GSEB Solutions Class 11 Secretarial Practice Chapter 6 विज्ञापन पत्र

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 11 Commercial Correspondence and Secretarial Practice Chapter 6 विज्ञापन पत्र Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

Gujarat Board Textbook Solutions Class 11 Secretarial Practice Chapter 6 विज्ञापन पत्र

GSEB Class 11 Secretarial Practice विज्ञापन पत्र Text Book Questions and Answers

स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिये गये विकल्पों में से सही विकल्प पसन्द करके दीजिए ।

प्रश्न 1.
दीवानी जिम्मेदारी में गुनेहगार को कैसी सजा होती है ?
(A) दण्ड होता है ।
(B) दण्ड अथवा कैद होती है ।
(C) दण्ड और कैद दोनों होता है ।
(D) कुछ नहीं होता ।
उत्तर :
(D) कुछ नहीं होता ।

प्रश्न 2.
फोजदारी जिम्मेदारी में गुनेहगार को क्या होता है ?
(A) कैद होती है ।
(B) दण्ड होता है ।
(C) प्रथम बार गुनाह करने पर माफ किया जाता है ।
(D) दण्ड और कैद अथवा दोनों होती है ।
उत्तर :
(D) दण्ड और कैद अथवा दोनों होती है ।

प्रश्न 3.
विज्ञापन पत्र के बारे में इनमें से कौन-सी बात सत्य नहीं है ?
(A) कम्पनी द्वारा प्रस्तुत किया जानेवाला दस्तावेज है ।
(B) विज्ञापन पत्र लिखित स्वरूप में होना चाहिए ।
(C) विज्ञापन पत्र में कम्पनी का नाम होता है ।
(D) रजिस्ट्रार के पास पंजिकृत करवाना अनिवार्य नहीं है ।
उत्तर :
(D) रजिस्ट्रार के पास पंजिकृत करवाना अनिवार्य नहीं है ।

प्रश्न 4.
आम जनता को शेयर खरीदने के लिए कम्पनी किस तरह अरजी ले सकती है ?
(A) अरजी पत्र छाप सकती है ।
(B) अरजी पत्र नहीं छाप सकती है ।
(C) लघु विज्ञापन पत्र साथ में छाप सकता है ।
(D) कागज पर अरजी ले सकता है ।
उत्तर :
(C) लघु विज्ञापन पत्र साथ में छाप सकता है ।

प्रश्न 5.
भरपाई की रकम मिलती है तब कहाँ जमा करनी पड़ती है ?
(A) अलग शिड्युल बैंक में अलग खाता खुलवाकर जमा करानी पड़ती है ।
(B) राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा करानी पड़ती है ।
(C) कम्पनी के चालू खाते में जमा करानी पड़ती है ।
(D) संचालक के खाते में जमा करानी पड़ती है ।
उत्तर :
(A) अलग शिड्युल बैंक में अलग खाता खुलवाकर जमा करानी पड़ती है ।

प्रश्न 6.
निजी नियुक्ति में भरपाई का वितरण कितने दिन में करना पड़ता है ?
(A) 15
(B) 60
(C) 75
(D) 90
उत्तर :
(B) 60

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प्रश्न 7.
विज्ञापन पत्र …………………………
(A) छपवाना जरूरी नहीं ।
(B) छापना जरूरी है ।
(C) मौखिक स्वरूप में हो चलता है ।
(D) फुटकर माहिती स्वरूप में होता है ।
उत्तर :
(B) छापना जरूरी है ।

प्रश्न 8.
संचालकों के दीवानी दायित्व/जिम्मेदारी में क्या होता है ?
(A) जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करनी पड़ती है ।
(B) प्रथम बार कोई जिम्मेदारी उत्पन्न नहीं होती है ।
(C) संभवित नुकसान भरपाई करनी पड़ती है ।
(D) लाभ में जो नुकसान हो तो भरपाई करनी पड़ती है ।
उत्तर :
(A) जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करनी पड़ती है ।

प्रश्न 9.
निजी नियुक्ति में बाहर के कितने व्यक्तियों को प्रस्ताव दिया जा सकता है ? ।
(A) 50
(B) 30
(C) 20
(D) 10
उत्तर :
(A) 50

प्रश्न 10.
कम्पनी के अंश या ऋणपत्र सार्वजनिक जनता को क्रय करने हेतु जो आमंत्रण के रूप में दिया जाता है वह कहलाता है ।
(A) जमानती करार
(B) विज्ञापन पत्र
(C) आवेदन-पत्र
(D) टेबल ‘अ’
उत्तर :
(B) विज्ञापन पत्र

प्रश्न 11.
यदि लघुत्तम भरपाई जितनी रकम प्राप्त न हो व कम पड़नेवाली रकम के अंश कौन खरीद लेते है ?
(A) प्रवर्तक
(B) ऋणपत्र धारक
(C) जमानती दलाल
(D) साझेदारी संस्था
उत्तर :
(C) जमानती दलाल

प्रश्न 12.
प्रतिभू दलाल को उनके कार्य के बदले में जो कमिशन दिया जाता है उन्हें क्या कहते है ?
(A) बट्टा
(B) दलाली
(C) लाभांश
(D) प्रतिभू कमिशन
उत्तर :
(D) प्रतिभू कमिशन

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प्रश्न 13.
पंजीकरण की तारीख के कितने दिनों के अन्दर विज्ञापन पत्र निर्गमित किया जाता है ?
(A) 120 दिन
(B) 90 दिन
(C) 10 दिन
(D) 130 दिन
उत्तर :
(B) 90 दिन

प्रश्न 14.
अस्तित्ववाली या व्यवसायरत हो ऐसी कम्पनी के विज्ञापन पत्र का वृत्तान्त में पिछले कितने वर्ष का लाभ-हानि खाता, पक्की तलपट
और लाभ-हानि सम्बन्धी वितरण में देना पड़ता है ?
(A) 2 वर्ष
(B) 5 वर्ष
(C) 10 वर्ष
(D) 12 वर्ष
उत्तर :
(B) 5 वर्ष

प्रश्न 15.
विज्ञापन पत्र किस कम्पनी को नहीं बनाना पड़ता ?
(A) निजी कम्पनी
(B) सार्वजनिक कम्पनी
(C) शासक कम्पनी
(D) सरकारी कम्पनी
उत्तर :
(A) निजी कम्पनी

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए ।

प्रश्न 1.
निवेशकर्ता कौन से दस्तावेज के आधार पर निवेश करने का निर्णय लेते है ?
उत्तर :
निवेशकर्ता विज्ञापन पत्र के आधार पर निवेश करने का निर्णय लेते है ।

प्रश्न 2.
स्थापकों के योगदान का उल्लेख्न किसमें किया जाता है ?
उत्तर :
स्थापकों के योगदान का उल्लेख विज्ञापन पत्र में किया जाता है ।

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प्रश्न 3.
धन्धे का चालक बल क्या है ?
उत्तर :
धन्धे का चालक बल पूँजी है ।

प्रश्न 4.
विज्ञापन पत्र प्रकाशन की तारीख कौन-सी मानी जाती है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में जो तारीख लिखी गई है वो ही विज्ञापन पत्र की प्रकाशन की तारीख मानी जाती है ।

प्रश्न 5.
कम्पनी आम जनता के पास से किस स्वरूप में पूँजी एकत्रित करती है ?
उत्तर :
शेयर व डिबेन्चर तथा अन्य जामिनगिरीओं द्वारा कम्पनी आम जनता के पास से पूँजी एकत्रित करती है ।

प्रश्न 6.
निजी नियुक्ति में प्राप्त पूँजी कहाँ रखी जाती है ?
उत्तर :
निजी नियुक्ति में प्राप्त पूँजी शिड्युल बैंक में रखी जाती है ।

प्रश्न 7.
निजी नियुक्ति में भरपाई का वितरण कितने दिन में करना पड़ता है ?
उत्तर :
निजी नियुक्ति में भरपाई का वितरण 60 दिन में करना पड़ता है ।

प्रश्न 8.
विज्ञापन पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाती है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र बनाने हेतु निर्मित समिति या सोलिसिटर को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है ।

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प्रश्न 9.
विज्ञापन पत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र अर्थात् विज्ञापन । सार्वजनिक कम्पनी शेयर पूँजी या डिबेन्चर अथवा अन्य जामिनगिरीओं द्वारा पूँजी प्राप्त करने हेतु आम जनता को जो आमंत्रण दिया जाये उन्हें विज्ञापन पत्र कहा जाता है ।

प्रश्न 10.
विज्ञापन पत्र पंजिकृत कराने के कितने दिनों में बाहर प्रस्तुत किया जा सकता है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र पंजिकृत कराने के 90 दिनों में बाहर प्रस्तुत किया जा सकता है ।

प्रश्न 11.
निजी नियुक्ति में जो भरपाई हुई है, उनका वितरण न किया जाए तो कितने दिन में रकम वापस लौटानी पड़ती है ?
उत्तर :
60 दिन पूरे होने के बाद के 15 दिनों में रकम लौटाई जाती है ।

प्रश्न 12.
यदि लघुत्तम भरपाई की रकम विज्ञापन पत्र में दर्शायी न गई हो तो कौन-सी रकम को लघुत्तम भरपाई की रकम गिना जाता है ?
उत्तर :
यदि लघुत्तम भरपाई की रकम विज्ञापन पत्र में न दर्शायी गई हो तो निर्गमित की गई पूँजी को लघुत्तम भरपाई की रकम गिना जाता है ।

प्रश्न 13.
प्रतिभू कमिशन किसे कहते हैं ?
उत्तर :
प्रतिभू दलाल कम्पनी को विश्वास दिलाते है कि यदि लघुत्तम भरपाई जितनी रकम प्राप्त न हो तो कम पड़ती रकम के शेयर स्वयं क्रय कर लेंगे । उपरोक्त कार्य के बदले में उनको दिये जानेवाले कमीशन को प्रतिभू कमिशन कहते हैं ।

प्रश्न 14.
प्रतिभू कमिशन कब नहीं दिया जा सकता है ?
उत्तर :
यदि कम्पनी द्वारा शेयर या ऋणपत्र आमजनता के लिए निर्गमित न किया जाए तब प्रतिभू कमिशन नहीं दिया जा सकता है ।

प्रश्न 15.
कम्पनी कानून में किसलिए लघुत्तम भरपाई की व्यवस्था की गई है ?
उत्तर :
अंशधारियों के हितों का रक्षण करने के लिए कम्पनी कानून में लघुत्तम भरपाई की व्यवस्था की गई है ।

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प्रश्न 16.
सार्वजनिक कम्पनी का अंश वितरण का कार्य कब अस्वीकृत हो सकता है ?
उत्तर :
सार्वजनिक कम्पनी का अंश वितरण का कार्य निम्न स्थिति में अस्वीकृत हो सकता है । विज्ञापन पत्र के बदला का निवेदन सार्वजनिक कम्पनी द्वारा पंजिकृत कराने के बाद ही शेयर वितरण का कार्य हो सकता है, परन्तु उसके पहले शेयर वितरण का कार्य किया जाये, तो वह अंश वितरण का कार्य अस्वीकृत हो सकता है ।

प्रश्न 17.
यदि कम्पनी को लघुत्तम भरपाई की रकम न मिले तो कितने दिन में शेयर आवेदन की रकम वापस करनी पड़ती है ?
उत्तर :
यदि कम्पनी को लघुत्तम भरपाई की रकम न मिले तो उसके बाद के 30 दिनों में न मिले तो प्राप्त रकम शेयर आवेदन की रकम लौटानी पड़ती है ।

प्रश्न 18.
लघुत्तम भरपाई किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कम्पनी अपनी योजना के अनुसार व्यवस्थित धन्धा प्रारम्भ कर सके इसके लिए कम से कम रकम शेयर आम जनता द्वारा खरीदे । जाये तो उन्हें लघुत्तम भरपाई कहते हैं ।

प्रश्न 19.
विज्ञापन पत्र कौन-से स्वरूप में हो सकता है ? ।
उत्तर :
विज्ञापन नोटिस, परिपत्र या विज्ञापन के रूप में हो सकता है ।

प्रश्न 20.
अन्डराइटिंग (Underwriting) का क्या उद्देश्य होता है ?
उत्तर :
निश्चित समय मर्यादा में लघुत्तम भरपाई जितनी रकम एकत्रित हो जायेगी ऐसा विश्वास प्राप्त करना अर्थात् शेयर अन्डर्राइटिंग ।

प्रश्न 21.
कम्पनी के शेयरधारकों की जिम्मेदारी किस प्रकार की हो सकती है ?
उत्तर :
कम्पनी के शेयरधारकों की जिम्मेदारी असीमित, सीमित या गारन्टी द्वारा सीमित हो सकती है ।

प्रश्न 22.
निर्गमित पूँजी किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कम्पनी अपनी अधिकृत पूँजी में से जितनी पूँजी आमजनता के समक्ष बेचने के लिए रख्ने उसे निर्गमित पूँजी (Issued Capital) के रूप में माना जाता है ।

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प्रश्न 23.
भरपाई पूँजी (Subscribed Capital) किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कम्पनी द्वारा जितनी पूँजी आमजनता को बेचने के लिए निर्गमित की हो उसमें से जितने प्रमाण में जनता द्वारा आवेदन-पत्र प्राप्त हुए हो उसे भरपाई पूँजी कहते हैं ।

प्रश्न 24.
‘लिस्टिंग’ (Listing) संज्ञा समझाइए ।
उत्तर :
शेयरबाजार में शेयरों का अधिकृत लेनदेन का सौदा करने के लिए शेयर बाजार की सूचि में शेयर का समावेश करना लिस्टिंग कहलाता है । इसके लिए कम्पनी को शेयर बाजार द्वारा निश्चित नियमों का पालन करना पड़ता है ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में दीजिए ।

प्रश्न 1.
शेयर बाँयधरी/गारन्टी के करार किसके साथ किये जाते है ?
उत्तर :
नई स्थापित कम्पनी दलालों अथवा मध्यस्थिओं के साथ बाँयधरी करार अर्थात् अन्डर्राइटर्स करार करते है ।

प्रश्न 2.
लघुत्तम भरपाई जितनी रकम न भरी जाये तो उनका कैसा प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में दर्शायी हुई रकम अर्थात् लघुत्तम भरपाई जितनी रकम न मिले तो कम्पनी द्वारा शेयर वितरण नहीं हो सकता है ।

प्रश्न 3.
विज्ञापन पत्र में किन किन की लिखित संमति जरूरी है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में दर्शाए हुए निष्णातों का नाम छपवाना होता है इसलिए उनकी लिखित संमति लेनी चाहिए |

प्रश्न 4.
निजी नियुक्ति में प्रस्ताव किसे दिया जा सकता है ?
उत्तर :
निजी नियुक्ति में समस्त प्रस्ताव केवल ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता है, जिसके नाम कम्पनी द्वारा भरपाई के लिए आमंत्रण देने से पहले पंजिकृत हो ऐसे व्यक्तियों के नाम से प्रस्ताव दिया जायेगा ।

प्रश्न 5.
विज्ञापन पत्र में अन्य गुनाह के लिए किस प्रकार की जिम्मेदारी होती है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में अन्य गुनाह के लिए निम्न जिम्मेदारी होती है :

  1. विज्ञापन पत्र कानूनी स्वरूप का न हो अथवा उसमें आवश्यक विवरण न दिया जाये तो डायरेक्टर या अधिकृत व्यक्ति जिम्मेदार होता है।
  2. रजिस्ट्रार समक्ष पंजिकृत करवाने के बाद ही प्रस्तुत किया जा सकता है । विज्ञापन पत्र में तारीख और अधिकृत व्यक्तियों की सही होनी चाहिए । यदि इसका पालन न किया जाये तो विज्ञापन पत्र प्रस्तुत करनेवाला व्यक्ति दण्ड के पात्र हो सकता है ।
  3. निष्णातों के निवेदन के बारे में व्यवस्थाओं का पालन न किया जाये तो विज्ञापन पत्र प्रस्तुत कर्ता दण्ड तथा सजा के पात्र बनता है ।

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प्रश्न 6.
विज्ञापन पत्र में कौन से अधिकारियों को शामिल किया जाता है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में कम्पनी सेक्रेटरी, मुख्य वित्तीय अधिकारी, ऑडिटर, कानूनी सलाहकार, बेन्कर, ट्रस्टी, अन्डर्राइटर्स आदि को शामिल किया जाता है ।

प्रश्न 7.
निजी कम्पनी विज्ञापन पत्र निर्गमित नहीं कर सकती ।
उत्तर :
उपरोक्त कथन सत्य है । निजी कम्पनी पंजीकरण का प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद अपना व्यवसाय प्रारम्भ कर सकती है । इन्हें व्यवसाय प्रारम्भ करने का प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होती । अत: निजी कम्पनी को विज्ञापन पत्र निर्गमित करने की व्यवस्था लागू नहीं पड़ती । निजी कम्पनी आमजनता को पूँजी निवेश करने के लिये आमंत्रित नहीं कर सकती अतः निजी कम्पनी विज्ञापन
पत्र निर्गमित नहीं कर सकती है ।

प्रश्न 8.
विज्ञापन पत्र एक जाहिर खबर (विज्ञापन) है । विधान समझाइए ।
उत्तर :
विज्ञापन पत्र कोई जाहिर खबर नहीं है । निम्नलिखित रिक्त विवरण के आधार पर यह स्पष्ट होता है ।

  • विज्ञापन किसी भी स्वरूप में हो सकता है जबकि विज्ञापन पत्र कम्पनी कानून के अनुसार तैयार किया जाता है और मुख्यत: पुस्तिका स्वरूप में होता है ।
  • विज्ञापन में हम जो चाहे वो विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं जबकि विज्ञापन पत्र में कम्पनी कानून की व्यवस्था के अनुसार विवरण प्रस्तुत किया जाता है ।
  • विज्ञापन में कितनी बार बढ़ा-चढ़ाकर वास्तविकता से हटकर विवरण प्रस्तुत किया जाता है जबकि विज्ञापन पत्र में वास्तविकता से हटकर विवरण प्रस्तुत नहीं कर सकते है । विज्ञापन पत्र में महत्त्व के मुद्दों को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं, परन्तु उसके कारण वह विज्ञापन नहीं बनता है ।

आम जनता इसका गलत अर्थ न समझे इसके लिए विज्ञापन में स्पष्ट लिखा जाता है कि ‘यह विज्ञापन के रूप में है न कि विज्ञापन पत्र नहीं।’

प्रश्न 9.
विज्ञापन पत्र दर्पण (शीशा) जैसा स्वच्छ और पानी जैसा पारदर्शक होना चाहिए । विधान समझाइए ।
उत्तर :
विज्ञापन पत्र कम्पनी का प्रतिबिम्ब दर्शानेवाले शीशे की तरह है । आम जनता विज्ञापन पत्र को पढ़कर विनियोगकर्ता कम्पनी में पूँजी लगाने या न लगाने का निर्णय लेते हैं । विज्ञापन पत्र में दर्शायी जानेवाली जानकारी असत्य या वास्तविकता से परे नहीं होनी चाहिए । विज्ञापन पत्र में कम्पनी का भावि चेहरा कैसा होगा यह दर्शाया जाता है । विज्ञापन पत्र द्वारा जनता में भ्रम पैदा करे, गलत राय दिखाये, असत्य या अर्धसत्य विवरण दर्शाकर ललचाने का या ठगने का प्रयास किया जाए यह अनुचित है । आम जनता को विज्ञापन पत्र के द्वारा अपनी पूँजी की सुरक्षा, भविष्य में मिलनेवाले प्रतिफल की दर, विनियोग मूल्य में होनेवाली वृद्धि आदि की जानकारी मिल सकती है । इसलिए कहा जाता है कि विज्ञापन पत्र आम जनता के साथ विश्वासपात्र वर्ताव प्रस्तुत करनेवाला दर्पण जैसा स्वच्छ और पानी जैसा पारदर्शक अत्यन्त महत्त्व का दस्तावेज है ।

4. निम्न प्रश्नों के उत्तर मुद्दासर दीजिए ।

प्रश्न 1.
विज्ञापन पत्र का अर्थ बताइए ।
उत्तर :
कम्पनी द्वारा पूँजी एकत्रित करने के लिए आम जनता को जो दस्तावेज के माध्यम से आमंत्रण दिया जाता है उन्हें विज्ञापन पत्र कहते हैं ।

प्रश्न 2.
विज्ञापन पत्र के लक्षण बताइए ।
उत्तर :
विज्ञापन पत्र के लक्षण निम्नलिखित होते है :

  1. विज्ञापन पत्र लिखित होना चाहिए ।
  2. विज्ञापन पत्र यह आमजनता को अंश करने का आमंत्रण है ।
  3. विज्ञापन पत्र नोटिस, परिपत्र अथवा सामान्य समाचारपत्र के स्वरूप में होना चाहिए ।
  4. विज्ञापन पत्र के स्वरूप के बारे में कानूनी कोई व्यवस्था नहीं है अतः विज्ञापन पत्र के स्वरूप का कोई महत्त्व नहीं । लेकिन इसके संदेश द्वारा आमजनता को दिये जानेवाले आमंत्रण का महत्त्व है ।

प्रश्न 3.
फौजदारी जिम्मेदारी किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
इरादापूर्वक विज्ञापन पत्र में गलत प्रस्तुती करके जनता को आर्थिक नुकसान पहुँचाये तो फौजदारी गुनाह बनता है । कपटयुक्त प्रस्तुती करके निवेश करने हेतु ललचावे और इससे आकर्षित होकर निवेशकर्ता निवेश करे तथा उन्हें नुकसान पहुँचाएँ तो विज्ञापन पत्र में दर्शाए हुए समस्त अधिकारी दण्ड व कैद अथवा दोनों की सजा हो सकती है । जिसे फौजदारी जिम्मेदारी कहते हैं ।

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प्रश्न 4.
सेक्रेटरी द्वारा रजिस्ट्रार के पास विज्ञापन पत्र पंजिकृत कराने से पहले कौन-सी बातों को देखना पड़ता है ?
उत्तर :
सेक्रेटरी द्वारा रजिस्ट्रार के पास विज्ञापन पत्र पंजिकृत कराने से पहले निम्न बातों को देखना पड़ता है :

  1. विज्ञापन पत्र में जो तारीख लिखी है उसकी जाँच करना
  2. कम्पनी अधिनियम के अनुसार समस्त विवरण और अहेवाल (वृत्तान्त) शामिल है या नहीं यह देखना कर्तव्य है ।

प्रश्न 5.
लघुत्तम भरपाई किसे कहते हैं ?
उत्तर :
कम्पनी अपनी योजना के अनुसार व्यवस्थित धन्धा आरम्भ कर सके इसके लिए कम से कम रकम के शेयर आम जनता को खरीदी करे तो लघुत्तम भरपाई कहा जाता है ।

प्रश्न 6.
दिवानी जिम्मेदारी किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
गलत प्रस्तुती, कपटयुक्त प्रस्तुती से आकर्षित होकर निवेशक, निवेश करे और उन्हें आर्थिक नुकसान हो तो वह भरपाई करने की जिम्मेदारी, विज्ञापन पत्र में दर्शाए हुए अधिकारी की रहती है, जिसे दिवानी जिम्मेदारी कहते हैं ।

प्रश्न 7.
प्रोजेक्ट के बारे में कौन-सी बातों का समावेश विज्ञापन पत्र में किया जाता है ?
उत्तर :
प्रोजेक्ट के बारे में निम्न बातों का समावेश होता है :

  • संचालकों का ख्याल तथा उसमें स्थित जोखिम
  • प्रोजेक्ट के लिए इन्तजार करने का समय
  • प्रोजेक्ट में हुई प्रगति
  • प्रोजेक्ट होने का समय
  • विज्ञापन पत्र प्रस्तुत करने के आगे के पाँच वर्ष दौरान कम्पनी के स्थापक के सामने कोई मुकदमा चल रहा हो, कोई कानूनी कार्यवाही चल रही हो अथवा सरकारी विभाग द्वारा स्थापक के सामने मुकदमा किया गया हो अथवा कोई कानूनी कार्यवाही की गई हो तो इनके बारे में जानकारी देनी पड़ती है ।

प्रश्न 8.
विज्ञापन पत्र में गनाहित विश्वासघात के बारे में जिम्मेदारी बताइए ।
उत्तर :
जो व्यक्ति जान-बुझकर गैरजिम्मेदाराना निवेदन करे या गलत वचन दे, उसमें से महत्त्वपूर्ण हकीकत छुपाएँ, अप्रमाणिकता से छुपावे और इस तरह से कम्पनी के शेयर या डिबेन्चर में पूँजी लगाने के लिए आकर्षित करे ऐसा व्यक्ति गुनाहित विश्वासघात या धोखाधड़ी के गुनाह के लिए जिम्मेदार हो सकते है तथा उन्हें दण्ड/कैद अथवा दोनों की सजा हो सकती है ।

प्रश्न 9.
धन्धा चालू हो ऐसी कम्पनी को विज्ञापन पत्र में कौन-सी अतिरिक्त जानकारी देनी पड़ती है ?
उत्तर :
धन्धा चालू हो ऐसी कम्पनी को विज्ञापन पत्र निम्न अतिरिक्त जानकारी देनी पड़ती है :
(A) कम्पनी का लाभ-हानि खाता, पक्की तलपट (Balance Sheets) इसके बारे में अंकेक्षक (Auditor) का विवरण |
(B) विज्ञापन पत्र प्रस्तुत करने पहले के पाँच वर्ष का लाभ-हानि खाता का विवरण, सहायक शाखा के विवरण ।
(C) प्राप्त की गई जामिनगीरी का उपयोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जिसमें करना है, उस धन्धे की जानकारी ।

प्रश्न 10.
लघुत्तम भरपाई का महत्त्व समझाइए ।
उत्तर :
निवेशकों के हितों के रक्षण के लिए कम्पनी कानून में लघुत्तम भरपाई की व्यवस्था की गई है । लघुत्तम भरपाई की रकम प्राप्त हुई हो तो ही शेयर या अन्य जामिनगिरी का वितरण किया जा सकता है ।

कई अप्रमाणिक या बिनअनुभवी संचालक कम्पनी की स्थापना कम पूँजी से कर लेते है । जिसके कारण धन्धा व्यवस्थित रूप से चलाया नहीं जा सकता और उसमें रकम लगानेवाली आमजनता को अपनी पूँजी खोनी पड़ती हैं । इसलिए लघुत्तम भरपाई की व्यवस्था कानूनी रूप से अनिवार्य है । कम्पनी कानून 2013 अनुसार विज्ञापन पत्र निर्गमित करने की तारीख से 30 दिनों में लघुत्तम भरपाई की रकम न मिले अथवा SEBI सेबी द्वारा दर्शाए गए समय के दौरान न मिले तो वह रकम सेबी के निर्देशानुसार वापस करनी पड़ती है ।

यदि इस नियम का उल्लंघन किया जाये तो जिम्मेदार अधिकारी सजा के पात्र होता है । जब शेयर का वितरण किया जाये तब कम्पनी रजिस्ट्रार के पास उसका पंजियन कराना पड़ता है ।

लघुत्तम भरपाई जितनी रकम न भरी जाये तो उनके प्रभाव जिस कम्पनी के पास लघुत्तम भरपाई जितनी अरजी न आवे तो –

  1. कम्पनी शेयर का वितरण नहीं कर सकती ।
  2. आवेदकों को सेबी के निर्देश के अनुसार रकम वापस करनी पड़ती है ।
  3. सार्वजनिक कम्पनी इस व्यवस्था का उल्लंघन करें तो जिम्मेदार अधिकारी दण्ड का पात्र होता है ।

प्रश्न 11.
शेयर जामिनगिरी का करार न किया जाये तो कैसी समस्याएँ उत्पन्न होती है ?
उत्तर :
शेयर जामिनगिरी का करार न किया जाये तो निम्न समस्याएँ उत्पन्न होती है :

  1. लघुत्तम भरपाई जितनी रकम नहीं मिलेगी तो कम्पनी की प्रतिष्ठा में कमी आएगी ।
  2. कम्पनी की भावी सफलता की सम्भावनाएँ कम होगी ।
  3. शेयर बाजार में कम्पनी के बारे में नकारात्मक परिस्थिति खड़ी होती है ।

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5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से दीजिए ।

प्रश्न 1.
निजी नियुक्ति के बारे में कम्पनी अधिनियम की व्यवस्थाएँ बताइए ।
उत्तर :
निजी नियुक्ति के बारे में कम्पनी अधिनियम की निम्न व्यवस्थाएँ है :

  1. इस प्रकार की भरपाई के बारे में समस्त रकम चेक से, ड्राफ्ट से अथवा बैंक के व्यवहारों द्वारा भर सकते हैं । रोकड से ऐसी भरपाई की रकम नहीं भर सकते ।
  2. इस प्रकार से प्राप्त भरपाई का वितरण 60 दिन में करना होता है । यदि 60 दिन में संचालक ऐसा वितरण न करे तो आवेदनकर्ताओं को 60 दिन पूरा होने के बाद के 15 दिनों में रकम वापस लौटानी पड़ती है ।
  3. यदि रकम 15 दिन में वापस न करें तब कम्पनी को 60 दिन पूरा होने के दिन से रकम वापस करें उस तारीख तक वार्षिक 12% की दर से ब्याज चुकाना पड़ता है ।
  4. शिड्युल बैंक में इस प्रकार की प्राप्त रकम अलग खाते में रखी जाती है ।
  5. इसके लिए इसमें समाविष्ट समस्त प्रस्ताव ऐसे व्यक्ति को दिया जायेगा, जिसका नाम कम्पनी ने भरपाई के लिए आमंत्रण देने से पहले पंजिकृत व्यक्ति को दिया जायेगा ।
  6. ऐसे प्रस्ताव के बारे में रेकार्ड निर्धारित किए अनुसार रखा जायेगा और सम्बन्धित निजी नियुक्ति प्रस्ताव पत्र पारित करने के बाद 30 दिन में कम्पनी रजिस्ट्रार के समक्ष इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जायेगी ।
  7. इस तरह जामिनगिरीओं का प्रस्ताव करनेवाली कम्पनी आम जनता को ऐसे प्रस्ताव की माहिती देने के लिए कोई भी विज्ञापन नहीं कर सकती ।
  8. जब कम्पनी इसके अनुसार जामिनगिरीओं का वितरण करे तब कम्पनी जामिनगिरी धारकों का नाम, पता, निर्धारित जामिनगिरी की संख्या, अन्य आवश्यक समस्त माहिती कम्पनी रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत करनी पड़ती है ।

प्रश्न 2.
विज्ञापन पत्र में गलत प्रस्तुती के बारे में जिम्मेदारी समझाइए ।
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में आमजनता को कम्पनी में शेयर या ऋण-पत्र में निवेश हेतु आमंत्रण देता हुआ महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है जिसमें गलत प्रस्तुती की जाये, असत्य निवेदन जैसी प्रस्तुती की जाए अथवा अतिशयोक्ति भरा निवेदन किया जाये तो इसके बारे में कम्पनी के अधिकृत अधिकारी जिम्मेदार होते है । गलत प्रस्तुती अर्थात् ………..

  1. विज्ञापन पत्र के विवरण के सन्दर्भ में जो निवेदन किया गया हो वह गलत मार्ग दर्शाता है ।
  2. पढ़नेवालों को गलत मार्ग बताने के आशय से विज्ञापन पत्र में आवश्यक विवरण न किया गया हो ।
  3. विज्ञापन पत्र में द्विअर्थी शब्द का उपयोग करके जनता को गलत मार्ग बताने का प्रयत्न किया हो ।

प्रश्न 3.
विज्ञापन पत्र में सेक्रेटरी (सचिव) के कर्तव्य बताइये ।
उत्तर :
विज्ञापन पत्र निर्गमित करके उसके द्वारा पूँजी एकत्र करने के लिए सेक्रेटरी को बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है । यह कर्तव्य निम्नलिखित है :

  1. विज्ञापन पत्र तैयार करने का कार्य जिस समिति को सौंपा गया हो उसकी समय-समय पर सभा का आयोजन करना, उस सभा का संक्षिप्तलेख्न रखकर तथा उसको सभी प्रबन्धकीय सहायता देना ।
  2. विज्ञापन पत्र का प्रारूप तैयार हो जाने के बाद स्वीकृति के लिये संचालक मण्डल की सभा आयोजित करना उसकी कार्यवाही में विज्ञापन पत्र से सम्बन्धित कम्पनी कानून की सभी व्यवस्थाओं का विवरण देना ।
  3. विज्ञापन पत्र तैयार होने के बाद व स्वीकृत हो जाये तो छपवाकर उसकी एक प्रति कम्पनी रजिस्ट्रार पंजीयन के लिये प्रेषित करने का कार्य ।
  4. विज्ञापन पत्र में संचालक के रूप में जिनका नाम सूचित किया हो उस प्रत्येक व्यक्ति को पत्र की एक-एक प्रति भेजने का कर्तव्य ।
  5. विज्ञापन पत्र में जिन निष्णातों की सलाह मुद्रित करवानी हो उन निष्णातों की इस सम्बन्ध में लिखित अनुमति प्राप्त करना ।
  6. जिन जिन व्यक्तियों के नाम कम्पनी के ऑडिटर (Auditor), कानूनी सलाहकार, सोलीसीटर, बैंकर्स अथवा प्रतिनिधि के रूप में बताये गये हो उन प्रत्येक की लिखित सहमति प्राप्त करना ।
  7. विज्ञापन पत्र के साथ संलग्न किये जानेवाले अंग आवेदन-पत्र को छपवाने की व्यवस्था करना ।
  8. प्रतिभूति दलालों के साथ जो व्यवस्था की गयी हो उनको अंश आवेदन-पत्र प्रेषित करके व्यवस्था करना ।
  9. अंश आवेदन की रकम जिस बैंक में जमा करवानी हो उस बैंक सम्बन्धित खाता खुलवाने की व्यवस्था करना ।
  10. अंश भरपाई प्रारम्भ करने सम्बन्धी सूचना अलग-अलग विज्ञापन में देने के विषय की व्यवस्था करना ।
  11. शेयर बाजार में कम्पनी का नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन की विधि करना ।
  12. विज्ञापन पत्र कम्पनी रजिस्ट्रार के समक्ष पंजीकृत करवाने के 5 दिन के बाद यह 90 दिनों के पूर्व निर्गमित करवाने का उत्तरदायित्व ।
  13. रजिस्ट्रार के पास पंजिकृत कराने से पहले –
    (A) विज्ञापन पत्र में तारीख लिखी हुई या नहीं इनका विश्वास करना ।
    (B) कम्पनी अधिनियम के अनुसार समस्त विवरण और अहेवाल (वृत्तान्त) शामिल है या नहीं यह देखने का कर्तव्य है ।

प्रश्न 4.
बांयधरी करार/प्रतिभूत अनुबन्ध (Share Underwriting Contract) के लाभ बताइए ।
उत्तर :
प्रतिभू अनुबन्ध के लाभ :

  1. लघुत्तम भरपाई की रकम के लिये निश्चित रह सकते है ।
  2. अंश प्रतिभू दलाल अंश बाजार के प्रतिष्ठित निष्णात होने के कारण कम्पनी को कब और क्यों अंश निर्गमित करने है इस सम्बन्ध में सलाह देता है ।
  3. अधिकांशतः दलाल की प्रतिष्ठा का लाभ भी कम्पनी को प्राप्त होता है । कई बार प्रतिष्ठित प्रतिभू दलाल के नाम से निवेशक आकर्षित होते हैं ।
  4. प्रतिभू दलाल दायित्व लेने से पूर्व कम्पनी की स्थिति और भविष्य की योग्य जाँच करता है । इसलिए पूँजी निवेशकों को अपनी
    पूँजी की सुरक्षा की निश्चितता रहती है ।

GSEB Solutions Class 11 Secretarial Practice Chapter 6 विज्ञापन पत्र

प्रश्न 5.
विज्ञापन पत्र में गलत प्रस्तुती कब कही जा सकती है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में गलत प्रस्तुती निम्न स्थिति में कही जा सकती है :

  1. विज्ञापन पत्र के विवरण के सन्दर्भ में जो निवेदन किया गया है वह गलत मार्ग दर्शानेवाला हो ।
  2. वाचक को गलत राह के आशय से विज्ञापन पत्र में आवश्यक विवरण न दिया जाये ।
  3. विज्ञापन पत्र में द्विअर्थी शब्दों का उपयोग करके जनता को गलत राह बताने का प्रयत्न किया हो ।

प्रश्न 6.
निजी नियुक्ति किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
यदि कम्पनी द्वारा सार्वजनिक जनता को आमंत्रण न दिया जाए तो जामिनगिरी की भरपाई के लिए निजी नियुक्ति (Private Placement) की जा सकती है । निजी नियुक्ति (निजी भरपाई अथवा निजी वितरण) अर्थात् कम्पनी अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार कम्पनी की जामिनगिरी में निवेश हेतु निजी नियुक्ति के आमंत्रण द्वारा निर्धारित किये गये समूह के लोगों को आमंत्रण देना ।

प्रश्न 7.
बाँयधरी करार (प्रतिभूति अनुबन्ध) किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
बाँयधरी करार अर्थात् कम्पनी द्वारा त्राहित पक्षकारों के साथ किया जानेवाला ऐसा करार है जिसके द्वारा दलाल कमीशन के बदले में कम्पनी को ऐसी बाँयधरी देते है कि आमजनता के लिए निर्गमित जामिनगिरी यदि आमजनता पूर्ण से न खरीदें तो बाकी जामिनगिरी स्वयं खरीद लेंगे और उनको रकम प्रदान कर देंगे । बाँयधरी कमीशन : बाँयधरी दलालों द्वारा क्रय की गई जामिनगिरी के लिए जो कमीशन दिया जाये उन्हें बाँयधरी कमीशन कहा जाता है ।

प्रश्न 8.
विज्ञापन पत्र का महत्त्व समझाइये ।
उत्तर :
विज्ञापन पत्र का महत्त्व (Importance of Prospectus) :
विज्ञापन पत्र यह कम्पनी और आमजनता दोनों के लिए अति महत्त्वपूर्ण दस्तावेज कहलाता है । विज्ञापन पत्र का महत्त्व निम्न मद्दों से समझ सकते है :
(1) विज्ञापन पत्र में कम्पनी का नाम, अंश पूँजी, कम्पनी का कार्यक्षेत्र, भावि योजना तथा अवसरों, कम्पनी की सम्पत्तियाँ व प्राथमिक खर्च का विवरण, कम्पनी के अधिकारियों का विवरण इत्यादि बातों को दर्शाया जाता है । इस विवरण के आधार पर ही सार्वजनिक जनता कम्पनी में अंश अथवा ऋण पत्रों में पूँजी निवेश के बारे में निर्णय लेती है ।

(2) कम्पनी के संचालक स्वयं के दायित्व सम्बन्धी विवरण देकर आमजनता का विश्वास प्राप्त करके कम्पनी में निवेश करने हेतु प्रेरित करती है ।

(3) विज्ञापन पत्र में दर्शाया जानेवाला विवरण पत्र सत्य/यर्थात् एवं वास्तविक होना चाहिए और यदि विश्वासघात किया जाये तो कम्पनी के संचालक अथवा डायरेक्टर्स व्यक्तिगतरूप से उत्तरदायी कहलाते है ।

विज्ञापन पत्र को कम्पनी का आमजनता के साथ विश्वासपात्र व्यवहार प्रस्तुत करता हुआ महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है ऐसा कह सकते है ।

(4) कम्पनी के प्रोजेक्ट के बारे में संभवित जोखिमों के बारे में प्रस्तुती की जाती हैं । जिसके परिणामस्वरूप निवेशक योग्य निर्णय ले सकते है ऐसा कहा जा सकता है कि विज्ञापन पत्र यह काँच जैसा स्वच्छ और स्पष्ट तथा पानी के जैसा पारदर्शक होना चाहिए ।

प्रश्न 9.
विज्ञापन पत्र किसे कहा जाता है ? अर्थ व व्याख्या देकर समझाइए ।
उत्तर :
विज्ञापन पत्र का अर्थ और व्याख्या (Meaning & Definition of Prospectus) :
“विज्ञापन पत्र अर्थात् सार्वजनिक जनता को शेयर और डिबेन्चर खरीदने के लिए आमंत्रण देता सार्वजनिक दस्तावेज ।”
“कम्पनी के प्रवर्तक कम्पनी की स्थापना के बाद आमजनता को अंश क्रय करने का आमंत्रण देने के लिए जो परिपत्र निर्गमित करती है, उसे विज्ञापन पत्र (Prospectus) कहते हैं ।”
वित्रापनपत्र की व्याख्या : “किसी भी कम्पनी के शेयर या डिबेन्चर खरीदने के लिए या भरपाई के लिए या सार्वजनिक डिपोजिट रखने के लिए आमजनता को आमंत्रण देनेवाली तथा विज्ञापन के रूप में निर्मित की गई नोटिस, परिपत्र, आमसूचना या अन्य दस्तावेज अर्थात् विज्ञापन पत्र ।”

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प्रश्न 10.
विज्ञापन पत्र निर्गमन सम्बन्धी कम्पनी अधिनियम की व्यवस्थायें बताइये ।
उत्तर :
कम्पनी कानून में विज्ञापन पत्र सम्बन्धी निम्न व्यवस्थाएँ की गई है :

  1. विज्ञापन पत्र में तारीख लिखनी चाहिये, जो कि विज्ञापन पत्र निर्गमन की तारीख मानी जाती है । यदि विज्ञापन पत्र में तारीख न बतायी गई हो तो जिस दिन निर्गमित किया गया हो वही तारीख विज्ञापन पत्र की तारीख मानी जाती है ।
  2. विज्ञापन पत्र में आवेदन-पत्र पर हस्ताक्षर करनेवाले प्रत्येक संचालक को साक्षी के समक्ष हस्ताक्षर करने चाहिये । ऐसा साक्षी त्राहित व्यक्ति होना चाहिये ।
  3. विज्ञापन पत्र पंजीकृत करते समय निम्न दस्तावेजों और अनुबन्धों की प्रमाणित प्रति रजिस्ट्रार को भेजनी चाहिए ।
    • मैनेजिंग डायरेक्टर सम्बन्धी सम्पूर्ण विवरण – उनकी नियुक्ति, वेतन, अधिकार और कर्तव्य, दायित्व निश्चित करनेवाले अनुबन्ध की प्रति ।
    • विज्ञापन पत्र निर्गमन से पूर्व कम्पनी रजिस्ट्रार के समक्ष उसका लेखन जरूरी है ।
    • पंजीकरण की तिथि से 90 दिनों में यह विज्ञापित करना चाहिये । यदि 90 दिनों के बाद यह विज्ञापित किया जाये तो यह विज्ञापन पत्र अमान्य माना जाता है ।
  4. पंजियन सम्बन्धी समस्त आवश्यकताओं का पालन न किया जाए तो कम्पनी रजिस्ट्रार विज्ञापन पत्र का पंजियन नहीं करेगा ।
  5. रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले कम्पनी की ओर से कोई भी व्यक्ति विज्ञापन पत्र निर्गमित नहीं कर सकता है ।
  6. विज्ञापन पत्र की छपी हुई प्रति रजिस्ट्रार को देना ।
  7. विज्ञापन पत्र का पंजियन कराने से पहले कम्पनी रजिस्ट्रार के पास से कम्पनी अधिनियम की व्यवस्थाओं का पालन हुआ है, सिक्युरिटिज कोन्टेक्ट (रेग्युलेशन) एक्ट और SEBI Act के नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है, इस प्रकार का निवेदन करना पड़ता है ।
  8. कम्पनी की जामिनगिरी क्रय करने के लिए लघु विज्ञापन पत्र संलग्न किये बिना आवेदन-पत्र नहीं दिया जा सकता ।

प्रश्न 11.
विज्ञापन पत्र में किन बातों का समावेश किया जाता है ?
उत्तर :
विज्ञापन पत्र में निम्न बातों का समावेश होता है । कम्पनी अधिनियम 2013 के अनुसार विज्ञापन पत्र में निम्न बातों का समावेश किया जाता है :

  1.  कम्पनी का नाम
  2. कम्पनी के रजिस्टर्ड ऑफिस का पता
  3. कम्पनी सचिव, मुख्य वित्तीय अधिकारी, अंकेक्षक, कानूनी सलाहकार, बैंकर, ट्रस्टी, जमानती दलाल (Under writers) तथा अन्य व्यक्तियों के नाम एवं पते ।
  4. निवेश करने की तथा निवेश बन्द करने की तारीख, जामिनगिरी का वितरण तथा पूँजी लौटाने का समय ।
  5. बैंक में अलग खाता खुलवाकर, भरपाई के रूप में प्राप्त समस्त रकम उन्हीं खाते में रखी जायेगी इसके बारे में संचालक मण्डल का निवेदन ।
  6. बाँयधरी करार के बारे में समस्त विवरण
  7. संचालकों की, ऑडिटर्स की, भरपाई के बैंकर्स की, निष्णातों की तथा अन्य समस्त सम्बन्धित अधिकारियों की सहमति ।
  8. भरपाई के बारे में अधिकृत अधिकारी तथा उनके बारे में ठहराव के बारे में माहिती ।
  9. जामिनगिरी भरपाई के वितरण की प्रक्रिया और इसके बारे में समय-पत्रक
  10. कम्पनी कानून अनुसार कम्पनी पूँझी का ढाँचा
  11. सार्वजनिक भरपाई का हेतु, शर्ते और अन्य आवश्यक बातें ।
  12. कम्पनी का मुख्य उद्देश्य और वर्तमान धन्धा, धन्धा कहाँ चल रहा है उनका स्थल, प्रोजेक्ट अमलीकरण के बारे में कार्यक्रम ।
  13. प्रोजेक्ट के बारे में –
    (A) संचालक का ख्याल और उसमें स्थित जोखिम
    (B) प्रोजेक्ट के लिए इन्तजार करने का समय
    (C) प्रोजेक्ट में हुई प्रगति
    (D) प्रोजेक्ट पूरा होने का समय
    (E) विज्ञापन पत्र प्रस्तुती के पहले के 5 वर्ष दौरान कम्पनी के स्थापक के सामने कोई मुकदमा चालू हो, कोई कानूनी कार्यवाही हुई हो अथवा सरकारी विभाग द्वारा स्थापक के सामने कोई मुकदमा किया गया हों या कोई कानूनी कार्यवाही की गई हो तो इसके बारे में जानकारी देनी पड़ती है ।
  14. लघुत्तम भरपाई के बारे में विवरण, प्रीमियम के रूप में कोई रकम चुकानी हो तो यह बातें, नकद के सिवाय कोई शेयर दिये गये हो तो इसके बारे में विवरण ।
  15. संचालक मण्डल की जानकारी, उनकी नियुक्ति, वेतन और अन्य कम्पनी में उनका कोई हित हो तो उनके बारे में विवरण ।
  16. स्थापकों के द्वारा दिये गये योगदान के बारे में विवरण ।
  17. धन्धा चालू हो ऐसी कम्पनी को अतिरिक्त विवरण की जानकारी ।
  18. विज्ञापन पत्र का विवरण इस कानून की ओर सिक्युरिटीज कोन्टेक्ट्स एक्ट 1956 और SEBI Act, 1992 के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं करती इस प्रकार का निवेदन ।
  19. विज्ञापन पत्र में जो तारीख ली जायेगी वो ही विज्ञापन पत्र की प्रकाश की तारीख मानी जायेगी ।

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