચ્છરદાનીમાં સૂતેલી હોય તેવી લાગે છે,
આ પ્રદેશમાં અમરનાથ જેવી પવિત્ર ગુફા અને શેષનાગ જેવું વિશાળ સરોવર છે. સમસ્ત પ્રદેશ દેવદારુનાં મોટાં મોટાં વૃક્ષોથી છવાયેલો છે, આપણો તિરંગો ધ્વજ શાનથી લહેરાઈ રહ્યો છે. આ આપણું કાશ્મીર છે. આજે આપન્ના કાશ્મીર પર દુશ્મનની કરડી નજરો મંડાયેલી છે. સમસ્યા જટિલ છે, પરંતુ હૈ વીર જવાનો, તમે સતર્ક રહો અને આપણા કાશ્મીરને ઊની આંચ ન આવે તેનું ધ્યાન રાખો. આવો, ફૂલોની ખીલ અને નૌકાઓની નગરીમાં જઈએ.
कश्मीर शब्दार्थ :
- स्वर लहरी – ऊंचे-नीचे स्वरों की लहर।
- घाटी – दो नदियों या दो पर्वतों के बीच का भाग।
- नावों की नगरी – जहाँ सरोवरों में नावें ही नावें दिखाई देती हैं।
- पवन – बहती हवा।
- पंछी – पक्षी।
- सैलानी – सैर-सपाटे पर आए हुए यात्री।
- चमन – बाग।
- भ्रमर – भौंरा।
- किरन – किरण।
- झील – सरोवर।
- डलिया – बॉस की छोटी टोकरी।
- बिखेरना – छितराना, इधर-उधर फैलाना।
- बजरी – कंकड़ी।
- होड़ – लागडाट, प्रतिस्पर्धा।
- मखमली गलीचे – (यहाँ) दूर तक फैले हुए पास के मैदान।
- मचलना – हठ करना, अड़ना, छैलना।
- गगन – आकाश।
- पल-छिन – पल-क्षण।
- बीराने – निर्जन।
- चश्मे – पानी के सोते।
- हिमानी – शीतल।
- रूमानी – मुलायम।
- बदली – बादल।
- रुबाइयाँ – चार पंक्तियों का छंद।
- बजरे – छायादार बड़ी नावें।
- शिकारे – लंबी नाव जिसके बीच में छायादार स्थान होता है।
- गाथा – कथा।
- मसहरी – वह पलंग जिसमें जालीदार कपड़ा लगा हो, मच्छरदानी।
- पश्मीना – कश्मीर में बननेवाला बहुत मुलायम ऊनी कपड़ा।
- देवदारु – एक बहुत बड़ा पेड़ जिससे अलकतरा और तारपीन का तेल मिलता है।
- गंभीर – जटिल।
- पगड़ी – सिर पर पहननेवाली पगड़ी।