GSEB Solutions Class 11 Accounts Part 2 Chapter 3 प्रावधान और अनामत

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 11 Commerce Accounts Part 2 Chapter 3 प्रावधान और अनामत Textbook Exercise Questions and Answers.

Gujarat Board Textbook Solutions Class 11 Accounts Part 2 Chapter 3 प्रावधान और अनामत

स्वाध्याय – अभ्यास

प्रश्न 1.
प्रत्येक प्रश्न के लिए योग्य विकल्प पसंद कीजिए :

1. सामान्य अनामत ………………………… खाता उधार कर तैयार किया जाता है ।
(अ) लाभ-हानि खाता
(ब) लाभ-हानि वितरण खाता
(क) व्यापार खाता
(ड) पूँजी खाता
उत्तर :
(ब) लाभ-हानि वितरण खाता

2. प्रावधान …………………………. खाता में से तैयार किया जाता है ।
(अ) लाभ-हानि खाता
(ब) लाभ-हानि वितरण खाता
(क) व्यापार खाता
(ड) पूँजी खाता
उत्तर :
(अ) लाभ-हानि खाता

3. ………………………. खाता अनामत का विनियोग व्यवसाय के बाहर किया गया है, यह दर्शाता है ।
(अ) सामान्य अनामत
(ब) प्रावधान
(क) अनामत फंड़ या कोष
(ड) पूँजी अनामत
उत्तर :
(क) अनामत फंड़ या कोष

4. …………………………. शेष का उपयोग कंपनी सामान्य रूप से डिविडेन्ड बाँटने में नहीं कर सकती ।
(अ) सामान्य अनामत
(ब) प्रावधान
(क) अनामत फंड़ या कोष
(ड) पूँजी अनामत
उत्तर :
(ड) पूँजी अनामत

5. ………………………. खड़ा करना व्यवसाय के लिए योग्य नहीं है ।
(अ) सामान्य अनामत
(ब) प्रावधान
(क) गुप्त अनामत
(ड) पूँजी अनामत
उत्तर :
(क) गुप्त अनामत

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प्रश्न 2.
निम्न प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए :

1. अनामत के प्रकार बताइए ।
उत्तर :
अनामत के मुख्य प्रकार निम्न है :
GSEB Solutions Class 11 Accounts Part 2 Chapter 3 प्रावधान और अनामत 1

2. अनामत फंड़ (कोष) अर्थात् क्या ?
उत्तर :
अनामत फंड़ (Reserve Fund) : सामान्य अनामत की राशि का उपयोग व्यवसाय के बाहरी विनियोग में किया जाये उसे अनामत फंड के रूप में जाना जाता है । ऐसे विनियोग आसानी से रोकड़ में रूपांतरित हो जाये ऐसी प्रतिभूतियों में किया जाता है ।

3. गुप्त अनामत अर्थात् क्या ?
उत्तर :
व्यवसाय की आर्थिक स्थिति को समृद्ध बनाने के लिये लाभ-हानि वितरण खाते में दर्शाये बिना तैयार किये जानेवाले अनामत को गुप्त अनामत कहते हैं । अधिनियमानुसार कंपनी गुप्त अनामत नहीं रख्न सकती है ।

4. स्थिर संपत्ति के विक्रय की हानि अपलिखित करने के लिये किस अनामत का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर :
स्थिर संपत्ति के विक्रय की हानि अपलिखित करने के लिये पूँजी अनामत का उपयोग किया जाता है ।

5. पूँजी लाभ के चार उदाहरण दीजिए ।
उत्तर :
पूँजी लाभ के उदाहरण निम्न है :

  1. संपत्ति के विक्रय पर मिलनेवाला लाभ
  2. शेयर या डिबेंचर बाहर प्रकाशित करने पर मिलनेवाला प्रीमियम
  3. कंपनी के पंजीकरण से पहले का लाभ
  4. डिबेंचर बट्टा से वापस करने पर होनेवाला लाभ

6. प्रावधान के चार उदाहरण दीजिए ।
उत्तर :
प्रावधान के उदाहरण निम्न है :

  1. करवेरा का प्रावधान, ग्रेज्युइटी
  2. मरम्मत या नवीनीकरण के लिये प्रावधान
  3. डूबत ऋण का प्रावधान
  4. देनदार पर बट्टा अनामत

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प्रश्न 3.
निम्न दर्शायी गई रकम लाभ में से वितरित की गई है, यह अनामत है या प्रावधान बताइए :
(i) संदिग्ध ऋण अनामत
(ii) डिबेंचर वापसी निधि
(iii) घिसाई फंड़
(iv) कर्मचारी दुर्घटना मुआवजा फंड़
(v) देनदार बट्टा अनामत
(vi) डिविडेन्ड समतुला कोष
(vii) पूँजी अनामत
(viii) कर्मचारी लाभ भाग फंड़
(ix) सामान्य अनामत
(x) पूँजी वापसी अनामत
उत्तर :
(1) संदिग्ध ऋण अनामत यह प्रावधान है, कारण कि भविष्य में उपस्थित होनेवाले संभवित नुकसान के सामने की एक व्यवस्था है । इसे लाभ-हानि खाते से तैयार किया जाता है ।

(2) डिबेन्चर वापसी निधि यह अनामत है, कारण कि इसकी राशि तय होती है, एवं यह एक दायित्व है । इसे वितरण के रूप में गिनकर
लाभ-हानि वितरण खाते वितरित किया जाता है ।

(3) घिसाई फंड़ यह निश्चित उद्देश्य से तैयार किया जाता है, इसलिये यह प्रावधान है । इसे लाभ-हानि खाते में तैयार किया जाता है ।

(4) कर्मचारी दुर्घटना मुआवजा फंड़ यह निश्चित उद्देश्य के लिये उपस्थित किया गया अनामत है, इसलिये यह प्रावधान है । यह भविष्य में आनेवाली अनिश्चित खर्च के सामने की व्यवस्था है । इसे लाभ-हानि खाते से उपस्थित किया जाता है ।

(5) देनदार बट्टा अनामत यह प्रावधान है, कारण कि भविष्य में उपस्थित होनेवाले संभवित खर्च के सामने की व्यवस्था है । देनदार पर बट्टा अनामत यह लाभ-हानि खाते से उपस्थित किया जाता है ।

(6) डिविडेन्ड समतुला कोष यह लाभ में से अलग रखा हुआ भाग है, यह अनामत है । इसे लाभ-हानि वितरण खाते से उपस्थित किया जाता है ।

(7) पूँजी अनामत यह अनामत है । इसे पूँजी लाभ में से उपस्थित किया जाता है । आवश्यकता पड़ने पर लाभ-हानि वितरण खाते से अधिक रकम दी जाती है ।

(8) कर्मचारी लाभ भाग फंड़ यह प्रावधान है । यह एक विशेष उद्देश्य से उपस्थित किया जाता है ।

(9) सामान्य अनामत यह लाभ में से अलग रखा हुआ भाग है, यह अनामत है । इसे लाभ-हानि वितरण खाते से उपस्थित किया जाता है ।

(10) पूँजी वापसी अनामत यह अनामत है । प्रेफरन्स शेयर वापस करने के लिये उपस्थित किया गया अनामत है । इसे लाभ-हानि वितरण खाते से उपस्थित किया जाता है ।

प्रश्न 4.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में दीजिए :

1. प्रावधान अर्थात् क्या ?
उत्तर :
संपत्ति की किंमत में संभवित कमी जैसे खर्च या नुकसान के लिये अलग से रखी गयी रकम प्रावधान कहलाती है । इसके अलावा जिसकी राशि निश्चित न हो सके ऐसी निश्चित जिम्मेदारी का भुगतान करने के लिये पहले से लाभ में से अलग रखी गयी रकम प्रावधान के रूप में जानी जाती है । जैसे : घिसाई के लिये प्रावधान या घिसाई फंड़, संदिग्ध ऋण प्रावधान या डूबत ऋण अनामत, दावे के लिये प्रावधान, डिबेंचर वापसी अनामत, आयकर के लिये प्रावधान वगैरह ।

ऐसा प्रावधान व्यवसाय के लाभ-हानि खाते से तैयार किया जाता है । यहाँ एक बात यह भी ध्यान में रखनी चाहिए कि जब अनामत जिस उद्देश्य के लिये बनाया गया हो वह उद्देश्य पूरा होने पर अनामत का शेष सामान्य अनामत खाते ले जाया जाता है ।

2. प्रावधान के लक्षण बताइए ।
उत्तर :
प्रावधान के लक्षण निम्न है :

  1. पहचानी जा सकनेवाली संभवित जिम्मेदारियाँ या नुकसान की भरपाई करने के लिये प्रावधान है ।
  2. लाभ-हानि खाते में से प्रावधान तैयार किया जाता है ।
  3. अगर हिसाबी वर्ष के अंत में हानि हो तो भी प्रावधान करना अनिवार्य है ।
  4. जिस उद्देश्य के लिये प्रावधान रखा गया हो उसी उद्देश्य के लिये उपयोग किया जा सकता है ।
  5. प्रावधान धंधे में या धंधे के बाहर विनियोग नहीं किया जा सकता ।
  6. प्रावधान का उपयोग डिविडेन्ड वितरण के लिये नहीं किया जा सकता ।
  7. प्रावधान को आर्थिक चिट्ठा में पूँजी-दायित्व पक्ष में ‘प्रावधान’ के शीर्षक में बताया जाता है ।
  8. संपत्ति के सामने का प्रावधान संपत्ति-लेना पक्ष में संबंधित संपत्ति घटाकर दर्शाया जाता है ।

3. प्रावधान का महत्त्व क्या है ?
उत्तर :
व्यवसाय में प्रावधान का अपना ही महत्त्व रहा हुआ है । प्रावधान यह व्यवसाय के संभवित नुकसान या खर्च को पूरा करने की पूर्वतैयारी
के रूप में होता है, जिससे व्यवसाय सरलता से चल सके । उसके महत्त्व निम्नानुसार बताये जा सकते हैं :

  • भविष्य में संभवित नुकसान के सामने वित्तीय व्यवस्था करने के लिये प्रावधान करना आवश्यक है । जैसे : घिसाई फंड द्वारा घिसाई के लिये, संदिग्ध ऋण अनामत द्वारा डूबत ऋण के लिये ।
  • व्यवसाय में अगर कोई नवीनीकरण करवाना हो तब आर्थिक व्यवस्था करने के लिये प्रावधान करना आवश्यक है । जैसे : नवीनीकरण अनामत
  • भविष्य में कोई निश्चित जिम्मेदारी चुकानी हो उसके लिये वित्त की व्यवस्था करने के लिये प्रावधान आवश्यक है । जैसे : डिबेन्चर वापसी निधि ।
  • व्यवसाय के जानेमाने खर्च के लिये वित्तीय व्यवस्था करने के लिये प्रावधान आवश्यक है ।

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4. अनामत का अर्थ दीजिए ।
उत्तर :
भविष्य में निश्चित और अनिश्चित खर्च, जिम्मेदारी या नुकसान को पूरा करने के लिये, व्यवसाय की समृद्धता बढ़ाने के लिये लाभ में से अलग रखी गयी राशि अनामत कहलाती है । अनामत यह लाभ में से या एकत्रित लाभ के वितरण में से रखी हुई होने से इसे लाभ-हानि वितरण खाते से बनाया जाता है । इस प्रकार से बनाई गई अनामत निश्चित उद्देश्य के लिये और व्यवसाय की आर्थिक मजबूती को बनाये रखने के लिये होती है ।

जैसे : डिविडन्ड समतुला फंड, कर्मचारी अकस्मात मुआवजा फंड़, सामान्य अनामत, डिबेन्चर वापसी निधि, विनियोग वधघट अनामत, पूँजी वापसी अनामत वगैरह ।

5. धंधा में अनामत का क्या महत्त्व है ?
उत्तर :
धंधा में अनामत का महत्त्व निम्न है :

  1. धंधे में अगर संपूर्ण अनामत हो तब अनिश्चित या आकस्मिक खर्च को या नुकसान को पूरा किया जा सकता है ।
  2. अनामत का उपयोग करके कंपनी प्रतिवर्ष डिविडेन्ड देने की समतुला बनाए रख सकती है ।
  3. लाभ में से प्रति वर्ष अमुक राशि अनामत खाते ले जाने से धंधे की आर्थिक समृद्धता में वृद्धि होती है ।
  4. दीर्घकालीन जिम्मेदारियों को चुकाने के लिये अनामत का उपयोग किया जा सकता है ।
  5. कानूनी आवश्यकताओं का पालन करने के लिये अनामत उपस्थित किया जाता है ।
  6. धंधे के विस्तार एवं आधुनीकरण के लिये पूर्ण रूप से फंड़ धंधे में से ही मिल जाने से बाहरी दायित्व के द्वारा या मालिक को अतिरिक्त पूँजी लाने की आवश्यकता नहीं रहती ।

प्रश्न 5.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

1. प्रावधान का महत्त्व स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर :
प्रावधान का महत्त्व निम्न है :

  • वर्ष के दरम्यान होनेवाले व्यवहारों की असर भविष्य की वित्तीय स्थिति पर न पड़े इसके लिये प्रावधान आवश्यक है ।
  • भविष्य में संपत्ति के मूल्य में होनेवाली कमी के सामने प्रावधान न किया जाये तो धंधे की पूँजी खत्म हो जाने का जोखिम उपस्थित हो जाता है, जो प्रावधान के द्वारा रोका जा सकता है ।
  • स्थिर संपत्ति का उपयोगी आयुष्य पूरा हो जाने के बाद भविष्य में उस संपत्ति को खरीदने के लिये प्रति वर्ष लाभ में से राशि अमुक भाग में बचायी गयी हो तब नयी संपत्ति खरीदते समय आवश्यक पूँजी आसानी से प्राप्त हो जाती है ।
  • प्रावधान संबंधित वर्ष के संभवित खर्च, नुकसान और जिम्मेदारी के लिये रखा जाता है, यह राशि उस वर्ष की उपज में से रखा जाने से धंधे का सही लाभ या हानि जाना जा सकता है ।
  • प्रावधान करने से पेढ़ी का सातत्य का अनुमान और दूरदर्शिता के सिद्धांत का अमल किया जा सकता है ।
  • भविष्य की निश्चित जिम्मेदारी को अमुक वर्षों के दरम्यान प्रावधान करके समान भाग में बाँटा जा सकता है ।

2. धंधे में अनामत क्यों रखा जाता है ? ।
उत्तर :
अनामत के द्वारा भविष्य में उपस्थित होनेवाले आकस्मिक नुकसान या खर्च को चुकाने का उद्देश्य रहता है । इसके अलावा भविष्य में कोई प्रोविडन्ट फंड़ जैसी चुकाने योग्य जिम्मेदारी हो तब अनामत के द्वारा उसे पूरा किया जा सकता है । धंधे की आर्थिक स्थिति को समृद्ध बनाने के लिये भी अनामत रखना आवश्यक है ।

3. विशिष्ट अनामत अर्थात् क्या ? उसके प्रकार बताइए ।
उत्तर :
जब किसी निश्चित उद्देश्य के लिये जो अनामत बनायी जाती है तब उसे विशिष्ट अनामत कहते हैं । यह अनामत जिस उद्देश्य के लिये बनायी जाती है उसी उद्देश्य के लिये इसका उपयोग हो सकता है । इस अनामत के द्वारा शेयरहोल्डरों को डिविडेंड वितरण करना, डिबेंचर की राशि पकने की तारीख पर वापस करना, विनियोग की किंमत में अगर कमी हुई हो तब उस नुकसान को पूरा करने के लिये एवं किसी कर्मचारी को अकस्मात हुआ हो तब उसे मुआवजा देने के लिये इस अनामत का उपयोग किया जाता है । विशिष्ट . अनामत को लाभ-हानि वितरण खाते से तैयार किया जाता है ।

विशिष्ट अनामत के उदाहरण निम्न है :

  • डिविडेन्ड समतुला फंड़ : इस फंड़ के द्वारा जिस वर्ष में हानि हुई हो या लाभ कम हुआ हो परंतु पिछले वर्षों की तुलना में डिविडेंड का बँटवारा इसी अनामत का उपयोग करके किया जाता है, जिससे बाजार में प्रतिष्ठा बनी रहती है ।
  • डिबेंचर वापसी निधि : डिबेंचर यह कंपनी का दीर्घकालीन दायित्व है । डिबेंचर पकने की अवधि पर इसकी राशि चुकाने के लिये कंपनी पहले से लाभ में से कुछ रकम अलग रखती जाती है और नियत समय पर डिबेंचर की राशि वापस करने में आसानी रहती है ।
  • विनियोग वधघट फंड़ : जब विनियोग की बाजार किंमत में कमी आई हो या आने की संभावना हो तब इस फंड़ के द्वारा
    होनेवाले नुकसान की कमी को दूर किया जा सकता है ।
  • कर्मचारी अकस्मात मुआवजा फंड़ : जब किसी कर्मचारी को कोई आकस्मिक अकस्मात हो जाये तब उसे मुआवजा देने के
    लिये इस अनामत का उपयोग किया जाता है ।
  • सिंकिंग फंड़ : दीर्घकालीन जिम्मेदारी चुकाने के लिये या ब्याज का नियमित रूप से भुगतान करने के लिये या स्थिर संपत्ति
    खरीदने के लिये जो अलग से फंड रखा जाता है वह सिंकिंग फंड कहलाता है ।

GSEB Solutions Class 11 Accounts Part 2 Chapter 3 प्रावधान और अनामत

4. गुप्त अनामत किस प्रकार बनाया जाता है ?
उत्तर :
गुप्त अनामत तैयार करने के लिये निम्नानुसार कार्य किये जाते है :

  1. अंतिम स्टोक का मूल्य कम दर्शाकर गुप्त अनामत बनाया जा सकता है ।
  2. पूँजी खर्च को लाभ-हानि के रूप में लिखकर गुप्त अनामत तैयार किया जा सकता है ।
  3. वास्तव में हुए खर्च से अधिक खर्च बताकर गुप्त अनामत तैयार किया जा सकता है ।
  4. घिसाई का प्रावधान अधिक दर्शाकर गुप्त अनामत एकत्रित किया जा सकता है ।
  5. संभवित दायित्व को वास्तविक दायित्व के रूप में दर्शाकर गुप्त अनामत एकत्रित की जा सकती है ।

5. पूँजी अनामत अर्थात् क्या ? उसके उपयोग बताइए ।
उत्तर :
जो अनामत, पूँजी लाभ में से उत्पन्न हो और जिसका उपयोग सामान्यतः डिविडेंड का वितरण करने के लिये न हो उसे पूँजी अनामत कहते हैं । पूँजी अनामत के प्राप्तिस्थान निम्न है :

  1. स्थिर संपत्ति के पुनः मूल्यांकन से प्राप्त लाभ
  2. स्थिर संपत्ति और विनियोग बेचने पर प्राप्त लाभ
  3. कंपनी के पंजीकरण से पहले का लाभ
  4. शेयर या डिबेंचर बाहर प्रकाशित करने पर प्राप्त प्रीमियम
  5. डिबेंचर बट्टे से वापस करने पर प्राप्त लाभ
  6. कंपनी द्वारा जप्त किये गये शेयर पुनः प्रकाशित करने पर शेष राशि

पूँजी अनामत का उपयोग :
पूँजी अनामत का उपयोग निम्न दर्शाये गये उद्देश्य के लिये हो सकता है :

  1. कंपनी के आर्टिकल्स ऑफ एसोसियेशन में प्रावधान हो तब बोनस शेयर देने के लिये पूँजी अनामत उपयोगी है ।
  2. स्थिर संपत्ति के विक्रय की हानि अपलिखित करने के लिये पूँजी अनामत उपयोगी है ।
  3. ख्याति, प्राथमिक खर्च, शेयर या डिबेंचर बाहर प्रकाशित करते समय बट्टा जैसी अदृश्य या अवास्तविक संपत्ति अपलिखित करने के लिये पूँजी अनामत उपयोगी है ।

प्रश्न 6.
अंतर स्पष्ट कीजिए :

1. सामान्य अनामत और प्रावधान :
GSEB Solutions Class 11 Accounts Part 2 Chapter 3 प्रावधान और अनामत 2

2. सामान्य अनामत और पूँजी अनामत :
GSEB Solutions Class 11 Accounts Part 2 Chapter 3 प्रावधान और अनामत 3

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