Gujarat Board Statistics Class 11 GSEB Solutions Chapter 7 न्यादर्शन पद्धतियाँ (विधियाँ) Ex 7 Textbook Exercise Questions and Answers.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 11 Statistics Chapter 7 न्यादर्शन पद्धतियाँ (विधियाँ) Ex 7
विभाग – A
निम्न दिये विकल्प के लिए सहि विकल्प का चयन करो ।
प्रश्न 1.
एक समष्टि में से चयन किया निदर्श में निम्न में से किसका समावेश होता है ?
(A) समष्टि की सभी इकाईयाँ
(B) समष्टि के सिर्फ 50% इकाईयाँ
(C) समष्टि के सिर्फ 15% इकाईयाँ
(D) समष्टि की कुछ इकाईयाँ
उत्तर :
(D) समष्टि की कुछ इकाईयाँ
प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सा विधान सत्य है ?
(A) जिस निदर्श में इकाई का चयन करने से पहले प्रथम चयन की गई इकाई को समष्टि में वापस रखा जाता है उसे परिशिष्ट मुक्त न्यादर्श कहते है ।
(B) यदि जाँच के दौरान इकाईयों को नष्ट करना पड़ता हो तब निदर्श जाँच एक आवश्यक नहि परंतु अनिवार्य है ।
(C) किसी भी निदर्शन पद्धति में निदर्श का आकार समष्टि पर आधारित नहि है।
(D) यदि समष्टि समांग हो तब स्तरित यादृच्छिक निदर्शन श्रेष्ठ पद्धति है ।
उत्तर :
(B) यदि जाँच के दौरान इकाईयों को नष्ट करना पड़ता हो तब निदर्श जाँच एक आवश्यक नहि परंतु अनिवार्य है ।
प्रश्न 3.
निम्न में से कौन-सा विधान सत्य है ?
(A) स्तरित यादृच्छिक निदर्शन में समष्टि की सभी इकाईयों को निदर्श में चयन होने का समान मौका होता है ।
(B) सरल यादृच्छिक न्यादर्श में समष्टि के सभी इकाईयों का निदर्श में चयन होने का समान मौका दिया जाता है ।
(C) किसी भी निदर्शन पद्धति में निदर्श का आकार समष्टि पर आधारित नहि है ।
(D) पदिक निदर्श में समष्टि की सभी इकाईयों को निदर्श में चयन होने का समान मौका होता है ।
उत्तर :
(B) सरल यादृच्छिक न्यादर्श में समष्टि के सभी इकाईयों का निदर्श में चयन होने का समान मौका दिया जाता है ।
प्रश्न 4.
प्राचल और आगणक क्रमशः किसके लक्षण है ? ।
(A) समष्टि और निदर्श
(B) निदर्श और समष्टि
(C) निदर्श और निदर्श
(D) समष्टि और समष्टि
उत्तर :
(A) समष्टि और निदर्श
प्रश्न 5.
यदि समष्टि में गुप्त आवर्तन हो तो कौन-सी निदर्शन पद्धति पर उसकी प्रभाव सब से अधिक होता है ?
(A) सरल यादृच्छिक निदर्शन
(B) स्तरित यादृच्छिक निदर्शन
(C) पदिक निदर्शन
(D) (B) और (C) दोनों
उत्तर :
(C) पदिक निदर्शन
प्रश्न 6.
यदि हम किसी समष्टि के लिए स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का उपयोग करते हो और समष्टि के भिन्न-भिन्न आकारवाले स्तर में विभाजित हो तो अब उसमें से सप्रमाण विभाजित स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का चयन कैसे किया जा सकता है ?
(A) प्रत्येक स्तर में से समान आकार का निदर्श पसंद करो ।
(B) प्रत्येक स्तर में से असमान आकार का निदर्श पसंद करो ।
(C) समष्टि के प्रत्येक स्तर के आकार के प्रमाण में निदर्श की इकाईयाँ का चयन करो ।
(D) उपयुक्त में से एक भी नहीं ।
उत्तर :
(C) समष्टि के प्रत्येक स्तर के आकार के प्रमाण में निदर्श की इकाईयाँ का चयन करो ।
प्रश्न 7.
किसी मोल में प्रवेश करनेवाले प्रत्येक विहिकल की सुरक्षा के हेतुसर जाँच निम्न में से किस का उदाहरण है ?
(A) समष्टि जाच
(B) स्तरित यादृच्छिक निदर्शन
(C) पदिक निदर्शन
(D) सरल यादृच्छिक निदर्शन
उत्तर :
(A) समष्टि जाच
विभाग – B
निम्न विधान सत्य है या असत्य बताइए ।
प्रश्न 1.
यदि समष्टि में से समय, मूल्य अथवा स्थान के समान अंतर से इकाईयों का चयन किया जाय तो वह निदर्शन योजना को स्तरित निदर्शन योजना कहते है ।
उत्तर :
विधान असत्य है ।
प्रश्न 2.
आगणक यह समष्टि का लक्षण है ।
उत्तर :
विधान असत्य है ।
प्रश्न 3.
आदर्श निदर्श में निदर्श की इकाईयों का समय के एक ही अंतराल में चयन हुआ होना चाहिए ।
उत्तर :
विधान सत्य है ।
प्रश्न 4.
जब समष्टि के गुणधर्मों में अधिक असमानता हो तब स्तरित यादृच्छिक निदर्शन लाभप्रद पद्धति है ।
उत्तर :
विधान सत्य है ।
प्रश्न 5.
सरल यादृच्छिक निदर्श में समष्टि की प्रत्येक इकाईयों को निदर्श में पसंद होने का समान मौका मिलता है ।
उत्तर :
विधान सत्य है ।
प्रश्न 6.
समष्टि इकाईयाँ को समांग समूह में विभाजित करके इसमें से यादृच्छिक निदर्शों जिस निदर्शन पद्धति में लिया जाता है उसे पदिक निदर्शन कहते है ।
उत्तर :
विधान असत्य है ।
प्रश्न 7.
समष्टि जाँच में समष्टि की प्रत्येक इकाई की जाँच की जाती है ।
उत्तर :
विधान सत्य है ।
निम्न प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
निदर्श सूचना पर से समष्टि का अनुमान करने की पद्धति अर्थात् ।
उत्तर :
निदर्श सूचना पर से समष्टि का अनुमान करने की पद्धति अर्थात् निदर्शन पद्धति ।
प्रश्न 2.
अनेक समूहों में विभाजित समष्टि में जब समूह की अंदर की इकाईयाँ में कम चलन हो और भिन्न-भिन्न समूहों के अवलोकन के बीच अधिक चलन हो तब कौन-सी निदर्शन पद्धति का उपयोग करना चाहिए ?
उत्तर :
जब इकाईयों में अधिक चलन हो तब स्तरित यादृच्छिक यादर्शन विधि का उपयोग किया जाता है ।
प्रश्न 3.
यदि निदर्शन में समान अंतर स्थित इकाईयों का चयन किया जाय तो उसे कौन-सा निदर्शन कहते है ?
उत्तर :
समान अंतर पर स्थित इकाईयों में से निदर्शन पसंद करने की विधि को पदिक निदर्शन कहते है ।
प्रश्न 4.
सबसे अधिक प्रचलित यादृच्छिक संख्या सारणी कौन-सी है ?
उत्तर :
एल.एच.सी. टीपेट की संख्या सारणी सबसे अधिक प्रचलित है ।
प्रश्न 5.
कौन-सी जाँच में सबसे अधिक गलतियाँ होती है ?
उत्तर :
समष्टि जाँच में सबसे अधिक गलतियाँ होती हैं ।
प्रश्न 6.
समष्टि जाँच अर्थात् क्या ?
उत्तर :
यदि जाँच में समष्टि की प्रत्येक इकाई की जाँच करके सूचना का संग्रहण करे तो उस जाँच को समष्टि जाँच कहते है ।
प्रश्न 7.
परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) निदर्शन अर्थात् क्या ?
उत्तर :
समष्टि में से न्यादर्श सर्वेक्षण करते समय यदि प्रथम चुनी हुई इकाई को दूसरी इकाई के चयन करने के पूर्व समष्टि में वापिस सम्मिलित न किया जाय तो ऐसे न्यादर्श सर्वेक्षण को परिशिष्ट मुक्त निदर्शन कहते है ।
प्रश्न 8.
स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का उपयोग कौन से संयोगों में अधिक योग्य माना जाता है ?
उत्तर :
जब समष्टि की इकाइयों के गुणधर्मों के बीच अधिक मात्रा में असमानता हो तब स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का उपयोग होता है ।
प्रश्न 9.
पदिक निदर्श कब पक्षपातयुक्त हो सकता है ?
उत्तर :
यदि कोई गुप्त आवर्तनकाल और निदर्शन अंतराल समरूप हो जाय तब पदिक निदर्श पक्षपातयुक्त बनना है ।
प्रश्न 10.
विषमांग समष्टि की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
समष्टि की इकाईयों में अधिक प्रमाण में चलन हो ऐसी समष्टि को विषमांग समष्टि कहते है ।
प्रश्न 11.
नाशवंत निदर्शन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
मरीज के खून की जाँच, इलेक्ट्रिक बल्ब की जाँच नाशवंत निदर्शन का उदाहरण है।
प्रश्न 12.
यदि तीन अंकवाली यादृच्छिक संख्याओं दी हो तो और समष्टि का आकार दो अंक में हो तो निदर्श पसंद करने के लिए यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग कैसे करोगे ?
उत्तर :
तीन अंक की संख्याओं में से प्रथम दो अंक अथवा इकाई और दशक का अंक चयन करेंगे ।
प्रश्न 13.
यदि दो अंकोंवाली यादृच्छिक संख्याएँ दी हो और समष्टि का आकार तीन अंकों में हो तो निदर्श पसंद करने के लिए यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग कैसे करोगे ?
उत्तर :
प्रथम स्तंभ की दो अंकों की संख्या के साथ दूसरा स्तंभ की संख्या का प्रथम अंक जोड़ कर 3 अंक की यादृच्छिक संख्या चयन करेंगे ।
प्रश्न 14.
समष्टि के प्राचल की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
समष्टि के माध्य व प्रमाप विचलन के आगणक को प्राचल कहते है ।
प्रश्न 15.
निदर्श आगणक की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
निदर्श इकाई पर से प्राप्त संख्यात्मक परिणामों के आधार पर प्राप्त किये गये विविध माप जैसे माध्य, प्रमाप विचलन को निदर्शन आगणक कहते है ।
विभाग – C
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
निदर्श जाँच कब की जाती है ?
उत्तर :
निदर्श जाँच निम्न परिस्थिति में अनिवार्य है ।
- समष्टि की इकाईयों की संख्या अनंत हो ।
- समष्टि की इकाईयों भौगोलिक दृष्टि से बड़े विस्तार में फैली हो ।
- इकाईयों को नष्ट करने की आवश्यकता हो । उदा. मरीज के खून की जाँच
- जाँच कार्य के लिए आवश्यक संशोधनों, जैसे कि समय वित्तीय व्यवस्था, विशेषज्ञ और प्रशिक्षित अन्वेषकों की उपलब्धि मर्यादित हो तब ।
प्रश्न 2.
निदर्शन अर्थात् क्या ?
उत्तर :
समष्टि जाँच में आनेवाली व्यावहारिक कठिनाईयों के निवारण हेतु प्रत्येक इकाई सम्बन्धी सूचना प्राप्त करने के बदले समष्टि के प्रतिनिधिरूप ऐसी कुछ इकाइयों का पद्धति अनुसार या यादृच्छिक रूप से चयन करने की पद्धति को निदर्शन कहा जाता है ।
प्रश्न 3.
सरल यादृच्छिक निदर्श पसंद करने की विधि बताइए ।
उत्तर :
सरल यादृच्छिक निदर्श पसंद करने की मुख्य दो विधि है :
- लोटरी की पद्धति
- यादृच्छिक संख्याओं के सारणी की पद्धति ।
प्रश्न 4.
विविध निदर्शन पद्धतिओं के नाम बताइए ।
उत्तर :
निदर्शन पद्धतियों मुख्य तीन है ।
- सरल यादृच्छिक निदर्शन पद्धति
- लोटरी पद्धति
- यादृच्छिक संख्याओं के सारणी की पद्धति
- स्तरित यादृच्छिक निदर्शन पद्धति
- पदिक निदर्शन पद्धति
प्रश्न 5.
स्तरित यादृच्छिक निदर्शन में प्रत्येक स्तर में से निदर्श कैसे लिया जाता है ? बताइए ।
उत्तर :
सर्वप्रथम समष्टि को समान गुणधर्मवाली इकाईयों में विभाजित किया जाता है । इन विभागों को स्तर कहते है । सभी स्तर एक दूसरे से भिन्न होते है । परंतु प्रत्येक स्तर की इकाईयाँ आंतरिक रूप से समान गुणधर्म के एकत्रित करके न्यादर्श प्राप्त किया जाता है ।
प्रश्न 6.
पदिक निदर्शन में निदर्श अंतराल का अर्थ समझाइए ।
उत्तर :
समष्टि की कुल N इकाइयों को किसी निश्चित रीति से गठन करके उसे 1 से N क्रम दिया जाता है । उसमें से n आकार का निदर्श चयन करना है जिससे N = nk अथवा K = N/n हो यहाँ k को सामान्य रीति से निदर्शन अंतराल कहते है । K का मूल्य पूर्णांक में होगा ऐसा मान लिया जाता है।
प्रश्न 7.
स्तरीकरण प्रक्रिया समझाइये ।
उत्तर :
समष्टि के चल लक्षणों को ध्यान में लेकर सर्वप्रथम समष्टि की इकाईयाँ का दो या उससे अधिक परस्पर निवारक विभागों में विभाजित किया जाता है । विषमांग समष्टि को लगभग समांग कहा जा सके ऐसे विभागों में विभाजित किया जाता है कि जिससे समष्टि की कोई भी इकाई एक से अधिक विभाग में समाविष्ट न हो इस प्रक्रिया को स्तरीकरण कहते है ।
प्रश्न 8.
स्तरित यादच्छिक निदर्शन में स्तर की परिभाषा दीजिए ।
उत्तर :
इस विधि में सर्वप्रथम समष्टि को समान गुणधर्मवाली इकाइयों में विभाजित किया जाता है । इन विभागों को स्तर के रूप में जाना जाता है।
विभाग – D
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
समष्टि जाँच और निदर्श जाँच उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर :
समष्टि जाँच (Population Inquiry or Census Inquiry) : यदि समष्टि की समग्र इकाईयों की जाँच व परिक्षण किया
जाता हो और सूचनाओं का एकत्रीकरण किया जाता हो, उस जाच या परीक्षण को समष्टि जाच कहते हैं । जैसे कि हमारे देश में प्रति दस वर्ष पर होनेवाली जनसंख्या गणना समष्टि जाँच है ।
न्यादर्श जाँच (Sample Inquiry) : समष्टि में से चुने गए न्यादर्श के इकाईयों की जाँच करके सूचना का एकत्रीकरण किया जाता है, जिसे न्यादर्श जाँच कहते है । जैसे कि गांधीनगर में रहनेवाले परिवारों में से चुने हुए परिवारों की वार्षिक आय सम्बन्धी जाँच न्यादर्श जाँच होगी ।
- पूर्ति सहित न्यादर्श – जाँच (Sample Inquiry with Replacement) : पूर्ति सहित न्यादर्श के आधार पर होनेवाली जाँच को पूर्ति-सहित न्यादर्श जाँच कहेंगे ।
- पूर्ति रहित न्यादर्श जाँच (Sample Inquiry without Replacement) : पूर्ति रहित न्यादर्श के आधार पर होनेवाली जाँच को पूर्ति रहित न्यादर्श जाँच कहेंगे ।
प्रश्न 2.
समष्टि जाँच और निदर्श जाँच के बीच का अंतर समझाइए ।
उत्तर :
समष्टि जाँच | न्यादर्श जाँच |
(1) समष्टि जाँच में सभी इकाईयों की जाँच की जाती है जिससे समय, शक्ति एवं खर्च अधिक होता है । | (1) न्यादर्श जाँच में कम इकाईयों की जाँच की जाती है जिससे समय, शक्ति एवं खर्च कम होता है । |
(2) सभी इकाईयों की जाँच करने के कारण सावधानी नहीं रह सकती है । | (2) कम इकाईयों की जाँच करने के कारण सावधानी रह सकती है । |
(3) जाँच के दौरान इकाईयों का नाश होता हो तब समष्टि जाँच नहीं हो सकती । | (3) जाँच के दौरान इकाईयों का नाश होता हो तब यह पद्धति का उपयोग किया जाता है । |
(4) विशेषज्ञों की सेवा का लाभ प्राप्त करने में खर्च बढ़ता है । | (4) विशेषज्ञों की सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते है । |
(5) प्रत्येक इकाईयों से सूचना प्राप्त की जाती है इसलिए सूचना संपूर्ण और मौलिक प्राप्त होती है । | (5) सीमित इकाईयों के पास से सूचना प्राप्त की जाती है जिससे सूचना संपूर्ण और मौलिक नहीं मिलती है । |
प्रश्न 3.
आदर्श न्यादर्श की विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर :
आदर्श न्यादर्श में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए :
- वे समष्टि का प्रतिनिधित्व करनेवाले होने चाहिए ।
- उनके चयन में किसी भी प्रकार का पूर्वग्रह या पक्षपात नहीं होना चाहिए, अर्थात् उनका चयन यादृच्छिक रूप से होना चाहिए।
- उसकी सभी इकाईयों का चयन जाँच के एक ही समय अन्तराल में होना चाहिए ।
- न्यादर्श की इकाईयों का चयन निरपेक्ष रूप से होना चाहिए ।
- न्यादर्श इकाईयों की संख्या योग्य अनुपात में होनी चाहिए ।
प्रश्न 4.
न्यादर्श का आकार निश्चित करते समय किन-किन मुद्दों को ध्यान में लेना चाहिए ?
उत्तर :
न्यादर्श का आकार निश्चित करते समय निम्न मुद्दों को ध्यान में लेना चाहिए :
- जाच का उद्देश्य
- समष्टि का आकार व विस्तार
- समय वित्तीय साधनों एवं विशेषज्ञों की उपलब्धता ।
- समष्टि की इकाईयों की विषमांगता
- सजागता की आपेक्षित कक्षा या स्तर
प्रश्न 5.
सरल यादृच्छिक न्यादर्शन विधि के गुण लिखिए ।
उत्तर :
सरल यादृच्छिक न्यादर्शन विधि के गुण निम्नानुसार है :
- सरल यादृच्छिक न्यादर्श में समष्टि की प्रत्येक इकाई के चुनाव का समान अवसर होता है ।
- इस विधि में न्यादर्श के चुनाव में पूर्वग्रह या पक्षपात का कोई अवकाश नहीं रहता ।
- यादृच्छिक न्यादर्श समष्टि का योग्य प्रतिनिधि करे इसकी संभावना अधिक रहती है ।
- कम व्यय व समय में समष्टि की विशेषता के विषय में जानकारी उपलब्ध की जा सकती है ।
प्रश्न 6.
सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर :
जिस न्यादर्शन में चुने गए न्यादर्श में समष्टि की प्रत्येक इकाईयों को प्रवेश करने का मौका समान रूप से मिलता हो, उसे सरल यादृच्छिक न्यादर्शन कहेंगे । जाँच के लिए समग्र न्यादर्शन विधियों में यह विधि उत्तम मानी जाती है । इस विधि में किसी भी इकाई के प्रति पूर्वग्रह या पक्षपात का कोई स्थान नहीं रहता । इस विधि में न्यादर्श का चुनाव निरपेक्ष रूप से होता है, अर्थात् किसी एक इकाई के चुनाव होने या न होने का प्रभाव दूसरी इकाई के चुनाव पर नहीं पड़ता । इस न्यादर्शन विधि में यादृच्छिक रूप से लिए गए न्यादर्श को समष्टि का प्रतिनिधि रूप न्यादर्श कहा जाता है ।
सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि में इकाईयों को बाँटा नहीं जाता, परिणामस्वरूप यदि इकाईयाँ समान चल लक्षणोंवाली हो या विषमांगता कम हो तथा समष्टि का आकार छोटा और मध्यम हो तो यह विधि अधिक उपयोगी सिद्ध होती है ।
यदि समष्टि की इकाईयों के बीच गुणधर्मों की द्रष्टि से प्रचार अधिक हो, समष्टि का आकार बड़ा हो, तब सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि का उपयोग हितावह नहीं है ।
प्रश्न 7.
स्तरित यादृच्छिक न्यादर्शन की विधि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर :
जब समष्टि की इकाईयों के चर-लक्षणों में भिन्नता हो, अर्थात् जब इकाईया विषमांग हो तब सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि की अपेक्षा स्तरित यादृच्छिक न्यादर्श विधि का उपयोग करना अधिक योग्य है ।
इस विधि में सर्वप्रथम समष्टि का समान गुणधर्मवाली इकाईयों में विभाजित किया जाता है । इन विभागों को स्तर (Strata) कहते हैं । इस प्रकार गुणधर्मों के आधार पर विभाजित की गई समष्टि के विविध स्तरों में से न्यादर्श का चुनाव किया जाता है, जिसे स्तरित यादृच्छिक न्यादर्शन विधि (Stratified Random Sampling Method) कहते हैं ।
उदा. 100 विद्यार्थियों की एक कक्षा में से 60 छात्र और 40 छात्राओं को अलग-अलग विभागों में बाटा जाये फिर 60 छात्रों के प्रथम स्तर में से 6 छात्र और 40 छात्राओं के दूसरे स्तर में से 4 छात्राओं का न्यादर्श चुना जाए इस प्रकार चुने गए न्यादर्श को स्तरित न्यादर्श कहा जायेगा ।
प्रश्न 8.
स्तरित यादृच्छिक न्यादर्शन के अवगुण लिखिए।
उत्तर :
स्तरित यादृच्छिक न्यादर्शन के अवगुण निम्नलिखित है :
- यदि समष्टि का विभाजन योग्य स्तरों में न हो पाया तो न्यादर्श-जाँच द्वारा प्राप्त किए गए परिणामों की विश्वसनीयता घटती है ।
- सरल यादृच्छिक न्यादर्श की अपेक्षा स्तरित यादृच्छिक न्यादर्श द्वारा समष्टि के प्राचलों के आगणन का कार्य कठिन होता है ।
- समष्टि को समांग स्तरों में विभाजित करना कभी कभार कठिन बनता है ।
प्रश्न 9.
पदिक न्यादर्शन पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर :
इस पद्धति में न्यादर्श में प्रथम इकाई यादृच्छिक रीति से पसंद किया जाता है और शेष इकाई अपने आप इकाईयों की सूचि में से किसी निश्चित अंतर पर एक के बाद एक चयन होती है। जब समष्टि की सभी इकाईयों किसी निश्चित जैसे कि वर्णानुसार, समयानुसार, भौगोलिक रीति से गठित हो और उसकी संपूर्ण सूचि उपलब्ध हो तब यह पद्धति उपयोग में लेना चाहिए ।
प्रश्न 10.
पदिक न्यादर्शन के लाभ बताइए ।
उत्तर :
पदिक न्यादर्शन के लाभ निम्नलिखित है :
- न्यादर्श का चयन किसी भी गलती के बिना सरलता से हो सकता है ।
- न्यादर्श में पसंद हुई इकाईयों समष्टि में एकसमान रीति से बिखरे होते है ।
- सरल यादृच्छिक न्यादर्शन पद्धति और स्तरित यादृच्छिक न्यादर्शन पद्धति की अपेक्षा इस पद्धति कम समय और क्रम परिश्रम से पूर्ण की जा सकती है ।
प्रश्न 11.
सामान्य रीति से व्यवहार में समष्टि जाच क्यों संभव नहि है ?
उत्तर :
व्यवहार में समष्टि का अभ्यास निम्न कारणों से संभव नहीं होता है :
- कभी कभी समय व खर्च की मर्यादा के कारण
- समष्टि का आकार विशाल हो तब
- कई बार इकाईयाँ जाँच के दौरान नष्ट करने की आवश्यकता हो ।
- प्रशिक्षित अन्वेषकों की अपर्याप्त संख्या, सटीक स्तर का अभाव इत्यादि के संदर्भ में समष्टि का अभ्यास इच्छनीय नहि होता है ।
प्रश्न 12.
न्यादर्श जाँच के लाभ बताइए ।
उत्तर :
न्यादर्श जाच के लाभ निम्नलिखित है :
- न्यादर्श जाँच में इकाईयों की संख्या सीमित होने से समय, शक्ति एवं धन में बचत होती है ।
- इकाईयों की संख्या कम होने से विशेषज्ञों की सेवाएं लेना संभव है ।
- सर्वेक्षण का कार्यक्षेत्र सीमित होने से सूचना संग्रहण कार्य, उसका विश्लेषण कार्य एवं निष्कर्ष प्राप्ति का कार्य त्वरित, सरलता से एवं सावधानीपूर्वक होता है ।
- पूर्व निश्चित खर्च, समय और साधनों की सीमा में रहकर विशाल क्षेत्र की जाँच की जा सकती है।
- जाँच के दौरान जहाँ इकाईयाँ नष्ट हो जाये वहाँ न्यादर्श जाँच उचित व अनिवार्य है।
प्रश्न 13.
निम्न यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करके बैंक के 100 A.T.M. में से 5 A.T.M. का परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) यादृच्छिक न्यादर्श प्राप्त करो ।
018, 502, 531, 096, 027, 007, 118, 245, 012, 054, 444, 2111, 323, 428, 137
उत्तर :
समष्टि का आकार 100 इकाईयों का है । इसलिए 1 से 100 क्रम देकर 100 से बड़ी और परिशिष्ट युक्त है इसलिए पुनरावर्तित संख्याओं की अवगणना करेंगे । न्यादर्श का आकार 5 का होने से 5 यादृच्छिक संख्या निम्नानुसार प्राप्त होगे ।
018, 096, 027, 007, 012
प्रश्न 14.
एक कक्षा में 70 विद्यार्थी अभ्यास करते है । शिक्षक किसी सात प्रवृत्ति के लिए सात विद्यार्थियों का चयन करना चाहते है। इसके लिए निम्न दी गई यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करके परिशिष्ट युक्त (पूर्तिसहित ) का यादृच्छिक न्यादर्श प्राप्त करो ।
274, 323, 823, 599, 667, 320, 910, 484, 786, 253, 009, 885, 115
उत्तर :
समष्टि का आकार 70 इकाईयों का है इसलिए प्रथम 1 से 70 तक क्रम देंगे। 7 विद्यार्थियों का चयन करना है और संख्या 3 अंक की है इसलिए प्रथम दो अंकवाली संख्या का चयन करेंगे । परिशिष्ट युक्त न्यादर्श चयन करना है इसलिए पुनरावर्तित संख्या का भी समावेश करेंगे । 7 विद्यार्थियों का चयन निम्नानुसार होगा ।
27, 32, 59, 66, 32, 48, 25
प्रश्न 15.
निम्न तीन अंकोंवाली यादृच्छिक संख्या दी गई है :
170, 111,352, 002, 563, 203, 405, 545, 111, 446,776, 691, 816, 233, 616, 300, 250, 816, 010 यह यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करके 350 के आकार की समष्टि में से 2% के आकार का परिशिष्ट युक्त ( पूर्तिरहित ) और परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) यादृच्छिक न्यादर्श प्राप्त करो ।
उत्तर :
अब 350 के 2% = 7 का न्यादर्श प्राप्त करने के लिए 350 का आकार है। उसे 1 से 350 तक क्रम देंगे । इसलिए 350 से बड़ी संख्या का अस्वीकार करेंगे ।
(1) परिशिष्ट युक्त (पूर्तिरहित) न्यादर्श प्राप्त करने के लिए पुनरावर्तित संख्याओं को भी चयन करने पर 7 संख्या का न्यादर्श 170, 111, 002, 203, 111, 233, 300 होगा ।
(2) परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) न्यादर्श प्राप्त करना है इसलिए पुनरावर्तित संख्याओं की अवगणना करेंगे । 7 संख्याओं का चयन निम्नानुसार प्राप्त होगा । 170, 111, 002. 203, 233, 300, 250
प्रश्न 16.
एक कोलेज के अध्यापक गण का अभिप्राय प्राप्त करने हेतु उसी कोलेज के 600 विद्यार्थियों में से 2% विद्यार्थियों का परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) न्यादर्श प्राप्त करो । कोलेज में प्रथम, द्वितीय, तृतीय ऐसे प्रत्येक वर्ष में 200 विद्यार्थी अभ्यास करते है ।
निम्न तीन अंकोंवाली यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करो ।
प्रथम वर्ष के लिए : 158, 092, 411, 745, 009, 724, 674, 550, 716, 359, 419, 969, 200, 458
द्वितीय वर्ष के लिए : 384, 019, 676, 131, 390, 057, 299, 786, 006, 206, 729, 344, 543, 309
तृतीय वर्ष के लिए : 227, 483, 741, 766, 027, 070, 648, 956, 198, 912, 200, 058, 666, 500
उत्तर :
600 विद्यार्थियों का 2% अर्थात् 12 विद्यार्थी का चयन होगा ।
- प्रथम वर्ष के 200 में से 2% = 4 विद्यार्थी का चयन करने हेतु प्रथम | से 200 तक क्रम देकर पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) 4 न्यादर्श निम्नानुसार चयन करेंगे । 200 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्या को अवगणना करने पर न्यादर्श 158, (992. 009, 200
- द्वितीय वर्ष के 200 विद्यार्थियों में से 2% = 4 विद्यार्थी का चयन करने हेतु 1 से 200 तक क्रम देकर पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) 4 न्यादर्श निम्नानुसार चयन करेंगे । 200 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्याओं को अवगणना करने पर न्यादर्श 019, 131, (057, 006
- तृतीय वर्ष के 200 विद्यार्थियों में से 2% = 4 विद्यार्थी का चयन करने हेतु 1 से 200 तक क्रम देकर (परिशिष्ट मुक्त) 4 न्यादर्श निम्नानुसार चयन करेंगे। 200 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्याओं का अस्वीकार करने पर न्यादर्श 027, 070,
198, 200
प्रश्न 17.
एक गाँव के 30 छोटे किसान और 20 बड़े किसान में से खाद का उपयोग जानने हेतु 10 किसानों का यादृच्छिक न्यादर्श चयन करो जिसमें 6 छोटे और 4 बड़े किसान का समावेश हो । छोटे किसानों के लिए यादृच्छिक संख्याएँ : 12, 95, 18, 96, 20, 84, 56, 11, 52, 03, 10. 45 बड़े किसानों के लिए यादृच्छिक संख्याए :
04, 40, 34, 11, 72, 11, 50, 55, 08, 13, 76, 18
उत्तर :
30 छोटे किसानों को 1 से 30 क्रम देकर 6 किसानों का न्यादर्श पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) प्राप्त करने के लिए 30 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्या को अवगणना करने पर न्यादर्श 12, 18, 20, 11, 03, 10 प्राप्त होगा ।
20 बड़े किसानों को 1 से 20 क्रम देकर 4 किसानों का न्यादर्श पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) प्राप्त करने के लिए 20 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्या की अवगणना करने पर न्यादर्श 04, 11. 08, 13 प्राप्त होगा ।
प्रश्न 18.
एक I.T. कंपनी के 60 कर्मचारी में से घर पर कार्य करने का विचार रखनेवाले 5 आकार का पदिक निदर्श चयन करना है । निदर्श कैसे चयन करोगे समझाइए ।
उत्तर :
कुल 60 कर्मचारी है ∴ N = 60 5 कर्मचारियों को चयन करता है । ∴ n = 5 इसलिए निदर्शन अंतराल K = \(\frac{N}{n}\)
= \(\frac{60}{5}\)
= 12 इसलिए प्रथम 12 कर्मचारी में से कोई एक कर्मचारी यादृच्छिक रीति से चयन करके उसके बाद प्रत्येक 12 वाँ कर्मचारी चयन किया जायेगा माना कि प्रथम 3 क्रमवाला कर्मचारी चयन हो तो निम्न क्रमवाले 5 कर्मचारी चयन होगे ।
3, 15, 27. 39, 51
प्रश्न 19.
20 आकार की समष्टि में से 4 आकार के शक्य सभी पदिक निदर्शों को प्राप्त करो ।
उत्तर :
यहाँ N = 20, n = 4 इसलिए निदर्शन अंतराल K = \(\frac{N}{n}=\frac{20}{4}\) = 5
न्यादर्श – 1 : 1, 6, 11, 16
न्यादर्श – 2 : 2, 7, 12, 17
न्यादर्श – 3 : 3, 8, 13, 18
न्यादर्श – 4 : 4, 9, 14, 19
न्यादर्श – 5 : 5, 10, 15, 20
इसलिए प्रथम 5 संख्या में से कोई एक संख्या यादृच्छिक रीति से चयन करके उसके बाद प्रत्येक 5 वाँ क्रम पर संख्या चयन किया जायेगा । मानाकि प्रथम 2 क्रमवाली संख्या चयन हो तो निम्न क्रमवाली 4 संख्या चयन होगा :
प्रश्न 20.
एक विद्यालय के शिक्षक कक्षा 11 के 30 विद्यार्थियों में से 10 विद्यार्थियों का गृहकार्य की जाँच करना चाहता है। पदिक निदर्शन पद्धति का उपयोग करके संभव निदर्श प्राम करो ।
उत्तर :
यहाँ N = 30, n = 10 इसलिए निदर्शन अंतराल K = \(\frac{N}{n}=\frac{30}{10}\) = 3
न्यादर्श – 1 : 1, 4, 7, 10, 13, 16, 19, 22, 25, 28
न्यादर्ण – 2 : 2, 5, 8, 11, 14, 17, 20, 23, 26, 29
न्यादर्श – 3 : 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27, 30
इसलिए प्रथम तीन संख्या में से कोई एक संख्या यादृच्छिक रीति से चयन करके उसके बाद प्रत्येक तीसरे क्रम पर संख्या चयन होगी । मानाकि प्रथम संख्या 3 चयन हो तो निम्न 10 संख्याएँ चयन होगी ।