GSEB Solutions Class 11 Hindi Chapter 9 चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती

Gujarat Board GSEB Hindi Textbook Std 11 Solutions Chapter 9 चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.

GSEB Std 11 Hindi Textbook Solutions Chapter 9 चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती

GSEB Std 11 Hindi Digest चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनकर लिखिए :

प्रश्न 1.
चम्पा अपने बालम को कहाँ रखना जाहती है ?
(क) कलकत्ता में
(ख) अपने संग साथ में
(ग) परदेश में
(घ) विदेश में
उत्तर :
चंपा अपने बालम को अपने संग साथ में रखना चाहती है।

प्रश्न 2.
चम्पा लेखक की कौन-सी चीज़ छिपा देती है ?
(क) पॉकेट
(ख) कलम
(ग) किताब
(घ) चश्मा
उत्तर :
चंपा लेखक की कलम छिपा देती है।

GSEB Solutions Class 11 Hindi Chapter 9 चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती

प्रश्न 3.
‘सब जन पढ़ना-लिखना सीखें’ ऐसी इच्छा किसकी है ?
(क) चंपाकी
(ख) गांधीजी की
(ग) गाँव वालों की
(घ) शहर वालों की
उत्तर :
‘सब जन पढ़ना-लिखना सीखें’ ऐसी इच्छा गांधीजी की थी।

प्रश्न 4.
गाँव के विवाहित युवक कलकत्ता क्यों जाते हैं?
(क) घूमने
(ख) पढ़ने
(ग) कमाने
(घ) खेलने
उत्तर :
गाँव के विवाहित युवक कलकत्ता कमाने जाते हैं।

प्रश्न 5.
कवि चम्पा को क्या करने के लिए प्रेरित करता है ?
(क) खेलने
(ख) पढ़ने
(ग) गाने
(घ) नाचने
उत्तर :
उत्तर :
कवि चंपा को पढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

2. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए :

प्रश्न 1.
चम्पा कवि के पास किस समय आती है?
उत्तर :
चंपा कवि के पास उस समय आती है जब वे पढ़नेलिखने बैठते हैं।

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प्रश्न 2.
चम्पा चौपायों को लेकर क्या करने जाती है?
उत्तर :
चंपा चौपायों को लेकर उनकी चरवाही करने जाती है।

प्रश्न 3.
चम्पा कहाँ पर वज्र गिरने की बात करती है.?
उत्तर :
चंपा कलकत्ते (कोलकाता) पर वज्र गिरने की बात करती है।

3. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दो-दो वाक्यों में दीजिए:

प्रश्न 1.
कवि ने चम्पा को पढ़ने के लिए कहा तो उसने क्या जवाब दिया ?
उत्तर :
कवि ने चंपा को पढ़ने के लिए कहा तो चंपा बोली कि वह नहीं पढ़ेगी। यदि गांधीबाबा अच्छे हैं तो वे पढ़ने-लिखने की बात कैसे कहेंगे।

प्रश्न 2.
चम्पा कवि से ऐसा क्यों कहती है कि तुम पढ़-लिखकर झूठे हो ?
उत्तर :
कवि ने गांधीजी को ‘अच्छा आदमी’ बताया था। चंपा पढ़ाई-लिखाई को अच्छा और जरूरी नहीं समझती। उसके विचार से यदि गांधीजी यह सलाह देते तो वे अच्छे आदमी नहीं होते। इसलिए चंपा कवि से कहती है कि तुम झूठ बोलते हो।

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प्रश्न 3.
चम्पा के कागद गोदने के आरोप का कवि क्या जवाब देता है?
उत्तर :
चंपा के कागद गोदने के आरोप का कवि कोई जवाब नहीं देते। वे केवल हंस देते हैं।

4. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर पाँच से छ: पंक्तियों में लिखिए :

प्रश्न 1.
चम्पा कैसे-कैसे कधम करती है?
उत्तर :
चंपा नटखट लड़की है। कभी-कभी वह कवि की कलम छिपा देती है। कवि जब जैसे-तैसे कलम ढूंढकर लाता है तो देखता है कि कागज गायब है। बार-अर कलम कागज ढूंढने में कवि परेशान हो जाता है। इस तरह चंपा कवि के कमरे में तरह-तरह के ऊधम करती है।

प्रश्न 2.
काले अच्छर को देखकर चम्पा को अचरज क्यों होता है?
उत्तर :
चंपा अनपढ़ लड़की है। वह अक्षरों को नहीं पहचानबी। वह तो उन्हें काले-काले चिहन ही समझती है। कवि पढ़ता है तो उसे लगता जैसे उन काले निशानों से स्वर निकल रहे हों, वे बोल रहे हों। उन स्वरों को सुनकर चंपा को बहुत अचरज होता है।

प्रश्न 3.
चम्पा कलकत्ते पर बजर गिरे ऐसा क्यों कहती है ?
उत्तर :
कवि चंपा से कहते हैं कि विवाह होने के कुछ दिन बाद उसका पति कलकत्ता (कोलकाता) चला जाएगा, तब बिना पढ़े-लिखे वह उसे पत्र कैसे लिखेगी और उसके पत्र कैसे पढ़ पाएगी। चंपा कहती है कि वह अपने पति को अपने साथ ही रखेगी। वह उसे कलकत्ता जाने ही नहीं देगी। वह आवेश में आकर कहती है कि कलकत्ते पर वज्रपात हो जाए जिससे न वह शहर रहे और न उसका पति वहाँ जाने की बात सोचे।

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प्रश्न 4.
गाँधी बाबा की इच्छा है – ‘सब जन पढ़ना-लिखना सीखें’ इस पंक्ति का भावार्थ समझाइए।
उत्तर :
गांधीजी चाहते थे कि सारे देश में शिक्षा का प्रचार हो। देश का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित बने। देशवासी शिक्षाप्राप्त करेंगे ती उनका मानसिक विकास होगा। वे स्वतंत्रता का मूल्य और महत्त्व समझेंगे। शिक्षा से लोगों को प्रगति के रास्ते मिलेंगे और देश पिछड़ेपन से मुक्त होगा। इसलिए देश के प्रत्येक जन को समुचित शिक्षा मिलनी चाहिए।

GSEB Solutions Class 11 Hindi चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पांच-छ: वाक्यों में लिखिए :

प्रश्न 1.
कवि चंपा को पढ़ने-लिखने की सलाह क्यों देता हैं?
उत्तर :
चंपा अभी छोटी है। बड़ी होने पर उसका विवाह होगा। उसका पति कुछ दिन साथ रहकर कलकत्ता (कोलकाता) चला जाएगा। अनपढ़ रहकर चंपा उसे अपना संदेश कैसे दे सकेगी? पति पत्र भेजेगा तो वह उसे कैसे पढ़ पाएगी? यह सब तभी संभव है जब उसे पढ़नालिखना आता हो। इसलिए कवि चंपा को पढ़ने-लिखने की सलाह देता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
चंपा किसकी लड़की है?
उत्तर :
चंपा चरवाहा सुंदर की लड़की है।

प्रश्न 2.
चंपा कैसी लड़की है?
उत्तर :
चंपा अच्छी लड़की है, परंतु साथ ही नटखट और चंचल भी है।

प्रश्न 3.
गांधीबाबा की क्या इच्छा थी?
उत्तर :
गांधीबाबा की इच्छा थी कि देश के सभी लोग पढ़ना3 लिखना सीखें।

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प्रश्न 4.
चंपा के अनुसार गांधीबाबा अच्छे होते तो क्या करते?
उत्तर :
चंपा के अनुसार गांधीबाबा अच्छे होते तो पढ़ने-लिखने की बात कभी नहीं करते।

व्याकरणा

समानार्थी शब्द लिखिए :

  1. अचरज = आश्चर्य
  2. नटखट = शरारती
  3. बालम = पति
  4. चौपाया = पशु
  5. ऊधम = बखेड़ा
  6. अच्छर = अक्षर
  7. वजर = वज
  8. गोदना = लिखना
  9. संग = साथ

विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :

  • झूठा × सच्चा
  • अच्छा × बुरा
  • सुंदर × कुरूप
  • दिन × रात
  • हंसना × रोना
  • दूर × पास

शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :

  • चरवाही – ई
  • झूठा – आ
  • शिक्षित – इत
  • चुलबुली – ई
  • शरारती – ई
  • बालिका – इका
  • मानसिक – इक
  • विवाहित – इत

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शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए :

  • महात्मा – महा
  • अनभिज्ञ – अन
  • अनपढ – अन
  • समुचित – सम्
  • स्वतंत्र – स्व
  • परदेश – पर
  • अनुसार – अनु
  • कुरूप – कु

शब्दों के मानक शब्द रूप लिखिए :

  1. अच्छर – अक्षर
  2. गयब – गायब
  3. संदेशा – संदेश
  4. बजर – वज़

चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती Summary in Gujarati

ભાવાત્મક અનુવાદ :

કવિના ગામની નટખટ બાલિકા ચંપા પુસ્તકમાં છપાલેયા કાળાકાળા અક્ષરોને સમજી શકતી નથી. જ્યારે કવિ કોઈ પુસ્તક વાંચવા લાગે છે, તો ચંપા કવિની પાસે આવી પહોંચે છે. તે આવીને ચૂપચાપ ઊભી રહીને સાંભળે છે. કવિ બોલતાં બોલતાં પુસ્તક વાંચે છે, તો તેને ખૂબ આશ્ચર્ય થાય છે. તે વિચારે છે કે પુસ્તકના કાળા કાળા અક્ષરોમાંથી કવિ બોલે છે એ બધા સ્વર કેવી રીતે નીકળે છે? કવિ કહે છે, “ચંપા સુંદરની દીકરી છે. સુંદર ગોવાળિયો છે. તે ગાયો, ભેંસો પાળે છે, ચંપા આ પ્રાણીઓને ચરાવવા લઈ જાય છે.” ચંપા બહુ સારી અને ભલી બાલિકા છે. તે નટખટ છે.

તે કોઈ કોઈ વાર તોફાન કરે છે. તે કોઈ કોઈ વાર કવિને પરેશાન કરે છે. તે તેમની કલમ સંતાડી દે છે. તેઓ પોતાની કલમ શોધીને લાવે છે, તો તે કાગળ ગુમ કરી દે છે. કવિ હેરાન થઈ જાય છે.

પછી ચંપા કવિને કહે છે, “તમે આખો દિવસ કાગળ પર લખ્યા કરો છો. શું આ કામ તમારી દષ્ટિએ બહુ સારું છે?” તેની વાત સાંભળીને કવિ હસી કાઢે છે. આ જોઈને ચંપા ચુપ થઈ જાય છે. તે દિવસે જ્યારે આવી તો કવિએ તેને કહ્યું, “ચંપા તું પણ ભણવા માંડ. કોઈક વાર ભણતર-તારે કામ આવશે.”

કવિએ તેને સમજાવ્યું, “મહાત્મા ગાંધી ઇચ્છે છે કે બધા લોકો વાંચતાં-લખતાં શીખે.” એ સાંભળી ચંપાએ જવાબ આપ્યો, “હું – તો જરા પણ ભણીશ નહિ.” (તમે આ શું કરી રહ્યા છો?) તમે એમ કહેતા હતા. ગાંધીજી સારા છે. (અર્થાત્ આ મગજમારીનું કામ – શા માટે કરી રહ્યા છો?) તે ભણવા-ગણવાની વાત કહેશે જ નહિ અને હું તો ભણીશ જ નહિ.

કવિ કહે છે કે તે તેમણે ચંપાને કહ્યું, “ચંપા, ભણવું-ગણવું તારા ભલા માટે છે. જ્યારે તારાં લગ્ન થશે ત્યારે તું વિદાય થઈ સાસરે જઈશ. તારો પતિ તારી સાથે થોડા દિવસ રહેશે. પછી તે કલકત્તા(કોલકાતા) કમાવા જશે અને કલકત્તા (કોલકાતા) બહુ દૂર છે. પછી તું તેને સંદેશો કેવી રીતે મોકલીશ? તેને પત્ર કેવી રીતે મોકલીશ. એટલે ચંપા, તારા માટે ભણવું ફાયદાકારક છે.” ‘ ભોળી ચંપાએ કવિને જવાબ આપ્યો, “તમે ભણીગણીને ખોટું બોલો છો? હું તો લગ્ન કરીશ જ નહિ અને જો કદાચ લગ્ન થઈ ગયાં તો હું મારા પતિની સાથે જ રહીશ. તેને હું કલકત્તા (કોલકાતા) ક્યાંય જવા દઈશ નહિ. તમારા કલકત્તા કોલકાતા) પર ભલે વજ પડે!”

चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती Summary in Hindi

विषय-प्रवेश :

इस कविता में बालिका / नारी शिक्षा को माध्यम बनाकर कवि ने वर्षों पहले भारत के गांवों में शिक्षा के प्रति अनभिज्ञता का चित्रण किया है। कवि ने नारी के लिए शिक्षित होने की आवश्यकता को बल प्रदान किया है।

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कविता का सरल अर्थ :

कवि के गाँव की नटखट बालिका चंपा पुस्तक में छपे हुए कालेकाले अक्षरों को नहीं पहचान पाती। जब कवि कोई पुस्तक पढ़ने लगते हैं, तो चंपा कवि के पास आ जाती है। वह वहाँ आकर चुपचाप खड़ी होकर सुनती है। कवि बोलकर पुस्तक पढ़ते हैं, तो उसे बहुत आश्चर्य होता है। वह सोचती हैं कि किताब के काले चिहनों से ये सब स्वर कैसे निकलते हैं, जो कवि बोलते हैं।

कवि कहते हैं, “चंपा सुंदर की बेटी है। सुंदर ग्वाला है। वह गाएँ-भैंसें पालता है। चंपा इन जानवरों को लेकर चराने जाती है।” चंपा बहुत अच्छी और भली लड़की है। वह नटखट है।

वह कभी-कभी ऊद्यम मचाती है। वह कवि को कभी-कभी परेशान भी करती है। वह उनकी कलम छिपा देती है। वे अपनी कलम ढूंढ-ढोढ़कर लाते हैं, तो वह कागज गायब कर देती है। कवि परेशान हो जाते हैं।

फिर चंपा कवि से कहती है, “तुम दिन भर कागज पर लिखते ही रहते हो। क्या यह काम तुम्हारी नजर से बहुत अच्छा है।” उसकी बातें सुनकर कवि हंस देते हैं। यह देखकर चंपा चुप हो जाती है। उस दिन जब चंपा आई तो कवि ने उससे कहा, “चंपा तुम भी पढ़ लो। हौके-मौके तुम्हारी पढ़ाई तुम्हारे काम आएगी।”

कवि ने उसे समझाया, “महात्मा गांधी चाहते हैं कि सब लोग पढ़ना-लिखना सीख लें।” यह सुनकर चंपा ने जवाब दिया, “मैं तो बिलकुल नहीं पढूंगी। (तुम यह क्या कह रहे हो?) तुम तो कहते थे कि गांधीजी अच्छे हैं। (अर्थात् यह झंझटवाला काम करने को वे क्यों कह रहे हैं?) वे पढ़ने-लिखने की बात कहेंगे ही नहीं और मैं तो पढूंगी ही नहीं।”

कवि कहते हैं कि उन्होंने चंपा से कहा, “चंपा पढ़ लेना तुम्हारे हित में हैं। जब तुम्हारी शादी होगी तो तुम गौने में विदा होकर ससुराल जाओगी। तुम्हारा पति तुम्हारे साथ कुछ दिन रहेगा। फिर वह कलकत्ता (कोलकाता) कमाने चला जाएगा और कलकत्ता (कोलकाता) बहुत दूर है। फिर, तुम उसे संदेश कैसे भेजोगी? उसके पास पत्र कैसे भेजोगी? इसलिए चंपा तुम्हारे लिए पढ़ना फायदे का है।”

भोली चंपा ने कवि को जवाब दिया, “तुम पढ़-लिखकर झूठ बोलते हो। मैं तो ब्याह करूंगी ही नहीं और कहीं ब्याह हो भी गया, . तो मैं अपने पति के साथ रहूँगी। उन्हें में कलकत्ता (कोलकाता) कभी नहीं जाने दूंगी। तुम्हारे कलकत्ते (कोलकाता) पर वज्र गिरे।”

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चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती शब्दार्थ :

  • अच्छर – अक्षर।
  • चीन्हना – पहचानना।
  • अचरज – आश्चर्य।
  • चिन्ह – अक्षर के लिए आया शब्द।
  • चौपाए – पशु।
  • चरवाही – पशुओं को चराने का काम।
  • चंचल – चुलबुली।
  • ऊधम – उत्पात, उपद्रव।
  • नटखट – शरारती, दुष्ट।
  • कागद गोदना – कागज पर लिखना।
  • हारे-गाढ़े – हौकेमौके।
  • गौने – विवाह के बाद की एक रस्म, जिसमें वधू को वर पहली बार अपने घर लाता है।
  • बालम – पति।
  • संदेसा – समाचार।
  • बजर – वज़।

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