GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

Gujarat Board GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 3 सवैये Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 10 Hindi Textbook Solutions Chapter 3 सवैये

GSEB Class 10 Hindi Solutions सवैये Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय

1. निम्नलिखित प्रश्नों के नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए ।

प्रश्न 1.
यमुना किनारे कदंब की डाल पर रसखान किस रूप में बसना चाहते हैं ?
(अ) पशु
(ब) भगवान
(क) पक्षी
(ड) मनुष्य
उत्तर :
(क) पक्षी

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

प्रश्न 2.
आठ सिद्धि और नव निधि का सुख प्राप्त होता है …….
(अ) नंद की धेनु चराने में ।
(ब) यमुना किनारे स्नान करने में ।
(क) कदंब के वृक्ष पर बसने में ।
(ड) मुरली बजाने में ।
उत्तर :
(अ) नंद की धेनु चराने में ।

प्रश्न 3.
कलधौत के धाम का अर्थ होता है ……
(अ) काली यमुना नदी ।
(ब) सोने का राजमहल ।
(क) चाँदी का राजमहल
(ड) कृष्ण का राजमहल ।
उत्तर :
(ब) सोने का राजमहल ।

प्रश्न 4.
गोपी गले में ……. माला पहनना चाहती है ।
(अ) सोने की
(ब) होरों की
(क) मोतियों की
(ड) गुंजे की
उत्तर :
(ड) गुंजे की

2. निम्नलिखित प्रश्नों के एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
मनुष्य के रूप में रसखान कहाँ बसना चाहते हैं ?
उत्तर :
मनुष्य के रूप में जन्म मिलने पर रसखान गोकुल गाँव में ग्वालों के साथ बसना चाहते है।

प्रश्न 2.
पशु के रूप में कवि कहाँ निवास करना चाहते हैं ?
उत्तर :
पशु के रूप में कवि नंद की गायों के बीच निवास करना चाहते हैं।

प्रश्न 3.
रसखान किस पर्वत का पत्थर बनना चाहते हैं ?
उत्तर :
रसखान गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनना चाहते हैं।

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

प्रश्न 4.
पशुयोनि में जन्म मिलने पर कवि क्या करना चाहते हैं ?
उत्तर :
पशुयोनि में जन्म लेना कवि के वश में नहीं हैं, परंतु कवि इतना ही चाहते हैं कि प्रतिदिन उन्हें नंद की गायों के बीच चरने का मौका मिले।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
लकुटी लेकर रसखान क्या करना चाहते हैं ? क्यों ?
उत्तर :
लकुटी लेकर रसखान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि में कृष्ण की भाँति वन में भटकते हुए गाएं चराना चाहते हैं। इससे वे अपने आपको श्रीकृष्ण के समीप होने का अहसास करना चाहते हैं।

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण को रिझाने के लिए गोपी क्या-क्या करना चाहती है ?
उत्तर :
श्रीकृष्ण को रिझाने के लिए गोपियाँ श्रीकृष्ण के तरह-तरह के स्वांग करना चाहती हैं। वे श्रीकृष्ण की तरह अपने सिर पर मोरपंख धारण करना चाहती हैं, गुंजों की माला गले में पहनना चाहती है तथा पीतांबर ओवकर और हाथ में लाठी लेकर गायों के पीछे ग्वालों के साथ-साथ वन में भटकना चाहती हैं।

प्रश्न 3.
गोपी कृष्ण की मुरली को अपने अधरों पर क्यों नहीं रखना चाहती ?
उत्तर :
गोपियों का श्रीकृष्ण से निश्छल प्रेम है। वे नहीं चाहती कि श्रीकृष्ण की मुरली को वे अपने अधरों पर रखकर जूठी करें। वे इस चेष्टा को अपने प्रिय के साथ विश्वासघात मानती हैं।

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

4. निम्नलिखित प्रश्नों के चार-पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
रसखान श्रीकृष्ण का सामीप्य किन रूपों में किस प्रकार चाहते हैं ?
उत्तर :
कवि रसखान श्रीकृष्ण और उनकी लीला-स्थली से अभिभूत हैं। वे हर उस चीज से सामीप्य चाहते हैं, जिनका संबंध श्रीकृष्ण से रहा है। वे अगले जन्म में गोकुल गाँव में जन्म लेकर वहाँ के ग्वालों के बीच उसी तरह रहना चाहते हैं। जैसे कृष्ण रहते थे। श्रीकृष्ण बचपन में नंद की गाएं चराने जाया करते थे। वे पशु के रूप में जन्म लेकर नंद की गायों के बीच चरना चाहते हैं। यमुना के किनारे कदंब के पेड़ों पर चढ़कर बचपन में श्रीकृष्ण ग्वाल-बालों के साथ खेला करते थे। पक्षी के रूप में जन्म लेकर रसखान इन्हीं कदंब के वृक्षों पर रैन-बसेरा करना चाहते हैं। इतना ही नहीं, यदि अगले जन्म में वे पत्थर बनें, तो उसी पहाड़ का पत्थर बनने की कामना करते हैं, जिसे श्रीकृष्ण ने अपने हाथों से उठा लिया था, यानी जिसका उन्होंने स्पर्श किया था।

प्रश्न 2.
कवि श्रीकृष्ण से संबंधित किन वस्तुओं की अभिलाषा करता है । इनके लिए वह किन वस्तुओं को छोड़ने के लिए तैयार है ?
उत्तर :
कवि रसखान की श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य श्रद्धा है। वे हर हालत में श्रीकृष्ण के समीप रहना चाहते हैं। इसके लिए वे उन वस्तुओं की अभिलाषा करते हैं, जिनका संबंध श्रीकृष्ण से रहा है। श्रीकृष्ण लाठी और कमली लेकर वन में गाएं चराने जाया करते थे। इस लाठी और कमली पर वे आकाश, पाताल और मृत्यु लोक- तीनों लोकों – के राज्य को भी तुच्छ मानते हैं और उसे खुशी-खुशी छोड़ने को तैयार हैं। नंद की गायों को चराने के सुख को वे आठों सिद्धियों एवं नौवॉ निधियों से भी बढ़कर मानते हैं। इसे पाने के लिए वे इन्हें सहर्ष छोड़ने को तैयार हैं। व्रज के जिन बनों, बगीचों और सरोवरों का संबंध श्रीकृष्ण से रहा है, उन्हें देखने की उनके मन में बड़ी अभिलाषा है। इतना ही नहीं, वे व्रज की काँटेदार झाड़ियों के लिए सोने से बने करोड़ों महलों को भी न्यौछावर करने के लिए तैयार हैं।

प्रश्न 3.
कृष्ण की मुरली का ब्रज की स्त्रियों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :
व्रज की स्त्रियाँ कृष्ण की मुरली की धुन की दीवानी थीं। श्रीकृष्ण ने अपनी मुरली की मनमोहक तान से ब्रज की समस्त स्त्रियों को रिझा लिया था। अपनी मुरली की धुन से जैसे उन्होंने वज की स्त्रियों पर कुछ ऐसा जादू-टोना-सा कर दिया था कि वे उनके हृदय में घर कर गए थे। हालत ऐसी हो गई थी कि किसी को किसी की परवाह नहीं थी। ब्रज के सारे स्त्री-पुरुष कृष्ण की मुरली की धुन पर मुग्ध हो गए थे।

प्रश्न 4.
कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित करने के लिए रसखान क्या-क्या न्यौछावर करना चाहते हैं ?
उत्तर :
कवि रसखान के मन में श्रीकृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा है। वे अपने आराध्य देव के प्रति समर्पित है। श्रीकृष्ण का लकुटी और कमली लेकर गायों को चराने के लिए वन में जानेवाला रूप उनके मन में समाया हुआ है। उस रूप का दर्शन करने के लिए वे तीनों लोकों के राज्य को न्योछावर करने को तत्पर हैं।

नंद की जिन गायों को उनके आराध्य देव श्रीकृष्ण ने चराया था, वे उन गायों को चराकर अद्भुत सुख प्राप्त करना चाहते हैं। इस सुख के सामने वे आठों सिद्धियों और नौवों निधियों को भी तुच्छ मानते हैं। नंद की गायों को चराने के सुख के सामने वे इन सिद्धियों और निधियों को न्योछावर करने को तैयार हैं। वे ब्रज के लता, कुंज एवं पेड़-पौधों का दर्शन करने के लिए बेचैन हैं। इतना ही नहीं, वे ब्रज की कंटीली झाड़ियों को भी सोने से बने महलों से मूल्यवान मानते हैं और उनके सामने वे सोने के करोड़ो महलों को न्योछावर करते हैं।

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

5. उचित जोड़े बनाइए:

प्रश्न 1.

‘अ’ ‘ब’
मनुष्य नंद की गाय
पशु यमुना के किनारे कदंब की डाल
पक्षी गोवर्धन पर्वत
पत्थर गोकुल गाँव

उत्तर :

‘अ’ ‘ब’
मनुष्य गोकुल गाँव
पशु नंद की गाय
पक्षी यमुना के किनारे कदंब की डाल
पत्थर गोवर्धन पर्वत

Hindi Digest Std 10 GSEB सवैये Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार-पांच वाक्यों में लिखिए :

प्रश्न 1.
रसखान ने श्रीकृष्ण के प्रति गोपियों के प्रेम को किस प्रकार प्रकट किया है?
उत्तर :
गोपियों श्रीकृष्ण से इतना प्रेम करती हैं कि वे उनकी हर वस्तु धारण करने के लिए लालायित हैं। वे श्रीकृष्ण की तरह अपने सिर पर मोरपंख धारण करेंगी। अपने गले में वे गुंजों की माला पहनेंगी। पीले रंग का वस्त्र ओढ़कर और हाथ में लाठी लेकर वे श्रीकृष्ण के ग्वाल-वेश को धारण करेंगी। इतना ही नहीं, वे गायों और ग्वालों के साथ-साथ वन में भी भटकेंगी। श्रीकृष्ण के सारे रूप धारण करना उन्हें स्वीकार है, पर उनकी मुरली को वे कभी अपने होंठों पर नहीं रखेंगी। अपने होंठों पर श्रीकृष्ण की मुरली को रखकर उसे जूठा करके वे अपने आराध्य कृष्ण का अनादर नहीं करना चाहतीं।। इस प्रकार रसखान ने श्रीकृष्ण के प्रति गोपियों के प्रेम को बड़े सुंदर ढंग से प्रकट किया है।

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में लिखिए :

प्रश्न 1.
किस पर्वत का पत्थर होना रसखान चाहते हैं? क्यों?
उत्तर :
रसखान अगले जन्म में श्रीकृष्ण की जन्मभूमि में जन्म लेना चाहते हैं। भले ही वह पत्थर के रूप में ही क्यों न हो। वे उस पर्वत का पत्थर होना चाहते हैं, जिसे श्रीकृष्ण ने अपने हाथों पर उठा लिया था। इसका कारण यह है कि वे उस पहाड़ का पत्थर बनकर अपने आपको धन्य मानेंगे, क्योंकि उस पर्वत को श्रीकृष्ण ने स्पर्श किया था।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए।

प्रश्न 1.
आठ सिद्धि और नव निधि का सुख कहाँ प्राप्त होगा?
उत्तर :
आठ सिद्धि और नव निधि का सुख नंद की धेनु चराने में प्राप्त होगा।

प्रश्न 2.
कवि रसखान श्रीकृष्ण की लाठी और कंबली पाने के लिए क्या त्यागने को तैयार है?
उत्तर :
कवि रसखान श्रीकृष्ण की लाठी और कंबली को पाने के लिए आकाश, पाताल और मृत्यु ये तीनों लोकों का राज्य त्यागने को तैयार है।

सही वाक्यांश चुनकर निम्नलिखित विधान पूर्ण कीजिए :

प्रश्न 1.
पशु योनि में जन्म मिलने पर कवि …..
(अ) नंदजी की गाय बनना चाहते हैं।
(ब) नंदजी की गायों के बीच रहकर चरना चाहते हैं।
(क) गोकुल में चरना चाहते हैं।
उत्तर :
पशु योनि में जन्म मिलने पर कवि नंदजी की गायों के बीच रहकर चरना चाहते हैं।

प्रश्न 2.
गोपी कृष्ण की मुरली धारण नहीं करेगी, क्योंकि ……
(अ) गोपी निश्छल प्रेम का विश्वासघात करना नहीं चाहती।
(ब) गोपी को कृष्ण से नफरत हो गई है ।
(क) गोपी को मुरली बजानी आती नहीं है।
उत्तर :
गोपी कृष्ण की मुरली धारण नहीं करेगी, क्योंकि गोपी निश्छल प्रेम का विश्वासघात करना नहीं चाहती।

प्रश्न 3.
लकुटी लेकर रसखान …..
(अ) गायें भगाना चाहते है।
(ब) चलना चाहते हैं।
(क) कृष्ण की भाँति वन में भटकते हुए गायें चराना चाहते हैं।
उत्तर :
लकुटी लेकर रसखान कृष्ण की भांति वन में भटकते हुए गायें चराना चाहते हैं।

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

प्रश्न 4.
नंद की गायों को वन में ले जाकर चलाने का सौभाग्य मिलने पर रसखान ……
(अ) आकाश, पाताल, मृत्यु तीनों लोकों का राज्य त्याग
(ब) आठों सिद्धियों और नौवों निधियों से प्राप्त सुख को भूला देंगे।
(क) गायें चराना चाहते हैं।
उत्तर :
नंद की गायों को वन में ले जाकर चलाने का सौभाग्य मिलने पर रसखान आठों सिद्धियों और नौवों निधियों से प्राप्त सुख को भूला देंगे।

सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

प्रश्न 1.

  1. यमुना किनारे कदंब की डाल पर रसखान ……… के रूप में बसना चाहते हैं। (मृग, पक्षी)
  2. गोपी गले में …………. की माला पहनना चाहती है। (गुंजों, मोतियों)
  3. कृष्ण ने ………. पर्वत को छत्र की तरह धारण किया था। (गोवर्धन, हिमालय)
  4. कालिंदी नदी का दूसरा नाम …………. भी है। (गोदावरी, यमुना)
  5. नंद का छोरा ……….. बजाकर सबको रिझा गया है। (वेणु, शहनाई)
  6. रसखान ……….. पर्वत का पत्थर बनना चाहता है। (गोवर्धन, हिमालय)
  7. गोपी श्रीकृष्ण की तरह अपने सिर पर ……….. धारण करना चाहती है। (ताज, मोरपंख)
  8. ……….. लेकर रसखान वन में भटकते हुए गायें चराना चाहते हैं। (लकुटी / लाठी, चरवाहा)
  9. व्रज की स्त्रियाँ …………… की धुन को दीवानी हैं। (मुरली, गीत)
  10. नंदजी की गायों के बीच रसखान ……….. के रूप में निवास करना चाहते हैं। (चरवाहे, पशु)

उत्तर :

  1. पक्षी
  2. गुंजों
  3. गोवर्धन
  4. यमुना
  5. वेणु
  6. गोवर्धन
  7. मोरपंख
  8. लकुटी / लाठी
  9. मुरली
  10. पशु

निम्नलिखित प्रश्नों के नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए :

प्रश्न 1.
सिद्धियों कितनी है?
A. पाँच
B. सात
C. छ:
D. आठ
उत्तर :
D. आठ

प्रश्न 2.
रसखान ………… पर्वत का पत्थर बनना चाहते हैं।
A. गिरनार
B हिमालय
C. गोवर्धन
D. शैजुजय
उत्तर :
C. गोवर्धन

प्रश्न 3.
यमुना के किनारे ……….. का वृक्ष है।
A. कदंब
B. नौम
C. पीपल
D. बरगद
उत्तर :
A. कदंब

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

प्रश्न 4.
गोपी श्रीकृष्ण को …………. प्रेम करती है।
A. अनहद
B. निश्चल
C. अपार
D. अविश्वसनीय
उत्तर :
B. निश्चल

प्रश्न 5.
इद का अर्थ ……… भी हैं।
A. पुष्पक
B. पुरंदर
C. पुष्प
D. पर्याप्त
उत्तर :
B. पुरंदर

प्रश्न 6.
…………….. को रिझाने के लिए गोपी तरह-तरह के स्वांग करना चाहती हैं।
A. श्रीकृष्ण
B. माता यशोदा
C. राधा
D. भक्त
उत्तर :
A. श्रीकृष्ण

प्रश्न 7.
नंद की धेनु चराने में ………. सिद्धि तथा …….. निधि का सुख प्राप्त होता है।
A. आठ, नव
B. तीन, पांच
C. चार, नौ
D. दो, पाँच
उत्तर :
A. आठ, नव

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

व्याकरण

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :

प्रश्न 1.

  1. नित्य – ……..
  2. पशु – ……..
  3. गिरि – ……..
  4. लकुटी – ……..
  5. पाहन – ……..
  6. आँख – ……..
  7. खग – ……..
  8. पुरंदर – ……..
  9. अधर – ……..
  10. धेनु – ……..

उत्तर :

  1. नित्य – प्रतिदिन
  2. पशु – प्राणी
  3. गिरि – पर्वत
  4. लकुटी – लाठी
  5. पाहन – पत्थर
  6. आँख – नेत्र
  7. खग – पक्षी
  8. पुरंदर – इन्द्र
  9. अधर – होंठ
  10. धेनु – गाय

निम्नलिखित शब्दों के विरोधी शब्द लिखिए :

प्रश्न 1.

  1. गाँव × ……….
  2. सुख × ……….
  3. ऊपर × ………
  4. नित × ………

उत्तर :

  1. गाँव × शहर
  2. सुख × दुःख
  3. ऊपर × नीचे
  4. नित × अनित्य

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :

प्रश्न 1.

  1. यमुना नदी का किनारा
  2. गायरूपी धन
  3. मुरली धारण करनेवाला
  4. मोर के पंख

उत्तर :

  1. कालिंदी-कूल
  2. गोधन
  3. मुरलीधर
  4. मोर-पखा

निम्नलिखित शब्दों की भाववाचक संज्ञा लिखिए :

प्रश्न 1.

  1. पशु – …………
  2. नित्य – …………
  3. सिद्ध – …………
  4. पहनना – …………
  5. समान – …………

उत्तर :

  1. पशु – पशुता
  2. नित्य – नित्यता
  3. सिद्ध – सिद्धि
  4. पहनना – पहनावा
  5. समान – समानता

निम्नलिखित शब्दों की कर्तवाचक संज्ञा लिखिए :

प्रश्न 1.

  1. निवास – …………
  2. चराना – …………
  3. गाना – …………
  4. बजाना – …………
  5. बाग – …………

उत्तर :

  1. निवास – निवासी
  2. चराना – चरवाहा
  3. गाना – गायक
  4. बजाना – बजवैया
  5. बाग – बागबान

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

निम्नलिखित समास को पहचानिए :

प्रश्न 1.

  1. मुरलीधर
  2. मोर-पखा
  3. रसखान
  4. कालिंदीकूल
  5. पीतांबर

उत्तर :

  1. तत्पुरुष
  2. तत्पुरुष
  3. तत्पुरुष
  4. तत्पुरुष
  5. कर्मधारय

सवैये Summary in Hindi

विषय-प्रवेश

कवि रसखान के हृदय में श्रीकृष्ण के प्रति अद्भुत आकर्षण और अपार श्रद्धा-भावना है। यहाँ रसखान के चार सर्वये दिए गए हैं, जिनमें यह भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

रसखान कृष्ण की लीलाभूमि और कृष्ण से जुड़ी हर छोटी-बड़ी वस्तु के समीप रहने की कामना करते हैं। श्रीकृष्ण के संपर्क में रहने के लिए वे अपना सर्वस्व त्यागने के लिए तत्पर हैं। वे व्रज में श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं के जादू से अभिभूत है और कृष्ण के प्रति गोपियों के निश्छल एवं पवित्र प्रेम का भाव-भरा वर्णन करते हैं।

कविता का सार :

व्रज में जन्म की कामना : कवि रसखान को व्रज की प्रत्येक वस्तु महान और लुभावनी लगती है। यह भूमि कवि के हृदय में समा चुकी है। किसी भी रूप में क्यों न हो वे हर स्थिति में अपने अगले जन्म में व्रज में ही जन्म लेना चाहते हैं।

समर्पण की भावना : कवि रसखान श्रीकृष्ण के प्रति अपने अद्भुत प्रेम का प्रदर्शन करते हैं। वे ब्रजभूमि के प्रति अत्यधिक आकर्षित हैं और उसकी एक झलक पाने के लिए अपना सारा सुख, सारा वैभव तथा तीनों लोकों की सत्ता त्यागने को तत्पर हैं। वे श्रीकृष्ण के निकट रहने की इच्छा व्यक्त करते हैं।

जन-जन के दिल में : नंदजी का छोरा (बेटा) अपने मनमोहक हाव-भाव से व्रज-वासियों पर लगता है जैसे कोई जादू-टोना कर गया है। उन लोगों के दिलों में वह समा-सा गया है। सारा व्रज उसका दीवाना हो गया है।

पवित्र प्रेम की झलक : वज की गोपियाँ श्रीकृष्ण की तरह ही अपने समस्त क्रियाकलाप करने को तत्पर हैं। वे हर तरह का स्वांग करने को तैयार हैं, पर जिस मुरली को श्रीकृष्ण ने अपने होंठों पर रखकर उसकी मधुर तान से सबका मन मोह लिया था, उस मुरली को वे अपने होंठों पर रखने के लिए तैयार नहीं हैं।

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

कविता का सरल अर्थ :

मानुष हौं तो वही ……… कदंब की डारन।।

कवि रसखान ब्रजभूमि से अभिभूत हैं। वे अगले जन्म में श्रीकृष्ण की जन्मभूमि में जन्म लेने की कामना करते हैं। वे कहते हैं कि यदि उन्हें मनुष्य योनि में जन्म लेने का सौभाग्य मिले, तो वे गोकुल में ही जन्म लें और वहां गांव के ग्वालों के साथ मिलकर निवास करें। वे कहते हैं कि यदि वे पशु योनि में जन्म लें, तो इसमें उनका कोई वश ही नहीं है। तब वे केवल इतना ही चाहेंगे कि प्रति दिन उन्हें नंद की गायों के बीच चरने का मौका मिले। यदि वे पत्थर बनें, तो उसी (गोवर्धन) पहाड़ के पत्थर हों, जिसे श्रीकृष्ण ने इंद्र के कोप के कारण अपने हाथ से छत्र की तरह उठा लिया था। वे कहते हैं कि यदि उन्हें पक्षी बनने का मौका मिले, तो वे गोकुल में अन्य पक्षियों के साथ मिलकर यमुना के किनारे स्थित कदंब वृक्ष के पेड़ों की डालियों पर बसेरा करें।

या लकुटी अरु …….. कुंजन ऊपर वारौं।।

कवि रसखान कहते हैं कि यदि मुझे (श्रीकृष्ण की) वह लाठी और कमली (कंबल) पाने का अवसर मिले, जिन्हें लेकर श्रीकृष्ण गायें चराने जाया करते थे, तो उनके लिए मैं आकाश, पाताल और मृत्यु लोक – तीनों लोकों – का राज्य भी त्याग दूं। वे कहते हैं कि यदि मुझे नंद की गायों को बन में ले जाकर चराने का सौभाग्य मिले, तो उसके बदले में मैं अमूल्य आठों सिद्धियों और नौवों निधियों से प्राप्त होनेवाले सुख को भी भुला दूं। वे कहते हैं कि यदि मुझे कभी अपनी आंखों से ब्रज के वन, वहाँ के बाग-बगीचों और सरोवरों को देखने का अवसर मिले, तो मैं वहाँ उगनेवाली कटीली झाड़ियों के झुरमुटों को पसंद करूंगा और उन पर सोने के करोड़ों महलों को निछावर करने को तैयार हूँ।

जा दिन से …….. बिकाइ गयो है।

कवि रसखान कहते हैं कि जिस समय से नंद जी का छोरा (बेटा) श्रीकृष्ण इस वन में गायों को चराकर गया है और अपनी मुरली की मनमोहक तान से यहाँ की गायों को रिझा गया है, तभी से वह लोगों पर कुछ ऐसा जादू-टोना-सा कर गया है कि वह जन-जन के हृदय में घर कर गया है। तब से व्रज में ऐसी हालत हो गई है कि कोई किसी की परवाह ही नहीं करता। लगता है जैसे सारे ब्रजवासी नंद जी के छोरे पर न्योछावर हो गए हैं।

मोर-पखा ……….. अधरा न धरौंगी।

कवि रसखान श्रीकृष्ण के प्रति गोपियों के प्रेम का वर्णन करते हुए कहते हैं कि गोपियाँ श्रीकृष्ण के लिए वह सारा स्वांग करने के लिए तैयार हैं, जो कुछ करना उनके कृष्ण को प्रिय था।

गोपियाँ कहती है कि वे श्रीकृष्ण की तरह अपने सिर के ऊपर मोर के पंख धारण करेंगी। वे अपने गले में (लाल रंग के) गुंजों (घुघची) की माला धारण करेंगी। वे श्रीकृष्ण का वेश धारण कर पीले रंग के वस्त्र ओढ़कर और अपने हाथ में (गायों को चराने के लिए) लाठी लेकर गायों और ग्वालों के साथ-साथ वन में भटकेंगी।

वे कहती हैं कि अपने कृष्ण के लिए वे उनके वे सारे रूप धारण करेंगी (स्वांग करेंगी), जो उन्हें अच्छे लगते थे। पर वे एक स्वांग कभी नहीं करेंगी, जो श्रीकृष्म किया करते थे। वह यह कि वे श्रीकृष्ण की तरह मुरली नहीं बजाएंगी। वे कहती है कि जिस मुरली को श्रीकृष्ण ने अपने होठों पर रखकर बजाया था, उस मुरली को हम अपने होठों पर कदापि नहीं रखेंगी। (क्योंकि इससे वह जूठी हो जाएगी और वे अपने आराध्य के साथ ऐसा व्यवहार कदापि नहीं करना चाहतीं।)

ગુજરાતી ભાવાર્થ :

કવિ રસખાન વ્રજભૂમિ માટે વ્યાકુળ છે. તેઓ બીજા જન્મમાં શ્રીકૃષ્ણની જન્મભૂમિમાં જન્મ લેવાની કામના કરે છે, તેઓ કહે છે કે જો મને મનુયોનિમાં જન્મ પ્રાપ્ત કરવાનું સૌભાગ્ય મળે, તો હું ગોકુળમાં જ જન્મ લઉં અને ત્યાં ગામના ગોવાળિયાઓ સાથે મળી નિવાસ કરું. તેઓ કહે છે કે જો મને પશુયોનિમાં જન્મ મળે, તો એ બાબતમાં અધિકાર નથી. તેઓ ફક્ત એટલું જ ઇચ્છે છે કે પ્રતિદિન તેમને નંદરાજાની ગાયોની વચ્ચે ચરવાનો અવસર મળે. જો તેઓ પથ્થર બને, તો એ જ ગોવર્ધન પર્વતનો પથ્થર બને, જેને શ્રી કષ ઇન્દ્રના કોપને કારણે પોતાના હાથમાં છત્રની જેમ ઉપાડી લીધો હતો. તેઓ કહે છે કે જો તેમને પક્ષી બનવાની તક મળે, તો તેઓ ગોકુળમાં અન્ય પક્ષીઓની સાથે મળીને યમુનાના કિનારે આવેલા કંદબનાં વૃક્ષોની ડાળીઓ પર નિવાસ કરે.

કવિ રસખાન કહે છે કે જો મને શ્રીકૃષ્ણની તે લાઠી અને કામની પ્રાપ્ત કરવાનો અવસર મળે, જેને લઈને શ્રી કૃષ્ણ ગાયો ચરાવવા જતા હતા, તેને માટે હું આકાશ, પાતાળ અને મૃત્યુલોક અર્થાત્ ત્રણે લોકના રાજ્યનો પણ ત્યાગ કરી દઉં. તેઓ કહે છે કે જો મને નંદરાજાની ગાયોને વનમાં લઈ જઈને ચરાવવાનું સદ્ભાગ્ય મળે, તો તેના બદલે હું અમૂલ્ય આઠ સિદ્ધિઓ અને નવનિધિઓથી પ્રાપ્ત થનારા સુખને પણ ભૂલી જાઉં ! તેઓ કહે છે કે મને ક્યારેક મારી આંખોથી વ્રજનાં વન, ત્યાંના બાગ-બગીચા અને સરોવરોને જોવાનો અવસર મળે, તો હું ત્યાં ઊગતી કાંટાળી ઝાડીઓના ઝુંડને પસંદ કરું અને તેમની તુલનામાં સોનાના કરોડો મહેલો પણ તજી દેવા તૈયાર છું.

કવિ રસખાન કહે છે કે જ્યારથી નંદજીનો દીકરો શ્રીકૃષ્ણ આ વનમાં ગાયો ચરાવીને ગયો છે અને પોતાની મોરલીના મનમોહક સૂરોથી તેમને પ્રસન્ન કરી ગયો છે, ત્યારથી તે લોકો પર એવો જાદુ કરી ગયો છે કે તે સૌના હૃદયમાં વસી ગયો છે. ત્યારથી વ્રજમાં એવી સ્થિતિ થઈ ગઈ છે કે કોઈ કોઈની પરવા જ કરતું નથી. એમ લાગે છે કે સૌ વ્રજવાસી નંદજીના દીકરા પર વારી ગયા છે.

કવિ રસખાન શ્રીકૃષ્ણ પ્રત્યેના ગોપીઓના પ્રેમનું વર્ણન કરતાં કહે છે કે ગોપીઓ શ્રીકૃષણ માટે એ સંપૂર્ણ સ્વાંગ રચવા તૈયાર થાય છે, જે કાંઈ શ્રીકૃષ્ણને પ્રિય હતું. ગોપીઓ કહે છે કે તેઓ શ્રીકૃષ્ણની જેમ પોતાના મસ્તક ઉપર મોરપીંછ ધારણ કરે છે. તેઓ પોતાના ગળામાં લાલ રંગની ચણોઠીની માળા ધારણ કરશે. તેઓ શ્રીકષણનો વેશ ધારણ કરીને, પીળા રંગનાં વસ્ત્રો ઓઢીને અને પોતાના હાથમાં ગાયોને ચરાવવા માટે લાકડી લઈને ગાયો અને ગોવાળિયાઓની સાથે-સાથે વનમાં ભટકશે.

તેઓ કહે છે કે અમે અમારા શ્રીકૃષ્ણને માટે એમનાં સર્વ રૂપ ધારણ કરીશું, જે તેમને ગમતાં હતાં. પરંતુ તેઓ એક રૂપ ક્યારેય નહીં ધારણ કરે, જે શ્રીકુર ધારણ કરતા હતા. તેઓ શ્રીકૃષ્ણની જેમ મોરલી વગાડશે નહિ. તેઓ કહે છે કે જે મોરલીને શ્રીકૃષ્ણ પોતાના હોઠ પર મૂકીને વગાડી હતી. તે મોરલીને અમે અમારા હોઠ ઉપર કદી નહીં મૂકીએ, કારણ કે તેનાથી તે અપવિત્ર થઈ જશે. એટલે તેઓ પોતાના આરાધ્યની સાથે તેવો વ્યવહાર કદી કરવા ઇચ્છતી નથી.

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

टिप्पणियाँ

आठ सिद्धियाँ : योग द्वारा प्राप्त होनेवाली आठ सिद्धियाँ इस प्रकार हैं :

  • अणिमा
  • लधिमा
  • प्राप्ति
  • प्राकाम्य
  • महिमा
  • ईशित्व
  • वशित्व
  • कामावसायिता

नौ निधियाँ : (कुबेर के नौ खजाने)

  • पद्य
  • महापद्म
  • शंख
  • मकर
  • कच्छप
  • मुकुंद
  • कुंद
  • नील
  • खर्व

GSEB Solutions Class 10 Hindi Chapter 3 सवैये

शब्दार्थ :

  1. मानुष – मनुष्य।
  2. मिलि – मिलकर।
  3. पसु – पशु-जानवर।
  4. बस – वश।
  5. चरौं – चरू।
  6. धेनु – गाय।
  7. मैझारन – बीच में, झुंड में।
  8. पाहन-पत्थर।
  9. हाँ – होऊ, बनू।
  10. धयों – उठा लिया था, धारण किया था।
  11. कर छत्र – हाथों से छत्र की तरह।
  12. पुरंदर – इंद्र।
  13. बसेरो – वह स्थान जहाँ पक्षी रात बिताते हैं।
  14. कालिंदी-कूल – यमुना के किनारे।
  15. डारन – डालियों पर।
  16. लकुटी – छोटी लाठी।
  17. अरु – और।
  18. कामरिया – कमली (छोटा कंबल)।
  19. राज – राज्य।
  20. तिहूँ पुर – तीनों लोक (आकाश, मृत्यु, पाताल)।
  21. तजि डारों – छोड़ दूं।
  22. आठहुँ – आठों।
  23. चराय – चराकर।
  24. बिसारौं – भुला दूं।
  25. कबौं – कब, कभी।
  26. ब्रज – व्रज।
  27. तड़ाग – तालाब, सरोवर।
  28. निहारी – देखें।
  29. कोटिकहू – करोड़ों।
  30. कलधौत के धाम – सोने के राजमहल।
  31. करील – शुष्क प्रदेशों में उगनेवाला केटीला पौधा, जिसमें पत्ते नहीं होते।
  32. कुंजन – झाड़ियों।
  33. वारौं – निछावर कर दूं।
  34. जा – जिस।
  35. तै – से।
  36. छोहरो – लड़का।
  37. या – इस।
  38. गयो है – गया है।
  39. ताननि – तान।
  40. खेनु – बीन, मुरली।
  41. रिझाइ – मोहित करना।
  42. ताही – उसी।
  43. घरी – घड़ी, समय।
  44. सो कै – सा करके।
  45. हिये – हृदय।
  46. समाइ गयो – प्रवेश कर गया है।
  47. कोउ न – कोई।
  48. काहू की – किसी की।
  49. कानि – परवाह, लिहाज।
  50. सिगरो – समस्त।
  51. बिकाइ गयो – बिक गए।
  52. मोर-पखा – मोर का पंख।
  53. राखिहौं – रखूगी।
  54. गुंज – धुंघची (एक प्रकार की बेल के लाल रंग के बीज)। माल-माला।
  55. गरे – गले।
  56. पहिरोगी – पहनूंगी।
  57. भावतो – पसंद आएगा।
  58. वोहि – वही।
  59. मेरो – मेरे।
  60. स्वांग भरौंगी – रूप धरूंगी, नकल करूंगी।
  61. पै – पर, लेकिन।
  62. अधरान – होंठों पर।
  63. धरी – रखी हुई।
  64. अधरा – होंठों पर।
  65. धराँगी – रमूंगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published.