Gujarat Board GSEB Solutions Class 6 Hindi पुनरावर्तन 1 Sem 1 Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 6 Hindi पुनरावर्तन 1 Sem 1
GSEB Solutions Class 6 Hindi पुनरावर्तन 1 Textbook Questions and Answers
1. निम्नलिखित रिक्त स्थानों को कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए :
(बाज़ार, वह, बिच्छू, अस्पताल, घर)
उत्तर :
(1) सब लड़के अपने-अपने घर जा सकते हैं।
(2) रमेश को बुखार था, इसलिए वह स्कूल नहीं गया।
(3) मीना और जैमिनी बाज़ार जा रहे थे।
(4) मैंने बिच्छू को दलदल से बाहर निकाला।
(5) शिकारी हिरनी को अस्पताल ले गया।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
आपने किन-किन कहानियों का पठन किया है?
उत्तर :
मैंने इन कहानियों का पठन किया है : दयालु शिकारी, बातूनी कछुआ, प्यासा कौआ, कौआ और लोमड़ी, समझदार नन्ही।
प्रश्न 2.
आपने पढ़ी हुई कहानी अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
उत्तर छात्र अपनी कॉपी में लिखें।
प्रश्न 3.
शिकारी ने हिरनी को कैसे बचाया?
उत्तर :
शिकारी की गोली हिरनी की टाँग में लगी थी। शिकारी हिरनी को जानवरों के अस्पताल में ले गया। वहाँ डॉक्टर ने हिरनी का इलाज किया। इस तरह शिकारी ने हिरनी को बचाया।
प्रश्न 4.
प्रगति, न्याय और मानवधर्म के लिए हमारा क्या कर्तव्य है?
उत्तर :
हम विश्व के सभी राष्ट्रों को एकता के सूत्र में बाँधे। हम सब में समता और ममता की भावना जगाएँ। हम सारे विश्व में शांति की स्थापना करें। प्रगति, न्याय और मानवधर्म के लिए यही हमारा कर्तव्य है।
प्रश्न 5.
नन्ही बतख का स्वभाव कैसा था?
उत्तर :
नन्ही की माँ ने उसे सिखाया था कि वह भलाई के काम करे। जो नन्ही के साथ बुरा बर्ताव करता था, उसके साथ भी वह भलाई करती थी। किसी से बदला लेने के लिए वह अपनी अच्छी आदत छोड़ना नहीं चाहती थी। मुसीबत में पड़े हुए को बचाना वह अपना फर्ज समझती थी। इस प्रकार सबकी भलाई करना नन्ही बतख का स्वभाव था।
3. निम्नलिखित वर्णों से शुरू करके पाँच-पाँच शब्द बनाइए और वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) च (2) क्ष (3) त (4) भ
उत्तर :
(1) च : चमेली – चमेली का फूल खुशबूदार होता है।
चक्की – चक्की से अनाज पीसा जाता है।
चतुर – रमेश चतुर लड़का है।
चंपा – यह चंपा का वृक्ष है।
चंद्रमा – चंद्रमा के प्रकाश को ‘चाँदनी’ कहते हैं।
(2) क्ष : क्षितिज – वह दिनभर क्षितिज की ओर देखता रहा।
क्षत्रिय – क्षत्रिय बड़े वीर होते हैं।
क्षमा – क्षमा वीरों का भूषण है।
क्षीर – दूध को क्षीर भी कहते हैं।
क्षुधा – मुझे बड़ी क्षुधा (भूख) लगी है।
(3) त : तरबूज – यह तरबूज बहुत मीठा है।
तराजू – तराजू से वस्तुओं का वजन मालूम होता है।
तमाशा – हमने बंदर का तमाशा देखा।
तस्वीर – ये ऐतिहासिक स्थानों की तस्वीरें हैं।
तलवार – तलवार की धार बहुत तेज है।
(4) भ : भवन – यह शाला का नया भवन है।
भजन – गाँधीजी रोज भजन करते थे।
भक्त – नरसिंह मेहता श्रीकृष्ण के भक्त थे।
भक्षक – हाय ! रक्षक ही भक्षक बन गया।
भगदड़ – धमाका होते ही चारों ओर भगदड़ मच गई।
4. समान तुक(प्रास)वाले शब्द बनाकर लिखिए :
(1) सामाजिक – प्रामाणिक, सांसारिक, पारिवारिक।
(2) मानवता – दानवता, सज्जनता, स्वतंत्रता ।
(3) भलाई – बुराई, हवाई, जुदाई।
(4) घबराहट – खड़खड़ाहट, सरसराहट, फड़फड़ाहट
5. गिनती को शब्दों में और शब्दों को अंकों में लिखिए :
(1) ९६ – छियानबे
(2) ६७ – सड़सठ
(3) ५१ – इक्यावन
(4) ८८ – अठासी
(5) अठहत्तर – ७८
(6) सत्तावन – ५७
(7) उनहत्तर – ६९
(8) सत्तानबे – ९७
6. निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी (विलोम) शब्द लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) स्वच्छ
(2) देश
(3) प्रिय
(4) अधिक
उत्तर :
(1) स्वच्छ x अस्वच्छ
वाक्य : यह घर छोटा है, पर अस्वच्छ नहीं है।
(2) देश x विदेश
वाक्य : पिताजी विदेश गए हुए हैं।
(3) प्रिय x अप्रिय
वाक्य : बुरे काम व्यक्ति को अप्रिय बना देते हैं।
(4) अधिक x कम
वाक्य : चाय में शक्कर कम है।
7. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) सूर्य
(2) भूमि
(3) प्राण
(4) सहसा
उत्तर :
(1) सूर्य = रवि
वाक्य : दिन में हमें रवि प्रकाश देता है।
(2) भूमि = जमीन
वाक्य : यहाँ की जमीन उपजाऊ है।
(3) प्राण = जान
वाक्य : दुर्घटना में तीन लोगों की जान चली गई।
(4) सहसा = अचानक
वाक्य : चलते-चलते अचानक गाड़ी रुक गई।
प्रश्न 8.
नीचे दिए गए चित्र का वर्णन करते हुए आठ-दस वाक्य लिखिए :
उत्तर :
इस चित्र में गाँव के नदीघाट का प्रात:कालीन दृश्य दिखाया गया है। पहाड़ के पीछे से सूर्य निकल रहा है। नदी के दोनों किनारों पर बरगद के वृक्ष हैं। नदी में तीन बतखें तैर रही हैं। बगुला चोंच में मछली पकड़े हुए है। एक लड़का बरगद की दो जड़ों से झूल रहा है। एक लटकती जड़ पर चिड़िया बैठी झूल रही है। दो लड़के नदी में तैर रहे हैं। एक खरगोश झाड़ी में छिपा बैठा है। दो स्त्रियाँ घाट से लौट रही हैं। एक के सिर पर दो घड़े हैं और दूसरे के सिर पर टोकरी में धुले हुए कपड़े हैं। एक स्त्री घाट पर कपड़े धो रही है।
एक मंदिर के छज्जे पर मोर बैठा है। मंदिर पर ध्वजा लहरा रही हैं। मंदिर के बाहर एक यात्री विश्राम कर रहा है। उसके पीछे पानी का घड़ा रखा हुआ है। दूर एक ग्वाला नदी में गाय को पानी पिला रहा है। बरगद के पेड़ पर एक पक्षी घोंसले में अंडों के पास बैठा है। नारियल के दो पेड़ों के पास एक लड़का कागज की नाव तैरा रहा है और दूसरा लड़का हाथ से कुछ इशारा कर रहा है। दूर-दूर गाँव की झोपड़ियाँ दिखाई दे रही हैं।
प्रश्न 9.
आप साइकिल लेकर स्कूल जाते हैं और रास्ते में आपकी साइकिल की ट्युब पंक्चर हो जाती हैं। इस घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
एक दिन मैं साइकिल पर स्कूल जा रहा था। रास्ते में मेरी साइकिल की ट्युब पंक्चर हो गई। स्कूल का समय हो रहा था और इधर साइकिल को पकड़कर चलाना मुश्किल हो रहा था फिर भी उसे किसी तरह मरम्मत की दुकान तक ले गया। दुकानदार ने मरम्मत के पाँच रुपये माँगे। मेरे पास चार रुपये ही थे। मैंने उसे भरोसा दिलाया कि अगले दिन मैं एक रुपया दे जाऊँगा।
ट्युब तो ठीक हो गई, लेकिन स्कूल पहुंचने में आधे घंटे की देर हो गई। मैंने वर्गशिक्षक को सारी घटना सच-सच बता दी। वे बोले, “आज तो ठीक है, पर परीक्षा के दिन ऐसा हुआ, तब क्या करोगे?” मैंने कहा, “साहब, तब मैं घर से जल्दी निकलूंगा।” उन्होंने मुस्कराते हुए मुझे वर्ग में प्रवेश करने की अनुमति दे दी।
प्रश्न 10.
चित्र के आधार पर कहानी लिखिए :
उत्तर :
बंदर और मगर अथवा बंदर की चतुराई
एक बंदर था। वह नदी के किनारे एक पेड़ पर रहता था। पेड़ पर मीठे-मीठे फल थे। बंदर फल खाता और खुश रहता था।
एक दिन एक मगर नदी के किनारे आया। बंदर ने उसे फल खाने के लिए दिए। मगर और बंदर में दोस्ती हो गई। मगर ने एक दिन कहा, “मैं रोज तुमसे मिलता हूँ और तुम्हारे दिए हुए मीठे-मीठे फल खाता हूँ। अब तुम भी तो मेरे घर चलो। वहाँ मैं तुम्हें बढ़िया-बढ़िया चीजें खिलाऊँगा।” बंदर मगर की बातों में आ गया। वह मगर की पीठ पर बैठ गया।
नदी के बीच पहुँचकर मगर बोला, “मैं तो तुम्हारा कलेजा खाना चाहता हूँ।”
बंदर घबराया मगर उसने बुद्धि से काम लिया। उसने कहा, “अरे, अपना कलेजा तो मैं पेड़ पर ही रख आया हूँ। तुम मुझे पहले कहते ! अब लौटकर किनारे चलो। मैं तम्हें अपना कलेजा दे दूंगा।”
मूर्ख मगर बंदर को लेकर जैसे ही नदी के किनारे पहँचा, बंदर मगर की पीठ से उछलकर पेड़ पर जा बैठा और बोला, “मूर्ख, कलेजा कहीं पेड़ पर रखा जाता हैं? वह तो हमारे शरीर में ही होता है। भगवान की कृपा से मैं तेरे जाल में फंसने से बच गया।” इस तरह बंदर ने चतुराई से अपनी जान बचाई।