GSEB Solutions Class 9 Social Science Chapter 8 भारतीय संविधान की रचना और लक्षण

Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 9 Social Science Chapter 8 भारतीय संविधान की रचना और लक्षण Textbook Exercise Important Questions and Answers.

भारतीय संविधान की रचना और लक्षण Class 9 GSEB Solutions Social Science Chapter 8

GSEB Class 9 Social Science भारतीय संविधान की रचना और लक्षण Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में कौन-से आदर्शों का उल्लेख किया गया है ?
उत्तर:
प्रस्तावना में संविधान के उद्देश्यों, भारत को लोककल्याणकारी राज्य बनाने, उच्च भावना के आदर्शों का उल्लेख किया गया है ।

प्रश्न 2.
सर्वत्र व्यस्क मताधिकार से क्या आशय है ?
उत्तर:
भारत में 18 वर्ष की उम्र व्यस्क मानी जाती है, इस उम्र से अधिक उम्र के व्यक्ति को किसी भी जाति, भाषा, लिंग, आय, धर्म, संपत्ति, जन्मस्थान के भेदभाव के बिना मतदान देने का अधिकार है ।

  • भारत में 18 वर्ष उम्र पूरी करनेवाले प्रत्येक नागरिक आम चुनाव, लोकसभा, राज्यसभा तथा स्थानीय स्वराज्य की संस्थाओं में मत देकर अपनी पसंद के उम्मीदवार को चुन सकते है, उसे सर्वत्र व्यस्क मताधिकार कहा जाता है ।

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प्रश्न 3.
भारत का संविधान संघीय है । इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
संविधान के अनुसार भारत राज्यों का संघ है । इस प्रकार भारत एक संघीय राज्य है । इकाई राज्यों को संघ से अलग होने का अधिकार नहीं ।

  • संघ सरकार को अनेक महत्त्वपूर्ण सत्ताएँ दी गयी है । समवायतंत्र में केन्द्र सरकार तथा प्रदेशों की राज्य सरकारों के बीच सत्ता का स्पष्ट विभाजन किया गया है ।
  • इसमें राज्य सरकार अपने प्रदेश में, अपने कार्यक्षेत्र को ध्यान में रखते हुए कानूनों का निर्माण कर सके संविधान में केन्द्र और राज्यों के बीच सत्ता का स्पष्ट विभाजन किया गया है । दोनों अपनी सत्ताओं का उपभोग करते हैं ।
  • संघीय शासन व्यवस्था में तटस्थ, निष्पक्ष तथा स्वतंत्र न्यायतंत्र की व्यवस्था की गई है, जो केन्द्र तथा राज्यों के बीच सत्ता और कार्य विभाजन को लेकर उत्पन्न किसी भी विवाद के संदर्भ में संविधान का अर्थघटन करके विवाद का समाधान करता है ।

संघ और राज्यों के बीच कार्यों और अधिकारों के विभाजन:

  • भारत का परिसंघ दो प्रकार की सरकारों का बना हुआ है । संघ सरकार और राज्य सरकारें । संविधान में दोनों प्रकार की सरकारों के कार्यक्षेत्र और सत्ताओं का स्पष्ट और निश्चित विभाजन किया गया है । संविधान संघ तथा राज्यों के कार्यों की और सत्ताओं की अलग-अलग सूची दी गई है ।
  • संघसूची: संघसूची में राष्ट्रीय महत्त्व के विषय जैसे संरक्षण, विदेश सम्बन्ध, अणुशक्ति, वित्तल और बैंकिंग, तार और डाक तथा रेलवे आदि का समावेश किया गया है । संघ सूचि में समाविष्ट विषयों के सम्बन्ध में कानून बनाने और उनमें संशोधन करने की सत्ता संसद की है । संघसूची में 97 विषयों का समावेश किया गया है ।
  • राज्यसूची: राज्यसूची में कानून और व्यवस्था, स्थानीय स्वराज्य की संस्थाएँ, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, राज्य का आंतरिक व्यापार और वाणिज्य जैसे 66 विषयों का समावेश किया गया है । इन विषयों के सम्बन्ध में कानून बनाने तथा उनमें संशोधन करने का अधिकार राज्यों के विधानमंडलों का है ।
  • समवर्ती सूची (संयुक्त सूची): इसमें समाविष्ट विषयों के सम्बन्ध में संघ सरकार और राज्य सरकारें दोनों कानून बना सकती है । यदि जहाँ संघ और राज्य सरकार के कानून के बीच कोई मतभेद हो वहाँ संघ सरकार का कानून ही अमल में आता है । इसमें दीवानी और फौजदारी बाबतें, विवाह और तलाक, शिक्षा, आर्थिक आयोजन, व्यापारी संघ आदि 47 विषयों का समावेश होता है ।
  • अवशिष्ट विषय (शेष सत्ता) सत्ता के विभाजन में जो विषय न आये हो उन्हें अवशिष्ट विषय कहते हैं । इन विषयों के सम्बन्ध में कानून बनाने की सत्ता संसद को है।

प्रश्न 4.
संसदीय शासन पद्धति के लक्षण लिखिए ।
उत्तर:
संसदीय लोकतंत्र का अर्थ:
संसदीय लोकतंत्र वह होता है, जिसमें सम्पूर्ण जनता अथवा उसका बहुसंख्यक भाग शासन की शक्ति का प्रयोग अपने उन प्रतिनिधियों द्वारा करती है, जिन्हें वह समय-समय पर चुनती है ।

गार्नर के अनुसार “संसदात्मक शासन” वह शासन प्रणाली है । जिसमें वास्तविक कार्यपालिका अर्थात् मंत्रीमण्डल व्यवस्थापिका अथवा उसके लोकप्रिय सदन के प्रति तथा अन्तिम रुप में निर्वाचक मण्डल के प्रति अपने राजनीतिक नीतियों तथा कार्यों के लिए कानूनी रूप से उत्तरदायी होती है और राज्य का प्रधान नाममात्र का तथा अनुत्तरदायी होता है ।

रचना:
संसदीय पद्धति में संसद सर्वोपरी होती है और वह लोगों का प्रतिनिधित्व करती है । संघ की विधायिका को संसद कहते हैं । भारतीय संसद के दो सदन है । ऊपरी सदन राज्यसभा और निम्न सदन लोकसभा । लोकसभा में जिस दल का बहुमत होता है उस दल की सरकार बनती है ।

संघ में राष्ट्रपति के नाम से संघ का प्रशासन मंत्रीमण्डल प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चलाता है और राज्यों में राज्यपाल के नाम से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रीमण्डल प्रशासन चलाता है । मंत्रीमंडल, विधानमंडल (संसद) के प्रति उत्तरदायी होता है । विधानमंडल लोगों द्वारा चुने प्रतिनिधियों द्वारा गठित होती है । इस प्रकार विधानमंडल (संसद) सर्वोपरी है ।

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प्रश्न 5.
सुग्रथित न्यायतंत्र अर्थात् क्या ?
उत्तर:
संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार भारत में स्वतंत्र, निष्पक्ष, संलग्न तथा सुग्रथित न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है । जिसमें सबसे ऊपर सर्वोच्च न्यायालय, बीच में राज्यस्तर पर उच्च न्यायालय तथा नीचले स्तर पर अधिनस्थ और जिला न्यायालय, इसके उपरांत विशेष न्यायालय है । सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सबको मान्य होता है । न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र है ।

प्रश्न 6.
संविधान में सुधार के लिए किये गये प्रावधानों को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
समय और संजोगों के अनुसार समय-समय पर भारतीय संविधान में सुधार संबंधी धाराओं को तीन भागों में बाँटा गया है –
(1) कुछ परिस्थितियों में संसद में उपस्थित तथा मतदान में भाग लेनेवाले सदस्यों के सामान्य बहुमति से सुधार किया जा सकता है ।

(2) कुछ परिस्थितियों में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों की बहुमति तथा उपस्थित और मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों की 2/3 सदस्यों की स्पष्ट बहुमति द्वारा संविधान में परिवर्तन किया जा सकता है ।

(3) संविधान के कुछ भाग में सुधार करने के लिए दोनों सदनों की बहुमती उसी प्रकार उपस्थित तथा मतदान में भाग लेनेवाले सदस्यों की 2/3 बहुमति के साथ आधे से अधिक राज्यों के विधानसभाओं की स्वीकृति आवश्यक है ।। इस प्रकार, संशोधन की प्रक्रिया से भारत का संविधान कठोर और लचीला है ।

प्रश्न 7.
आर्थिक, सामाजिक समानता के बिना राजनैतिक समानता अधूरी है ? समझाइए ।
उत्तर:
समाजवादी समाज रचना में राष्ट्रीय संपत्ति का न्यायपूर्ण वितरण व्यवस्था पर राज्य का स्वामित्व हो, राज्य के विविध क्षेत्रों तथा व्यवसायों में कार्यरत लोगों के बीच आय की असमानता को कम करने का प्रयत्न है । किसी भी व्यक्ति या समूह के हाथ में संपत्तियों का केन्द्रीकरण न करना, समाज के सभी लोगों को स्वस्थ और गौरवपूर्ण विकास के लिए अवसर तथा सुविधाएँ प्राप्त हो, सामाजिक कल्याण सिद्ध हों, अमीर-गरीब का भेद दूर हों, लोगों का जीवन स्तर ऊँचा होना चाहिए ।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के बारे में संक्षेप में बताइए:

प्रश्न 1.
प्रस्तावना भारतीय संविधान का सार है ।
उत्तर:
प्रस्तावना संविधान की आत्मा होने के कारण उसका विशेष महत्त्व है ।

  • प्रस्तावना के द्वारा किसी भी कानून के निर्माण तथा उसे समझने, उसका अर्थघटन करने में मार्गदर्शन प्राप्त होता है ।
  • कानून का उद्देश्य तथा उसके आदर्श, कानून के निर्माण के पीछे संसद की क्या नीति है, यह समझने में प्रस्तावना सहायक होती है ।
  • किस प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए कानूनों का निर्माण किया जाता है, इसका स्पष्ट निर्देश हमें प्रस्तावना से प्राप्त होता है ।
  • इस प्रकार प्रस्तावना संविधान का सार है ।

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प्रश्न 2.
प्रस्तावना संविधान निर्माताओं की मानसिकता को समझने के लिए चाबी (कुंजी) स्वरूप है ।
उत्तर:
प्रस्तावना में संविधान के मूलभूत उद्देश्यों, आदर्शों तथा सिद्धान्तों को महत्त्व दिया गया है ।

  • प्रस्तावना में संविधान के उद्देश्यों के साथ भारत में लोककल्याणकारी राज्य स्थापित करने की उच्च भावना तथा आदर्शों को सिद्ध करने की इच्छा का स्पष्टीकरण किया गया है ।
  • इस प्रकार प्रस्तावना द्वारा संविधान निर्माताओं की मानसिकता का परिचय प्राप्त होता है ।

प्रश्न 3.
प्रस्तावना दिशासूचक यंत्र के समान है ।
उत्तर:
कानून के किसी भी भाग या जानकारी में अस्पष्टता या विसंगति उत्पन्न हो, कानून का उद्देश्य स्पष्ट न होता हो तो उस समय प्रस्तावना कानून को समझने तथा अर्थघटन करने में सहायक सिद्ध होती है । इस प्रकार संविधान में समाहित प्रावधानों को समझने में एक दिशा सूचकयंत्र की भूमिका निभाती हैं ।

प्रश्न 4.
भारतीय संविधान में संघीय शासन तथा एकतंत्रीय शासन दोनों का समन्वय है ।
उत्तर:
भारत में केन्द्र और राज्य सरकारें अस्तित्व में है, केन्द्र सरकार को संघ सरकार कहते हैं ।

  • आपातकाल की तीन परिस्थितियों में हमारी संघीय शासन व्यवस्था संपूर्ण रूप से एकतंत्रीय व्यवस्था में बदल जाती है ।
  • आपातकाल लागू रहने तक संघीय शासन व्यवस्था रहती है ।

प्रश्न 5.
भारत एक धर्मनिर्पेक्ष राज्य है ।
उत्तर:
संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार भारत का अपना कोई धर्म नहीं है ।

  • धार्मिक मामलों में राज्य का कोई हस्तक्षेप या पक्षपात नहीं रहेगा ।
  • देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी इच्छानुसार धर्मपालन की स्वतंत्रता है ।
  • राज्य धर्म के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं कर सकता ।
  • सभी नागरिकों को अपनी इच्छानुसार पूजा, प्रार्थना तथा धर्मपालन का अधिकार हैं ।
  • सरकार व्यक्ति के अपनी मान्यता, व्यवस्था तथा श्रद्धा रखने के साथ उसको प्रचार-प्रसार करने के नागरिक अधिकार पर राज्य कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता ।

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प्रश्न 6.
भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य है ।
उत्तर:
लोकतंत्रात्मक राज्य अर्थात् जनता का, जनता द्वारा तथा जनता के लिए चलनेवाला राज्य ।

  • इस तंत्र में वास्तविक सत्ता जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से बना मंत्रीमण्डल संसद के प्रति जवाबदार होता है ।
  • भारत एक गणतंत्र इसलिए कहा जाता है कि यहाँ कोई भी नागरिक जो संविधान में निर्धारित योग्यता को पूरा करता है, वह व्यक्ति सर्वत्र व्यस्क मताधिकार के द्वारा निर्वाचित होता है ।
  • वह किसी भी वंशपरम्परागत विरासत के अन्तर्गत इस पद को प्राप्त नहीं कर सकता । पाँच वर्ष तक वह अपने पद पर रह सकता है ।

प्रश्न 7.
भारत एक अखण्ड और अविभाज्य संघ राज्य है ।
उत्तर:
भारत एक संघीय देश है और संविधान के निर्देशों के अनुसार ही देश का प्रशासन चलता है ।

  • भारत का संविधान भारत के घटक राज्यों के बीच हुए किसी भी समझौते का परिणाम नहीं है ।
  • भारत का संविधान भारत के सभी नागरिकों के प्रतिनिधियों को साथ लेकर बनाया गया है ।
  • इसलिए किसी भी राज्य को भारतीय परिसंघ से अलग होने की स्वतंत्रता नहीं है ।
  • इसलिए भारत एक अखण्ड और अविभाज्य संघ राज्य है ।

प्रश्न 8.
भारत संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित तथा ब्यौरेवार दस्तावेज है ।
उत्तर:
भारत के संविधान में वर्तमान में 395 अनुच्छेद तथा 9 परिशिष्ट है ।

  • भारत के संविधान में राष्ट्रीय चिह्न, गीत, राष्ट्रीय सूत्र आदि की घोषणा की गई है ।
  • हमारे संविधान में नागरिकों के मूलभूत अधिकारों, कर्तव्यों, राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धान्तों, सरकार के अंग तथा उनके कार्यों, प्रशासन से संबंधित सूचनाओं, न्यायपालिका की व्यवस्था जैसी अनेक बातों का समावेश किया गया है ।
  • इसलिए ………. ।

3. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:

प्रश्न 1.
दोहरी नागरिकता
उत्तर:
अमेरिका जैसे देशों में दोहरी नागरिकता दी गई है । एक देश (USA) की, दूसरी वह जिस राज्य में रहता उसकी नागरिकता ।

प्रश्न 2.
संसदीय शासन पद्धति
उत्तर:
जनता द्वारा चुने गये सदस्यों के विधानमण्डल में बहुमति प्राप्त दल की सरकार द्वारा चलनेवाली शासन पद्धति ।

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प्रश्न 3.
उत्तरदायी सरकार
उत्तर:
संसदीय सरकार में संयुक्त उत्तरदायित्व के सिद्धान्त पर कार्य किए जाने के कारण इसे उत्तरदायी सरकार कहा जाता है ।

प्रश्न 4.
संघसूची
उत्तर:
संघसूची में कुल 97 विषय है, जिन पर कानून बनाने का अधिकार संघ की संसद का है, जिसमें संरक्षण, विदेशी मामले, अणुशक्ति, वित, बीमा, बैंकिंग, डाक-तार, रेलवे आदि का समावेश है ।

प्रश्न 5.
राज्यसूची
उत्तर:
जिन विषयों पर कानून बनाने की सत्ता राज्य सरकार (विधानसभा) को होती है, उसे राज्य सूची कहते हैं । इसमें 66 विषय है ।

प्रश्न 6.
समवर्ती सूची
उत्तर:
जिन विषयों पर कानून बनाने की सत्ता केन्द्र और राज्य सरकार दोनों को प्राप्त है, उसे सूची कहते हैं । इसमें 47 विषय है ।

प्रश्न 7.
शेष सत्ताएँ
उत्तर:
जिन विषयों के संदर्भ में केन्द्र तथा राज्यों के बीच सत्ता का स्पष्ट विभाजन नहीं किया गया है ऐसे विषयों का समावेश शेष सत्ता में किया गया है । इन पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्र सरकार (संसद) का है ।

प्रश्न 8.
समाजवाद
उत्तर:
राष्ट्रीय संपत्ति का न्यायपूर्ण वितरण हो, उत्पादन तथा वितरण व्यवस्था पर राज्य का स्वामित्व हो, आय की समानता हो इस प्रकार की समाज व्यवस्था को समाजवाद कहते हैं ।

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प्रश्न 9.
लोकतंत्र
उत्तर:
लोकतंत्र एक ऐसी राज्य व्यवस्था हैं, जिसमें देश की जनता को सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक न्याय प्राप्त हो तथा लोगों को शासन व्यवस्था में शामिल होने का अधिकार प्राप्त हो ।

प्रश्न 10.
न्यायिक समीक्षा
उत्तर:
न्यायिक समीक्षा संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है, केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा अपने-अपने कार्यक्षेत्र में जो कार्य या प्रशासन किया जाता है, उस पर निगरानी रखने का उत्तरदायित्व न्यायालय को सौंपा गया है ।

4. निम्नलिखित विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
संविधान निर्माण का कार्य कब पूरा हुआ ?
(A) ई.स. 1948
(B) ई.स. 1949
(C) ई.स. 1950
(D) ई.स. 1947
उत्तर:
(B) ई.स. 1949

प्रश्न 2.
संघ सूची में कितने विषयों का समावेश किया गया है ?
(A) 66
(B) 47
(C) 97
(D) 87
उत्तर:
(C) 97

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे ?
(A) कन्हैयालाल मुन्शी
(B) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(C) श्यामाप्रसाद
(D) सरदार पटेल
उत्तर:
(B) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

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प्रश्न 4.
भारतीय संविधान कब लागू किया गया ?
(A) 26 नवम्बर, 1949
(B) 26 जनवरी, 1950
(C) 15 अगस्त, 1947
(D) 9 दिसम्बर, 1946
उत्तर:
(B) 26 जनवरी, 1950

प्रश्न 5.
संविधानसभा में कुल कितने सदस्य थे ?
(A) 389
(B) 545
(C) 250
(D) 166
उत्तर:
(A) 389

प्रश्न 6.
भारत गणतंत्रात्मक राष्ट्र है, क्योंकि ………………
(A) वह सार्वभौम राष्ट्र है ।।
(B) वह लोकतंत्रात्मक राज्य है ।
(C) राष्ट्रपति का चुनाव निश्चित समय के लिए किया जाता है ।
(D) प्रजा को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है ।
उत्तर:
(C) राष्ट्रपति का चुनाव निश्चित समय के लिए किया जाता है ।

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