GSEB Solutions Class 11 Psychology Chapter 6 स्मृति-विस्मृति

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 11 Psychology Chapter 6 स्मृति-विस्मृति Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

Gujarat Board Textbook Solutions Class 11 Psychology Chapter 6 स्मृति-विस्मृति

GSEB Class 11 Psychology स्मृति-विस्मृति Text Book Questions and Answers

स्वाध्याय
1. निम्न प्रश्नों के योग्य विकल्प पसंद करके उत्तर लिखिये ।

प्रश्न 1.
स्मृति अर्थात् सीखी हुई बातों का उपयोग ऐसा किसने कहा है ?
(अ) बुडवर्थ
(ब) बर्नहार्ट
(क) विलियम जेम्स
(ड) थोमस
उत्तर :
(अ) बुडवर्थ

प्रश्न 2.
स्मृति का प्रथम सोपान क्या है ? ।
(अ) संकेतांकन
(ब) पुनः प्राप्ति
(क) संग्रह
(ड) स्मृति अवरोध
उत्तर :
(अ) संकेतांकन

प्रश्न 3.
सांवेदनिक स्मृति का समय कितना होता है ?
(अ) तीन सेकेन्ड
(ब) दो सेकेन्ड
(क) पांच सेकेन्ड
(ड) अमर्यादित
उत्तर :
(ब) दो सेकेन्ड

प्रश्न 4.
अल्पकालीन स्मृति का दूसरा नाम क्या है ?
(अ) स्मृति अवरोध
(ब) तत्कालिक स्मृति
(क) ध्वनि स्मृति
(ड) दृश्य स्मृति
उत्तर :
(ब) तत्कालिक स्मृति

प्रश्न 5.
अल्पकालीन स्मृति के विस्तार को बढ़ाने के लिए ‘सामुहीकरण’ पद्धति किसने की है ?
(अ) ज्योर्ज ए. मिलर
(ब) स्कीनर
(क) ऐलनबेडल
(ड) बर्नहार्ट
उत्तर :
(अ) ज्योर्ज ए. मिलर

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प्रश्न 6.
दीर्घकालीन स्मृति के प्रकार किसने दिये ?
(अ) टुलविंग
(ब) वॉटसन
(क) वुडवर्थ
(ड) थोमस
उत्तर :
(अ) टुलविंग

प्रश्न 7.
‘PQRST’ पद्धति किसने विकसित की है ?
(अ) थोमस एन्ड रोबिन्सन
(ब) बर्नहार्ट
(क) वुडवर्थ
(ड) वॉटसन
उत्तर :
(अ) थोमस एन्ड रोबिन्सन

प्रश्न 8.
सीखने की जानकारी थोड़े-थोड़े समय में सीखना अर्थात् ?
(अ) अंतरिकृत शिक्षण
(ब) अवलोकनात्मक शिक्षण
(क) शाब्दिक शिक्षण
(ड) कौशल्य शिक्षण
उत्तर :
(अ) अंतरिकृत शिक्षण

प्रश्न 9.
कौन-सी स्मृति कौशल्य शक्ति प्रकट करती है ?
(अ) घटनात्मक
(ब) अर्थात्मक
(क) रीतिलक्षी
(ड) स्मृतिलक्षी
उत्तर :
(क) रीतिलक्षी

प्रश्न 10.
मनन विरुद्ध पुनः वांचन का अध्ययन किसने किया ?
(अ) वॉटसन
(ब) बेडल
(क) थोमसन
(ड) ए. आई. गेटस
उत्तर :
(ड) ए. आई. गेटस

प्रश्न 11.
सामान्य व्यक्ति का स्मृति विस्तार कितना होता है ?
(अ) 2
(ब) 7
(क) 9
(ड) 7 + 2
उत्तर :
(ड) 7 + 2

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प्रश्न 12.
दीर्घकालीन मनोविज्ञान का वर्गीकरण किसने किया ?
(अ) बर्नहार्ट
(ब) स्कीनर
(क) टुल्विग
(ड) वुडसवर्थ
उत्तर :
(क) टुल्विग

प्रश्न 13.
सीखी हुई जानकारी को फिर से लिखने का बोलने के लिए किस पद्धति में कहा जाता है ?
(अ) प्रतिभिज्ञा
(ब) शब्दपूर्ति
(क) पुनरावहन
(ड) प्रकट
उत्तर :
(क) पुनरावहन

प्रश्न 14.
‘समय एवं अवकाश’ पर आधारित कौन-सी स्मृति रही है ?
(अ) घटनात्मक
(ब) रीतिलक्षी
(क) अर्थात्मक
(ड) पूर्ववर्ती
उत्तर :
(क) अर्थात्मक

प्रश्न 15.
स्मृति एक …………………………… प्रक्रिया है ।
(अ) बोधात्मक
(ब) मनोव्यापार
(क) अर्थघटन
(ड) कल्पना
उत्तर :
(ब) मनोव्यापार

प्रश्न 16.
‘विशेष अवधि के लिए धारण करना यह स्मृति है’ यह किसने कहा है ?
(अ) बर्नहार्ट
(ब) वुडवर्थ
(क) गेरेट
(ड) लेकमेन एवं बटर फिल्ड
उत्तर :
(ड) लेकमेन एवं बटर फिल्ड

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प्रश्न 17.
कौन-सी स्मृति में गणित के सूत्र का उपयोग होता है ?
(अ) घटनात्मक
(ब) रीतिलक्षी
(क) अर्थात्मक
(ड) निवेदनात्मक
उत्तर :
(क) अर्थात्मक

प्रश्न 18.
विस्मृति को निषेधक स्मृति किसने कहा ?
(अ) गोल्डाई
(ब) वॉटसन
(क) ऐविगहॉस
(ड) म्युलर
उत्तर :
(अ) गोल्डाई

प्रश्न 19.
‘विस्मृति एक निष्क्रिय मानसिक प्रक्रिया है’ किसने कहा ?
(अ) डेलनबेक
(ब) ऑस्टवर्ग
(क) ऐविगहॉस
(ड) गोल्डार्ड
उत्तर :
(क) ऐविगहॉस

प्रश्न 20.
कौन-सी पद्धति कारक कौशल्य एवं तथ्य तथा जानकारी के अध्ययन में उपयोगी है ?
(अ) मनन/वांचन
(ब) अंतरीकृत अध्ययन
(क) लगातार
(ड) अतिशिक्षण
उत्तर :
(ब) अंतरीकृत अध्ययन

2. निम्न प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर लिखिये ।

प्रश्न 1.
सांवेदनिक स्मृति की परिभाषा लिखिये ।
उत्तर :
हम संवेदन इन्द्रियों के द्वारा जो जानकारी का ज्ञान प्राप्त करते हैं, जिनका संग्रह अधिक से अधिक दो सेकेन्ड होता है यह एक लघुतम अवधिवाली स्मृति सांवेदनिक ही है ।

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प्रश्न 2.
विस्मृति याने क्या ?
उत्तर :
विस्मृति एक निष्क्रिय मानसिक क्रिया है । – ऐविंगहॉस

प्रश्न 3.
स्मृति अवरोध क्या है ?
उत्तर :
स्मृति का अवरोध विस्मृति का मुख्य कारण है, जो कि सीखी हुई सामग्री का पहले या बाद का अवरोध होता है ।

प्रश्न 4.
अल्पकालीन स्मृति की संचय क्षमता कितनी होती है ?
उत्तर :
मिलर के मतानुसार अल्पकालीन स्मृति की संचय क्षमता 7 + 2 होती है ।

प्रश्न 5.
PQRST’ पद्धति की खोज किसने की ?
उत्तर :
‘PQRST’ पद्धति की खोज ‘थोमस एवं रोबिन्सन’ ने की है ।

प्रश्न 6.
अतिशिक्षण किसे कहते हैं ?
उत्तर :
किसी विषय को सीखने के बाद भी उसे सीखने का महावरा या अभ्यास करते रहने को ही अतिशिक्षण कहते हैं ।

प्रश्न 7.
लगातार सीखने की पद्धति क्या है ?
उत्तर :
किसी भी अध्ययन सामग्री को एक ही बैठक में घंटों तक बिना विश्राम किये सीखने की पद्धति को लगातार शिक्षण कहते हैं ।

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प्रश्न 8.
अल्पकालीन स्मृति किसे कहते हैं ?
उत्तर :
अल्पकालीन स्मृति का सांवेदनिक प्रभाव 20 से 30 सेकेन्ड तक ही संचित होता है । इसे ‘तत्कालिक’ स्मृति भी कहते हैं ।

प्रश्न 9.
स्मृति के सोपान कौन-कौन से है ?
उत्तर :
स्मृति के सोपान

  1. संकेताकन
  2. संचय एवं
  3. पुनः प्राप्ति हैं ।

प्रश्न 10.
विस्मृति निर्धारक कौन-कौन से है ?
उत्तर :
विस्मृति के निर्धारक निम्न हैं :

  1. संकेतांकन की निष्फलता
  2. संचय की निष्फलता
  3. पुनः प्राप्ति की निष्फलता
    पूर्वक्रिया अवरोध एवं अनुक्रिया अवरोध भी हैं ।

प्रश्न 11.
स्मृति किसे कहते हैं ?
उत्तर :
भूतकाल के अनुभवों को अर्थपूर्ण रूप में पुनः जाग्रत करने की प्रक्रिया को स्मृति कहते हैं ।

प्रश्न 12.
स्मृति के कितने प्रकार है ?
उत्तर :

  1. सांवेदनिक स्मृति
  2. अल्पकालीन स्मृति एवं
  3. दीर्घकालीन स्मृति । ये तीन प्रकार है ।

प्रश्न 13.
दीर्घकालीन स्मृति के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर :

  1. घटनात्मक स्मृति
  2. अर्थात्मक स्मृति एवं
  3. रीतिलक्षी स्मृति

प्रश्न 14.
प्रथम अक्षर प्रयुक्ति क्या है ?
उत्तर :
पूरे प्रश्न को याद करने के लिए शब्दसमूह बनाकर याद कर सकने । उदा. मेघधनुष के सात रंग के लिए ‘जानीवाहपीनारा’ । शब्दसमूह ।

प्रश्न 15.
रीतिलक्षी स्मृति अर्थात् ?
उत्तर :
जिसके द्वारा कौशल्य या कुशलता प्रकट हो जो हमेशा याद रह जाये ।

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3. निम्न प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिये ।

प्रश्न 1.
संकेताकन याने क्या ?
उत्तर :
संकेताकन याने स्मृति का प्रथम सोपान जिसमें सामग्री की सांवेदनिक छाप अंकित होती है और संचित होकर पुनः प्राप्त होने पर याद आती है ।

प्रश्न 2.
पुन: प्राप्ति क्या है ?
उत्तर :
स्मृति का दूसरा सोपान स्मृति में संचित सामग्री आवश्यकता पड़ने पर याद आ जाय इसके दो स्वरूप हैं ।
– पुनरावहन एवं प्रत्यभिज्ञा ।

प्रश्न 3.
लगातार (सतत शिक्षण) पद्धति क्या है ?
उत्तर :
परीक्षा के समय छात्र अधिक याद करने के लिए लगातार अधिक समय तक बिना विश्राम के अध्ययन करते या रहने का कार्य करते जिससे अधिक लाभ नहीं होता है ।

प्रश्न 4.
पूर्व क्रिया अवरोध क्या है ?
उत्तर :
पहले संचित जानकारी को याद करने की हमारी शक्ति में नया शिक्षण या अनुभव अवरोध बनते है, इन अवरोधों को पूर्वक्रिया
अवरोध कहते हैं ।

प्रश्न 5.
अनुक्रिया अवरोध अर्थात् क्या ?
उत्तर :
हम जानते है कि जनवरी के महिने में वर्ष बदलता है फिर भी किसी जरूरी कागज में पिछले साल का वर्ष लिख देते है । उदा. प्रथम तास में तर्कशास्त्र पढ़ा है बाद में गुजराती तो तर्कशास्त्र गुजराती के शिक्षण में अनुक्रिया अवरोध हो जायेगा ।

प्रश्न 6.
स्मृति अवरोध किसे कहते हैं ?
उत्तर :
स्मृति अवरोध अर्थात् पहले सीखा हुआ या बाद में सीखा हुआ शिक्षण अवरोध बनता है । इसके दो प्रकार है :

  1. पूर्व क्रिया अवरोध एवं
  2. अनुक्रिया अवरोध ।

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प्रश्न 7.
स्मृति की परिभाषा लिखिये ।
उत्तर :
भूतकाल के अनुभवों को अर्थमय बनाकर वर्तमान परिस्थिति में पुन: जाग्रत करने की प्रक्रिया ।
– बर्नहार्ट एवं विलियम जेम्स

प्रश्न 8.
अन्तरीकृत पद्धति क्या है ?
उत्तर :
अध्ययन को लगातार करने के बजाय थोड़े-थोड़े भागों में बाँटकर अध्ययन करे तो वह प्रभावशाली बनता है जो अंतरीकृत पद्धति कहलाती है ।

प्रश्न 9.
‘PQRST’ में पूर्वदर्शन क्या है ?
उत्तर :
पूर्वदर्शन अर्थात् पाठ की विषय सूचि का अवलोकन करना, पाठ के मुख्य शीर्षक चित्र, आकृति, अध्यापन का सारांश आदि का अवलोकन करना ।

प्रश्न 10.
दीर्घकालीन स्मृति अर्थात् क्या ?
उत्तर :
यह एक चिरकालीन स्मृति है । इसकी संचय क्षमता बहुत अधिक होती है । दृश्य, प्रतीमा, ध्वनि, गंध-सुगन्ध का संचय दीर्घकालीन (LTM) है ।

प्रश्न 11.
मनन विरुद्ध पुन: वांचन क्या है ?
उत्तर :
वांचन करते-करते मनन अधिक लाभदायक है । वांचन करने के बाद मनन करने से यादशक्ति बढ़ती है । उसके बाद पुनरावहन करना चाहिए ।

प्रश्न 12.
घटनात्मक स्मृति क्या है ?
उत्तर :
यह दीर्घकालीन स्मृति का एक प्रकार है, जिसमें जीवन के सुखद या दुखद घटनाओं का संचय होता है । कई प्रसंग जो जीवन में कभी भी भूले नहीं जाते हमेशा याद रहते है ।

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प्रश्न 13.
अर्थात्मक स्मृति क्या है ?
उत्तर :
अर्थात्मक स्मृति यह भी दीर्घकालीन स्मृति का गौण विभाग है । जिसे दैनिक जीवन की वस्तु-सामग्री, तथ्यों का संगठित ज्ञान संचित होता है । इसमें गणित के सूत्र सरलतापूर्वक प्राप्त होते हैं ।

प्रश्न 14.
रीतिलक्षी स्मृति क्या है ?
उत्तर :
यह एक कौशल्य शक्ति को प्रकट करती है । जिसमें सीखी हुई वस्तु जीवनभर याद रहती है । जैसे कार, कम्प्यूटर, स्कूटर एक बार याद करके सीखने से जीवनभर याद रहता है ।

4. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये ।

1. सांवेदनिक स्मृति :
उत्तर :
संवेदन इन्द्रियों के द्वारा प्राप्त जानकारी का ज्ञान सुनना, देखना ये सब सांवेदनिक स्मृति । यह स्मृति का मुख्य प्रकार है । इसका समय बहुत ही कम होता है । जैसे दृश्य प्रतीमा सेकेन्ड के अमुक भाग तक ही सांवेदनिक स्मृति में रह पाता है । इसके दो प्रकार हैं :

  1. दृश्य प्रतीमा सम्बन्धी (Iconic Memory) एवं
  2. ध्वनि स्मृति (Echoic Memory) सुनी हुई आवाज, किसी वाहन का नम्बर एक सेकेन्ड से भी कम समय तक याद रहता है । इसे अधिक से अधिक सेकेन्ड तक ही संचय कर सकते हैं । इसमें संचित जानकारी अर्थात् स्वरूप में होती है ।

2. अल्पकालीन स्मृति :
उत्तर :
इसका आयुष्य संक्षिप्त एवं विस्तार मर्यादित होता है । टेलीफोन लगाने तक ही उसके नम्बर याद रहता है । इसकी अवधि 20 से 30 सेकेन्ड तक की होती है । इसे तत्कालीन स्मृति भी कहते हैं । इसका स्मृति विस्तार लगभग सात अंकों तक का होता है । ज्योर्ज ए. मिलर ने (1956) में एक प्रयोग के द्वारा छोटे से छोटे समूहों में व्यवस्थित अंकों को तालिका बनाकर याद रखा जा सकता है । एकमों का समूह बनाकर सामुहीकरण प्रयुक्ति का उपयोग लाभदायक होता है । इसका समय न्यूनतम 1 सेकेन्ड अधिक से अधिक 20 से 30 सेकेन्ड का समय होता है । इसे कामचलाऊ स्मृति भी कहते हैं ।

3. स्मृति अवरोध :
उत्तर :
स्मृति अवरोध विस्मृति का सबसे बड़ा कारण है । सीखी हुई सामग्री के पहले या बाद के शिक्षण का अवरोध वर्तमान शिक्षण का सबसे बड़ा अवरोध है, जो स्मृति को बहुत प्रभावित करता है । इसके दो प्रकार है :

  1. पूर्व क्रिया अवरोध एवं
  2. अनुक्रिया अवरोध ।

पूर्वक्रिया अवरोध : पहले याद की गई जानकारी के संग्रह में नया शिक्षण या अनुभव में अवरोधरूप बनता है । जैसे प्रथम तास में हमने मनोविज्ञान पढ़ा उसके बाद दूसरे तास में समाजशास्त्र पढ़ा तो मनोविज्ञान के अध्ययन में समाजशास्त्र के कारण जो अवरोध उत्पन्न होता है उसे पूर्वक्रिया अवरोध कहेंगे । इस विषय पर ‘जेकिन्स एवं डेलेनबाके’ ने प्रयोग भी किया जिसमें दो ग्रुप को एक निंद पूरी करने के बाद एक निंद लेने से पहले का ग्रुप निंद लेने के बादवाले ग्रुप को 50 से 60% याद रहा जबकि निंद के पूर्व याद करनेवाले ग्रुप को 10 से 15% ही याद रहा था ।

अनुक्रिया अवरोध : हम सब जानते हैं कि जनवरी में नया साल आने के बाद भी महत्त्वपूर्ण कागज चेकबुक में हम लोग पुराने साल की तारीख लिख देते हैं । इसे मनोवैज्ञानिक अनुक्रिया अवरोध कहते हैं । हमारी स्मृति में पहले से जो जानकारी संचित है यदि नई जानकारी याद करने में जो अवरोध उत्पन्न होता है उसे अनुक्रिया अवरोध कहते हैं । यदि प्रथम तास में अंग्रेजी पढ़े है और दूसरे तास में गुजराती सीखते है यदि अंग्रेजी गुजराती सीखने में अवरोध उत्पन्न करता है तो उसे निषेधक संक्रमण के रूप में जाना जाता है ।

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4. विस्मृति :
उत्तर :
गोल्डार्ड विस्मृति को एक निषेधक स्मृति कहते हैं । किसी भी जानकारी को सीखने के बाद पुनरावहन करने पर पूर्ण स्वरूप में न हो तो उसे विस्मृति कहते हैं ।

ज्यादातर लोग विस्मृति को एक श्राप गिनते हैं लेकिन यह एक वरदान भी है । जीवन के दुःखद प्रसंग हमेशा याद रहने पर कितना दुःख होता है । ‘विस्मृति एक निष्क्रिय मानसिक प्रक्रिया है ।’ – ‘ऐविग हॉस’

विस्मृति के निर्धारक :
(i) संकेताकन की निष्फलता
(ii) संचय की निष्फलता एवं
(iii) पुनः प्राप्ति की निष्फलता

(i) संकेतांकन की निष्फलता : हम रोज हजारों वस्तुओं को देखते है लेकिन उसमें से थोड़ी बहुत ही वस्तुएँ हैं जिनका संकेतांकन कर पाते हैं । कई बार देखी गई वस्तु भी सरलता से याद नहीं रहती है । इसके लिए संकेतांकन की निष्फलता है ।

(ii) संचय की निष्फलता – सीखी हुई वस्तु का संचय होने से उसका कायमी स्मृति में रूपांतर होता है लेकिन जब इस क्रिया में विक्षेप पड़ता है तो स्मृति नहीं होती है । यदि संवेदन प्रभावशाली न हो तो संचय नहीं होता है । जिसके कारण आवश्यकता पड़ने पर जानकारी पूर्ण स्वरूप में प्राप्त नहीं होती है । मस्तिष्क में चोट लगने से या डीफ्रसन में विद्युत के करन्ट से ईलाज कराने से भी संचय क्षमता नहीं हो पाती है ।

(iii) पुन: प्राप्ति की निष्फलता : किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखने से कई बार मिलती नहीं है । कई लोगों को जानने के बावजूद भी सामने आने पर उनका नाम याद नहीं आता है । इस प्रकार की विस्मृति को मनोवैज्ञानिक पुनः प्राप्ति की निष्फलता कहते हैं । ‘ऐन्डेल टुलविंग’ के अनुसार हमें जिस जानकारी का पुनरावहन करना हो वह कहाँ है ? खोजने की अशक्ति हो । लम्बे समय से वह दीर्घकालीन स्मृति होने के बाद भी पुनः प्राप्ति न हो तो उसे पुनः प्राप्ति की निष्फलता कहते हैं । ऐसी जानकारी याद करने में भूतकाल के अनुभव या गंध या पूर्व सन्दर्भ उपयोगी होते है ।

5. स्मृति सुधार :
उत्तर :
स्मृति सुधार में खासकर ज्ञान एवं महावरा की आवश्यकता पड़ती है । यहाँ कुछ प्रयुक्तियाँ भी की गई है ।

  • व्यवस्था : कोई भी वस्तु यथास्थान पर रखने से याद रह जाती है । जैसे बारह महिनों के नाम, सप्ताह के दिनों के नाम या abcd…. ये सब फटाफट याद रहते है । कोई भी वस्तु व्यवस्थित रखने से या व्यवस्था करने से स्मृति सुधार होता है ।
  • अतिशिक्षण : किसी वस्तु को बार-बार याद करने से याद रह जाती है । जैसे स्कूल में प्रार्थना, कविताएँ, गीत अतिशिक्षण के कारण हमेशा के लिए याद रह जाता है ।
  • अंतरीकृत विरुद्ध लगातार शिक्षण : याद रखने के लिए लगातार लम्बे समय तक पढ़ने के बजाय थोड़े-थोड़े समय में पाठ के छोटे-छोटे मुद्दे बनाकर याद रखने से याद शक्ति प्रबल बनती है । अंतरीकृत पद्धति तथ्यों एवं कौशल्य शिक्षण में महत्त्वपूर्ण है । लम्बे समय से नित्य थोड़ा-थोड़ा याद करने से याद रहता है ।
  • मनन विरुद्ध वांचन : वांचन करने के बाद कुछ समय के लिए मन में मनन, चिंतन या मंथन करना चाहिए । उससे वांचन प्रभावशाली बनता है । वांचन करना उसके बाद पुनरावहन करना तथा मनन करना यह स्मृति के लिए लाभदायक है ।
  • प्रथम अक्षर प्रयुक्ति : किसी जानकारी या प्रश्नों के जवाब याद करने के लिए शब्दसमूह में प्रथम अक्षर याद रखने से पूरा याद
    रह जाता है जैसे मेघधनुष के रंगों को याद करने के लिए ‘जानीवाली पीनारा’ से सब रंग याद रह जाते है ।
    इसके अलावा ‘थोमस एन्ड रॉबिन्सन’ की ‘PQRST’ पद्धति भी महत्त्वपूर्ण है ।

5. निम्न प्रश्नों के उत्तर विस्तारपूर्वक लिखिये ।

प्रश्न 1.
स्मृति की परिभाषा दीजिये एवं उसके सोपानों को समझाईये ।
उत्तर :
स्मृति : ‘स्मृति अर्थात् भूतकाल के अनुभवों को अर्थपूर्ण बनाकर वर्तमान परिस्थिति में पुनः जाग्रत करने की प्रक्रिया ।’
– ‘बर्नहार्ट एवं विलियम जेम्स’

स्मृति के सोपान :
(i) संकेतांकन
(ii) संचय
(iii) पुनः प्राप्ति ।

(i) संकेतांकन : यह स्मृति का प्रथम सोपान है । इसमें संवेदन छबि स्मृति में अंकित होती है । कई बार हमारे मस्तिष्क में बिना समान प्रयत्न के भी जानकारी के संकेत अंकित हो जाती है । कई बार सभानरूप से याद रखना चाहते है उन घटनाओं को सहचर्य से सक्षम बना सकते है । जैसे 2, अक्टूबर गाँधीजी के जन्मदिन के साथ किसी के जन्म दिन को याद रखना । सभानतापूर्वक एवं संभालकर संकेतांकन करने से याद रखना सरल होता है ।

(ii) संचय : यह स्मृति का दूसरा सोपान है । संकेतांकन की गई सामग्री को जतनपूर्वक रखना ही संचय है । संकेतांकन हुई जानकारी के संचय के लिए मस्तिष्क का किसी स्वरूप में परिवर्तन होना जरूरी है । इस परिवर्तन को ‘धनीकरण’ (Consolidation) के रूप में पहचाना जाता है । यह प्रक्रिया स्वयं संचालित है ।

(iii) पुनःप्राप्ति : यह स्मृति का तीसरा एवं अंतिम सोपान है । संचित सामग्री जरूरत पड़ने पर चेतन सपाटी पर आने पर यह क्रिया होती है।

उदा. कोई व्यक्ति के परिचय के बाद दूबारा वह व्यक्ति मिल जाय तथा उसका नाम लेकर हम कहे कि कैसे हो तो इसे पुनः प्राप्ति की प्रक्रिया कहेंगे । यह दो स्वरूप में होती है । ‘पुनरावहन’ एवं प्रत्यभिज्ञा ।

प्रश्न 2.
अल्पकालीन स्मृति एवं दीर्घकालीन स्मृति के बीच के अन्तर को समझाईये ।
उत्तर :
(1) अल्पकालीन स्मृति की अवधि 2 से 30 सेकेन्ड है । दीर्घकालीन स्मृति की कोई अवधि नहीं होती है ।

(2) अल्पकालीन स्मृति की संचय क्षमता ‘मिलर’ के मतानुसार सीमित 7 + 2 होती है । जबकि दीर्घकालीन स्मृति की संचय शक्ति अमर्यादित है ।

(3) अल्पकालीन स्मृति की विस्मृति का कारण उसके स्मृति चित्र नाश होने से होता है जबकि दीर्घकालीन स्मृति की विस्मृति लम्बे समय तक पुनरावहन न होने के कारण आंशिक विस्मृति होती है । जैसे किसी शहर में काफी समय के बाद जाने से रस्ता भूल जाना ।

(4) अल्पकालीन स्मृति की जानकारी का पुनरावहन आसानी से एवं अपने आप हो जाता है । जिससे आसानी से याद रह जाता है । जबकि दीर्घकालीन स्मृति का पुनरावहन काफी कठिन है । कोई व्यक्ति किसी विशेष परिस्थिति याद करने पर याद नहीं रख सकता परन्तु बाद में अपने आप बिना प्रयत्न का पुनरावहन हो जाता है । इस घटना को मनोवैज्ञानिक जीभ की नोक पर स्मृति की घटना (Tip of the tongue phenomenon) कहते हैं ।

(5) चेतातंत्र के शारीरिक सबूतों के अनुसार दीर्घकालीन स्मृति एवं अल्पकालीन स्मृति ऐसे दो प्रकार के स्मृति तंत्र हैं । जो अलग अलग नियम एवं सिद्धांतों पर निर्धारित है ।

प्रश्न 3.
विस्मृति की परिभाषा देकर उसके निर्धारकों को समझाईये ।
उत्तर :
‘विस्मृति एक निष्क्रिय मानसिक क्रिया है ।’ – ‘ऐविंग हॉस’
निर्धारक : विस्मृति का स्तर खूब जल्दी होता है ।
20 मिनिट में 58%, एक घंटे में 44%, एक दिन में 34%, छ दिन में 25%, ईकत्तीसवें दिन केवल 21%, ही याद रहता है । . हम सीखी हुई वस्तु सम्पूर्ण नहीं भूलते हैं ।

(1) संकेतांकन की निष्फलता : हम दैनिक जीवन के कई वस्तुओं के सम्पर्क में आने के बाद भी थोड़ी बहुत ही याद रहती है ।
हजारों बार देखी हुई वस्तु याद नहीं रहती है । इसका कारण हमारे मानस पटल पर संकेतांकन की निष्फलता ही है । हममें से बहुत कम लोग जानते होंगे कि हमारे देश में चलनेवाली नोट (रुपिया) में कितनी भाषाओं में नोट का नाम लिखा है ।

(2) संचय की निष्फलता : सीखी हुई वस्तु के दृढ़ीकरण से स्मृति कायमी बन जाती है । संवेदन प्रभावशाली न हों तो जानकारी संचित नहीं होती है तथा जरूरत पड़ने पर पूर्ण स्वरूप में याद नहीं आती है । इसका मुख्य कारण संचय की निष्फलता ही है । मस्तिष्क की चोट या तनाव (डिप्रेसन) की दवा या विद्युत के करंट के ईलाज के कारण भी संचय सही रूप से नहीं होता है ।

(3) पुन: प्राप्ति की निष्फलता : एक वस्तु सही जगह न रखने पर जरूरत पड़ने पर वह वस्तु नहीं मिलती है । जैसे मित्र के घर जाने पर पूर्व परिचित व्यक्ति मिलने पर नाम याद न आने पर हम असमंजस में पड़ते है । चेहरे से हम जानते है, परन्तु नाम याद न आने पर यह स्थिति आती है यह पुनः प्राप्ति की ही निष्फलता है । टुलविंग के अनुसार जिन जानकारियों को प्रयोगपात्र भूल गया हो यदि उन्हें जानकारी के संकेत दिये जाये तो उनको स्मृति की पुनः प्राप्ति हो सकती है । उदा. अमुक गन्ध या अनुभव से जानकारी याद आ जाती है तथा जानकारी को संदर्भ से जोड़ने पर भी पुनः प्राप्ति हो सकती है ।

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प्रश्न 4.
स्मृति अवरोध :
उत्तर :
स्मृति अवरोध विस्मृति का सबसे बड़ा कारण है । सीखी हुई सामग्री के पहले या बाद के शिक्षण का अवरोध वर्तमान शिक्षण का सबसे बड़ा अवरोध है, जो स्मृति को बहुत प्रभावित करता है । इसके दो प्रकार है :
(i) पूर्व क्रिया अवरोध एवं
(ii) अनुक्रिया अवरोध ।

पूर्वक्रिया अवरोध : पहले याद की गई जानकारी के संग्रह में नया शिक्षण या अनुभव में अवरोधरूप बनता है । जैसे प्रथम तास में हमने मनोविज्ञान पढ़ा उसके बाद दूसरे तास में समाजशास्त्र पढ़ा तो मनोविज्ञान के अध्ययन में समाजशास्त्र के कारण जो अवरोध उत्पन्न होता है उसे पूर्वक्रिया अवरोध कहेंगे । इस विषय पर ‘जेकिन्स एवं डेलेनबाके’ ने प्रयोग भी किया जिसमें दो ग्रुप को एक निंद पूरी करने के बाद एक निंद लेने से पहले का ग्रुप निंद लेने के बादवाले ग्रुप को 50 से 60% याद रहा जबकि निंद के पूर्व याद करनेवाले ग्रुप को 10 से 15% ही याद रहा था ।

अनुक्रिया अवरोध : हम सब जानते हैं कि जनवरी में नया साल आने के बाद भी महत्त्वपूर्ण कागज चेकबुक में हम लोग पुराने साल की तारीख लिख देते हैं । इसे मनोवैज्ञानिक अनुक्रिया अवरोध कहते हैं । हमारी स्मृति में पहले से जो जानकारी संचित है यदि नई जानकारी याद करने में जो अवरोध उत्पन्न होता है उसे अनुक्रिया अवरोध कहते हैं । यदि प्रथम तास में अंग्रेजी पढ़े है और दूसरे तास में गुजराती सीखते है यदि अंग्रेजी गुजराती सीखने में अवरोध उत्पन्न करता है तो उसे निषेधक संक्रमण के रूप में जाना जाता है ।

प्रश्न 5.
स्मृति सुधार की प्रयुक्तियों को समझाईये ।
उत्तर :
स्मृति सुधार में खासकर ज्ञान एवं महावरा की आवश्यकता पड़ती है । यहाँ कुछ प्रयुक्तियाँ भी की गई है ।

  • व्यवस्था : कोई भी वस्तु यथास्थान पर रखने से याद रह जाती है । जैसे बारह महिनों के नाम, सप्ताह के दिनों के नाम या abcd…. ये सब फटाफट याद रहते है । कोई भी वस्तु व्यवस्थित रखने से या व्यवस्था करने से स्मृति सुधार होता है ।
  • अतिशिक्षण : किसी वस्तु को बार-बार याद करने से याद रह जाती है । जैसे स्कूल में प्रार्थना, कविताएँ, गीत अतिशिक्षण के कारण हमेशा के लिए याद रह जाता है ।
  • अंतरीकृत विरुद्ध लगातार शिक्षण : याद रखने के लिए लगातार लम्बे समय तक पढ़ने के बजाय थोड़े-थोड़े समय में पाठ के छोटे-छोटे मुद्दे बनाकर याद रखने से याद शक्ति प्रबल बनती है । अंतरीकृत पद्धति तथ्यों एवं कौशल्य शिक्षण में महत्त्वपूर्ण है । लम्बे समय से नित्य थोड़ा-थोड़ा याद करने से याद रहता है ।
  • मनन विरुद्ध वांचन : वांचन करने के बाद कुछ समय के लिए मन में मनन, चिंतन या मंथन करना चाहिए । उससे वांचन प्रभावशाली बनता है । वांचन करना उसके बाद पुनरावहन करना तथा मनन करना यह स्मृति के लिए लाभदायक है ।
  • प्रथम अक्षर प्रयुक्ति : किसी जानकारी या प्रश्नों के जवाब याद करने के लिए शब्दसमूह में प्रथम अक्षर याद रखने से पूरा याद
    रह जाता है जैसे मेघधनुष के रंगों को याद करने के लिए ‘जानीवाली पीनारा’ से सब रंग याद रह जाते है ।
    इसके अलावा ‘थोमस एन्ड रॉबिन्सन’ की ‘PQRST’ पद्धति भी महत्त्वपूर्ण है ।

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