Gujarat Board GSEB Solutions Class 7 Hindi Chapter 10 अंदाज अपना-अपना Textbook Exercise Important Questions and Answers, Notes Pdf.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 7 Hindi Chapter 10 अंदाज अपना-अपना
GSEB Solutions Class 7 Hindi अंदाज अपना-अपना Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
नन्हें मुन्ने बच्चो! ऐसा क्यों हुआ होगा? वे समझ नहीं पाए। आप बड़े अक्लमंद है, आप ही उन्हें बताइए।
उत्तर :
भावेशभाई के घर की हालत देखकर लगता है कि …
- बाहर जोर की आँधी आई होगी।
- वेंटिलेशन से हवा के साथ धूल भी घर में आई होगी।
- भूकंप का हल्का झटका आया होगा।
- खिड़की खुली रह गई होगी।
- दरवाजा खुला रह गया होगा।
- चोर आया होगा और जल्दबाजी में कुछ चुराकर चला गया होगा।
- बड़े चूहों ने अंदर घुसकर शरारत की होगी।
प्रश्न 2.
मेरे समझदार दोस्त, अब आप ही बताइए कि ऐसा क्यों हुआ होगा?
उत्तर :
हीरलबहन के मटके में पानी नहीं आया, क्योंकि …
- नल में पानी बंद हो गया होगा।
- मटके में दरार होगी।
- मटके के पेंदे में छेद होगा।
- मटका ठीक नल के नीचे नहीं रखा होगा।
- मटके पर गलती से ढक्कन रख दिया होगा।
- मटका उल्टा रखा होगा।
प्रश्न 3.
मेरे भोले-भोले भेजाबाज दोस्त! ऐसा कैसे हुआ होगा? आप ही बताइए।
उत्तर :
सेजल के पहले गमले का पौधा नहीं बढ़ा, क्योंकि …
- वह गमले का पौधा प्लास्टिक का या नकली होगा।
- उसमें पानी की कमी रही होगी।
- उसे जरूरी हवा और प्रकाश नहीं मिले होंगे।
- किसीने पौधे को काट दिया होगा।
- पौधे के गमले से मिट्टी निकाल दी गई होगी।
- गमले में उचित खाद नहीं डाली होगी।
प्रश्न 4.
अब आप हमें बताइए कि आप कहाँ-कहाँ जाएँगे और क्या-क्या करेंगे।
उत्तर :
जादुई चश्मा पहनकर मैं …
- हलवाई की दुकान में जाकर मनचाही मिठाई खाऊँगा।
- मुफ्त में फिल्म या नाटक देख आऊँगा।
- मुफ्त में जादू के खेल देख आऊँगा।
- फुलवारी से फूल तोड़ लाऊँगा।
- पेड़ पर बैठकर फल तोड़ – तोड़कर खाऊँगा।
- पड़ोसी के घर की चीजें इधर – से – उधर रखकर उन्हें डराऊँगा।
प्रश्न 5.
मेरे परिन्दे दोस्त! अब बताइए कि आप कहाँ-कहाँ जाएँगे और क्या-क्या देखेंगे?
उत्तर :
उड़ने के लिए पंख मिल जाने पर …
- मैं आसमान में बादल के पास जाकर उन्हें देलूँगा।
- मैं पक्षियों से मित्रता करूँगा।
- मैं पक्षियों के साथ उड़ने की शर्त लगाऊँगा।
- मैं उड़कर बाजार से चीजें ले आऊँगा।
- मैं पेड़ों पर बैठकर फल तोड़कर खाऊँगा।
- मैं पहाड़ों पर जाकर आनंद मनाऊँगा।
- मैं दूर रहनेवाले मित्रों के घर जल्दी पहुँच जाऊँगा।
- मैं जंगल में जाकर शेरों तथा बाघों को नजदीक से देखूगा।
मैं क्यों मानू ?
प्रश्न 1.
कुछ विज्ञापन में प्रकाशित खास विधानों को गौर से पढ़िए और उस पर वाद-विवाद कीजिए।
(1) अब नए पैक में!
(2) शौक बड़ी चीज़ है!
(3) पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें!
(4) यहाँ पेट्रोल ही नहीं, विश्वास भी मिलता है!
(5) हम सिर्फ गहने ही नहीं बनाते, रिश्ते भी बनाते हैं!
(6) पकाते हैं रसोई, परोसते हैं प्यार!
उत्तर:
(1) अब नए पैक में!
हम खरीदेंगे क्योंकि …
- नया पैक आकर्षक है।
- नया पैक टिकाऊ है।
- वस्तु का दाम भी पहले से कम है।
- वस्तु की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
(2) शौक बड़ी चीज़ है!
- मुझे अच्छे खाने, कपड़े पहनने और खेलने का शौक है।
- शौक पूरा करने के लिए मैं पैसों की परवाह नहीं करता।
- शौक जिंदादिल आदमी की पहचान है।
- शौक पूरा करने के लिए मैं दूर भी जा सकता हूँ।
- शौक पूरा करने में ही तो जिंदगी का मजा हैं।
(3) पहले इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करें !
- इस्तेमाल करने पर ही तो विश्वास होगा।
- विश्वास होगा तो ही अच्छी बिक्री होगी।
- अच्छी बिक्री होगी तो ही इस विज्ञापन का लाभ मिलेगा।
(4) यहाँ पेट्रोल ही नहीं, विश्वास भी मिलता है !
- आजकल हर चीज मिलावटी होती है।
- यहाँ पेट्रोल में मिलावट नहीं की जाती।
(5) हम सिर्फ गहने ही नहीं बनाते, रिश्ते भी बनाते हैं !
- एक ही जगह गहने बनवाने से एक – दूसरे से अच्छी जान – पहचान हो जाती है।
- परस्पर विश्वास बढ़ता है।
- पैसों के लेन – देन में सहूलियत रहती है।
- गहरी मित्रता भी हो सकती है।
(6) पकाते हैं रसोई, परोसते हैं प्यार !
- हम स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन के लिए वहाँ जाते हैं।
- एक बार खाकर तो देखिए हमारे यहाँ का रुचिकर भोजन।
- भोजन के स्वाद के साथ हमारी आत्मीयता का भी अनुभव करें।
- हमारे यहाँ हर व्यंजन मिलेगा, वह प्यार के रस से भीगा होगा।
प्रश्न 2.
अंदाज अपना-अपना मेरे होनहार दोस्त! अब आप भाषा की पृष्ठभूमि पर कुछ खेल खेलनेवाले हैं। उदाहरण देखते जाइए और खेलते रहिए :
शब्द सीढ़ियाँ पूर्ण कीजिए
उत्तर:
प्रश्न 3.
दिए गए वर्गों का उपयोग कर, शब्द बनाइए :
वर्णो –
उदाहरण : मकान, नया, नामुमकिन
उत्तर :
रकम, नमन, नमक, कमर, यमन, नरक, नयन।
प्रश्न 4.
दिए गए शब्द में से एक-एक शब्द हटाते जाइए और सार्थक शब्द बनाइए और उसका अर्थ लिखिए :
उदाहरण : भूचाल – भूकंप
भूल – खामी, गलती
भू – भूमि
(1) दोराहा
(2) आराम
(3) भारत
(4) विवाद
उत्तर :
(1) दोराहा – जहाँ दो राहे मिलती हैं
दोहा – एक छंद
दो – एक संख्या
(2) आराम – विश्राम
आरा – लकड़ी काटने का औजार
राम – अयोध्या के राजा
(3) भारत – देश
भात – पका हुआ चावल
रत – लीन
(4) विवाद – झगड़ा
वाद – मत
प्रश्न 5.
दिए गए वाक्य में से शब्द चुनकर, नए वाक्य बनाइए :
काजल ने देखा कि बिल्ली कुर्सी के नीचे बैठकर रोटी खा रही है।
उदाहरण :
(1) बिल्ली कुर्सी के नीचे है।
(2) काजल नीचे बैठकर रोटी खा रही है।
उत्तर :
(1) काजल कुर्सी के नीचे है।
(2) काजल रोटी खा रही है।
(3) काजल ने देखा बिल्ली रोटी खा रही है।
(4) काजल ने देखा कि बिल्ली है।
(5) काजल ने देखा कि कुर्सी है।
(6) काजल नीचे बैठ रही है।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और रेखांकित शब्दों का लिंग बदलकर परिच्छेद फिर से लिखिए :
लड़के ने कहा, “मैं तुम्हें अपने बचपन की घटना सुनाता हूँ। एक बार मैं जोश में आ गया और एक हिरन का कान तोड़ दिया। फिर घोड़ी की पूँछ इतनी जोर से खींची की उखड़ गई। बाद में मैंने मोर की गरदन मरोड़ दी और शेर का मुँह खोलकर उसके दाँत तोड़ दिए। आपको यकीन नहीं होता? घटना बिलकुल सच है। आगे सुनिए आपको विश्वास हो जाएगा। मैंने जैसे ही हाथी की सूंड पर हाथ रखा कि दुकानदार ने मुझे दो थप्पड़ मारे और हाथ खींचकर मुझे खिलौने की दुकान से बहार निकाल दिया।”
उत्तर :
लड़की ने कहा, “मैं तुम्हें अपने बचपन की घटना सुनाती हूँ। एक बार मैं जोश में आ गई और एक हिरनी का कान तोड़ दिया। फिर घोड़े की पूंछ इतनी जोर से खींची कि उखड़ गई। बाद में मैंने मोरनी की गरदन मरोड़ दी और शेरनी का मुँह खोलकर उसके दाँत तोड़ दिए। आपको यकीन नहीं होता? घटना बिलकुल सच है। आगे सुनिए, आपको विश्वास हो जाएगा। मैंने जैसे ही हथिनी की सूंड़ पर हाथ रखा कि दुकानदार ने मुझे दो थप्पड़ मारे और हाथ खींचकर मुझे खिलौने की दुकान से बाहर निकाल दिया।”
अंदाज अपना-अपना योग्यता विस्तार
प्रश्न 1.
एक व्यक्ति एक संत के पास गया। उसने संत से पूछा, “मैं परमात्मा के किस स्वरूप का स्मरण करूँ? बताइए।” संत ने उसे नाम न देकर, निम्नलिखित पहेली कही। आप बताइए कि संत ने किसका स्मरण करने को कहा होगा?
अजा सहेली ता रिपु, उस जननी भरथार।
उस पुत्र के मित्र को, भज ले बारबार ।
[अजा – बकरी, रिपु – शत्रु, भरथार – पति]
उत्तर :
इस पहेली में अजा (बकरी) की सहेली (भेड़) का दुश्मन (गाड़र एक प्रकार की वनस्पति) की जननी (धरती) का पति (इन्द्रदेव) का पुत्र (अर्जुन) के मित्र (श्रीकृष्ण) को बार – बार भजने की बात कही गई है।
प्रश्न 2.
टी.वी. पर प्रदर्शित विज्ञापन आदि देखिए और उसके खास विधानों पर अपने साथियों के साथ चर्चा कीजिए :
उत्तर :
टीवी पर जब कोई लोकप्रिय और मनोरंजक कार्यक्रम पेश किया जाता है तब बीच – बीच में बार – बार विज्ञापन दिखाए जाते हैं। विज्ञापन में प्रभावशाली, सूचक विधान तेज़ आवाज में पेश किए जाते हैं और इस तरह इन विधानों का तात्पर्य हमारे मन पर लाद दिया जाता है।
बार – बार तेज़ आवाज में ऐसे विधान सुनकर कार्यक्रम में रसक्षति होती हैं, पर इनसे बचना असंभव हैं, क्योंकि यह व्यवसाय का सजीव तरीका है।
प्रश्न 3.
‘यदि आप गाँव के सरपंच बने तो…!’ विषय पर अपने साथियों से चर्चा कीजिए एवं लिखिए।
उत्तर :
(कुछ लड़के एक पेड़ के नीचे बैठे हुए)
गोपाल – दीपक, यहाँ बैठकर क्या सोच रहे थे?
मैं – सोच रहा था कि हमारे गाँव की हालत कब सुधरेगी? दिन – पर – दिन गाँव का चेहरा बदसूरत होता जा रहा है।
प्रताप – यदि तुम्हें गाँव का सरपंच बना दिया जाए तो तुम इस चेहरे को खूबसूरत कैसे बनाओगे?
मैं – सबसे पहले तो मैं गाँव की टूटी – फूटी सड़कों को सुधारूँगा। मैं पक्की सड़कें बनवाऊँगा। इस समय गाँव में सिर्फ दो कुएँ हैं। एक – एक कुएँ पर कितनी भीड़ लगती है। मैं तीन नए कुएँ खुदवाऊँगा। कम – से – कम पाँच कुएँ तो गाँव में होने ही चाहिए।
प्रताप – क्या तुम शिक्षा पर ध्यान नहीं दोगे? गाँव के बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे गाँव जाना पड़ता है।
मैं – सरपंच बनने पर मैं हाईस्कूल तक की शिक्षा की व्यवस्था गाँव में ही करवाऊँगा। इसके अलावा एक दवाखाना भी खुलवाऊँगा। गाँव के राममंदिर का पुनर्निर्माण होगा। उसमें एक बड़ा हॉल होगा, जिसमें कम – से – कम तीन सौ व्यक्ति बैठ सकते हों।
गोपाल – फिर तो मैं रोज मंदिर जाकर तुम्हें सरपंच बनाने के लिए प्रार्थना करूँगा।
मैं – अरे, हमारे गाँव का नाम सुंदरगंज है। इसे सुंदर बनाना हमारा कर्तव्य है।
यदि आप गाँव के सरपंच होते तो:
यदि मैं अपने गाँव का सरपंच होता तो मेरे गाँव की यह हालत न होती जो आज है। आज गाँव में न अच्छी सड़कें हैं, न जल – आपूर्ति की उचित व्यवस्था है। न स्कूल है, न दवाखाना। गाँववालों को अपनी छोटी – मोटी जरूरतें पूरी करने के लिए निकट के शहर जाना पड़ता है।
यदि मैं गाँव का सरपंच होता तो गाँव को शहर से जोड़नेवाली सड़क पक्की बनवाता। गाँव में कुओं की जगह नल – कूपों द्वारा स्वच्छ जल की आपूर्ति करता। गाँव में हाईस्कूल तक की शिक्षा की व्यवस्था होती। ग्रामपंचायत की ओर से एक दवाखाना होता। गाँव के भवानी मंदिर का अब तक पुनर्निर्माण हो गया होता।
सचमुच, यदि मैं अपने गाँव का सरपंच होता, तो अपने गाँव को एक आदर्श गाँव में बदल देता।
अंदाज अपना-अपना प्रवृत्तियाँ
- ‘दिमागी दौड़’ में दिए गए जैसे दो प्रसंगों का वर्णन अपने सहपाठियों के समक्ष कीजिए।
- ‘तर्क की लगाम, कल्पना के घोड़े’ में दिए गए प्रसंगों के समान एक प्रसंग का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
Hindi Digest Std 7 GSEB अंदाज अपना-अपना Important Questions and Answers
पूरे दिन की पढ़ाई और खेल – कूद के बाद रात को आपकी आँख लग गई। नींद में आपने एक सपना देखा। आप घूमते – घूमते बहुत दूर निकल गए। आप नदी – पहाड़ों के अद्भुत सौंदर्य में लीन हो गए। आपको पता भी न चला और आप चलते – चलते जंगल में पहुंच गए। यकायक आपके सामने एक शेर आ गया। शेर को देखकर आपको होश आया। आप घबरा गए। मारे डर के आँखें बंद कर दीं। आपने ईश्वर को याद किया और कहा, “काश ! मेरे पास पंछी की तरह पंख होते …!” तभी चमत्कार हुआ और आप के हाथ की जगह पंख उग आए। आप उड़कर वापस घर आए। आप बड़े खुश थे – जान भी बची और पंख भी मिल गए। सपना टूटा। आपने नींद से आँखें खोली। आपने पाया कि आपको हकीकत में हाथों की जगह पँख मिल गए हैं।
इस बार आपकी मजेदार और अनोखी कसौटी होनेवाली है। एक बड़ा जहाज आपको निर्जन द्वीप पर ले जानेवाला है। वहाँ केवल मिट्टी, कंकड़ – पत्थर, पहाड़ और समुद्री पानी ही है।
प्रश्न 1.
मेरे बुद्धिमान दोस्त ! वहाँ एक हफ्ते तक सुख – चैन से रहने के लिए आप अपने साथ क्या – क्या ले जाएंगे – सूची बनाइए।
उत्तर :
द्वीप पर सुख – चैन से रहने के लिए हम अपने साथ …
- काफी कपड़े ले जाएँगे।
- खाने के लिए बिस्किट, पोपकोर्न, सेव आदि सूखे खाद्य पदार्थ ले जाएँगे।
- बादाम, काजू, अंजीर, फल आदि मेवा ले जाएँगे।
- एक स्टोव भी ले जाएँगे। उस पर खाना बनाने के लिए हम कूकर, आटा, दाल, चावल, मसाले आदि ले जाएँगे।
- एक हफ्ते तक चले उतना पीने का पानी भी ले जाएँगे।
- हम क्रिकेट का सामान, कैरम, शतरंज, फुटबॉल और टेनिस खेलने की स्टिक तथा बॉल ले जाएँगे।
- पढ़ने के लिए रोचक और ज्ञानवर्धक पुस्तकें ले जाएंगे।
- एक कॉपी ले जाएँगे जिसमें उस द्वीप पर मिलनेवाली वनस्पतियों, वहाँ के पक्षियों, प्राणियों के बारे में प्राप्त जानकारी लिखेंगे।
- रक्षा के लिए छोटी बंदूक भी ले जाएँगे।
अंदाज अपना-अपना Summary in Gujarati
પોતપોતાનું અનુમાન
બુદ્ધિની દોટ
ભાવેશભાઈ વકીલ છે. તેઓ પોતાની પત્ની લીના અને પુત્ર વ્રજની સાથે સુરતમાં રહે છે. નાનો પરિવાર, સુખનો આધાર હોય છે. તેમનું જીવન ખુશખુશાલ હતું. એક વાર દિવાળીની રજાઓમાં તેઓ ત્રણેય અંબાજી ગયાં. ચાર દિવસ પછી પાછાં આવીને જોયું તો ચમકી ગયાં.
તેમણે જોયું કે ઘરની બહાર જે બગીચો છે તેનાં વૃક્ષ અને છોડવાઓનાં કેટલાંય ફૂલ – પાંદડાં ખરી પડ્યાં હતાં. ઘરમાં અંદર જઈને જોયું તો આખો ઓરડો ધૂળથી ખરાબ થઈ ગયો હતો. દીવાલ પરના લીના અને વ્રજના ફોટા પણ નીચે પડી ગયા હતા અને તૂટી ગયા હતા.
નાનાં બાળકો, આમ શા માટે થયું હશે? તેઓ સમજી શક્યા નહિ. તમે તો ખૂબ બુદ્ધિશાળી છો. તમે જ તેમને કહો.
પરેશભાઈ ખેડૂત છે. એમની પત્ની હીરલબેન નર્સ છે. એક દિવસ વહેલી સવારે હીરલબેને પાણીના નળ નીચે ઉતાવળમાં એક માટલું મૂક્યું. પછી નળ ચાલુ કર્યો અને રસોડામાં ચા બનાવવા ચાલ્યાં ગયાં. ચા બનાવીને પછી જ્યારે પાછા આવીને જોયું તો માટલું ખાલી હતું. તેમાં પાણી નહોતું. હીરલબેન પોતાની જાત પર હસવા લાગ્યાં.
મારા સમજુ મિત્રો, હવે તમે જ કહો કે આમ કેમ થયું હશે?
સેજલ બે કૂંડાં લાવ્યો. તેમાં તુલસીના છોડ હતા. બંને છોડની લંબાઈ, પહોળાઈ અને ઊંચાઈ એકસરખી હતી. એક મહિના પછી બીજા કૂંડાનો છોડ વધી ગયો; જ્યારે પહેલા કંડાનો છોડ હજુ પણ તેટલો જ હતો, જેટલો એક મહિના પહેલા.
મારા ભલાભોળા ભેજાબાજ મિત્રો! આમ કેવી રીતે થયું હશે? તમે જ કહો.
તર્કની લગામ – કલ્પનાના ઘોડા
તમે સાઇકલ પર સ્કૂલે જઈ રહ્યા છો. રસ્તામાં જોયું તો એક માણસ હાથ હલાવીને તમને થોભી જવા ઇશારો કરી રહ્યો છે. તમે થોભી ગયા. તેણે કહ્યું કે બાજુના ગામમાં મારે જવું ખૂબ જરૂરી છે. તમે તે માણસને સાઈકલ પર બેસાડ્યો અને પાસેના ગામે પહોંચાડ્યો.
ત્યાં જઈને તમને ખબર પડી કે ત્યાં એક જાદુગરનો કાર્યક્રમ થવાનો છે અને તે માણસ તેનો મદદગાર છે. તે માણસે તમને જાદુના ખેલ જોવાની વિનંતી કરી, પરંતુ સ્કૂલે પહોંચતાં મોડું થઈ જશે, એમ વિચારીને તમે ના પાડી દીધી. તે માણસે બધી વાત જાદુગરને કહી.
જાદુગરે ખુશ થઈને તમને એક “ચમત્કારી ચશ્માં’ આપ્યાં અને કહ્યું કે આ પહેર્યા પછી તું સોને જોઈ શકીશ અને કંઈપણ કરી શકીશ, તને કોઈ નહિ જોઈ શકે. આની અસર એક અઠવાડિયા સુધી રહેશે.
તમે ચશ્માં લઈને પાછા પોતાના ગામની સ્કૂલમાં આવ્યા. ત્યાંથી ઘેર ગયા. બીજે દિવસે નાહી – ધોઈને દર્પણની સામે તમે ચશ્માં પહેર્યા. દર્પણમાં જોયું તો ખરેખર તમે ગાયબ થઈ ગયા હતા.
હવે તમે જ કહો કે તમે ક્યાં ક્યાં જશો અને શું શું કરશો?
આખા દિવસનાં ભણતર અને રમતગમત પછી રાત્રે તમને ઊંઘ આવી ગઈ. ઊંઘમાં તમે એક સ્વપ્ન જોયું. તમે ફરતાં – ફરતાં ખૂબ દૂર નીકળી ગયા. તમે નદી – પર્વતોના અદ્ભુત સૌંદર્યમાં લીન થઈ ગયા. તમને ખબર પણ ન પડી અને તમે ચાલતાં – ચાલતાં જંગલમાં પહોંચી ગયા.
એકાએક તમારી સામે એક સિંહ આવી પહોંચ્યો. સિંહને જોઈને તમને ભાન થયું. તમે ગભરાઈ ગયા. ભયના માર્યા આંખો મીંચી દીધી. તમે ઈશ્વરનું સ્મરણ કર્યું અને કહ્યું, “અરે! મારી પાસે પક્ષીની જેમ પાંખો હોય તો…!” ત્યારે ચમત્કાર થયો અને તમારા હાથની જગ્યાએ પાંખ ઊગી નીકળી.
તમે ઊડીને ઘરે પાછા આવી ગયા. તમે ખૂબ ખુશ હતા – જીવ પણ બચી ગયો અને પાંખો પણ મળી ગઈ. સ્વપ્ન ખંડિત થયું. તમે ઊંઘમાંથી આંખો ખોલી. તમે જાણ્યું કે તમને હકીકતમાં હાથની જગ્યાએ પાંખો મળી ગઈ છે.
अंदाज अपना – अपना विषय – प्रवेश
किसी भी विषय के संबंध में तर्कपूर्ण सोचना या चिंतन करना, मनन करते हुए अपनी बात को प्रगट करना तार्किक चिंतन कहलाता है। तार्किक चिंतन वैज्ञानिक अभिगम पर आधारित व्यक्ति की सोच – विचार करने की मानसिक प्रक्रिया है।
इस मुक्त चिंतन में व्यक्ति अपने जीवन के अनुभव, मान्यताएँ और दृष्टिकोण का उपयोग जानकारी का पृथक्करण करने के लिए करता है और जानकारी की सत्यता तक पहुँचकर निर्णय करता है।
प्रस्तुत इकाई में तार्किक चिंतन के बहु – आयामी सोच का विकास – विस्तार हो, ऐसे वैविध्यपूर्ण अभ्यास रखे गए हैं।