Gujarat Board GSEB Textbook Solutions Class 12 Commerce Accounts Part 2 Chapter 1 शेयर पूँजी के हिसाब Textbook Exercise Questions and Answers.
Gujarat Board Textbook Solutions Class 12 Accounts Part 2 Chapter 1 शेयर पूँजी के हिसाब
स्वाध्याय – अभ्यास
प्रश्न 1.
प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए योग्य विकल्प चुनें :
1. वर्तमान कंपनी कानून के नियम के अनुसार कंपनी प्रति शेयर कम से कम कितनी किंमत पर अपने शेयर प्रकाशित कर सकती
है ?
(अ) रु. 100
(ब) रु. 1000
(क) रु. 1
(ड) रु. 0.50
उत्तर :
(क) रु. 1
2. कंपनी को शेयर के अभिदान के लिये किसकी संमति लेनी पड़ती है ?
(अ) केन्द्र सरकार
(ब) सेबी
(क) राज्य सरकार
(ड) रिजर्व बैंक
उत्तर :
(ब) सेबी
3. सेबी के नियम के अनुसार शेयर आवेदन के समय मँगायी प्रति शेयर रकम उस शेयर की इस्यु किंमत की अपेक्षा …………………… प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए ।
(अ) 25
(ब) 30
(क) 5
(ड) 20
उत्तर :
(अ) 25
4. यदि सार्वजनिक अभिदान में आवेदन के समय प्रकाशित शेयर की अपेक्षा ……………………….. कम शेयर के लिये आवेदन आयें, तो शेयर का अभिदान रद्द किया जाता है ।
(अ) 50% से
(ब) 75% से
(क) 90% से
(ड) 100% से
उत्तर :
(क) 90% से
5. कंपनी अपने शेयर, शेयर की मूल किंमत से अधिक से अधिक कितने प्रतिशत प्रीमियम से प्रकाशित कर सकती है ?
(अ) 10%
(ब) 100%
(क) 25%
(ड) कोई मर्यादा नहीं है ।
उत्तर :
(ड) कोई मर्यादा नहीं है
6. शेयर जप्त हो तब जप्त हुए शेयर पर मँगायी गयी कुल रकम ………………………… की जाती है ।
(अ) शेयर जप्ती खाता उधार
(ब) शेयर जप्ती खाता जमा
(क) शेयर पूँजी खाता जमा
(ड) शेयर पूँजी खाता उधार
उत्तर :
(ड) शेयर पूँजी खाता उधार
7. कंपनी की बाकी माँग की रकम पर शिड्युल I के टेबल F के अनुसार अधिक से अधिक कितने प्रतिशत की दर से ब्याज वसूल कर सकेंगे ?
(अ) वार्षिक 15% की दर से
(ब) वार्षिक 10% की दर से
(क) प्रति मास 2% की दर से
(ड) प्रति मास 1% की दर से
उत्तर :
(ब) वार्षिक 10% की दर से
8. जब जप्त किये गये सभी शेयर पुनः प्रकाशित किये जाये तब शेयर जप्ती खाता की बाकी …………………….. खाते ले जायी जाती
(अ) शेयर पूँजी
(ब) लाभ-हानि खाता
(क) पूँजी अनामत
(ड) सामान्य अनामत
उत्तर :
(क) पूँजी अनामत
9. जप्त हुए शेयरों पर प्रीमियम की रकम न मिली हो तो उस प्रमाणसर प्रीमियम की रकम ……………….. ।
(अ) प्रतिभूति प्रीमियम खाते उधार की जाती है ।
(ब) प्रतिभूति प्रीमियम खाते जमा की जाती है ।
(क) पूँजी अनामत खाते जमा होती है ।
(ड) शेयर पूँजी खाते उधार की जाती है ।
उत्तर :
(अ) प्रतिभूति प्रीमियम खाते उधार की जाती है ।
10. निम्नलिखित में से कौन-सी पूँजी कंपनी की पक्की तलपट में ‘शेयरपूँजी’ के शीर्षक के अंतर्गत नहीं दर्शायी जाती है ?
(अ) अधिकृत पूँजी
(ब) प्रकाशित/निर्गमित पूँजी
(क) अनामत पूँजी
(ड) भरपाई पूँजी
उत्तर :
(क) अनामत पूँजी
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के दो या तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1. शेयर और शेयर पूँजी अर्थात क्या ?
उत्तर :
कंपनी की कुल पूँजी को परिवर्तित (हस्तान्तरण) कर सके ऐसे छोटे-छोटे स्वरूप में विभाजित की जाती है, ऐसे प्रत्येक विभाजित इकाई को शेयर (Share) कहते हैं । ऐसे विभिन्न इकाइयों से बनी कंपनी की कुल पूँजी को शेयर पूँजी (Share Capital) कहते हैं । कंपनी अपनी पूँजी एकत्रित करने के लिये विज्ञापन पत्र कानूनन रूप से प्रकाशित करके सामान्य लोगों को शेयर खरीदने के लिये आमंत्रित करती है । जो लोग कंपनी के शेयर खरीदते है वह कंपनी के सदस्य अर्थात् शेयरधारक के रूप में जाने जाते है । शेयर यह स्थानांतरित और परिवर्तित की जा सके इस प्रकार की संपत्ति है ।
2. प्रतिभूति प्रीमियम किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जब कंपनी की बाजार में प्रतिष्ठा (शाख) अच्छी हो, उसकी लाभ कमाने की क्षमता अधिक हो, आन्तरिक तथा बाह्य परिबल अनुकूल हो, तब कंपनी शेयर मूलकिंमत से अधिक किंमत पर प्रकाशित करती है । इस प्रकार दार्शनिक किंमत से अधिक किंमत पर अंश प्रकाशित करने को शेयर प्रीमियम से प्रकाशित करना कहते हैं । इस प्रकार प्राप्त शेयर प्रीमियम की रकम को ‘प्रतिभूति प्रीमियम’ (Securities Premium) खाते ले जाया जाता है । शेयर पर प्रीमियम की राशि आवेदन के समय अथवा शेयर आबंटन के समय अथवा शेयर माँग के समय अलग-अलग या एकसाथ मँगवायी जा सकती है ।
3. शेयर जप्ती अर्थात् क्या ?
उत्तर :
यदि कोई शेयर धारक उसे आबंटित किये शेयरों पर निश्चित समय मर्यादा में रकम न चुकाये तो कंपनी योग्य कार्यवाही करने के बाद उनके शेयर जप्त कर सकती है । शेयर जप्त करने की इस कार्यवाही को शेयर जप्ती कहते हैं । शेयर जप्त यह कंपनी के आर्टिकल्स ओफ एशोसियेशन (A/A) के अंतर्गत किया जाता है । और यदि आर्टिकल्स ओफ एशोसियेशन में उल्लेख न हो तो कंपनी कानून, 2013 के शेड्युल I के टेबल F में दर्शाये गये अनुसार शेयर जप्ती की जाती है ।
4. जप्त हुए शेयर पुन: किन शरतों पर प्रकाशित कर सकते है ?
उत्तर :
जप्त हुए शेयरों को मूल किंमत पर, प्रीमियम से या बट्टा से पुन: प्रकाशित किया जा सकता है । इन शेयरों को घुनः प्रकाशित करते समय कंपनी को कम से कम इन शेयरों पर जो रकम पूँजी पेटे वसूल नहीं मिली है, कम से कम उतनी राशि तो मिलनी . ही चाहिए । अर्थात् कंपनी ने जप्त किये शेयर पर जप्त की हुई राशि जितना बट्टा नये शेयरधारकों को दिया जा सकता है । इस प्रकार से दिये जानेवाले बट्टे के संदर्भ में कोई इजाजत नहीं ली जाती ।
5. किन संयोगों में कंपनी द्वारा रोकड़ के अलावा के अवेज से शेयर निर्गमित किए जाते है ?
उत्तर :
निम्न संयोगों में कंपनी द्वारा रोकड़ के अलावा के अवेज में अंश प्रकाशित कर सकते हैं :
- संपत्ति या धंधे की खरीदी के सामने रोकड़ देने के बदले कंपनी शेयर दे ।
- कंपनी के स्थापकों को उनके पारिश्रमिक के बदले कंपनी शेयर दे ।
- अभिगोपकों (Underwriters) को कमीशन के बदले शेयर दिये जाये ।
- कंपनी के वर्तमान शेयरधारकों को बोनस शेयर दिये जाये ।
6. शेयर का अति अभिदान या अधो अभिदान किसे कहते हैं ?
उत्तर :
अति (अधिक) अभिदान : जब कंपनी द्वारा सार्वजनिक अभिदान में आवेदन के समय प्रकाशित शेयरों की अपेक्षा अधिक शेयर के लिये आवेदन आये तब उसे शेयर का अति अभिदान कहा जाता है । जैसे : कंपनी ने 1,00,000 इक्विटी अंश प्रकाशित किये जिसमें से उसे 1,20,000 अंशों के लिए आवेदन मिला उसे अधिक अभिदान कहा जायेगा ।
अधो अभिदान : जब कंपनी द्वारा सार्वजनिक अभिदान में आवेदन के समय प्रकाशित शेयरों की अपेक्षा कम शेयरों के लिये आवेदन आये तब उसे शेयर का अधो अभिदान कहा जाता है । जैसे : एक कंपनी ने 1,00,000 इक्विटी शेयर प्रकाशित किये । कंपनी को 90,000 शेयरों के लिये आवेदन मिला । इस प्रकार कंपनी को कम आवेदन मिला कहा जायेगा । कंपनी को प्रकाशित की गई शेयरपूँजी की रकम से 90% से कम रकम का आवेदन मिले तो अभिदान रद्द किया जाता है ।
7. शेयर का प्रमाणसर वितरण अर्थात् क्या ? ।
उत्तर :
जब कंपनी द्वारा प्रकाशित किये गये शेयर की अपेक्षा अधिक शेयर के लिये आवेदन पत्र प्राप्त हो तब उसे अति अभिदान के रूप में जाना जाता है । इस परिस्थिति में कंपनी द्वारा प्रत्येक शेयर आवेदकों को उन्होंने किये आवेदनपत्र के सामने प्रमाणसर शेयर का वितरण किया जाता है । अर्थात् अधिक आवेदन करनेवाले आवेदकों को उनके माँगे गये शेयर के सामने अमुक ही। शेयर प्राप्त होते है, जिसे प्रमाणसर वितरण (Pro-rata allotment) कहा जाता है ।
8. प्रतिभूति प्रीमियम अनामत की रकम का कोई भी दो उपयोग बताइए ।
उत्तर :
प्रतिभूति प्रीमियम अनामत की रकम का उपयोग निम्न है :
- कंपनी द्वारा शेयर या डिबेन्चर प्रकाशित करते समय हुआ खर्च, कमीशन या दिया बट्टा को अपलिब्रित करने के लिये प्रतिभूति प्रीमियम अनामत की रकम का उपयोग होता है ।
- कंपनी के शेयरधारकों को पूर्ण भरपाई हुए बोनस शेयर देने के लिए प्रतिभूति प्रीमियम अनामत की रकम का उपयोग होता है ।
प्रश्न 3.
अन्तर लिखिए :
1. अति अभिदान और अधो अभिदान
2. प्रेफरन्स शेयर और इक्विटी शेयर
3. अनामत पूँजी ओर पूँजी अनामत
प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सविस्तार दीजिए :
1. शेयर पूँजी अर्थात् क्या ? शेयर पूँजी के प्रकार बताइए ।
उत्तर :
कंपनी की कुल पूँजी को हस्तान्तरण कर सके ऐसे छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाता है, ऐसे प्रत्येक विभाजित इकाई को शेयर कहते हैं । ऐसे विभिन्न इकाइयों से बनी कंपनी की कुल पूँजी को शेयर पूँजी कहते हैं । कंपनी अपनी पूँजी एकत्रित करने के लिये कानूनन विज्ञापन पत्र प्रकाशित कर लोगों को शेयर खरीदने के लिए आमंत्रित करती है । लोगों द्वारा शेयर की खरीदी करके कंपनी को पूँजी दी जाती है ।
शेयर पूँजी के प्रकार निम्नानुसार है :
(1) अधिकृत पूँजी (Authorised/Nominal / Registered Capital) : वर्तमान या भविष्य में कंपनी अंशों द्वारा अधिक से अधिक कितनी रकम शेयर पूँजी के रूप में एकत्रित कर सकती है उसे कंपनी की अधिकृत पूँजी कहते हैं । इस पूँजी को कंपनी के मेमोरेन्डम में तथा पंजीयन के समय भी दर्शाये जाने से इसे रजिस्टर्ड पूँजी के रूप में भी जाना जाता है । भविष्य में आवश्यकता अनुसार विशेष सभा में सहमति से प्रस्ताव पास कर इसमें वृद्धि भी की जा सकती है । इस पूँजी को पंजीकृत, सत्तावार या नाम की पूँजी के रूप में भी जाना जाता है ।
(2) निर्गमित पूँजी/प्रकाशित पूँजी (Issued Capital) : अधिकृत पूँजी में से कंपनी अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखकर संपूर्ण संख्या में या कम संख्या में शेयर प्रकाशित करे तो उस पूँजी को निर्गमित पूँजी या प्रकाशित पूँजी कहते हैं ।
(3) प्रार्थित पूँजी/आवेदित पूँजी (Subscribed Capital) : प्रकाशित शेयरों में से जितनी कीमत के शेयरों के लिये आवेदनपत्र आए उसे प्रार्थित या आवेदित पूँजी कहते हैं । प्रार्थित पूँजी प्रकाशित पूँजी जितनी अथवा उससे कम हो सकती है । प्रकाशित शेयर की अपेक्षा अधिक शेयर के लिए आवेदन आये तो कंपनी प्रकाशित शेयर जितने ही शेयर स्वीकार कर सकती है । अतिरिक्त शेयर आवेदनपत्र की रकम शेयर आवेदकों को वापस कर दी जाती है ।
(4) याचित पूँजी अथवा माँगी गयी पूँजी (Called up Capital) : कंपनी आवेदकों से दार्शनिक किंमत या उससे कम रकम माँग सकती है । इस प्रकार से मँगवाई गई शेयरपूँजी को याचित पूँजी या माँगी गई पूँजी कहते हैं ।
(5) नहीं माँगी गयी पूँजी (Uncalled Capital) : कंपनी के संचालक आवेदकों से शेयर की दार्शनिक किंमत से कम कीमत माँग सकते है, इस प्रकार नहीं मँगाई गई रकम को नहीं माँगी गयी पूँजी कहते हैं । नहीं माँगी गयी पूँजी अर्थात् प्रार्थित पूँजी और याचित पूँजी की रकम के बीच का अंतर ।
(6) वसूली आयी पूँजी या भरपाई हुई पूँजी (Paid-up Capital) : माँगी गयी पूँजी की रकम में से जितनी रकम शेयरधारकों के पास से कंपनी को मिले उस रकम को वसूल आयी पूँजी या भरपाई हुई पूँजी कहते हैं । यदि किसी कारण से कोई शेयर धारक मँगायी गयी रकम अंशत: या संपूर्ण न भरे तो मंगायी गयी पूँजी और वसूल आयी पूँजी की रकम में अंतर देखने को मिलता है ।
(7) अनामत पूँजी (Reserve Capital) : जब कंपनी के संचालकों को ऐसा लगे की याचित पूँजी अपने व्यवसाय के लिए पर्याप्त है और भविष्य में और अतिरिक्त पूँजी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ऐसी परिस्थितियों में शेयरधारकों की सभा में विशेष प्रस्ताव द्वारा नहीं माँगी गयी पूँजी अनामत पूँजी रखी जाती है । इस प्रकार अनामत के रूप में रखी गयी पूँजी को अनामत पूँजी या सुरक्षित पूँजी कहते हैं ।
2. शेयर अर्थात् क्या ? शेयर के प्रकार बताइए ।
उत्तर :
कंपनी स्वरूप में कंपनी की पूँजी को छोटे-छोटे विभाजित किया जाता है । ऐसे प्रत्येक विभाजित इकाई को शेयर के रूप में जाना जाता है । इस शेयर को धारण करनेवाला शेयर धारक के रूप में जाना जाता है । जब तक शेयर की मालिकी सदस्य के पास रहेगी तब तक वह कंपनी का शेयर धारक या सहमालिक गिना जायेगा । प्रत्येक शेयर को एक नंबर दिया जाता है । शेयर यह स्थान्तरित और परिवर्तित कर सकनेवाली संपत्ति है ।
कंपनी कानून के अनुसार शेयर के दो प्रकार है :
(1) प्रेफरन्स शेयर (अधिमान शेयर)
(2) इक्विटी शेयर (सामान्य शेयर)
(1) प्रेफरन्स शेयर (Preference Share) : प्रेफरन्स शेयर अर्थात् इस शेयर को धारण करनेवाला शेयरधारक इक्विटी शेयर से पहले ‘ निश्चित किये दर से डिविडन्ड प्राप्त करने का प्रथम अधिकार रखता है । कंपनी के विसर्जन के समय भी पूँजी वापस प्राप्त करने के लिए इक्विटी शेयरधारकों से पहले पूँजी प्राप्त करने का प्रथम अधिकार रखता है ।
प्रेफरन्स शेयर के प्रकार निम्नलिखित है :
(i) क्युम्युलेटिव/संचयी और नोन क्युम्युलेटिव/असंचयी प्रेफरन्स शेयर : क्युम्युलेटिव प्रेफरन्स शेयर में अगर कंपनी पर्याप्त लाभ न करे और डिविडन्ड न चुका पाये तब यह डिविडन्ड एकत्रित होता जाता है और जिस वर्ष कंपनी पर्याप्त लाभ करे उस वर्ष का डिविडन्ड और पहले का एकत्रित डिविडन्ड प्रेफरन्स शेयरधारकों को चुका दिया जाता है । जबकि इसके विपरीत नोन-क्युम्युलेटिव प्रेफरन्स शेयर पर नहीं चुकाया डिविडन्ड भविष्य में चुकाया नहीं जाता ।
(ii) रिडीमेबल और इर-रिडीमेबल प्रेफरन्स शेयर : प्रेफरन्स शेयर धारक को यदि प्रेफरन्स शेयर की रकम अमुक निश्चित समय के बाद वापस लौटा दी जाये तो उसे रिडीमेबल प्रेफरन्स शेयर के रूप में जाना जाता है । कंपनी का विसर्जन होने पर जिस प्रेफरन्स शेयर की रकम वापस की जाये उसे इर-रिडीमेबल प्रेफरन्स शेयर कहते हैं ।
(iii) पार्टिसिपेटिंग और नोन-पार्टिसिपेटिंग शेयर : पार्टिसिपेटिंग प्रेफरन्स शेयरधारक निश्चित दर पर डिविडन्ड तो प्राप्त करते ही है, उसके अलावा कंपनी के लाभ में से भी कुछ शर्तों के आधीन रहकर डिविडन्ड प्राप्त करने के अधिकारी बनते है । इसके अलावा, कंपनी के विसर्जन के समय भी प्रेफरन्स और इक्विटी शेयरधारकों को उनकी पूँजी की रकम चुकाने के बाद यदि कोई रकम बढ़े तो उसमें भी प्रमाणसर रकम प्राप्त करने के अधिकारी बनते है ।
नोन-पार्टिसिपेटिंग प्रेफरन्स शेयर धारक को निश्चित किये गये दर के अनुसार ही डिविडन्ड प्राप्त करने का अधिकार है । उन्हें अतिरिक्त लाभ या पूँजी में कोई अधिकार प्राप्त नहीं होता ।
(iv) कन्वर्टिबल और नोन कन्वर्टिबल प्रेफरन्स शेयर : जो प्रेफरन्स शेयर अमुक निश्चित समयावधि के बाद संपूर्णत: अथवा अंशत:
इक्विटी शेयर में परिवर्तित किये जा सकते हो ऐसे प्रेफरन्स शेयर को कन्वर्टिबल प्रेफरन्स शेयर कहते हैं । जिन प्रेफरन्स शेयर को इक्विटी शेयर में परिवर्तित न किया जा सकता हो उसे नोन-कन्वर्टिबल प्रेफरन्स शेयर कहते हैं ।
(2) इक्विटी शेयर अथवा ओर्डिनरी शेयर (Equity Share or ordinary Share) : इक्विटी शेयर धारण करनेवाले कंपनी के सही मालिक गिने जाते है । इन्हें कंपनी की सभा में मत देने का अधिकार मिलता है । प्रेफरन्स शेयरधारकों को निश्चित दर से डिविडन्ड देने के बाद बचे लाभ में से इक्विटी शेयरधारकों को डिविडन्ड दिया जाता है । कंपनी के विसर्जन के समय प्रेफरन्स शेयरधारकों को पूँजी वापस करने के बाद इक्विटी शेयरधारकों को पूँजी वापस की जाती है । इक्विटी शेयर पूँजी कंपनी की मुख्य शेयर पूँजी के रूप में जानी जाती है । कंपनी कानून के अनुसार इक्विटी शेयर की प्रति शेयर कीमत कम से कम 1 रु. होनी चाहिए । वर्तमान में कंपनियाँ प्रति शेयर मूलकिंमत रु. 1 अथवा रु. 10 अथवा रु. 100 होती है ।
3. निजी स्तर पर शेयर प्रकाशित करने की पद्धति बताइए ।
उत्तर :
नये कंपनी कानून, 2013 में बताये गये अनुसार निजी स्तर पर भी कंपनीयाँ शेयर प्रकाशित कर सकती है । सार्वजनिक कंपनी के संचालक अपने स्वयं के आपसी संबंधों के कारण कंपनी की पूँजी वृद्धि में सक्षम होते है । इन परिस्थितियों में कंपनी शेयर खरीदने के लिये आम जनता को आमंत्रित नहीं करती है, परंतु निजी स्तर पर कंपनी के संचालक स्वयं अपने मित्र, रिश्तेदारों, म्युच्युअल फंड़, ग्रुप कंपनी के शेयरधारक, उन प्रवासी भारतीय जीवन बीमा निगम, युनिट ट्रस्ट ओफ इण्डिया, इन्डस्ट्रीयल क्रेडिट एन्ड इन्वेस्टमेन्ट कोर्पोरेशन ऑफ इण्डिया वगैरह खरीद लेते है ।
यह शेयर आमजनता के बीच प्रकाशित नहीं किये जाते, इसलिये कंपनियों को विज्ञापनपत्र प्रकाशित करने की आवश्यकता नहीं रहती । परंतु विज्ञापन पत्र के बदले कंपनी के संचालक एक ड्राफ्ट या निवेदन तैयार करते है जिसे बदले के निवेदन के रूप में जाना जाता है ।
निजी स्तर पर प्रकाशित शेयर धारण करनेवाले शेयरधारकों, शेयर स्वीकृति की तारीख से निर्धारित समय तक शेयर की बिक्री नहीं कर सकते । इसे लोक-इन-पिरियड के नाम से जाना जाता है ।
4. ‘अप्राप्त माँग’ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर :
अप्राप्त माँग (Class-in-Arrears) :
जब कंपनी के द्वारा शेयरधारकों के पास से शेयर आबंटन तथा माँग की रकम मँगवाई जाये और यदि कोई शेयरधारक यह रकम समयसर न चुका पाये, तब यह नहीं चुकाई गई राशि ‘मिलना बाकी हप्ता-अप्राप्त माँग’ के रूप में जानी जाती है । इस परिस्थिति में अप्राप्त माँग संबंधी हिसाबी असर दो तरह से दी जा सकती है –
(i) अप्राप्त माँग खाता उपस्थित किये बिना : इस पद्धति में कंपनी अप्राप्त माँग की खाता उपस्थित नहीं करती, परंतु जितनी राशि
शेयरधारकों के पास से प्राप्त होती है उतनी ही राशि बैंक खाते उधार करके, संबंधित माँग खाते जमा की जाती है । और भविष्य ‘ में शेयर धारक के द्वारा बाकी मांग की रकम चुकायी जाती है तब बैंक खाता उधार करके संबंधित मांग खाते जमा की जाती है ।
(ii) अप्राप्त माँग खाता उपस्थित किया जाये तब : इस पद्धति में संबंधित माँग की राशि मँगवाई जाये तब जितनी रकम शेयरधारकों द्वारा चुकाई जाये उसे बैंक खाते उधार किया जाता है और जितनी रकम शेयरधारकों द्वारा नहीं चुकाई जाती उसे अप्राप्त मांग खाते उधार किया जाता है । भविष्य में जब शेयरधारकों द्वारा यह राशि दी जाती है तब बैंक खाता उधार करके अप्राप्त माँग खाता जमा किया जाता है, जिससे अप्राप्त माँग का खाता बंद हो जाता है ।
अप्राप्त माँग संबंधी ध्यान में रखने योग्य बातें :
- वार्षिक हिसाब बनाते समय अगर अप्राप्त मांग की रकम वसूल न हुई हो, तब अप्राप्त मांग की रकम मंगायी शेयरपूँजी में से घटाकर दर्शाया जाता है ।
- कंपनी द्वारा मांग की लेनी रकम की तारीख से वास्तव में भुगतान तारीख तक के समय तक आर्टिकल्स ओफ एशोसियेशन में बताये दर से ब्याज वसूल कर सकती है ।
- कंपनी कानून, 2013 के शेड्यूल I के टेबल F के अनुसार अप्राप्त मांग पर अधिक से अधिक वार्षिक 10% तक कंपनी द्वारा ब्याज वसूल किया जा सकता है ।
5. अग्रिम प्राप्त मांग अर्थात् क्या ? कंपनी कानून के अन्तर्गत उसके प्रावधान बताइए ।
उत्तर :
अग्रिम प्राप्त मांग (Calls-in-Advance) :
कंपनी अपने संविधान (आर्टिकल्स) में अगर ऐसा प्रावधान किया गया हो, तब कंपनी के द्वारा अपने प्रकाशित शेयर पर नहीं मँगवायी गई रकम यदि कोई शेयरधारक संपूर्ण या आंशिक रूप में चुकाये तो वह रकम प्राप्त कर सकती है । इन परिस्थितियों में नहीं मंगायी रकम शेयरधारकों के द्वारा कंपनी को पहले से प्राप्त होने से इस रकम को ‘अग्रिम प्राप्त मांग’ के रूप में जमा की जाती है ।
अग्रिम प्राप्त मांग के कंपनी कानून के अंतर्गत प्रावधान :
- अग्रिम प्राप्त मांग की रकम कंपनी की शेयरपूंजी न होने से उस पर डिविडन्ड नहीं दिया जाता ।
- पक्की तलपट के इक्विटी और दायित्व पक्ष में ‘चालु जिम्मेदारी’ के मुख्य शीर्षक के तहत पेटा शीर्षक ‘अन्य चालु दायित्व’ में अग्रीम प्राप्त माँग खाते की बाकी दर्शायी जाती है ।
- कंपनी कानून, 2013 के शेड्यूल I के टेबल F के अनुसार अग्रिम प्राप्त माँग की रकम पर, रकम मिले उस तारीख से जब तक
सरभर हो वहाँ तक के समय पर कंपनी के आर्टिकल्स में बताये अनुसार कंपनी के डिरेक्टर्स द्वारा अधिक से अधिक वार्षिक 12% की दर से ब्याज चुकाना पड़ता है ।
6. प्रतिभूति प्रीमियम अर्थात् क्या ? प्रतिभूति प्रीमियम के संदर्भ में ध्यान में रखने योग्य मुद्दे बताइए ।
उत्तर :
जब कंपनी की बाजार में प्रतिष्ठा (शाख) अच्छी हो, उसकी लाभ कमाने की क्षमता अधिक हो, आन्तरिक तथा बाह्य परिबल
अनुकूल हो, तब कंपनी शेयर मूलकिंमत से अधिक किंमत पर प्रकाशित करती है । इस प्रकार दार्शनिक किंमत से अधिक किंमत पर शेयर प्रकाशित करने को शेयर प्रीमियम से प्रकाशित करना कहते हैं । इस प्रकार से प्राप्त प्रीमियम की रकम को प्रतिभूति प्रीमियम खाते ले जाया जाता है ।
कंपनी जब शेयर प्रीमियम से प्रकाशित करे तब शेयर की किंमत की अपेक्षा अधिक प्राप्त रकम एक अलग खाते में जमा करने । को प्रतिभूति प्रीमियम खाता अथवा प्रतिभूति प्रीमियम अनामत खाता ले जाया जाता है ।
प्रतिभूति प्रीमियम के संदर्भ में ध्यान में रखने योग्य मुद्दे :
- प्रीमियम की राशि तय करने के लिये किसी भी प्रकार का कोई कानूनी नियंत्रण नहीं है ।
- कंपनी अगर रोकड़ में डिविडन्ड देना चाहे तो उसके लिये प्रतिभूति प्रीमियम की राशि का उपयोग नहीं कर सकती । शेयर पर प्राप्त प्रीमियम पूंजी लाभ गिना जाता है ।
- प्रतिभूति प्रीमियम की बाकी पक्की तलपट के इक्विटी दायित्व पक्ष में ‘अनामत और आधिक्य’ शीर्षक के तहत प्रतिभूति प्रीमियम अनामत के रूप में दर्शाया जाता है ।
- शेयर पर प्रीमियम की रकम आवेदन, आबंटन या माँग के साथ अलग-अलग या एक साथ मँगवाई जा सकती है ।
प्रश्न 5.
नडियाद वैद्य लिमिटेड कंपनी ने रु. 10 के एक ऐसे 7,50,000 इक्विटी शेयर निम्नलिखित रकम चुकाने की शर्त पर प्रकाशित
किये :
आवेदन के साथ प्रति शेयर रु. 3
आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 4
प्रथम और अंतिम माँग के समय प्रति शेयर रु. 3
कंपनी को 7,50,000 शेयर के लिये आवेदन पत्र मिले जो सभी स्वीकृत किये गये । आबंटन के समय की तथा मांग के समय लेनी हई रकमें योग्य समय पर मँगायी गयी थी जो समयसर संपूर्णत: मिल गयी थी ।
कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों की प्रविष्टियाँ लिखिए ।
उत्तर :
प्रश्न 6.
हिंमतनगर की मेवाडा लिमिटेड की अधिकृत पूँजी रु. 10 के एक ऐसे 4,00,000 इक्विटी शेयरों में विभाजित है । कंपनी ने उसमें से 3,00,000 इक्विटी शेयर प्रकाशित किये । प्रतिशेयर रकम निम्न अनुसार मँगायी गयी :
आवेदन के समय रु.4
आबंटन के समय रु. 3
अंतिम माँग के समय रु. 3
कंपनी को 3,60,000 शेयरों के लिये आवेदनपत्र मिले । अतिरिक्त शेयर के लिये प्राप्त आवेदनपत्र अस्वीकृत किये गये और उसकी रकम आवेदकों को वापस की ।
एक शेयरधारक आशा ने धारण किये 2000 इक्विटी शेयर पर अंतिम मांग की रकम के अलावा सभी शेयर पर आबंटन तथा अंतिम माँग की रकम मिल गयी थी ।
कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों की प्रविष्टी पारित कीजिए । इक्विटी शेयर पूँजी खाता, इक्विटी शेयर आवेदन खाता, इक्विटी शेयर आबंटन खाता तथा इक्विटी शेयर अंतिम माँग खाता भी तैयार कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 7.
नागपुर की पागेदार सुगर लिमिटेड ने रु. 10 के एक ऐसे 12,00,000 इक्विटी शेयर आमजनता में प्रकाशित किये थे । कंपनी को 13,50,000 शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले । बोर्ड ओफ डिरेक्टर्स की मीटिंग में शेयर स्वीकृत किये गये । शेयर के लिये आये अतिरिक्त आवेदनपत्र अस्वीकृत किये गये और उसकी रकम शेयर आवेदकों को वापस की ।
शेयर की रकम निम्नानुसार मँगायी गयी थी :
आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 2.50
आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 2.50
प्रथम मांग के समय प्रति शेयर रु. 2
अंतिम मांग के समय प्रति शेयर रु. 3
एश्वर्या की जिसके 960 शेयर स्वीकृत किये है उन्होंने प्रथम मांग और अंतिम मांग की रकम नहीं भरी थी, जबकि विनय । की जिसके 1200 शेयर स्वीकृत किये थे उन्होंने अंतिम मांग की रकम नहीं भरी थी । इसके अलावा बाकी के शेयरधारकों के पास से समयसर सभी रकम मिल गयी थी । एश्वर्या और विनय ने बाद में शेष माँग की रकम कंपनी को चुका दी थी । ब्याज की असर दिए बिना उपर्युक्त व्यवहारों के लिये आवश्यक प्रविष्टी कंपनी की बही में पारित कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 8.
व्यारा की चौधरी एग्रो कंपनी ने 5,00,000 इक्विटी शेयर प्रति शेयर रु. 10 की दर से आम जनता में प्रकाशित किये थे । कंपनी ने आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 3, आबंटन के समय प्रति शेयर रु.4 और प्रथम और अंतिम माँग के समय प्रति शेयर रु. 3 मंगाने का निश्चित किया था ।
कंपनी ने आम जनता के पास से 5,75,000 इक्विटी शेयरों के लिये आवेदनपत्र मिले । अतिरिक्त आवेदनपत्रों को अस्वीकृत करके उसकी रकम आवेदकों को वापस की ।
विरल कि जिसने 2000 शेयर के लिये आवेदन किया था, उसने आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 10 की दर से संपूर्ण रकम भेज दी थी । कंपनी ने उसके सभी शेयर स्वीकृत किये थे । जबकि यज्ञेश की जिसके 2500 शेयर स्वीकृत किये गये थे, उसने आबंटन के समय प्रथम और अंतिम माँग की रकम भी कंपनी को भेज दी थी । इसके अलावा आबंटन के समय की तथा मांग के समय की लेनी हुई रकम योग्य समय पर मंगायी गयी थी और वह समयसर संपूर्णत: मिल गयी थी । कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों की प्रविष्टी लिखिए ।
उत्तर :
प्रश्न 9.
जूनागढ़ की नाणावटी लिमिटेड ने रु. 10 के एक ऐसे 3,00,000 इक्विटी शेयर प्रति शेयर रु.5 के प्रीमियम से प्रकाशित किये, रकम निम्नानुसार मंगायी गयी थी ।
आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 4 आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 8 (प्रीमियम सहित)
अंतिम माँग के समय प्रति शेयर रु. 3
कंपनी को 3,50,000 शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले थे । अतिरिक्त शेयर आवेदन अस्वीकृत किये गये और उस पर आवेदन के समय प्राप्त रकम आवेदकों को वापस की गयी । इशिरा ने धारण किये 3000 इक्विटी शेयर पर आबंटन और अंतिम मांग की रकम के अलावा संपूर्ण रकम मिल गयी थी ।
कंपनी की बही में आवश्यक प्रविष्टी लिखिए ।
उत्तर :
प्रश्न 10.
धंधुका की वाला मेन्यु. लिमिटेड ने रु. 10 के एक ऐसे 4,00,000 इक्विटी शेयर, प्रति शेयर रु. 60 के प्रीमियम से प्रकाशित किये । प्रति शेयर रकम निम्नानुसार मँगायी गयी थी ।
आवेदन के समय रु. 23 (रु. 20 के प्रीमियम सहित)
आबंटन के समय रु. 34 (रु. 30 के प्रीमियम सहित)
अंतिम मांग के समय रु. 13 (रु. 10 के प्रीमियम सहित)
कंपनी को 6,00,000 शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले । अतिरिक्त आवेदनपत्र अस्वीकृत करके उन पर प्राप्त रकम वापस की गयी । आबंटन के समय और अंतिम मांग के समय लेने की रकम समयसर मंगाई गई थी । हिंमतभाई ने धारण किये 500 शेयर पर आबंटन और अंतिम मांग की रकम और हिमा ने धारण किये 300 शेयर पर अंतिम मांग की रकम के अलावा सभी शेयरों पर संपूर्ण रकम मिल गयी थी ।
कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों को लिखने के लिये आवश्यक प्रविष्टी पारित कीजिए ।
उत्तर :
टिप्पणी : हिंमतभाई के 500 शेयर तथा हिमा ने अपने 300 शेयर पर अंतिम मांग की रकम नहीं भरी । यह नहीं प्राप्त हुई रकम अप्राप्त मांग खाते उधार कर प्रविष्टी नं. 4 तथा 6 में असर दे सकते है अथवा अप्राप्त मांग खाता उपस्थित किये बिना भी ऊपर के अनुसार प्रविष्टी लिन सकते है ।
प्रश्न 11.
दाहोद की मन्सूरी लिमिटेड कंपनी की अधिकृत पूँजी 7,00,000 इक्विटी शेयर की प्रति शेयर रु. 10 की किंमत की बनी है । ता. 4 जुलाई, 2017 के दिन कंपनी ने 4,50,000 इक्विटी शेयर, प्रति शेयर रु. 16 के प्रीमियम से सार्वजनिक अभिदान के लिये प्रकाशित किये ।
शेयर की रकम निम्नानुसार मंगायी गयी थी :
ता. 4 जुलाई, 2017 के दिन आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 10 (प्रति शेयर रु. 6 प्रीमियम के साथ)
ता. 4 अगस्त, 2017 के दिन आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 14 (प्रति शेयर रु. 10 प्रीमियम के साथ)
ता.4 सितम्बर, 2017 के दिन प्रथम और अंतिम मांग के समय प्रति शेयर रु. 2
शेयर अभिदान ता. 6 जुलाई, 2017 के दिन संपूर्ण भर जाने से बंद किया । बोर्ड ओफ डिरेक्टर्स ने शेयर आवेदनपत्र के सभी शेयर स्वीकृत किये ।
600 शेयर धारण करनेवाले अब्दुल ने शेयर आबंटन और प्रथम और अंतिम मांग की रकम नहीं चुकायी थी । जबकि 400 शेयर धारण करनेवाले हासन ने प्रथम और अंतिम मांग की रकम नहीं चुकायी थी । इसके अलावा सभी शेयरों पर निम्नलिखित बतायी तारीखों तक में संपूर्ण रकम मिल गयी थी ।
शेयर आबंटन की रकम ता. 7 अगस्त, 2017
प्रथम और अंतिम मांग की रकम ता. 7 सितम्बर, 2017
उपर्युक्त व्यवहारों के लिये कंपनी की बही में रोकड़ के अलावा की प्रविष्टियाँ पारित कीजिए तथा बैंक खाता बनाइए ।
उत्तर :
प्रश्न 12.
निम्नलिखित विवरणों पर से कंपनी की बही में शेयर जप्ती की तथा जप्त हुए शेयर पुन: प्रकाशित करने की प्रविष्टी लिखिए ।
(i) रु. 10 का एक ऐसे 800 इक्विटी शेयर धारण करनेवाले एक शेयर धारक ने आबंटन के प्रति शेयर रु.4 तथा मांग के प्रति शेयर रु. 3 नहीं चुकाने पर कंपनी ने उनके शेयर जप्त किये । शेयर धारक ने आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 3 भरे थे । जप्त हुए शेयर, प्रति शेयर रु. 8 की दर से पुन: प्रकाशित किये ।
उत्तर :
(ii) आर. के. कंपनी लिमिटेड ने सुनील के प्रत्येक रु. 10 के एक ऐसे 600 शेयर जप्त किये थे । सुनील ने शेयर आवेदन तथा । आबंटन पेटे प्रति शेयर रु. 5 भरे थे, जबकि प्रथम मांग और दूसरे मांग के क्रमश: प्रति शेयर रु. 3 और रु. 2 नहीं भरे थे । उसमें से 400 शेयर प्रति शेयर रु. 6 के भाव से मित्तल को पुन: बेचे ।
उत्तर :
(iii) रु. 10 के एक ऐसे 3000 इक्विटी शेयर धारण करनेवाले एक शेयर धारक ने आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 13 (रु. 10
के प्रीमियम के साथ) और आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 13 (रु. 10 के प्रीमियम के साथ) चुकाये थे, जबकि मांग के प्रति शेयर रु. 4 न चुकाने से कंपनी ने उनके शेयर जप्त किये । जप्त हुए शेयर, प्रति शेयर रु. 7 की दर से पुन: प्रकाशित किये।
उत्तर :
प्रश्न 13.
निम्नलिखित विवरणों पर से कंपनी की बही में शेयर जप्त करने की और उसे पुन: प्रकाशित करने की प्रविष्टियाँ लिखिए :
(i) आबंटन के प्रति शेयर रु. 14 (रु. 10 प्रीमियम के साथ) और प्रथम और अंतिम मांग के प्रति शेयर रु. 3 नहीं भरने पर कंपनी
ने कटारा के धारण किये रु. 10 के एक ऐसे 1200 इक्विटी शेयर जप्त किये और वे सभी शेयर दिया जा सके उतना अधिक से अधिक बट्टा देकर पुन: प्रकाशित किये, जो कनु ने खरीदे थे ।
उत्तर :
(ii) रमेश ने एक कंपनी में रु. 10 के एक ऐसे 600 इक्विटी शेयर धारण किये है । उन्होंने कंपनी को आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 3 और आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 2.50 की दर से चुकाये थे, परंतु प्रथम मांग के प्रति शेयर रु. 2.00 नहीं भरे थे । कंपनी ने अंतिम मांग मंगाने से पहले योग्य कार्यवाही करने के बाद उपर्युक्त शेयर जप्त किये और प्रति शेयर रु.4 बट्टा देकर पुनः प्रकाशित किये, जो सुरेश ने खरीदे थे ।
उत्तर :
(iii) एक कंपनी ने प्रत्येक रु. 100 का जो 20 प्रतिशत प्रीमियम से निर्गमित किये थे ऐसे 400 शेयर जप्त किये । इन शेयरों पर प्रति शेयर रु. 80 प्रीमियम के साथ मंगाये है । इन शेयरों पर आबंटन के प्रति शेयर रु. 50 (प्रीमियम के साथ) नहीं मिलने पर इन शेयरों को प्रथम और अंतिम मांग से पहले जप्त किये । ये शेयर संपूर्ण भरपाई के रूप में प्रथम और अंतिम मांग से पहले कुल रु. 36,000 में पुन: प्रकाशित किये थे ।
उत्तर :
प्रश्न 14.
राज मशीन लिमिटेड ने रु. 10 के एक ऐसे 12,00,000 इक्विटी शेयर प्रकाशित किये, जिन पर निम्नलिखित रकम चुकानी
थी :
आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 3
आबंटन के समय प्रति शेयर रु.4
प्रथम और अंतिम मांग के समय प्रति शेयर रु. 3
कंपनी को आम जनता में से 14,70,000 शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले थे । अतिरिक्त प्राप्त आवेदन अस्वीकृत करके उन पर आवेदन के समय प्राप्त रकम वापस की गयी ।
आकाश की जिसके 2000 शेयर स्वीकृत किये गये थे, उन्होंने आबंटन और अंतिम मांग की रकम नहीं चुकायी थी । सनी की जिसके 1200 शेयर स्वीकृत किये गये थे, उसने अंतिम मांग की रकम नहीं चुकायी थी ।
उधार कंपनी ने जिन शेयरों पर मांग बाकी थी, उन शेयरों को जप्त किये । जप्त किये सभी शेयर, प्रति शेयर रु. 7 की दर से संपूर्ण भरपाई हए गिनकर पुनः प्रकाशित किये, जिसे धवल ने खरीद लिया ।
उपर्युक्त व्यवहारों को लिखने के लिये कंपनी की बही में आवश्यक प्रविष्टी पारित कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 15.
वलसाड की रूस्तम लिमिटेड कंपनी ने रु. 10 के एक ऐसे 2,40,000 इक्विटी शेयर प्रति शेयर रु. 70 के प्रीमियम से निर्गमित किये । प्रति शेयर निम्नानुसार रकम मँगायी गयी थी ।
आवेदन के साथ रु. 38 (रु. 35 के प्रीमियम के साथ)
आबंटन के समय रु. 28 (रु. 25 के प्रीमियम के साथ)
अंतिम मांग के समय रु. 14 (रु. 10 के प्रीमियम के साथ)
जहाँगीर ने धारण किये 2000 शेयर पर आबंटन और अंतिम मांग की रकम के अलावा बाकी के सभी शेयरों पर संपूर्ण रकम मिल गयी थी । कंपनी ने योग्य कार्यवाही करने के बाद जहाँगीर के शेयर जप्त किये । ये शेयर 40 प्रतिशत के प्रीमियम से संपूर्ण भरपाई के रूप में जोसेफ को पुन: बेचे ।
ऊपर के व्यवहारों की कंपनी की बही में प्रविष्टियाँ पारित कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 16.
जामनगर की धरम मेटल्स लिमिटेड कंपनी ने रु. 10 के एक ऐसे 8,00,000 इक्विटी शेयर प्रति शेयर रु. 30 के प्रीमियम से प्रकाशित किये, जिन पर निम्नलिखित रकम चुकानी थी :
आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 13 (रु. 10 के प्रीमियम के साथ)
आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 23 (रु. 20 के प्रीमियम के साथ)
अंतिम मांग के समय प्रति शेयर रु. 4
कंपनी को 8,00,000 शेयर के लिये आवेदन पत्र मिले थे, जो सभी स्वीकृत किये थे ।
विपुल की जिसके 1500 शेयर स्वीकृत किये गये थे, उसने आबंटन की रकम नहीं चुकायी थी, इसलिये उसके शेयर आबंटन के बाद कंपनी ने जप्त किये । कंपनी ने अंतिम मांग मँगाने से पहले जप्त किये 1500 शेयर, प्रति शेयर रु. 5 की दर से पुन: प्रकाशित किये । हेमा की जिसके 500 शेयर स्वीकृत किये गये थे, उसने अंतिम मांग की रकम नहीं चुकायी थी । इसलिए उसके शेयर अंतिम मांग के बाद कंपनी ने जप्त किये । कंपनी ने जप्त किये ये 500 शेयर दिया जा सके उतना अधिक से अधिक बट्टा देकर पुनः निर्गमित किये ।
कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों की प्रविष्टियाँ पारित कीजिए ।
उत्तर :
प्रश्न 17.
सिद्धपुर इसबगुल लिमिटेड ने रु. 10 के एक ऐसे 6,00,000 इक्विटी शेयर रु.7 के प्रीमियम से निर्गमित किये थे । शेयर
पर निम्नलिखित रकम भरनी थी :
आवेदन के साथ प्रति शेयर रु. 10 (प्रीमियम सहित)
आबंटन के समय प्रति शेयर रु.4
अंतिम मांग के समय प्रति शेयर रु. 3
कुल 9,00,000 शेयरों के लिये आवेदनपत्र मिले थे । अतिरिक्त आवेदनपत्रों को अस्वीकृत करके उस पर भरी गयी आवेदन की रकम वापस की ।
सिद्धराज की जिसके 6,000 शेयर स्वीकृत किये गये थे उसके आबंटन के समय की रकम नहीं भर सकने के कारण उसके शेयर आबंटन के बाद जप्त किये गये । जयसिंह कि जिसके 4,000 शेयर स्वीकृत किये गये थे वह अंतिम मांग की रकम नहीं भर सकने के कारण उसके शेयर अंतिम मांग के बाद जप्त किये गये । बाकी के शेयरों पर आबंटन और अंतिम मांग की रकम संपूर्ण मिल गयी ।
जप्त किये सिद्धराज के 6,000 शेयर, प्रति शेयर रु.7 के भाव से मिनल को और जयसिंह के 4000 शेयर, प्रति शेयर . रु. 6 के भाव से रुद्र को पुन: बेचे ।
कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों को लिखने के लिये आवश्यक प्रविष्टी पारित कीजिए और शेयर जप्ती खाता बनाइए ।
उत्तर :
प्रश्न 18.
कपूर मिडिया लिमिटेड ने प्रत्येक रु. 10 के एक ऐसे 1,20,000 इक्विटी शेयर आम जनता को अभिदान के लिये प्रति शेयर रु. 80 के प्रीमियम से प्रकाशित किये । कंपनी ने शेयर पर की प्रीमियम सहित की रकमों चार समान हप्तों अर्थात् की आवेदन के समय, आबंटन के समय, प्रथम मांग के समय और अंतिम मांग के समय मँगायी । कंपनी को 1,60,000 इक्विटी शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले । अतिरिक्त शेयर आवेदनपत्रों को अस्वीकृत किया गया और उन्होंने उसकी रकम वापस कर दी । 4000 शेयर धारण करनेवाले शाहिद अपने शेयर पर की प्रथम माँग और अंतिम मांग भरने में असफल हुआ । आवश्यक कार्यवाही करके उसके शेयर जप्त किये गये । जप्त किये ये शेयर रणबीर को प्रति शेयर रु. 70 के प्रीमियम से दिये गये । जिस पर की कंपनी को संपूर्ण रकम मिल गयी ।
कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों को लिखने के लिये आवश्यक प्रविष्टी लिखिए और प्रतिभूति प्रीमियम खातां भी तैयार कीजिए।
उत्तर :
गणना :
पूँजी के रूप में शेयर की रकम | प्रीमियम के रूप में शेयर की रकम | प्रति शेयर कुल रकम | |
आवेदन के समय | 2.50 | 20.0 | 22.50 |
आबंटन के समय | 2.50 | 20.0 | 22.50 |
प्रथम मांग के समय | 2.50 | 20.0 | 22.50 |
अंतिम मांग के समय | 2.50 | 20.0 | 22.50 |
कुल | 10.00 | 80.0 | 90.0 |
प्रश्न 19.
शीतल इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड ने 1,20,000 इक्विटी शेयर प्रति शेयर रु. 10 के भाव से आम जनता में प्रकाशित किये ।
कंपनी ने निम्नलिखित रकम मंगायी थी :
आवेदन के समय प्रति शेयर रु.3
आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 3
अंतिम मांग के समय प्रति शेयर रु. 4
आम जनता के पास से कुल 1,80,000 शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले थे, जिनके अन्तर्गत कंपनी ने निम्नलिखित शेयरों का वितरण किया था : 48,000 शेयर आवेदकों के संपूर्ण शेयर स्वीकृत किये ।
36,000 शेयर आवेदकों के एक भी शेयर स्वीकृत नहीं किये ।
96,000 शेयर आवेदकों के 72,000 शेयर स्वीकृत किये ।
सभी रकमें समयसर मिल गयी थी । उपर्युक्त विवरण पर से कंपनी की बही में आवश्यक प्रविष्टियाँ पारित कीजिए ।
उत्तर :
गणना :
प्रश्न 20.
भरूच की गुजरात फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी ने 4,50,000 शेयर प्रति शेयर रु. 10 की दर से निर्गमित किये थे । जिसमें आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 3, आबंटन के समय प्रति शेयर रु.3, प्रथम मांग के समय रु. 2 और अंतिम मांग के समय प्रति शेयर रु. 2 मंगाये गये थे ।
आम जनता में से 6,20,000 शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले थे । 5,40,000 शेयर के आवेदकों को प्रमाणसर वितरण से 4,50,000 शेयर स्वीकृत किये गये थे । बाकी के आवेदकों को उनके आवेदन पर भरी रकम कंपनी ने वापस की । महेश कि जिसके 1,000 शेयर स्वीकृत किये गये थे, उसने अंतिम मांग की रकम नहीं भरने पर उसके शेयर जप्त किये गये थे और . उसके सभी शेयर, प्रति शेयर रु. 5 की दर से निर्गमित किये थे ।
कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों की प्रविष्टी लिखिए ।
उत्तर :
प्रश्न 21.
शारदा लिमिटेड ने रु. 10 के एक ऐसे 6,00,000 इक्विटी शेयर, प्रति शेयर रु. 4 के प्रीमियम से प्रकाशित किये । प्रति शेयर
निम्नलिखित रकम मँगायी गयी :
शेयर आवेदन के साथ रु. 4
शेयर आबंटन के साथ रु. 3 + प्रीमियम
शेयर प्रथम और अंतिम मांग के साथ रु. 3
3.5 गुना अभिदान भरा गया, जिसमें से 4/7 भाग के शेयर आवेदन पत्र संपूर्णत: अस्वीकृत करके बाकी के आवेदकों के प्रमाणसर शेयर स्वीकृत किये गये । शेयर आवेदन के साथ प्राप्त अतिरिक्त रकम शेयर आबंटन तथा शेयर मांग पेटे सरभर किया । शारदा लिमिटेड की बही में आवश्यक प्रविष्टी लिखिए ।
उत्तर :
प्रश्न 22.
मुंबई की शुमा लिमिटेड कंपनी की अधिकृत पूँजी, प्रति शेयर रु. 1 की दर से 18,00,000 शेयर की बनी है । कंपनी ने 12,00,000 शेयर, प्रति शेयर रु. 580 के प्रीमियम से आम जनता में निर्गमित किये । जिन पर निम्नलिखित रकम चुकानी थी :
आवेदन के समय प्रति शेयर रु. 290.50 (रु. 290 के प्रीमियम के साथ)
आबंटन के समय प्रति शेयर रु. 290.50 (रु. 290 के प्रीमियम के साथ)
आम जनता में से कंपनी को 16,50,000 शेयर के लिये आवेदनपत्र मिले, जिसमें से 1,50,000 शेयर के आवेदनपत्र अस्वीकृत किये और बाकी के शेयर आवेदन पर 12,00,000 शेयर स्वीकृत किये । मँगायी गयी सभी रकमें समयसर मिल गयी थी । कंपनी ‘शेयर आवेदन और शेयर आबंटन खाता’ संयुक्त रखती है ।
उपर्युक्त व्यवहारों की कंपनी की बही में प्रविष्टी लिखिए ।
उत्तर :
प्रश्न 23.
पंचविला मेन्यु. लिमिटेड ने 7,50,000 इक्विटी शेयर, प्रत्येक रु. 10 के एक ऐसे 20% प्रीमियम से आमजनता के लिये प्रकाशित किये । प्रतिशेयर रकम निम्नानुसार मँगायी :
आवेदन के साथ रु.5
आबंटन के समय रु.4 (प्रीमियम के साथ)
अंतिम मांग के समय रु. 3
11,25,000 शेयरों के लिये आवेदनपत्र मिला । कंपनी ने 75,000 शेयर के आवेदनपत्र अस्वीकृत किये और उन पर की रकम वापस की । बाकी के आवेदकों के बीच 7,50,000 शेयरों का प्रमाणसर वितरण किया और आवेदन के साथ प्राप्त अतिरिक्त रकम शेयर आबंटन के सामने सरभर की ।
एक शेयरधारक विशाल उसके स्वीकृत किये 7,500 शेयर पर अंतिम मांग की रकम नहीं भरी ।
विशाल के शेयर कंपनी ने जप्त किये और 10% बट्टा से पुन: प्रकाशित किये । कंपनी की बही में उपर्युक्त व्यवहारों पर से आवश्यक प्रविष्टी पारित कीजिए ।
अथवा
कंपनी की बही में निम्नलिखित के संदर्भ में आवश्यक प्रविष्टी पारित कीजिए :
(i) शेयर जप्त करने के लिये
(ii) शेयर पुन: प्रकाशित करने के लिये
(iii) शेयर जप्ती खाता बंद करने के लिये
उत्तर :
प्रश्न 24.
अहमदाबाद केमिकल लिमिटेड ने प्रति शेयर रु. 100 की दर से 1,50,000 इक्विटी शेयर, प्रति शेयर रु. 30 के प्रीमियम से प्रकाशित किये । रकम निम्न अनुसार चुकानी थी :
शेयर आवेदन और आबंटन के समय – प्रति शेयर रु. 85 (प्रीमियम के साथ)
शेयर प्रथम और अंतिम मांग के समय – बाकी की रकम
2,55,000 शेयर के लिये आवेदन पत्र मिले थे । 55,000 शेयर के आवेदनपत्र अस्वीकृत किये और बाकी के शेयर आवेदनपत्र पर प्रमाणसर वितरण करके शेयर स्वीकृत किये । शेयर आवेदन और आबंटन के समय प्राप्त अतिरिक्त रकम शेयर प्रथम और अंतिम मांग के समय सरभर करनी है । मांग की रकम मंगायी गयी थी । मंगायी गयी सभी रकमें समयसर प्राप्त हो गयी थी।
उपर्युक्त व्यवहारों पर से अहमदाबाद कैमिकल लि. की बही में आवश्यक प्रविष्टियाँ पारित कीजिए ।
उत्तर :
अहमदाबाद केमीकल लिमिटेड की बही में रोजनामचा