GSEB Solutions Class 12 Hindi Chapter 14 सुभाष मानव : सुभाष महामानव

Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 12 Solutions Chapter 14 सुभाष मानव : सुभाष महामानव Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 14 सुभाष मानव : सुभाष महामानव

GSEB Std 12 Hindi Digest सुभाष मानव : सुभाष महामानव Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उनके नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर दीजिए :

प्रश्न 1.
सुभाष बाबू का जीवन-पथ कैसा रहा?
(क) सुखमय
(ख) संघर्षमय
(ग) आनंदमय
(घ) भावमय
उत्तर :
(ख) संघर्षमय

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प्रश्न 2.
किस साल में सुभाष बाबू को कलकत्ता कांग्रेस में ठोकर मिली?
(क) 1918
(ख) 1928
(ग) 1914
(घ) 1938
उत्तर :
(ख) 1928

प्रश्न 3.
सुभाष बाबू ने किसको लोहा देकर त्रिपुरा कांग्रेस की गद्दी जीती?
(क) सरदार पटेल को
(ख) गांधीजी को
(ग) डॉ. पट्टाभि को
(घ) जवाहरलाल नेहरु को
उत्तर :
(ग) डॉ. पट्टाभि को

प्रश्न 4.
सुभाष बाबू ने कौन-सा नारा दिया?
(क) जय गोपाल
(ख) जय हिन्द
(ग) वंदे मातरम्
(घ) जय जवान जय किसान
उत्तर :
(ख) जय हिन्द

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :

प्रश्न 1.
सुभाष बाबू अज्ञात लोक के यात्री में से किस लोक के यात्री हो गये?
उत्तर :
सुभाष बाबू अज्ञात लोक के यात्री में से अनंत लोक के यात्री हो गए।

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प्रश्न 2.
सुभाष बाबू किसकी कल्पनाओं पर खोए हुए थे?
उत्तर :
सुभाष बाबू भारतीयों की कल्पनाओं पर खोए हुए थे।

प्रश्न 3.
सुभाष बाबू किन क्रान्तिवादियों के दल में पहुँच गये थे?
उत्तर :
सुभाष बाबू ‘सी. आर, हास’ के क्रांतिवादियों के दल में पहुंच गए थे।

प्रश्न 4.
सुभाष बाबू का किससे संघर्ष हुआ?
उत्तर :
सुभाष बाबू का ब्रिटेन की अंग्रेज सरकार से संघर्ष हुआ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :

प्रश्न 1.
सुभाष बाबू युद्ध को कौन-सी संधि समझते थे?
उत्तर :
सुभाष बाबू भारत की आज़ादी के लिए युद्ध का उपयोग करने के लिए निश्चिंत थे। वे युद्ध को प्रभु द्वारा प्राप्त स्वर्ण-संधि समझते थे।

प्रश्न 2.
सुभाष बाबू ने अपनी दृढ़ता को किस चादर से नहीं ढंका?
उत्तर :
सुभाष बाबू दृढ़ विचारवाले व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी दृढ़ता को अवसरवादिता की चादर से नहीं हैका।

प्रश्न 3.
इस देश में कौन-कौन रहस्य होते आये हैं ?
उत्तर :
हमारे देश में कुछ लोग ऐसे हैं, जो रहस्य होते आए हैं। इनमें देश के सामंत, वीर, योद्धा और बलिदानी आदि ऐसे लोग हैं, जो प्रायः रहस्य होते आए हैं।

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प्रश्न 4.
सुभाष बाबू के लिए रहस्य क्या था?
उत्तर :
विमान दुर्घटना में सुभाष बाबू की मृत्यु की खबरें उड़ीं। पर उनकी मौत पर देशवासियों ने विश्वास नहीं किया। सभी सोचते रहे कि किसी दिन, किसी देश में, किसी वेश में वे ज़रूर मिलेंगे। सुभाष बाबू के लिए यह रहस्य था।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
सुभाष बाबू की मृत्यु का समाचार सुनकर भारतवासियों के मन पर कैसा प्रभाव पड़ा?
उत्तर :
सुभाष बाबू भारतवासियों के दिल में बसते थे। उनकी मृत्यु का समाचार सुनकर लोगों के जी में काटा-सा चुभ गया। पर देशवासियों ने उनकी मौत पर विश्वास नहीं किया। वे सोचते रहे कि किसी दिन किसी वेश में सुभाष बाबू उन्हें ज़रूर मिलेंगे।

प्रश्न 2.
सुभाष बाबू ने कांग्रेस के सभापतित्व की गद्दी एवं राष्ट्रपतित्व का पद किसके हाथों से ग्रहण किया था?
उत्तर :
सुभाष बाबू स्विट्जरलैंड में बीमार चल रहे थे। वहां से लौटकर वे भारत आए। गांधीजी ने हरीपुरा कांग्रेस के सभापतित्व के लिए सुभाष बाबू को चुना। सुभाष बाबू ने कांग्रेस के सभापतित्व की गही एवं राष्ट्रपतित्व का पद गांधीजी, वल्लभभाई पटेल और गांधीवादियों के हार्थो ग्रहण किया।

प्रश्न 3.
सुभाष बाबू ने सेगाँव रेडियो पर से भारतवासियों के लिए क्या संदेश दिया?
उत्तर :
सुभाष बाबू के कलकत्ते से अचानक गायब होने से भारत के लोगों को बहुत चिंता हुई। महीनों कहीं से कोई खबर न मिलने पर लोगों को उनकी मृत्यु की दुःशंका होने लगी। इसी बीच से गांव रेडियो से सुभाष बाबू ने भारतवासियों को सम्बोधित किया और उनसे आज़ादी की लड़ाई में भाग लेने के लिए कहा।

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5. आशय स्पष्ट कीजिए :

प्रश्न 1.
भारत तू आज़ाद हो जा।
उत्तर :
सुभाष बाबू का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सत्ता से किसी भी प्रकार भारत को आजाद कराना था। इसके लिए उन्होंने शस्त्र के बल पर देश को आजाद कराने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने ब्रिटेन के शत्रु जापान से सहायता ली, जिसके लिए देशद्रोहियों ने उन्हें ‘जापान का ३ एजेंट’ तक कह डाला था। लेकिन उन्होंने इसकी परवाह न की। वे अपनेआप को वैसे किसी भी संकट में फेंकने को तैयार थे, जिससे भारत आज़ाद हो सकता हो।

प्रश्न 2.
तुम लोगों के मन पर हो, जीवन पर छाये हो, क्योंकि तुमने भारतीय जीवन को युद्ध के बीचो बीच जीवित किया है।
उत्तर :
सुभाष बाबू के विमान दुर्घटना में मारे जाने की अफवाहें फैली, पर देशवासियों को उनकी मृत्यु पर विश्वास नहीं हुआ। वे देशवासियों के मन पर बने हुए हैं, जीवन पर छाए हुए हैं। उन्होंने भारतवासियों को ‘युद्ध से संलग्न किया उन्हें युद्ध से जोड़ा और उनमें चेतना जगा दी।

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व्याकरण

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :

  • गरज = स्वार्थ
  • रहस्य = भेद
  • अपमान = अनादर
  • भर्त्सना = निंदा
  • निहाल = प्रसन्न
  • क्रांति = परिवर्तन
  • कटुता = दुर्भावना
  • मोद = आनंद

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निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :

  • स्वार्थ × नि:स्वार्थता
  • ज्ञात × अज्ञात
  • सम्मान × अपमान
  • निंदा × प्रशंसा
  • प्रसन्न × अप्रसन्न
  • कटुता × सौहार्दता
  • आनंद × शोक
  • साधक × बाधक

निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए :

  1. घोडा – घोटक
  2. सलाई – शलाका
  3. उबटन – उर्द्धतन
  4. तीता – तिक्त
  5. कैंची – कर्तरी

निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :

  1. हिस्सेदार = हिस्सा + दार (प्रत्यय)
  2. स्वतंत्रता = स्वतंत्र + ता (प्रत्यय)
  3. तरुणाई = तरुण + आई (प्रत्यय)
  4. बलिपंथी = बलिपथ + ई (प्रत्यय)
  5. सौंदर्य = सुंदर + र्य (प्रत्यय)
  6. गुणित = गुण + इत (प्रत्यय)
  7. भारतीय = भारत + ईय (प्रत्यय)
  8. संघर्षमय = संघर्ष + मय (प्रत्यय)
  9. सम्मिलित = सम्मिलित + इत (प्रत्यय)
  10. सभापतित्व = सभापति + त्व (प्रत्यय)
  11. राष्ट्रपतित्व = राष्ट्रपति + त्व (प्रत्यय)
  12. हकदार = हक + दार (प्रत्यय)
  13. दशघातकता = दशघातक + ता (प्रत्यय)
  14. आज़ादी = आजाद + ई (प्रत्यय)

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निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :

  • अज्ञात = अ (उपसर्ग) + ज्ञात
  • निर्माण = निः (उपसर्ग) + मान
  • अनब्याही = अन (उपसर्ग) + ब्याही
  • सम्मिलित = सम् (उपसर्ग) + मिलित
  • बदजात = बद (उपसर्ग) + जात

निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण पहचानिए :

प्रश्न 1.

  1. सुभाष बाबू विलक्षण सेनानी बने।
  2. उनका जीवनपथ संघर्षमय रहा।
  3. सुभाष बाबू की जीवनयात्राएँ विचित्र रहीं।
  4. स्काटलैण्ड-यार्ड में प्रशिक्षित पुलिस का कड़ा पहरा था।

उत्तर :

  1. विलक्षण
  2. संघर्षमय
  3. विचित्र
  4. प्रशिक्षित, कड़ा

निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :

  • यज्ञ में आहुति देनेवाला – होता
  • बांस की तीलियों से बना परदा – चिक
  • बलिदान के पंथ पर चलनेवाला – बलिपंथी
  • यज्ञ में डाली जानेवाली हवन सामग्री – यजधूप
  • जिसका अंत न हो – अनंत
  • जिस स्त्री का विवाह न हुआ हो – अनब्याही
  • साधना करनेवाला – साधक
  • जिस लोक के बारे में जानकारी न हो – अज्ञात-लोक
  • स्वप्न देखनेवाला – स्वप्नदर्शी

निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.

  1. विमान दुर्घटना में सुभाष बाबू का मृत्यु हो गया।
  2. तुम्हारी जीवन यात्राएँ सदा विचित्र रही।
  3. संघर्ष में तुम्हें पछाड मिला।
  4. उनका प्राण निकल गया।
  5. उनका विजय हुआ।

उत्तर :

  1. विमान दुर्घटना में सुभाष बाबू की मृत्यु हो गई।
  2. तुम्हारी जीवन यात्राएं सदा विचित्र रही।
  3. संघर्ष में तुम्हें पछाड मिली।
  4. उनके प्राण निकल गए।
  5. उनकी विजय हुई।

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निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :

जी में कांटा चुभना – खटकना, मन में पीड़ा उत्पन्न होना
वाक्य : बेटे की अकाल मृत्यु की बातें याद आने पर पिता के जी में काँटा चुभने लगता है।

काँटा निकालना – संकट दूर होना
वाक्य : आदमखोर चौते को पिंजरे में बंद करके वन विभाग के अधिकारियों ने गांववालों के दिल से कांटा निकाल दिया।

मज़ा चखाना – किए हुए अपराध का दंड देना
वाक्य : गुंडे ने पुलिस के साथ मारपीट शुरू कर दी तो पुलिस ने उसे मज़ा चखाया।

पछाड़ मिलना – पराजित होना
वाक्य : अपने से सवाए पहलवान से लड़ने पर सौकिया पहलवान को पछाड़ मिलना ही था।

पीछे ठेलना – हराना
वाक्य : एक-दिवसीय मैच में भारतीय क्रिकेट टीम ने सर्वाधिक रन बनाकर आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को पीछे ठेल दिया।

बागबाग होना – प्रसन्न होना
वाक्य : समुद्रतट पर संध्याकाल के भ्रमण से लोगों के दिल बागबाग हो जाते हैं।

जी से काटा निकलना – राहत महसूस करना
वाक्य : महाजन का कर्ज चुकता करने के बाद कर्जदार के जी से काटा निकल गया।

हाथ मींजना – पछताना
वाक्य : समय पर काम न करनेवालों को जीवन में हाथ मींजना पड़ता है।

लोहा लेना – मुकाबला करना
वाक्य : भारतीय सेना से लोहा लेना सबके बश की बात नहीं है।

कुरबान करना – किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए अपनी प्रिय वस्तु या व्यक्ति को मिटा देना
वाक्य : नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारत को आजाद कराने के लिए अपना जीवन कुरबान कर दिया।

निम्नलिखित कहावत का अर्थ लिखकर समझाइए।

एक म्यान में दो तलवार नहीं समा सकती – दो समर्थ व्यक्तियों के विचार न मिलने पर वे साथ नहीं रह सकते।
स्पष्टीकरण : गांधीजी अहिंसा के माध्यम से आज़ादी प्राप्त करना चाहते थे जब कि सुभाष बाबू अंग्रेजों से लड लेना चाहते थे। इसलिए दोनों एकसाथ नहीं रह सके। सच है कि एक म्यान में दो तलवार नहीं समा सकती।

सुभाष मानव : सुभाष महामानव Summary in Hindi

विषय-प्रवेश :

‘सुभाष मानव : सुभाष महामानव’ – सुभाषचंद्र बोस से संबोधित करते हुए माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा लिखी गई तथ्यों पर आधारित रचना है। इस रचना के माध्यम से उन्होंने सुभाष बाबू का चरित्र विश्लेषण करते हुए उनके संघर्षमय जीवन का चित्रण किया है।

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पाठ का सार :

अटकलें : सुभाषचंद्र बोस जब भारत से गए थे, तब लोग यह अटकलें लगाते थे कि वे बीमार हैं और घर से बाहर नहीं निकल सकते। पर वे देश से भी बाहर चले गए थे। एक रहस्य उत्पन्न हुआ। जब वे युद्ध से लौटे, तब लोगों ने सोचा कि वे अमरिका और इंग्लैंड से घिर जाएंगे और बंदी बना लिए जाएंगे। पर अटकलें अटकलें रहीं।

विमान अज्ञात लोक को : फिर सुभाष बाबू का विमान उड़ा अज्ञात लोक के लिए। तरह-तरह की अफवाहें फैली विमान गिरने, टूटने और सुभाष बाबू के अनंतलोक के यात्री हो जाने की। पर देश के लोगों को उनकी मृत्यु पर विश्वास नहीं हुआ। वे सोचते रहे कि सुभाष बाबू किसी दिन किसी वेश में, किसी देश में अवश्य आ जाएंगे। वे आज भी भारत के लोगों के मन पर हैं। वे उनकी कल्पनाओं में छाए हुए हैं। इसलिए भारतीय मन उनका श्राद्ध करने के लिए तैयार नहीं है।

वे रहस्य हो गए : सुभाष बाबू रहस्य हो गए। वैसे इस देश के सामंत, वीर, योद्धा और बलिदानी प्राय: रहस्य होते आए हैं। वे अपमानों को अपनाते हैं और वरदानों के समय रहस्य हो जाते हैं।

देशबंधु दास की खोज : सुभाष बाबू क्रांति के मार्ग पर स्वयं नहीं आए थे। उनकी खोज की थी देशबंधु दास ने। वे विलक्षण सेनानी बने और रहस्य तो उनका स्वभाव ही था।

जीवन यात्राएं : सुभाष बाबू की जीवन यात्राएँ सदा विचित्र रहीं। वे जा रहे थे ‘आई.सी.एस.’ का इम्तहान देने और पहुंच गए ‘सी. आर, दास’ के क्रांतिवादियों में। फिर उन्होंने ब्रिटेन के शत्रुओं को मित्र बनाया और युद्ध की सेना के सिपहसालार बन गए। मित्र राष्ट्रों के जीतने पर भारतीय राष्ट्र के शत्रुओं को मज़ा चखाने ही जा रहे थे कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से वे पहुंच गए देवलोक।

जीवन-पथ : सुभाष बाबू का जीवन-पथ संघर्षमय रहा। देशबंधु के निधन के बाद वे बंगाल के नेतृत्व से वंचित रह गए। कलकत्ता कांग्रेस में 1928 में उन्हें ठोकर मिली। स्विट्जरलैंड से उन्होंने देशवासियों को गांधीजी के नेतृत्व से दूर रहने को कहा। लेकिन वहाँ से लौटे, तो स्वयं गांधीजी के आशीर्वादों से भरी हरिपुरा कांग्रेस के सभापतित्व की गादी ग्रहण की। फिर पट्टाभि से लोहा लेकर गांधी को पीछे ठेलकर त्रिपुरा कांग्रेस की गद्दी जौती।

आजादी के लिए युद्ध : सुभाष बाबू आज़ादी प्राप्त करने के लिए युद्ध के समर्थक थे। वे बुद्ध के द्वारा आज़ादी लेने के लिए निश्चिंत थे। तरुण उनकी सेना के सिपाही थे। कलकत्ते में सुभाष बाबू पर स्काटलैंड-यार्ड में प्रशिक्षित पुलिस का कड़ा पहरा था। फिर भी वे पुलिस को चकमा देकर गायब हो गए। फिर हिटलर का उन्हें भारत का प्रथम वाइसराय बनाना, महीनों उनके बारे में कोई समाचार न मिलना और उनकी मृत्यु की दुःशंका, सेगांव रेडियो से भारतीयों से बोलना, आज़ाद हिंद सेना बनाना और युद्ध … फिर तूफान के हाथों अपने आप को सौंप देना …

आज : आज़ादी मिलने पर आज सब सुभाष बाबू का गुणगान करते है। ‘आजाद हिंद सेना’ के सिपाही भारतीय सेना में ले लिए गए, ‘जयहिंद’ का नारा सरकार का नारा बन गया है। आज भी सुभाषबाबू किसी ओर से आ जाएँ, तो वे पूजा पाएंगे।

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सुभाष मानव : सुभाष महामानव शब्दार्थ :

  • गरज – आशय, स्वार्थ, मतलब।
  • सूली – प्राणदंड।
  • अज्ञात लोक – जिस लोक के बारे में जानकारी न हो।
  • अनंत – जिसका अंत न हो।
  • रहस्य – गुप्तभेद।
  • सामंत – सरदार, वीर।
  • बलिदानी – जो अपने को बलिदान करने के लिए प्रस्तुत हो।
  • अपमान – अनादर।
  • बलिपंथी – बलिदान के पंथ पर चलनेवाला।
  • होता – यज्ञ में आहुति देनेवाला।
  • अनब्याही – जिस स्त्री का विवाह न हुआ हो।
  • चिक – बांस की तीलियों का बना हुआ परदा।
  • क्रांतिपथ – क्रांति का मार्ग।
  • निहाल – प्रसन्न, भलीभांति संतुष्ट ।
  • बदजात – नीच, लुच्चा।
  • कटुता – एक-दूसरे के प्रति होनेवाली दुर्भावना।
  • भर्त्सना – कड़ी निंदा।
  • इल्जाम – अभियोग।
  • स्वर्ण-संधि – सुनहरा अवसर।
  • कूतना – कीमत लगाना।
  • सैन – इशारा।
  • यज्ञधूप – यज्ञ में डाली जानेवाली हवन सामग्री।
  • दुःशंका – बुरी शंका।
  • देशघातकता – देश के प्रति घात करने का कार्य, देशद्रोही भावना।
  • मोदभरी – आनंद से भरपूर।
  • गौरवमयी – बड़प्पन से युक्त।
  • क्रियाशील – कर्मनिष्ठ।
  • स्वप्नदर्शी – स्वप्न देखनेवाला।
  • साधक – साधना करनेवाला।

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