Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 9 Solutions Chapter 10 भारत-गौरव Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 9 Hindi Textbook Solutions Chapter 10 भारत-गौरव
Std 9 GSEB Hindi Solutions भारत-गौरव Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-दो वाक्य में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
भारत को प्रकृति का लीला-स्थल क्यों कहा है?
उत्तर :
भारत में हिमालय के समान मनोहर पर्वत तथा गंगा जैसी पवित्र नदियाँ हैं। इसलिए इस देश को प्रकृति का लीला-स्थल कहा है।
प्रश्न 2.
भारतवर्ष को वृद्ध क्यों कहा गया है.?
उत्तर :
भारत संसार का सबसे पुराना देश है। इसलिए उसे वृद्ध कहा है।
प्रश्न 3.
विधाता ने नर-सृष्टि का विस्तार कहाँ से किया है?
उत्तर :
विधाता ने नर-सृष्टि का विस्तार भारत से किया है।
प्रश्न 4.
आर्य किन-किन विषयों के आचार्य थे?
उत्तर :
आर्य सभी तरह की विद्याओं तथा कला-कौशल में आचार्य थे।
प्रश्न 5.
आयर्यों की संतान आज किस स्थिति में जी रही है?
उत्तर :
आर्यों की संतान आज अधोगति में जी रही है।
प्रश्न 6.
आर्यों की क्या विशेषताएँ रही हैं.?
उत्तर :
आर्य हमेशा स्वार्थ से अधिक परोपकार को महत्त्व देते हैं। वे मोह से दूर रहते हैं और निष्क्रिय रहना पसंद नहीं करते।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दीजिए :
प्रश्न 1.
गुप्तजी ने भारत के गौरव को किस रूप में हमारे सामने रखा है.?
उत्तर :
गुप्तजी कहते हैं कि भारत प्रकृति का पुण्य लीला-स्थल है। यह ऋषियों की पावन भूमि है। भारत ही संसार का सिरमौर है। भगवान की बनाई हुई भव-भूतियों का सबसे पहला भंडार भारतवर्ष ही है। यहाँ के निवासी आर्यों की यह प्रसिद्ध भूमि है। आर्यों ने ही संसार को विद्या और कला-कौशल की शिक्षा दी। इस प्रकार कवि ने भारत के गौरव को हमारे सामने रखा है।
प्रश्न 2.
भारतवासियों के बारे में गुप्तजी क्या कहते हैं?
उत्तर :
गुप्तजी के अनुसार भारतवासी आर्यों की संतानें हैं। एक समय था जब आर्य विद्या और कला-कौशल में सबसे आगे थे। ज्ञानविज्ञान के क्षेत्र में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता था। परंतु उन महान आर्यों की संतान होकर भी आज भारतवासी अधोगति में पड़े हुए हैं। प्रगति की दौड़ में वे बुरी तरह पिछड़ गए हैं। फिर भी अपने महान पूर्वजों के उच्च आदर्शों को वे भूले नहीं हैं।
3. योग्य विकल्प द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
प्रश्न 1.
भारत को …………… कहा गया है. ।
(क) ऋषिभूमि
(ख) तपोभूमि
(ग) वीरभूमि
उत्तर :
(क) ऋषिभूमि
प्रश्न 2.
वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का ……………… है।
(क) तिलक
(ख) आभूषण
(ग) सिरमौर
उत्तर :
(ग) सिरमौर
प्रश्न 3.
विधि ने …………….. का विस्तार यहीं से किया है।
(क) नरसृष्टि
(ख) जीवसृष्टि
(ग) पशुसृष्टि
उत्तर :
(क) नरसृष्टि
प्रश्न 4.
भारत के निवासी ………………. हैं।
(क) मंगोल
(ख) आर्य
(ग) शक
उत्तर :
ख) आर्य
प्रश्न 5.
आर्यों की संतानों की आज …………. हो गई है।
(क) अधोगति
(ख) उन्नति
(ग) अवगति
उत्तर :
(क) अधोगति
4. ‘क’ विभाग को ‘ख’ विभाग के साथ उचित रूप में जोड़ते हुए पूरा वाक्य लिखिए :
प्रश्न 1.
‘क’ विभाग | ‘ख’ विभाग |
1. वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का | 1. उत्कर्ष है। |
2. विद्या, कला-कौशल के | 2. प्रथम भंडार है। |
3. सम्पूर्ण देशों से अधिक भारत का | 3. सिरमौर है। |
4. भगवान की भव-भूति का | 4. दुनिया में कोई दूसरा नहीं है। |
5. भारत जैसा पुरातन देश | 5. आर्य है। |
6. भारत के निवासी | 6. प्रथम आचार्य आर्य हैं। |
उत्तर :
‘क’ विभाग | ‘ख’ विभाग |
1. वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का | 3. सिरमौर है। |
2. विद्या, कला-कौशल के | 6. प्रथम आचार्य आर्य हैं। |
3. सम्पूर्ण देशों से अधिक भारत का | 1. उत्कर्ष है। |
4. भगवान की भव-भूति का | 2. प्रथम भंडार है। |
5. भारत जैसा पुरातन देश | 4. दुनिया में कोई दूसरा नहीं है। |
6. भारत के निवासी | 5. आर्य है। |
5. भाव स्पष्ट कीजिए :
प्रश्न 1.
वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का सिरमौर है।
उत्तर :
सिरमौर का अर्थ है- सरदार अथवा श्रेष्ठ चरित्रवाला नायक। प्राचीनकाल में ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में भारत सबसे आगे था। भारत ने ही दुनिया को भिन्न-भिन्न विद्याएँ सिखाई और कला-कौशल का जान दिया। इस देश ने ही संसार को सभ्यता और संस्कृति के पाठ सिखाए। आज भी हमारा देश संसार को सुख, शांति और मानवता का संदेश दे रहा है। इस क्षेत्र में दुनिया उसके नेतृत्व को सराह रही है।
प्रश्न 2.
भगवान की भव-भूतियों का यह प्रथम भण्डार है।
उत्तर :
भव-भूतियाँ अर्थात् संसार के वैभव के उपकरण। सोना, चांदी, हीरे-मोती आदि बहुमूल्य पदार्थों का भारत ने पता लगाया। रेशमी वस्त्र बनाने की कला यहीं विकसित हुई। इस प्रकार भारत में केवल ज्ञान-विज्ञान का विकास हो नहीं हुआ, वैभव के उपकरणों का उपयोग भी यहीं से आरंभ हुआ।
6. शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- अधोगति
- वृद्ध
- पुरातन
- प्रथम
- विस्तार
- पुण्यभूमि
- उत्कर्ष
- उच्च
उत्तर :
- उर्ध्वगति
- युवा
- नूतन
- अंतिम
- संकुचन
- पापभूमि
- अपकर्ष
- निम्न
7. शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- हिमालय
- गंगा
- गिरि
- भूमि
- विश्व
- मदिरा
उत्तर :
- हिमगिरि
- भागीरथी
- पर्वत
- धरा
- संसार
- शराब
GSEB Solutions Class 9 Hindi भारत-गौरव Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पांच-छ: वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
आर्यों के उच्च चरित्र के बारे में गुप्तजी ने क्या कहा है?
उत्तर :
गुप्तजी कहते हैं कि आर्य ऊँचे आदशों के साथ जीवन जीते थे। परोपकार ही उनके जीवन का उद्देश्य था। दूसरों के लिए जीने में ही वे अपने जीवन की सार्थकता मानते थे। स्वार्थ की भावना से वे कोसों दूर थे। वे कर्मवीर थे। निष्क्रिय होकर बैठना वे नहीं जानते थे। इस प्रकार गुप्तजी ने आर्यों के उच्च चरित्र की प्रशंसा की है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
भारत किसका गौरव है?
उत्तर :
भारत भू-लोक का गौरव है।
प्रश्न 2.
भारत किसका सिरमौर है?
उत्तर :
भारत संसार का सिरमौर है।
प्रश्न 3.
भारत किसका प्रथम भंडार है?
उत्तर :
भारत भगवान की भव-भूतियों का प्रथम भंडार है।
प्रश्न 4.
संसार को सबसे पहले विद्या-कला और ज्ञान किसने दिया?
उत्तर :
संसार को सबसे पहले विद्या-कला और ज्ञान हमारे भारतदेश के आचार्यों ने दिया।
काव्य-पंक्तियों को पूर्ण कीजिए :
प्रश्न 1.
भू-लोक का गौरव ……… गंगाजल जहाँ।
उत्तर :
भू-लोक का गौरव, प्रकृति का पुण्य लीला-स्थल कहाँ?
फैला मनोहर गिरि हिमालय और गंगाजल जहाँ।
प्रश्न 2.
यह पुण्यभूमि … आचार्य हैं।
उत्तर :
यह पुण्यभूमि प्रसिद्ध है, इसके निवासी आर्य हैं,
विद्या, कला-कौशल सबके जो प्रथम आचार्य है।
प्रश्न 3.
वे आर्य ही ….. पीते न थे। ।
उत्तर :
वे आर्य ही थे जो कभी अपने लिए जीते न थे;
वे स्वार्थ-रत हो मोह की मदिरा कभी पीते न थे।
निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :
प्रश्न 1.
- भारत प्रकृति की पुण्य लीला-स्थली है।
- भारत इस संसार का नूतन देश है।
- हम अनार्यों की संतानें हैं।
- आर्य महान चरित्र के कर्मवीर पुरुष थे।
उत्तर :
- सही
- गलत
- गलत
- सही
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए
प्रश्न 1.
- संसार का सबसे पुराना देश कौन-सा है?
- भारत के निवासी किस जाति के हैं?
- हमारे देश की पावन नदी कौन-सी है?
- आर्थों की संतान आज किस स्थिति में जी रही है?
उत्तर :
- भारत
- आर्य जाति के
- गंगा
- अधोगति में
निम्नलिखित प्रश्नों के साथ दिए गए विकल्पों से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.
भारत के निवासी कौन हैं?
A. द्रविड
B. मंगोल
C. शक
D. आर्य
उत्तर :
D. आर्य
प्रश्न 2.
आर्य किसकी मदिरा नहीं पीते थे?
A. स्वार्थ की
B. मोह की
C. गर्व की
D. धन की
उत्तर :
A. स्वार्थ की
प्रश्न 3.
आर्य क्या होकर नहीं बैठ सकते थे?
A. साधु
B. आलसी
C. निश्चेष्ट
D. राजा
उत्तर :
C. निश्चेष्ट
व्याकरणलक्षी
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- निश्चेष्ट
- उत्कर्ष
उत्तर :
- निष्क्रिय
- उन्नति
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से भाववाचक संज्ञा पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- मानव-सृष्टि का विस्तार भी यहीं से हुआ।
- आज देश की दशा अच्छी नहीं है।
- भारतवर्ष की धरती की पवित्रता सारे विश्व में प्रसिद्ध है।
- वे कभी अपने लाभ से मोहित नहीं होते।
- उपकार करनेवाले निष्क्रिय कैसे बैठ सकते हैं?
- पराजित होने के बाद महान राजा की अधोगति हुईं।
उत्तर :
- विस्तार
- दशा
- पवित्रता
- लाभ
- उपकार
- अधोगति
निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य में से विशेषण पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- भारत प्रकृति की पावन क्रीडा-भूमि है।
- मैथिलीशरण गुप्तजी ने आर्यों के उच्च चरित्र की प्रशंसा
- हिमालय भारत का मनोहर पर्वत है।
- भारतवर्ष में गंगा के जैसी पवित्र नदी नहीं है।
- भारत संसार का सर्वश्रेष्ठ देश है।
उत्तर :
- पावन
- उच्च
- मनोहर
- पवित्र
- सर्वश्रेष्ठ
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
प्रश्न 1.
- पृथ्वी पर बसा हुआ संसार
- पवित्र क्रीड़ा-भूमि
- मन को हरनेवाला
- आदर्श आचरण करनेवाला
- केवल अपना स्वार्थ देखनेवाला
उत्तर :
- भू-लोक
- लीला-स्थल
- मनोहर
- आचार्य
- स्वार्थ-रत
निम्नलिखित शब्दों के उपसर्ग पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- संसार
- प्रकृति
- निश्चेष्ट
- निष्क्रिय
- सम्मान
- उन्नत
- प्रसिद्ध
- अनुसार
- अधोगति
- प्रगति
- आभूषण
- विज्ञान
उत्तर :
- संसार – सं (सम्) + सार
- प्रकृति – प्र + कृति
- निश्चेष्ट – निः (निस) + चेष्ट
- निष्क्रिय – नि: (निस) + क्रिय
- सम्मान – सम् + मान
- उन्नत – उत् + नत
- प्रसिद्ध – प्र + सिद्ध
- अनुसार – अनु + सार
- अधोगति – अध: + गति
- प्रगति – प्र + गति
- आभूषण – आ + भूषण
- विज्ञान – वि + ज्ञान
निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय पहचानकर लिखिए :
प्रश्न 1.
- निवासी
- शिक्षित
- विद्यार्थी
- राष्ट्रीय
- शानदार
- प्रकृति
- मौजूदगी
- आचार्य
- दयनीय
- उच्चता
- पूर्वज
- विकसित
उत्तर :
- निवासी – निवास +ई
- शिक्षित – शिक्षा + इत
- विद्यार्थी – विद्या + अर्थी
- राष्ट्रीय – राष्ट्र + ईय
- शानदार – शान + दार
- प्रकृति – प्रकृत + इ
- मौजूदगी – मौजूद + गी
- आचार्य – आचार + य
- दयनीय – दया + नीय
- उच्चता – उच्च + ता
- पूर्वज – पूर्व + ज
- विकसित – विकास + इत
भारत-गौरव Summary in Gujarati
ગુજરાતી ભાવાર્થ :
એ સ્થાન ક્યાં છે, જેના પર દુનિયાને ગર્વ છે અને જે પ્રકૃતિની પવિત્ર ક્રીડાભૂમિ છે. એ સ્થાન ત્યાં જ છે, જ્યાં હિમાલય પર્વત છે અને ગંગા નદી વહે છે. દુનિયાના બધા દેશોમાં સૌથી વધુ શ્રેષ્ઠ દેશ કયો છે? એ દેશ બીજો કોઈ નહિ, પણ ઋષિભૂમિ ભારતવર્ષ જ છે.
હા, તે વૃદ્ધ ભારતવર્ષ દુનિયાના બધા દેશોમાં શ્રેષ્ઠ દેશ છે. પ્રાચીન દેશોમાં તેની સરખામણીનો બીજો કોઈ દેશ નથી. ભગવાને દુનિયામાં વૈભવનાં જે સૌથી પહેલાં સાધનો બનાવ્યાં, તેમનો ભંડાર પહેલાં આ દેશમાં થયો. બ્રહ્માએ માનવસૃષ્ટિનો વિસ્તાર અહીંથી જ કર્યો.
ભારતવર્ષની આ પવિત્ર ધરતી સમગ્ર વિશ્વમાં પ્રસિદ્ધ છે. આ દેશના નિવાસીઓ આર્ય છે. તેમણે જ આ સમગ્ર સંસારને સૌથી પહેલાં વિદ્યા, કળા અને કૌશલનું જ્ઞાન આપ્યું. જોકે તે આયોંનાં સંતાન આજે ખરાબ હાલતમાં છે, છતાં તેમનાં મહાન ચરિત્રોનાં નિશાન આજે પણ હયાત છે.
તે આર્યો જ એવા હતા જે પોતાના જીવનને પોતાનું જીવન ક્યારેય સમજતા નહોતા. તેમને કદી પોતાના લાભનો મોહ નહોતો. તેઓ સંસારનો ઉપકાર કરવા માટે જ જન્મ લેતા હતા, તેથી તેઓ ક્યારેય નિષ્ક્રિય થઈને કેવી રીતે બેસી રહે?
भारत-गौरव Summary in English
Where is the place for which the world is proud of and which is the holy playground of nature? The place is there where the Himalaya mountain is and the river Ganga flows down.
Which is the best country of all the countries in the world ? It is no anyone but the rushibhumi the India.
Yes, the old India is the best of all the countries in the world. In ancient countries no other country is so good as India.
The treasure of luxurious means which were first made by God in the world, was here in this country. Brahma spread the world of mankind from here.
The holy earth of India is famous in the whole world. The people living in this country are the Arya. They spread the knowledge of learning art and skill in the whole world.
Though the sons and daughters of the Arya are in bad condition, the signs of their great character exist even today.
The Arya were such people who never believed their lives of their own. They were never greedy. They would take birth to do good to the world. So how can they sit inactive any time?
भारत-गौरव Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
भारत संसार के प्राचीन देशों में से एक है। यहाँ के प्राचीन निवासी आर्य थे। वे वीर ही नहीं, पूरी तरह सभ्य और शिक्षित भी थे। विद्या और कला-कौशल सबमें वे प्रवीण थे। उन्होंने ही संसार को ज्ञान-विज्ञान का प्रकाश दिया। प्रस्तुत कविता में स्व. राष्ट्रकवि श्री मैथिलीशरण गुप्त ने भारत के अतीत का शानदार चित्र प्रस्तुत किया है।
कविता का सार भू-लोक का गौरव : भू-लोक का गौरव भारत प्रकृति की पुण्य लौला-स्थली है। हमें अपने हिमालय और गंगाजल पर गर्व है। भारत ऋषियों की भूमि है। संसार में सबसे पहले उन्नति इसी देश की हुई है।
संसार का सिरमौर : भारत संसार का सबसे पुराना देश है। संसार की तरह-तरह की संपत्तियों का सबसे पहले यहीं पता चला। मानव-सृष्टि का विस्तार भी यहीं से हुआ।
विद्या, कला, कौशल में सबसे आगे : आर्य भारत के प्राचीन निवासी थे। उन्होंने ही संसार को विद्या और कला-कौशल का ज्ञान दिया। हम उन्हीं आयर्यों की संतानें हैं। आज देश की दशा अच्छी नहीं है, फिर भी प्राचीन सभ्यता-संस्कृति के गौरव-चिहन अब भी यहाँ मौजूद हैं।
आर्यों की महानता : आर्यों में परोपकार की प्रबल भावना थी। उनका जीवन दूसरों की भलाई में ही बीतता था। वे महान चरित्र के कर्मवीर पुरुष थे।
कविता का अर्थ :
भू-लोक ………… भारतवर्ष है।
वह स्थान कहाँ है जिस पर संसार को गर्व है और जो प्रकृति की पवित्र कीड़ा-भूमि है। वह स्थान वहीं है जहाँ हिमालय पर्वत है और गंगा नदी बहती है। दुनिया के सभी देशों में सबसे अधिक श्रेष्ठ (उन्नत) देश कौन-सा है? वह देश और कोई नहीं, यह ऋषिभूमि भारतवर्ष ही है।
हाँ, वृद्ध भारतवर्ष ……….. विस्तार है।
हाँ, यह बूढ़ा भारतवर्ष संसार का सर्वश्रेष्ठ देश है। प्राचीन देशों में इसके मुकाबले का दूसरा कोई देश नहीं है। भगवान ने संसार में वैभव के जो स्थान सबसे पहले बनाए. उनका प्रथम संग्रह (भंडार) इसी देश में हुआ। ब्रह्मा ने मानव-सृष्टि का विस्तार भी यहीं से किया।
यह पुण्यभूमि …. कुछ है खड़े।
भारतवर्ष की यह पवित्र धरती सारे विश्व में प्रसिद्ध है। इस देश के निवासी आर्य हैं। उन्होंने ही सारे संसार को सबसे पहले विद्या, कला और कौशल का ज्ञान दिया। यद्यपि उन आर्यों की संतानें आज बुरी दशा में हैं, फिर भी उनके महान चरित्र के कुछ निशान आज भी मौजूद हैं।
वे आर्य ……. सकते थे कभी?
वे आर्य ही थे जो अपने जीवन को कभी अपना नहीं समझते थे। उन्हें कभी अपने ही लाभ का मोह नहीं होता था। वे संसार का उपकार करने के लिए जन्म लेते थे, फिर वे निष्क्रिय होकर कैसे बैठ सकते थे?
भारत-गौरव शब्दार्थ :
- भू-लोक – पृथ्वी पर बसा हुआ संसार।
- गौरव – सम्मान, प्रतिष्ठा।
- पुण्य लीला-स्थल – पवित्र कीड़ा-भूमि।
- मनोहर – मन को हरनेवाला, सुंदर।
- उत्कर्ष – उन्नति।
- सिरमौर – सरदार, श्रेष्ठ।
- पुरातन – बहुत पुराना, प्राचीन।
- भव-भूति – संसार का वैभव।
- भण्डार – खजाना।
- विधि – ब्रह्मा, सृष्टि की रचना करनेवाला देवता।
- नर – मनुष्य।
- पुण्यभूमि – पवित्रभूमि।
- आचार्य – शिक्षक, आदर्श आचार को आचरण में लानेवाला।
- अधोगति – अवनति, दयनीय दशा।
- उच्चता – महानता, श्रेष्ठता।
- स्वार्थ-रत – केवल अपना ही लाभ देखनेवाला।
- मदिरा – शराब, मध।
- निश्चेष्ट – निष्क्रिय, चेष्टारहित।