Gujarat Board GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 11 जो बीत गई सो बात गई Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
GSEB Std 12 Hindi Textbook Solutions Chapter 11 जो बीत गई सो बात गई
GSEB Std 12 Hindi Digest जो बीत गई सो बात गई Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय
1. निम्नलिखित प्रश्नों के नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर पंक्ति पूर्ण कीजिए :
प्रश्न 1.
जीवन में एक सितारा था, …………..।
(क) वह डूब गया तो डूब गया
(ख) अम्बर के आनन को देखो
(ग) माना वह बेहद प्यारा था
(घ) कितने इसके प्यारे छूटे।
उत्तर :
(ग) माना वह बेहद प्यारा था
प्रश्न 2.
जीवन में मधु का प्याला था, ……
(क) तुमने तन-मन दे डाला था
(ख) कितने प्याले हिल जाते हैं
(ग) जो गिरते हैं कब उठते हैं
(घ) कब मदिरालय पछताता है
उत्तर :
(क) तुमने तन-मन दे डाला था
प्रश्न 3.
लघु जीवन लेकर आये हैं, ..
(क) वह टूट गया तो टूट गया
(ख) प्याले टूटा ही करते हैं
(ग) वह कच्चा पीनेवाला है
(घ) कब रोता है चिल्लाता है
उत्तर :
(ख) प्याले टूटा ही करते हैं
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
तारों के टूटने पर अम्बर क्या नहीं करता?
उत्तर :
तारों के टूटने पर अम्बर शोक नहीं मनाता।
प्रश्न 2.
कलियाँ और वल्लरियाँ किसका हिस्सा हैं ?
उत्तर :
कलियाँ और वल्लरियाँ मधुवन का हिस्सा हैं।
प्रश्न 3.
मधुघट किसका प्रतीक है?
उत्तर :
मधुघट जीवन का प्रतीक है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-दो वाक्यों में लिखिए :
प्रश्न 1.
सितारे के रूपक से कवि क्या समझाना चाहता है?
उत्तर :
कवि ने अपने सितारे रूपी प्रिय व्यक्ति की तुलना आकाश के तारों से की है। वे इससे यह समझाना चाहते हैं कि मनुष्य और तारों की गति एक-सी है। जिस प्रकार तारे टूटकर नष्ट हो जाते हैं और फिर कभी नहीं मिलते, उसी प्रकार मनुष्य का भी जब अंत हो जाता है, तो वह लौटकर नहीं आता।
प्रश्न 2.
मुरझाई कली पर मधुवन की क्या प्रतिक्रिया होगी?
उत्तर :
मुरझाई कली कभी खिल नहीं सकती। मधुवन यह बात अच्छी तरह जानता है। इसलिए वह मुरझाई कली के लिए कभी विलाप नहीं करेगा।
प्रश्न 3.
कवि सच्चे ‘मधु से जला हुआ’का प्रयोग किसके लिए करता है?
उत्तर :
कवि के अनुसार मधुपटों एवं मधु-प्यालों से कच्चे पीनेवालों की ममता होती है। जब कि सच्चे पीनेवालों की आसक्ति मधु (मदिरा) में होती है। कवि ‘मधु से जला हआ’ शब्द का प्रयोग सच्चे पीनेवालों के लिए करते हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ: पंक्तियों में लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि कुसुम के प्रतीक द्वारा क्या संदेश देना चाहता है ?
उत्तर :
कवि कहते हैं कि माना कि तुम्हारे जीवन में कोई ऐसा था, जो तुम्हे फूल की तरह प्रिय लगता था और तुम उस पर न्योछावर होते थे। उसकी प्रसन्नता में ही तुम अपनी प्रसन्नता मानते थे। तुम्हारे जीवन का वह फूल सूख गया, तो सूख जाने दो। अब तो वह कभी खिलनेवाला है नहीं। इसलिए उस पर शोक करना व्यर्थ है। कुसुम के इस प्रतीक द्वारा कवि यह संदेश देना चाहता है कि कोई व्यक्ति कितना भी प्यारा हो, यदि वह सदा के लिए बिछुड़ गया तो उसके पुन:मिलन होने की कोई आशा नहीं। इसलिए उसे भूल जाने में ही बुद्धिमानी है।
प्रश्न 2.
मधुघट और मनुष्य जीवन में क्या समानता पायी जाती है? स्पष्ट करें।
उत्तर :
मधुघट मिट्टी का बना होता है। वह बहुत नाजुक होता है, इसलिए अकसर फूट जाता है। मनुष्य का शरीर भी मिट्टी से निर्मित घट के समान है। यह भी मधुघट के समान क्षणभंगुर है। यह कब फूट जाए कहा नही जा सकता। फूटे हुए मधुघट की तरह मृत व्यक्ति फिर से जीवित नहीं हो सकता। इस प्रकार मधुघट और मनुष्य जीवन में गहरी समानता है।
GSEB Solutions Class 12 Hindi जो बीत गई सो बात गई Important Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सविस्तार (पाँच-छ: वाक्यों में) लिखिए :
प्रश्न 1.
कवि ने क्या समझाने के लिए आकाश का उदाहरण दिया है?
उत्तर :
कवि कहता है कि जरा आकाश के चेहरे को तो देखो। : अब तक उसके न जाने कितने प्रिय तारे टूट चुके हैं। जो तारे टूट गए वे फिर कभी आकाश को नहीं मिल पाए। परंतु क्या आकाश कभी अपने टूटे तारों पर शोक मनाता है इस उदाहरण से कवि समझाता है कि जिस तरह आकाश उन बिछुड़े हुए तारों को भूल जाता है, उसी तरह मनुष्य को भी अपने प्रिय व्यक्ति के विछोह को भूल जाना चाहिए, क्योंकि जो बात बीत गई, वह सदा के लिए समाप्त हो गई। उसे याद करना व्यर्थ है।
प्रश्न 2.
‘जो बीत गई सो बात गई’ कविता द्वारा हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर :
‘जो बीत गई सो बात गई’ कविता में कवि ने आकाश, मधुवन, मदिरालय, मधुघट के उदाहरण दिए हैं। कवि कहता है कि आकाश कभी अपने टूटे हुए तारों पर शोक नहीं मनाता। मधुवन अपने सूखे हुए फूलों और मुरझाई लताओं पर दुःखी नहीं होता। मधुघटों के टूट जाने पर मदिरालय शोकग्रस्त नहीं होता। उसी तरह मनुष्य को भी यह समझ लेना चाहिए कि जिसका साथ छूट गया, उसे भूल जाने में ही भलाई है, जो बीत गई सो बात गई। बीते हुए को भूलकर आगे की बात सोचनी चाहिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए :
प्रश्न 1.
मदिरालय किन पर नहीं पछताता?
उत्तर :
मदिरालय टूटे प्यालों पर नहीं पछताता।
प्रश्न 2.
मदिरा के घडों और मधु-प्यालों से किसकी ममता होती है?
उत्तर :
मदिरा के घड़ों और मधु-प्यालों से कच्चे पीनेवालों की ममता होती है।
प्रश्न 3.
‘जो बीत गई सो बात गई’ कविता के कवि कौन है?
उत्तर :
‘जो बीत गई सो बात गई’ कविता के कवि हरिवंशराय बच्चन है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनकर लिखिए:
प्रश्न 1.
जो बीत गई ।
A. वह बेहद प्यारा था।
B. छाती को देखो।
C. सो बात गई।
D. आनन को देखो।
उत्तर :
C. सो बात गई।
व्याकरण
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची (समानार्थी) शब्द लिखिए :
- बेहद = असीम
- अम्बर = आकाश
- आनन = मुख
- शोक = दु:ख
- कुसुम = पुष्प, फूल
- नित्य = हमेशा
- निछावर = कुरबान
- मधुवन = फुलवारी
- वल्लरी = लता
- मधु = मदिरा, शराब
- मदिरालय = शराबघर
- मृदु = कोमल
- लघु = छोटा, अल्प
- ममता = लगाव, स्नेह
- मादकता = नशा
निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विरुद्धार्थी) शब्द लिखिए :
- जीवन × मृत्यु
- डूबना × तैरना
- अम्बर × धरती
- मिलना × बिछुड़ना
- शोक × हर्ष
- नित्य × अनित्य
- मुरझाना × खिलना
- फूल × काटा
- शोर × खामोशी
- टूटना × जुड़ना
- मृदु × कठोर
- कच्चा × पक्का
- ममता × निर्ममता
- वियोग × संयोग
- लघ × विराट
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए :
- मादकता = मादक + ता (प्रत्यय)
- खामोशी = खामोश + ई (प्रत्यय)
निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित शब्दों का विशेषण पहचानिए :
प्रश्न 1.
- एक प्याला टूट गया।
- सूखी पत्तियाँ झर जाती हैं।
- तुम्हारा अनुभव अभी कच्चा हैं।
उत्तर :
- एक – संख्यावाचक विशेषण
- सूखी – गुणवाचक विशेषण
- कच्चा – गुणवाचक विशेषण
निम्नलिखित शब्दसमूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :
- जिसकी हद न हो – बेहद
- रात में जो आकाश में चमकते हैं – तारे
- जहाँ लोग मदिरा पीने जाते हैं – मदिरालय
- अनचित कार्य करने पर होनेवाला दःख – पछतावा
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए :
प्रश्न 1.
- बिती बात को भूल जानी चाहिए।
- तारों को कोई गौन नहीं सकता।
- जिंदगी हमारी अब नहीं बचेगी।
- ममता में सद्गुण एक बहुत बड़ा है।
- इस पत्र को कावेरी ने लिखा हैं।
- इस शोक मानने की वक्त नहीं है।
उत्तर :
- बीती बातों को भूल जाना चाहिए।
- तारों को कोई गिन नहीं सकता।
- अब हमारी जिंदगी नहीं बचेगी।
- ममता में एक बहुत बड़ा सदगुण है।
- यह पत्र कावेरी ने लिखा है।
- यह शोक मनाने का वक्त नहीं है।
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
निछावर होना- समर्पित किया जाना
वाक्य : स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का सर्वस्व स्वतंत्रता की बलिवेदी पर निछावर हो गया।
मिट्टी में मिल जाना – नष्ट हो जाना
वाक्य : भाइयों की आपसी कलह से जगन सेठ का बना-बनाया व्यापार मिट्टी में मिल गया।
निम्नलिखित कहावत का अर्थ लिखिए :
जो बीत गई सो बात गई
अर्थ : अतीत की दुःखभरी बातें भूल जाना ही अच्छा है।
नाच न जाने आँगन टेवा
अर्थ : अपनी असमर्थता छिपाने के लिए बहाना बनाना।
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद
अर्थ : अज्ञानी व्यक्ति गुणवान वस्तु की कदर नहीं जानता।
जो बीत गई सो बात गई Summary in Hindi
विषय-प्रवेश :
बीती बातें मनुष्य को अकसर याद आया करती हैं। इन बातों से मनुष्य को कभी-कभी शोक, ग्लानि, पछतावा आदि मानसिक क्लेश भी होता है। प्रस्तुत कविता के द्वारा कवि ने मनुष्य को यह संदेश दिया है कि जो बीत गया, उसके बारे में सोचना और शोक करना व्यर्थ है।
कविता का सरल अर्थ :
जो बीत गई …….. सो बात गई।
जो तुम पर बीती है, वह आई-गई बात हो गई है। वह बात हमेशा के लिए समाप्त हो गई है। (ऐसा मानकर उसे भूल जाना ही अच्छा है।) माना कि तुम्हारे जीवन में कोई ऐसा था, जो तारे की भाँति चमक रहा था और तुम भी उसे बहुत चाहते थे। तारे की तरह चमकता हुआ वह व्यक्ति तारे की तरह ही डूब गया (गुजर गया) तो डूब जाने दो। जो दुनिया से चला गया, उस पर शोक मत करो।
जरा आकाश के चेहरे को तो देखो। अब तक उसके जाने कितने प्रिय तारे टूट चुके हैं। जो तारे टूट गए, वे फिर आकाश से कभी नहीं मिल पाए। परंतु क्या आकाश कभी अपने उन टूटे हुए तारों पर शोक मनाता है? (जिस तरह आकाश अपने उन बिछड़े हुए तारों को भूल जाता है, उसी तरह तुम भी अपने प्रिय व्यक्ति के विछोह को भूल जाओ) क्योंकि जो बात बीत गई, वह हमेशा के लिए समाप्त हो गई।
जीवन में वह था ……….. सो बात गई।
माना कि तुम्हारे जीवन में कोई ऐसा था, जो तुम्हें फूल की तरह प्रिय लगता था और तुम उस पर हमेशा न्योछावर होते थे – तुम उसकी प्रसन्नता में ही अपनी प्रसन्नता मानते थे। तुम्हारे जीवन का वह प्रिय फूल सूख गया, तो सूख जाने दो।
जरा मधुवन (बगीचे) के (मजबूत) सौने को तो देखो। अब तक मधुवन की जाने कितनी कलियाँ सूख चुकी हैं और जाने कितनी लताएँ मुरझा चुकी हैं। न ये सूखी कलियां फिर खिल सकी और न वे मुरझाई लताएं फिर हरी हो सकीं। पर क्या मधुवन अपने सूखे फूलों के लिए कभी विलाप करता है? जो बात बौत गई, वह बीत गई। उसे याद करके दुःखी होने से कोई लाभ नहीं।
जीवन में मधु …. सो बात गई।
माना तुम्हारे जीवन में मदिरा का एक ऐसा प्याला था, जिस पर तुमने अपना तन-मन न्योछावर कर दिया था। अर्थात् वह तुम्हारे जीवन का एक अंग बन गया था। तुम्हारा वह मनपसंद प्याला टूट गया, तो टूट जाने दो।
जरा मदिरालय (शराबखाने) का प्रांगण तो देखो। वहाँ जाने कितने प्याले हिल जाते हैं और गिरकर टूटकर नष्ट हो जाते हैं। जो प्याले गिरकर टूट जाते हैं, क्या वे फिर उठकर वापस आते हैं? पर क्या मदिरालय को उन टूटे हुए प्यालों के लिए कभी पश्चाताप होता है? जो बात बीत गई, वह बीत गई। उसे याद करके दुःखी होने से कोई लाभ नहीं।
मृदु मिट्टी के ………. सो बात गई।
मदिरा रखने के घड़े मिट्टी के बने होते हैं। इसलिए ये बहुत नाजुक होते हैं और अकसर फूट जाया करते हैं। यही हाल (मधु) प्यालों का __ भी है। इनका भी जीवन बहुत छोटा होता है। ये भी अकसर टूट जाया करते हैं। फिर भी मदिरालय के अंदर मदिरा इन घड़ों में ही रखी जाती है और लोगों को मदिरा प्यालों में ही दी जाती है।
जो लोग नशे के अभ्यस्त हैं, वे मदिरा का सेवन करते ही रहते हैं। जो व्यक्ति मदिरा के घड़ों और प्यालों के टूटने के बारे में सोचता है और उनसे उसका लगाव होता है, वह कच्चा (नौसिखिया) पियक्कड़ हैं। जो सच्चे अर्थों में मदिरा का सेवन करनेवाला होता है, वह मदिरा के घड़ों और प्यालों के टूटने पर रोता-चिल्लाता नहीं है। जो बात बीत गई, वह बीत गई। वह हमेशा के लिए समाप्त हो गई।
जो बीत गई सो बात गई शब्दार्थ :
- सो – वह।
- सितारा – तारा।
- बेहद – अत्याधिक।
- डूब गया – (यहाँ अर्थ) अस्त होना, दिखाई न देना।
- अम्बर – आसमान।
- आनन – मुख।
- प्यार – प्रिय।
- छूटे – (यहाँ अर्थ) साथ छूटना।
- टूटे तारे – आकाश में तारों का टूटना।
- शोक – गम, दु:ख।
- कुसुम – फूल।
- नित्य – सदा।
- निछावर – समर्पित।
- मधुवन – (यहाँ अर्थ) उपवन, बगीचा।
- छाती – (यहाँ अर्थ) उपवन की भूमि।
- कलियाँ – बिना खिले हुए फूल।
- मुझई – कुम्हलाना।
- खिलना – कली का फूल के रूप में होना।
- शोर मचाना – (यहाँ अर्थ) विलाप करना।
- मधु – शराब।
- मदिरालय – शराबखाना।
- मृदु – कोमल, नर्म।
- मधुघट – मदिरा का घड़ा।
- मादकता – नशीलापन।
- कच्चा पीनेवाला – नया-नया पीनेवाला।
- ममता – स्नेह, प्रेम।