Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 9 Social Science Chapter 11 भारत की न्यायपालिका Textbook Exercise Important Questions and Answers.
भारत की न्यायपालिका Class 9 GSEB Solutions Social Science Chapter 11
GSEB Class 9 Social Science भारत की न्यायपालिका Textbook Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
प्रश्न 1.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की आवश्यक योग्यताएँ बताइए ।
उत्तर:
- व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- भारत के किसी भी राज्य के उच्च न्यायालय में 5 वर्ष तक न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का अनुभव होना चाहिए । अथवा
- किसी भी उच्च न्यायालय में कम से कम 10 वर्ष की वकालत का अनुभव होना चाहिए ।
- राष्ट्रपति के मतानुसार वह प्रसिद्ध न्यायविद् या कानून का विशेषज्ञ होना चाहिए ।
- उसकी उम्र 65 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए ।
प्रश्न 2.
सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत सत्ताओं की जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
जब अदालत को सर्वप्रथम ही विवादों को सुनकर निर्णय देने की सत्ता प्राप्त हो तो उसे न्यायालय मूलाधिकार कहा जाता है । इसमें निम्न सत्ताएँ हैं –
- संघ सरकार या एक या एक से अधिक राज्यों के बीच उत्पन्न विवाद के निराकरण की सत्ता प्राप्त है।
- एक तरफ भारत सरकार तथा एक या एक से अधिक राज्य दूसरी ओर एक या उससे अधिक राज्यों के बीच विवाद, मतभेद या टकराव के संबंध में समाधान करने की सत्ता है ।
- दो या दो से अधिक राज्यों के बीच झगड़ा या उत्पन्न विवादों के संदर्भ में निर्णय देने की सत्ता सर्वोच्च न्यायालय की है ।
- सर्वोच्च न्यायालय को संघ सरकार के किसी भी कानून अथवा संवैधानिक व्यवस्था से संबंधित प्रश्नों के संदर्भ में निर्णय देने का अधिकार
- नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा की सत्ता के अलावा मूलभूत अधिकारों के भंग के विरुद्ध आवश्यक आदेश देने की सत्ता हैं ।
प्रश्न 3.
सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के बाहर के विषयों के बारे में जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय स्वयं कोई कानून नहीं बना सकता है ।
- न्यायाधीशों की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय न करके कार्यपालिका द्वारा की जाती है ।
- विदेशी व्यक्तियों के अपराधिक कृत्यों का विषय दो देशों की सरकार का मामला बन जाता है ।
प्रश्न 4.
महाभियोग की कार्यवाही समझाइए ।
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को विशेष विधि द्वारा ही उनके पद से हटाया जा सकता है ।
- न्यायाधीश को एक मात्र प्रमाणभूत अनुशासनहीनता अथवा कार्यअक्षमता के आधार पर हटाया जा सकता है ।
- संसद के दोनों सदनों में उनके कुल तथा उपस्थित रहे और मतदान में भाग लेनेवाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पारित किये गये प्रस्ताव के आधार पर ही पद से हटाया जा सकता है ।
- इस प्रक्रिया को महाभियोग कहते हैं ।
प्रश्न 5.
फौजदारी मुकदमों की अपील के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की अपील की सत्ताओं के बारे में चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
फौजदारी मामलों में निचली अदालत ने आरोपी को मृत्युदण्ड की सजा से मुक्त किया हों, लेकिन उच्च न्यायालय ने आरोपी को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई हो, तब ऐसे मामले में सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है ।
- उच्च न्यायालय ने अपने अधीन किसी अधीनस्थ न्यायालय से किसी मामले को अपने पास मँगवाकर आरोपी को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई हो तथा ऐसा प्रमाणपत्र दिया हो कि सर्वोच्च न्यायालय में अपील हो सकती हैं ।
- सर्वोच्च न्यायालय अपने दिए गये फैसलों का स्वयं पुनरावलोकन कर सकता है । अन्य किसी भी अदालत में चल रहे विवाद को अपने पास मंगवा सकता है ।
प्रश्न 6.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद की योग्यताएँ बताइए ।
उत्तर:
- व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- भारत के राज्यों में स्थित किसी भी निचली अदालत में कम से कम 10 वर्ष तक न्यायाधीश का अनुभव होना चाहिए । अथवा
- उच्च न्यायालय में कम से कम 10 वर्ष तक वकालत का अनुभव होना चाहिए ।
- राष्ट्रपति की दृष्टि से वह न्यायविद्, संविधान का कुशल अथवा कानूनशास्त्री होना चाहिए ।
- उसकी उम्र 62 वर्ष से कम होनी चाहिए ।
प्रश्न 7.
अधीनस्थ न्यायालयों के बारे में जानकारी दीजिए ।
उत्तर:
समग्र देश में अधीनस्थ न्यायालयों का संस्थाकीय ढाँचा तथा उनके कार्य सामान्य भिन्नता के सिवाय एकसमान है ।
- सभी अधीनस्थ न्यायालय सम्बन्धित उच्च न्यायालय के निरीक्षण के अन्तर्गत काम-काज करते हैं ।
- प्रत्येक जिले में दीवानी – फौजदारी न्यायालय होते है ।
- जिला न्यायालय का न्यायाधीश दीवानी दावों की सुनवाई करता है ।
- जब जिला न्यायाधीश फौजदारी मुकदमों की सुनवाई करता है तब उसे सेशन्स न्यायाधीश कहते हैं ।
- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्य का राज्यपाल मुख्य न्यायाधीश के साथ मंत्रणा करके करता है ।
- जिला न्यायालय अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध अर्जियों की सुनवाई करता है, सम्पति सम्बन्धित इझगड़े, विवाह और तलाक विषयक अर्जियों की सुनवाई करता है ।
2. निम्नलिखित विधानों को समझाइए:
प्रश्न 1.
न्यायपालिका लोकतंत्र की आधारशिला है ।
उत्तर:
देश में संघीय सरकार और राज्य सरकारों के बीच के विवादों को निबटाने के लिए संघीय शासन व्यवस्था में तटस्थ और निष्पक्ष न्यायपालिका की आवश्यकता होती है ।
- संविधान की सर्वोपरिता पर कोई प्रभाव न पड़ें इसलिए किसी भी कानून की कलम या उसमें किए गये प्रावधान संविधान के साथ सुसंगत हैं या नहीं इसकी जाँच के लिए, संविधान का अर्थघटन करने के लिए न्यायपालिका महत्त्वपूर्ण अंग है ।
- विधायिका तथा कार्यपालिका द्वारा संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन न हों, इसकी जाँच के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, तटस्थ तथा निर्भीक न्यायपालिका लोकतंत्र की आधारशिला है ।
प्रश्न 2.
सर्वोच्च न्यायालय संविधान तथा देश के नागरिकों के अधिकारों का रक्षक संरक्षक है ।
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय नागरिक के मूलभूत अधिकारों के रक्षण के संदर्भ में कार्यपालिका के किसी भी कदम, कानून या आदेश, जो संविधान के साथ सुसंगत नहीं हैं उन्हें असंवैधानिक घोषित करने तथा ऐसे कानूनों या आदेशों को रद्द करने की सत्ता सर्वोच्च न्यायालय के पास है ।
- यह सत्ता संवैधानिक अधिकारों के अन्तर्गत सर्वोच्च न्यायालय को दी गयी है । इस प्रकार सर्वोच्च न्यायालय संविधान तथा नागरिकों के अधिकारों का रक्षक तथा संरक्षक की भूमिका निभाता है ।
प्रश्न 3.
उच्च न्यायालय का स्थान कड़ी रूप है ।
उत्तर:
भारत की न्यायपालिका के सर्वोच्च न्यायालय और जिला न्यायालय के बीच के स्तर का उच्च न्यायालय होता है ।
- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के परामर्श से करता है । यह राज्य के सबसे बड़े न्यायालय के रूप में कार्य करता है ।
- उच्च न्यायालय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है तथा सरकार के वे कानून जो नागरिक अधिकारों का हनन करते है उन्हें रद्द करता है ।
- इस प्रकार केन्द्र और राज्य सरकारों, जनता और सरकार तथा सर्वोच्च और जिला न्यायालयों के बीच की कड़ी उच्च न्यायालय है ।
प्रश्न 4.
लोक अदालतें आकर्षण का केन्द्र बनी है ।
उत्तर:
गरीबों, शोषितों को सस्ता और त्वरित न्याय दिलाने के लिए लोक अदालतों का गठन किया गया है जो अवकाश के दिन भी चालू रहती है ।
- यहाँ दोनों पक्षों के बीच उन्हें संतोष प्राप्त हो इस तरह शांति तथा सुलह के लिए समाधान होता है, जिसमें किसी भी पक्ष की हार या जीत नहीं होती है ।
- लोक अदालत में धन और समय की बचत होती है । वर्षों से रूके या विलंबित केसों का त्वरित समाधान होता है ।
- लोक अदालत के निर्णयों को कानूनी समर्थन प्राप्त होता है । इसी से लोक अदालतें आज लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी है ।
प्रश्न 5.
विधायिका तथा कार्यपालिका गैर जिम्मेंदार बन जाय तब न्यायपालिका की सक्रियता आशीर्वाद सिद्ध होता है ।
उत्तर:
नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा के संदर्भ में कार्यपालिका के किसी भी कदम, कानून अथवा आदेश जो संविधान से सुसंगत नहीं होता उसे गैर संवैधानिक घोषित करके रद्द कर सकता है ।
- संविधान के अर्थघटन के लिए न्यायपालिका एक महत्त्वपूर्ण अंग है ।
- जहाँ पर कार्यपालिका तथा जागृत न्यायपालिका हो वहाँ का न्यायतंत्र हमेशा सक्रिय रहना आवश्यक हैं ।
- लेकिन कई बार कार्यपालिका तथा प्रशासनिक कार्यपालिका की निष्क्रियता एवं गैर जिम्मेदारी के कारण तथा विधायिका की निरंकुशता के परिणामस्वरूप जागृत, निडर, स्वतंत्र, निष्पक्ष ऐसी न्यायपालिका महत्त्वपूर्ण न्यायिक सक्रियता दिखाई देती है ।
प्रश्न 6.
सर्वोच्च न्यायालय को नजीरी अदालत कहते हैं ।
उत्तर:
नजीरी अदालत अर्थात् ऐसी अदालत जिसके रिकोर्ड्स सबूतों के रूप में महत्त्व रखते हैं । जब इन प्रमाणों को प्रस्तुत किया जाता
है तब इनकी वैधानिकता के समक्ष कोई विरोध नहीं कर सकता ।
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गये निर्णय या चुकादे स्थायी दस्तावेज माने जाते हैं, जो सबको सर्वमान्य होते हैं ।
- इसका उपयोग अधीनस्थ न्यायालयों के मुकदमों में निर्णय के समक्ष संदर्भ के रूप में प्रस्तुत किये जाते हैं, जिनकी अवगणना करनेवाला सजा का पात्र होता है ।
प्रश्न 7.
सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश सेवा निवृत्त होने के बाद किसी भी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकता है ।
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है, जिसे संसद कानून बनाकर परिवर्तित कर सकती है ।
- वह असाधारण संजोगों या प्रसंगों में जाँच के लिए नियुक्त की गई समिति की कामगीरी कर सकता है ।
- वह सेवानिवृत्त होने के बाद भारत के किसी भी न्यायालय में वकालत नहीं कर सकता है । क्योंकि वह देश के सबसे बड़े न्यायिक पद से निवृत्त होता है ।
3. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:
प्रश्न 1.
न्यायपालिका की स्वतंत्रता:
उत्तर:
प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली में मुख्य रूप से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका अपना कार्य, कार्यपालिका से स्वतंत्र रहकर करती है ।
- न्यायपालिका सरकार की तरफदारी करनेवाली नहीं होनी चाहिए ।
- भारत की न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में उपलब्ध किये गये हैं ।
- न्यायाधीशों की नियुक्तियाँ निश्चित की गयी योग्यताओं के आधार पर कार्यपालिका सुव्यवस्थित पद्धति से करती है ।
- न्यायाधीशों को कार्यपालिका अपनी स्वेच्छाचारिता से, पद से हटा नहीं सकती ।
- न्यायाधीशों की नियुक्तियाँ निश्चित अवधि के लिए की जाती है ।
- उनके वेतन और सेवा शर्तों में भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता ।
- न्यायाधीशों के कर्तव्यों की अवधि में, उनके आचरण के विषय में संसद या विधानसभा में चर्चा नहीं हो सकती ।
प्रश्न 2.
उच्च न्यायालय का अपीली क्षेत्राधिकार:
उत्तर:
उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में राज्य की निचली अदालतों के निर्णयों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है, इसे अपील क्षेत्राधिकार कहते हैं ।
- उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ न्यायालयों या ट्रिब्युनल न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध अपील स्वीकार कर उस पर सुनवाई करता हैं ।
- जिले के फौजदारी न्यायालय का न्यायाधीश जब आरोपी को उसके गुनाह के बदले चार साल से अधिक की सजा सुनाई हो, तो उस फैसले के विरुद्ध पक्षकार उच्च न्यायालय में अपील कर सकता हैं ।
- सेशन्स कोर्ट के मृत्युदण्ड के निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील हो सकती है ।
- ट्रिब्युनल्स के फैसले से नाराज पक्षकार भी उच्च न्यायालय में अपील कर न्याय प्राप्त कर सकता है ।
प्रश्न 3.
नजीरी अदालत:
उत्तर:
नजीरी अदालत अर्थात् ऐसी अदालत जिसके रिकोर्ड्स सबूतों के रूप में महत्त्व रखते हैं ।
- जब इन प्रमाणों को प्रस्तुत किया जाता हैं तब इनकी वैधानिकता के समक्ष कोई विरोध नहीं कर सकता है ।
- सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गये निर्णय या चुकादे स्थायी दस्तावेज माना जाता है, जो सबको सर्वमान्य होता है ।
- इसका उपयोग अधीनस्थ न्यायालयों के मुकदमों में निर्णय के समय संदर्भ के रुप में किया जाता है । इनकी अवगणना तथा तिरस्कार करनेवाला सजा का पात्र होगा ।
प्रश्न 4.
लोक अदालतें और सार्वजनिक हितों के दावे:
उत्तर:
गरीबों और शोषितों को त्वरित और सस्ता न्याय दिलाने के लिए, न्यायप्रक्रिया में होनेवाले विलम्ब के निवारण के लिए लोक अदालतों का गठन किया जाता है ।
- सर्वोच्च अदालत सार्वजनिक हित के दावों को, सार्वजनिक अर्जी के रूप में, स्वीकार करने के लिए मात्र पोस्टकार्ड या सामान्य पत्र द्वारा की गई शिकायत को भी ध्यान में लेती है, उसके विषय में उचित कदम उठा सकती है ।
प्रश्न 5.
अधीनस्थ न्यायालय:
उत्तर:
जिला न्यायालय के नीचे के न्यायालयों को अधीनस्थ न्यायालय कहा जाता है ।
- इन न्यायालयों का सिविल जज सरकार के विरुद्ध मुकदमों के अलावा विवाह, तलाक, भरण-पोषण, जमीन संपादन, मुआवजा संबंधित दावों आदि मुकदमों को सुनने की सत्ता रखता हैं ।
- फौजदारी न्यायालयों में सेशन्स कोर्ट, फर्स्ट क्लास ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट, सेकण्ड क्लास ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत, मामलतदार एवं एक्जीक्युटीव मजिस्ट्रेट की अदालत होती हैं ।
- इन न्यायालयों में 3 से 10 वर्ष तक की कैद, 5000 हजार रुपये से अधिक का दण्ड लगाया जाता है ।
- हत्या के केस में मृत्युदण्ड, फाँसी, आजीवन कारावास जैसी सजा देने की सत्ता प्राप्त हैं ।
- उसके अलावा जिले में स्मालकॉज कोर्ट, फेमिली कोर्ट भी होते हैं ।
4. निम्नलिखित विकल्पों में से योग्य विकल्प चुनिए:
प्रश्न 1.
सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की निवृत्ति आयुसीमा है ।
(A) 65 तथा 58
(B) 65 तथा 60
(C) 60 तथा 65
(D) 65 तथा 62
उत्तर:
(D) 65 तथा 62
प्रश्न 2.
जिला न्यायाधीशों की योग्यता के अन्तर्गत वकील के रूप में कितने वर्ष का अनुभव आवश्यक है ?
(A) तीन वर्ष
(B) सात वर्ष
(C) दस वर्ष
(D) पाँच वर्ष
उत्तर:
(B) सात वर्ष
प्रश्न 3.
मिजोरम तथा त्रिपुरा की उच्च न्यायालय किस राज्य में स्थित है ?
(A) मेघालय
(B) अरुणाचल प्रदेश
(C) असम
(D) नागालैण्ड
उत्तर:
(C) असम
प्रश्न 4.
मुफ्त कानूनी सेवा सत्ता मण्डल का मुख्य कार्यालय कहाँ स्थित है ?
(A) बडोदरा
(B) राजकोट
(C) अहमदाबाद
(D) गाँधीनगर
उत्तर:
(C) अहमदाबाद
प्रश्न 5.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है ? ।
(A) प्रधानमंत्री
(B) राष्ट्रपति
(C) उपराष्ट्रपति
(D) कानून मंत्री
उत्तर:
(B) राष्ट्रपति
प्रश्न 6.
ग्राहक की शिकायत दूर करने के लिए किस संस्था की रचना की गयी है ? ।
(A) मुफ्त कानूनी सहायता
(B) दीवानी कोर्ट
(C) ग्राहक फोरम
(D) स्मॉल कॉज कोर्ट
उत्तर:
(C) ग्राहक फोरम