Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 10 Social Science Chapter 4 भारत की साहित्यिक विरासत Textbook Exercise Important Questions and Answers.
भारत की साहित्यिक विरासत Class 10 GSEB Solutions Social Science Chapter 4
GSEB Class 10 Social Science भारत की साहित्यिक विरासत Textbook Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए:
प्रश्न 1.
भारत में वेद कितने है ? और कौन-कौन से समझाइए ।
उत्तर:
वेद का अर्थ ज्ञान होता है । वेद चार है :
(1) ऋग्वेद
(2) सामवेद
(3) यजुर्वेद
(4) अथर्ववेद ।
(1) ऋग्वेद: भारतीय साहित्य की प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है । इसमें 1028 ऋचाओं का संग्रह है । ऋग्वेद 10 भागों में बँटा हुआ अद्भुत ग्रंथ है । इन ऋचाओं में अधिकांश देवों की स्तुतियाँ है । ये स्तुतियाँ यज्ञ प्रसंगों में की जाती है । इसमें उषा को संबोधन करती अनेक स्तुतियाँ खूब ही मनमोहक है । यह ग्रंथ सप्तसिंधु प्रदेश में बसे आर्यों की राजकीय, सामाजिक तथा आर्थिक विषयों का वर्णन करती है ।
(2) सामवेद: ऋग्वेद की ऋचाओं का गान करने के लिए सामवेद की रचना की गयी है । यह श्लोकों को राग और लय के साथ गाने का तरीका बताता है, इसलिए इसे संगीत की गंगोत्री कहते हैं ।
(3) यजुर्वेद: यजुर्वेद को यज्ञों का वेद कहते हैं । यह वेद गद्य और पद्य स्वरूप में लिखा गया है । यज्ञ के समय बोले जानेवाले . मंत्रो, क्रियाओं और विधि-विधानों का वर्णन इसमें किया गया है ।
(4) अथर्ववेद: इसमें अनेक प्रकार के कर्मकांडों और संस्कारों का वर्णन किया गया है ।
प्रश्न 2.
तक्षशिला विद्यापीठ की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
वर्तमान समय में पाकिस्तान के रावलपिंडी के पश्चिम में प्राचीन तक्षशिला विद्यापीठ था ।
- यह प्राचीन गांधार की राजधानी था ।
- इस विद्यापीठ में 64 विद्याओं का शिक्षण दिया जाता था ।
- यहाँ अधिकांश विद्यार्थी गुरु के आश्रम में रहकर विद्याभ्यास करते थे ।
- भगवान बुद्ध की शिष्य जीवक ने यहाँ आयुर्वेद के पाठ सीखे थे ।
- अर्थशास्त्र के रचयिता कौटिल्य ने भी यहाँ अध्ययन किया था ।
- दंतकथा के अनुसार रघुकुल में जन्मे राम के भाई भरत के पुत्र तक्ष के नाम से इसका नाम तक्षशिला पड़ा था ।
- यह सातवी सदी में महत्त्वपूर्ण विद्याकेन्द्र के रूप में प्रसिद्ध था । यहाँ विद्यार्थी को जिस विषय में रूचि हो उसका अभ्यास करवाया जाता था ।
- शिक्षक चाहे उतने विद्यार्थियों को पढ़ा सकता था ।
- सामान्य रूप से एक शिक्षक के पास 20 विद्यार्थी होते थे ।
- वाराणसी, राजगृह, मिथिला और उज्जैन जैसे दूर के स्थानों से विद्यार्थी यहाँ अध्ययन के लिए आते थे ।
- वाराणसी के कुमार यहाँ शिक्षा प्राप्त करते थे, कौशल के राज प्रसेनजित, व्याकरणशास्त्री पाणिनी और राजनीतिज्ञ कौटिल्य भी यहाँ अध्ययन करने आये थे ।
- तक्षशिला उच्च शिक्षण केन्द्र था । सामान्य स्थिति में विद्यार्थी गुरु के घर में रहकर अध्ययन करते थे ।
- यहाँ वेद, शस्त्रक्रिया, गजविद्या, धनुर्विद्या, व्याकरण, तत्त्वज्ञान, युद्ध विद्या, खगोल, ज्योतिष आदि का शिक्षण दिया जाता था ।
- चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य और खुद चंद्रगुप्त मौर्य ने यहाँ शिक्षण लिया था ।
- पाँचवी सदी के शुरूआत में चीन के फाहयान ने इस स्थान की यात्रा की थी ।
प्रश्न 3.
मध्यकालीन साहित्य की चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
उत्तर भारत में मध्ययुग की शुरुआत संस्कृत साहित्य से हुई थी ।
- इस युग में कश्मीर में दो महान ग्रंथ लिख्खे गये थे । जिसमें पहला सोमदेव का ‘कथा सरितसागर’ और दूसरा ‘कल्हण का राजतरंगिणी ।’
- राजतरंगिणी कश्मीर के इतिहास को दर्शाता हुआ महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है ।
- इस समय कवि चंदबरदाई रचित ‘पृथ्वीराजरासो’ हिन्दी साहित्य का प्रथम ग्रन्थ है । पृथ्वीराज की वीरागाथा का वर्णन करनेवाले इस साहित्य से वीरगाथा का युग का आरंभ हुआ था ।
- दक्षिण भारत में संस्कृत में शंकराचार्य के ‘भाष्य’ ग्रन्थ से द्रविड़ कुल की भाषाओं का विकास हुआ ।
- कुछ समय तक कन्नड़ साहित्य पर जैन धर्म की गाढ़ असर से कवि पंपाने ने ‘आदिपुराण’ की रचना की थी, सौलवे जैन तीर्थंकर पर ‘शांतिपुराण’ कवि पौन्नाने तैयार किया, इसके उपरांत रन्ना ने ‘अजितनाथ पुराण’ लिखा ।
- कवि कंबल ने तमिल भाषा में रामायण की रचना की थी ।
- सल्तनत काल में हिन्दी भाषा के दो स्वरूपों ब्रज और खड़ी बोलियाँ में साहित्य सर्जन हुआ ।
- हिन्दी और गुजराती भाषा के साथ मिलनेवाली राजस्थानी में वीर गाथा लिखी गयी । आल्हा, उदल, वीसलदेव और रासो इस समय की विख्यात वीर गाथाएँ थी ।
- मुल्ला दाउद का ग्रंथ अवधी भाषा का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है ।
- फारसी भाषा दिल्ली सुल्तानों की राजभाषा थी ।
- इस समय अनेक इतिहासकार हुए है । जिनमें जियाऊद्दीन बरनी ने ‘तारीखे-फिरोजशाही’ की रचना की थी । जिसमें तुगलक वंश के राज्य का विस्तृत वर्णन किया गया है ।
- बरनी ने राजकीय सिद्धातों पर ‘फतवा-ए-जहांदरी’ नामक ग्रंथ लिखा ।
- इस समय का सबसे महान साहित्यकार अमीर खुशरो था । वह एक कवि, इतिहासकार, रहस्यवादी संत और संगीतकार थे । अमीर खुशरो ने आसिका, नूर, सिपिहर और किराडल सदायन मुख्य ग्रन्थ लिख्खे । इस समय के उपरांत अनेक काव्य ग्रन्थ भी लिख्ने गये ।
- अमीर खुशरो को स्वयं भारतीय होने पर गर्व है ।
- उस समय दिल्ली के आस-पास बोली जानेवाली भाषा हिंदवी कहलाती थी । हिन्दी फारसी भाषा मिलकर द्विभाषी चौपाईयों और दोहे भी लिख्ने गये ।
- अवधी भाषा में मलिक मुहम्मद जायसी ‘पद्मावत’ नामक महाकाव्य लिखा । इसके उपरांत तुलसीदास का प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘रामचरित मानस’ इस समय का सबसे प्रसिद्ध ग्रन्थ बना ।
- बंगाली सुल्तानों का आश्रय पाकर कृतिवास ने बंगाली भाषा में रामायण की रचना की थी । प्रसिद्ध कवि चंडीदास ने सेंकड़ों गीतों की रचना की थी । चैतन्य प्रभु ने बंगाली में भक्तिगीत लिख्खे थे ।
- विजयनगर के महान सम्राट कृष्णदेव राय तेलुगु और संस्कृत के महान लेखक थे । उन्हें आमुक्तमाल्यदा ग्रन्थ की रचना की थी। मुगल शासन के दरम्यान अनेक शासक साहित्यकार थे । प्रथम मुगलशासक बाबर ने एक तुर्की भाषा में अपनी आत्मकथा तुजुके बाबरी लिखी थी । उसका फारसी में बाबरनामा नाम से भाषांतर किया गया ।
- हुमायूँ की बहन गुलबदन बेगम ने हुमायुनामा, जहाँगीर ने तुजुके बाबरी ग्रन्थ लिख्खे ।
- तुलसीदास और सूरदास इस युग के हिन्दी भाषा के महान साहित्यकार थे । रहीम के अनेक दोहे आज भी प्रसिद्ध है ।
- फारसी भाषा में अबुल-फजल ने ‘आइने-अकबरी और अकबरनामा’ ग्रन्थ लिखे थे ।
- अकबर ने महाभारत, रामायण, अथर्ववेद, भागवतगीता, पंचतंत्र आदि के अनुवाद के लिए अनेक विभाग बनवाए थे ।
- इस युग की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना उर्दू भाषा का जन्म है । भारत में प्रथम उपन्यास मुहमंद हुसेन आजाद ने उर्दु भाषा में ‘दरबारे अकबरी’ लिखा था ।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए:
प्रश्न 1.
वलभी विद्यापीठ की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
ई.सन् की सातवी सदी के शतक में गुजरात के इस विद्यापीठ को अति प्रसिद्ध शिक्षण केन्द्र के रूप में माना जाता था ।
- वलभी के विशाल और अत्यंत प्रसिद्ध विद्यापीठ बनाने में मैत्रक वंश के तत्कालीन शासकों और नागरिकों का बड़ा योगदान दिया हैं ।
- 7वीं सदी में भिख्नु विद्यार्थियों को रखा जाता था ।
- वलभी तब बौद्ध मत हीनयान पंथ का केन्द्र था । सातवीं सदी के मध्य में प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान स्थिरमति और गुणवति वलभी के अग्रणी आचार्य थे । दूर-दूर के गंगा-यमुना के मैदानी क्षेत्रों में ब्राह्मण विद्यार्थियों यहाँ उच्च अध्ययन के लिए आते थे ।
- चीनी प्रवासी इत्सिंग ने दर्ज किया कि वलभी पूर्व भारत के प्रसिद्ध शिक्षण संस्था नालंदा के साथ स्पर्धा करती थी ।
- वलभी एक राजधानी और अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह था । वलभी के शासक मैत्रक राजा ने भी विद्या और विद्यापीठ के महान आश्रय दाता थे ।
- मैत्रक वंश के राजा बौद्ध नहीं थे, सनातनी थे फिर भी इस संस्था को मदद करते थे ।
- ई.स. 775 में अरबों ने आक्रमण किया और मैत्रक पराजित हुआ तथा विद्यापीठ बंद हो गयी ।
- यहाँ प्रसिद्ध विद्वानों के नाम दरवाजों पर लिखा जाता था । विद्वान राजसभा में अपना पांडित्य छोड़कर राजतंत्र में ऊँचे अधिकार प्राप्त किया था ।
प्रश्न 2.
नालंदा विद्यापीठ की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
बिहार के पटना जिले में बडगाँव में प्राचीन नालंदा विद्यापीठ आया हुआ था ।
- भारतीय संस्कृति में बौद्ध और जैन परंपरा में नालंदा का महत्त्व अधिक है ।
- इस विद्यापीठ में महावीर स्वामी ने चौदह चातुर्मास किया जाने से इस स्थल ने जैन तीर्थस्थल के रूप में स्थान प्राप्त किया ।
- पाँचवी सदी में कुमारगुप्त ने यहाँ एक विहार बनाया था । उसके बाद नालंदा की प्रसिद्धि में वृद्धि हुई थी ।
- तब हस्तलिखित ग्रंथ का अमूल्य भंडार था । नालंदा विश्व विद्यालय भारतीय संस्कृति का एक तीर्थधाम था ।
- देश-विदेश के विद्यार्थी यहाँ अध्ययन करने आते थे । महान यात्री युएन-श्वांग भी यहाँ आया था ।
- नालंदा से पढ़कर बाहर निकले विद्यार्थी भारत का आदर्श विद्यार्थी माना जाता है । ई.स. 5वी से ग्यारहवीं सदी के दरमियान नालंदा शिक्षण का सर्वोच्च स्थान था ।
- उस समय भारत में विश्वभर में श्रेष्ठतम माने जानेवाले ग्रन्थालय थे । युएन-श्वांग ही 657 हस्तलिखित ग्रंथ अपने साथ चीन ले गया था ।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए:
प्रश्न 1.
यजुर्वेद की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
यजुर्वेद को यज्ञ का वेद कहते हैं । यह वेद गद्य और पद्य स्वरूप में लिखा गया है । यज्ञ के समय बोले जानेवाले मंत्रों, क्रियाओं और विधि विधानों का इसमें वर्णन किया गया है ।
प्रश्न 2.
अथर्ववेद में कौन-सी जानकारी दी जाती है ?
उत्तर:
अथर्ववेद में अनेक प्रकार के कर्मकांडों और संस्कारों का वर्णन किया जाता है ।
प्रश्न 3.
श्रीमद् भागवत गीता में किन दार्शनिक सिद्धांतों का वर्णन है ?
उत्तर:
श्रीमद् भागवद् गीता में गहन दार्शनिक सिद्धान्तों का वर्णन किया गया है । इसमें मोक्ष प्राप्ति के तीन मार्गों ज्ञान, कर्म और भक्ति मार्ग का विवेचन किया गया है ।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए:
प्रश्न 1.
भारतीय साहित्य का प्राचीनतम ग्रन्थ ………………………….. है ।
(A) ऋग्वेद
(B) यजुर्वेद
(C) सामवेद
(D) अथर्ववेद
उत्तर:
(A) ऋग्वेद
प्रश्न 2.
बौद्ध साहित्य किस भाषा में लिखा गया है ?
(A) पाली
(B) हिन्दी
(C) ब्राह्मी
(D) गुजराती
उत्तर:
(A) पाली
प्रश्न 3.
द्रविड़ कुल की सबसे पुरानी भाषा कौन-सी है ?
(A) तमिल
(B) तेलुगु
(C) कन्नड़
(D) मलयालम
उत्तर:
(A) तमिल
प्रश्न 4.
कवि चंदबरदाई का कौन-सा ग्रंथ हिन्दी साहित्य का प्रारंभिक ग्रंथ है ?
(A) पृथ्वीराज रासो
(B) विक्रमाकदेवचरित
(C) कविराजमार्ग
(D) चंद्रायन
उत्तर:
(A) पृथ्वीराज रासो
प्रश्न 5.
महर्षि पाणिनि का महान ग्रन्थ कौन-सा है ?
(A) अष्टाध्यायी
(B) पृथ्वीराज रासो
(C) विक्रमाक देवचरित
(D) चंद्रायन
उत्तर:
(A) अष्टाध्यायी