Gujarat Board GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 3 कान्ह भए बस बाँसुरि के Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 3 कान्ह भए बस बाँसुरि के
GSEB Std 12 Hindi Digest कान्ह भए बस बाँसुरि के Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनकर लिखिए:
प्रश्न 1.
कृष्ण किसके हो गए हैं?
(क) गोपी के
(ख) राधा के
(ग) बाँसुरी के
(घ) मोरपंख के
उत्तर :
(ग) बाँसुरी के
प्रश्न 2.
गोपियाँ ब्रज छोड़कर क्यों भाग जाना चाहती हैं?
(क) ब्रज में गाय के रहने से
(ख) ब्रज में ग्वाल-बाल के रहने से
(ग) ब्रज में ताप बढ़ने से
(घ) ब्रज में बाँसुरी के रहने से
उत्तर :
(घ) ब्रज में बाँसुरी के रहने से
प्रश्न 3.
गोपियाँ किसकी बनी माला पहनेंगी?
(क) गुंजा की
(ख) मोरपंख की
(ग) फूलों की
(घ) मोती की
उत्तर :
(क) गुंजा की
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
कृष्ण को किसने मोह लिया है ?
उत्तर :
कृष्ण को बाँसुरी ने मोह लिया है।
प्रश्न 2.
गोपियाँ कृष्ण की मुरली को क्या समझती हैं ?
उत्तर :
गोपियाँ कृष्ण की मुरली को अपनी सौतन समझती हैं।
प्रश्न 3.
कृष्ण अपने सिर पर कौन-सा मुकुट धारण करते थे?
उत्तर :
कृष्ण अपने सिर पर मोर पंख का मुकुट धारण करते थे।
प्रश्न 4.
कृष्ण गले में किसकी माला पहनते थे?
उत्तर :
कृष्ण अपने गले में धुंधची के लाल-लाल दानों की माला पहनते थे।
प्रश्न 5.
किसके कहने पर गोपी कृष्ण का स्वाँग कर रही हैं?
उत्तर :
गोपियों के कहने पर गोपी कृष्ण का स्वांग कर रही हैं।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-दो वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
गोपियाँ कृष्ण का कौन-सा स्वाँग रचती हैं ?
उत्तर :
गोपियाँ अपने सिर पर मोर पंख धारण करती हैं और गले में धुंधची की माला पहनती हैं। वे अपने कंधों पर पीतांबर ओढ़ती हैं और हाथ में छोटी लाठी लेती हैं। कृष्ण का यह रूप ग्वालों के संग वन में गायों को चराने के लिए जाने का रूप है। इस तरह गोपियाँ कृष्ण के गायों को चरानेवाले चरवाहे का स्वांग रचती हैं।।
प्रश्न 2.
गोपियाँ कृष्ण की बाँसुरी को अपने ओठों पर क्यों नहीं रखना चाहतीं?
उत्तर :
गोपियों का मानना है कि कृष्ण बांसुरी के वश में हो गए हैं और वे उनको नहीं चाहते हैं। इस तरह वे कृष्ण की बांसुरी को अपनी सौतन के रूप में देखती हैं। इसलिए सौतिया-डाह के कारण गोपिया बासुरी को अपने होठों पर नहीं रखना चाहती।
प्रश्न 3.
गोपियाँ ब्रज से क्यों भाग जाना चाहती हैं?
उत्तर :
बाँसुरी हमेशा कान्हा के पास ही रहती है। इससे गोपियों को बाँसुरी से ईष्या होती है। वे कहती हैं कि कृष्ण बांसुरी के वश में हो गए हैं। इसलिए अब वे गोपियों को नहीं चाहेंगे। यह बांसुरी तो कृष्ण के साथ सदा लगी रहती है। यदि गोपियों व्रज में रहती हैं तो उन्हें इस बांसुरी का रौब-दाब सहना पड़ेगा। उन्हें सौतिया-डाह का सामना करना होगा। इसलिए गोपियाँ व्रज से भाग जाना चाहती हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के चार-पाँच पंक्तियों में दीजिए:
प्रश्न 1.
गोपियाँ कृष्ण की मुरली को अपनी सौत क्यों समझती हैं ?
उत्तर :
कृष्ण मुरली को हमेशा अपने साथ रखते हैं। इसलिए गोपियों को मुरली से ईर्ष्या होती है। उन्हें लगता है कि बांसुरी ने कृष्ण को अपने वश में कर लिया है। अब कृष्ण उन्हें क्यों चाहेंगे। यह बाँसुरी हमेशा उनके साथ लगी रहेगी और गोपियों पर धौंस जमाएगी। कृष्ण को मोहित करके वह सदा उन्हें जलाती रहेगी। मुरली से इसी गहरी ईर्ष्या के कारण गोपियाँ उसे अपनी सौत समझती हैं।
प्रश्न 2.
कृष्ण के वियोग में गोपियाँ किसका स्वांग रचेंगी? कैसे?
उत्तर :
कृष्ण के वियोग में व्याकुल गोपियाँ स्वयं कृष्ण का वेश धारण करके अपने मन को बहलाना चाहती हैं। कृष्ण का वेश धारण करने के लिए वे सिर पर मोर पंख का मुकुट पहनेंगी। अपने गले में धुंधची की लाल दानों की माला धारण करेंगी। वे अपने कंधों पर पीतांबर ओढ़ेगी और छोटी-सी लाठी लेकर ग्वालों के साथ वन में जाएंगी। वहाँ गायों को चराने का अभिनय करेंगी। कृष्ण को जो भी पसंद था, वे वह सब कुछ करेंगी। परंतु जिस बाँसुरी को कृष्ण अपने होठों पर रखकर बजाते हैं, उसे वे अपने होठों पर कभी नहीं रखेंगी। इस प्रकार कृष्ण के वियोग में गोपियाँ स्वाग रचेंगी।
प्रश्न 3.
गोपियाँ बाँसुरी से क्यों ईर्ष्या करती हैं ? रसखान के दोनों सवैयों के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर :
गोपियाँ कृष्ण से अत्यन्त प्रेम करती हैं। उन्हें यह स्वीकार नहीं कि उनके और कृष्ण के बीच कोई अन्य आए। बाँसुरी उन्हें अपने और कृष्ण के बीच आई बाधा लगती है। उन्हें लगता है कि बांसुरी ने कृष्ण को अपने वश में कर लिया है। बांसुरी के वश में होकर कृष्ण अब उन्हें क्या चाहेंगे? वह तो यही चाहेगी कि कृष्ण उनसे (गोपियों से) दूर रहें। कृष्ण को अपना बनाकर वह उन पर धौंस जमाएगी, उन्हें नीचा दिखाएगी। हम कृष्ण के वियोग में जितना जलेंगी, उतना ही उसे मजा आएगा। बासुरी के इस रवैये के कारण गोपियाँ रस टार्ग करती हैं।
प्रश्न 4.
कृष्ण के स्वाँग में गोपियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
गोपियों को किसी तरह कृष्ण को पाना है। वियोग में वे कृष्ण का स्वांग रचकर उन्हें पाने के सुख का अनुभव करना चाहती हैं। इसलिए वे स्वयं कृष्ण का रूप धारण करना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने सिर पर मोर पंख का मुकुट पहना है। अपने गले में धुंधची के लाल दानों की माला पहनी हैं। वे अपने शरीर पर पीतांबर ओढ़ेगी।
इतना ही नहीं, कृष्ण की तरह हाथ में लकुटी लेकर वे ग्वालों के साथ वन में गाएं चराने भी जाएंगी। उनके प्यारे कृष्ण जो-जो कार्य करते थे, वे सब वे भी करेंगी। कृष्ण की मुरली से उन्हें ईर्ष्या है, इसलिए उसे अपने होंठों पर धारण नहीं करेंगी। इस प्रकार रसखान ने कृष्ण के स्वांग में गोपियों का भावपूर्ण वर्णन किया है।
GSEB Solutions Class 12 Hindi कान्ह भए बस बाँसुरि के Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:
प्रश्न 1.
गोपी स्वांग में कृष्ण की किस वस्तु का उपयोग नहीं करेंगी?
उत्तर :
गोपी स्वांग में कृष्ण की उस मुरली का उपयोग नहीं करेंगी, जिसे कृष्ण अपने होंठों पर रखकर बजाते थे।
प्रश्न 2.
अब ब्रज में कौन रहेगा?
उत्तर :
अब व्रज में बाँसुरी ही रहेगी।
व्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :
- बाँसुरी = मुरली
- निसिधौंस = रात-दिन
- ताप = गर्मा, वियोग
- मनमोहन = श्रीकृष्ण
- सदा = हमेशा
- दाहना = जलाना
- गुंज = धुंधची
- पीतांबर = पीला वस्त्र
- लकुटी = लाठी
- संग = साथ
- अधर = होंठ
निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :
- रात × दिन
- साथ × अलग
- ऊपर × नीचे
निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :
- श्रीकृष्ण का प्रिय वाद्य – बाँसुरी, मुरली
- सूर्योदय से सूर्यास्त तक का समय – दिन
- सूर्यास्त से सूर्योदय तक का समय – रात
- पति की दूसरी पत्नी – सौत
- मन को मोहनेवाला – मनमोहन
- बालकृष्ण की लीलाभूमि – व्रज
- पीला वस्व-पीतांबर
- गायों का समूह – गोधन
- दूसरे का वेश धारण करना – स्वांग
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
- कृष्ण तो अब बाँसुरी की हो गया है।
- बाँसुरी को गोपियाँ अपना सौत मानता है।
- मुरली गोपियों का मन जलती है।
- गोपियाँ वज में नहीं रहेना चाहती है।
- व्रज में अब केवल बाँसुरी रहेगा।
- गोपी लोग गाएँ चराने जाएगा।
- गोपियाँ मुरली से ईर्ष्या करते हैं।
उत्तर :
- कृष्ण तो अब बाँसुरी के हो गए हैं।
- बाँसुरी को गोपियाँ अपनी सौत मानती हैं।
- मुरली गोपियों का मन जलाती है।
- गोपियाँ व्रज में नहीं रहना चाहती हैं।
- व्रज में अब केवल बाँसुरी रहेगी।
- गोपियाँ गाएं चराने जाएंगी।
- गोपियों मुरली से ईष्या करती हैं।
कान्ह भए बस बाँसुरि के Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
कृष्ण के प्रति रसखान की भक्ति-भावना बहुत गहरी थी। प्रस्तुत दोनों कवित्तों में रसखान ने कृष्ण की बांसुरी को लेकर गोपियों के मन में उपजे सौतिया डाह की भावना का मार्मिक वर्णन किया है।
प्रथम कवित्त में गोपियाँ कृष्ण की बांसुरी से ईर्ष्या करती हैं और बाँसुरी द्वारा अपना स्थान ले लेने के कारण वे बज छोड़कर भाग जाना चाहती हैं।
दूसरे कवित्त में कृष्ण का स्वांग रचनेवाली गोपिया कृष्ण की बांसुरी को अपने होंठों पर रखने से इनकार कर देती हैं। (क्योंकि बांसुरी को वे अपनी सौतन मानती हैं।)
कविता का सरल अर्थ :
हमेशा कृष्ण के पास रहनेवाली गोपियाँ कृष्ण की बाँसुरी से ईर्ष्या करती हुई कहती हैं कि कान्हा को बाँसुरी ने अपने वश में कर लिया है। वे कहती हैं कि हे सखी! अब कृष्ण हमें क्यों चाहेंगे! यह बाँसुरी हमेशा उनके साथ लगी रहेगी। यह रात-दिन हमें धौंस देगी। हम यह सौतिया-डाह क्यों सहें। इस बांसुरी ने श्रीकृष्ण को मोहित कर लिया है, वह हमें सदा जलाती रहेगी। इसलिए आओ, हम सब व्रज छोड़कर भाग जाएँ। हमारा स्थान अब इस बांसुरी ने ले लिया है। अब तो व्रज में बस यही बाँसरी ही रहेगी।
श्रीकृष्ण का स्वांग रचनेवाली गोपियाँ कहती हैं कि हम अपने सिर पर मोर पंख का मुकुट पहनेंगी। अपने गले में खुपची के लाल-लाल दानों की माला पहनेंगी। अपने कंधों पर पीतांबर ओढ़ेगी और छोटी-सी लाठी लेकर ग्वालों के साथ वन में जाकर गायों को चराने का अभिनय करेंगी। श्रीकृष्ण को जो भी पसंद था, वे वह सब कुछ करेंगी। पर एक काम वे कभी नहीं करेंगी- श्रीकृष्ण ने जिस बांसुरी को अपने होंठों पर रखकर बजाया था, उस बाँसुरी को वे अपने होंठों पर कभी नहीं रखेंगी। (क्योंकि वे उसे अपनी सौतन मानती हैं।)
कान्ह भए बस बाँसुरि के शब्दार्थ :
- कान्ह – कान्हा, श्रीकृष्ण।
- भए – हुए।
- चहिहैं – चाहेगा, पसंद करेगा।
- निसि – रात।
- द्यौस – दिन।
- सौतिन-तापन – सौतिया-डाह।
- सहिहै – सहेंगी।
- जिन – जिसने।
- मोहि – वश में (करना)।
- लियो – लिया है।
- दहिहै – जलाएगी।
- मिलि – मिलकर।
- रहिहै – रहेगी।
- मोर-पखा – मोर के पंख।
- राखिहाँ – रखेगी।
- गुंज – घुघची।
- पहिराँगी – पहनूंगी।
- भावतो – जो पसंद हो।
- वोहि – वही।
- स्वांग – नाटक।
- करौंगी – करूंगी।
- मुरलीधर – श्रीकृष्ण।
- अधरान – होंठों पर।
- धरी – रखा है।
- धरौंगी – रखंगा।